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- -जिला स्तरीय संयुक्त टीम द्वारा बिरकोनी में आकस्मिक निरीक्षणमहासमुंद / औद्योगिक कारखानों के निरीक्षण के लिए जिला स्तरीय गठित संयुक्त टीम द्वारा प्लोटेक्स सोलर प्राइवेट लिमिटेड बिरकोनी पहुंचकर जांच किया गया। निरीक्षण के दौरान श्री शशिकांत सिंह प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र महासमुंद, श्री डी०एन० पात्र श्रम पदाधिकारी श्रम विभाग, श्री राम कुमार ध्रुव जिला परिवहन अधिकारी, श्री सिद्धार्थ दुबे निरीक्षक, विधिक माप विज्ञान विभाग उपस्थित रहे।परिवहन विभाग द्वारा जांच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के द्वारा जांच किया गया, जिसमें कारखाना में किसी प्रकार की कमियां नही पाई गई। विधिक माप विज्ञान विभाग की जांच में उक्त संस्थान में उपयोग किए जा रहे गैर स्वचालित तौल उपकरणों के सत्यापन के संबंध में नोटिस जारी किया जा रहा है। श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के अन्तर्गत जांच/निरीक्षण किया गया। ओवर टाईम के संबंध में प्रबंधन द्वारा जानकारी प्रस्तुत नहीं करने पर कारण बताओं सूचना पत्र प्रेषित किया जाएगा। 03 ठेकेदार कार्यरत पाया गया, जिनके द्वारा संविदा श्रमिक अधिनियम, 1970 अंतर्गत लाइसेंस नहीं लिया गया है। तत्संबंध में प्रबंधन एवं ठेकेदार को नोटिस जारी किया जा रहा है। इसी तरह मेसर्स सेवियो बायो ऑर्गेनिक एंड फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड बिरकोनी का निरीक्षण किया गया। जिसमें श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के अन्तर्गत जांच / निरीक्षण किया गया। ओवर टाईम के संबंध में प्रबंधन द्वारा जानकारी प्रस्तुत नहीं करने पर कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 अंतर्गत प्रमुख नियोजक का अनुज्ञप्ति नही लिया जाना पाया गया। जिसके संबंध में प्रबंधन एवं ठेकेदार को नोटिस जारी किया जा रहा है।
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-छात्र-छात्राएं लगाएंगे विज्ञान प्रदर्शनी, शिक्षकों का होगा सम्मान
बिलासपुर /छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सभी विभागों के साथ-साथ जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। इसी क्रम में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों का सम्मान एवं 6 सितम्बर को विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों का प्रदर्शन किया जाएगा। 7 सितम्बर को स्कूलों में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय टाण्डे ने बताया कि विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के द्वारा राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष समारोह का आयोजन उत्साह पूर्ण वातावरण में बनाया जा रहा है। समग्र शिक्षा के सहायक जिला परियोजना अधिकारी श्री रामेश्वर जायसवाल के द्वारा बताया गया कि रजत जयंती वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम जिले के सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित किये जा रहे हैं तथा कार्यक्रम का संकुल शैक्षिक समन्वयकों, संकुल प्राचार्याें तथा अधिकारियों द्वारा सतत् मॉनिटरिंग की जा रही है। - बिलासपुर, /छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग का एक उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष खरीफ मौसम में कृषकों को बीज उत्पादन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्रदान कर अन्य किसानों की तुलना में प्रति एकड़ अधिक लाभ कमाने का मौका देता आ रहा है लेकिन इसकी जानकारी कुछ ही किसानों को होती है। पूर्व में बीज उत्पादन कार्यक्रम खरीफ की पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त .2025 निर्धारित की गई थी जिसमें शासन द्वारा किसानों के हित में बढ़ोत्तरी करते हुए पंजीयन की तिथि 15 सितम्बर 2025 तक बढ़ाई गई है। किसानो को अधिक लाभ पहुँचाने की दृष्टि से तथा जिले को बीज उत्पादन कार्यक्रम में आत्म निर्भर बनाने हेतु विभाग के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर किसानों को जागरूक करने का कार्य तथा बीज उत्पादन कार्यक्रम में पंजीयन कराने हेतु लगातार क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियांे एवं बीज प्रक्रिया केन्द्र सेन्दरी के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है।प्रमाणित बीज के उपयोग से पुराने बीज की तुलना में 10 से 15% अधिक उपज प्राप्त होता है. फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित बीज के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है। प्रदेश के किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार किस्मों का प्रमाणित बीज मुहैया कराने के लिए बीज निगम बीज उत्पादन कार्यक्रम आयोजित करता है। जिन किसानों के पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक जमीन है वो छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में मामूली शुल्क देकर अपना पंजीयन करा सकते है। इसके लिए आपको अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी तथा जिले के कार्यालय उप संचालक कृषि एवं बीज प्रकिया केंद्र में संपर्क करना होगा। बीज उत्पादन कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों द्वारा दी जाती है। फसल कटने पर अपना बीज प्रक्रिया केंद्र में देने पर आपको एक सप्ताह में बीज की अग्रिम राशि दे दी जाती है जो कुल बीज की कीमत का लगभग 60% राशि है शेष 40% राशि बीज परीक्षण परिणाम आने पर दे दी जाती है।पिछले खरीफ में धान मोटा किस्म की किसानों से बीज खरीदी दर 3043़$800 (बोनस)=3843 रुपये प्रति क्विंटल, धान पतला किस्म-3211़+800(बोनस) = 4011 रुपये प्रति क्विंटल, सुगंधित किस्म-3644+800(बोनस)=4444 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस प्रकार, पिछले खरीफ में जिन किसानों ने बीज निगम में उत्पादन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था उन्हें शासन द्वारा निर्धारित धान की खरीदी दर 3100/- प्रति क्विंटल की तुलना में मोटे किस्म की 743 रुपये प्रति क्विंटल अर्थात 15603 रुपए प्रति एकड़ अधिक मिले मतलब 1 हेक्टर वाले किसान को लगभग 40,000 रुपये अधिक मिले।उप संचालक कृषि ने बतलाया कि इस वर्ष छ.ग. शासन कृषि विभाग द्वारा बीज उत्पादन प्रोत्साहन योजना लागू की गई है जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग के कृषकों को पंजीयन कराने हेतु शत्प्रतिशत् अनुदान दिया जावेगा तथा पंजीयन एवं प्रमाणिकरण शुल्क नहीं लगेगा। जिले को कुल 882.50 हे. का लक्ष्य बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु प्राप्त हुआ हैं।कृषि उप संचालक श्री पीडी हथेश्वर ने जिले के सभी किसान भाईयांे से अपील है कि वे खरीफ 2025 में बीज उत्पादन कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या एवं रकबा में पंजीयन करावें साथ ही बीज उत्पादन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग के कृषकों के लिए विशेष रूप से पंजीयन एवं प्रमाणिकरण निःशुल्क किया गया है।
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बिलासपुर, /सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5 सितम्बर शुक्रवार को ईद-ए-मिलाद (मिलाद-उन-नब्बी) पर्व के लिए सार्वजनिक एवं सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। सार्वजनिक एवं सामान्य अवकाश की सूची में ईद-ए-मिलाद के लिए पूर्व में 6 सितम्बर को अवकाश घोषित किया गया था। राज्य शासन ने इसे निरस्त कर 5 सितम्बर शुक्रवार को सामान्य एवं सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। 6 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर ऐच्छिक अवकाश यथावत रहने के आदेश जारी किए गए है।
