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- डायबिटीज एक गंभीर समस्या है। परेशानी की बात ये है कि डायबिटीज को कंट्रोल करने की कोई सटीक दवा नहीं है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डायबिटीज के मरीज अपनी डाइट का ख्याल रखें और हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाएं। यही नहीं, कुछ लोग कई तरह के घरेलू उपायों की मदद से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को आजीवन डायबिटीज की दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है और कुछ लोगों को अपने शुगर को संतुलित करने के कारण इंसुलिन लेना पड़ता है। शुगर कंट्रोल करने के लिए कुछ खास किस्म की पत्तियों का सेवन किया जाता है, जिसका ओवर ऑल हेल्थ पर भी अच्छा असर पड़ता है। आइए, जानते हैं, इन पत्तों के बारे में।इंसुलिन प्लांटइंसुलिन प्लांट असल में कॉस्टस इगनियस का पौधा होता है। सालों से शुगर को कंट्रोल करने के लिए इसकी पत्तियों का सेवन किया जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित लेख के अनुसार, "इंसुलिन प्लांट का सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। यही कारण है कि जिन लोगों को शुगर का स्तर बढ़ा हुआ रहता है, वे इसका सेवन करते हैं। कई शोधों और अध्ययनों से भी यह स्पष्ट हो चुका है।" अब सवाल है कि इसका सेवन किस तरह किया जा सकता है? यह बहुत आसान है। इसके लिए आपको पहले कुछ पत्तों को अच्छी तरह धो लें। अब इसे ग्राइंडर की मदद से पीस लें। अब रोजाना इस पेस्ट को रोजाना एक गिलास पानी में मिक्स करके पिएं।करी पत्ताकरी पत्ते में खास किस्म का फाइबर होता है, जो कि ब्लड शुगर को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाता है। करी पत्ते के सेवन से शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन जारी होता है, जो कि ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। इस तरह, करी पत्ता शुगर के मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी हो जाता है। यूं तो हमारे यहां करी पत्ते का सेवन कई तरह की डिशेज, जैसे सांबर आदि में किया जाता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप इसका सेवन रोजाना रात को सोने से पहले कर सकते हैं। करी पत्ते की चटनी को भी काफी पसंद किया जाता है।अमरूद का पत्ताअमरूद के पत्तों से भी ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखा जा सकता है। वेबएमडी की मानें, तो अमरूद के पत्तों में पॉलीफेनॉल्स होता है। यह कार्बोहाइड्रेट के एब्जॉबर्शन को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है, जो डायबिटी के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। अमरूद के पत्तों से चाय बनाकर आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है। हालांकि, अगर आप डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए कोई दवा ले रहे हैं, तो इसका सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर ले लें। वैसे, दवाओं के साथ अमरूद के पत्तों का सेवन करने से इसका स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।कसूरी मेथीमेथी का सेवन हमारे यहां बहुत आम है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार, यह तमाम गुणों से भरपूर है। इसका सेवन करने से ओवर ऑल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए न सिर्फ कसूरी मेथी के पत्तों का सेवन किया जाता है, बल्कि इसकी बीजों को भी उपयोग में लाया जाता है।तुलसी पत्तेनेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के मुताबिक, "डायबिटीज के रोगियों के लिए तुलसी के पत्ते भी काफी ज्यादा असरकारक होते हैं। तुलसी के पत्तों में ऐसे तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकते हैं। दरअसल, एक जांच के जरिए यह बात सामने आई थी कि ब्लड शुगर से ग्रस्त मरीजों को 30 दिनों के लिए 2 ग्राम/किग्रा बीडब्ल्यू की खुराक दी गई। इससे उनका ब्लड शुगर को नियत्रण करने में माफी मदद मिली।"
- डायबिटीज रोग एक तरह का मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या फिर उसे इसका ठीक से उपयोग करने में दिक्कत होती है। दोनों ही स्थितियों में शरीर में इंसुलिन की कमी होने लगती है और व्यक्ति का शुगर लेवल बढ़ने लगता है। नतीजतन, इसका बुरा असर व्यक्ति की किडनी, स्किन, हृदय, आंखों पर पड़ने लगता है। यही वजह है कि डायबिटीज रोग को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। अगर आप भी डायबिटीज रोग से पीड़ित हैं तो इसे कंट्रोल में रखने के लिए दवाओं के साथ अपने रूटिन में मंडूकासन को जरूर शामिल करें।मंडूकासन को फ्रॉग आसन भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस आसन को करते समय बॉडी की शेप एक मेंढक के जैसी बन जाती है। इस आसन की खासियत यह है कि इसे करने से न सिर्फ पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलने के साथ वजन घटाने में भी आसानी होती है। आइए जानते हैं मंडूकासन के फायदे लेने के लिए क्या है इसे करने का सही तरीका।मंडूकासन करने का तरीका-मंडूकासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठकर अपनी मुठ्ठी बंद करके अंगूठे बाहर की तरफ रखें। अब मुठ्ठी को नाभि चक्र और जांघ के पास ले जाकर इस तरह दबाव बनाएं कि मुठ्ठी खड़ी हो और अंगूठे अंदर की तरफ हों। अब अपनी सांस बाहर की ओर छोड़ते हुए पेट को अंदर की तरफ खींचें। ऐसा करते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें। आगे की ओर झुकते हुए आपकी छाती जांघ से टच करें। आगे झुकते समय यह भी ध्यान रखें कि नाभि पर ज्यादा दबाव पड़े। अपना सिर और गर्दन उठाए रखें और एक आंख खोलकर मेंढक की तरह सामने की ओर देखते रहें। जब तक आप इस मुद्रा में बने रह सकते हैं, बने रहें। ऐसा करते हुए धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे ही सांस छोड़ें। इसी अवस्था में बने रहते हुए सांस धीमी करें और वापस अपनी पोजीशन में आ जाएं। शुरूआती दौर में इसे 3 से 5 बार करें और फिर धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ा दें।मंडूकासन के फायदे--मंडूकासन करने से पेट की मांसपेशियां टोन होने के साथ बैली फैट कम करने में मदद मिलती है।-मंडूकासन करने से पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, कब्ज और अपच से छुटकारा मिलता है।-मंडूकासन करने से डायबिटीज रोगियों को फायदा मिलता है। यह पैंक्रियाज को उत्तेजित कर डायबिटीज को कंट्रोल करने में बहुत मदद करता है।-इस आसन को करने से पेट के सभी अंगों की अच्छी मालिश होती है।-मंडूकासन वेट कंट्रोल करने में भी मदद करता है।-अवसाद, चिंता और तनाव को दूर करने में मंडूकासन बेहद फायदेमंद है।
- छोटी उम्र से ही फिल्मों की दुनिया में कदम रखने वाली आलिया भट्ट बॉलीवुड में हमेशा छाई रहती हैं। आलिया को न सिर्फ इनकी एक्टिंग स्किल्स, बल्कि फिटनेस और नेचुरल ब्यूटी के लिए भी खूब पसंद किया जाता है। जहां ज्यादातर बॉलीवुड सेलेब्स हैवी मेकअप में नजर आती हैं। वहीं आलिया अपने नेचुरल मेकअप से सभी का दिल चुरा लेती हैं। आलिया अक्सर अपने सोशल मीडिया पर बिना मेकअप की पिक्चर्स शेयर करती नजर आती रहती हैं। आलिया की ब्यूटी को देखकर उनके फैंस हमेशा उनके ब्यूटी सीक्रेट्स और स्किन केयर रूटीन जानने की कोशिश में रहते हैं। आज इस लेख में हम आलिया के डेली स्किन केयर रूटीन को शेयर करने वाले हैं। इसकी जानकारी आलिया ने अपने यूट्यूब चैनल पर खुद शेयर की है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानें इस बारे में।ग्लोइंग स्किन पाने के लिए आलिया यह खास स्किन केयर रूटीन फॉलो करती हैं-क्लींजिंग करना सबसे जरूरीआलिया के मुताबिक स्किन केयर का सबसे पहला स्टेप क्लींजिंग होना चाहिए। इससे चेहरे पर जमी रात भर की गंदगी साफ हो जाती है, साथ ही चेहरे पर निखार भी बना रहता है। इसलिए आलिया सुबह उठकर सबसे पहले अपनी स्किन की डीप क्लींजिंग करना पसंद करती हैं।स्किन टोन और मसाजक्लींजिंग करने के बाद आलिया अपनी स्किन को टोन करके मसाज रोलर इस्तेमाल करना पसंद करती हैं। उनका मानना है कि इससे फेस की मसल्स रिलैक्स होती हैं और चेहरे पर ग्लो भी बना रहता है। आलिया अपनी स्किन पर 2-3 मिनट तक मसाज रोलर का इस्तेमाल करती हैं।तीसरा स्टेप है आई क्रीमआलिया अपनी आंखों की केयर करने के लिए आई क्रीम इस्तेमाल करती हैं। इससे आंखों की सूजन कम होती है, साथ ही डार्क सर्कलस से भी राहत मिलती है।नियासिनमाइड सीरमस्किन केयर रूटीन में नियासिनमाइड इस्तेमाल करना आलिया को सबसे ज्यादा पसंद है। इसमें विटामिन बी3 युक्त प्राकृतिक गुण होते हैं, जो स्किन से एक्स्ट्रा ऑयल निकलने की समस्या कम करते हैं। इससे डार्क स्पॉट्स, फाइन लाइंस और रिंकल्स की समस्या खत्म होती है।कैफीन सॉल्यूशन ड्रॉपआलिया आई क्रीम के बाद आंखों के नीचे कैफीन सॉल्यूशन ड्रॉप भी लगाना पसंद करती हैं। इससे उनकी आंखों में सूजन नहीं होती और वह दिनभर फ्रेश फील करती हैं।मॉइश्चराइजर लगानाबॉलीवुड ब्यूटी आलिया अपनी स्किन को मॉइश्चराइज करना कभी नहीं भूलती हैं। उनके मुताबिक हेल्दी स्किन के लिए रोज मॉइश्चराइज करना बहुत जरूरी है। इससे डार्क स्पॉट्स, डल और ड्राई स्किन की समस्या खत्म होती है और स्किन ग्लोइंग बनी रहती है।संस्क्रीन अवॉइड न करेंस्किन केयर के आखिरी स्टेप में आलिया संस्क्रीन जरूर लगाती हैं। उनके मुताबिक संस्क्रीन उन्हें धूप और ब्लू रेज के प्रभाव से बचाने में मदद करती है। इन सभी स्टेप्स के बाद ही आलिया मेकअप शुरू करती हैं।
