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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डे-एनयूएलएम के सामुदायिक संगठकों की मानदेय में प्रतिमाह 3000 रूपए की वृद्धि को मिली स्वीकृति
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत डे-एनयूएलएम के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने वाले सामुदायिक संगठकों के मानदेय में 03 हजार रूपए की वृद्धि की गई है।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ मंत्रालय (महानदी भवन) नवा रायपुर से जारी आदेश के तहत डे-एनयूएलएम अंतर्गत कार्यरत 208 सामुदायिक संगठकों को पूर्व मानदेय 15 हजार रूपए में 20 प्रतिशत वृद्धि की गई है, जिससे अब उन्हें 3 हजार रूपए अर्थात् 18 हजार रूपए मानदेय दिए जाएंगे। -
प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा बीजापुर जिले में और कम वर्षा सरगुजा जिले में
रायपुर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2023 से अब तक राज्य में 773.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2023 से आज 05 सितम्बर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1352.7 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 349.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 661.3 मिमी, बलरामपुर में 712.4 मिमी, जशपुर में 632.3 मिमी, कोरिया में 717.9 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 724.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 885.7 मिमी, बलौदाबाजार में 782.9 मिमी, गरियाबंद में 684.6 मिमी, महासमुंद में 804.6 मिमी, धमतरी में 744.0 मिमी, बिलासपुर में 801.3 मिमी, मुंगेली में 941.1 मिमी, रायगढ़ में 888.0 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 702.4 मिमी, जांजगीर-चांपा में 666.4 मिमी, सक्ती में 671.9 मिमी, कोरबा में 751.0 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 768.3 मिमी, दुर्ग में 636.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 604.9 मिमी, राजनांदगांव में 866.6 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 985.6 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 796.2 मिमी, बालोद में 812.3 मिमी, बेमेतरा में 625.4 मिमी, बस्तर में 813.0 मिमी, कोण्डागांव में 723.2 मिमी, कांकेर में 742.5 मिमी, नारायणपुर में 733.9 मिमी, दंतेवाड़ा में 877.0 मिमी और सुकमा में 1148.3 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग मंत्रालय द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड-कुसमी की पकरीटोला जलाशय योजना के जीर्णोद्धार कार्य के लिए दो करोड़ 13 लाख 04 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य अभियंता हसदेव गंगा कछार जल संसाधन विभाग अंबिकापुर को प्रदान की गई है। योजना के तहत क्षेत्र के किसानों को करीब 196 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
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रायपुर। पोषण एवं एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 से पोषण अभियान का संचालन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है। इस वर्ष भी प्रदेश की आंगनबाड़ियों में एक सितंबर से पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है, जो 30 सितम्बर तक चलेगा। इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान सात विभिन्न थीम संपूर्ण स्तनपान एवं ऊपरी आहार, स्वस्थ बालक स्पर्धा, पोषण भी पढ़ाई भी, मिशन लाईफ अंतर्गत पोषण गतिविधियां, मेरी माटी मेरा देश, जनजातीय केन्द्रित पोषण संवेदना, एनीमिया की रोकथाम और प्रबंधन पर आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसके लिए दैनिक गतिविधियों का कैलेण्डर भी बनाया गया है।
राज्य स्तर पर राष्ट्रीय पोषण माह के साथ छत्तीसगढ़ में वजन त्यौहार की गतिविधियों का भी शुभारंभ किया गया है। वजन त्यौहार गतिविधियों के अंतर्गत प्रदेशभर में बच्चों की वृद्धि मापन पर सामुदायिक जागरूकता का काम किया जा रहा है। आंगनबाड़ियों में बच्चों का वजन और ऊंचाई मापकर उनका पोषण स्तर जांचकर अभिभावकों को उचित मार्गदर्शन दिया जा रहा है। वजन त्यौहार के दौरान लिए गए बच्चों के वजन सहित अन्य जानकारियों पोषण ट्रैकर एप्प में एंट्री भी किया जा रहा है। इसी तरह पोषण माह के दौरान सुपोषण चौपाल, अन्नप्राशन दिवस, परिवार चौपाल, पोषण मेला, व्यंजन प्रदर्शन जैसे कई आयोजन पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों में किए जाएंगे। इसमें जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। पोषण माह के दौरान स्कूलों में ऊपरी आहार पर कोलाज तैयार कराना, नारा लेखन, पोषण पर निबंध प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, ग्राम पंचायत स्तर पर नारा और दीवार लेखन, प्रभातफेरी, स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा जैसी गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायत के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों और शालाओं में पोषण वाटिका का विकास किया जाएगा। इसी तरह प्रदेशभर में पोषण जागरूकता और किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं में एनीमिया की रोकथाम के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा। -
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग मंत्रालय द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड-कुसमी की हसंपुर व्यपवर्तन योजना में वियर सुधार, नहर लाईलिंग एवं पक्के कार्यो का सुधार कार्य के लिए दो करोड़ 55 लाख 62 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य अभियंता हसदेव गंगा कछार जल संसाधन विभाग अंबिकापुर को प्रदान की गई है। योजना के तहत क्षेत्र के किसानों को कुल 200 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
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मनोज सिंह, सहायक संचालक