- -12 सितम्बर तक दावा आपत्ति आमंत्रितबिलासपुर, /मुख्य कार्यपालन अधिकारी चिप्स स्टेट डाटा सेण्टर सिविल लाइन्स रायपुर के निर्देशानुसार जिले के 34 शासकीय स्थानों पर आधार पंजीयन केन्द्रों का संचालन किया जाना है। जिला ई-गवर्नेस सोसाइटी बिलासपुर द्वारा जिला कलेक्ट्रेट, नगर निगम, जिला पंचायत, तहसील, एसडीएम ऑफिस, जनपद पंचायत, नगर पालिका पंचायत, नगर पंचायत कार्यालय में कुल किट संख्या 34 हेतु आधार कार्य करने के लिए बंद लिफाफे में कार्यालय कलेक्टर जिला ई गवर्नेंस सोसाइटी बिलासपुर में 21 जुलाई तक मंगाए गए थे। निर्धारित अवधि में कुल 90 आवेदन प्राप्त हुए थे। जांच में 49 आवेदन पात्र और 41 आवेदन अपात्र पाये गए। प्राप्त आवेदन की पात्र एवं अपात्र सूची प्रकाशित कर दावा आपत्ति 12 सितम्बर 2025 तक मंगाये गये है। पात्र-अपात्र सूची एवं दावा आपत्ति की जानकारी का अवलोकन हेतु जिला ई गवर्नेंस सोसाइटी कार्यालय में चस्पा कर दी गई है तथा जिले की वेबसाइट https://bilaspur.gov.in/ में भी देखी जा सकती है। चयन प्रक्रिया पूर्ण होने उपरान्त चयनित आधार केंद्र संचालक को एक लाख पचास हजार रूपए का सेक्यूरिटी डिपोजिट कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी बिलासपुर के नाम से डीडी के रूप में जमा करना होगा एवं जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी बिलासपुर के साथ हस्ताक्षरित अनुबंध करना होगा।
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बिलासपुर /चयनित नगर सैनिकों के ज्वाइनिंग देने का सिलसिला जारी है। जिला सेनानी कार्यालय में अब तक 50 सैनिकों ने आमद दे दी है। जिला सेनानी दीपांकुर नाथ ने बताया कि बिलासपुर जिले के लिए कुल 75 नगर सैनिकों की भर्तियां की गई है। बचे हुए 25 सैनिक 10 सितम्बर तक ज्वाइनिंग दे सकते है। उन्हें अपने साथ जरूरी सभी मूल दस्तावेज तथा 2 सेट में इनकी स्व-प्रमाणित छायाप्रति एवं पासपोर्ट साईज 3 नग रंगीन फोटो के साथ आना होगा। निर्धारित तिथि के बाद ज्वाइनिंग का अवसर नहीं मिलेगा।
- बिलासपुर /छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) की स्वशासी समिति की तृतीय बैठक संभागायुक्त सह अध्यक्ष श्री सुनील जैन एवं कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की गरिमामय उपस्थिति में सिम्स के नवीन कौंसिल कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में सिम्स अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए एवं कई प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया गया।बैठक में एजेण्डा के अनुरूप विचार - विमर्श के बाद परीक्षा हॉल में मेटल डिटेक्टर, चिकित्सालय मुख्य द्वार निर्माण व ई-आफिस के संचालन एवं क्रियान्वयन कार्य हेतु नवीन कम्प्युटर सिस्टम् मय मल्टीफक्शन प्रिन्टर सहित आवश्यक स्टेशनरी छपाई एवं सेन्ट्रल लैब व वार्ड हेतु गैर कार्यालयीन व कार्यालयीन फर्निचर सामग्री के लिये 45 लाख रूपए की राशि का अनुमोदन किया गया। साथ ही महाविद्यालय व चिकित्सालय के सूचना प्रौद्योगिकीय कार्यों का उन्नयन हेतु समिति गठित कर समीक्षा किये जाने निर्देश दिये गये। संस्थान में रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण रेडियोलॉजिकल रिर्पाेट त्वरित रूप से तैयार करने प्रथम 02 माह के लिये निजी संस्थान के रेडियोलॉजिस्ट से आई.आर.आई.ए. दर से कमतर दर पर इच्छुक रेडियोलॉजिस्ट से कराया जाकर समीक्षा करने निर्देशित किया गया। साथ ही जाँच रिर्पाेट को मरीज व मरीज के परिजन को मोबाईल पर उपलब्ध कराने सुविधा प्रारंभ करने निर्देश दिया गया। पूर्व की बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन की जानकारी भी दी गई।बैठक में डॉ. रमणेश मूर्ति, अधिष्ठाता सिम्स, डॉ. बी.पी. सिंह, अधीक्षक, सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, डॉ. लखन सिंह, चिकित्सा अधीक्षक सिम्स,डॉ. भूपेन्द्र कश्यप, डॉ. हेमलता ठाकुर डॉ. चंद्रहास ध्रुव, नोडल, राज्य कैंसर सस्थान, डॉ. आराध्या, डिप्टी कमिशनर, श्री आर. के राय, कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग, श्री सी.एस. विध्यराज कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग भ/स, श्री अखिलेश तिवारी, अधीक्षण अभियंता, सी जी एम एस.सी. श्री राजेन्द्र प्रसाद, कार्यपालन अभियंता, सी.जी.एम.एस.सी. सुश्री सना परवीन, जिला प्रभारी, क्रेड़ा व सुश्री इंदू बघेल प्रशासकीय अधिकारी (वित्त) सिम्स उपस्थित थे।
- -व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में हुए गड़बड़ी की होगी पुलिस से जांच-भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं: शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव-शिक्षा की गुणवत्ता सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री श्री यादवरायपुर। स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों की विस्तृत समीक्षा बैठक ली। बैठक में राज्य में संचालित शैक्षणिक योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा की गई। मंत्री श्री यादव ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिए सभी अधिकारियों को गंभीरता और जिम्मेदारी से कार्य करना होगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों में वृद्धि तथा आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।मंत्री श्री यादव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसमें ढिलाई, भ्रष्टाचार और गैर-जिम्मेदारी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। बैठक में समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में सबसे अधिक शिकायतें आने पर मंत्री ने नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में किसी भी प्रकार का लेन-देन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर कठोर कार्यवाही होगी। गड़बड़ी की पुलिस से जांच कराने के निर्देश दिए।मंत्री श्री यादव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। विद्यार्थियों को वितरित की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता सर्वाेच्च स्तर की होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि घटिया या निकृष्ट सामग्री देने वाले आपूर्तिकर्ताओं को काली सूची में डाला जाए। उन्होंने वित्तीय अनुशासन पर बल देते हुए कहा कि बजट का समुचित एवं समय पर उपयोग किया जाए और उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को समय पर भेजा जाए, ताकि अनुदान की आगामी किश्त समय पर राज्य को प्राप्त हो सके।बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री संजय झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से योजनाओं व गतिविधियों की जानकारी दी। मंत्री श्री यादव ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नवाचार और तकनीकी उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कक्षाएँ, डिजिटल अधिगम, विज्ञान प्रयोगशालाएँ और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं का अधिकतम उपयोग किया जाए ताकि विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा पद्धति से लाभान्वित हो सकें। साथ ही उन्होंने ऑनलाइन पाठ्यक्रम, डिजिटल अध्ययन सामग्री और शैक्षणिक अनुप्रयोगों के उपयोग से शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करने के निर्देश दिए।बैठक में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों में शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ-साथ व्यावसायिक कौशलों के विकास, उन्हें रोजगार उन्मुख बनाने, समावेशी शिक्षा, बलवाड़ी, खेल एवं शारीरिक शिक्षा, वार्षिक शाला अनुदान, निपुण भारत मिशन, शाला त्यागी बच्चों की पुनर्वापसी, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, प्रधानमंत्री विद्यालय, विद्या समीक्षा केंद्र, मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान और रजत जयंती समारोह से जुड़ी गतिविधियों की भी विस्तृत समीक्षा की गई।