इन्हें बस पीते ही रह जाएंगे
भारत में भी तरह - तरह से कॉफी बनाई जाती है। इनका स्वाद ऐसा कि बस पीते ही रह जाएं। एक नजर इन अलग-अलग कॉफी पर-
एस्प्रेसो - इस मिक्स को कई तरह की कॉफियों में एक बेस की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एस्प्रेसो, उबले पानी और काफी बींस का मिक्स होता है। इसे तैयार करने के लिए अलग मिक्सर और ग्राइंडर का भी इस्तेमाल किया जाता है।
फ्रापुचीनो - स्टारबक्स की खासियत माने जाने वाली फ्रापुचीनो में कॉफी के साथ शक्कर, दूध, एस्प्रेसो समेत बर्फ भी मिलाया जाता है। इसमें कॉफी के ऊपर क्रीम की एक मोटी परत होती है।
कैरेमल मकियाटो -इस कॉफी को दुनिया में काफी पसंद किया जाता है। फ्रापैचिनो की ही तरह इसे भी बनाने में 5 मिनट से कम का समय लगता है। इसमें एस्प्रेसो के साथ बर्फ, क्रीम, दूध, सिरप और कैरेमल (भुनी हुई शक्कर) की परत होती है।
कैफे मोका-कैफे लाटे और कैफे मोका लगभग एक जैसी ही नजर आती है। इस कॉफी में एस्प्रेसो का बेस होता है और इसे गर्म दूध और चॉकलेट के साथ तैयार किया जाता है। कुछ खास रेस्तरां इस कॉफी में क्रीम भी इस्तेमाल करते हैं।
अमेरिकानो-कई एस्प्रेसो बेस वाले ड्रिंक दूध का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अमेरिकानो में ऐसा नहीं होता। इसमें एस्प्रेसो का इस्तेमाल होता है लेकिन उसे गर्म पानी के साथ मिलाया जाता है। मतलब इसमें कॉफी जैसी ही ताकत होती है लेकिन अलग स्वाद के साथ।
कैफे कुबानो- इस कॉफी को क्यूबन कॉफी या क्यूबन एस्प्रेसो भी कहते हैं। क्यूबा ने इटली से पहली बार कॉफी तैयार करने की ऐस्प्रेसो मशीन को आयात किया। जिसके बाद इस एस्प्रेसो का क्यूबा में ईजाद किया गया. यह एस्प्रेसो शॉट थोड़ा सा मीठा होता है और कई कॉफी ड्रिंक में यह बेस का काम करता है।
कैफे लाटे-कैफे लाटे में एक तिहाई एस्प्रेसो, दो-तिहाई स्टीम दूध और तकरीबन एक सेंटीमीटर झाग की परत होती है। यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय कॉफी ड्रिंक में से एक है। सजावट के लिए ऊपर से इसमें कोको पाउडर का भी इस्तेमाल किया जाता है।
आइरिश कॉफी- इस कॉफी में कॉकटेल होता है। इसमें कॉफी, चीनी और मोटी क्रीम के साथ घुली होती है आइरिश व्हिस्की। इसके इतिहास को लेकर कहा जाता है कि ठंड से यात्रियों को बचाने के लिए 1940 में अमेरिका के एक शेफ ने कॉफी के साथ व्हिस्की को मिला दिया। इसे बेहद ही पसंद किया गया, और ईजाद हो गई आइरिश कॉफी।
कैपुचीनो- यह इतालवी कॉफी आमतौर पर एस्प्रेसो और गर्म दूध के साथ बनाई जाती है। इसमें दूध का झाग सबसे ऊपर नजर आता है. आमतौर पर झाग की मोटी परत के लिए दूध को स्टीमर के साथ तैयार किया जाता है। स्टीमर झाग पैदा करने के लिए एक तरह की मशीन होती है।
कैफे ओल-इस कॉफी का शाब्दिक अर्थ होता है, दूध के साथ कॉफी। जैसे कि नाम से जाहिर है इसमें गुनगुना दूध और कॉफी बीन्स मिलाया जाता है। यह कोई साधारण मिलाना नहीं होता, मिक्स थोड़ा-बहुत भी ऊपर नीचे हुआ तो स्वाद खराब हो सकता है। कॉफी को ऐसे पकाया जाता है जिससे कप में क्रीम की परत तैयार हो जाए।
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