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य शासन द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने हेतु "छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 " का राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 18 अप्रैल 2020 से कर इसे 05 वर्ष के लिए लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में स्थानीय उद्यमियों एवं निजी निवेशकों हेतु पर्यटन प्रोत्साहन, पी.पी.पी. मॉडल पर पर्यटन विकास के लिए आवश्यक प्रावधान किए गए हैं साथ ही राज्य के समस्त जिलों में चिन्हांकित पर्यटन स्थलों में से प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन स्थलों का विकास कर उससे सुगम बनाने की कार्ययोजना है।
*जल पर्यटन*
प्रदेश में जल पर्यटन की पर्याप्त संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश के 09 जलाशयों यथा मुरूमसिल्ली, गंगरेल डैम धमतरी, हसदेव बांगो जलाशय कोरबा, संजय गांधी जलाशय (खूटाघाट) रतनपुर, सरोधा जलाशय कबीरधाम, समोधा बैराज, कोडार जलाशय रायपुर मनालिया जलाशय गौरेला और दुधावा जलाशय कांकेर का चयन किया गया है।
*राम वनगमन पथ*
छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ में आने वाले 75 स्थलों का चयन किया गया है । प्रथम चरण में 10 स्थानों सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, चंपारण्य, तुरतुरिया, चन्दरखुरी, राजिम, सिहावा सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर एवं रामाराम के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 162 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। चंदखुरी, शिवरीनारायण ,राजिम और चंपारण्य में शुरूआती चरणों के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।
*ट्रायबल टूरिज्म सर्किट*
प्रदेश में "ट्रायबल टूरिज्म सर्किट' के अन्तर्गत ईको रिसॉर्ट कुरदर जिला बिलासपुर, बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधादादर जिला कबीरधाम, धनकुल एथनिक रिसॉर्ट जिला कोण्डागांव, सरना एथनिक रिसॉर्ट बालाछापर जिला जशपुर, कोईनार हाईवे ट्रीट कुनकुरी जिला जशपुर, हिल मैना हाईवे ट्रीट नथियानवागांव जिला कांकेर, सतरेंगा बोट क्लब एण्ड रिसॉर्ट जिला कोरबा और साइट अमेनिटी महेशपुर जिला सरगुजा का लोकार्पण किया जा चुका है। -
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का उद्बोधन :-कोरोना काल में पढ़ाई का जो लॉस हुआ है, वह पूरे देश में सबसे कम हमारे छत्तीसगढ़ को हुआ है।
मैं आप सभी को बधाई देता हूँ, आप ऐसे शिक्षक बनेंगे जिनका वर्तमान भी सुरक्षित है और भविष्य भी। आपको ओल्ड पेंशन योजना का भी लाभ मिलेगा।
इसलिए मैं आप सभी से कहता हूं कि आपको छत्तीसगढ़ का भविष्य सुरक्षित करना है।
एक बार केशकाल के धनोरा गांव में मैं भेंट-मुलाकात में गया। तभी एक छात्रा मुझसे मिली, उसने मुझसे कहा मुख्यमंत्री जी, आपने स्वामी आत्मानंद स्कूल अच्छे बना दिये। हमारा स्कूल भी अच्छा कर दीजिए। मैंने छात्रा को आश्वस्त किया कि हम सभी स्कूलों को बेहतर बनाएंगे। मैं समझता हूं इतनी बड़ी संख्या स्कूलों के मरम्मत एवं कक्षों के निर्माण कार्य का लोकार्पण पहली बार हुआ है। -
रायपुर। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी अभिभावकों से की चर्चा । लैलूंगा से हरिराम राठिया ने बताया कि हमारा स्कूल पहले ठीक नहीं था। अब बढ़िया हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्कूल बढ़िया हो गया है। अब रखरखाव करते रहिए। पालक समिति इस पर ध्यान देती रहे। मुख्यमंत्री ने पढ़ाई की स्थिति के बारे में भी पूछा।
. बस्तर के लोहंडीगुड़ा में पदस्थ शिक्षक नितिन ने बताया कि हमारा स्कूल बहुत जर्जर स्थिति में था। अब अच्छा हो गया, अतिरिक्त कक्ष भी बन गया। मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की उन्हें बधाई दी और शुभकामनाएं भी दी। -
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती-2023 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में 1318 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। श्री बघेल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत पूर्ण हो चुके 7 हजार 688 मरम्मत कार्य एवं 464 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण का लोकार्पण किया।
उल्लेखनीय है कि इन स्कूल भवनों के रंग-रोगन के लिए गौठान में बने 1 लाख 98 हजार 510 लीटर गोबर पेंट का उपयोग किया गया है, जिसकी कुल कीमत 4.76 करोड़ रुपए है। -
रायपुर। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेने ऑडिटोरियम पहुंचे। शिक्षक भर्ती 2023 अंतर्गत नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रविन्द्र चौबे भी हैं मौजूद। प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला प्रस्तुत कर रहे प्रतिवेदन।
- -किसानों से ‘पास मशीन’ से ही खाद लेने अपीलरायपुर। छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग के निर्देशानुसार राज्य के समस्त जिले के कृषकों को गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक दवाई उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि आदान विक्रय केन्द्रों का लगातार निरीक्षण तथा अनियमितता पर कार्यवाही की जा रही है। शासन के निर्देशानुसार अनुदान प्राप्त उर्वरकों का विक्रय पास मशीन के माध्यम से किया जाना अनिवार्य है, पास मशीन से विक्रय पश्चात् ही उर्वरकों का अनुदान निर्माता कंपनी को प्राप्त होता है। इसलिये फुटकर उर्वरक विक्रेता किसी भी परिस्थिति में बिना पास के अनुदान प्राप्त उर्वरकों का विक्रय नही करना चाहिये तथा कृषकों को उर्वरक विक्रय किये बिना भी कतिपय कंपनियों के किसी प्रकार के प्रलोभन में आकर पास से उर्वरक स्कंध नही घटाना चाहिये।फुटकर उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उर्वरकों के बिना वास्तविक बिक्री के फर्जी (फेक) पास सेल करने का प्रयास किया जा सकता है, इसलिये राज्य के समस्त जिले के विभिन्न अनुविभागों में नियुक्त अनुविभागीय कृषि अधिकारी, विकासखंडो में नियुक्त वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं उर्वरक निरीक्षकों को नियमित रूप से उर्वरक विक्रय केन्द्रों की निगरानी करने तथा उर्वरक विक्रय केन्द्रों में उपलब्ध भौतिक स्कंध एवं पास में उपलब्ध स्कंध का मिलान करने तथा दोनो स्कंध में भिन्नता पाये जाने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत तत्काल कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। कृषि विभाग ने कृषकों से भी अपील की है कि पास के माध्यम से उर्वरकों का क्रय करें तथा पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें।
