इतिहास में आज: 17 अप्रैल- तमबोरा ज्वालामुखी इंडोनेशिया के लिए आफत लेकर आया
17 अप्रैल 1815 का दिन इंडोनेशिया के लिए आफत लेकर आया। कई दिनों से थर्रा रहा तमबोरा ज्वालामुखी इस दिन उग्र होकर फट पड़ा। करीब एक लाख लोग मारे गए। तमबोरा के धमाके को अब तक सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट कहा जाता है। यह इंडोनेशिया के सुमबवा द्वीप पर है। सैकड़ों साल से शांत पड़ा यह ज्वालामुखी पांच अप्रैल 1815 को कंपन पैदा करने लगा। पांच दिन बाद उससे राख उठने लगी।
17 अप्रैल को बड़ा विस्फोट हुआ लावा और धुआं आस पास के इलाके में फैल गया। गुबार इतना गहरा था कि कई दिनों तक सूरज नहीं दिखाई पड़ा। धमाके की वजह से सुमबवा द्वीप पर डेढ़ मीटर मोटी राख की परत बिछ गई। सूनामी भी आई। ज्वालामुखी की गडग़ड़ाहट डेढ़ सौ किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ रही थी। ज्वालामुखी जब तक पूरी तरह शांत हुआ तब तक द्वीप के दस हजार बाशिंदे मारे जा चुके थे। बाकी मौतें आस पास के इलाकों में हुईं। विस्फोट के बाद तमबोरा का चेहरा बदल गया। ज्वालामुखी की ऊंचाई 14 हजार फुट से घटकर 9 हजार फुट रह गई।
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