फाल्गुन अमावस्या पर कैसे करें पूर्वजों को प्रसन्न...?
-पं. प्रकाश उपाध्याय
हिंदू धर्म में फाल्गुन अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी गई है जो हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष में आती है. महाशिवरात्रि पर्व के बाद आने वाली ये अमावस्या 10 मार्च को है. इस दौरान लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, तर्पण और श्राद्ध करते हैं, जबकि कुछ लोग इस दिन व्रत भी रहते हैं.
फाल्गुन अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का भी खास महत्व है. इसके पीछे यह मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन देवताओं का वास संगम के तट पर होता है. धर्म शास्त्रियों का मानना है कि फाल्हुन अमावस्या पर पितरों का तर्पण किया जाए, तो साल भर की अमावस्या के तर्पण का लाभ मिल जाता है
फाल्गुन अमावस्या पर इस बार विशेष योग भी बन रहा है. ऐसे में आप फाल्गुन अमावस्या पर कुछ उपाय करके अपने जीवन में खुशियां ला सकते हैं और पितरों को प्रसन्न भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं वो उपाय जिनको करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
फाल्गुन अमावस्या के उपाय
फाल्गुन अमावस्या पर भगवान शिव की आराधना करें. नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय चला जाता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं. साथ ही इससे पितर भी प्रसन्न होते हैं.
फाल्गुन अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने का बहुत महत्व है. इस दिन गरीब लोगों को भोजन कराना और पैसों का दान करना उत्तम होता है. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन आप अपनी श्रद्धा अनुसार कपड़े, चीनी, शक्कर, अनाज आदि चीजों का भी दान कर सकते हैं.
अगर आप फाल्गुन अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पशु-पक्षियों को दाना डालें. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.
अगर आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो फाल्गुन अमावस्या के दिन निम्न मंत्र का जाप करें. ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, जप-तप और दान करने का विधान है, इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें और और विशेष चीजों का दान करें. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. इस दिन पितरों की मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना करें.
फाल्गुन अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ लगाएं और उस पेड़ की सेवा जरूर करें. ऐसा करने से पितर संतुष्ट होते हैं और पितरों के कष्ट कम होते हैं और उनकी नाराजगी दूर होती है.
इस अमावस्या के दिन संपूर्ण गीता पढ़ना संभव नहीं, तो सातवें अध्याय का पाठ जरूर करें. इस दिन पीपल के पेड़ पर मीठा जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से पितरों द्वारा मिलने वाला कष्ट दूर होता है.
फाल्गुन अमावस्या पर क्या न करें?
फाल्गुन अमावस्या पर रात में सुनसान जगह जाने से बचें. ऐसे स्थानों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है.
फाल्गुन अमावस्या के दिन किसी दूसरे के घर का खाना खाने से बचना चाहिए. इससे पुण्य फल समाप्त हो सकता है.
फाल्गुन अमावस्या के दिन गुस्सा करने से बचना चाहिए. इस दिन लड़ाई-झगड़ा करने से भी बचें.
फाल्गुन अमावस्या पर नए कपड़े, झाड़ू आदि खरीदने से बचें. इस दिन कोई भी शुभ काम करने से बचना चाहिए.
फाल्गुन अमावस्या के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए. ऐसा करने से धन हानि हो सकता है.
फाल्गुन अमावस्या के दिन पैसों का लेन-देन करने से बचें. इससे आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं.
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