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बालोद। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप शर्मा के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के दौरान निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के निर्वाचन में विभिन्न प्रचार-प्रसार एवं अन्य आवश्यक सामग्री के व्यय के माॅनिटरिंग हेतु उड़नदस्ता स्थैतिक निगरानी वीडियों निगरानी वीडियो अवलोकन, सहायक व्यय प्रेक्षक, लेखा टीम आदि का विधानसभावार गठन किया गया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि बालोद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत 59 संजारी बालोद, 60 डौण्डीलोहारा एवं 61 गुण्डरदेही के लिए 24 घंटे तीन-तीन पालियों में 27-27 उड़नदस्ता एवं स्थैतिक निगरानी दल बनाया गया है। वीडियो निगरानी एवं वीडियो अवलोकन हेतु प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 03-03 दल बनाया गया है। इसके अंतर्गत सहायक व्यय प्रेक्षक हेतु विधानसभावार 01-01 दल का गठन किया गया है। लेखा टीम हेतु 01-01 दल बनाया गया है। ये सभी दल नोडल अधिकारी श्री सी.आर. टेकाम, महाप्रबंधक उद्योग के निर्देशन में कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि यह आदेश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन की घोषणा के तत्काल ही प्रभावशील होगा। आयोग द्वारा निर्धारित व्यय राशि अनुसार निर्वाचन में लड़ने वाले अभ्यर्थियों से निर्धारित प्रारूप में व्यय की जानकारी प्रस्तुत करेंगे।
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अब तक 25 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन नवीनीकरण किया गया, 331 किसानों का नवीन पंजीयन भी किया गया
बालोद। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्त संरक्षण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का खरीदी हेतु किसान पंजीयन का कार्य कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी किए गए एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाएगा। जिला खाद्य अधिकारी श्री तुलसीराम ठाकुर ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 बालोद जिले में 01 लाख 42 हजार 863 किसानों का पंजीयन हुआ था। जिसमें से 25 हजार 832 किसानों का पंजीयन नवीनीकरण सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा चुका है। इसके साथ ही 331 किसानों का नवीन किसान पंजीयन भी किया जा चुका है। जो कि राज्य में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार गतवर्ष के पंजीकृत किसानों का खरीफ वर्ष 2023-24 में कैरीफॉरवर्ड किया जाना है। इस कार्य हेतु पंजीकृत किसानों को अपना एक नामिनी का नाम आधार नम्बर एवं मोबाईल नम्बर की जानकारी के साथ संबंधित समिति में आवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसके पश्चात् ही गतवर्ष के पंजीयन को कैरीफॉरवर्ड किया जा सकता है।
श्री ठाकुर ने कहा कि यदि कोई किसान खरीफ वर्ष 2023-24 हेतु गतवर्ष के पंजीयन में रकबा संबंधी कोई भी संशोधन कराना चाहते हैं। ऐसे कृषकों को समिति के पास उपलब्ध आवेदन में भरकर आवश्यक दस्तावेज यथा ऋण पुस्तिका की छायाप्रति बी-1 बैंक खाता एवं आधार कार्ड की छायाप्रति साथ समिति में अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2023 तक अनिवार्य रूप से जमा करने को कहा गया है। निर्धारित तिथि 30 सितम्बर 2023 के पश्चात गतवर्ष के किसान पंजीयन में कोई भी संशोधन हेतु आवेदन नहीं लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि खरीफ वर्ष 2023-24 में किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2023 तक निर्धारित की गई है। जिले के कृषकों से वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु नवीन पंजीयन गत वर्ष में पंजीयन का संशोधन एवं नामिनी बनाये जाने हेतु निर्धारित आवेदन प्रारूप में जानकारी भरकर जल्द से जल्द संबंधित समिति में जमा करने को कहा गया है। जिससे आगामी खरीफ वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुचारू रूप से की जा सके।
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दुर्ग/ जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में 6 सितम्बर को प्रातः 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक प्लेसमेंट केम्प का आयोजन किया जाएगा। उप संचालक श्री आर.के. कुर्रे के अनुसार प्लेसमेंट केम्प में दुर्ग शहर के विभिन्न वार्डों/कालोनी के निवासियों के गृहकार्य/दुकान में कार्य करने हेतु उपलब्ध रिक्त पदों जैसे माली, ड्रायवर, केयर टेकर, कुक, सफाई कर्मी, चौकीदार, मजदूर, इत्यादि कार्य करने के इच्छुक आवेदक 6 सितम्बर 2023 को अपने सभी शैक्षणिक मूल प्रमाण/अंकसूची, पहचान पत्र (मतदाता परिचय पत्र/आधार कार्ड/पेन कार्ड/ड्रायविंग लाइसेंस/राशन कार्ड) रोजगार कार्यालय का जीवित पत्रक, छ.ग. निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र एवं समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ जिला रोजगार एवं स्वरोजगार कार्यालय मालवीय नगर चौक दुर्ग में उपस्थित हो सकते हैं।
