ब्रेकिंग न्यूज़

 क्या है इम्यूनोथेरेपी
इम्यूनोथेरेपी एक तरह का उपचार है जो शरीर के प्रतिरोधी तंत्र (इम्यून सिस्टम) को प्रेरित करता है, उसे बढ़ाता या मजबूत बनाता है। इम्यूनोथेरेपी का प्रयोग कुछ विशेष प्रकार के कैंसर और इन्फ्लेमेटरी रोगों जैसे रियूमेटायड अर्थराइटिस, क्रोंस डिजीज और मल्टीपल स्क्लेरोसिस रोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसे बॉयोलॉजिकल थेरेपी, बॉयोथेरेपी या बॉयोलॉजिकल रिस्पांस मॉडिफायर (बीआरएम) थेरेपी भी कहा जाता है।
 शरीर का इम्यून सिस्टम जीवाणु और अन्य बाह्य सामग्री की पहचान करता है और उन्हें नष्ट करता है। हमारी प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर की कोशिकाओं को बाहरी या असामान्य रूप में पहचान सकती हैं। सामान्य कोशिकाओं की अपेक्षा कैंसर कोशिकाओं की बाहरी कोशिकीय सतह पर एक विशिष्ट प्रोटीन होता है जिसे एंटीजन कहा जाता है। एंटीजन वे प्रोटीन हैं जो इम्यून सिस्टम द्वारा निर्मित किए जाते हैं। वे कैंसर कोशिकाओं के एंटीजन से जुड़ जाते हैं और उन्हें असामान्य कोशिकाओं के रूप में चिन्हित करते हैं। यदि इम्यून सिस्टम हमेशा सही से कार्य करे तो केमिकल सिग्नल चिन्हित कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए इम्यून सिस्टम में विशेष कोशिकाओं को शामिल करते हैं। हालांकि इम्यून सिस्टम स्वयं हमेशा सही ढंग से कार्य नहीं करता है।
    इम्यूनोथेरेपी प्रतिरोधी तंत्र (इम्यून सिस्टम) को कैंसर से लडऩे के लिए प्रेरित करने में सहायक होता है। इम्यूनोथेरेपी में इस्तेमाल किये जाने वाले केमिकल जिनको प्राय: बॉयोलॉजिकल रिस्पांस मॉडीफायर कहा जाता है क्योंकि वे शरीर के सामान्य इम्यून सिस्टम को कैंसर के खतरे से निपटने लायक बनाते हैं। कुछ बॉयोलॉजिकल रिस्पांस मॉडीफायर वे केमिकल होते हैं, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को उन्नत करने में सहायता के लिए बड़ी मात्रा में ये प्रयोगशाला में बनाए जाते हैं। बॉयोलॉजिकल रिस्पांस मॉडीफायर कैंसर से लडऩे में कई प्रकार से सहायक हो सकते हैं। वे किसी ट्यूमर को नष्ट करने के लिये अधिक इम्यू्न सिस्टम कोशिकाओं को शामिल कर सकते हैं। या वे कैंसर कोशिकाओं को इम्यून सिस्टम के आक्रमण के प्रति असुरक्षित कर देते हैं।
 यहां प्रचलित इम्यूनोथेरेपी के कुछ उदाहरण हैं-
इंटरफेरॉंन्स-ये केमिकल शरीर के प्रतिरोधी प्रतिक्रिया को मजबूत करते हैं। ये कैंसर कोशिकाओं को तेजी से बढऩे से रोकने के लिए सीधे उन पर कार्य करते हैं।
इंटरल्यूबकिंस- ये केमिकल शरीर की प्रतिरोधी कोशिकाओं (इम्यून सेल्स) विशेषकर लिम्फोसाइट्स(एक प्रकार की श्वेत रक्त कणिका) की बढ़ोत्तरी तेज करते हैं।
कालोनी स्टिमुलेटिंग फैक्टर- ये केमिकल बोन मैरो स्टे्म सेल्स का बनना तेज करते हैं। बोन मैरो स्टेम सेल्स का प्रयोग विशेषकर श्वेत रक्त कणिकाएं संक्रमणों से लडऩे के लिए करती हैं। लेकिन वे अक्सर कैंसर की आशंका होने पर किए जाने वाले उपचार कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के कारण नष्ट हो जाती हैं। कालोनी स्टिमुलेटिंग फैक्टर (उदाहरण के लिए जीसीएसएफ या जीएमसीएसएफ) का इस्तेमाल अन्य कैंसर उपचारों के बाद रक्त में नई कोशिकाओं के विकास में सहायता के लिए किया जाता है।
---

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english