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- वैसे तो जापान एक छोटा सा देश है, लेकिन इसकी गिनती विकसित देशों में की जाती है, क्योंकि यह नई तकनीकों को बहुत महत्व देता है और यह के लिए अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान देते हैं। जापान के लोग न सिर्फ अपनी शारीरिक गतिविधियों के कारण बल्कि अपनी स्किन केयर रूटीन के लिए भी काफी मशहूर रहती है। जापान की महिलाओं की स्किन नेचुरल ग्लोइंग और हेल्दी रहती है, जिस कारण अन्य कई देशों की महिलाएं उनके स्किन केयर रूटीन को जानने की कोशिश करती हैं और जापानी स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती है। ऐसे में जानते हैं जापान की महिलाओं का स्किन केयर रूटीन क्या है?लेयरिंग तकनीकलेयरिंग तकनीक की मदद से एसेंस, सीरम और लोशन जैसे हल्के उत्पादों के साथ कई स्टेप्स में त्वचा को नमी दें, वेस्टर्न स्किनकेयर रूटीन के विपरीत, जिसमें अधिक उत्पादों का उपयोग किया जाता है।डबल क्लींजिंगचेहरे से मेकअप, सनस्क्रीन और अतिरिक्त तेल को हटाने के लिए तेल आधारित क्लींजर से क्लीजिंग की शुरुआत करें, उसके बाद चेहरे की गंदगी को साफ करने के लिए पानी आधारित क्लींजर का उपयोग करें। डबल क्लींजिग इस बात को सुनिश्चित करती है कि आपकी त्वचा अपने प्राकृतिक तेलों को हटाए बिना पूरी तरह से साफ हो जाए।यूवी किरणों से बचावजापान में सूरज से स्किन की सुरक्षा डेली रिचुअल में शामिल होता है, जिससे स्किन हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन और सुरक्षात्मक कपड़ों का उपयोग किया जाता है। सूरज की हानिकारक किरणों के कारण स्किन को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कम उम्र में ही इसकी शुरुआत कर दी जाती है, जिससे यह समस्या होती ही नहीं है।कम से कम सामग्रियों का इस्तेमालजापानी स्किनकेयर उत्पादों में कम से कम और नेचुरल सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए जापान के स्किनकेयर प्रोडक्ट्स अपने सिंपल और हाई क्वालिटी वाले फॉर्मूलेशन के लिए मशहूर है, जिससे आपकी स्किन केमिकल और सिंथेटिक इंग्रीडियंट्स से सुरक्षित रहती है।स्किनकेयर को महत्व देनाजापान में, स्किनकेयर सेल्फ केयर और माइंडफुलनेसका एक रूप है, जिसे खुद से जुड़ने और आराम करने के रूप में देखा जाता है। अन्य देशों के तुलना में, जापानी स्किनकेयर एक हेल्दी डेली रूटीन है।
- वेट लॉस के लिए अनाज फायदेमंद होते हैं क्योंकि वे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होते हैं और उनमें कुछ ऐसे गुण होते हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं। अनाज में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और भूख को कंट्रोल करता है। इससे आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। कुछ अनाजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि वे धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखते हैं। इससे भूख कम होती है और बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती। अनाज में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं, जिससे वजन कम करने की प्रक्रिया में मदद मिलती है। कुछ अनाज जैसे क्विनोआ, जौ, और बाजरा में कम कैलोरी होती है, जो वजन घटाने के लिए बेस्ट माने जाते हैं। अनाज में प्रोटीन होता है, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने और वजन घटाने के दौरान मांसपेशियों के नुकसान को रोकने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे 5 ऐसे लो कार्ब अनाज, जिसका सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है।1. वेट लॉस के लिए जौ के फायदे100 ग्राम जौ में केवल 28 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। जौ में घुलनशील फाइबर होता है जो पाचन को धीमा करता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। यह वजन घटाने के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह भूख को कंंट्रोल करता है। जौ में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं, जिससे कैलोरी बर्न करने की प्रक्रिया तेज होती है। वेट लॉस के लिए लोग जौ की रोटी या जौ की खिचड़ी का सेवन करते हैं।2. वेट लॉस के लिए बाजरा के फायदे-100 ग्राम बाजरे में केवल 23 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। बाजरा एक ग्लूटेन-फ्री अनाज है जो लो-कार्ब और उच्च फाइबर वाला होता है। यह पाचन को सुधारता है और पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे पचता है और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखता है। इससे अचानक भूख की क्रेविंग्स होने की समस्या कम होती है और वेट लॉस में मदद मिलती है।3. वेट लॉस के लिए क्विनोआ के फायदे100 ग्राम क्विनोआ में करीब 21 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। क्विनोआ में फाइबर की भी प्रचुर मात्रा होती है। क्विनोआ में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। यह एक पूर्ण प्रोटीन स्रोत है। प्रोटीन भूख को कंट्रोल करता है और मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है। यह वेट लॉस के लिए जरूरी है। क्विनोआ में कैलोरीज कम होती है, जिससे वजन कम होता है।4. वेट लॉस के लिए अमरनाथ के फायदे100 ग्राम अमरनाथ में 19 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसमें प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर मात्रा होती है, जो वजन घटाने के साथ-साथ शरीर को पोषण भी देता है। अमरनाथ स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-फ्री है। अमरनाथ में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं और वजन घटाने की प्रक्रिया को तेज करते हैं।5. वेट लॉस के लिए ओट्स के फायदे100 ग्राम ओट्स में करीब 66 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। वेट लॉस के लिए लो कार्ब ओट्स एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें घुलनशील फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। ओट्स में बीटा-ग्लूकन नाम का फाइबर होता है। यह फाइबर, पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। ओट्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल है क्योंकि ओट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और यह ऊर्जा के स्तर को बनाए रखता है।
- दर्द से राहत पाने के लिए लोग तरह के पेन किलर्स और थेरेपी का सहारा लेते हैं। लेकिन दर्द के लिए बार-बार दवाओं का सहारा लेना भी गलत है। अगर आप घुटने, कमर और शरीर के कई अंगों में दर्द से जूझ रहे हैं, तो इससे राहत पाने के लिए खास आयुर्वेदिक तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इसे कैसे बनाएं और कैसे इस्तेमाल करें।आयुर्वेदिक तेल बनाने के लिए सामग्री-सर्वाइकल, साइटिका, जोड़ों में दर्द, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द या फिर उठते-बैठते समय जोड़ों से कट-कट की आवाज आना और मोच का दर्द से राहत दिलाने में यह तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।"जावित्री- 50 ग्रामसोंठ पाउडर- 50 ग्रामअरंडी का तेल-100 ग्रामतिल का तेल-100 ग्रामआयुर्वेदिक तेल बनाने का तरीका-सबसे पहले एक बड़ी कहाड़ी को अच्छे से गर्म होने के लिए छोड़ दें।-इसके बाद कहाड़ी में 100 ग्राम आरंडी का तेल और 100 ग्राम तिल का तेल डालकर अच्छे से गर्म करें।-तेल के गर्म होने के बाद जावित्री और सोंठ को कढ़ाई में डालकर पका लें।-जावित्री और सोंठ जब तेल में पकाकर काले हो जाएं, तो इसे छानकर निकाल लें।-आपका आयुर्वेदिक तेल तैयार हो चुका है। इसे ठंडा होने के बाद एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें।आयुर्वेदिक तेल इस्तेमाल करने का तरीकाइस तेल का इस्तेमाल कभी भी और किसी भी प्रकार के दर्द में किया जा सकता है। अगर आपको घुटनों में दर्द महसूस हो रहा है, तो तेल का एक हिस्सा लेकर अच्छे से मालिश करें। मालिश करने के बाद तेल को ऐसे ही छोड़ दें। इससे आपको दर्द से जल्द ही आराम मिलेगा। जावित्री में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में होने वाले दर्द और सूजन से राहत दिलाते हैं। इतना ही नहीं गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए भी जावित्री का इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल को बनाने के लिए सोंठ का इस्तेमाल होता है। सोंठ में विटामिन सी, फाइबर, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर के दर्द से राहत दिलाते हैं।