मंत्री श्री यादव ने छात्रावासों, कन्या छात्रावासों और पोटा केबिनों में सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। हाल ही में पाकेला (छिंदगढ़ विकासखण्ड) के पोटा केबिन में भोजन में ज़हरीला पदार्थ मिलाने की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएँ शासन की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाती हैं। अतः जिम्मेदारी और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- -संपत्ति करों के युक्तियुक्तकरण के लिए उप मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों की ली बैठक-वार्षिक भाड़ा मूल्य को संपत्ति के वर्तमान मूल्यों के अनुरूप अपडेट करने के दिए निर्देश-महापौर, आयुक्त, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष तथा सीएमओ वर्चुअल बैठक में हुए शामिलरायपुर।, उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज नगरीय निकायों में संपत्ति करों के युक्तियुक्तकरण के लिए बैठक ली। मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित वर्चुअल बैठक में राज्य के सभी नगर निगमों के महापौर व आयुक्त तथा नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक श्री आर. एक्का भी मंत्रालय से बैठक में ऑनलाइन जुड़े।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि नगरीय निकायों के कार्यों से प्रदेश की छवि निर्मित होती है। शहर में नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराना संबंधित नगरीय निकाय की जिम्मेदारी है। उन्होंने महापौरों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों से कहा कि शहर को आगे ले जाने का जिम्मा आप पर है। शहर में संपत्ति करों के मूल्यांकन और उनमें सुधार की शुरुआत अपने कार्यालयों और अपने घरों से करें। उन्होंने कहा कि वार्षिक भाड़ा मूल्य (ARV) को वर्तमान संपत्ति मूल्यों के अनुरूप अपडेट करने से राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होगी। इससे कर भार सभी संपत्ति मालिकों पर समानुपातिक रूप से वितरित होगा। उन्होंने कहा कि अधिक राजस्व से निकाय वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे और उन्हें अनुदानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बढ़े हुए राजस्व से नागरिकों को तेजी से बेहतर जनसुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नगरीय निकायों से कहा कि राज्य शासन की मंशा ई-गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से नागरिकों को पारदर्शी और सुगम सेवाएं प्रदान करने की है। यह शहरों के चहुंमुखी विकास और त्वरित नागरिक सेवाओं के लिए जरूरी है। इससे साफ-सफाई, पानी और बिजली आपूर्ति की व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी। श्री साव ने बताया कि वर्ष 2016 के बाद से संपत्ति कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके चलते कई नगरीय निकायों में विसंगतियां उत्पन्न हो गई हैं। उन्होंने सभी महापौरों और अध्यक्षों से संपत्ति करों में सुधार के कार्यों को पूरी शिद्दत और गंभीरता से करने का आग्रह किया।श्री साव ने बैठक में नगरीय निकायों को अटल परिसरों और नालंदा परिसरों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने को कहा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को रोज प्रातः भ्रमण कर निर्माण और साफ-सफाई के कार्यों का निरीक्षण करने को भी कहा। उन्होंने निविदा प्रक्रिया में त्रुटि या लापरवाही पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। नगरीय प्रशासन विभाग की उप सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य भी बैठक में मौजूद थे।
- -तत्काल मुआवजा और सहायता से मिली बड़ी राहतरायपुर । बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अपने विदेश दौरे से लौट कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा पहुंचकर संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत और बचाव कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये थे। अब मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर तेजी अमल किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ित नागरिकों को जहां एक ओर राशन, ईलाज और दवाईयां के साथ-साथ गैस चुल्हे और सिंलेण्डर दिये गये हैं वहीं राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की उपयोगी सभी व्यवस्थाएं भी की गई है। अब बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान का वास्तविक आंकलन और अन्य जरूरी सहायता तथा मुआवजा देने की कार्यवाही पर भी तेजी से अमल किया जा रहा है। बाढ़ के पानी में खराब या नष्ट हो गये जरूरी दस्तावेजों को बनाने का काम भी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया हैं। बाढ़ की इस भीषण आपदा में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य और सहायता-मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के लोहन्डीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके।स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण श्री मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला आधिकारियों की इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। जो यह दर्शाता है कि आपदा की घड़ी में सरकार न सिर्फ राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलती है।
- -कामयाबी के नए शिखर पर छत्तीसगढ़ का कृषि विश्वविद्यालय-एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में स्थान प्राप्त करने वाला राज्य का एकमात्र विश्वविद्यालय-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने दी बधाई और शुभकामनाएंरायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के नेतृत्व में कृषि शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर कामयाबी का परचम फहराते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग हेतु नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ.) द्वारा वर्ष 2024-25 हेतु जारी टॉप 40 संस्थानों में जगह बनाई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में संचालित 173 उच्च शिक्षा संस्थानों हेतु जारी एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में 28वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस प्रकार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने एक वर्ष की अवधि में एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में 11 पायदानों की छलांग लगाई है। वर्ष 2023-24 में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में 39वां स्थान प्राप्त हुआ था। छत्तीसगढ़ राज्य से एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में स्थान प्राप्त करने वाला एक मात्र विश्वविद्यालय है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं महाराष्ट्र जैसे बड़े एवं विकसित राज्यों से किसी भी कृषि विश्वविद्यालय को एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में जगह नहीं मिली है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है।इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने इस उपलब्धि के लिए सभी प्रशासनिक अधिकारियों, प्राध्यापकों, कृषि वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि देश भर के 173 कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि शिक्षा संस्थानों में 28वां स्थान हासिल करना गर्व का विषय है। डॉ. चंदेल ने बताया कि विश्वविद्यालय को यह रैंकिंग पिछले तीन वर्षों में किये गये कार्यां एवं उपलब्धियों के आधार पर मिली है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले दो वर्षों में शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय प्रयासों तथा अधोसंरचना विकास के लिए किये जा रहे कार्यां को देखते हुए आगामी वर्ष विश्वविद्यालय की एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग में और भी सुधार होगा तथा जल्द ही हम देश के टॉप 10 विश्वविद्यालयों में स्थान बनाने में सफल होंगे।