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आजकल के बिजी लाइफस्टाइल की वजह से थकान, चिंता और तनाव जैसी समस्याएं लोगों के बीच आम हो गई हैं। जिससे राहत पाने के लिए लोग कई बार सिर पर चंपी भी करवाने जाते हैं। हेड मसाज करवाने के फायदे ज्यादातर वो सभी लोग जानते हैं, जो इसे अपने रूटिन में शामिल रखते हैं। लेकिन क्या आपने कभी पैरों के तलवों पर मालिश करवाने के फायदों के बारे में कुछ सुना या महसूस किया है। पैरों के तलवो पर मालिश करवाने से न सिर्फ पैरों के दर्द को दूर किया जा सकता है, बल्कि अनचाहे मोटापे की समस्या भी दूर हो सकती है। एक्यूप्रेशर चिकित्सा के अनुसार तलवों की मालिश करवाने से शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स एक्टिव हो जाते है। जिससे कई बीमारियों में फायदा मिलना शुरू हो जाता है।
पैरों के तलवों की मालिश करने के फायदे-
स्ट्रेस रहेगा दूर-
लंबे समय तक तनाव में रहना डिप्रेशन का कारण बन सकता है। अगर आप स्ट्रेस और एंग्जायटी से परेशान रहते हैं तो पैर के तलवों की मालिश करवाने से आपको आराम मिल सकता है। पैरों के तलवों में मसाज कराने से ब्लड फ्लो अच्छा होता है, जिससे बॉडी में इंडोरफिन रिलीज होता है जो नेचुरल पेनकिलर की तरह काम करता है।
ब्लड प्रेशर रखें कंट्रोल-
अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई बना रहता है तो आप नियमित रूप से फुट मसाज करवाकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रख सकते हैं। कई शोध में यह पाया गया है कि पैरों की मसाज करने से बॉडी में हेल्दी ब्लड प्रेशर को मेंटेन किया जा सकता है।
पैर की सूजन करे कम-
कई बार पैरों की नसों में ज्यादा मात्रा में फ्लूइड जमा हो जाता है, यह समस्या प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में पैरों के तलवों की मालिश ब्लड फ्लो को बेहतर बनाकर पैरों की सूजन क कम करने का काम करती है।
पीरियड्स की ऐंठन में आराम-
पैरों के तलवों की मालिश करने से महिलाओं की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। सरसों के तेल से पैरों की मालिश करने से पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन, दर्द से राहत मिलने के साथ ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है।
मोटापा करें कम-
अगर आप जरूरत से ज्यादा मोटापे से परेशान हैं तो रोजाना सोने से पहले पैरों के तलवों की मालिश करवाना न भूलें। पैरों के तलवों की मालिश करवाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाकर शरीर में मौजूद वसा को भी कम करने का काम करती है। मालिश करवाने से पसीने के जरिए शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। जिससे शरीर की सारी गंदगी और जर्म्स बाहर निकल जाते हैं।
तलवों की मालिश के लिए तेल -
आयुर्वेद में शरीर की मालिश करने के लिए तिल का तेल अच्छा माना जाता है। लेकिन पैरों के तलवों की मालिश करने के लिए सरसों का तेल काफी फायदेमंद होता है। सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड मौजूद होते हैं। इसके अलावा ओमेगा-3, 6 जैसे सैचुरेटेड फैट मौजूद होने से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं। आप चाहें तो घी से भी रात को सोते समय अपने तलवों की मालिश कर सकते हैं। -
नींबू ऐसा फल है जो हर तरीके से फायदेमंद होता है। सेहत के लिए नींबू के कई सारे फायदे तो हैं ही नींबू के क्लीनिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अक्सर फ्रिज में आधा कटा नींबू या पुराना नींबू काला या भूरा पड़ जाता है। जिसकी वजह से इसका रस इस्तेमाल में नहीं लिया जाता। लेकिन इन खराब नींबूओं को फेंकने की बजाय स्मार्ट तरीके से क्लीनिंग में काम लाया जा सकता है। बस इस तरह के नींबू का क्लीनिंग के लिए यूज करें।
ऐसे करें काले पड़ चुके नींबू का इस्तेमाल
नींबू के छिलके से एक लिक्विड तैयार कर लें। इस लिक्विड को बनाने के लिए इन चीजों की जरूरत पड़ेगी।
चाय की बची हुई पत्तियां
काले नींबू के टुकड़े
दो चम्मच नमक
1 चम्मच खाने वाला सोडा
किसी पैन में दो गिलास पानी लें। इसमे बची हुई चाय की पत्तियों को डालें। काले या भूरे हो चुके नींबू के टुकड़ों को इसमे डाल दें। अब इसे अच्छी तरह से उबाल लें। उबलते समय दो चम्मच नमक डाल दें। जब ये उबल जाए तो गैस बंद कर दें और इसमे 1 चम्मच बेकिंग सोडा डाल दें। बस ये लिक्विड तैयार है। इसे छानकर किसी स्प्रे बोतल में पलट दें। इस लिक्विड को इन चीजों को साफ करने के लिए इस्तेमाल करें।
काले हो चुके नींबू से करें ये चीजें साफ
तांबे के बर्तन
नॉनस्टिक पैन
गैस स्टोव
लोहे की कड़ाही
घर के पुराने और काले बर्तन और सामान को लिक्विड डालकर थोड़ी देर छोड़ दें। फिर रगड़कर अच्छे से साफ कर लें। तांबे से लेकर लोहे के सारे बर्तन बिल्कुल चमककर नए बन जाएंगे। -
त्योहार है तो मिठाईयों और टेस्टी खाने के साथ ही त्योहार का मजा आएगा। अगर आप कुछ भी खाने से केवल इसलिए परहेज कर रहे हैं कि कहीं आपका डाइजेशन ना बिगड़ जाए या फिर वजन ना बढ़ जाए। तो बॉडी के टॉक्सिंस निकालने के लिए इन ईजी डाइट प्लान को याद रखें। जो आपको आसानी से बॉडी डिटॉक्स करने में हेल्प करेंगे।
खीरा, ककड़ी जैसे फाइबर वाले फूड
रक्षाबंधन के बाद बॉडी को डिटॉक्स करना है तो डिटॉक्स ड्रिंक की जरूरत नही है। बस डाइट में फाइबर वाले फूड्स जैसे खीरा, ककड़ी, गाजर, स्प्राउट्स और पत्तेदार सब्जियों की मात्रा को बढ़ा दें। ये आसानी से पेट के टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करेंगे।
पत्तागोभी और ब्रोकली
फाइबर वाले फूड्स के साथ ही पत्तागोभी, ब्रोकली, पालक, काले जैसी सब्जियों को डाइट में खाएं। ये सूजन को कम करने के साथ ही ब्लॉटिंग और पेट फूलने की समस्या को कम करने में मदद करेंगी और डाइजेस्टिव ट्रैक को साफ करेंगी।
प्रोबायोटिक फूड्स
प्रोबायोटिक फूड्स गट हेल्थ को बनाकर रखेंगे। दही, छाछ, ढोकला जैसै फूड्स को ब्रेकफास्ट में खाएं। प्रोबायोटिक फूड्स खाने से आप आसानी से पुराने शेप में लौट सकेंगी।
एंटीऑक्सीडेंट्स
ग्रीन टी, नींबू वाली चाय या नींबू पानी को पीना शुरू कर दें। ये आपके बॉडी को डिटॉक्स करेंगे। वेट को मैनेज करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सही रखेंगे। साथ ही दिल की बीमारियों का खतरा कम होगा। - अगर आपके दिन की शुरुआत हेल्दी चीजों के सेवन से होती है, तो आप दिन भर एनर्जेटिक फील करेंगे। सेहत को ठीक रखने के लिए भी सुबह की पहली डाइट हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। आयुर्वेद में बासी मुंह पानी पीने और चीजों को खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि बासी मुंह कुछ चीजों का सेवन सेहत के नुकसानदायक भी होता है।बासी मुंह क्या खाना फायदेमंद होता है?पोषक तत्वों से भरपूर डाइट या फूड्स का सेवन करने से शरीर हेल्दी और फिट रहता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ. एस के पांडेय कहते हैं कि, "आयुर्वेद में पुराने समय से ही बासी मुंह पानी पीने से लेकर कुछ चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अगर आप नियमित रूप से बासी मुंह कुछ चीजों का सेवन करते हैं, तो इससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।"बासी मुंह इन चीजों का सेवन करने से फायदा मिलता है-1. बासी मुंह लहसुन का सेवनबासी मुंह लहसुन का सेवन करने से आपको पेट और शरीर से जुड़ी कई गंभीर परेशानियों में फायदा मिलता है। लहसुन की दो डलियों का नियमित रूप से सेवन करना पेट और आंतों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम करने में फायदेमंद होता है।2. गुड़ का सेवनखाली पेट गुड़ का सेवन करने से शरीर को कई अनोखे फायदे मिलते हैं। गुनगुने पानी के साथ गुड़ का सेवन करने से शरीर को एनर्जी मिलती है। इसका सेवन करने से एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मिलता है। अगर आप बवासीर के मरीज हैं, तो गुनगुने पानी के साथ गुड़ का सेवन करें।3. खाली पेट किशमिश का सेवनसुबह बासी मुंह किशमिश का सेवन करने से शरीर को पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। रात में किशमिश को पानी में भिगोकर रख लें। सुबह इसका सेवन करने से शरीर में खून की कमी, पेट और पाचन से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलता है।4. भीगे बादाम का सेवनसुबह खाली पेट भीगे बादाम का सेवन करने से आंखों और हार्ट से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलता है। बादाम में प्रोटीन, विटामिन ई, ओमेगा 3 फैटी एसिड और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। नियमित रूप से खाली पेट इसका सेवन करना शरीर के लिए फायदेमंद होता है।