- Home
- खेल
-
राउरकेला. भारत ने एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप में रविवार को इंग्लैंड से गोलरहित ड्रॉ खेला हालांकि टीम क्वार्टर फाइनल में सीधे प्रवेश की दौड़ में बनी हुई है । खचाखच भरे बिरसा मुंडा स्टेडियम में पूल डी के कांटे के मैच में दोनों टीमें कई मौके मिलने के बावजूद उसे भुना नहीं सकी । इंग्लैंड को मैच में आठ और भारत को चार पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन मेजबान टीम का पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस जबर्दस्त था । अब इंग्लैंड और भारत के दो मैचों में चार चार अंक है और ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में जायेगी । भारत को आखिरी लीग मैच में 19 जनवरी को वेल्स से खेलना है जबकि इंग्लैंड का सामना स्पेन से होगा । दोनों टीमों के अगर समान अंक रहे तो बेहतर गोल औसत वाली टीम अंतिम आठ में जायेगी । इंग्लैंड का गोल औसत अभी प्लस पांच है जिसने पहले मैच में वेल्स को 5 . 0 से हराया था जबकि भारत ने स्पेन को 2 . 0 से मात दी थी । पहले क्वार्टर में इंग्लैंड का दबदबा रहा जिसे पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारत ने जबर्दस्त बचाव किया । भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मनदीप सिंह ने दिलाया लेकिन कप्तान हरमनप्रीत सिंह उस पर गोल नहीं कर सके । दूसरे क्वार्टर में वालास जाचारी इंग्लैंड को मिले छठे पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर सके । इसके तुरंत बाद इंग्लैंड को सातवां पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे अमित रोहिदास ने रोक दिया । भारत को तीसरा पेनल्टी कॉर्नर हरमनप्रीत ने दिलाया और चौथा भी उसके तुरंत बाद मिला । पहले पर हरमनप्रीत चूके तो दूसरे पर वरूण कुमार गोल नहीं कर सके । इंग्लैंड को 37वें मिनट में बढत मिल जाती लेकिन डेविड कोंडोन का शॉट बाहर से निकल गया ।
इंग्लैंड के सैम वार्ड भी रिवर्स शॉट पर गोल करने के करीब पहुंचे थे जब उनके सामने गोलकीपर पी आर श्रीजेश अकेले थे लेकिन शॉट वाइड चला गया । आखिरी कुछ मिनट तक भारत को दस खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा जब हार्दिक सिंह चोट के कारण मैदान से बाहर चले गए । इसके बावजूद इंग्लैंड टीम कोई गोल नहीं कर सकी और आखिरी मिनट में उसे मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया । दूसरे पूल मैच में स्पेन ने वेल्स को 5 . 1 से हराया । -
तिरुवनंतपुरम. शानदार फॉर्म में चल रहे विराट कोहली और सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल के शतक के बाद मोहम्मद सिराज के करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी से भारत ने तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में श्रीलंका को 317 रन से रौंदकर इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की और साथ ही तीन मैच की श्रृंखला में 3-0 से क्लीनस्वीप किया। एकदिवसीय क्रिकेट में इससे पहले रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम था जिसने 2008 में आयरलैंड को 290 रन से हराया था। भारत के 391 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम सिराज (32 रन पर चार), मोहम्मद शमी (20 रन पर दो विकेट) और कुलदीप यादव (16 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 22 ओवर में सिर्फ 73 रन ही बना सकी जो मेहमान टीम के इतिहास का चौथे सबसे कम स्कोर है। आशेन बंडारा चोटिल होने के कारण बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे। भारत की श्रीलंका के खिलाफ यह 96वीं जीत है जो किसी एक टीम के खिलाफ दूसरी टीम की सर्वाधिक जीत का विश्व रिकॉर्ड है। श्रीलंका का कोई बल्लेबाज 20 रन के आंकड़े को भी नहीं छू पाया। सलामी बल्लेबाज नुवानिदु फर्नांडो 19 रन के साथ टीम के शीर्ष स्कोरर रहे। कोहली ने 110 गेंद में आठ छक्कों और 13 चौकों की मदद से नाबाद 166 रन की करियर की दूसरी सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने के अलावा गिल (116) के साथ दूसरे विकेट के लिए 131 और श्रेयस अय्यर (38) के साथ तीसरे