डॉ. चंदेल ने बताया कि एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग हेतु निर्धारित मापदण्ड़ों जैसे अधोसंरचना विकास (महाविद्यालय भवन, छात्रावास, लाईब्रेरी, सभागृह आदि) छात्र सुविधाएं, छात्र शिक्षक अनुपात, अनुसंधान कार्य, शोध पत्र प्रकाशन, पेटेन्ट, नवाचार, उद्यमिता विकास आदि सभी क्षेत्रों में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय कार्य किया है जिसका लाभ आने वाले वर्षां में जारी रैंकिंग में मिलेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन का कार्य वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ किया जा चुका है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित 28 शासकीय कृषि, कृषि अभियांत्रिकी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण हो चुका है अथवा प्रगति पर है। सभी महाविद्यालयें में छात्रावास, लाइब्रेरी, सभागृह उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। लगभग 500 नवीन प्रौद्योगिकी, उत्पादों एवं पौध किस्मों के पेटेन्ट प्राप्त हो चुके हैं। विश्वविद्यालय द्वारा विगत तीन वर्षों में 13 फसलों की 22 नवीन उन्नत किस्में विकसित की गई हैं, 91 नवीन प्रौद्योगिकी अधिसूचित की गई है, 46 उत्पादन प्रौद्योगिकी विकसित की गई है तथा 45 नवीन कृषि यंत्र विकसित किये गये हैं। कृषिविश्वविद्यालय को चार अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ केन्द्र का पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।विश्वविद्यालय द्वारा नवीन कृषि अनुसंधान हेतु विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय संस्थानों के साथ 70 से अधिक समझौते भी किये गये हैं। विश्वविद्यालय के प्रयासों से नगरी दुबराज एवं बांसाझाल जीरा फूल चावल को जी.आई. टैग प्राप्त हो चुका है। राज्य शासन द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविंद्यालय के विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को अन्तर्राश्ट्रीय संस्थानों में अध्ययन एवं अनुसंधान हेतु 1 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई है जिससे यहां के विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को विश्व स्तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि शोध पत्र, तकनीकी प्रकाशन एवं कृषकोपयोगी प्रकाशनों हेतु विश्वविद्यालय द्वारा 25 लाख रूपये का बजट स्वीकृत किया गया है जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। डॉ. चंदेल ने बताया कि उन क्षेत्रों को भी चिन्हित कर लिया गया है जहां हम पीछे रह गये और आगामी वर्षों में इन क्षेत्रों में भी आगे बढ़ने का प्रयास किया जायेगा।
- -विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करें : उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मारायपुर।, उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करें, ताकि वे देश और दुनिया में अपनी पहचान बना सकें और विश्वविद्यालय का नाम गौरवान्वित कर सकें। मंत्री श्री वर्मा आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में विद्यार्थियों का ड्रॉपआउट नहीं होना चाहिए, इसके लिए विश्वविद्यालयों को कड़ी निगरानी रखनी होगी और विद्यार्थियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि परीक्षा का टाइम-टेबल पहले से तय करें ताकि परीक्षाएं समय पर आयोजित हो सकें।बैठक में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों पर चर्चा की गई। श्री वर्मा ने विश्वविद्यालयों से अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं के कोर्स और नई शैक्षणिक योजनाओं को आगे बढ़ाने का भी आह्वान किया। विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक एवं नॉन-शैक्षणिक पदों की स्थिति, स्वीकृत पद, कार्यरत प्राध्यापकों की संख्या तथा पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रस्तुत की गई। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने अवगत कराया कि सभी पाठ्यक्रम यूजीसी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप निर्धारित होंगे। कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध कॉलेजों की स्थिति का प्रस्तुतीकरण भी दिया। इस अवसर पर प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
- -पीएम जनमन योजना के तहत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार विशेष पिछड़ी जनजातियों में बुनियादी सुविधाओं के लिए किये जा रहे नवाचारी कार्यरायपुर । मुट्ठी से जिस तरह कोई जुगनू निकल पड़े, देखा उसे तो आंख से आंसू निकल पड़े। पहाड़ी कोरवा बस्तियों की नई पीढ़ी के बच्चे जुगनुओं की तरह उम्मीद की रौशनी से जगमगा रहे हैं। पीएम जनमन योजना के तहत बना जशपुर जिले के ग्राम दर्रीपारा कुटमा का आंगनबाड़ी केंद्र महानगरों के प्ले स्कूल की तरह नजर आता हैं जहां छोटे छोटे टेबल हैं, सामने एक टीवी है, जहां गुलजार का गीत लकड़ी की काठी चल रहा है खेल-खेल के बहाने बच्चों का बाहरी दुनियां से सरोकार हो रहा है।यह परिवर्तन आया है, पीएम जनमन योजना से। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार पहाड़ी कोरवा बस्तियों में हरसंभव सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से यह कार्य हो रहा है। इसी के मुताबिक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में इस योजना के तहत 17 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी गई है।कुटमा की आंगनबाड़ी एक छोटे से प्ले स्कूल की तरह है जहां बहुत सारे खिलौने हैं और खेल खेल में ही शिक्षा की अलख जगाई जा रही है, बच्चों को ड्रेस प्रदान की गई है। एक बिल्कुल साफसुथरा व्यवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र बना है। बिल्कुल अंदरूनी बसाहटों में भी पीएम जनमन योजना के तहत हो रहे इन कार्यों से बड़ी उम्मीद सामने आती है।महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में यह आंगनबाड़ी केन्द्र बनकर तैयार हो रहे हैं। कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने इन केंद्रों में साफ पानी सहित सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कराई हैं। यहां आरओ वाटर की सुविधा है।जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार ने बताया कि यहां 6 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन गर्म भोजन दिया जाता है और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जाती है जिससे सुपोषण के लक्ष्यों को ट्रैक करने के लिए कार्य किया जा रहा है।जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा ने बताया कि हमारी कोशिश है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चे खेल-खेल में ही सीखें, स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतें उन्हें सिखायें जिससे वे हमेशा सुपोषित एवं स्वस्थ्य रहें। खाने के पूर्व हाथ धुलाना उन्हें बताया जाता है, ताकि यह उनकी आदत में शामिल हो। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं का फीडबैक बहुत अच्छा है। आंगनबाड़ी केंद्रों के इतने अच्छे माहौल के चलते बच्चे यहां समय गुजारना पसंद करते हैं जिससे उनकी उपस्थिति भी अच्छी खासी बढ़ी है।बरसों तक बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही इन बस्तियों में प्रधानमंत्री पीएम जनमन योजना एक नई उम्मीद की तरह है और इसके तेजी से हो रहे क्रियान्वयन के चलते एक पूरी पीढ़ी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाने को तैयार है।
