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इस बार उत्तर पश्चिम भारत में रहेगा गर्मी का प्रकोप अधिक, उत्तरी छत्तीसगढ़ भी रहेगा प्रभावित

नई दिल्ली।  मौसम विभाग ने इस साल गर्मी के मौसम में देश के उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों में ग्रीष्म लहर का प्रकोप पिछले सालों की तुलना में अधिक होने की आशंका व्यक्त करते हुये कहा है कि आगामी अप्रैल से जून के दौरान सामान्य तापमान में औसतन 0.5 से 1.0 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है। 
 विभाग द्वारा अगले तीन महीने के लिये जारी मौसम संबंधी दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित आसपास के मैदानी इलाकों में अप्रैल, मई और जून के महीने में सामान्य से अधिक गर्मी हो सकती है।
 विभाग ने दीर्घकालिक पूर्वानुमान रिपोर्ट में गर्मी के संभावित रुख को देखते हुये इस साल मानसून के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में शुष्क दिनों (ड्राई डे) की संख्या में इजाफा होने का भी अनुमान जताया है।
वहीं  विभाग ने इस साल गर्मी के मौसम में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इसका सीधा असर दिन के समय अत्यधिक गर्मी रहने के रूप देखने को मिल सकता है।  विभाग की क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल गर्मी का असर मैदानी क्षेत्रों के अलावा पहाड़ी इलाकों में भी तुलनात्मक रूप से अधिक रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों के अलावा पश्चिमी राजस्थान में तीन महीने के दौरान औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस से भी अधिक जा सकता है।  विभाग ने पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, उत्तरी और दक्षिणी कर्नाटक, गोवा, रायलसीमा और केरल तक इस अवधि में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
 देश के बाकी इलाकों में गर्मी के दौरान औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रह सकता है।   विभाग ने ग्रीष्म लहर की आशंका वाले इलाकों में उत्तर के मैदानी राज्यों के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना के भी कुछ इलाकों को शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि मौसम संबंधी मानकों के मुताबिक 40 डिग्री सेल्सियस से कम सामान्य तापमान वाले इलाकों में किसी दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर उस इलाके में ग्रीष्म लहर की स्थिति मानी जाती है। वहीं 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक सामान्य तापमान वाले इलाकों में ग्रीष्म लहर की स्थिति के लिये अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस अधिक होना जरूरी है।
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