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दुर्ग / कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा जिले में पदस्थ अपर कलेक्टरों के मध्य कार्य विभाजन किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अपर कलेक्टर श्री अरविन्द कुमार एक्का को अपर कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट जिला दुर्ग के न्यायालयीन कार्य, दुर्ग अनुभाग के अंतर्गत छ.ग. भू-राजस्व संहिता से संबंधित अपील पुनरीक्षण एवं पुर्नविलोकन प्रकरण के निराकरण हेतु कलेक्टर की शक्तियों का उपयोग करने (प्रत्येक दसवां प्रकरण कलेक्टर न्यायालय को अंतरित), दुर्ग अनुभाग के अंतर्गत भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 एवं 241 के अंतर्गत कलेक्टर को प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुये प्रकरणों में समुचित आदेश पारित करने हेतु अधिकृत किया गया है। रोस्टर के अनुसार तहसील/अनुविभाग कार्यालय/उप पंजीयक कार्यालय/जनपद कार्यालय का निरीक्षण, महिला एवं बाल विकास विभाग के नस्तियों का निराकरण (स्थानांतरण/पदस्थापना/अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित नस्तियां कलेक्टर को प्रस्तुत किया जाएगा), प्रोटोकाल अधिकारी, सामान्य/स्थानीय निर्वाचन, शासकीय कर्मचारियों के लिए शासन से प्राप्त होने वाले स्वत्वों के संबंध में वैध वारिसान प्रमाण पत्र जारी करना, शासकीय कार्यालयों के उपयोग हेतु भवन के किराया निर्धारण, प्रमाण पत्र जारी करना (2500 रु. तक के किराया) इसके ऊपर के प्रकरणों की नस्तियों को कलेक्टर को प्रस्तुत करना), अनुपयोगी डेड स्टॉक जो 5000 रू. तक की कीमत का हो, को अपलेखन करने का अधिकार, चोरी हुए 2000 रू. तक की सामग्री को अपलेखन करने का अधिकार, समयावधि में पेश शस्त्र लाईसेंसों का नवीनीकरण, शस्त्र अनुज्ञप्ति स्वीकृति एवं नवीनीकरण आदेश के पश्चात लाईसेंस बुक तथा लाईसेंस पंजी के प्रविष्टियों पर हस्ताक्षर एवं सत्यापन, अस्थायी फटाका लाईसेंसों का नवीनीकरण, 20,000 रू. तक आवर्ती व्यय स्वीकृति का अधिकार (उपजिलाध्यक्ष एवं तहसीलदारों के यात्रा भत्ता एवं औषधि देयकों की स्वीकृति), सेवानिवृत्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के परिवार कल्याण निधि, समूह बीमा योजना की राशि, ग्रेच्यूटी एवं जी.पी.एफ./डी.पी.एफ. जमा राशि का भुगतान, शासकीय वाहन के टायर, ट्यूब एवं बैटरी नियमानुसार क्रय करने की स्वीकृति, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की यात्रा देयकों एवं चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों की स्वीकृति, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अधिकतम 60 दिन के अवकाश की स्वीकृति, दुर्ग तहसील के अवैध उत्खनन के प्रकरणों का प्रावधान अनुसार निराकरण की जाएगी।
अपर कलेक्टर श्री अरविन्द एक्का के माध्यम से विभिन्न शाखाओं की नस्तियाँ कलेक्टर श्री मीणा को प्रस्तुत की जायेंगीे। जिनमें वित्त/स्थापना शाखा, लायसेंस शाखा, जिला नाजिर शाखा, चिटफंड शाखा, सांख्यिकी लिपिक, एस डब्ल्यू, सिविल सूट शाखा, खनिज शाखा, जिला कार्यालय परिसर के कार्यालयों/विभिन्न शाखाओं का आकस्मिक निरीक्षण, आदिम जाति कल्याण विभाग के नस्तियों का निराकरण, अन्तयावसायी वित्त विकास निगम, पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के नस्तियों का अंतिम निराकरण, जेल/होमगार्ड/सैनिक कल्याण बोर्ड इत्यादि शाखाओं के साथ-साथ कलेक्टर द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य भी शामिल है।
अपर कलेक्टर श्री रोहित व्यास को धमधा/पाटन अनुभाग के अंतर्गत छ.ग. भू-राजस्व संहिता से संबंधित अपील पुनरीक्षण एवं पुर्नविलोकन प्रकरण के निराकरण हेतु कलेक्टर की शक्तियों का उपयोग (प्रत्येक दसवां प्रकरण कलेक्टर न्यायालय को अंतरित) एवं धमधा/पाटन अनुभाग के अंतर्गत भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 एवं 241 के अंतर्गत कलेक्टर को प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुये प्रकरणों में समुचित आदेश पारित करने हेतु अधिकृत किया गया है, धमधा, पाटन तहसील के अवैध उत्खनन के प्रकरणों का प्रावधान अनुसार निराकरण का कार्य करेंगे।
अपर कलेक्टर श्री रोहित व्यास के माध्यम से विभिन्न शाखाओं की नस्तियाँ कलेक्टर श्री मीणा को प्रस्तुत की जायेंगीे। जिनमें भू-अभिलेख शाखा, डायवर्सन शाखा, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जानकारी प्रस्तुत करना, खाद्य शाखा, बाल श्रमिक परियोजना, लोक सेवा केन्द्र, चिप्स शाखा, श्रम विभाग, जिला योजना मण्डल, छ.ग. आवास साफ्टवेयर, इत्यादि शाखाओं के साथ-साथ कलेक्टर द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य भी शामिल है।
अपर कलेक्टर श्री बजरंग दुबे को उप जिला निर्वाचन अधिकारी दुर्ग ( सामान्य निर्वाचन ), कलेक्टर द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य भी शामिल है।
अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन को भाड़ा नियंत्रण अधिकारी, जिला विवाह अधिकारी, नजूल एवं नजूल जांच से संबंधित समस्त नस्तीयों एवं प्रकरणों का अंतिम निराकरण करने (भूमि आबंटन के प्रकरणों को छोड़कर), नजूल शाखा के केवल हुडको भिलाई से संबंधित समस्त नस्तीयों का जिसमें कलेक्टर का आदेश अनिवार्य ना हों, अपर कलेक्टर के रूप में निराकरण का दायित्व सौंपा गया है। हुडको से संबंधित समस्त अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने, नजूल शाखा के प्रकरणों एवं नस्तियों का जिनमें कलेक्टर का आदेश अनिवार्य न हो, अपर कलेक्टर के रूप में निराकरण, 4000 वर्गफुट तक के नजूल पट्टे का नवीनीकरण, ऋणमुक्ति अधिनियम 1976, पट्टाधृति अधिनियम 1984/1998 के अंतर्गत प्रकरणों का निराकरण, शिकायत शाखा की समस्त नस्तियाँ (आवश्यकता अनुसार नस्ती महत्वपूर्ण होने से कलेक्टर को प्रस्तुत की जावेगी), पी.जी.एन. के आवेदन पत्रों का निराकरण, अन्य मदों से प्राप्त होने वाली शिकायतों की समय-समय पर समीक्षा करना तथा व्यक्तिगत रूचि ले कर निराकरण करवाना,
अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन के माध्यम से विभिन्न शाखाओं की नस्तियाँ कलेक्टर श्री मीणा को प्रस्तुत की जायेंगीे। जिनमें नजूल व नजूल जांच, भू-अर्जन व भू- बंटन शाखा, स्वेच्छानुदान, जनसंपर्क, मुख्यमंत्री सहायता शाखा, प्रेषक व मुद्रलेखन शाखा, मुख्य प्रतिलिपि शाखा, प्रपत्र एवं लेखन सामग्री/लायब्रेरी शाखा, सी एम घोषणा, पर्यावरण अधोसंरना मद, 20 सूत्रीय, 15 सूत्रीय एवं अल्पसंख्यक आयोग, भू-अर्जन शाखा, विभागीय जांच अधिकारी, काउन्टर शाखा, नोडल अधिकारी राजीव गांधी आश्रय योजना 2019 एवं पट्टाधृति अधिनियम 1984, नोडल अधिकारी आदिम जाति कल्याण विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग, नोडल अधिकारी, बायोमेट्रिक सिस्टम स्थापना, जिला कार्यालय दुर्ग, इत्यादि शाखाओं के साथ-साथ कलेक्टर द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य भी शामिल है।
