पहली बार करने जा रहे हैं गणेश जी की स्थापना? पहले जान लें ये जरूरी नियम
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का त्योहार का बड़ा महत्व है। यह पर्व विघ्नहर्ता भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसी भी धार्मिक या शुभ कार्य में सबसे पहले गणपति जी की पूजा करने का विधान है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में गणपति की प्रतिमा स्थापित करते हैं और श्रद्धा भाव के साथ दस दिनों तक धूमधाम से उत्सव मनाते हैं। यदि आप पहली बार घर में गणेश जी की स्थापना करने जा रहे हैं, इसके लिए तो कुछ आवश्यक नियमों के बारे में जानना जरूरी है।
गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि
दृक पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से आरंभ होगी और 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा और इसी दिन गणपति की स्थापना की जाएगी।
गणेश जी की प्रतिमा
घर में गणेश भगवान की स्थापना के लिए हमेशा ऐसी मूर्ति चुनें, जिसमें भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर झुकी हो। इसे अत्यंत शुभ माना गया है।
गणपति जी की बैठी हुई प्रतिमा को घर लाना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इससे सुख और समृद्धि का वास होता है।
मूर्ति का चेहरा प्रसन्न और हंसमुख होना चाहिए। साथ ही यह भी देखें कि उनके एक हाथ में आशीर्वाद की मुद्रा हो और दूसरे हाथ में मोदक होना चाहिए।
गणपति स्थापना की विधि
गणपति स्थापना के लिए प्रतिमा को हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखें। ध्यान रहे उनका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
मूर्ति को चौकी पर रखने से पहले चौकी को अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल से पवित्र करें।
प्रतिमा के पास रिद्धि-सिद्धि का स्थान अवश्य दें। अगर मूर्तियां उपलब्ध न हों, तो उनकी जगह आप सुपारी रख सकते हैं।
गणेश जी की दाईं ओर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। इसके बाद फूल और अक्षत हाथ में लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
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