तिरंगा किसने बनाया
फ्रांसीसी क्रांति और उसके नारे स्वतंत्रता, समानता और उसके नारे स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का भारतीय राष्टï्रवाद पर गहरा असर पड़ा। सन् 1830 में जब राजा राममोहन राय इंग्लैंड जा रहे थे, तो उन्हें एक फ्रांसीसी जहाज पर फ्रांस का झंडा लहराता दिखाई दिया। उसमें भी तीन रंग थे। 1857 की क्रांति ने भारतवासियों के दिल में आजादी के बीज बो दिए। बीसवीं शताब्दी में जब स्वदेशी आंदोलन ने जोर पकड़ा तो एक राष्टï्रीय ध्वज की जरूरत महसूस हुई। स्वामी विवेकानंद की शिष्या सिस्टर निवेदिता ने सबसे पहले इसकी परिकल्पना की।
7 अगस्त 1906 को कोलकाता में बंगाल के विभाजन के विरोध में एक रैली हुई जिसमें पहली बार तिरंगा झंडा फहराया गया। समय के साथ इसमें परिवर्तन होते रहे लेकिन जब अंग्रेजों ने भारत छोडऩे का फैसला किया तो देश के नेताओं को राष्टï्रीय ध्वज की चिंता हुई। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की अध्यक्षता में एक ध्वज समिति का गठन किया गया और उसमें यह फैसला किया गया कि भारतीय राष्टï्रीय कांगे्रस के झंडे को कुछ परिवर्तनों के साथ राष्टï्र ध्वज के रूप में स्वीकार कर लिया जाए। ये तिरंगा हो और इसके बीच में अशोक चक्र हो।
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