- दांतों से जुड़ी कोई भी समस्या दिनभर परेशान रख सकती है। इसके कारण मुंह में सूजन आ जाती है। दांतों से जुड़ी समस्या इसलिए भी बड़ी है क्योंकि इस कारण कुछ भी खाना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह दांतों में झनझनाहट होने पर भी काफी मुश्किल होती है। ऐसे में कुछ भी गर्म या ठंडा खाने पर दांतों में झनझनाहट होती है। इसके कारण खाना चबाने में भी मुश्किल होती है। कई बार यह समस्या दिनभर परेशान कर सकती है। लेकिन अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करते हैं, तो आपको इससे काफी हद तक आराम मिल सकता है। आइये इस लेख में जानें दांतों की झनझनाहट को कैसे कम करें।दांतों की झनझनाहट कम करने के लिए अपनाएं ये टिप्सधीरे ब्रश करें-दांतों की झनझनाहट कम करने के लिए ब्रश करने का तरीका बदलें। ज्यादा तेज ब्रश करने से आपके मसूड़े और भी कमजोर हो सकते हैं। इसलिए दोनों समय धीरे-धीरे ब्रश करें। इसके साथ ही, ध्यान रखें कि आप सॉफ्ट ब्रश ही इस्तेमाल करें। क्योंकि हार्ड ब्रश इस्तेमाल करने से भी आपको परेशानी हो सकती है।हाइजीन का पूरा ध्यान रखेंझनझनाहट कम करने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। दिन में 2 से 3 बार साफ पानी से गरारे जरूर करें। खाना खाने के बाद मुंह को साफ करें। इससे बैक्टीरिया नहीं पनपेंगे। साथ ही झनझनाहट भी कम होने लगेगी।लौंग का तेल लगाएंलौंग का तेल लगाने से आपको बहुत जल्दी आराम मिलेगा। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसे दांतों पर लगाने से आपको झनझनाहट से राहत मिलेगी। अगर आपके मसूड़े में सूजन या दांतों में दर्द है, तो इससे भी आपको काफी राहत मिलेगी। इसे दिन में दो बार दांतों पर मसाज करें। इसके अलावा, कॉटन में तेल लगाकर कुछ देर के लिए दांतों पर लगा रहने दें। इससे भी आपको जल्द आराम मिलेगा।नमक के पानी के गरारे करेंनमक के पानी के गरारे करने से आपको जल्दी राहत मिलेगी। नमक का पानी बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। अगर आपको सूजन या दर्द भी है, तो इससे भी आपको काफी राहत मिलेगी। इसलिए दिन में दो बार गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे जरूर करें।डॉक्टर से संपर्क करेंअगर आपको यह समस्या एक सप्ताह से ज्यादा समय से है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि यह किसी बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकता है।(इस लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। )
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स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पादर्थों का सेवन करना जरूरी है। किसी भी चीज को खाने का फायदा तभी होता है, जब आप उसे सही तरह से खाते हैं। कई ऐसे खाद्य पदार्थ है, जिसे खाली पेट न खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वो आपके सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिन्हें खाली पेट खाने से आपके शरीर को कई स्वास्थ्य फायदे मिल सकते हैं। आयुर्वेद में गुलकंद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो आपके सेहत के लिए लाभकारी होता है।
क्या आप खाली पेट गुलकंद खा सकते हैं?गुलकंद, गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से बना एक आयुर्वेदिक व्यंजन है, जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। गुलकंद का सेवन आप दिन के किसी भी समय कर सकते हैं, खाना खाने से पहले या खाना खाने के साथ अक्सर लोग गुलकंद खाते हैं। गुलकंद पाचन के लिए भी बेहतर होता है, ऐसे में सुबह खाली पेट गुलकंद का सेवन आपके लिए फायदेमंद और सुरक्षित होता है। सुबह खाली पेट गुलकंद खाने से आपके शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।गुलकंद का सेवन कैसे करें?आप रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच गुलकंद खा सकते हैं। आप गुलकंद को बिना पानी या फिर पानी के साथ भी खा सकते हैं। सुबह खाली पेट गुलकंद खाने से पाचन को बढ़ावा मिलता है, और पूरे दिन आपके शरीर को ठंडक मिलती है। गर्मी के दिनों में खासकर सुबह खाली पेट गुलकंद खाना फायदेमंद होता है। एक चम्मच गुलकंद को आप एक गिलास दूध में भी मिलाकर पी सकते हैं। गर्मियों के दिनों में लू लगने के कारण सेहत पर होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में भी गुलकंद फायदेमंद है।गुलकंद के फायदेे क्या है?गुलकंद में कैलोरी की मात्रा कम होती है और विटामिन ए, सी, ई और बी6 जैसे जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें डाइटरी फाइबर भी होता है, जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है, जिससे अपच और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिल सकती है। गुलकंद के ठंडक देने वाले गुण गर्मी से होने वाली बीमारियों या मुंह के छालों से पीड़ित लोगों के लिए एक बेहतरीन रेमेडी के रूप में काम करता है।आप अपनी डाइट में गुलकंद खाली पेट शामिल कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों को अपनी डाइट में गुलकंद शामिल करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए। - एक्सरसाइज करना सेहत के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन एक्सरसाइज या वर्कआउट करने के बाद एक हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर मील लेना भी एक्सरसाइज जितना ही फायदेमंद होता है। एक्ट्रेस जाह्नवी भी कुछ ऐसा ही करती हैं। जाह्नवी अपनी फिटनेस को लेकर काफी एक्टिव रहती हैं। वे वर्कआउट करने के बाद हेल्दी और बैलेंस्ड मील लेती हैं, जिसमें वे शकरकंद और रागी से बने पराठे खाना पसंद करती हैं। हाल ही में जाह्नवी ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया। यह पराठे न केवल खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत को जबरदस्त न्यूृट्रिशन भी देते हैं।शकरकंद और रागी का पराठा बनाने की रेसिपी-इस पराठे को बनाने के लिए आपको सबसे पहले शकरकंद को उबालना है।-इसके बाद एक पतीले में पानी को गर्म करें और उसमें रागी का आटा मिलाएं।-अब इसे 10 मिनट ढककर छोड़ दें और उसके बाद अच्छे से गूथ लें।-अब आपको इस आटे में हल्का सा घी मिलाना है, जिससे इसे बनाते समय यह चिपके नहीं।-अब आपको शकरकंद को मैश कर लेना है और इसमें घर के बने मसाले, नमक, धनिया और प्याज आदि मिलाना है।-इसके बाद आपको आटे को शकरकंद के मैश के साथ मिलाकर तवे पर इसे सेंकना है।लीजिए आपके पराठे बनकर तैयार हैं।शकरकंद और रागी के पराठे खाने के फायदे- शकरकंद और रागी के पराठे सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद साबित हो सकते हैं।-रागी और शकरकंद फाइबर से भरपूर होते हैं, जिसे खाने से देर तक भूख नहीं लगती है और वजन कम होता है।-इसमें कैल्शियम की मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है।-इसे खाने से पाचन संबंधी समस्याएं कम होती हैं।-इसे खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है।वजन घटाने में फायदेमंदरागी और शकरकंद से बने पराठे आप सुबह नाश्ते में खा सकते हैं। यह वेट लॉस में काफी मददगार साबित होते हैं। इसे बनाते समय आपको रिफाइंड या अन्य कुकिंग ऑयल के बजाय घी या सरसों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मखाना प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लोग सबसे ज्यादा इसका सेवन स्नैक्स के रूप में करते हैं। मखाना में कोलेस्ट्रॉल, वसा और सोडियम कम मात्रा में होते हैं, जो बार-बार लगने वाली भूख को शांत करने और ज्यादा खाना खाने से आपको रोकने में मदद करते हैं। वजन कम करने वाले लोगों के लिए मखाना एक बेहतर स्नैक विकल्प है, जो प्रोटीन से भरपूर और कार्बोहाइड्रेट में हाई होने के कारण तेजी से वेट लॉस करने में मदद करता है।मखाना और गुड़ का लड्डू बनाने की रसिपीसामग्री-मखाना- 2 कपगुड़- 1 कपड्राई फ्रूट्स- गार्निश के लिए बारीक कटे हुएलड्डू बनाने का तरीका-एक पैन को गैस पर रखें और मध्यम आंच पर गर्म करें।अब इसमें मखाना डालें और उन्हें हल्का सुनहरा भूरा रंग होने तक भूनें।लेकिन ध्यान रहे जलने से बचाने के लिए आप इसे लगातार हिलाते रहें।अब इन्हें दूसरे बर्तन में निकालकर ठंडा होने के लिए रख दें।अब बादाम और काजू को भूनकर बारिक काट लें और कसा हुआ नारियल भी भून लें।अब पहले वाले पैन में ही गुड़ डालें और इसे तब तक पकाएं जब तक ये पिघल न जाए।गुड़ को पिघलाते हुए लगातार चलाते रहें।इसके बाद गैस का फ्लैम बंद कर दें और गुड़ की चाशनी में भुना हुआ मखाना पाउडर और ड्राई फ्रूट्स डालकर मिला लें।मिश्रण को थोड़ा ठंडा होने दें ताकि आप इसका लड्डू आसानी से बना सकें।