भगवान विष्णु का वो पावन धाम, जिसे बनवाने में राजा को लग गये पूरे 25 साल
जगत के पालनहार माने जाने वाले भगवान जगदीश के मंदिर का आखिर सपनों से क्या है कनेक्शन और क्या है इस पावन धाम से जुड़ी मान्यता, विस्तार से जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
भारत में आस्था से जुड़े कई ऐसे पावन धाम हैं, जो अपने भीतर तमाम तरह के रहस्य को समेटे हुए हैं. नित नए चमत्कार से भरा एक ऐसा मंदिर राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित है, जिसे लोग सपनों का मंदिर कहते हैं. मान्यता है कि जगत के पालनहार माने जाने वाले भगवान श्री विष्णु के दर्शन मात्र से लोगों के सभी दु:ख दूर हो जाते हैं. बेजोड़ वास्तु शैली का उदाहरण माने जाने वाले इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसे बनने में 25 साल लग गए थे. आइए राजस्थान के इस प्रसिद्ध मंदिर धार्मिक महत्व और इतिहास के बारे में विस्तार से जानते हैं.
जगदीश मंदिर का सपने से क्या है संबंध
राजस्थान के इस प्रसिद्ध विष्णु मंदिर के बारे में मान्यता है कि कभी भगवान श्री विष्णु ने यहां के राजा जगत सिंह प्रथम को सपने में दर्शन देकर एक भव्य मंदिर बनाने का आदेश दिया था. मान्यता है कि स्वप्न में भगवान श्री विष्णु ने राजा से कहा कि अब वे यहीं पर आकर निवास करेंगे. इसके बाद उदयपुर के महाराणा जगत सिंह प्रथम ने भगवान श्री विष्णु के इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया. जिसे बनाने में कुल 25 साल लग गये और यह 1652 में जाकर पूरा हुआ था.
बेजोड़ है जगदीश मंदिर की वास्तु कला
उदयपुर के जिस मंदिर में स्वयं जगदीश निवास करते हैं, वह नागर शैली में बना हुआ है. लगभग 125 फीट ऊंचाई पर बने इस मंदिर का शिखर भी भी 79 फीट ऊंचा है. मंदिर में भगवान श्री विष्णु की बहुत खूबसूरत काले रंग की प्रतिमा है. भगवान जगदीश के इस मंदिर की शानदार नक्काशी और उसके भीतर काले पत्थरों से बनी भगवान श्री विष्णु की प्रतिमा का दर्शन करने वाला व्यक्ति खुद को धन्य मानता है.
दर्शन मात्र से दूर होते हैं लोगों के दु:ख-दर्द
उदयपुर के सबसे बड़े मंदिर के बारे में लोगों की मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त की भगवान श्री विष्णु पलक झपकते सभी तन और मन की पीड़ा दूर कर देते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले हर शख्स का सपना जरूर पूरा होता है.
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