चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही हुआ था पृथ्वी पर सृष्टि का आरंभ
-विश्व की उत्कृष्ट एवं अत्यंत प्राचीन है भारतीय काल गणना -आचार्य पण्डित विनोद चौबे
उत्तम पृथ्वी पर सृष्टिका शुभारम्भ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हुआ था - चैत्रेमासि जगद्ब्रह्माससर्जप्रथमेऽहनि। इस दिन सभी ग्रह मेष के आदि बिन्दु पर स्थित थे। वह संयोग 13 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार को चैत्रशुक्ल प्रतिपदा उदयकाल में बन रहा है। इसलिए इस दिन धूमधाम से भारतीय नववर्ष मनाया जाएगा। 13 अप्रैल से महामाया भगवती दुर्गा जी की चैत्र नवरात्रि पर्व आरंभ होगी जो 21 अप्रैल 2021 बुधवार श्रीराम नवमी तक चलेगा, और नवरात्र व्रती 22 अप्रैल को पारणा किया जाएगा।
हमारा भारतीय नववर्ष सृष्टि और जीव के अस्तित्व से जुड़ा है। वर्तमान श्वेतवाराह कल्प में सृष्टि आरम्भ हुये 1 अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 122 वर्ष बीत गये हैं। 2021 में कलियुगाब्द को बीते 5122 वर्ष हो गये हैं। अत: हम सभी पृथ्वीमाता के वक्ष पर इस मधुमास के प्रथम दिवस को लोकपर्व के रूप में मनाने वाले सौभाग्यशाली लोग हैं। वृक्ष करोड़ों वर्ष पहले भी मधुमास में कोमल पत्तों से लदे होते थे, आज भी हैं पर वर्तमान हमेशा जीवन को आनन्द से भर देता है।
संवत्सर 2078 मंगलमय बने
गुरु ग्रह की गति पर आधारित है संवत् की गणना। "मध्यमानेन गुरु" गत्यानुसारेण 84 वर्ष के बाद 85 वें वर्ष में एक संवत्सर (आनंद) लुप्त रहेगा जबकि संकल्पादि में वर्ष पर्यंत 'राक्षस' नामक संवत् का ही प्रयोग होगा, और तत्संबंधी शुभाशुभ फल भी राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में पड़ेगा। भारतीय काल विश्व सबसे प्राचीन एवं उत्कृष्ट काल गणना (ज्योतिष) है। यह राष्ट्रीय स्वाभिमान और सांस्कृतिक धरोहर को बचाने वाला पुण्य दिवस भी है। इसलिये ऐसे हमारे सनातन एवं गौरवपूर्ण नववर्ष को हमें प्रात: काल सूर्योदय के समय सूर्याघ्र्य देकर घर में भगवा ध्वज लगाएं एवं परस्पर में अभिनन्दन और शुभकामना, मंगलकामना देते हुए नववर्ष मधुर मिलन के साथ धूमधाम से मनाना चाहिये।
ग्रहों का मंत्रिमण्ड"
अखिल भारतीय विद्वत् परिषद के छत्तीसगढ़ प्रांत संयोजक आचार्य पण्डित विनोद चौबे ने बताया कि-संवत 2078 के इस बार राजा और मंत्री दोनों ही मंगल ग्रह है अत: राजा का मंत्रालय गृह और विदेश दोनों विभागों को अपने अन्दर में रखता है। इस वर्ष राजा मङ्गल है। यह अत्यन्त उग्र और असहिष्णु होता है। संयोग देखिए कि मङ्गलने मन्त्री पद (रक्षा और सैन्य विभाग)को भी स्वयमेव सम्भाल रखा है। अत: समस्त राजनैतिक निर्णय मङ्गल ही सम्भालेगा। युद्ध होता है तो हो पर झुकेंगे नहीं। यह वर्ष दृढ़ और डटने वाले लोगों के लिए शुभ है।
सस्येश शुक्र होने से फूल और मधु आदि के उत्पादन में वृद्धि होगी। रसेश सूर्य होने से फलों में शुष्कता रहेगी। ऊपर से अच्छा सुन्दर दिखने वाला फल भीतर से सूखा मिलेगा। मेघेश मङ्गल होने के कारण वृष्टि एक समान न होकर कहीं बहुत तो कहीं कम होगी। अनावृष्टि के लक्षण अधिक दिखेंगे। किन्तु सूक्ष्म ज्योतिष गणना सर्वतोभद्र गणना के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पर्याप्त वर्षा होगी और किसान सुखी रहेंगे।
-आचार्य पण्डित विनोद चौबे, शांतिनगर भिलाई, दुर्ग, मोबाइल नंबर 9827198828
Leave A Comment