इतिहास में आज: 25 अप्रैल-एक पत्रिका ने हिटलर की डायरी सामने लाकर तहलका मचा दिया था
25 अप्रैल 1983 को जर्मनी के उत्तरी शहर हैम्बर्ग में हलचल थी। स्टैर्न पत्रिका के संपादक ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रेस कॉन्फ्रेंस में शताब्दी की सनसनी पेश की, हिटलर की गोपनीय डायरी, जिसका पता किया था स्टैर्न के रिपोर्टर गैर्ड हाइडेमन ने। यह खबर पाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में 250 पत्रकार मौजूद थे। पत्रिका के संपादकीय में लिखा गया था कि तृतीय राइष का इतिहास फिर से लिखना होगा।
ऐसा नहीं है कि हिटलर की डायरी के अस्तित्व पर किसी को शक नहीं हुआ हो, लेकिन स्टैर्न के मुख्य संपादक पेटर कॉख ने डायरी की सच्चाई पर संदेह को रिमोट डायगोनोस्टिक बताया। दो हफ्ते में ही सारा हंगामा थम गया, सनसनी खत्म हो गई। हिटलर की गोपनीय डायरी धोखाधड़ी साबित हुई। जर्मनी के संघीय अपराध कार्यालय बीकेए और संघीय अभिलेखागार ने उन्हें जालसाजी बताया और वह भी मामूली स्तर की। जिस कागज पर कथित डायरी लिखी गई थी, उस पर एक रसायन था जो युद्ध के बाद बाजार में आया था।
स्टैर्न की पूरी दुनिया में बड़ी किरकिरी हुई। मुख्य संपादकों की नौकरी गई। यह मामला पत्रकारीय विफलता की मिसाल बन गया। प्रकाशक हेनरी नानेन को कहना पड़ा कि स्टैर्न शर्मसार है। इस मामले से स्टैर्न की छवि को तो नुकसान पहुंचा ही, उसकी बिक्री पर भी भारी असर हुआ। बहुत से लोगों ने उस समय सबसे ज्यादा बिकने वाली पत्रिका को खरीदना भी बंद कर दिया। छवि और बिक्री के संकट से उबरने में स्टैर्न को सालों लग गए।
Leave A Comment