सीधे नागलोक लेकर जाते हैं ये रास्ते.....
13 अगस्त नाग पंचमी पर विशेष
नाग और नागों की दुनिया जितनी डरावनी लगती है, उतनी ही रोचक भी है। इसीलिए लोग इनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने को उत्सुक रहते हैंै। फिर चाहे बात नाग-नागिन के कहीं नजर आने की हो या फिर नागों के घर यानी कि नागलोक की हो। धर्म-पुराणों में नागलोक का उल्लेख विस्तार से मिलता हैै। यहां तक कि देश में कई जगहों को लेकर दावा किया जाता है कि वहां से नागलोक में जाने का रास्ता जाता है।
ये रास्ते ले जाते हैं सीधे नागलोक .....!
दावा किया जाता है कि नागलोक जाने वाले कुछ रास्ते देश में भी हैं और विदेश में भी हैंै। आज हम भारत के उन रास्तों के बारे में बात करेंगे जिनके बारे में मान्यता है कि वे सीधे नागलोक को जाते हैंै। हालांकि इन रास्तों पर चलना आसान नहीं है क्योंकि कहीं ये रास्ते घने जंगल और दुर्गम रास्तों से होकर जाते हैं तो कहीं ये जमीन की अतल गहराइयों में ले जाते हैंै।
सतपुड़ा का नागलोक द्वार: मान्यता है कि मप्र में सतपुड़ा के घने जंगलों से एक रास्ता नागलोक को जाता हैै। हालांकि इस रास्ते तक ही पहुंचने के लिए खतरनाक पहाड़ों की चढ़ाई करनी पड़ती है और इसके लिए साल में मिलने वाले 1-2 मौकों का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि टाइगर रिजर्व एरिया होने के कारण यह बाकी समय बंद रहता हैै।
नागलोक जाने का छत्तीसगढ़ वाला रास्ता
जशपुर क्षेत्र के तपकरा इलाके को नागों के मामले में खासा रहस्यमयी माना जाता हैै। इसके दो कारण हैं- एक तो यहां सांपों की ढेरों प्रजातियों का पाया जाना और दूसरा यहां के पहाड़ पर स्थित गुफा को पाताल द्वार कहा जाना। कहते हैं कि गुफा के अंदर से नागलोक का रास्ता है, लेकिन दावा किया जाता है कि जो भी गुफा में गया वो कभी लौटकर नहीं आया।
उत्तरप्रदेश में नागलोक जाने का रास्ता
काशी के नवापुरा में बना कुआं जमीन की अतल गहराइयों तक जाता नजर आता है। यहां तक कि इसकी गहराई का किसी को भी ठीक-ठाक पता नहीं है। कारकोटक नाग नाम के इस तीर्थ में दर्शन करने की अनुमति साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन ही मिलती है। कहते हैं कि कुआं का यह रास्ता सीधे नागलोक तक जाता है। इसी तरह मुजफ्फरनगर के शुक्रताल के बारे में कहा जाता है कि इसका तल इतना गहरा है कि वह सीधे नागलोक तक जाता है। आज तक कोई भी इसकी गहराई का पता भी नहीं लगा पाया है। नागलोक तक जाने का यह पानी वाला रास्ता कभी सूखा नहीं है.
झारखंड के इस नाग द्वार पर खुद तैनात हैं नाग
कहा जाता है कि झारखंड की राजधानी रांची की पहाड़ी पर बने नाग मंदिर में भी नागलोक जाने का रास्ता है। गुफा में बने इस मंदिर में हमेशा नाग-नागिन रहते हैं। यह मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है।
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