वजन कम करने के लिए मखाना और गुड़ का लड्डू खाने के फायदेकैलोरी में कममखाने में कैलोरी और वसा कम होती है, जिससे यह वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है। प्राकृतिक स्वीटनर होने के कारण गुड़ में परिष्कृत चीनी की तुलना में कैलोरी भी कम होती है और ये आपको देर तक पेट भरा हुआ महसूस होने में मदद करता है।फाइबर से भरपूरमखाना और गुड़ दोनों फाइबर से भरपूर होता है, जो लंबे समय तक आपको पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है, जिससे आप ज्यादा खाने से बचते हैं और वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।पोषक तत्वों से भरपूरमखाना प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जबकि गुड़ में आयरन, पोटेशियम और अन्य मिनरल्स मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए फायदेमंद होता है।एनर्जी बूस्टरमखाना और गुड़ का मिश्रण आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करने और आपके शरीर को एनर्जी देने में मदद करता है। वजन कम करने के दौरान अक्सर लोग खाने-पीने में लापरवाही करते हैं, जिसके कारण कमजोर महसूस होना आम है, ऐसे में आप मखाना और गुड़ के लड्डू का सेवन कर सकते हैं।वजन कम करने की इस जर्नी में मखाना और गुड़ का लड्डू खाना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहें इसका ज्यादा सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है। इसलिए एक सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करने की कोशिश करें।
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खराब खानपान के कारण शरीर में टॉक्सिन जमने लगते हैं। इसके कारण शरीर में बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। यह इंफेक्शन और स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। गर्मियां आने के साथ यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में डाइट पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। अगर आप अच्छी डाइट फॉलो करते हैं, तो आप बॉडी को डिटॉक्स कर सकते हैं। आइये इस लेख में जानें इस ड्रिंक की रेसिपी और फायदे।
इंफेक्शन कम करने के लिए डाइट में शामिल करें ये ड्रिंकपानी- 1 लीटरनींबू- 1करेला- 1अदरक- 1 इंचपुदीना- 15 से 20 पत्तियांबनाने का तरीकाइस ड्रिंक को आपको कांच की बोतल में बनाना है। इसके लिए आपको बोतल में एक लीटर पानी लेना है। अब इसमें नींबू को छोटे-छोटे टुकड़े करके डालना है। अब इसमें करेला, अदरक भी छोटे टुकड़ों में डालें। आखिर में पुदीने की कुछ पत्तियां डालकर इसे फ्रिज में रातभर के लिए रख दें। अब सुबह उठकर कम से कम आधा पानी पी लीजिये। साथ ही, रात में सोने से पहले भी इसका सेवन करें। इसे आपको करीब 25 से 30 दिन तक लगातार पीना है।इंफेक्शन कम करने में कैसे फायदेमंद हैं यह डिटॉक्स ड्रिंकनींबू बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होने के साथ विटामिन-सी भी मौजूद होता है। जिससे यह टॉक्सिन निकालने और बॉडी को हाइड्रेट करने में मदद करता है। अदरक में एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है। करेला और पुदीना बॉडी से टॉक्सिन निकालने में मदद करते हैं। इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट रहेंगी और बीमारियों का खतरा भी कम होगा।नींबू और पुदिने के डिटॉक्स ड्रिंक के अन्य फायदेअगर आपको लिवर इंफेक्शन या लंग्स इंफेक्शन की समस्या है, तो आपके लिए यह डिटॉक्स ड्रिंक फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, अगर आपको अस्थमा की समस्या है, तो भी यह ड्रिंक आपके लिए फायदेमंद है। इस ड्रिंक से स्किन पर भी ग्लो आता है। यह त्वचा की समस्याएं कम करने में मदद करता है। इससे बालों की ग्रोथ भी तेज होती है और आपके बालों में शाइन आती है।इस तरह से आप अपने लिए डिटॉक्स ड्रिंक बना सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें अगर आप किसी बीमारी के लिए रोज दवा लेते हैं, तो इसका सेवन एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें। - काले और घने बाल हर किसी को पसंद होते हैं? लेकिन खराब खानपान और देखभाल न करने से बालों का नेचुरल कलर उड़ जाता है। इसके कारण बाल सफेद होने लगते हैं। अगर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है, तो इस कारण भी आपके बाल होने लगेंगे। इसके अलावा, गलत हेयर केयर प्रोडक्ट्स या ज्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से भी बाल सफेद होते हैं। इस समस्या को कंट्रोल रखने के लिए पोषण और देखभाल दोनों पर ध्यान देना जरूरी है। बालों को नैचुरली काला करने के लिए ब्लैक टी भी फायदेमंद होती है। इसे आप कई तरीकों से बालों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आइये इस लेख में जानें बालों को काला करने के लिए ब्लैक टी कैसे इस्तेमाल करें।ब्लैक टी से बनाएं स्प्रे-ब्लैक टी इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका इसका स्प्रे तैयार करना है। इसके लिए आपको एक बर्तन में ब्लैक टी को अच्छे से उबाल लेना है। ठंडा होने के बाद इसे स्प्रे बोतल में भरकर रख लें। अब बालों को चार हिस्सों में बांटे और स्कैल्प में स्प्रे करें। इसकी थोड़ी-थोड़ी मात्रा लेकर बालों पर स्प्रे करें और अच्छे से मसाज करें। करीब 2 घंटे बाद सादे पानी से बाल धोएं और फर्क महसूस करें।ब्लैक टी और कॉफीब्लैक टी और कॉफी बालों के लिए बेहतरीन कॉम्बिनेशन हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बालों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। इन दोनों को एक साथ इस्तेमाल करने से बालों में नेचुरल कलर बना रहता है। ब्लैक टी और कॉफी दोनों ही बालों को काला करने में मदद करते हैं। इस्तेमाल के लिए दोनों को बराबर मात्रा में पानी में उबालकर रख लें। इस पानी से बालों को धोएं और फर्क देखें।ब्लैक टी और मेहंदीआप बालों के लिए मेहंदी बनाने के लिए भी ब्लैक टी इस्तेमाल कर सकते हैं। मेहंदी घोलने के लिए आप ब्लैक टी इस्तेमाल कर सकते हैं। पेस्ट बनाने के लिए आधा कप हिना में 2 चम्मच आंवला का पाउडर मिलाएं। सामग्री को मिलाने के लिए ब्लैक टी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पेस्ट को बालों पर लगाकर दो घंटे तक रहने दें। सूखने के बाद सादे पानी से बालों को धो लें। अगले दिन माइल्ड शैंपू से बालों को वॉश कर लें।ब्लैक टी और रोजमेरी टीबालों के लिए रोजमेरी टी भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इन दोनों को आप एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजमेरी टी बालों की हेल्दी ग्रोथ में मदद करती है। इसके इस्तेमाल से बालों में मजबूती भी बनी रहती है। वहीं ब्लैक टी इस्तेमाल करने से बालों में नेचुरल कलर बना रहता है।अगर आपको स्कैल्प से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको पैच टेस्ट के बाद ही इनका इस्तेमाल करना चाहिए।
- राखी भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाने का दिन माना जाता है। हर साल सावन महीने की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल राखी यानी की रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाने वाला है। रक्षाबंधन का त्योहार ढेर सारी मिठाई और पकवानों के बिना अधूरा माना जाता है। ज्यादा मिठाई और तेल-मसालों वाला खाना खाने से लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर मिठाई खाने की वजह से लोगों का ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है, जिसकी वजह से डायबिटीज और प्री-डायबिटीज का खतरा हो सकता है। इस साल आप रक्षाबंधन को टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी बनाना चाहते हैं तो पारंपरिक मिठाइयों की बजाय हेल्दी मिठाई ऑप्शन ट्राई कीजिए। आज इस आर्टिकल में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं।रक्षाबंधन पर भाई को खिलाएं ये 5 स्पेशल मिठाई-बेसन और गुड़ के लड्डूरक्षाबंधन के त्योहार पर आप रेगुलर मिठाई की बजाय हेल्दी बेसन और गुड़ वाले लड्डू से भाई का मुंह मीठा करवा सकती हैं। बेसन और गुड़ के लड्डू काफी हेल्दी होते हैं। इसका सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर हो सकती है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ने से रोकती है।