इतिहास में आज- 21 अप्रैल- पहली बार प्रोजक्टर का प्रदर्शन हुआ
इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलता है कि आज ही के दिन अमेरिका में विकसित पहले फिल्म प्रोजेक्टर का प्रदर्शन किया गया था। यह साल था 1895।
वुडविल लैथम और उनके बेटे ओटवे और ग्रे ने अमेरिका में विकसित पैनटॉप्टिकॉन को पहली बार प्रदर्शित किया था। हालांकि अमेरिका में थॉमस एडिसन के काइनेटोस्कोप के इस्तेमाल से चलचित्र का प्रदर्शन सालों से हो रहा था, लेकिन इसके जरिए एक साथ कई लोग फिल्म नहीं देख सकते थे। फिल्म को देखने के लिए बाइस्कोप जैसी चीज का इस्तेमाल होता था।
लैथम भाइयों ने अपने पिता वुडविल और एडिसन के प्रयोगशाला में सहायक रहे डब्ल्यू के एल डिक्सन की मदद लेकर ऐसी मशीन बनाई जो आदमकद तस्वीरों को पर्दे पर पेश कर सके ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक एक साथ उसे देख सकें। वुडविल, डिक्सन और एडिसन के एक पूर्व कर्मचारी की मदद से लैथम लूप तैयार किया था। लूप की मदद से तस्वीर पर्दे पर आसानी से प्रदर्शित होती और फिल्म को खींचने की भी जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि दूसरी ओर फ्रांस के लुमियेर बंधु भी मोशन पिक्चर को प्रदर्शित करने वाले प्रोजेक्टर पर काम कर रहे थे। उसी साल उन्होंने पेरिस में आयोजित एक औद्योगिक सम्मेलन में पहली बार सार्वजनिक रूप से एक फिल्म दिखाई। लुमियेर बंधु में से एक, लुई लुमियेर अपने आसपास की चीजों के वीडियो उतारते थे। यह वीडियो आसपास के जीवन को सच्चे रूप में पेश करता था। इसी तरह उन्होंने लुमियेर फैक्ट्री से बाहर निकलते कामगारों का भी एक वीडियो रिकार्ड किया, जिसे पहली स्क्रीनिंग में दिखाया गया था। फिल्म दिखाने की इस तकनीक को लुमियेर भाइयों ने तुरंत अपने नाम पर पेटेंट करा लिया।
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