5. बासी मुंह पानी पीने के फायदेबासी मुंह पानी पीना भी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नियमित रूप से बासी मुंह पानी पीने वाले लोगों को पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा नहीं रहता है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं।सुबह उठने के बाद मुंह साफ करके इन चीजों का सेवन करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। अगर किसी बीमारी या समस्या से जूझ रहे हैं, तो बासी मुंह कुछ भी खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- कॉफी शरीर को एनर्जी देती है और चयापचय दर को तेज करने में मदद करती है और शरीर पर जमा जिद्दी फैट को भी कम करता है। अक्सर लोग वजन घटाने के लिए कई तरह की दवाइयों के साथ पाउडर और लंबी एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं। लेकिन कई बार इतना सब करने के बाद भी मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिल पाता है। ऐसे में वजन घटाने के लिए कॉफी की मदद ली जा सकती है। कॉफी में मौजूद पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स वजन को घटाने के साथ मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। कॉफी पीने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। जिसे आप अतिरिक्त खाने से बच जाते हैं। वजन कम करने के लिए दूध वाली कॉफी पीने के बजाए ये 4 तरह की कॉफी बना कर पी जा सकती हैं। वजन घटाने के लिए कैसे कॉफी पिएं।दालचीनी कॉफीवजन कम करने के लिए ब्लैक कॉफी में दालचीनी को डालकर पीया जा सकता है। दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सडेंट्स मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं और वजन को कम करने में मदद करते हैं। यह कॉफी पीने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।नींबू की कॉफीवजन कम करने के लिए नींबू की कॉफी एक बेहतरीन ऑप्शन है। यह कॉफी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के साथ शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती हैं। इस कॉफी में मौजूद तत्व कैफीन, सिट्रिक एसिड और विटामिन सी वजन घटाने में मदद करता है। यह कॉफी मेटाबॉलिज्म को भी तेज करती है। इस कॉफी को बनाने के लिए 1 कप कॉफी में 1/2 चम्मच नींबू के रस को कप में डालें। आपकी नींबू कॉफी तैयार है।ब्लैक कॉफीवजन कम करने के लिए ब्लैक कॉफी पी जा सकती है। ब्लैक कॉफी पीने से मेटाबॉलिक रेट तेज होता है। इस कारण वजन घटने के साथ बैली फैट भी कम होता है। यह कॉफी एनर्जी को बूस्ट करने के साथ शरीर को हेल्दी रखती है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए 1 चुटकी इसमें जायफल का पाउडर भी मिलाएं।डार्क चॉकलेट कॉफीअधिकतर लोग वजन कम करने के चक्कर में इस कॉफी को पीने से डरते है। लेकिन आपको बता दें, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं। इस कारण वजन तेजी से घटता है। यह कॉफी पीने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है, जिससे आप अतिरिक्त खाने से बच जाते हैं और वजन कम करने में मदद मिलती है।वजन कम करने के लिए यह कॉफी पी जा सकती है। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो सेवन से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।
- पेट शरीर का मुख्य अंगों मे से एक है। रोज सुबह इसको साफ करने से शरीर की गंदगी बाहर निकलती है, आंतों की सफाई होती है और शरीर में एनर्जी भी रहती है। कई बार बहुत से कारणों से पेट ठीक से साफ नहीं हो पाता है, जिससे बहुत सी बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं। पेट साफ नहीं होने के ये कारण भी हो सकते हैं जैसे ज्यादा तनाव लेना, खराब लाइफस्टाइल और पोषक तत्वों की कमी। पेट को साफ करने के लिए ज्यादा तनाव लेने से भी बचना चाहिए। साथ ही हेल्दी डाइट के साथ फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से पेट साफ होगा और कब्ज की समस्या दूर होगी। आइए जानते हैं कुछ नैचुरल तरीकों के बारे में -हाइड्रेट रहेंपेट को साफ करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं। पानी पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर आते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। दिनभर में 2 से 3 लीटर पानी अवश्य पिएं। सही मात्रा में पानी पीने से कब्ज की समस्या दूर होने के साथ मल भी मुलायम बनता है। पानी के साथ डाइट में ऐसे फल को भी शामिल किया जा सकता है। जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो। जैसे तरबूज, पाइनएप्पल और संतरा।फाइबर युक्त डाइटपेट को साफ करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। फाइबर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है। इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा लगता है। यह मल को नरम बनाता है और पेट को हेल्दी रखता है। फाइबर युक्त आहार में साबुत अनाज, मेवे और बीज, मसूर की दाल, बादाम, चने, जई और चिया सीड्स को आहार में शामिल करें।व्यायाम करेंस्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना जरूरी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं पेट को साफ रखने के लिए चलना या एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। व्यायाम नहीं करने से पेट में कब्ज की समस्या होने के साथ पेट भी साफ नहीं होता है। व्यायाम करने से शरीर फिट रहने के साथ वजन भी कंट्रोल में रहता है।गर्म पानी पिएंजी हां, पेट को साफ करने के लिए गर्म पानी का सेवन भी किया जा सकता है। हल्का गुनगुना पानी आंत की अंदरूनी परत को उत्तेजित करता है और मल को आगे धकेलने के लिए नीचे संकुचन पैदा करता है। गर्म पानी नियमित पीने से पेट साफ रहता है और कई बीमारियां भी दूर होती हैं।प्रोबायोटिक्स का सेवन करेंपेट को साफ रखने के लिए प्रोबायोटिक्स का भी सेवन किया जा सकता हैं। इनके सेवन से आंत में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और शरीर में भोजन को पचाने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्स का सेवन करने के लिए डाइट में दही, इडली और ढोकले को शमिल किया जा सकता हैं।पेट को साफ रखने के लिए इन तरीकों की मदद ली जा सकती हैं। अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या हैं, तो डॉक्टर से पूछकर इन तरीकों को फॉलो करें।
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इंसान के शरीर के जरूरी अंगों में से एक लीवर भी है। जिसका काम शरीर को फिट रखने का है। लिवर को हेल्दी रखने के लिए शराब ना पीने की सलाह दी जाती है। क्योंकि शराब लिवर का सबसे बड़ा दुश्न है। लेकिन बिना शराब पिए ही लोग फैटी लिवर के शिकार हो रहे हैं। इसे नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज कहते हैं। जिसमे शराब का सेवन किए बिना ही लिवर के आसपास फैट का डिपॉजिट हो रहा है। जिसका कारण गलत खानपान और लाइफस्टाइल है। आंकड़ों के मुताबिक नॉन एल्कोहलिक लिवर डिसीज लिवर खराब होने का सबसे बड़ा कारण है।
क्या है नॉन एल्कोहलिक लिवर डिसीज
नॉन एल्कोहलिक लिवर डिसीज में लिवर के आसपास फैट जमा होने लगता है। जिसका कारण मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस, मेटाबॉलिक सिंड्रोम होता है। फैटी लिवर का अगर समय पर इलाज ना किया जाए तो इसकी वजह से सूजन और लिवर के डैमेज होने का खतरा रहता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक करीब 15-20 प्रतिशत लिवर ट्रांसप्लांट की वजह फैटी लिवर की वजह से फेल हुए लिवर हैं। आगे जानें फैटी लिवर होने की क्या है वजह।
मोटापा या ओबेसिटी
बहुत ज्यादा मात्रा में मोटापा या फिर केवल पेट के आसपास जमा चर्बी फैटी लिवर के खतरे को बढ़ा देती है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस
जिन लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या है और इंसुलिन का लेवल मेंटेन नहीं रख पाते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस एक तरह की कंडीशन है जिसमे बॉडी सेल्स इंसुलिन के प्रति रिस्पांस करना बंद कर देते हैं। ये समस्या भी ज्यादातर मोटापे की वजह से ही होती है और लिवर के आसपास फैट जमा होने लगता है।
अचानक से वजन घटना
स्लिम रहने के लिए बहुत सारे लोग क्रैश डाइट को फॉलो करते हैं। जिसकी वजह से वजन तेजी से गिरता है। वजन कम करने का ये तरीका जरा भी हेल्दी नही है बल्कि इससे सेहत को काफी सारे नुकसान होते हैं। क्रैश डाइट की वजह से भी फैटी लिवर डिसीज हो जाती है। क्योंकि फैट टिश्यूज ज्यादा मात्रा में फैटी एसिड बनाने लगते हैं और ये लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं।
दवाएं
एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाईयां फैटी लिवर का कारण बनती है।
इन बीमारियों में रहता है फैटी लिवर का खतरा
पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस, हाइपोथायराडिज्म और विल्सन डिसीज में लिवर में फैट जमा होने का खतरा रहता है।
अनहेल्दी डाइट
अनहेल्दी डाइट जिसमे सैचुरेटेड फैट, रिफाइंड फ्लोर, कार्बोहाइड्रेट, शुगर की वजह से लिवर के फैटी होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
