चूहे चीज़ों को क्यों कुतरते हैं?
चूहा एक छोटा सा प्राणी है जिसे हम दो कारणों से काफ़ी जानते हैं। एक तो यह कि ये हमारे घर का कोई सामान जैसे कि कपड़े, किताबें और अनाज कुतर-कुतर खऱाब कर देता है और दूसरा यह हमारे देवता श्री गणेश महाराज की सवारी है। चूहे चीजों को क्यों कुतरते हैं? दरअसल चूहे के दांत बहुत तेज़ी से बढ़ते रहते हंै, अगर वो अपने इन दांतों को किसी चीज से ना घिसाएं तो साल भर में चूहों के दांत एक दो इंच तक बढ़ जाएंगे जो उनके जबड़े को फाड़ डालेंगे। मतलब कि कुतरना चुहों को मज़बूरी है शौक नहीं।
धरती पर चूहों की आबादी इंसानों से दस गुणा ज्यादा है। पांच - छह चुहे मिलकर एक आदमी का ख़ाना आसानी से चट कर सकते हैं। चूहों का एक जोड़ा साल में एक हजार बच्चे पैदा कर सकता है।
एक मादा चूहा दो महीने की उम्र में बच्चों को जन्म दे सकती है और हर तीन हफ्तों में 12 बच्चे पैदा कर सकती है। एक चूहे का औसतन जीवन काल 1 से 2 साल तक होता है। अगर किसी चूहे की पूरी देखभाल की जाए तो वो 5 साल तक भी जी सकता है। चूहा डेढ़ फुट तक लंबी छलांगे लगा सकता है और पानी में तैर भी सकता है। अमरीकी शोधकर्ताओं का कहना है कि चुहे तरह-तरह की आवाजें सुन कर गाना भी गा सकते हैं। एक चूहे का एक मिनट में औसतन 632 बार धड़कता है जबकि मनुष्यों का प्रति मिनट सिर्फ 60 से 100 बार।
शोधकर्ताओं का कहना है कि चूहे का मस्तिष्क भी कुछ-कुछ इंसानों की तरह ही व्यवहार करता है और उसमें भी सीखने की अद्भुत क्षमता है। चूहे ध्वनि की गति से भी तेज़ अल्ट्रासॉनिक तरंगे पैदा करते हैं जिनकी तीव्रता 50 से 100 किलोहर्ट्ज़ के बीच होती है। इंसानों के कान इस तीव्रता की ध्वनि तरंगें नहीं सुन सकते हैं। जब इन तरंगों को इस लायक बनाया गया कि इंसान उन्हें सुन सके, तो ये आवाजें सीटियों के जैसी थी।
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