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बापू से प्रभावित दुनिया की महान हस्तियां
 दुनिया भर में महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावितों की संख्या करोड़ों में है।  इनमें प्रमुख हस्तियां हैं-
 बराक ओबामा - वर्ष 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (अब तत्कालीन राष्ट्रपति ) वर्जीनिया प्रांत के एक हाईस्कूल में गए। तभी एक छात्र ने सवाल किया कि आप जीवित या गुजर चुकी किस हस्ती के साथ डिनर करना चाहेंगे।  ओबामा ने जवाब दिया,  महात्मा गांधी।  अमेरिकी संसद में ओबामा के दफ्तर में महात्मा गांधी की तस्वीर भी लगाई गई थी।  
मार्टिन लूथर किंग- अमेरिका के मशहूर क्रांतिकारी मार्टिन लूथर किंग ने नागरिक अधिकारों के लिए अहिंसक तरीके से लड़ाई लड़ी और कामयाबी पाई।  मार्टिन लूथर किंग गांधी की सोच और उनके विचारों से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थे।  एक बार मार्टिन लूथ  किंग ने कहा,  ईसा मसीह ने हमें लक्ष्य दिये हैं और महात्मा गांधी ने उन लक्ष्यों तक पहुंचने की रणनीति। 
स्टीव जॉब्स- जवानी में भारत भ्रमण पर आए स्टीव जॉब्स गांधी की जिंदगी और आध्यात्म से प्रभावित थे।  स्टीव जॉब्स ने 1980 के दशक में जब अपनी कंपनी बनाई और एप्पल कंप्यूटर बेचना शुरू किया तो उन्होंने विज्ञापनों में चरखे के साथ बापू की तस्वीर लगाई।  विज्ञापन का नारा था,  अलग सोचो। 
अल्बर्ट आइनस्टाइन- 20वीं सदी के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइनस्टाइन भी महात्मा गांधी के कायल थे।  दोनों एक दूसरे को खत भी लिखा करते थे।  गांधी जी के हत्या की खबर पाते ही आइनस्टाइन की आंखें भर आईं, उन्होंने कहा,  एक दिन ऐसा भी हो सकता है कि आने वाली पीढ़ी को यकीन ही नहीं होगा कि मांस और खून का बना ऐसा आदमी कभी पृथ्वी पर चला होगा। 
नेल्सन मंडेला- दक्षिण अफ्रीका का आधुनिक इतिहास नेल्सन मंडेला से जुड़ा है और नेल्सन मंडेला गांधी से जुड़े हैं।  नेल्सन मंडेला ने गांधी के पदचिह्नों पर चलते हुए दक्षिण अफ्रीका को रंग भेद और नस्लवाद से आजादी दिलाई।  भारत में तैनात दक्षिण अफ्रीका के राजदूत हैरिस माजेके ने कहा,  नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पिता हैं और महात्मा गांधी हमारे दादा। 
जॉन लेनन- संगीत की दुनिया के सबसे बड़े नामों में शुमार बीटल्स बैंड के ब्रिटिश संगीतकार जॉन लेनन भी गांधी से प्रभावित थे।  बापू के जैसा गोल चश्मा लेनन भी पहना करते थे।  लेनन कहते थे कि गांधी ने कहा है  वो बदलाव खुद बनो, जो तुम दुनिया में देखना चाहते हो। 
दलाई लामा- तिब्बत में चीन के दमन के बाद दलाई लामा भागकर भारत आए।  1956 में 20 साल की उम्र में दलाई लामा राजघाट में बापू की समाधि पर गए।  दलाई लामा ने समाधि को छुआ और जीवन में कभी हिंसा का रास्ता न अपनाने का प्रण किया।  1989 में दलाई लामा ने अपना शांति पुरस्कार महात्मा गांधी को समर्पित किया। 
आंग सांग सू ची- नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और म्यांमार की नेता आंग सांग सू ची अपने जीवन को महात्मा गांधी से प्रभावित बताती है।  सू ची दुनिया भर में जगह जगह बच्चों को गांधी के बारे में पढऩे को कहती हैं।  म्यांमार में सेना के सत्ता हथियाने के लिए खिलाफ सू ची ने लंबा अहिंसक विरोध किया।  वे 15 साल नजरबंद रहीं। 
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