दुनिया के सबसे खतरनाक ज्वालामुखियों में से एक क्राकाटोआ
इंडोनेशिया का क्राकाटोआ ज्वालामुखी दुनिया के सबसे खतरनाक ज्वालामुखियों में से एक है। इसने 1883 में जब यह फूटा था, तब काफी तबाही मची थी। करीब 357 मीटर ऊंचाई वाला इस ज्वालामुखी ने उस वक्त 36 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली थी। 1883 में क्राकाटोआ में हुआ विस्फोट दुनिया का सबसे भयावह ज्वालामुखी विस्फोट है। इसके कारण आने वाले कुछ सालों में ग्लोबल लेवल पर तापमान में बढ़त देखी गई।
यह विस्फोट इतना भयानक था कि आधुनिक इतिहास में इतनी तबाही किसी और ज्वालामुखी ने नहीं मचाई। क्राकाटोआ के उस विस्फोट में पहले एटम बम से 13 हजार गुना ज्यादा शक्ति थी। वही बम जो अमेरिका ने 1945 में जापान के हिरोशिमा-नागासाकी पर गिराया था। 1883 के विस्फोट को लगभग आधी दुनिया ने सुना। उस विस्फोट को दुनिया का सबसे भयानक विस्फोट कहा जाता है। 1883 के विस्फोट की गूंज वहां से करीब 4,800 किलोमीटर दूर मॉरीशस तक सुनाई दी। उस वक्त के आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि लावा और विस्फोट से आई सुनामी ने 165 गांव और कस्बे पूरी तरह तबाह कर दिए। इसके अलावा 132 गांव-कस्बों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा था।
क्राकाटोआ ज्वालामुखी अप्रैल 2020 को फिर फूट पड़ा है। राजधानी जकार्ता जो कि इस ज्वालामुखी से करीब 150 किलोमीटर दूर है, वहां तक इसके धमाके की आवाज सुनी गई। सैटेलाइट तस्वीरों से हवा में 15 किलोमीटर ऊपर तक ज्वालामुखी का धुआं रिकॉर्ड किया गया है। बताया जा रहा है कि दिसंबर 2018 के बाद से सबसे मजबूत विस्फोट है।
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