जेनेटिक
कुछ लोगों को फैटी लिवर डिसीज की संभावना जींस से मिलती है। परिवार में अगर माता या पिता में से किसी को फैटी लिवर की समस्या रहती है तो ये बच्चे में भी ट्रांसफर होने की संभावना रहती है।
फैटी लिवर से इस तरह कर सकते हैं बचाव
-हेल्दी रहने के लिए शरीर का ध्यान रखना जरूरी है। अगर लिवर के फैटी होने के जरा से भी संकेत बॉडी दे रहा है तो फौरन डॉक्टर से मिलना जरूरी होता है।
-हेल्दी और न्यूट्रिशियस फूड्स को खाएं। जिससे फैट का डिपॉजिट लिवर के आसपास ना हो। शराब, जंकफूड ये शरीर में ट्राईग्लिसरॉइड की मात्रा बढ़ा देते हैं।
-वजन को मेंटेन करने के लिए हेल्दी डाइट के साथ एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करें। क्रैश डाइट जैसी चीजों को फॉलो करना हार्मफुल है।
-डायबिटीज के मरीजों को लिवर के फैटी होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में हमेशा अपने डॉक्टर से कंसल्ट करते रहें और लिवर का चेकअप भी कराएं। जिससे फैटी लिवर जैसी समस्या से बचा जा सके।
फैटी लिवर के लक्षण
-फैटी लिवर में पेट में दर्द रहता है। पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन महसूस होता है।
-पेट में सूजन महसूस होती है।
-जी मिचलना, उल्टी लगना, भूख ना लगना फैटी लिवर के बहुत ही कॉमन लक्षण हैं।
-कमजोरी और थकान महसूस होना।
-स्किन का पीला पड़ना
-मतिभ्रम या सोचने में कठिनाई होना
-पेट में पानी जैसा महसूस होना
-स्किन पर रैशेज होना
-चोट लगने पर खून ज्यादा बहना। -
दूर्वा घास का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है। मामूली सी नजर आने वाली इस हरी दूब पर सुबह नंगे पैर चलने से व्यक्ति की आंखों की रोशनी बढ़ने के साथ बवासीर जैसे कई रोग भी दूर हो सकते हैं। दूब में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर, पोटाशियम जैसे कई पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं, जो यौन रोग, लीवर रोग, कब्ज के उपचार में रामबाण इलाज माने जाते हैं। यही वजह है कि आयुर्वेद में हरी दूब को महाऔषधि माना जाता है। आइए जानते हैं हरी दूब सेहत और खूबसूरती के लिए कैसे फायदेमंद है।
हरी दूब के फायदे-
डायबिटीज पेशेंट के लिए फायदेमंद-
कई रिसर्च यह दावा करती हैं कि दूर्वा में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव पाया जाता है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। रक्त शर्करा को बढ़ने से रोकने के लिए और नियंत्रित करने के लिए आप खाली पेट दूर्वा के जूस का सेवन कर सकते है। एनसीबीआई में पब्लिश एक रिसर्च के अनुसार, दूब घास के पानी वाले अर्क में हाइपोग्लाइसेमिक और एंटीडायबिटिक प्रभाव मौजूद होने से यह ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करके मधुमेह की समस्या में सुधार कर सकता है।
एनीमिया की समस्या करें दूर-
एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए दूब का रस अमृत माना जाता है। दूब के रस को हरा रक्त भी कहा जाता है। इसका जूस पीने से एनीमिया की समस्या दूर होती है। दूब खून को साफ करने के साथ शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाने का काम करती है। इसका नियमित सेवन शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने में मदद करता है।
माइग्रेन के दर्द में राहत-
सुबह नंगे पांव हरी दूब पर चलने से तनाव की वजह से होने वाले माइग्रेन के दर्द को दूर करने में सहायता मिलती है।दूब को पीसकर उसका लेप अपने पैरों और माथे पर लगाने से मस्तिष्क को ठंडक मिलने के साथ दिमाग भी शांत होता है।
त्वचा से जुड़ी समस्याएं-
दूर्वा घास में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं जो स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याओं जैसे- खुजली, जलन, चकत्ते और एक्जिमा में राहत देते हैं। दूब घास को हल्दी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाने से इन सभी समस्याओं से राहत मिलती है
मुंह के छाले-
दूब की पत्तियों को गर्म पानी में उबालकर हर रोज कुल्ला करने से मुंह के छालों की समस्या दूर होती है।
बवासीर में राहत-
दूर्वा को पीसकर दही में मिलाकर बवासीर पर लेप करने से लाभ मिलता है। - बारिश आते ही बच्चों को कुछ-न-कुछ रोग हो ही जाते हैं। दरअसल, इस मौसम में बच्चों को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, गले में दर्द की समस्या अक्सर देखने को मिलती है। डॉक्टर की मानें तो इस दौरान इंफेक्शन होने के कारण बच्चों को गले में दर्द की समस्या हो सकती है। यह एक आम समस्या है, जो बच्चों में देखी जा सकती है। इस समस्या का मुख्य कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है। साथ ही घरेलू उपाय भी बच्चो में गले दर्द की समस्या को कम करने में सहायक हो सकते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम से जानते हैं कि बच्चों में गले में दर्द होने पर क्या करें और इसके क्या कारण होते हैं।बच्चों को गले में दर्द होने के कारणइम्यून सिस्टम कमजोर होनाबच्चों का विकास होने के चलते उनकी इम्यूनिटी पावर कमजोर होती है। ऐसे में उनको इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण वह आसानी से बैक्टीरियल इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से उनके गले में दर्द की समस्या हो सकती है।बैक्टीरिल इंफेक्शन होनाबच्चों के गले में दर्द का कारण ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया हो सकता है। यह बैक्टीरिया इंफेक्टेड व्यक्ति की खांसी और छींक के ड्रॉपलेट से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। इससे सर्दी-जुकाम व गले में दर्द की समस्या तेजी से फैल सकती है। ऐसे में आप बच्चे को हाथ धोने की आदत डालें।बैक्टीरिल ट्रांसमिशनबच्चों में गले में दर्द की समस्या अक्सर ऐसे माहौल में ज्यादा होती है, जहां बच्चे निकट संपर्क में होते हैं। इसलिए बच्चों को घर व स्कूल में सावधानी बरतने की सलाह दें। बच्चों को पानी की बोतल या खाना शेयर करने के लिए न कहें। इससे बैक्टीरिया एक बच्चे से दूसरे बच्चे तक फैल सकता है।बच्चों के गले में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है?बच्चों के गले में दर्द की समस्या से बचने के लिए डॉक्टर बच्चों को दवाएं और कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दे सकते हैं।एंटीबायोटिक्स : इस समस्या में बच्चों के गले में दर्द होता है। कुछ मामलों में बच्चों के गले में सूजन भी देखने को मिल सकती है। गले में दर्द के चलते बच्चे सही तरह से खाना नहीं खा पाते हैं। उनको खाना निगलने में परेशानी होती है। इस स्थिति में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाएं देते हैं।ज्यादा से ज्यादा आराम करना: बैक्टीरिलय इंफेक्शन से लड़ने के लिए शरीर को एनर्जी की आवश्यकता होती है, ऐसे में डॉक्टर बच्चे को ज्यादा से ज्यादा आराम करने और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं।नमक के पानी से गरारे : गले में दर्द और सूजन को कम करने के लिए बच्चों को हल्के गुनगुन पानी में नमक डालकर गरारे करने की सलाह दी जाती है।संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं : बच्चों को बैक्टीरिलय इंफेक्शन से बचाने के लिए डॉक्टर उनको संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाने की सलाह देते हैं। साथ ही, उनको बाहर से आने के बाद हाथ साफ से धोने के बाद ही खाना खाने की सलाह देते हैं।
- घी में वॉटर कंटेंट पर्याप्त मात्रा में होता है। स्किन पर घी लगाने से आपकी स्किन हाइड्रेटेड रहती है और स्किन को पोषण भी मिलता है। रात में चेहरे पर घी लगाने से स्किन से जुड़ी कई गंभीर परेशानियों में फायदा मिलता है। इसका इस्तेमाल करने से चेहरे का ग्लो बढ़ता है और रिंकल्स, फाइन लाइन जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। घी वैसे तो स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, लेकिन गलत तरीके से इसका इस्तेमाल करने से आपको कई समस्याएं भी हो सकती हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं चेहरे पर घी लगाने का सही तरीका और इससे जुड़ी सावधानियां।चेहरे पर घी लगाने का सही तरीका-चेहरे पर घी लगाने से अनेकों फायदे मिलते हैं। घी में विटामिन ई, ए जैसे कई विटामिंस होते हैं। इसका सेवन करने से और इसे स्किन पर लगाने से स्किन का ग्लो बढ़ता है। एंटी-एजिंग के लिए घी का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा घी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट स्किन का निखार वापस लाने में मदद करते हैं। इसके अलावा होंठ फटने में, चेहरे पर खुजली और इचिंग जैसी परेशानियों में इसका इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। घी में एंटी-एजिंग गुण भी पाए जाते हैं, चेहरे पर घी लगाने से उम्र की वजह से होने वाले प्रभावों को कम करने में भी मदद मिलती है। लेकिन अगर आप चेहरे पर इसका इस्तेमाल ठीक ढंग से नहीं करने पर कई नुकसान भी हो सकते हैं।