- रायपुर। कृषि विभाग ने यूरिया खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए खाद गोदाम को सील कर दिया है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कांकेर के भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के भानबेड़ा क्षेत्र के किसानों से मेसर्स पटेल कृषि केंद्र भानबेड़ा के संचालक द्वारा यूरिया की किल्लत का नाजायज फायदा उठाते हुए महंगे दाम पर तथा बिना पॉस मशीन के तीन से चार गुनी कीमत पर यूरिया खाद बेचने की शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत प्राप्त होते ही जांच टीम के सदस्यों खाद एवं उर्वरक निरीक्षक अमिनेश गावड़े, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कुलदीप साहू, किरण भंडारी और प्रवीण कवाची द्वारा कृषि केंद्रों के गोदामों में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस दौरान यूरिया खाद की बिक्री के बारे में मौके पर मौजूद किसानों से पूछताछ कर छानबीन की गई। किसानों ने बताया कि कृषि केंद्र के संचालक द्वारा एक बोरी यूरिया खाद एक हजार रुपए के दर से बिक्री की जा रही है।किसानों की शिकायत पर कृषि सेवा केंद्र के संचालक पंकज पटेल को बुलाया गया तो उसने भानबेड़ा से बाहर होने की जानकारी दी। कुछ देर बाद फोन से पुनः संपर्क करने पर उसका मोबाइल फोन स्विच-ऑफ बताया गया। संचालक के कृषि सेवा केन्द्र नहीं पहुंचने पर निरीक्षण टीम द्वारा ग्राम पंचायत की सरपंच ममता ठाकुर, उप सरपंच खेमलाल साहू, ग्राम पटेल दुर्योधन नरेटी एवं नाराज किसानों की उपस्थिति में आगामी आदेश तक खाद गोदाम को सील कर दिया गया।कृषि विभाग ने कड़ी कार्यवाही की दी चेतावनीकांकेर जिले में कृषि आदान विक्रय की कालाबाजारी को रोकने जिला प्रशासन द्वारा कृषि विभाग के उप संचालक जितेन्द्र सिंह कोमरा के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है। टीम द्वारा कालाबाजारी की शिकायतों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। कृषि अधिकारियों ने खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा उर्वरकों की कीमत तय की गई है, जिसका पालन करना सभी विक्रेताओं के लिए अनिवार्य है। कालाबाजारी बर्दास्त नहीं की जाएगी। अधिक दर पर खाद बेचने वाले दुकानदार किसानों के अधिकारों का हनन करते हैं, जो किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर करता है, इससे उनकी खेती और आय दोनों प्रभावित होती है। सरकार किसानों को उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अधिक दर पर उर्वरक की बिक्री की जानकारी मिलने पर कृषि विभाग को सूचित करें, ताकि दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जा सके।
- रायपुर। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने आज नवा रायपुर स्थित महानदी भवन में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मंत्री श्री वर्मा ने राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, गुणवत्तापूर्ण तथा रोजगारोन्मुख बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को सतत प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभागीय समितियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर नई योजनाओं को समयबद्ध ढंग से क्रियान्वित किया जाए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त डॉ. संतोष कुमार देवांगन सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।मंत्री श्री वर्मा ने युवाओं के हित में पाठ्यक्रम सुधार, प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण तथा ऑनलाइन कैरियर काउंसलिंग जैसी व्यवस्थाएँ लागू करने की बात कही। इसके साथ ही केन्द्र प्रायोजित योजनाओं पर कार्ययोजना बनाकर शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।उन्होंने नवीन महाविद्यालयों की स्थापना,नवीन 33 पदों की स्वीकृति के साथ महाविद्यालयों में सेटअप के पदों की समीक्षा,सहायक प्राध्यापक से प्राचार्य पदों पर पदोन्नति, आधुनिक पाठ्यक्रमों का सेटअप जैसे विषयों पर प्राथमिकता से काम करने कहा। इसके अतिरिक्त उन्होंने वर्तमान में महाविद्यालय के 103 भवनों के निर्माण के बारे में जानकारी ली। मंत्री श्री वर्मा ने वर्ष 2025-26 में स्वीकृत 22 नवीन महाविद्यालयों के भवन,सेटअप और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारें में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उच्च शिक्षा विभाग प्रत्येक विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए। अंत में उन्होंने अधिकारियों से विभागीय कार्ययोजनाओं और प्रगति की नियमित समीक्षा कर योजनाओं को धरातल पर उतारनें के निर्देश दिए।
- रायपुर । बस्तर जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही और धीमी प्रगति पर कलेक्टर तथा जिला जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष श्री हरिस एस. ने सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने विगत 2 सितम्बर को हुई जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में कार्यों में लापरवाही पाए जाने और अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर दस ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। उन्होंने बैठक में कहा कि मिशन मोड में संचालित इस योजना के तहत सभी ठेकेदारों को अपने कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई ठेकेदार या एजेंसी आगे भी लापरवाही बरतेगी या प्रगति में सुधार नहीं करेगी, तो उनके खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिसमें ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही वास्तविक प्रगति का मूल्यांकन और ठोस कार्रवाई शामिल होगी। कलेक्टर ने जोर देकर कहा कि जल जीवन मिशन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।समीक्षा बैठक के दौरान यह पाया गया कि ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों ने नोटिस जारी करने के बावजूद कार्यों में कोई प्रगति नहीं दिखाई। इन ठेकेदारों को 16 गांवों के टेंडर सौंपे गए थे, लेकिन उन्होंने कार्य शुरू नहीं किया या अधर में छोड़ दिया। कार्यों में उदासीनता, समय पर काम पूर्ण नहीं करने और जल जीवन मिशन की भावना के विपरीत व्यवहार के कारण इन्हें ब्लैक लिस्ट किया गया। ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों में यादव कन्स्ट्रक्शन जगदलपुर, गणपति सेल्स जगदलपुर, व्हीआर कन्स्ट्रक्शन जगदलपुर, बीआर.इन्वायारा सॉल्यूशन भिलाई, बंशीलाल गंजीर भानपुरी, आरबी ड्रिलर्स केशकाल, छत्रपति कन्स्ट्रक्शन जगदलपुर, भारत इन्फ्रा केशकाल, किसान बोरवेल्स केशकाल एवं लखन सिंह रायपुर शामिल हैं। इन सभी की अमानत राशि भी राजसात की गई है।समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को जल जीवन मिशन के तहत सभी कार्यों की नियमित समीक्षा करने तथा समय पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- -बेटियों और किसानों की प्रगति ही राज्य की असली ताकत - खाद्य मंत्री श्री बघेलरायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के मौके पर बेमेतरा जिले में रजत महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज नवागढ़ विकासखण्ड के हाई स्कूल मैदान में रजत महोत्सव का आयोजन किया गया। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल इसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में छात्राओं को नोनी सुरक्षा योजना और सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत पासबुक और समरसता प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने किसानों को बैटरी संचालित स्प्रे पंप भी प्रदान किए।सांस्कृतिक प्रस्तुति “पुरखा के सुरता” से रजत महोत्सव की शुरूआत हुई। इसमें छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, गीत-संगीत और परंपराओं को सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया। “हमर संस्कृति हमर विरासत” की थीम पर आयोजित प्रस्तुतियों ने लोगों को राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों से रू-ब-रू कराया। रजत महोत्सव में आयोजित छत्तीसगढ़ फूड फेस्टिवल में पारंपरिक व्यंजनों को प्रदर्शित किया गया। आयोजन में मौजूद जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और नागरिकों ने विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया। कार्यक्रम स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों में लोगों को शासन की योजनाओं की जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में ग्रामीणों और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की गई।खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने रजत महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि रजत महोत्सव हमारे राज्य की गौरवशाली यात्रा का उत्सव है। बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज राज्य न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी मजबूत बन रहा है। इस प्रगति का श्रेय हमारे किसानों, श्रमिकों, महिलाओं और युवाओं को जाता है। सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि हर बेटी सुरक्षित और शिक्षित हो, हर किसान समृद्ध हो और हर नागरिक को योजनाओं का लाभ समय पर मिले। ऐसे आयोजन हमें हमारी संस्कृति और परंपरा से जोड़े रखते हैं तथा समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।कार्यक्रम में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया। बेमेतरा के कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा, नवागढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्री खोरबाहरा राम साहू, जिला पंचायत की सदस्य श्रीमती मधु राय और मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रेमलता मांडवी सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी और नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल हुए।
- -छः महीने में बाड़ी व्यवसाय से महिलाओं ने अर्जित की 25 हजार आमदनीरायपुर । बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में पीएम जनमन ग्राम बल्दाकछार की विशेष पिछडी जनजाति कमार महिलाओं ने बिहान समूह से जुड़कर अपनी आजीविका को नई दिशा दी है। बिहान योजना के अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूह की 9 दीदियों ने सामूहिक रूप से बाड़ी और नर्सरी व्यवसाय की शुरुआत कर अपने जीवन में आत्मनिर्भरता और खुशहाली का नया अध्याय लिखा है।अप्रैल माह से आरंभ किए गए इस कार्य से महज छः महीनों के भीतर ही समूह ने सब्जियों की बिक्री से लगभग 25 से 30 हज़ार रुपये तक की आमदनी अर्जित की है।यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है बल्कि यह भी दर्शाता है कि संगठित होकर महिलाएं अपने आर्थिक भविष्य को मज़बूत कर सकती हैं। समूह की दीदियों ने बताया कि बिहान योजना से जुड़ने के बाद उन्हें अपनी क्षमताओं पर भरोसा हुआ और आज वे अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों में आर्थिक योगदान दे रही हैं।वे कहती हैं— “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी द्वारा चलाई जा रही बिहान योजना ने हमारे जीवन को बदलने का अवसर दिया है। यह योजना हमारे लिए सिर्फ़ आत्मनिर्भरता का साधन नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम है। इसके लिए हम उनका हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।” आज बल्दाकछार की कमार दीदियां अपने परिश्रम और सफलता से न केवल अपने गांव में बल्कि आसपास की महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।बिहान समूह के अंतर्गत किए जा रहे इस सामूहिक प्रयास से यह साबित होता है कि जब महिलाएं एकजुट होकर कार्य करती हैं, तो वे न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकती हैं बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। बिहान योजना ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान का महत्वपूर्ण माध्यम है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उन्हें सम्मान और आत्मविश्वास भी प्रदान कर रही है।
- -स्टार्टअप्स को उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन के लिए मिलेगा पुरस्कार-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी शुभकामनाएँ-एनआईटी-एफआईई ने छत्तीसगढ़ में अब तक 40 से अधिक स्टार्टअप्स को दिया बढ़ावारायपुर / एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईई) को चौथे भारत उद्यमिता शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन 13 सितंबर को नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में होगा। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एनआईटी रायपुर-एफआईई के उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। संस्था को यह सम्मान राज्य में 35 से आधिक नये स्आर्टअप्स को मार्गदर्शन और उन्हें उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग के लिए मिलेगा। भारत उद्यमिता शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय उद्यमी संघ (ईएआई) और एंटरप्राइजिंग जोन-ईजेड द्वारा किया जा रहा है, जो भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेशन केंद्र है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है। यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ में तेजी से बदल रहे औद्योगिक वातावरण को प्रोत्साहित करेगा। एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार मिलना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। स्टार्टअप्स के पोषण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एनआईटी रायपुर-एफआईई की टेक्नोलॉजी आधारित गतिविधियां हमारे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी, और छत्तीसगढ़ को नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी। मुख्यमंत्री ने पूरी टीम को बधाई देते देते हुए उम्मीद जताई कि यह संस्था युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में निरंतर सफलता हासिल करेगी।एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने कहा कि राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में संस्था की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि एफआईई लगातार एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने में जुटा है, जो तकनीकी स्टार्टअप्स को सहयोग देकर उन्हें सफल उद्यमों में बदलता है। यह उपलब्धि उन्हें नई पीढ़ी के उद्यमियों को और मजबूती देने की प्रेरणा देती है।गौरतलब है कि एनआईटी रायपुर-एफआईई एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में मार्च 2021 में स्थापित हुआ। जो एनआईटी रायपुर का प्रौद्योगिकी व्यापार इन्क्यूबेटर है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की राष्ट्रीय नवाचार विकास और दोहन पहल (निधि) योजना के तहत कार्य करता है। संस्था ने अब तक छत्तीसगढ़ में 35 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है। इनमें से कुछ स्टार्टअप्स गवर्नेंस और मेडिकल उपकरण निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जबकि कुछ एनालिटिक्स, डीप-टेक, क्लीन टेक और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हैं।एनआईटी रायपुर एफआईई का संचालन निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव और कैरियर डेवलपमेंट सेंटर प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी के नेतृत्व में हो रहा है। परिचालन टीम में डॉ. अनुज कुमार शुक्ला (फैकल्टी प्रभारी), श्री पवन कटारिया (अधिकारी प्रभारी) और सीईओ श्रीमती मेधा सिंह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। एफआईई ने तकनीकी स्टार्टअप्स को व्यापक सहयोग देकर खुद को देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित किया है। जिनमें स्टार्टअप शुरू करना, कंपनी बनाना, तकनीकी मार्गदर्शन समेत स्टार्टअप्स से जुड़े सभी तरह के समर्थन शामिल हैं। छत्तीसगढ़ का कोई भी युवा यदि अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो वह इसके लिए एनआईटी रायपुर एफआईई से संपर्क कर सकता है।
