कैसे -कैसे चांद......
एक चांद के हैं दुनिया में अनेक नाम
चंद्रमा को हम बचपन से चंदा मामा कहते आए हैं। दुनिया में चांद के कई नाम है, जो उसकी रंगत, आकार, प्रकार के हिसाब से रखे गए हैं। देखें ऐसे ही कुछ नाम-
1. ब्लू मून- अंग्रेजी में वंस इन अ ब्लू मून मुहावरे का इस्तेमाल किसी ऐसी घटना के लिए किया जाता है जो कभी कभार ही होती है। आसमान में ब्लू मून भी ढाई साल में एक बार ही दिखता है। ढाई साल में एक बार ऐसा होता है कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा का चांद दिखे, कुछ वैसे ही जैसे चार साल में एक बार फरवरी में एक दिन ज्यादा होता है।
2. ब्लड मून- हिंदी में इसका अनुवाद होगा खूनी चांद और यह नाम इसे अपनी रंगत के कारण मिलता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान कई बार चांद लाल रंग का दिखता है। इस लाल रंग के कारण ही इसे ब्लड मून कहा जाता है। इस ग्रहण के दौरान धरती चांद और सूरज के बीच से कुछ इस तरह से गुजरती है कि कुछ देर के लिए चांद पर सूरज की जरा सी भी रोशनी नहीं पड़ती।
3. सुपरमून- आपने देखा होगा कई बार पूर्णिमा का चांद बहुत ही बड़ा दिखाई पड़ता है। इसे सुपरमून कहा जाता है। चांद का आकार कैसा दिखेगा यह धरती से उसकी दूरी पर निर्भर करता है। जब वह धरती के सबसे करीबी बिंदु तक पहुंच जाता है, तब पूर्णिमा का चांद सुपरमून कहलाता है। यह सामान्य चांद से 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला होता है।
4. सुपर ब्लड मून- सुपरमून का विशाल आकार और ब्लड मून का रंग, ये दोनों जब मिल जाते हैं तो बनता है सुपर ब्लड मून, यानी चांद को ऐसे वक्त में ग्रहण लगता है जब वह धरती के सबसे करीब होता है। इस लाल रंग के विशाल चांद का नजारा अद्भुत होता है।
5. सुपर ब्लू ब्लड मून- ऐसा भी हो सकता है कि ढाई साल में एक बार जो पूर्णिमा का खास चांद निकले वह सुपर ब्लड मून हो। ऐसे में वह सुपर ब्लू ब्लड मून कहलाएगा। आखिरी बार 31 जनवरी 2018 को ऐसा हुआ था। वैज्ञानिकों ने हिसाब लगाया है कि अगली बार ऐसा नजारा 31 जनवरी 2037 में देखने को मिलेगा।
6. फ्लावर मून- मई के महीने में दिखने वाले पूर्णिमा के चांद को फ्लावर मून कहा जाता है। इसका चांद के रंग रूप से तो कोई लेना देना नहीं है, लेकिन यूरोप में यह वक्त होता है जब तरह तरह के नए फूल खिल रहे होते हैं। यह चांद एकदम सफेद होता है, जिस कारण इसे मिल्क मून भी कहा जाता है। कुछ जगहों पर इसे मदर्स मून के नाम से भी जाना जाता है।
7. हारवेस्ट मून- सितंबर के महीने में पूर्णिमा के बेहद चमकदार चांद का यह नाम होता है। यूरोप में इस दौरान पतझड़ शुरू होने वाला होता है और खेतों की कटाई का वक्त होता है। पुराने जमाने में जब बिजली नहीं होती थी, तब पूर्णिमा के चांद की रोशनी में यह किया जाता था, इसीलिए इसे हारवेस्ट मून कहते हैं।
8. वुल्फ मून- इसी तरह जनवरी वाले पूर्णिमा के चांद को वुल्फ मून यानी भेडिय़े वाला चांद कहा जाता है, जबकि इसका भेडिय़ों से कोई लेना देना नहीं है। प्राचीन यूरोप में हर महीने के चांद को अलग-अलग नाम दिए गए थे। इसी क्रम में फरवरी वाला स्नो मून, अप्रैल वाला पिंक मून और जून वाला स्ट्रॉबेरी मून कहलाता है।
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