चेहरे पर घी का इस्तेमाल करते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान-1. चेहरे पर सिर्फ घी का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। इसे चेहरे पर लगाने से पहले अच्छी तरह से फेसवॉश जरूर करना चाहिए। घी लगाते समय इसे हाथों में लें और अच्छी तरह से चेहरे पर लगाने के बाद मसाज करें। इससे आपको दोगुना फायदे मिलेंगे।2. घी के साथ केसर का इस्तेमाल करने से स्किन को फायदा मिलता है। इसके लिए घी में केसर की कुछ पंखुड़ियों को मिलाएं और अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब इस चेहरे पर लगाने के बाद 20 मिनट के लिए छोड़ दें। 20 मिनट के बाद चेहरे को अच्छी तरह से साफ करें।3. पिगमेंटेशन खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल करते समय बेसन का इस्तेमाल करें। बेसन के साथ घी का इस्तेमाल करने से आपको झुर्रियां, पिगमेंटेशन और दाग-धब्बों को कम करने में मदद मिलती है।4. चेहरे पर घी लगाने से पहले गुलाब जल लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। इसके 1 घंटे बाद चेहरे को साफ करके घी का इस्तेमाल करें।5. अगर आपकी स्किन ऑयली और सेंसिटिव है, तो घी लगाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।रात को सोने से पहले त्वचा पर घी लगाने से रंग में बदलाव लाया जा सकता है। जो लोग अपने डार्क रंग से परेशान है वे घी की मदद से अपनी इस परेशानी को दूर कर सकते हैं। ऐसे में आप रात को सोने से पहले घी को अपनी त्वचा पर अप्लाई करें। घी का इस्तेमाल करते समय ऊपर बताई गयी बातों का ध्यान रखें।
- जुकाम के बाद भी सीने में जमा कफ खत्म नहीं हो रहा तो आजमाएं ये देसी नुस्खाबदलता मौसम वायरल इंफेक्शन का कारण बनता है। जिसकी वजह से ज्यादातर लोगों को बुखार और जुकाम की परेशानी हो रही है। हालांकि ये जुकाम दो से तीन दिन में बिल्कुल ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ लोगों को जुकाम ठीक हो जाने के बाद भी कफ यानी बलगमतकी समस्या बनी रहती है। जुकाम की वजह से सिरदर्द, बदन दर्द और नाक बहने की समस्या ठीक हो जाती है। लेकिन काफी सारे लोगों को जुकाम के लक्षण ठीक होने के बाद भी गले और सीने में कफ या बलगम जमे रहने की समस्या बनी रहती है। जिसकी वजह से काफी दिक्कत होती है। सीने में कफ की समस्या को खत्म करने के लिए देसी नुस्खे काम आ सकते हैं। आगे जानें क्या है वो देसी नुस्खा।मुनक्के का पानी पीने का फायदासीने में फंसे कफ को निकालने के लिए मुनक्का और काली मिर्च मिले पानी को पीने से फायदा होता है। ये है बनाने की विधि।-10 मुनक्का-6 काली मिर्चदोनों चीजों को मिलाकर एक गिलास पानी में डालकर उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा ना रह जाए। अब इस पानी को पिएं। दिन में दो से तीन बार मुनक्का और काली मिर्च के पानी को पीने से गले और सीने में जमा कफ आसानी से निकल जाता है। साथ ही खांसी-जुकाम में भी आराम मिलता है। लगातार 3 दिनों तक इस पानी को पीने से कफ को निकलने में राहत मिलती है।अदरक का पानी पीने से फायदाजुकाम और कफ परेशान कर रही है तो एक इंच अदरक के टुकड़े को कूट लें। फिर इसे एक गिलास पानी में डालकर उबाल लें। जब ये पक जाए तो इसे रात को सोते वक्त पी लें।
- गर्दन पर मस्सों की समस्या बहुत ज्यादा लोगों में होती है। गर्दन पर होने वाले मस्से आपकी खूबसूरती को भी प्रभावित करते हैं। मस्से नॉन-कैंसरस होते हैं और यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के कारण होते हैं। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस शरीर में कटे व घाव आदि से प्रवेश करता है और इसके बाद शरीर में इसका संक्रमण फैलता है। मस्सों को छूने के बाद शरीर की दूसरी जगहों को छूने से भी आप खुद को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से संक्रमित कर सकते हैं। मस्सों को दूर करने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि सभी घरेलू नुस्खे फायदेमंद हो ऐसा नहीं है। आइए जानते हैं गर्दन पर मस्से होने का कारण और इसे मस्सों को हटाने के घरेलू उपाय।गर्दन पर मस्से क्यों होते हैं?गर्दन पर मस्से पैपिलोमा वायरस संक्रमण के कारण होते हैं। इसकी वजह से शरीर की सतह पर दानें के रूप में मस्से उभरते हैं। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण होने पर स्किन की उपरी परत एपिडर्मिस में केराटिन नामक प्रोटीन बनता है। केराटिन प्रोटीन स्किन पर दानें की तरह से मस्से बनने का कारण होता है। गर्दन के अलावा ये मस्से आपके हाथों में, चेहरे पर, पीठ और कमर के आसपास सबसे ज्यादा होते हैं। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस शरीर में घाव या कटे हुए जगह से प्रवेश करता है। पुराने समय में जानकारी की कमी के कारण मस्से की समस्या को लोग नजरअंदाज करते थे। लेकिन अब जानकारी होने पर लोग इसका इलाज भी कराते हैं।गर्दन से मस्से हटाने के घरेलू उपाय-गर्दन पर मौजूद मस्से आपकी खूबसूरती को भी बिगाड़ सकते हैं। आज के समय में मस्सों को हटाने के लिए कई तरह के उपचार जैसे लेजर थेरेपी आदि मौजूद है। लेकिन कई बार ये उपचार फायदे की जगह नुकसान का कारण बन जाते हैं। गर्दन से मस्से हटाने के लिए आयुर्वेद में कई नुस्खों के बारे में बताया गया है। इन नुस्खों का इस्तेमाल सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है। गर्दन से मस्सों को हटाने के लिए आप इन घरेलू उपायों को अपना सकते हैं-1. मस्से हटाने के लिए सेब का सिरकागर्दन पर मौजूद मस्सों को हटाने के लिए सेब का सिरका बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना रुई में सेब के सिरके की कुछ बूंदे लेकर इसे मस्सों पर लगाएं। कुछ देर मस्सों पर रुई को लगा रहने दें। इसके बाद रुई को हटा लें। ऐसा कुछ दिनों तक करने से मस्सों का रंग बदलने लगता है और स्किन सूखकर निकल जाएगी। सेब का सिरका लगाने पर अगर आपको जलन या कोई परेशानी होती है, तो आप एलोवेरा जेल लगाएं।2. मस्सों को हटाने के लिए केले का छिलकामस्सों को हटाने के लिए केले का छिलका बहुत फायदेमंद होता है। मस्सों पर केले का छिलका इस्तेमाल करने से ये जल्दी सूख जाते हैं। रात को मस्से पर केले का छिलका रखकर उसपर कॉटन या कपड़ा बांध लें। सुबह इसको हटाकर उस जगह को साफ करें। ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करते रहने पर आपको रिजल्ट्स देखने को मिलेंगे। मस्सों के जड़ से खत्म होने तक आप केले के छिलके का इस्तेमाल।3. मस्सों को हटाने के लिए बेकिंग सोडा और कैस्टर ऑयलगर्दन पर मौजूद मस्सों को हटाने के लिए कैस्टर ऑयल और बेकिंग सोडा का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। एक चम्मच बेकिंग सोडा में कैस्टर ऑयल की कुछ बूंदे मिलाएं और अच्छी तरह से मस्सों पर मसाज करें। मस्सों पर इस पेस्ट से मसाज करने के बाद एक घंटे तक के लिए उसे छोड़ दें। एक घंटे बाद उस जगह को धोकर साफ कर लें। ऐसा करने से महीने भर में आपको फर्क दिखेगा।4. गर्दन के मस्से हटाने के लिए लहसुनलहसुन गर्दन के मस्सों को हटाने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है। लहसुन का पेस्ट मस्सों वाली जगह पर लगाने से मस्से अपने आप गायब होने लगते हैं। मस्सों पर लहसुन के पेस्ट की एक लेयर लगाकर करी 15 से 20 मिनट के लिए उसे छोड़ दें। इसके बाद साफ पानी से इसे धो लें। ऐसा कुछ दिनों तक करने से आपको मस्सों से छुटकारा मिल सकता है। आप सप्ताह में 2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।5. मस्सों को हटाने के लिए आलूआलू के छिलके लगाने से भी मस्सों से छुटकारा मिलता है। आलू के छिलकों को लेकर मस्सों पर कुछ देर तक रगड़ने से मस्से दूर होते हैं। ऐसा लगातार 10 से 15 मिनट के लिए कुछ दिनों तक करें, आपको परिणाम मिलेगा। इसके अलावा आलू का रस भी मस्सों को हटाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रात में मस्सों वाली जगह पर आलू का रस लगाएं और छोड़ दें। ऐसा कुछ दिनों तक करें, मस्से अपने आप गायब होने लगेंगे।6. मस्से हटाने के लिए प्याज का रसप्याज के रस का इस्तेमाल मस्सों को हटाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एक चम्मच प्याज का रस नियमित रूप से दिन में दो से तीन बार मस्सों पर लगाने से मस्से कुछ दिनों में दूर हो जाते हैं।मस्सों को हटाने के लिए ऊपर बताये गए घरेलू उपाय बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। इन उपायों को अपनाने से पहले आपको एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। अगर आपको स्किन एलर्जी या कोई दूसरी समस्या है, तो सेब का सिरका आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- मुंह की दुर्गंध दूर करनी हो या बढ़ती उम्र के असर को करना हो कम, फिटकरी में मौजूद औषधीय गुण आपकी सेहत और त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। ज्यादातर घरों में यूज होने वाली फिटकरी का रासायनिक नाम पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट है। जो घरों में एंटीसेप्टिक के रूप में यूज होती है। फिटकरी में एंटीबायोटिक, एंटी-ट्राइकोमोनस, एस्ट्रिंजेंट, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो आफ्टर शेव से लेकर घाव और मुहांसों तक को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं फिटकरी का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को क्या-क्या फायदे मिलते हैं।