अपर कलेक्टर श्री गोकुल राम रावटे को सक्षम प्राधिकारी नगर भूमि सीमा दुर्ग (अधिनियम समाप्ति उपरांत शेष अनुसानिक कार्यवाही हेतु), शासन/आयुक्त/विडियो कांफेसिंग एवं जिला कार्यालय में आयोजित विभिन्न, बैठकों की आवश्यक व्यवस्था, फाइल फोल्डर, कार्यवाही विवरण तैयार करना आदि संबंधी कार्य, सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रथम अपील प्रकरणों का निराकरण, राजस्व विभाग से संबंधित विधानसभा प्रश्नों की जानकारी समय पर भेजने हेतु नस्ती कलेक्टर महोदय के समक्ष पेश करना, जिले के प्राकृतिक आपदा के प्रकरणों का निराकरण (आर.बी.सी. 6-4), माननीय मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव द्वारा आयोजित विडियो कांफ्रेसिंग का कार्य।
अपर कलेक्टर श्री गोकुल राम रावटे के माध्यम से विभिन्न शाखाओं की नस्तियाँ कलेक्टर श्री मीणा को प्रस्तुत की जायेंगीे। जिनमें सहायक अधीक्षक राजस्व, राजस्व मोहर्रिर शाखा सहायक अधीक्षक (सामान्य), वरिष्ठ लिपिक-1, 2, 3 , पासपोर्ट शाखा, राजस्व अभिलेखागार, आंग्ल अभिलेखागार, राजस्व लेखा शाखा, बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन, सूखा राहत शाखा जवाहर नवोदय विद्यालय बोरई, केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग, नेहरू युवा केन्द्र, खेल विभाग दुर्ग, शिक्षा के अधिकारी कानून के अंतर्गत, अल्पबचत शाखा, जिला कोषालय , आबकारी विभाग, सचिव, रविशंकर स्टेडियम, मानस भवन, जिला जनगणना अधिकारी, सीएसआर मद शाखा, प्रभारी अधिकारी, नगरीय निकाय, शहरी विकास अभिकरण (टूडा), नोडल अधिकारी, कौशल विकास नोडल अधिकारी, कॉल सेंटर शाखा जिला कार्यालय दुर्ग, इत्यादि शाखाओं के साथ-साथ कलेक्टर द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य भी शामिल है।
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दुर्ग / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई-दिल्ली एवं छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार वर्ष 2023 की तृतीय ’’नेशनल लोक अदालत’’ जिला न्यायालय दुर्ग, परिवार न्यायालय, दुर्ग, श्रम न्यायालय दुर्ग, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) दुर्ग तथा किशोर न्याय बोर्ड, व तहसील न्यायालय भिलाई-3 , पाटन, व धमधा में आयोजित की जावेगी।
नेशनल लोक अदालत की तैयारी अपने अंतिम चरण में है, जिसके तहत आपसी राजीनामा योग्य आपराधिक मामलें, सिविल मामलें, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से संबंधित मामलें, परिवार न्यायालय में पारिवारिक विवाद के प्रकरण, श्रम न्यायालय के प्रकरण, स्थायी लोक अदालत में जनोपयोगी सेवा से संबंधित प्रकरण व राजस्व से संबंधित लगभग 4288 मामले एवं बैंक वित्तीय संस्था/विद्युत/दूरसंचार एवं नगर निगम के बकाया राशि के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये जाने के पूर्व ’’प्री-लिटिगेशन’’ प्रकरण के कुल 2900 से अधिक मामलें सुनवाई हेतु रखे गये है। वहीं संबंधित चिन्हांकित व रखे गये मामलों के नेशनल लोक अदालत की तिथि में अधिकाधिक संख्या में निराकरण किये जाने न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा नियमित रूप से पक्षकारों के मध्य प्री-सीटिंग/बैठक का आयोजन अधिक संख्या में किये जा रहे है। जिससे 09 सितंबर 2023 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में अधिकाधिक संख्या में प्रकरण निराकृत होने की संभावना है।
उक्त तिथि को आयोजित नेशनल लोक अदालत के दिवस ही जिला प्रशासन के सहयोग से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने एक दिवसीय ’’जागरूकता शिविर’’ का आयोजन भी किया जावेगा। 09 सितंबर 2023 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित कर रखे गये मामलों की सुनवाई हेतु जिला न्यायालय दुर्ग परिवार न्यायालय दुर्ग , व्यवहार न्यायालय तहसील भिलाई-3, पाटन, धमधा एवं किशोर न्याय बोर्ड , जनोपयोगी सेवा से संबंधित स्थायी लोक अदालत (जनो.से.) तथा श्रम न्यायालय के कुल 32 खण्डपीठ का गठन माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग के निर्देशानुसार गठित किया गया है। संबंधित गठित खण्डपीठ में नेशनल लोक अदालत की तिथि में प्रकरणों की सुनवाई/निराकरण पक्षकारों के मध्य सौहाद्रपूर्ण वातावरण में आपसी सहमति/राजीनामा के आधार पर किये जायेंगे। नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा के आधार पर अपने मामलों के निराकरण हेतु पक्षकार अधिक से अधिक संख्या में संबंधित गठित खण्डपीठ/न्यायालय में उपस्थित रहें और लोक अदालत के माध्यम से अपने मामलों का निराकरण कर समय एवं अन्य कठिनाइयों से बचे क्योंकि नेशनल लोक अदालत में प्रकरण के सौहाद्रपूर्ण वातावरण में पक्षकारों के मध्य विवाद का निपटारा आपसी सहमति/राजीनामा से होने के कारण उक्त निराकृत मामलों की अपील भी नहीं होती है।
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रायपुर / युवा कैरियर निर्माण योजना के तहत प्री. मेडिकल एवं प्री इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों के चयन के लिए प्राक्चयन परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। यह परीक्षा 10 सितम्बर रविवार को प्रयास बालक आवासीय विद्यालय, सड्डू, उरकुरा मार्ग, मेे आयोजित होगी। इसका समय दोपहर 12 से 2 बजे तक होगा। इसके लिए इच्छुक एवं पात्र अभ्यर्थियो से जिला स्तर पर आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया है। परीक्षण उपरांत पात्र पाये गये अभ्यर्थियों का प्राक्चयन परीक्षा शामिल हो सकते हैं। इस संबंध में आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त ने बताया कि पात्र अभ्यर्थी विभागीय वेबसाईट www.tribal.cg.gov.in से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर अपना रोल नंबर, स्वंय सत्यापित फोटो तथा संपूर्ण विवरण भरकर स्वंय परीक्षा केन्द्र पर लावें।
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खिलाडियों ने परंपरागत खेल में खो- खो, कबड्डी इत्यादि मे दिखाई प्रतिभा
