क्या करते हैं एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर
एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर साबुन की तरह प्रभावी हो सकते हैं अगर उनका ठीक से उपयोग किया जाए तो। हालांकि इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इनमें कम से कम 60 प्रतिशत एल्कोहल होने की जरूरत है। एल्कोहल इस वायरस को नष्ट कर सकता है। इसके लिए बस करना ये है कि अपने हाथ की हथेली पर एक छोटी सी बूंद डालकर पूरे हाथ पर मलना है। इसे जल्दी से पोंछना आपके लिए अच्छा नहीं होगा। सैनिटाइजर की एक छोटी से बूंद आपके उपयोग के लिए पर्याप्त है और आपके हाथ को कीटाणुओं से साफ रखने का काम कर सकती है। हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते वक्त ये ध्यान रखें कि आप इसे अपने हाथों पर, अपनी उंगलियों के बीच और अपने हाथ के पिछले हिस्से पर रगडऩा न भूलें।
कुछ परिस्थितियों में साबुन और पानी को कीटाणु साफ करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। दरअसल साबुन और पानी की क्षमता सूक्ष्मजीवों को फंसाने और धोने की है। वहीं एल्कोहल कीटाणुओं को मारने में बहुत प्रभावी है, लेकिन यह आपके हाथ को धोता नहीं है। इस उदाहरण के साथ इस बात को समझिए अगर किसी व्यक्ति को छींक आई और उसने अपने हाथ से अपनी नाक और मुंह को ढंका। ऐसा करने से उसके बलगम की छींके उसके हाथ में ही रह गई। उसके हाथ में मौजूद इस बैक्टीरिया या वायरस को निष्क्रिय करने के लिए बहुत अधिक सैनिटाइजर की जरूरत पड़ेगी।
इस बात को भी जानना बेहद जरूरी है कि कुछ कीटाणु और बैक्टीरिया बहुत ही ज्यादा नरम, वसायुक्त नहीं होते हैं, जिन पर साबुन के बुलबुले बड़ी आसानी से हमला कर सकते हैं और उन्हें नष्ट कर सकते हैं- जैसे हेपेटाइटिस ए वायरस, पोलियोवायरस, मेनिन्जाइटिस और निमोनिया। इसलिए अगली बार जब भी आप अपने हाथों को धोएं तो उन सभी साबुन के बुलबुले पर गर्व करें, जिन्हें आप बना रहे हैं और उन सूक्ष्म, मृत बैक्टीरिया को मारने का आनंद लें, जिन्हें आप नाले में बहाकर दूसरों की जान बचा रहे हैं।
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