फिटकरी के फायदे-एंटी एजिंग-चेहरे पर उम्र से पहले दिखने वाली झुर्रियों को दूर करने के लिए फिटकरी एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। इस उपाय को करने के लिए फिटकरी को हल्का गीला करके चेहरे पर सर्कुलर मोशन में मसाज करते हुए रगड़ें। ऐसा 2 मिनट तक करने के बाद चेहरे को सूखने के लिए छोड़ दें। फिटकरी को आधा घंटा चेहरे पर लगा रहने के बाद चेहरे को क्लीन कर दें। इस उपाय को करने से एजिंग की समस्या दूर होती है।माउथवाश-फिटकरी का इस्तेमाल आप एक अच्छे माउथवाश के रूप में भी कर सकते हैं। एक शोध में बताया गया है कि फिटकरी दांतों पर जमा प्लाक को हटाने के साथ लार में उपस्थित हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में भी मदद करती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि फिटकरी माउथवाश की तरह उपयोगी हो सकती है। हालांकि ये उपाय करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि फिटकरी के इस पानी को आपने पीना नहीं है।यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन-एक रिपोर्ट के अनुसार, फिटकरी संक्रमण की वजह से मूत्राशय से होने वाले भारी रक्तस्राव को रोकने का काम कर सकती है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि फिटकरी के लाभ यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में भी सहायक हो सकते हैं। हालांकि इसे प्राइवेट पार्ट पर सीधे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जलन और चुभन की समस्या पैदा हो सकती है। संक्रमण से निपटने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल डॉक्टरी परामर्श के बाद ही करें।चोट लगने या घाव भरने के लिए-फिटकरी में घाव भरने का गुण भी मौजूद होता है। यही वजह है कि लोग मामलू कटने या छोटे-मोटे घाव को साफ करने व भरने के लिए भी फिटकरी का यूज करते हैं।मुंहासों के लिए-फिटकरी का यूज करके आप मुंहासों की समस्या में भी राहत पा सकते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ वूमेंस डर्मेटोलॉजी के शोध में बताया गया है कि फिटकरी अपने एस्ट्रिंजेंट गुण के कारण रोम छिद्रों में कसाव लाने का काम कर सकती है। बता दें, रोम छिद्रों के बड़े होने के कारण मुंहासों का जोखिम अधिक बना रहता है। इस उपाय को करने के लिए फिटकरी का पेस्ट प्रभावित जगह पर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। हालांकि इस बात का खास ख्याल रखें कि इसके अधिक यूज से आपकी त्वचा काली भी हो सकती है।
- वेट लॉस करना हो या बेजान बालों में लौटानी हो खोई चमक, नाशपाती खाने से सेहत को कई गजब के फायदे मिलते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर नाशपाती में कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होने के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं। जो सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याओं को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद क्या आप जानते हैं कुछ लोगों को नाशपाती खाने से परहेज करना चाहिए, नाशपाती का सेवन उन्हें फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं आखिर किन लोगों को नाशपाती का सेवन करने से बचना चाहिए।किन लोगों को नहीं खानी चाहिए नाशपाती-सर्दी-जुकाम में न खाएं नाशपाती-नाशपाती की तासीर ठंडी होने की वजह से इसे ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं खाना चाहिए, जिसे पहले से ही सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में दर्द जैसी कोई शिकायत हो। इन समस्याओं में नाशपाती का सेवन आपकी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा सकता है।पाचन संबंधी समस्याएं-अगर आपको पहले से ही पाचन संबंधी कोई समस्या है तो नाशपाती का सेवन करने से बचें। नाशपाती की तासीर ठंडी होने की वजह से पाचन अग्नि को कम करती है। पाचन खराब होने पर व्यक्ति के पाचन तंत्र को इन्हें पचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिसकी वजह से व्यक्ति को पेट में ऐंठन, गैस, ब्लोटिंग, दस्त जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं।हाई ब्लड प्रेशर-नाशपाती का सेवन सीमित मात्रा में करने से सेहत बनी रहती है लेकिन हाई ब्लड प्रेशर के रोगी अगर जरूरत से ज्यादा नाशपाती का सेवन करते हैं तो उन्हें कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे हार्ट रेट बढ़ना, चक्कर आना, बेहोशी, सांस संबंधी समस्याएं आदि।नाशपाती से एलर्जी -अगर आपको नाशपाती से एलर्जी है, तो भूलकर भी इसका सेवन करने की भूल न करें। ऐसा करने से आपको चेहरे, गले और जीभ पर सूजन जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा नाशपाती से एलर्जी होने पर त्वचा में खुजली, साइनस के साथ ही उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं।वेट लॉस जर्नी वाले लोग-कई बार लोग यह सोचकर नाशपाती का सेवन अधिक मात्रा में कर लेते हैं कि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा नाशपाती का सेवन करने से आपकी बॉडी में कैलोरी की अधिकता हो सकती है। जिससे आपका वजन कम होने की जगह बढ़ सकता है।
- जरूरत से ज्यादा मोटापा न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक परेशानियों का भी कारण बनने लगता है। समय रहते अगर इसे कंट्रोल न किया जाए तो व्यक्ति का आत्मविश्वास कम होने के साथ उसे कई रोग भी घेरने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपने खानपान के साथ सुस्त लाइफस्टाइल को भी एक्टिव बनाया जाए। आइए जानते हैं ऐसे दो योगासनों के बारे में जिन्हें करने से कुछ दिनों में आपकी लटकती तोंद टोंन होने के साथ आपकी पतली कमर का सपना भी पूरा हो जाएगा।पाद हस्तासन-पादहस्तासन करते समय व्यक्ति को सीधे खड़े होकर अपने कूल्हों से झुकते हुए अपनी अंगुलियों के साथ अपने पैरों को छूने की कोशिश करनी है। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहने के बाद शरीर को रिलैक्स करें। पाद हस्तासन के दौरान नीचे की ओर झुकने पर पेट पर दबाव पड़ने से पेट की चर्बी कम होने में मदद मिलती है।त्रिकोणासन-त्रिकोणासन करने के लिए अपने दोनों पैरों को फैलाकर अपने हाथों को बाहर की ओर खोलते हुए सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की तरफ लेकर आएं। ऐसा करते हुए कमर को नीचे की ओर झुकाकर नीचे की तरफ देखें। अब सीधी हथेली को जमीन पर रखते हुए उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं और दूसरी तरफ भी यही प्रक्रिया दोहराएं। जितना हो सके इस अवस्था में गहरी सांस लेते रहें। त्रिकोणासन करने से वेट लॉस ही नहीं पेट और कमर में चर्बी को कम करने में भी मदद मिलती है। इस आसन को करने से शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है और जांघों का भी फैट बर्न होता है।
- वजन बढ़ना आज के समय में एक जटिल समस्या है, जिससे अधिकांश लोग पीड़ित हैं। ऐसे में बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने टमी को फ्लैट रखने के लिए एक्सरसाइज शेयर की है। दरअसल, हाल ही में शिल्पा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे टमी यानि पेट को कम करने वाली एक्सरसाइज करती नजर आई हैं। आइये जानते हैं इस वर्कआउट के बारे में।पुल अप्स बार एक्सरसाइजशिल्पा शेट्टी फिट रहने और फ्लैट टमी पाने के लिए पुल अप्स बार करना पसंद करती हैं। यह एक्सरसाइज वजन घटाने के साथ ही सेहत के लिए अन्य कई तरीकों से भी फायदेमंद साबित होती है। इसे करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे एब्स निकलती हैं साथ ही वजन आसानी से घटता है। शिल्पा ने बताया कि निरंतर अभ्यास करते-करते आप इस एक्सरसाइज के मास्टर बन सकते हैं।पुल अप्स बार करने के फायदेपुल अप्स बार करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। अगर तमाम कोशिशें करने के बाद भी आपका वजन नहीं घट रहा है तो ऐसे में पुल अप्स बार करें। यह शरीर में जमा चर्बी को आसानी से कम करने में मदद करती है। इस एक्सरसाइज को करने से न सिर्फ पेट की मांसपेशियों को मजबूत होती हैं, बल्कि कमर, कंधे और पीठ की मांसपेशियों पर भी खिंचाव आता है, जिससे मांसपेशियां एक्टिव रहती हैं। इसे करने से कमर दर्द कम होने के साथ ही पीठ और कंधे के आस-पास के हिस्सों मेंहोने वाली जकड़न भी काफी कम होती है। इससे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। अगर आप एब्स बनाना चाहते हैं तो भी पुल अप्स बार को करना लाभकारी हो सकती है।पुल अप्स बार करने के तरीकेइस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको पुल अप्स मशीन की जरूरत पड़ती है। इसके लिए मशीन पर लटकें। इस अवस्था में आपको अपनी शरीर को उपर की ओर ले जाने के बजाय पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उपर की ओर उठाना है और पेट के लेवर पर लाकर नीचे की ओर ले जाना है। इस अभ्यास के कई सेट्स लगाएं। अगर आपको हड्डियों से जुड़ी कोई समस्या है तो ट्रेनर की देख-रेख में यह एक्सरसाइज करें।