तिल के लड्डूरक्षाबंधन पर मिठाई के तौर पर तिल के लड्डुओं का सेवन करना भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। तिल के लड्डुओं में पर्याप्त मात्रा में जिंक, आयरन, विटामिन बी6, विटामिन ई, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। तिल के लड्डुओं का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। जब इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, तो सर्दी, खांसी और बुखार जैसे संक्रमण का खतरा कम होता है।नारियल के लड्डूनारियल के लड्डू में कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसका सेवन करने से हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा नारियल के लड्डूओं का सेवन करने से जोड़ों, हाथ और पैरों के दर्द से भी राहत मिलती है। इस बार रक्षाबंधन पर आप नारियल के हेल्दी लड्डूओं से भाई का मुंह मीठा करवा सकती हैं।सत्तू की बर्फी और लड्डूसत्तू के लड्डू और बर्फी यूं तो बाजार में मिलना मुश्किल है, लेकिन आप इसे आसानी से घर पर ही बना सकती हैं। सत्तू के लड्डूओं में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। इसका सेवन करने से पाचन क्रिया से संबंधित बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है। सत्तू में मौजूद फाइबर कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करता है।काजू कतलीकाजू कतली ज्यादातर भारतीयों की फेवरेट मिठाई है। हर तीज-त्योहार पर काजू कतली तो बनाई ही जाती है। काजू कतली स्वाद के साथ सेहत का भी खजाना है। इसमें पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो हार्ट संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करता है। इसके अलावा काजू में मौजूद सेलेनियम, विटामिन ई, और जिंक पोषण तत्व शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।
- अगर आप भी बढ़ते हुए वजन से परेशान हैं और इसे घटाने के लिए सिर्फ प्लानिंग तक ही रह गए हैं, तो अब वक्त आ गया है, अपनी डाइट में एक छोटा सा बदलाव करने का। वजन और थुलथुले शरीर की चर्बी को घटाने के लिए आप अपनी रेगुलर चाय की जगह सौंफ और अजवाइन की चाय का सेवन शुरू कर दीजिए। सौंफ और अजवाइन की चाय पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। आइए इस लेख में आगे जानते हैं सौंफ और अजवाइन की चाय की रेसिपी और इसके फायदों के बारे में।सौंफ और अजवाइन की चाय बनाने की रेसिपी-1. मेथी के बीज- ½ चम्मच2. सौंफ के बीज- ½ चम्मच3. अजवाइन के बीज- ½ चम्मच4. धनिया के बीज- ½ चम्मच5. शहद या नींबू- स्वादानुसार6. पानी- 1 गिलासबनाने का तरीका- मेथी, सौंफ, धनिया और अजवाइन के बीजों को एक गिलास पानी में भिगोकर रात भर के लिए छोड़ दें।- सुबह इस मिश्रण के पानी को पैन में डालकर धीमी आंच पर 1 से 2 मिनट के लिए पकाएं।- पकाने के बाद इस मिश्रण को छाने नहीं, इसमें स्वाद के लिए नींबू का रस या शहद डालकर पिएं।- रोजाना सुबह खाली पेट सौंफ और अजवाइन की चाय का सेवन करें।सौंफ और अजवाइन की चाय पीने के फायदेवजन घटाने के साथ-साथ सौंफ और अजवाइन की चाय सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाती है।1. चर्बी को हटाने में मिलती है मददरोजाना सौंफ और अजवाइन की चाय पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। जिसकी मदद से वजन और शरीर पर जमा एक्स्ट्रा फैट घटाने में मदद मिलती है। सौंफ और अजवाइन की चाय में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर का सेवन करने से शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा चर्बी को हटाने में मदद मिलती है।2. गट हेल्थ को रखता है ठीकअजवाइन और सौंफ दोनों ही शरीर में पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाते हैं। रोजाना इस चाय का सेवन करने से गट हेल्थ को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इस चाय के पोषक तत्व मल को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, जिससे कब्ज और पेट दर्द की समस्या नहीं होती है।3. पेट के एसिड को करते हैं कमअजवाइन और सौंफ दोनों में क्षारीय गुण होते हैं जो पेट में अतिरिक्त एसिड को बेअसर करने और एसिडिटी के लक्षणों जैसे सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स को कम करने में मदद कर सकते हैं। रोजाना इस चाय का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।4. शरीर के दर्द से मिलती है राहतसौंफ और अजवाइन की चाय का सेवन करने से शरीर के दर्द से भी राहत मिलती है। इस चाय में मौजूद इंफ्लामेशन और एंटी बैक्टीरियल गुण, शरीर में गर्माहट पैदा करके, दर्द से राहत दिलाते हैं। मौसम में बदलाव के साथ जिन लोगों को शरीर या सिर में दर्द की समस्या होती है, उन्हें रोजाना सौंफ और अजवाइन की चाय का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- कैल्शियम एक खनिज पदार्थ है जो शरीर के लिए जरुरी है। अगर शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है, तो इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। शरीर और मांसपेशियों में दर्द और अकड़न भी कैल्शियम की कमी के कारण होता है। इसके अलावा, दांत और नाखून कमजोर होना भी कैल्शियम की कमी की ओर इशारा करते हैं। डाइट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ एड करने से आप कैल्शियम की कमी पूरी कर सकते हैं। लेकिन कई बार कैल्शियम सप्लिमेंट्स लेने की जरूरत होती है। ये हर किसी के शरीर पर काम नहीं कर पाते हैं। अगर कैल्शियम सप्लिमेंट्स आपके शरीर पर असर नहीं करते, तो ऐसे में शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं।ये संकेत बताते हैं कि शरीर के लिए काम नहीं कर रहे आपके कैल्शियम सप्लिमेंट्सशरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्दकैल्शियम की कमी होने पर आपको शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होने लगेगा। आपको महसूस होगा कि आपको थकावट या कमजोरी है। जबकि यह कैल्शियम सप्लिमेंट्स के असर न करने का कारण होगा। ऐसे में आपको कभी हाथों में दर्द या पैरों में दर्द होगा।कमर और गर्दन में दर्द होनाकमर और गर्दन में बार-बार दर्द होना भी कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है। अगर आप कैल्शियम सप्लिमेंट्स समय से ले रहे हैं, इसके बावजूद आपको यह समस्या है तो तुरंत चेकअप करवाएं। ऐसे में आपको कमर और गर्दन में अकड़न भी हो सकती है।हाथ पैरों में झनझनाहट होनाहाथ पैरों में झनझनाहट होना भी बिल्कुल नॉर्मल नहीं है। क्योंकि ये संकेत भी शरीर में कैल्शियम की कमी की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में आपको कलाई, पैरों में दर्द और झनझनाहट महसूस होगी। इन संकेतों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।मसल्स क्रैम्प्स ज्यादा होनामसल्स क्रैम्प्स ज्यादा होना भी कैल्शियम की कमी की ओर इशारा करते हैं। अगर आपको वर्कआउट के बाद बहुत देर तक बॉडी क्रैम्प्स रहते हैं, तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें। इसके अलावा, चोट लगने के बाद अगर आपको काफी दिन तक क्रैम्प्स रहते हैं, तो यह बिल्कुल नॉर्मल नहीं है।घुटनों में दर्द होनाकैल्शियम सप्लिमेंट्स के असर न करने पर आपको घुटनों में दर्द भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में आपको थोड़ा चलने या सीढ़िया चढ़ते ही परेशानी होने लगेगी। यह कैल्शियम की कमी की ओर इशारा करता है। इसके कारण कई बार आपके लिए चलना भी मुश्किल हो सकता है।अगर आपको इनसे से कोई भी लक्षण नजर आता है तो आपको कैल्शियम सप्लिमेंट्स का सेवन बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही, डॉक्टर से संपर्क जरूर करें जिससे परेशानी समझ आ सके।