- -सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता-मैदानी अधिकारी–कर्मचारी फील्ड में जाकर बांधों एवं संबंधित संरचनाओं का करें सतत निरीक्षण-मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षारायपुर, / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में स्थित लुत्ती बांध के टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री साय ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत रूप से फील्ड में जाकर बांधों सहित अन्य संरचनाओं का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता, वर्तमान सिंचाई स्थिति और आगामी परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए। साथ ही विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने तथा जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए।बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने तथा निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर बल दिया, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट, इस प्रकार कुल 661 कार्य प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस तरह कुल 1697 कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय होगी।इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उईके तथा बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग मंडलों के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
- रायपुर। पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने आज मंत्रालय महानदी भवन स्थित कार्यालय मे विधिवत पूजा अर्चना कर कामकाज की शुरूआत की। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, विधायक श्री अनुज शर्मा, श्री संपत अग्रवाल, श्री प्रबोध मिंज, श्रीमती उद्धेश्वरी पैंकरा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा एवं श्री पवन साय और वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई और शुभकामनाएं दी।संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव के मार्गदर्शन में राज्य में पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में काफी तेजी से कार्य करना है। राज्य में पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में काफी संभावनाऐं है। पर्यटन क्षेत्रों के विकसित होंने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेगें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मदद से राज्य में सड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य में नई सड़कों की स्वीकृति के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय भू-तल परिवहन मंत्री श्री नीतिन गडकरी के प्रति आभार जताया।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री सुब्रत साहू, संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के जनरल मैनेजर श्री वेदव्रत सिरमौर, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की सचिव श्रीमती पुष्पा साहू सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
- -ग्रामीण युवाओं को राजमिस्त्री का निःशुल्क प्रशिक्षणरायपुर।, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिए बलरामपुर जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है। कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज के मार्गदर्शन में जिले के ग्रामीण युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार एवं निर्माण कार्यों में दक्ष बनाने की योजना लागू की गई है।ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के माध्यम से जिले के वाड्रफनगर, रामचंद्रपुर, बलरामपुर, राजपुर एवं शंकरगढ़ जनपद पंचायतों में कुल 5 प्रशिक्षण बैच (प्रत्येक में 35 प्रशिक्षार्थी) प्रारंभ किए गए हैं। इस तरह 175 युवाओं को 30 दिवसीय निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण का लाभ दिलाया गया। जिसमें ले-आउट, नींव से छत तक निर्माण की तकनीकी ज्ञान, निर्माण सामग्री का अनुपात एवं गुणवत्ता निर्धारण, सुरक्षा मानक तथा फील्ड प्रैक्टिकल शामिल है।इस पहल से न केवल प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत घरों का निर्माण तेज़ी और गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा पूरा कराया जा रहा है। ग्रामीण युवाओं को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण की व्यवस्था कर स्वरोजगार के अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर दक्ष श्रमिकों की उपलब्धता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं या उनके परिजन, मनरेगा में 100 दिवस कार्य कर चुके श्रमिक और इच्छुक ग्रामीण युवाओं को शामिल किया गया। जिला पंचायत सीईओ बलरामपुर ने बताया कि, हमारा लक्ष्य है कि सभी प्रधानमंत्री आवास समय-सीमा में और गुणवत्ता के साथ पूरे हों। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम है।जिला प्रशासन ने अधिक से अधिक युवाओं से अपील की है कि वे इस प्रशिक्षण का लाभ उठाकर न केवल एक नया कौशल सीखें, बल्कि जिले के विकास में भी योगदान दें। इच्छुक उम्मीदवार अपने ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा सीधे ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान बलरामपुर से संपर्क कर सकते हैं।
- रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए पक्के और सुरक्षित मकान उपलब्ध कराए जा चुके हैं। कच्चे घरों से पक्के घरों में शिफ्ट हुए परिवार अब सम्मानजनक एवं सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जनपद पंचायत दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत गामावाड़ा के नियद नेल्ला नार क्षेत्र में मात्र 135 दिनों में एक आवास का निर्माण कार्य पूरा किया गया, जबकि सामान्य परिस्थितियों में जिले में निर्माण कार्यों में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है। रिकॉर्ड समय में मकान का तैयार होना प्रशासन की दक्षता और प्रतिबद्धता का परिचायक है।योजना के तहत प्रत्येक पात्र लाभार्थी को तीन किस्तों में 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही 90 दिन का मनरेगा रोजगार भी उपलब्ध कराया जाता है, ताकि ग्रामीणों को न केवल आवास बल्कि रोजगार का भी सहारा मिल सके। “सबका साथ, सबका विकास” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।सुदूर वनांचल के दंतेवाड़ा जैसे कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र में भी इस योजना से लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन में आवास निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जा रहे हैं। बरसात और निर्माण सामग्री की कमी जैसी चुनौतियों के बावजूद प्रशासन ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। जिले में अब तक कुल 2118 पक्के मकान बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें केवल जनपद दंतेवाड़ा में 547 मकानों का निर्माण संपन्न हुआ है। जिला प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में और अधिक पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ा जाएगा, ताकि जिले का कोई भी परिवार पक्के घर से वंचित न रहे और प्रत्येक परिवार का पक्का मकान का सपना साकार हो सके।