- कियारा आडवाणी बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्रियों में से एक हैं। कियारा न सिर्फ अपने स्टाइलिश लुक्स और एक्टिंग स्किल्स के कारण, बल्कि अपनी नेचुरल ब्यूटी के कारण भी लोगों के दिलों पर छाई रहती हैं। अक्सर कियारा भी अपने कई इंटरव्यू में अपनी स्किन केयर टिप्स और ब्यूटी हैक्स शेयर करती रहती हैं। इसी तरह अपने एक इंटरव्यू में कियारा ने स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने की टिप्स शेयर की हैं। इसमें कियारा ने हर उन छोटी से छोटी पर बात की है, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे कि-मेकअप उतारकर सोएंकियारा बताती हैं कि वह सोने से पहले कभी भी मेकअप रिमूव करना नहीं भूलती हैं। उनके मुताबिक स्किन को हेल्दी रखने के लिए रात को मेकअप फ्री रहना सबसे जरूरी है। इसलिए रात को सोने से पहले मेकअप रिमूव जरूर करें। इसके साथ ही फेस वॉश करके स्किन को मॉइश्चराइज करना न भूलें।बेबी ऑयल का इस्तेमालअपना मेकअप निकालने के लिए कियारा बेबी ऑयल का इस्तेमाल करती हैं। कियारा मानती हैं कि बेबी ऑयल स्किन पर लगाने से कोई साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता है। साथ ही यह स्किन को सॉफ्ट, ग्लोइंग और मॉइश्चराइज करने में भी मदद करता है।पर्याप्त नींद लेना जरूरीकियारा हेल्दी स्किन के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को सबसे ज्यादा जरूरी मानती हैं। उनके मुताबिक हेल्दी आदतों से स्किन पर नेचुरल ग्लो बना रहता है, साथ ही स्किन को हेल्दी रखने में भी मदद मिलती है।डाइट का खास ध्यान रखेंब्यूटी टिप्स पर बात करते हुए कियार ने डाइट का खास ध्यान रखने की सलाह दी है। कियारा का मानना है कि स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए हमारा अंदर से हेल्दी होना भी जरुरी है। कियारा ग्रीन जूस और हेल्दी चीजों के सेवन करने पर ज्यादा जोर देती हैं।फिटनेस का रखें पूरा ध्यानफिटनेस से न सिर्फ बॉडी हेल्दी रहती है, बल्कि स्किन को ग्लो करने में भी मदद मिलती है। कियारा भी इसी चीज पर सबसे ज्यादा जोर देती हैं। इसलिए वह कार्डियो और नॉर्मल एक्सरसाइज के जरिए खुद को फिट रखने की कोशिश करती हैं। उनका मानना है कि अगर आप अंदर से हेल्दी हैं, तो बाहर से भी ग्लो करते हैं।कियारा अपनी स्किन को हेल्दी एंड ग्लोइंग बनाए रखने के लिए इन टिप्स को फॉलो करती हैं। अगर आप भी कियारा की तरह ग्लोइंग स्किन चाहती हैं, तो ये खास टिप्स आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
- दगड़ फूल एक ऐसा पौधा होता है, जो अपने आप किसी पुरानी दीवार या खाली पथरीली जगह पर उग आता है। पत्थरों पर उगने की के कारण ही इन्हें पत्थर फूल, पठार फूल या कल्पासी कहा जाता है। अंग्रेजी में इस फूल को 'Black Stone' कहते हैं। इसकी तेज खुशबू के कारण कुछ लोग इसे गर्म मसाले में भी प्रयोग करते हैं। साधारण से दिखने वाले इस फूल में कई औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण इसे बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियों में प्रयोग किया जाता है। ये सूखे हुए मशरूम या सूखे हुए फूलों की तरह नजर आते हैं। दगड़ फूल में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। ये पुरुषों के गुप्त रोगों में भी बड़ा फायदेमंद माना जाता है। आइए आपको बताते हैं इस फूल के कुछ खास स्वास्थ्य लाभ।पाचन सही रहता हैदगड़ फूल का इस्तेमाल गर्म मसाले की तरह किया जाता है। ये सूप, सब्जियों आदि में फ्लेवर और सुगंध बढ़ाता है। दगड़ फूल पेट की समस्याओं में बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और मिनरल्स आपकी अपच, गैस, कब्ज और मलत्याग में परेशानी जैसी समस्याओं को ठीक कर सकते हैं। अपने रोजाना के खाने में दगड़ फूल का इस्तेमाल करके आप पाचन को ठीक रख सकते हैं।दूर करता है किडनी की पथरीआयुर्वेद में दगड़ फूल का इस्तेमाल किडनी की समस्याओं को ठीक करने में किया जाता है। ये किडनी की पथरी में विशेष लाभप्रद पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दगड़ फूल के सेवन से पेशाब से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं और किडनी की पथरी का बनना रुक जाता है।दर्द दूर करने और त्वचा समस्याओं मेंदगड़ फूल में एंटी-इंफ्लेमेट्री (सूजनरोधी) गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। इसके सेवन से शरीर में होने वाली अंदरूनी सूजन दूर होती है, जिसे नजरअंदाज करना कई तरह की गंभीर परेशानियों का कारण बन सकता है। एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों के कारण ही कुछ लोग इसे कैंसर रोधी भी मानते हैं। दगड़ फूल दर्द दूर करने के लिए अच्छी आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है।घाव जल्दी भरता हैदगड़ फूल त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। चूंकि इनमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, इसलिए इनके सेवन से त्वचा रोगों में जल्दी आराम मिलता है। खुजली, चकत्ते, दाने और दूसरी तरह के स्किन इंफेक्शन होने पर आप दगड़ फूल का सेवन करें या इसकी चाय पिएं। दगड़ फूल त्वचा के घाव को तेजी से भरने में भी फायदेमंद माना जाता है। सर्जरी, एक्सीडेंट या गहरी चोट के बाद त्वचा के घाव को भरने के लिए अपने आहार में दगड़ फूल का सेवन बढ़ा सकते हैं।ये फूल ऑनलाइन स्टोर्स, सुपर मार्केट या किराने की दुकानों में आसानी से मिल जाता है। हालांकि इसे खरीदते समय इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि ये बहुत अधिक झुर्रीदार न हो। इसे एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करना चाहिए, ताकि नमी से इसकी सुगंध पर कोई प्रभाव न पड़े।
- आपने यह बात तो सेनी ही होगी कि ‘शेयरिंग इज केयरिंग’। घर के बड़े-बुजुर्ग भी कहते हैं कि अपनों के साथ जितनी चीजें शेयर करोगे, प्यार उतना ही बढ़ेगा। बचपन से ही यह सीख हम सबको अपने-अपने घरों में मिली और बेहिचक अपनों भाई-बहन, माता-पिता के साथ घर की लगभग हर चीजें शेयर करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें शेयर करना सही नहीं होता है? क्यों? क्योंकि इससे हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि कौन-सी हैं वो चीजें?न करें तौलिया शेयरसाबुन की ही तरह तौलिया शेयर करना भी स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं होता है। वैसे भी लोग तौलिया यूज करके इसे बाथरूम में टांग देते हैं, जहां से न तो सही तरह से धूप मिलती है और न ही वह अच्छी तरह सूख पाता है। ऐसे में उसमें नमी बनी रहती है, जिससे बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा हो सकते हैं। इस तरह के तौलिए के इस्तेमाल से कोई भी बीमार पड़ सकता है। वहीं, अगर आप ऐसा तौलिया शेयर करते हैं, तो घर के हर सदस्य का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। कोशिश करें कि सबका अपना तौलिया हो, जिसे यूज करने के बाद धूप में सुखाने के लिए टांगा जाए।कंघी शेयर करना भी नहीं है सहीबालों से जुड़ी कई तरह की परेशानियों के लिए कंघी जिम्मेदार हो सकती है। दरअसल, अगर कोई ऐसा व्यक्ति कंघी इस्तेमाल करता है, जिसके सिर में काफी डैंड्रफ हैं, तो यह आसानी से दूसरों के सिर तक पहुंच सकती है। इसी तरह, अगर स्कैल्प में इंफेक्शन या कोई समस्या है, तो वह भी कंघी शेयर करने के कारण फैल सकता है। घर में हर सदस्य के पास अपनी निजी कंघी होनी चाहिए।रेजर शेयर करने से बचेंपुरुष दाढ़ी बनाने के लिए और महिलाएं अपने हाथ-पांव के हेयर रिमूव करने के लिए अलग-अलग तरह के रेजर का यूज करती हैं। हालांकि पुरुष और महिलाओं के लिहाज से मार्केट में अलग-अलग तरह के रेजर बने हैं। लेकिन, दो पुरुषों या दो महिलाओं को भी एक कॉमन रेजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। रेजर न सिर्फ इंफेक्शन फैला सकता है, बल्कि कई गंभी बीमारियों को भी एक से दूसरे तक पहुंचा सकता है। इसमें ब्लड इंफेक्शन, हेपाटाइटिस ए, हेपाटाइटिस बी और एचआईवी जैसी कई गंभीर बीमारियां शामिल हैं।साबुन शेयर करना हो सकता है नुकसानदायकशायद ही कोई ऐसा परिवार हो, जहां नहाने का साबुन शेयर न किया जाता हो। एक साबुन से घर का हर सदस्य नहाता है। लेकिन, आपको बता दें कि नहाने का साबुन शेयर करना आपकी सेहत के लिए सही नहीं है। खासकर, अगर कोई स्किन से जुड़ी समस्या से ग्रस्त है, तो उसे अपने लिए पर्सनल साबुन का यूज करना चाहिए। अगर संक्रमित व्यक्ति का साबुन घर का हर सदस्य यूज करेगा, तो वे भी संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा, छोटे बच्चों की स्किन अलग होती है। उन्हें उस साबुन से नहीं नहलाना चाहिए, जो घर के बड़े सदस्य यूज करते हैं। इससे उनकी स्किन खुरदुरी और ड्राई हो सकती है।मेकअप प्रोडक्टमेकअप प्रोडक्ट्स में काजल, आई लाइनर और लिपस्टिक कभी शेयर नहीं करनी चाहिए। वास्तव में, इन प्रोडक्ट्स को सीधे स्किन पर अप्लाई करते हैं। वहीं, अगर दूसरा शख्स भी इसी प्रोडक्ट को यूज करे, तो स्किन से जुड़ी प्रॉब्लम आसानी से एक से दूसरे को हो सकती है। इसके अलावा, कुछ प्रोडक्ट्स सबकी स्किन को सूट नहीं करते हैं, जो कि बाद में समस्या का कारण बन सकती है।
