विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
7 जून, 2019 को पहली बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से अपनाया गया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के में जागरूकता पैदा करना और खाद्य जनित बीमारियों के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। इस दिन को मनाने के पीछे खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का उद्देश्य था। जो खराब भोजन का सेवन करने की वजह से गंभीर रोगों के शिकार बन जाते हैं।
खाद्य सुरक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित किया जाना है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके। हालांकि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों की मानें तो दुनियाभर में लगभग 10 में से 1 व्यक्ति दूषित भोजन का सेवन करने से बीमार पड़ जाता है। जो कि सेहत के लिए एक बड़ा खतरा है। साल 2019 में वल्र्ड फूड सेफ्टी डे की थीम खाद्य सुरक्षा, सभी का व्यवसाय थी। संयुक्त राष्ट्र ने इस साल के लिए कोई थीम जारी नहीं की है।
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी दो एजेंसियों - खाद्य और कृषि संगठन तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये नामित किया है। खाद्य सुरक्षा क्यों आवश्यक है और इसे कैसे हासिल किया जा सकता है?Ó इस पर चर्चा करने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने दिशा-निर्देश विकसित किये हैं। इसके पांच मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-
1. सरकारों को सभी के लिये सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना चाहिये।
2. कृषि और खाद्य उत्पादन में अच्छी प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है।
3. व्यापार करने वालों लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि खाद्य पदार्थ सुरक्षित है।
4. सभी उपभोक्ताओं को सुरक्षित, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्राप्त करने का अधिकार है।
5. खाद्य सुरक्षा एक साझा जि़म्मेदारी है। सुरक्षित, पौष्टिक और पर्याप्त भोजन अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ ही भूख जैसी समस्या को समाप्त कर सकता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने राज्यों द्वारा सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराए जाने के प्रयासों के संदर्भ में राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स विकसित किया है। इस इंडेक्स के माध्यम से खाद्य सुरक्षा के पांच मानदंडों पर राज्यों का प्रदर्शन आंका जाएगा। इन श्रेणियों में निम्नलिखित मानदंड शामिल हैं- मानव संसाधन और संस्थागत प्रबंधन, कार्यान्वयन, खाद्य जांच-अवसंरचना और निगरानी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और उपभोक्ता सशक्तीकरण।
----
Leave A Comment