- -कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुतियों से भक्ति रस में डूबे दर्शकरायपुर। रायगढ़ में चल रहे चक्रधर समारोह के आठवें दिन नृत्यों ने उत्तर-दक्षिण का संगम कराया। उत्तर भारत की संस्कृति को दर्शाने वाले कथक तो दक्षिण भारत की गौरवशाली पुरातन संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुतियों ने माहौल भक्तिमय कर दिया। समारोह में उपस्थित दर्शक दोनों नृत्यों की प्रस्तुतियों के दौरान भक्ति रस में डूबे रहे।समारोह के आठवंे दिन कथक नृत्यांगना और गुरु संगीता कापसे और उनकी होनहार शिष्याओं की प्रस्तुति ने शास्त्रीय नृत्य को कृष्ण भक्ति की गहराई से जोड़ा। उन्होंने तीनताल और झपताल की संरचनाओं पर आधारित नृत्य में श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।संगीता कापसे और उनकी शिष्याओं ने मंच पर ‘कृष्ण सांवरिया‘ प्रसंग को जीवंत किया। आज चक्रधर समारोह में कृष्ण सांवरा की प्रस्तुति रही-कृष्ण के गोकुल आगमन पर खुशी और उल्लास का भाव, माखन चोरी करते समय यशोदा और कृष्ण की ममता का भाव, गोपियों को परेशान करना, फिर कालिया नाग से सारे गोकुल को मुक्त करना और अंत में गोपियों के साथ रास करके प्रेम का संदेश देना। इन सबको उन्होंने भाव और लय की सुंदरता से पिरोया। उनकी प्रस्तुति में कथक का सौंदर्य ही नहीं, बल्कि लोक और शास्त्र के संगम का भी अनुभव हुआ। कार्यक्रम में कला-प्रेमियों ने उनकी नृत्य साधना और कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत इस प्रस्तुति को सराहा।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मलेशिया और दुबई तक अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी संगीता कापसे को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। छत्तीसगढ़ में पंजीकृत संगीता कला एकेडमी, रायपुर उनकी संस्था है, जो सामान्य बच्चों के साथ-साथ गरीब बच्चों को भी नृत्य का निरूशुल्क प्रशिक्षण दे रही है और उनकी शिक्षा का दायित्व उठा रही है।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना अजीत कुमारी कुजूर और उनकी टीम ने भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी भावपूर्ण अभिव्यक्ति, सधे हुए पदचालन और नृत्य की बारीकियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अजीत कुमारी की प्रस्तुति में दक्षिण भारत की संस्कृति और परंपरा की झलक सजीव रूप में दिखाई दी। उन्होंने भरतनाट्यम के माध्यम से कहानी कहने और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हाथों के हाव-भाव (मुद्रा), चेहरे के भाव (नवरस) और पैरों की तालबद्ध चाल का बेहतरीन उपयोग किया। यह प्रस्तुति न केवल भरतनाट्यम की शास्त्रीयता को दर्शाती थी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम भी प्रतीत हुई।अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाने वाली अजीत कुमारी कुजूर ने जबलपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और योग में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है। वर्तमान में वह जल संसाधन विभाग, रायपुर में उप अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ-साथ, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी नृत्य कला से एक विशिष्ट पहचान बनाई है। कला प्रेमियों ने उनकी प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल भरतनाट्यम की उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि लगन और समर्पण से कोई भी व्यक्ति अपने पेशेवर जीवन के साथ-साथ अपनी कला साधना को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। ज्ञात हो कि भरतनाट्यम तमिलनाडु, दक्षिण भारत का एक प्राचीन शास्त्रीय नृत्य है, जिसकी जड़ें मंदिरों में हैं और यह हिंदू धर्म की आध्यात्मिक विचारों और धार्मिक कहानियों को व्यक्त करता है।
- -पद्मश्री स्व.डॉ सुरेन्द्र दुबे को भी याद किया गयारायपुर ।अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह में आठवें दिन हास्य, वीर रस और व्यंग्य के साथ काव्य पाठ और मधुर गीत-गायन-संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह की आठवीं शाम छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि पद्मश्री स्व.डॉ.सुरेन्द्र दुबे की स्मृतियों को नमन करते हुए एक विशेष काव्य संध्या का आयोजन रायगढ़ के रामलीला मैदान में हुआ। पद्मश्री डॉ.दुबे, जिन्होंने हास्य और व्यंग्य को वैश्विक पहचान दिलाई, अनेक बार इस मंच पर अपनी रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदा चुके थे। उनकी स्मृतियों को समर्पित इस संध्या में प्रदेश के ख्यात कवियों ने वीर रस, हास्य और व्यंग्य की रचनाओं से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।समारोह में राजनांदगांव के पद्मलोचन मुंहफट ने हास्य, व्यंग्य और पैरोडी से हंसी की फुहारें बिखेरीं। भिलाई के किशोर तिवारी ने अपने मधुर गीतों से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। मुंगेली के देवेन्द्र परिहार ने ओजस्वी वीर रस की कविताओं ने वातावरण को ऊर्जावान बना दिया। रायपुर की शशि सुरेन्द्र दुबे ने गीत और व्यंग्य की रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया और सोचने पर विवश किया। रायगढ़ के नरेन्द्र गुप्ता ने वीर रस की कविताओं ने देशभक्ति और पराक्रम की भावना को जीवित किया।बिलाईगढ़ के बंशीधर मिश्रा ने हास्य कविताओं की चुटीली पंक्तियों से माहौल को खुशनुमा बना दिया। कवर्धा के अभिषेक पांडे ने युवा ऊर्जा और समकालीन व्यंग्य से भरी हास्य कविताओं ने मंच को जीवंत किया। बता दे कि गत वर्ष आयोजित 39वें चक्रधर समारोह में डॉ.दुबे ने अपनी चिरपरिचित पैनी व चुटीली कविताओं से मंच को हँसी और व्यंग्य से गूंजा दिया था। अब वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी साहित्य साधना और कला अवदान अमर है। इस काव्य संध्या ने उनके योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी।शशि सुरेंद्र दुबे-छत्तीसगढ़ की जानीमानी कवयित्री और दिवंगत डॉ.सुरेंद्र दुबे की धर्मपत्नी हैं। उन्होंने ‘वाह वाह क्या बात है‘ जैसे कई टीवी कार्यक्रमों और दूरदर्शन पर काव्य पाठ किया है। उनका काव्य संग्रह ‘पट्टी खोलो गांधारी‘ प्रकाशित हो चुका है। किशोर तिवारी-मधुर गीतकार हैं, जो वाह वाह क्या बात है समेत विभिन्न राष्ट्रीय मंचों, आकाशवाणी और दूरदर्शन पर काव्य पाठ कर चुके हैं। पद्मलोचन मुंहफट-पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के शिष्य, पद्मलोचन हास्य-व्यंग्य और पैरोडी के लिए मशहूर हैं। उन्होंने देश के 16 राज्यों में काव्य पाठ कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। देवेन्द्र परिहार-वीर रस के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ज़ी न्यूज़ के कवि युद्ध सहित कई राष्ट्रीय और प्रादेशिक चौनलों पर काव्य पाठ किया है। नरेंद्र गुप्ता-रायगढ़ के मूल निवासी और वीर रस के कवि हैं। उन्हें अटल साहित्य सम्मान और दिनकर साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। बंशीधर मिश्रा-ख्यात हास्य कवि, जो देश के कई राज्यों में काव्य पाठ और मंच संचालन कर चुके हैं। वे वाह भाई वाह टीवी शो में भी 6 एपिसोड में शामिल हुए थे। उनकी हास्य संग्रह ‘भूतहा लोरी‘ प्रकाशित हो चुकी है और उन्हें धुरंधर हास्य सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया है। अभिषेक पांडे-युवा कवि, वक्ता और आयोजक हैं, जो अपनी वक्ता कला के लिए युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं। वे दूरदर्शन सहित विभिन्न निजी चौनलों पर काव्य पाठ कर चुके हैं।सुप्रसिद्ध संगीतकार एवं गायक अर्नव चटर्जी ने अपनी अनूठी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जन्में और ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई से प्रमाणित गायक अर्नव चटर्जी ने भजन, गज़ल और गीतों की प्रस्तुति दी। उनकी मधुर आवाज़ और सुर-ताल की अद्भुत संगति ने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान अर्नव चटर्जी ने फिल्म, टीवी सीरियल, म्यूज़िक एल्बम और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए किए गए अपने सृजनात्मक योगदान की झलक भी प्रस्तुत की। संगीत प्रेमियों ने उन्हें खड़े होकर तालियों से सम्मानित किया। चक्रधर समारोह की इस संध्या में उनकी प्रस्तुति ने न केवल भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को जीवंत किया बल्कि अर्नव चटर्जी की संगीतमयी संध्या ने समारोह को अविस्मरणीय बना दिया।