- मानसून के मौसम में एक सब्जी की मांग बहुत रहती है और वो है खेखसी, जिसे ककोड़ा या कंटोला भी कहते हैं। बाजार में काफी मंहगे दाम में बिकती है क्योंकि इसका उत्पादन बहुत कम होता है। खेखसी को ज़्यादातर सब्ज़ी के रूप में खाया जाता है। इसमें अद्भुत औषधीय गुण पाए जाते हैं।खेखसी से बनी औषधि श्वास प्रणाली समंधी रोग, मूत्र विकार, बुखार, सूजन आदि में बहुत उपयोगी मानी जाती है। खेखसी की पत्तियों से बना लेप घाव भरने और दर्द से राहत दिलाने में बहुत लाभकारी होता है। इस फल के बीज को भी हम अपने आहार में शामिल कर सकते है। खेखसी फल से बने जूस का सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है और साथ ही इसमें मौजूद पौषक तत्व भी शरीर में अवशोषित होते हैं। आइये जानते हैं इसके अन्य फायदों के बारे में -वजऩ कम करने में सहायकखेखसी में पानी की मात्रा सबसे अधिक होती है, जो वजऩ कम करने में बहुत उपयोगी होता है।बीपी को करे नियंत्रितखेखसी का सेवन करने से हाई बीपी से ग्रस्त लोगों को बहुत फायदे होंगे। ककोडा में हाई फाइबर होने से यह बीपी की समस्या को दूर कर देता है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और साथ ही हृदय संबंधित बाकी रोगों को भी खत्म कर देता है।मधुमेह विरोधीखेखसी में मौजूद फाइटो-पोषक तत्व, पॉलीपेप्टाइड-पी शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखते है। फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होने की वजह से खेखसी मधुमेह विरोधक है। मधुमेह के रोगियों को निश्चित तौर पर इसका सेवन करना चाहिए।रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएखेखसीमें मौजूद एस्कार्बिक एसिड यानी विटामिन-सी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है। विटामिन सी शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं बढ़ाने में योगदान देता है। यही श्वेत रक्त कोशिकाएं शरीर को इंफेक्शन और वायरस से बचाती हैं।त्वचा के लिए लाभकारीखेखसी का रोज़ाना सेवन करने से चेहरे पर झुर्रियां, स्किन में ढीलापन, माथे पर रेखाएं जल्दी नहीं आती। खेखसी को एक एंटी एजिंग फल माना गया है।शरीर को बनाए मजबूतप्रोटीन की मात्रा में अधिक होने के कारण खेखसी को मांसपेशियों के विकास के लिए बहुत लाभकारी बताया गया है। प्रोटीन शरीर के बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं। साथ ही यह शरीर को अदभुत ऊर्जा प्रदान करता है।पाचक तंत्र को रखे स्वस्थखेखसी के पौष्टिक तत्व पाचक तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, और मॉइश्चर यानी पानी की मात्रा अधिक होने के कारण खेखसी के सेवन से खाना पचाने में आसानी होती है। इसके सेवन से हमारा पेट स्वस्थ और हल्का रहता है।आंखो के लिए लाभदायकखेखसी में थियामाइन यानी विटामिन-बी होता है, जो आंखों के लिए एक ज़रूरी न्यूट्रिएंट होता है।पथरी और बवासीर के लिए उपयोगीखेखसी से बना पाउडर बवासीर और पथरी जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने की क्षमता रखता है। ककोड़ा का पाउडर तैयार कर के रोज़ाना दूध या पानी के साथ सेवन करें। यह पाउडर खांसी ज़ुकाम में भी फायदेमंद साबित होता है। इसका सेवन आप बुखार आने पर भी कर सकते हैं। यह पूरी तरह से प्राकृतिक है।कैंसर से बचाता हैखेखसी में मौजूद विटामिन-सी कैंसर से लडऩे में सबसे शक्तिशाली तत्व होते हैं। खेखसी में कैरोटीन की मौजूदगी भी कैंसर से बचाती है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते है और कैंसर के खतरे को कम करके लडऩे की क्षमता देते हैं।
- बच्चे हों या बड़े, आजकल चाइनीज खाना खासकर मोमोज और चाऊमीन, सबको बहुत पसंद आते हैं। बच्चे तो अक्सर चाइनीज खाने की जिद कर बैठते हैं। वहीं, हाल के दिनों में यह भी देखने को मिल रहा है युवा और वयस्क भी खूब चाइनीज खा रहे हैं। यहां तक कि इसे रोजाना की डाइट का हिस्सा बना रहे हैं। जबकि, हम यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि मैदे से बनी चीजें रोज नहीं खाई जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तार से जानते हैं।वेट गेन हो सकता हैएक्सपर्ट की मानें, तो चाइनीज फूड में काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरी, सोडियम और अनहेल्दी फैट होता है। ये तमाम चीजें वेट गेन करने यानी मोटापा बढ़ाने में जिम्मेदार हो सकती हैं। जाहिर है, मोटापा कई तरह की बीमारियों का गढ़ बन सकता है। बताते चलें कि मोटापे के कारण थाइरॉयड, डायबिटीज जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं।हाई बीपी की समस्याचाइनीज फूड में काफी ज्यादा मात्रा में हाई सोडियम का यूज किया जाता है, जैसे सोया सॉस। हाई सोडियम स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। अगर आप रोजाना हाई सोडियम का सेवन करते हैं, तो इससे ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ सकता है, हार्ट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं और स्ट्रोक का रिस्क भी बढ़ सकता है।मोनोसोडियम ग्लूटामेट के प्रति संवेदनशीलतामोनोसोडियम ग्लूटामेट या एमएसजी एक प्रकार का फ्लेवर एन्हैंसर होता है। इसका इस्तेमाल ज्यादात एशियाई खाद्य पदार्थों में किया जाता है। लेकिन, यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है। अगर आप रोजाना चाइनीज फूड खाते हैं, जिसके जरिए एमएसजी का सेवन करते हैं, तो इससे आपको गर्मी लगना, पसीना आना, सीने में दर्द और कमजोरी जैसा महसूस हो सकता है।अनहेल्दी फैट बढ़नाचाइनीज फूड्स में कई ऐसे आइटम शामिल हैं, जिन्हें डीप फ्राई किया जाता है, जैसे स्प्रिंग रोल। आमतौर पर दुकानों में खराब तेल का उपयोग किया जाता है, जिसका सेवन करने से शरीर में अनहेल्दी फैट बढ़ जाता है। इस तरह का फैट ट्रांस फैट कहलाता है। इसकी अधिकता होने के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती हैं।ब्लड शुगर में बदलावचाइनीज फूड में काफी ज्यादा मात्रा में सॉस का यूज होता है। इसमें काफी मात्रा में शुगर होती है। अगर आप काफी मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो इससे ब्लड शुगर का स्तर बहुत तेजी से ऊपर जा सकता है। कहने का मतलब साफ है कि डायबिटीज के मरीजों को चाइनीज से दूर रहना चाहिए।कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि आप चाइनीज फूड आइटम्स कभी-कभी जैसे सप्ताह या दस दिन में एक बार खा सकते हैं। लेकिन, रोजाना खाने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर, अगर आपको पहले से ही कोई बीमारी है, तो इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
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बॉडी को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आप कार्डियो एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होती है। हाल ही में ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट मेडीसिन में प्रकाशित हुई एक रिसर्च के मुताबिक कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर रखकर 9 तरह के कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। स्टडी के मुताबिक कार्डियो एक्सरसाइज करने से कैंसर का खतरा 40 प्रतिशत तक कम होता है।
शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक चले इस शोध में 3,65,874 लोगों को शामिल कर उनकी कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस की निगरानी की। जिसमें 5,19,652 लोगों में मध्य वर्ग की फिटनेस थी, जबकि 340,952 लोगों में अच्छी कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस पाई गई। लो कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस वाले लोगों में अच्छी सेहत वालों की तुलना में कैंसर होने का जोखिम अधिक था।कौन सी एक्सरसाइज करें?स्टडी के मुताबिक कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज न केवल कैंसर के खतरे को कम करती है, बल्कि हार्ट से जुड़ी कई समस्याएं जैसे हार्ट अटैस, स्ट्रोक या फिर हार्ट फेलियर जैसी समस्याओं को भी कम करती है। इसके लिए आप एरोबिक एक्सरसाइज करने के साथ ही स्विमिंग, साइकिलिंग, रनिंग और सीढ़ियां चढ़ने जैसी एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह सभी एक्सरसाइज करना इस समस्या को कम करने में काफी प्रभावी साबित होती है। इसे करने से गर्दन पेट, इसोफोगस कैंसर, पैनक्रियास कैंसर, लिवर कैंसर, बॉवेल कैंसर के साथ ही साथ किडनी, लिवर और सिर के कैंसर का भी जोखिम काफी कम होता है। कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर रखने के लिए खान-पान और एक्सरसाइज पर विशेषतौर पर ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में हेल्दी चीजें जैसे फल, सब्जियां, या फिर नट्स आदि करने के साथ ही साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग भी करें। इसके लिए आपको शराब, धूम्रपान और जंक या फिर प्रोसेस्ड फूड खाने की आदत को भी कम करना होगा।