- प्रोटीन हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा है। प्रोटीन शरीर में ईंट की तरह काम करता है। जिस तरह से बिना ईंट के घर की कल्पना नहीं की जा सकती है। ठीक वैसे ही बिना प्रोटीन के शरीर की कल्पना करना नामुमकिन हैं। आंखें, स्किन, बाल, सेल्स और हार्मोन शरीर के सभी फंक्शन के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। प्रोटीन मांसपेशियों का निर्माण करने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बढ़ाने में मदद करता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ हमारे रोजाना के खाने में एक बड़ा हिस्सा प्रोटीन का शामिल करने की सलाह देते हैं। अंडे, चिकन, मछली, डेयरी प्रोडक्ट और अनाज प्रोटीन का अच्छा सोर्स माने जाते हैं। लेकिन आपको यह बात जानकार थोड़ी हैरानी होगी कि हर प्रोटीन का सोर्स आपकी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है। बाजार में मिलने वाले कई प्रोटीन के सोर्स आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।1. डीप फ्राइड मीटकुछ लोग को डीप फ्राइड मीट या चिकन बहुत पसंद होता है। डीप फ्राइड मीट का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, जब किसी मांस को गर्म तेल में पकाया जाता है, तो इसमें एक्रिलामाइड बढ़ जाते हैं। एक्रिलामाइड के कारण डीप फ्राइड चिकन खाने से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इतना ही नहीं डीप फ्राइड तेल में ट्रांस फैट और एक्स्ट्रा कैलोरी होती है, जो मोटापे और डायबिटीज का कारण बनती है।2. हाई फैट डेयरी प्रोडक्टहाई फैट डेयरी प्रोडक्ट जैसे कि दूध, दही, पनीर और चीज कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन का भी अच्छा सोर्स हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करने से हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बढ़ता है। साथ ही, हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करने से शरीर में ज्यादा मात्रा में कैलोरी जाती है, जिसकी वजह से वजन बढ़ने और मोटापे की समस्या भी होती है।3. फ्लेवर्ड योगर्टस्वाद से भरपूर फ्लेवर्ड योगर्ट का चलन पिछले कुछ सालों में बहुत ज्यादा बढ़ा है। योगर्ट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, लेकिन रोजाना फ्लेवर्ड योगर्ट का सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, इसमें हाई शुगर, एस्पार्टेम, सुक्रालोज और सैकरीन जैसे चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं बाजार में मिलने वाले फ्लेवर्ड योगर्ट को कई बार रंग देने के लिए आर्टिफिशियल कलर्स का इस्तेमाल भी किया जाता है, जो कैंसर समेत कई बीमारियों का कारण बन सकती है।4. प्रोटीन पाउडरहार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। प्रोटीन पाउडर में अतिरिक्त चीनी और कैलोरी पाई जाती है, जो न सिर्फ हार्ट प्रॉब्लम और डायबिटीज का जोखिम बढ़ाती है। इतना ही नहीं ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करने की वजह से मोटापा भी बढ़ता है।5. प्रोसेस्ड मीटबाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड मीट प्रोडक्ट का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में किए गए शोध के अनुसार, बेकन, सॉसेज और सलामी जैसे प्रोसेस्ड मीट स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और हार्ट प्रॉब्लम का कारण बनते हैं।
- सुबह का नाश्ता हमेशा हैवी और हेल्दी होना चाहिए। क्योंकि यह दिन का पहला मील होता है, जो हमें दिनभर एक्टिव रखता है। कई लोग नाश्ते में मूसली खाना पसंद करते हैं। लेकिन मार्केट में मिलने वाली पैकेज्ड मूसली हर किसी के लिए सेफ नहीं होती है। लंबे समय तक पैकेट में रखने के लिए इसमें प्रिजर्वेटिव्स एड किये जाते हैं। जिससे यह हेल्दी के बजाय अनहेल्दी हो जाती है। ऐसे में आप घर पर ही कुछ समानों से मूसली तैयार कर सकते हैं। इसे बनाने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा। साथ ही, यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होगी।जानें घर पर कैसे तैयार करें होममेड मूसलीरोल्ड ओट्स- 2 कपकद्दू के बीज- 1/4 कपअलसी के बीज- 1/4 कपचिया सीड्स- 3 बड़े चम्मचसूरजमुखी के बीज- 1/4 कपबादाम- 1 कप मोटे कटे हुएइन सभी को सूखा भून लें और फिर डालें-गेहूं के टुकड़े- 1/2 कपकाली किशमिश- 1/4 कपसूखे क्रैनबेरी- 1/4 कपदालचीनी पाउडर- 1/4 छोटा चम्मचगुड़ पाउडर- 2 चम्मचब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए ऐसे खाएं सफेद मूसली, मिलेंगे अनोखे फायदेइन सभी चीजों को मिलाकर एक कंटेनर में डालकर रख लें। रोज सुबह इसमें से थोड़ा मूसली लें और दूध और फलों के साथ खाएं। इस तरह से आप घर परहेल्दी मूसली तैयार कर सकते हैंहोममेड मूसली के फायदेकेमिकल फी होती हैमार्केट में मिलने वाली मूसली में प्रिजर्वेटिव्स होते हैं। इसलिए यह शरीर के लिए हेल्दी नहीं होती है। लेकिन घर पर बनी मूसली में आप सभी चीजें अपनी पसंद से इस्तेमाल करते हैं। इसमें पोषक तत्व भी ज्यादा होते हैं।दिनभर एनर्जेटिक रखें-इस होममेड मूसली में नेचुरल सीड्स के साथ ड्राई फ्रूट्स भी इस्तेमाल हुए हैं। इनमेंहेल्दी फैट्स होने के साथजरूरी मिनरल्स भी होते हैं। ये सभी चीजें आपको हेल्दी और एनर्जेटिक रखने में मदद करेंगी।वेट लॉस में मददगारहोममेड मूसली में ओट्स अधिक इस्तेमाल हुए हैं। इसलिए यह वेट लॉस के लिए पर्फेक्ट रेसिपी हो सकती है। इसमें नेचुरल सीड्स के साथ ड्राई फ्रूटस भी डाले गए हैं। ये सभी चीजें आपको फीलिंग रखने में मदद करेंगी। होममेड मूसली खाने से आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी, जिससे आप अगले मील में कम कैलोरी इंटेक करेंगे।क्रेविंग कंट्रोल करेंहोममेड मूसली में मिठास के लिए किशमिश और फ्रूटस इस्तेमाल किये गए हैं। ये सभी चीजें आपकी मीठे की क्रेविंग भी शांत करेंगी। इसलिए आप इसे रोज नाश्ते में खा सकते हैं।इसमें सीड्स और ड्राई फ्रूटस ज्यादा इस्तेमाल हुए हैं। इसलिए ध्यान रखें कि आप राज कम मात्रा में ही इसका सेवन करें। अगर आपकी कोई दवा चल रही है और आपको सीड्स या ड्राई फ्रूटस की मनाही है। ऐसे में आपको यह रेसिपी अवॉइड करनी चाहिए।
- मानसून में नाशपाती खूब आता है और लोग इसे खाने का मजा भी भरपूर लेते हैं। आमतौर पर नाशपाती हरे रंग की होती है, लेकिन क्या आपने कभी लाल नाशपाती के बारे में सुना है? हरे की तरह की लाल नाशपाती का स्वाद भी हल्का सा खट्टा और मीठा होता है। हरे के मुकाबले लाल नाशपाती सेहत, स्किन और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।लाल नाशपाती खाने के फायदेलाल नाशपाती में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, कैल्शियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व हार्ट हेल्थ, ग्लोइंग स्किन और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।1. हृदय रोगों से बचाता हैनाशपाती में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में मददगार होता है। एक्सपर्ट के अनुसार, लाल नाशपाती में मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर के खतरे को कम करता है।2. एलर्जिक रिएक्शन को कम करता हैनाशपाती को खाने पर अन्य फलों की तुलना में एलर्जिक रिएक्शन की संभावना कम होती है। मानसून में लाल नाशपाती का सेवन करने से त्वचा संबंधी एलर्जी, खुजली और जलन की संभावना कम होती है।3. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैलाल नाशपाती विटामिन सी से भरपूर होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण को दूर रखने में मदद करती है। लाल नाशपाती में मौजूद कॉपर संक्रमण पैदा करने वाली बीमारियों को भी रोकता है। मानसून में रोजाना लाल नाशपाती का सेवन करने से बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।4. ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता हैलाल नाशपाती में एंथोसायनिन भरपूर मात्रा में होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज की संभावना को कम करता है। एक्सपर्ट के अनुसार, मानसून में आने वाले अन्य फलों की तुलना में लाल नाशपाती का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल प्रभावित नहीं होता है, ऐसे में डायबिटीज के मरीज भी लाल नाशपाती बिना किसी संकोच के खा सकते हैं।5. पेट को स्वस्थ रखता हैलाल नाशपाती में फाइबर की मात्रा होती है। इसका सेवन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। मानसून में लाल नाशपाती खाने से कब्ज, पेट में दर्द और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। इतना ही नहीं लाल नाशपाती मल को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है।6. झुर्रियों और झाइयों को रोकने मदद करता हैउम्र के साथ त्वचा पर होने वाली झुर्रियों और झाइयों को रोकने में भी लाल नाशपाती बहुत फायदेमंद होता है। लाल नाशपाती में कॉपर, विटामिन सी और विटामिन के पाया जाता है। यह त्वचा की फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, जिसकी वजह से झुर्रियां और झाइयों को रोकने में मदद मिलती है।
