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 जानिए क्या होता है एयर बबल समझौता
कोरोना महामारी शुरू होने के महीनों बाद भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद पड़ी हैं। भारत और इन देशों के बीच कुछ सीमित उड़ानें चल रही हैं।  सूची में और देशों को जोडऩे पर बात चल रही है। भारत ने 13 देशों के साथ एयर बबल बनाएं हैं।   एयर बबल बनाने का मकसद किन्हीं दो देशों में अटके वहां के नागरिकों को सुरक्षित वापस लाना होता है।  अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस के साथ जुलाई से ही भारत ने एयर बबल शुरू कर दिया था।   
कोरोना महामारी शुरू होने पर उन लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिनका वीजा खत्म हो रहा था या जिन्हें नौकरी या पढ़ाई के लिए दूसरे देश में जाना था।  शुरू में वंदे भारत मिशन के तहत भारत ने कुछ स्पेशल उड़ानें चलाईं और दुनिया भर से भारतीयों को देश वापस लाया गया।   फिर धीरे- धीरे एयर बबल की शुरुआत हुई।  वंदे भारत मिशन से अलग एयर बबल के तहत एक व्यक्ति किसी देश में जा कर वहां से लौट भी सकता है।  इसके तहत नियमित रूप से उड़ानें चल रही हैं लेकिन यात्री को ठोस वजह देने के बाद ही सफर की अनुमति मिलती है।  कोरोना काल में यूरोप के तीन छोटे छोटे बाल्टिक देशों - एस्टोनिया, लिथुआनिया और लातविया ने सबसे पहले एयर बबल बनाए थे।  इसकी सफलता के बाद बाकी देशों ने भी ऐसा करना शुरू किया। अमेरिका, जापान, कनाडा, कतर, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, इराक, नाइजीरिया, बहरीन,  इन 13 देशों के साथ भारत ने एयर बबल समझौता किया है।  जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइंस ने भारत और जर्मनी के बीच उड़ान भरने से मना कर दिया है।  उसका आरोप है कि उसे तय उड़ानें नहीं भरने दी जा रही हैं, जबकि भारत का कहना है कि एयर इंडिया की तीन से चार उड़ानों की तुलना में लुफ्थांसा हफ्ते में 20 उड़ानें भर रहा था।  मौजूदा समझौते के तहत भारतीय नागरिक, ओसीआई कार्ड होल्डर और भारत का वीजा रखने वाले विदेशी भारत आ सकते हैं। 
 इसी तरह भारत में रहने वाले विदेशी नागरिक या उस देश का वीजा रखने वाले भारतीय भी यात्रा कर सकते हैं।  भारत पहुंचने पर यात्रियों को 14 दिन का क्वॉरंटीन करना अनिवार्य है।  इसमें 7 दिन सरकार द्वारा निर्धारित जगह पर और 7 दिन घर में क्वॉरंटीन किया जा सकता है।  यदि किसी व्यक्ति ने यात्रा से 96 घंटे पहले तक अपना कोविड टेस्ट कराया हो, तो वह क्वॉरंटीन से बच सकता है।  इस तरह की उड़ानों में एयर हॉस्टेस आपको खाना देने या सामान बेचने के लिए नहीं आती हैं।  जहां जुलाई से अक्टूबर के बीच गर्मियों के मौसम में भारत से बड़ी संख्या में लोग यूरोप घूमने आया करते थे, वहीं इस साल टूरिज्म उद्योग बिलकुल ही ठप रहा।  एयर बबल समझौते देशों के लिए व्यापार और कुछ हद तक टूरिज्म के दरवाजे भी खोलते हैं जिन पर कोरोना महामारी के कारण काफी बुरा असर हुआ है।  इस वक्त कुल 13 देशों के साथ एयर बबल चल रहे हैं लेकिन 13 और देशों के साथ भी बात चल रही है।  इनमें इटली, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इस्राएल, कीनिया, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड शामिल हैं।
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