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रोहित ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले शतकीय पारी खेल खुद से कम किया दबाव

नयी दिल्ली। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय में रविवार को यहां शतकीय पारी खेलकर लंबे समय से चली आ रही खराब लय को पीछे छोड़ते हुए चैंपियंस ट्रॉफी से पहले आत्मविश्वास हासिल करने में सफल रहे। इस शतकीय पारी के बाद रोहित दबाव से बाहर निकलने में सफल रहेंगे। जीत के लिए 305 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित ने 90 गेंद की पारी में 12 चौके और सात छक्के की मदद से 119 रन बनाये। भारतीय पारी के 26वें ओवर में आदिल राशिद की गेंद पर छक्के के साथ उन्होंने 76 गेंद में अपने करियर का 32वां वनडे शतक पूरा किया। शतक बनाने के बाद रोहित ने जब भारतीय ड्रेसिंग रूम की तरफ बल्ला उठा कर अभिवादन किया तो उनके चेहरे पर आत्मसंतुष्टि की झलक महसूस की जा सकती थी। एक अच्छा प्रदर्शन करने वाला कप्तान वह होता है जिसे ड्रेसिंग रूम में सम्मान मिलता है।
 ऐसा नहीं है कि बल्ले से खराब प्रदर्शन के दौरान भारतीय टीम में रोहित का सम्मान कम हुआ हो लेकिन अपनी शर्तों पर खेलने वाले इस खिलाड़ी के लिए यह करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड श्रृंखला की शुरुआत के बाद से खराब प्रदर्शन के कारण रोहित का आत्मविश्वास भी डगमगा गया था। चेहरे पर मुस्कान रखने वाले और ड्रेसिंग रूम में अपने मजाकिया अंदाज के लिए जाने जाने वाले भारतीय कप्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने 17 से अधिक वर्षों में सबसे तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में उनके बल्ले से निकले छक्कों ने आलोचकों को काफी हद तक जवाब दे दिया। रोहित इस दौरान पुराने अंदाज में दिखे। वह पहले से मन बनाकर शॉट खेलने की जगह गेंद को उसकी ‘मैरिट' पर खेल रहे थे।  साकिब महमूद, गुस एटकिंसन, जेमी ओवरटन ने भारतीय कप्तान को स्विंग से छकाने की कोशिश में फुल लेंथ से गेंदबाजी करने का फैसला किया लेकिन रोहित ने शानदार टाइमिंग के साथ गेंद पर प्रहार किया। पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी ने कहा, ‘‘भारतीय क्रिकेट में एक बोलचाल की भाषा है ‘लाइन से लाइन मिलाना या लाइन के पार मारना'। वह पिछली पारियों में गेंद को जोर से मारने की कोशिश कर रहा था। वह आज हर गेंद को टाइम कर रहा था। उसकी मानसिकता स्पष्ट थी और उसने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल किया। रोहित ने इस पारी में 2023 विश्व कप के विपरित उसने आक्रमण किया और जरूरत पड़ने पर रक्षात्मक बल्लेबाजी भी की। उसने छक्के लगाकर स्ट्राइरेट को कम नहीं होने दिया। रोहित को पता था कि 20 गेंदों में 40 रन की आक्रामक पारी वनडे प्रारूप में शायद में पर्याप्त नहीं होगी। वह 2023 में विश्व कप के दौरान जोखिम वाले शॉट खेल सकते थे लेकिन लय में वापसी के लिए उनके उन्हें क्रीज पर समय बिताने की जरूरत थी। रोहित ने आखिरकार लंबे समय के बाद अपने अंदाज में बड़ी पारी खेली।

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