रायपुर / रायपुर जिले में जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ 04 सितम्बर से हुआ, जो 06 सितम्बर तक चलेगा। पहले दिन विभिन्न आयु वर्ग के खिलाड़ी ने खो-खो, पिट्ठूल, रस्साकसी, रस्सीकूद, कबड्डी फुगड़ी, संखली जैसे सहित अन्य खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाई।
यह आयोजन बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम, छात्रपति शिवाजी आउटडोर स्टेडियम, नेेताजी सुभाष स्टेडियम, स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में हो रहा है। इस खेल प्रतियोगिता में कबड्डी, फुगड़ी, बिल्लस, भौरा, रस्सीकूद, संखली, कुश्ती, बंाटी, पिट्ठूल, खो-खो, गिल्ली डंडा, रस्साकसी इत्यादि खेल जिनमें 18 से कम, 18 से 40 और 40 से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ी शामिल हो रहे है।
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जनचौपाल में आए 42 आवेदन
रायपुर / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे द्वारा लगाए गए जन चौपाल में 42 आवेदन प्राप्त हुए। यह कलेक्टोरेट परिसर स्थित कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित हुई। इसमें गांव विद्युतीकरण, आदर्श पाठशाला में अहाता निर्माण सहित अन्य आवेदन शामिल थे। डॉ भुरे ने जनचौपाल में पहुंचे आमजनों से उनकी समस्याओं से संबंधित आवेदन प्राप्त किए एवं नियमानुसार त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। जनचौपाल में बिपिन बिहारी वार्ड-64 के निवासियों ने बताया कि उनके वार्ड में शासकीय उचित मूल्य की एक ही दुकान है। जिसके कारण वहां कार्डधारियों को एक ही दुकान में पर निर्भर है। उन्हें घंटो अपने कार्य को बाधित कर लम्बी लाईन लगानी पडती है। उन्होंने वार्ड में एक अन्य शासकीय उचित मूल्य की नई दुकान खुलवाने आग्रह किया।
राजधानी के रमण मंदिर वार्ड क्रमांक-14 निवासी अमर दास टंडन ने बताया कि अमृत मिशन नल जल योजना के तहत खुदाई करने पश्चात सड़क की मरम्मत नही की गई है जिसके कारण उन्हें आने जाने में परेशानी हो रही है। श्री सुरेश दीवान ने ग्राम अकोली में विद्युत संबंधी विभिन्न कार्य कराने और सोलर एलईडी को सुधरवाने, गोबरा नवापारा निवासी श्रीमती चमेली सिंह ने टू-जी टाईप शासकीय आवास का आबंटन कराने, डगनिया निवासी रेखा गावंढे़ के उनकी जमीन पर अवैध भवन निर्माण पर कार्यवाही करने का आग्रह किया। वहीं लाल बहादुर शास्त्री वार्ड निवासी श्रीमती वर्षा डेनियल ने आर्थिक सहायता एवं रोजगार उपलब्ध कराने आवेदन दिया।
इसी प्रकार सुश्री अलीसा लालानी ने परिवर्तित भूमि का रिकार्ड ऑनलाईन दुरूस्त कराने, ग्राम हिरमी निवासी गणेश राम साहू ने नक्शा दुरूस्तीकरण करवाने आग्रह किया। साथ ही ग्राम पंचायत भंडहा निवासी जानकी ध्रुव द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनवाने आवेदन दिया। वहीं खरोरा निवासी कमल बांधे ने इंदिरा आवास योजना के तहत बने मकान में पटवारी कार्यालय संचालित करने की शिकायत की। ग्राम पंचायत कुर्रा के सरपंच श्री रविशंकर वर्मा ने आदर्श प्रा.शाला के छत की मरम्मत एवं स्कूल परिसर में खेल ग्राउंड की अपूर्ण अहाता को पूर्ण करने का आग्रह किया। - रायपुर /मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक में शासन के सभी विभागों के भारसाधक सचिव मौजूद थे। बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट मुलाकात तथा विशेष अवसरों पर जिलों के दौरे के दौरान की गई विभिन्न घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले मौजूद थी।बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई ज्यादातर घोषणायें पूर्ण की जा चुकी हैं। शेष रही घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। मुख्य सचिव ने राज्य शासन के विभागीय सचिवों को निर्देश दिए है कि वे विभागीय स्तर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करें। उन्होंने कहा है कि शीघ्र ही बजट में शामिल की गई सभी स्वीकृत योजनाओं के अंतर्गत निर्माण कार्यों के भूमि पूजन एवं लोकार्पण के कार्यों की तैयारी कर ले। मुख्य सचिव ने बैठक में विभिन्न विभागों के न्यायालयीन प्रकरणों के आदेशों के पालन की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को माननीय न्यायालय के प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित इस बैठक में प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, वित्त विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री डी.डी.सिंह, राजस्व विभाग के सचिव श्री एन.एन.एक्का, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन, नगरीय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव डॉ. अयाज तम्बोली सहित राज्य शासन के अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले में संत विनोबा भावे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, मर्रा (पाटन) के नवनिर्मित भवनो का लोकर्पण करेंगे। यह महाविद्यालय 11.76 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इस मौके पर श्री बघेल बृहद कृषक सम्मेलन में भी शामिल होंगे। साथ ही शिक्षकों को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू करेंगे। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रवीद्र चौबे विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।संत विनोबा भावे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, मर्रा (पाटन) को लगभग 87 एकड़ भूमि में बनाया गया है। यहां कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान हेतु नवीन महाविद्यालय भवन समस्त शैक्षणिक सुविधावों से सुसज्जित है। जिसकी लागत लगभग 5 करोड़ 25 लाख रुपये है। यहाँ पर कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान कार्य हेतु स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई एवं इंटरनेट सम्मुनत प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय, खेलकूद, एन.एस.एस., पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति आदि कि सुविधाएं उपलब्ध हैं। कृषि क्षेत्र में अनुसंधान हेतु 72 एकड़ में कृषि प्रक्षेत्र का विकास किया गया है, जहां हाइ-टेक नर्सरी का निर्माण किया गया है, जिसकी लागत लगभग एक करोड़ रुपये है।