संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 11 मार्च तक के लिए स्थगित
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा पर तुरन्त चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज पांचवे दिन भी स्थगित करनी पड़ी। अब सदन की बैठक होली के बाद 11 मार्च को होगी। आज सदन की बैठक शुरू होते ही कुछ विपक्षी सदस्यों ने सदन के बीचोबीच आकर नारे लगाने शुरू कर दिए।
शोर-शराबा नहीं रुकने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सभापति ने चेतावनी दी कि नारे असंसदीय और शर्मनाक हैं। उन्होंने इन सदस्यों के नाम दर्ज करने की चेतावनी दी। कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के कुछ सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। सभापति ने उनसे वापस सीट पर जाने का अनुरोध किया, लेकिन वे हंगामा करते रहे।
लोकसभा में शोर-शराबे के बीच चर्चा हुये बिना दो विधेयक पारित किए जाने के बाद सदन की कार्यवाही भी 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। इनमें वायुयान संशोधन विधेयक, 2020 और दिवालिया और ऋण शोधन अक्षमता द्वितीय संशोधन विधेयक 2019 शामिल हैं।
इस बीच, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने अपनी पार्टी के सात सहयोगियों के निलंबन को रद्द करने का अनुरोध किया। उन्हें अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों का समर्थन प्राप्त था। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि लोकसभा अध्यक्ष बजट सत्र के दूसरे हिस्से के पहले सप्ताह में सदन में हुए घटनाक्रम के अध्ययन के लिए एक समिति गठित करेंगे जिसमें सभी राजनीतिक दलों के सदस्य होंगे। सत्र की शेष अवधि से कांग्रेस के सात सांसदों के कल निलंबन पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए श्री जोशी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष समिति की अध्यक्षता करेंगे। श्री जोशी ने कल सदन में हुए घटनाक्रमों को अभूतपूर्व बताया।
लोकसभा ने आज शोरशराबे के बीच कुछ ज़रूरी विधायी कार्य भी निपटाए। सदन ने खनिज कानून संशोधन विधेयक 2020 और दिवाला तथा धन शोधन अक्षमता (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दी। सदन में दिल्ली में हिंसा को लेकर चर्चा कराने की मांग पर भारी शोरशराबे की वज़ह से विधेयकों पर कोई चर्चा नहीं हो सकी। (सौ-एआईआर)
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