ये रत्न पहनने से दूर होंगे सभी कष्ट, चमक जाएगी किस्मत...!
-पं. प्रकाश उपाध्याय
कुंडली में ग्रहों की स्थिति का शुभ-अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में अच्छे-बुरे परिणाम मिलते रहते हैं। ऐसे ही कुंडली में शनिदेव की अशुभ स्थिति सबसे कष्टकारी मानी जाती है। मान्यता है कि शनिदेव की बुरी दृष्टि से जातक का जीवन दुख और बाधाओं से घिरा रहता है। जीवन में खुशियां दूर-दूर तक नजर नहीं आती है और व्यक्ति को जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। रत्न शास्त्र में कई ऐसे रत्नों के बारे में बताया गया है, जिससे कुंडली के कमजोर ग्रहों को मजबूत बनाया जा सकता है। शनि के प्रकोप से बचने के लिए भी कई रत्न बहुत लाभकारी माने जाते हैं।
आइए जानते हैं कुंडली में शनि का दुष्प्रभाव कम करने के खास रत्न...
फिरोजा रत्न: कुंडली में शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए फिरोजा रत्न धारण करना बेहद शुभ माना गया है। इस रत्न को पहनने से गुरु ग्रह भी मजबूत होता है। इस रत्न से कॉन्फिडेंस बढ़ता है। गृह-क्लेश से मुक्ति मिलती है। इसे शुक्रवार, गुरुवार और शनिवार को धारण किया जा सकता है। फिरोजा रत्न को चांदी या पंच धातु की अंगूठी में पहनने से ज्यादा लाभ होता है।
लाजवर्त रत्न
शनि के प्रकोप से बचने के लिए लाजवर्त रत्न भी पहनना मंगलकारी माना गया है। इस रत्न से कुंडली में शनि, राहु और केतु तीनों ग्रहों के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिलता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से नौकरी-कारोबार में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है। लाजवर्त को शनिवार के दिन चांदी की अंगूठी में पहनना शुभ माना गया है।
नीलम रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए नीलम रत्न धारण करना बहुत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इससे स्वास्थ्य में आ रही दिक्कतें दूर होती हैं। मन की एकाग्रता बढ़ती है। इस रत्न को शनिवार के दिन धारण करना शुभ होता है।
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