महाविद्यालय परिसर में टिशू-कल्चर प्रयोगशाला का निर्माण लगभग 2.50 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है। यहां टिशू-कल्चर के माध्यम से केला, गन्ना, बांस, गुलाब एवं अन्य पौधों तैयार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ मंडी बोर्ड के सहयोग से बीज भंडार गृह इम्प्लीमेंट शेड एवं कृषक प्रशिक्षण हेतु कृषक विश्राम गृह का निर्माण लगभग 2.37 करोड़ रूपए में किया गया है, 200 मेट्रिक टन क्षमता वाले 3 खाद गोदामों का भी निर्माण 32.93 लाख रूपए कि लागत से किया गया हैं।कार्यक्रम में जिला पंचायत दुर्ग श्री अशोक साहू, सदस्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड श्री कौशल चंद्राकार, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी, दुर्ग श्री अश्वनी साहू, कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कुलपति इन्दिरा गांधी कृषि विश्ववविद्यालय रायपुर डॉ. गिरीश चंदेल, निदेशक, विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, निदेशक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक त्रिपाठी, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ओ. पी. परगनिहा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
- रायपुर, /स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने के पहले एक महान शिक्षक थे, इसलिए उनका जन्मदिन पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन हमारे देश के शिक्षकों के प्रति सम्मान करने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाना गौरव की बात है।स्कूल शिक्षा मंत्री चौबे ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और भविष्य को उज्जवल बनाने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान का प्रकाश करने के साथ जीवन को नई दिशा भी देते हैं। उन्होंने शिक्षकों से आव्हान किया कि शिक्षकीय पद की गरिमा को बनाए रखने के लिए शिक्षक निरंतर प्रयास करते रहें और शिक्षक की गुणवत्ता को बनाए रखें। उन्होंने 5 सितंबर को राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर तथा विभिन्न स्तर पर सम्मानित होने वाले समस्त शिक्षकों को विशेष रूप से बधाई दी है।
- -खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान खरीदी के तैयारियों की ली जानकारीरायपुर / खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ और छत्तीसगढ़ राज्य भंडार गृह निगम के कार्यों और गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा बैठक ली। मंत्री श्री भगत ने नवीन धान खरीदी केंद्रों, पीडीएस दुकानों के आबंटन, पीडीएस दुकानों में चावल की उपलब्धता, नमक, गुड़, चना के संग्रहण की अद्यतन स्थिति कस्टम मिलिंग, बारदानों की उपलब्धता सहित विभिन्न विषयों पर अधिकारियों से चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए।खाद्य मंत्री श्री भगत ने अधिकारियों से नवीन धान खरीदी केन्द्रों के लिए जिलेवार प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी ली। उन्होंने पीडीएस दुकानों के आबंटन तथा दुकानों में पीओएस मशीन लगाने में आ रही दिक्कतों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। मंत्री ने किसान पोर्टल में पंजीयन, खाद्य विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों पर भर्ती, नवीन खाद्य निरीक्षकों की पदस्थापना के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर उचित कार्यवाही करने को कहा। नागरिक आपूर्ति निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री भगत ने नमक, गुड़, चना के संग्रहण और पीडीएस हेतु चावल की उपलब्धता की जानकारी लेकर मांग व आपूर्ति के अनुरूप भण्डारण सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के कार्यों की समीक्षा करते हुए लंबित कस्टम मिलिंग के जिलेवार भुगतान राशि के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।मंत्री श्री भगत ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान खरीदी के तैयारियों की समीक्षा करते हुए नये पुराने बारदानों की उपलब्धता, धान खरीदी केन्द्रों के भौतिक सत्यापन की स्थिति के बारे में चर्चा की और इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री भगत ने बैठक छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि नवनिर्मित गोदामों का संयुक्त टीम बनाकर निरीक्षण करें और वहां आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने फूड टेस्टिंग लैब के संबंध में अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली।इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री धर्मेश साहू, एमडी मार्कफेड श्री मनोज सोनी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
- रायपुर /शिक्षक सीधी भर्ती - 2023 में व्याख्याता पद के अभ्यर्थियों के द्वितीय चरण की ऑनलाईन काउंसिलिंग 9 अगस्त से 15 अगस्त तक की गई थी। ऑनलाईन काउंसलिंग में शामिल अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन 8 सितम्बर को लोक शिक्षण संचालनालय खण्ड-3, प्रथम तल इन्द्रावती भवन, अटल नगर नवा रायपुर में प्रातः 11 बजे से किया जाएगा।
- -मिलेट मिशन की तर्ज पर तिलहन मिशन शुरू करने की जरूरत : डॉ. चंदेल-कृषि विश्वविद्यालय में तिलहनी फसलों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित-5 एवं 6 सितम्बर को अलसी तथा कुसुम फसलों पर दो दिवसीय वार्षिक कार्यशाला का होगा आयोजनरायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद एवं इंडियन सोसायटी ऑफ आइलसीड रिसर्च, हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आज यहां ‘‘तिलहनी फसलों हेतु जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धन’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषि महाविद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित इस संगोष्ठी का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने किया तथा अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। इस अवसर पर संचालक कृषि एवं पशु चिकित्सा, श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक (तिलहन एवं दलहन) डॉ. संजीव गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर में तिलहनी फसलों पर शोध कार्य करने वाले वैज्ञानिक शामिल हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ में उत्पादित होने वाली प्रमुख तिलहनी फसलों जैसे अलसी, सोयाबीन, कुसुम, रामतिल, तिल सरसों, मूंगफली, अरंडी आदि पर विशेषज्ञों द्वारा शोध पत्र भी प्रस्तुत किये गए। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तिलहन फसलों पर प्रकाशित नवीन प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में हमारा देश तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है और हमें बड़ी मात्रा में विदेशों से तेल का आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में तिलहन फसलों का रकबा लगभग साढे़ पांच लाख हैक्टेयर तथा औसत उत्पादकता लगभग 7 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है, जिसे बढा़ये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षां में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां बढ़ने के कारण आज फसलों की ऐसी नई किस्में विकसित करने की जरूरत है जो जलवायु परिवर्तन से कम प्रभावित होती हों और बदलती परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन देने में सक्षम हों। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जलवायु अनुकूल नवीन किस्में तथा इनकी मूल्य संवर्धन प्रौद्योगिकी विकसित करने का आव्हान किया। डॉ. सिंह ने कहा कि मिलेट मिशन शुरू होने के बाद छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों के उत्पादन में 85 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य सरकार तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा कार्यशाला की सफलता हेतु शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन अनुकूल प्रौद्योगिकी तथा फसलों के मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय काफी कार्य कर रहा है और इसमें राज्य सरकार की ओर से भी अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अलसी, सोयाबीन, कुसुम, सरसों, राम तिल आदि तिलहनी फसलों की 28 उन्नत किस्में विकसित की गई हैं। विश्वविद्यालय द्वारा स्पीड ब्रीडिंग कार्यक्रम के माध्यम से नवीन किस्मों के विकास की अवधि को कम करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि तिलहनी फसलों के मूल्य संवर्धन की प्रौद्योगिकी अपनाते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अलसी के रेशे से कपडे़ व अन्य सामग्री का निर्माण, कुसुम बीजों से तेल निष्कर्षण तकनीक एवं इसकी पंखुडियों से चाय बनाने की तकनीक विकसित की गई है। डॉ. चंदेल ने तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन की तर्ज पर तिलहन मिशन प्रारंभ करने की आवश्यकता जताई।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक (दलहन एवं तिलहन) डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नीति अयोग के साथ मिलकर भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ सन् 2047 तक देश को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की कार्ययोजना पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में प्रति वर्ष लगभग पौने दो लाख करोड़ रूपये मूल्य के तेल का आयात करना पड़ रहा है, जिसे अगले 25 वर्षां में समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि तिलहन उत्पादन के लिए संचालित ‘‘पीली क्रांति’’ के पूर्व देश की आवश्यकता के 30 प्रतिशत तिलहन का आयात होता था जो आज घटकर केवल 5 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि आज भारत में अनाज का उत्पादन आवश्यकता से अधिक हो रहा है और दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भी देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि देश में तिलहनी फसलों को 85 प्रतिशत रकबा वर्षा पर आश्रित है और विभिन्न राज्यों के मध्य उत्पादकता में काफी अन्तर है। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए समुचित रणनीति एवं समन्वय के द्वारा कृषि में यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने तथा आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस जैसी नवाचारी तकनीक अपनाने पर जोर दिया। संगोष्ठी को संचालक कृषि श्रीमती चंदन त्रिपाठी, भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक डॉ. आर.के. माथुर ने भी संबोधित किया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने विषय प्रतिपादन करते हुए संगोष्ठी के आयोजन की आवश्यकता तथा इसकी रूप-रेखा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय में तिलहन फसलों पर किये जा रहे अनुसंधान के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार डॉ. अजय वर्मा, निदेशक प्रक्षेत्र एंव बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. दवे सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि तिलहन फसलों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ ही 5 एवं 6 सितम्बर को अलसी तथा कुसुम फसलों पर दो दिवसीय वार्षिक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा देश भर में संचालित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं (अलसी) के 14 अनुसंधान केन्द्रों तथा अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं (कुसुम) के 8 अनुसंधान केन्द्रों के कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे। वार्षिक कार्यशाला के दौरान देश में अलसी तथा कुसुम फसलों पर विगत वर्षां में किये गये अनुसंधान कार्यां की समीक्षा की जाएगी तथा आगामी वर्ष में किये जाने वाले अनुसंधान की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस दौरान इन फसलों के मूल्य संवर्धन पर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें अलसी के रेशे से कपडे़ व अन्य सामग्री का निर्माण, कुसुम बीजों से तेल निष्कर्षण तकनीक एवं इसकी पंखुडियों से चाय बनाने का जीवंत प्रदर्शन भी विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा।











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