- वजन कम करते समय या फिर फिटनेस रूटीन मेंटेन करते समय बहुत जरूरी होता है कि आप सही खाने के ऑप्शन का चुनाव करें। अक्सर लोग कुछ ऐसा खाना चाहते हैं जिसे खाकर मजा भी आ जाए और वजन भी न बढ़े। अगर आप भी कुछ ऐसे ही खाने के ऑप्शन को देखते हैं तो यहां हम कुछ लो कैलोरी स्नैक्स ऑप्शन बता रहे हैं। इन्हें खाकर आपका वजन भी नहीं बढ़ेगा और आपको ताकत भी मिलेगी।अक्सर जो लोग वजन कम कर रहे होते हैं वह लो कैलोरी स्नैक्स के लिए ऑप्शन खोजते हैं। अगर कोई ऑप्शन न समझ आए तो भूख को शांत करने के लिए जंक फूड खा लेते हैं। अगर आपके साथ ऐसा होता है तो न करें। हम यहां पर कुछ हेल्दी लो कैलोरी स्नैक्स बता रहे हैं जानिए-मक्के के दाने काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। ऐसे में ये उन लोगों के लिए अच्छे माने जाते हैं जिन्हें कब्ज की समस्या रहती है। ये पाचन के साथ ही आंखों के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसे बनाने के लिए कॉर्न को स्टीम करें और फिर इसमें नमक, काली मिर्च और नींबू का रस डालें। अच्छे से मिक्स करें और खाएं।फाइबर युक्त पॉपकॉर्न पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं। ये एक हेल्दी स्नैक ऑप्शन है। हालांकि, इसे घर पर बनाया जाना चाहिए। बाजार में मिलने वाले पॉपकॉर्न में काफी मक्खन होता है जो नुकसान कर सकता है। आप इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं।प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स से भरपूर स्प्राउट्स सलाद स्वाद में अच्छी लगती है। ये एक हेल्दी स्नैक है जिसे खूब सारी सब्जियों के साथ मिलाकर तैयार किया जा सकता है। वजन कम कर रहे हैं तो इसे बिना मसालों के खाएं। बस नींबू का रस निचोड़ लें।भूख लगने पर चना सलाद खाई जा सकती है। इसे बनाना काफी आसान है। फाइबर से भरपीर इस सलाद को बनाने के लिए भीगे-उबले चने में चाट मसाले के साथ कुछ सब्जियां मिलाएं और खाएं।
- बढ़ते बच्चों के दिमागी विकास की हो बात या फिर परिवार के हर सदस्य की सेहत का रखना हो ख्याल, घर के बड़े-बुजुर्ग रोजाना कुछ बादाम नाश्ते में भिगोकर खाने की सलाह देते हैं। बादाम में बाकी मेवों की तुलना में सबसे ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बादाम का नियमित सेवन शरीर में विटामिन ई, कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक, सेलेनियम, कॉपर, नियासिन, आयरन और मैग्नीशियम की कमी को पूरा करता है। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद क्या आप जानते हैं, बादाम की तासीर गर्म होने की वजह से अगर इसका सेवन सही तरीके से ना किया जाए तो यह फायदे की जगह आपको नुकसान तक पहुंचा सकता है।बता दें, शारीरिक जरूरत से कम बादाम खाने पर व्यक्ति को उसका फायदा पूरी तरह नहीं मिल पाता है। जबकि अगर व्यक्ति जरूरत से ज्यादा बादाम खाता है तो उसे उसके साइड इफेक्ट झेलने पड़ सकते हैं। ऐसे में बादाम का सेवन करने से पहले हर व्यक्ति को अपनी उम्र के हिसाब से उसकी सही मात्रा का पता होना बेहद जरूरी हो जाता है।वयस्क व्यक्ति को रोज कितने बादाम खाने चाहिए?कई स्वास्थ्य रिपोर्ट एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 30 ग्राम, यानी लगभग 23 बादाम खाने की सलाह देती हैं। बादाम की इतनी मात्रा एक वयस्क व्यक्ति के शरीर को जरूरी सभी पोषक तत्वों की मात्रा पूरी करवाने के लिए काफी होती है। वयस्क व्यक्ति के लिए इतनी मात्रा में बादाम का सेवन नुकसान नहीं पहुंचाता है।क्या कहते हैं विशेषज्ञ-विशेषज्ञों की मानें तो भारत जैसे गर्म देश में रोजाना एक व्यक्ति को 4-5 भिगोए हुए बादाम से ज्यादा नहीं खाने चाहिए। नियमित रूप से बादाम का सेवन हृदय, मस्तिष्क विकार, त्वचा और हेयर हेल्थ, मधुमेह, खांसी, सांस-संबंधी समस्या और एनीमिया में फायदा देता है। वहीं अगर बादाम का सेवन ज्यादा कर लिया जाए तो यह कब्ज, त्वचा रोग, अत्यधिक पसीना आने का कारण भी बनने लगता है।वेट लॉस में भी करता है मदद-एक स्टडी में यह पाया गया कि जो लोग बादाम का सेवन नहीं करते हैं उनकी तुलना में बादाम खाने वाले लोगों का वेट लॉस जल्दी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बादाम में मोनोसेचुरेटेड फैट, प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखताी है। बादाम में मौजूद मोनोसेचुरेटेड जैसे हेल्दी फैट दिल की सेहत का ध्यान रखकर कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। जबकि बादाम में मौजूद प्रोटीन मसल्स रिपेयर और ग्रोथ में मदद करता है। जो आपके हेल्दी वेट को बनाए रखने में मदद करता है।बच्चों के लिए कितने बादाम-करीब 10 बादाम बच्चों के लिए काफी होते हैं। बच्चों को रोजाना 10 बादाम भिगोकर खिलाने से बच्चों को प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा मिल सकती है।क्या है बादाम खाने की सही तरीका-सेहत के लिए बादाम के पूरे फायदे लेने के लिए आपको उसे खाने का सही तरीका जरूर पता होना चाहिए। बता दे, आप बादाम को कच्चा भी खा सकते हैं। यह बादाम खाने का सबसे आसान और हेल्दी तरीका है। कच्चे बादाम में प्राकृतिक तेल और पोषक तत्व संरक्षित रहते हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचा सकते हैं।हालांकि ज्यादातर लोग बादाम खाने के लिए यह दूसरा तरीका ज्यादा पसंद करते हैं। इस तरीके में बादाम को रात भर भिगोकर रखने के बाद अगली सुबह खाया जाता है। बादाम खाने के इस तरीके से बादाम जल्दी तो पचते ही है, साथ ही उनमें पौष्टिक तत्वों की उपलब्धता भी बढ़ सकती है।
- कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है, जो हड्डियों और दांतों की मजबूती को बनाए रखने में सहायक होता है। बच्चों और टीनएजर्स को कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस उम्र में हड्डियों का निर्माण और विकास तेजी से होता है। वहीं, वयस्कों और बुजुर्गों में हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। यदि शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो इससे हड्डियों की कमजोरी, दांतों की समस्याएं, मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी की शिकायत हो सकती है।कैल्शियम सप्लीमेंट्स की जगह करें इन 5 चीजों का सेवन1. मोरिंगा (मुनगा)मोरिंगा में अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक है। इसमें विटामिन ए और ई भी होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। मोरिंगा की फली के साथ-साथ इसकी पत्तियां कई तरह के जरूरी एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद कर सकती हैं। मोरिंगा का उपयोग स्मूदी, सब्जी, सूप या सलाद में मिलाकर किया जा सकता है। इसके अलावा मोरिंगा की पत्तियों को सूखाकर चाय के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।2. सफेद तिलकैल्शियम की कमी दूर करने में सफेद तिल का सेवन भी लाभदायक हो सकता है। सफेद तिल में अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही सफेद तिल में मैग्नीशियम और फास्फोरस भी होते हैं, जो हड्डियों के लिए जरूरी हैं। सफेद तिल को आप रातभर पानी में भिगोकर अगले दिन खा सकते हैं, इसके अलावा सलाद, दही या किसी भी भोजन में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। तिल के लड्डू या तिल पट्टी भी कैल्शियम का सोर्स हो सकते हैं।3. अलसीकैल्शियम के साथ-साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अलसी के बीज हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। अलसी में फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन को बेहतर करने में मदद करता है। अलसी को पीसकर सलाद, स्मूदी या सूप में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।4. चिया सीड्सकैल्शियम के साथ प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चिया सीड्स हड्डियों को हेल्दी बनाए रखने सहायक होते हैं। चिया सीड्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को हेल्दी रखने मदद करते हैं। चिया सीड्स को पानी में भिगोकर स्मूदी, ओटमील या दही में मिलाकर खा सकते हैं।5. राजगिराराजगिरा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसमें आयरन और मैग्नीशियम भी होते हैं, जो एनीमिया की शिकायत को कम सकते हैं। राजगिरा ग्लूटेन-फ्री होता है, ऐसे में जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी होती है उनके लिए भी इसका सेवन लाभकारी हो सकता है। राजगिरा को आप दलिया और स्मूदी में मिला सकते हैं, इसके अलावा राजगिरा का आटा रोटी या पराठा बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- आयुर्वेद में खानपान का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। कई ऐसी चीजें हैं जो गंभीर से गंभीर बीमारियों में भी असरदार होती हैं। इसी लिस्ट में घी और नारियल तेल को भी शामिल किया गया है। ये दोनों चीजें से व्यंजन तैयार करने के लिए इस्तेमाल होती हैं। इनके सेवन से कई बीमारियों से राहत मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार घी और नारियल तेल दोनों ही हेल्दी वसा हैं जिन्हें आपको डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए-देसी घी के फायदे-वात पित्त संतुलित होते हैं-देसी घी को गाय के दूध से तैयार किया जाता है। यह शरीर में वात पित्त बैलेंस रखने में मदद करता है।-पाचन अग्नि तेज होती है-घी के सेवन से पाचन अग्नि तेज होती है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। इससे गट हेल्थ को फायदा होता है। साथ ही, इम्यूनिटी और मेमोरी बूस्ट होती है।-पेट और आंत के लिए फायदेमंद-घी में ब्यूटिरिक एसिड अधिक होता है। यह पेट और आंत को स्वस्थ रखने में मदद करता है।-याददाश्त बढ़ती है-आयुर्वेद कहता है कि घी मेदो वर्धक है जिसका अर्थ है कि यह याददाश्त और दिमाग की शक्ति को बढ़ाता है।-दवाओं में इस्तेमाल होना-घी आयुर्वेद के अनुसार सबसे अच्छा हेल्दी फैट्स है। इसके अनगिनत गुणों के कारण इसे कई दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है।नारियल तेल के फायदे-पित्त संतुलित रहता है- नारियल तेल पित्त को संतुलित रखने में फायदेमंद है। इससे शरीर में वात पित्त की समस्या नहीं होती और कई बीमारियों में मदद मिलती है।-पाचन अग्नि तेज होती है-इसके सेवन से भी पाचन अग्नि तेज होती है और पाचन स्वस्थ रहता है।-त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद-नारियल तेल त्वचा और बालों को हेल्दी रखने में मदद करता है। इसे आप सेवन के अलावा त्वचा और बालों की कई समस्याओं में इस्तेमाल कर सकते हैं।-शरीर की सूजन कम होती है-शरीर की सूजन में भी नारियल तेल का सेवन करना फायदेमंद है। यह त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में मददगार है।-कमजोरी दूर होती है-नारियल का तेल पोषक तत्वों से भरपूर है और यह कमजोरी दूर करने में मदद करता है। यह शरीर में ऊर्जा और ताकत को बेहतर बनाने में मदद करता है।-इम्यूनिटी बढ़ाता है-नारियल का तेल लॉरिक एसिड से भरपूर होता है जो रोगाणुरोधी के रूप में कार्य करता है। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है और हार्ट हेल्थ के लिए भी अच्छा है।-इन बातों का रखें ध्याननारियल तेल और घी दोनों ही ठंडी प्रकृति के होते हैं। नारियल का तेल ज्यादा कफ उत्तेजक है जबकि घी थोड़ा गर्म होता है।रोजाना खाना पकाने के लिए आप 1 बड़ा चम्मच घी या नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए दवा लेते हैं, तो आपको किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर ही इनका सेवन करना चाहिए।
- ड्राई फ्रूट्स जैसे की काजू, बादाम, किशमिश और अंजीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, आयरन, विटामिन ई, विटामिन बी12, विटामिन डी और ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते है। यह सभी पोषक तत्व शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ड्राई फ्रूट्स को पानी या दूध किसमें भिगोने से सेहत को ज्यादा फायदा मिलता है?दूध में भिगोए हुए ड्राई फ्रूट्स खाने के फायदेअगर आप ड्राई फ्रूट्स का सेवन आधे से 1 घंटे की बीच करना चाहते हैं, तो इसे दूध में भिगोया जा सकता है। दूध ड्राई फ्रूट्स को भिगोने से यह दूध के स्वाद को स्वादिष्ट बना देता है। जिन लोगों को दूध पीने में परेशानी होती है या जिन्हें दूध का स्वाद पसंद नहीं है, अगर वह दूध में ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर सेवन करें, तो उन्हें इसका फायदा ज्यादा मिलता है। दूध में ड्राई फ्रूट्स मिलाकर सेवन करने से शरीर को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और मिनरल्स मिलते हैं, जिससे इम्यूनिटी स्ट्रांग बनती है। इतना ही नहीं दूध में भिगोए हुए ड्राई फ्रूट्स खाने से वजन बढ़ाने में भी मदद मिलती है ।पानी में भिगोए हुए ड्राई फ्रूट्स खाने के फायदे-, जब ड्राई फ्रूट्स को पानी में भिगोया जाता है, तो इसमें मौजूद फायटिक एसिड का कंटेंट कम हो जाता है। फायटिक एसिड पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ड्राई फ्रूट्स को पानी में भिगोने से इसके पोषक तत्वों में इजाफा होता है। पानी में भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स इसकी ऊपरी परत पर मौजूद फायटिक एसिड को खत्म कर देते हैं। यह फायटिक एसिड अपच का कारण बन सकता है। यही कारण है कि पानी में भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स ज्यादा फायदेमंद हैं।पानी या दूध किसमें ड्राई फ्रूट्स भिगोकर खाना है ज्यादा हेल्दी?एक्सपर्ट का कहना है कि ड्राई फ्रूट्स को पानी में भिगोना है या फिर उसे दूध में भिगोकर खाना चाहिए, यह हर व्यक्ति की जरूरत पर निर्भर करता है। जिन लोगों को डायबिटीज या कोई बीमारी है, अगर वह रेगुलर बेसिस पर ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना चाहते हैं, तो इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
- हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल बनते हैं- एक हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और दूसरा लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। सदाबहार, जिसे अंग्रेजी में विंक (Periwinkle) भी कहते हैं, एक औषधीय पौधा है जिसका आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान है। इसका सेवन करने से हाई कोलेस्ट्रॉल में बहुत फायदा मिलता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, हाई कोलेस्ट्रॉल में सदाबहार के फूलों का सेवन करने के फायदे और सही तरीका।हाई कोलेस्ट्रॉल में सदाबहार के फायदे-कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल: सदाबहार में पाए जाने वाले कुछ तत्व रक्त में कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।-एलडीएल को कम करना: एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में भी सदाबहार लाभकारी हो सकता है।-हार्ट : कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके, सदाबहार हार्ट हेल्थ में सुधार करने में भूमिका निभा सकता है।हाई कोलेस्ट्रॉल में सदाबहार का सेवन कैसे करें?सदाबहार की चाय-सदाबहार की ताजी या सूखी पत्तियों को पानी में उबालें।-चाय को ठंडा होने दें और फिर छान लें।-आप चाहें तो इसमें थोड़ी सी शहद मिला सकते हैं।-नियमित रूप से इस चाय का सेवन करें।सदाबहार का रस-सदाबहार की ताज़ी पत्तियों को धोकर पीस लें।-रस को छान लें और आप चाहें तो इसे शहद के साथ मिला सकते हैं।-सुबह खाली पेट एक चम्मच रस ले सकते हैं।सदाबहार का पाउडर-सदाबहार की पत्तियों को सुखाकर पाउडर बना लें।-आप इस पाउडर को शहद या दही के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं।हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण-सीने में दर्द और बेचैनी-स्किन के रंग में बदलाव-ब्लड प्रेशर बढ़ना-सांस लेने में परेशानी-अचानक दिल की धड़कन बढ़ना-अचानक से घबराहट होना-शरीर में लगातार थकान और सुस्ती बनी रहना-अचानक से शरीर के बाएं हिस्से में दर्द होनाइसके अलावा जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रख सकते हैं। इसके लिए आप रेग्युलर एक्सरसाइज करें। इससे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
- डायबिटीज के मरीजों के लिए इंसुलिन प्लांट एक चमत्कारी पौधा बताया जाता है। इंसुलिन प्लांट एक पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस इग्नस (Coccus ignitus) है। यह पौधा मुख्य रूप से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इंसुलिन प्लांट की पत्तियों में कुछ ऐसे गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि इंसुलिन प्लांट का इस्तेमाल करने से शरीर में इंसुलिन का प्रोडक्शन भी बढ़ जाता है। इंसुलिन प्लांट का सेवन करने से डायबिटीज में ब्लड शुगर कंट्रोल और इंसुलिन प्रोडक्शन ठीक करने वाले दावे के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। अभी तक हुए अध्ययनों में यह जरूर कहा गया है कि इंसुलिन प्लांट की पत्तियों का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर में मामूली कमी या सकती है।" लेकिन इसकी पत्तियों का असर सभी लोगों पर एक जैसा नहीं होता है।क्या इंसुलिन प्लांट का सेवन सुरक्षित है?इंसुलिन प्लांट को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी या अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप पहले से ही डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो इंसुलिन प्लांट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, इस बीमारी में लापरवाही मरीजों के लिए भारी पड़ सकती है। डायबिटीज में इंसुलिन प्लांट का सेवन करने वाले दावे भले ही बहुत बड़े हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इस समस्या में किसी भी चीज का सेवन करने से बचना चाहिए। डायबिटीज से बचाव और इसे कंट्रोल में रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक डाइट का सेवन और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए।समय-समय पaर ब्लड शुगर की जांच और डॉक्टर की सलाह लेने से आप डायबिटीज को कंट्रोल में रख सकते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो इंसुलिन प्लांट जैसी किसी भी चीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- हेयर टाइप अलग होने के साथ उनकी देखभाल भी अलग होती है। आप स्ट्रेट बालों का शैम्पू कर्ली बालों पर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। वहीं कर्ली बालों के लिए हेयर केयर और हेयर मास्क भी अलग-अलग होते हैं। कर्ली बालों के लिए लोग ज्यादातर मार्केट के हेयर प्रोडक्ट्स पर निर्भर हो जाते हैं। जबकि इनकी देखभाल घर पर भी हो सकती है। कर्ली बालों में शाइन बनाए रखना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में आप अलसी और ऑलिव ऑयल का हेयर कंडीशनर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे बनाना और इस्तेमाल करना दोनों बहुत आसान है। आइये इस लेख में जानें इस हेयर कंडीशनर को कैसे बनाना है।अलसी और ऑलिव ऑयल का हेयर कंडीशनर कैसे बनाएं-सामग्रीअलसी- 3 से 4 चम्मचऑलिव ऑयल- 1 चम्मचविटामिन ई कैप्सूल- 1बादाम का तेल- 2 चम्मचएलोवेरा जेल- 2 चम्मचबनाने की विधियह हेयर कंडीशनर बनाने के लिए अलसी को पानी में भिगोकर रखें। अब इसे उबालकर इसका जेल तैयार कर लें। ध्यान रखें कि आपको केवल गाढ़ा जेल लेना है। अब इसे एक बाउल में रख लें। इसके साथ ही इसमें 2 चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। साथ ही, इसमें 2 चम्मच बादाम तेल, विटामिन ई कैप्सूल और ऑलिव ऑयल मिलाएं।अलसी और ऑलिव ऑयल का हेयर कंडीशनर कैसे इस्तेमाल करेंइस कंडीशनर को आप शैम्पू से पहले और बाद में दोनों तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। शैम्पू के बाद इस कंडीशनर की थोड़ी सी मात्रा हाथ में लीजिए। हल्के हाथों से इसे बालों पर लगाएं। इसे ज्यादा मात्रा में न लगाएं अन्यथा बाल चिपचिपे हो सकते हैं।अलसी और ऑलिव ऑयल के हेयर कंडीशनर के फायदेबालों में चमक लाता हैअलसी का जेल बालों में शाइन लाता है। एलोवेरा जेल से बालों का रूखापन कम होता है। साथ ही, बाल स्मूद और शाइनी रहते हैं।बाल सॉफ्ट बनते हैंअलसी और ऑलिव ऑयल दोनों की बालों को सॉफ्ट बनाते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को सॉफ्ट और स्मूद रखने में मदद करते हैं।बाल हेल्दी होते हैंयह कंडीशनर बालों को हेल्दी रखने में भी मदद करता है। इसे आप हेयर मास्क की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बादाम तेल के प्राकृतिक गुण बालों को हेल्दी रखते हैं। यह कंडीशनर बालों को मजबूती देगा और शाइनी बनाने में मदद करता है। अगर आप पहली बार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक बार पैच टेस्ट जरूर करें।
- कद्दू की तुलना में इसके बीज, सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं। कद्दू के बीज विटामिन्स, मिनरल्स, हेल्दी फैट्स और प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत होते हैं। इन बीजों में मैग्नीशियम, जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन के और विटामिन ई जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। कद्दू के बीजों में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए भी ये बीज फायदेमंद होते हैं। लेकिन क्या आपको कद्दू के बीजों की तासीर पता है?कद्दू के बीजों की तासीर क्या होती है?-कद्दू के बीजों की तासीर ठंडी होती है। इसलिए हर व्यक्ति इन बीजों का सेवन आसानी से कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, पित्त प्रकृति के लोग भी कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, वात और कफ प्रकृति के लोगों के लिए भी कद्दू के बीज फायदेमंद होते हैं।कद्दू के बीजों का सेवन किसे करना चाहिए?-कद्दू के बीजों का सेवन सभी लोग कर सकते हैं। कद्दू की बीजों में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसलिए सभी लोग इन बीजों का सेवन कर सकते हैं।-अगर किसी व्यक्ति को कब्ज रहती है, तो उसके लिए कद्दू के बीज फायदेमंद हो सकते हैं। इनमें मौजूद फाइबर, कब्ज से छुटकारा दिलाता है।-कद्दू के बीज कोलेस्ट्रॉल रोगियों के लिए भी अच्छे होते हैं। इन बीजों को खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है।-कद्दू के बीजों में ओमेगा-3 और जिंक पाए जाते हैं। जिन लोगों की कमजोर इम्यूनिटी है, वे इन बीजों का सेवन कर सकते हैं।-डायबिटीज रोगियों के लिए भी कद्दू के बीज फायदेमंद माने जाते हैं। इनमें मौजूद फाइबर, डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मदद करता है।रोज कितनी मात्रा में कद्दू के बीजों का सेवन करना चाहिए?-किसी भी चीज का पर्याप्त लाभ लेने के लिए सही मात्रा में सेवन करना बहुत जरूरी होता है। आप रोजाना 5 ग्राम कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, आपको अधिक मात्रा में भी कद्दू के बीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।कद्दू के बीजों का सेवन कैसे करें?-कद्दू के बीजों का सेवन कई तरीकों से किया जाता है। कद्दू के बीजों को सलाद में मिलाकर खाया जा सकता है।इनका सेवन स्मूदी में किया जा सकता है।इसके अलावा, रोस्ट या भूनकर भी कद्दू के बीज खाए जा सकते हैं।कद्दू के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। लेकिन इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। क्योंकि इनमें कैलोरी अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है। अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो एक्सपर्ट की राय पर ही इनका सेवन करें।
- हर समय आलस आना, थका-थका महसूस होना, शरीर में कमजोरी होने का कारण होता है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर का कमजोर होना आम बात है, लेकिन कम उम्र में शरीर में पोषक तत्वों की कमी, बहुत ज्यादा काम करना, शारीरिक गतिविधियां न करना या किसी बीमारी से ग्रस्त होने के कारण स्टेमिना कमजोर हो जाता है, जिससे व्यक्ति को बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होने लगती है। शरीर की कमजोरी कम करने के लिए आप अपनी डाइट में इलायची और मिश्री का सेवन कर सकते हैं। इलायची और मिश्री आपके ओवरओल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है और शरीर का स्टेमिना बढ़ाने में भी लाभकारी है।एनर्जी बढ़ाएंमिश्री ग्लूकोज का एक नेचुरल स्रोत है, जिसे खाने से आपके शरीर को तुंरत ताकत मिलती है, जबकि इलायची पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदद करती हैं, जिससे शरीर की एनर्जी बढ़ती है।पाचन के लिए बेहतरइलायची का सेवन आपके पाचन को बेहतर रखने में मदद करता है, और सूजन को कम करता है, जिससे शरीर को पोषक तत्वों को सही ढंग से अवशोषित करना आसान हो जाता है।स्टेमिना बढ़ाता हैइलायची ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के लिए जानी जाती है, जो मांसपेशियों में बेहतर ऑक्सीजन फ्लो में मदद करती है, जिससे आपकास्टेमिना बढ़ता है।तनाव कम करेंइलायची का स्वाद और खुशबू आपके दिमाग पर शांत प्रभाव डाल सकती है, जिससे तनाव कम करने में मदद मिलता है और मानसिक सहनशक्ति में सुधार हो सकता है।शरीर को डिटॉक्स करेंइलायची और मिश्री दोनों में डिटॉक्सिफिकेशन गुण होते हैं, जो शरीर को साफ करने में मदद करते हैं, जिससे ओवरओल हेल्थ बेहतर होती है और शरीर में एनर्जी का लेवल बेहतर होता है।एंटीऑक्सीडेंट गुणइलायची में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मुक्त कणों से लड़ने और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं, जिससे कमजोरी दूर होती है और एनर्जी बढ़ती है।इलायची और मिश्री का सेवन कैसे करें?मिश्री और इलायची एक साथ मिलाकर खाना आपके ओवरओल हेल्थ के लिए अच्छा होता है। मिश्री और इलायची को पीसकर आप उसका पाउडर बनाकर एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रख सकते हैं। इस मिश्री और इलायची पाउडर का सेवन आप चाय में मिलाकर कर सकते हैं। इसके अलावा आप दूध में मिश्री और इलायची पाउडर मिलाकर भी रात को सोने से पहले पी सकते हैं या फिर आप इलायची और मिश्री को सुबह खाली पेट चबाकर भी खा सकते हैं।शरीर की ताकत बढ़ाने और एनर्जी पाने के लिए आप रोजाना मिश्री और इलायची का मिश्रण का सेवन करें, लेकिन अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो इस मिश्रण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट कर लें।