विकेट के लिए 108 रन की साझेदारी की जिससे भारत ने पांच विकेट पर 390 रन का स्कोर खड़ा किया। कोहली ने अपना 46वां एकदिवसीय और कुल 74वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ा जो श्रीलंका के खिलाफ उनका 10वां शतक है। उन्होंने स्वदेश में 21वें शतक के साथ घरेलू सरजमीं पर सर्वाधिक शतक के सचिन तेंदुलकर (20 शतक) के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए और उसका कोई बल्लेबाज क्रीज पर टिककर नहीं खेल पाया। टीम ने 22 रन तक ही अविष्का फर्नांडो (01) और कुसाल मेंडिस (04) के विकेट गंवा दिए। सिराज ने अविष्का फर्नांडो को स्लिप में गिल जबकि मेंडिस को विकेटकीपर लोकेश राहुल के हाथों कैच कराया चरित असलंका भी एक रन बनाने के बाद मोहम्मद शमी गेंद को प्वाइंट पर अक्षर पटेल के हाथों में खेल गए।
नुवानिदु इसके बाद सिराज की गेंद को विकेटों पर खेल गए जबकि इस तेज गेंदबाज ने वानिंदु हसरंगा (01) को बोल्ड करके श्रीलंका का स्कोर 10वें ओवर में पांच विकेट पर 37 रन किया। सिराज ने अपने अगले ओवर में चमिका करूणात्ने को (01) को रन आउट किया जबकि कुलदीप यादव ने कप्तान दासुन शनाका (11) को बोल्ड करके श्रीलंका को सातवां झटका दिया। वांडरसे के कनकशन (सिर में चोट लगना) सब्सटीट्यूट के रूप में उतरे दुनिथ वेलालागे भी तीन रन बनाने के बाद शमी की गेंद पर कुलदीप को कैच दे बैठे। भारतीय पारी के 43वें ओवर में विराट कोहली के चौके को रोकने के लिये आशेन बंडारा डीप स्क्वेयर लेग से और वांडरसे डीप मिडविकेट से दौड़े और टकरा गए । कुलदीप ने कुमारा (09) को बोल्ड करके श्रीलंका की पारी का अंत किया। इससे पहले कोहली की पारी की बदौलत भारत अंतिम 11 ओवर में 126 रन जुटाने में सफल रहा।
श्रीलंका की ओर से लाहिरू कुमारा और कासुन रजिता ने दो-दो विकेट चटकाए लेकिन इस दौरान क्रमश: 87 और 81 रन लुटाए। रोहित शर्मा (42) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और गिल के साथ पहले विकेट के लिए 95 रन जोड़कर टीम को अच्छा मंच मुहैया कराया। रोहित हालांकि क्रीज पर जमने के बाद चमिका करूणारत्ने की गेंद को पुल करने की कोशिश में बाउंड्री पर अविष्का फर्नांडो को कैच दे बैठे। उन्होंने 49 गेंद की अपनी पारी में तीन छक्के और दो चौके मारे। कोहली शुरुआत से ही अच्छी लय में दिखे। उन्होंने करूणारत्ने पर चौके से खाता खोला और फिर जेफ्रे वांडरसे पर लगातार दो चाके मारे। भारत के रनों का शतक 16वें ओवर में पूरा हुआ। गिल ने वांडरसे की गेंद पर एक रन के साथ 52 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।
गिल और कोहली ने बीच के ओवरों में बिना किसी परेशानी के बल्लेबाजी की और आसानी से रन बटोरे। गिल ने कामचलाऊ स्पिनर नुवानिदु की लगातार गेंदों पर चौके और छक्के फिर एक रन के साथ 89 गेंद में दूसरा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया। गिल ने वांडरसे के ओवर में तीन चौके मारे लेकिन रजिता की गेंद को आगे बढ़कर खेलने की कोशिश में बोल्ड हो गए। उन्होंने 97 गेंद का सामना करते हुए 14 चौके और दो छक्के मारे। कोहली को इसके बाद अय्यर के रूप में उम्दा साझेदार मिला। कोहली करूणारत्ने पर चौके के साथ 63 रन पर पहुंचे और एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में श्रीलंका के महेला जयवर्धने को पछाड़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गए। कोहली ने 43वें ओवर में करूणारत्ने पर चौके के साथ टीम का स्कोर 300 रन के पार पहुंचाया लेकिन चौका रोकने की कोशिश में बंडारा और वांडरसे आपस में टकराकर चोटिल हो गए। कोहली ने अगली गेंद पर एक रन के साथ 85 गेंद में पिछले चार वनडे में अपना तीसरा शतक पूरा किया।
कोहली ने शतक पूरा करने के बाद रजिता पर एक और करूणारत्ने पर लगातार दो छक्के मारे। अय्यर इसके बाद लाहिरू कुमारा की गेंद पर स्थानापन्न खिलाड़ी धनंजय डिसिल्वा को कैच दे बैठे। कुमारा ने लोकेश राहुल (07) जबकि रजिता ने सूर्यकुमार यादव (04) को पवेलियन भेजा। कोहली ने कुमारा के अंतिम ओवर में दो छक्के और एक चौके के साथ 106 गेंद में 150 रन पूरे किए। -
राउरकेला. मार्क रेयना और मार्क मिरालेस के दो-दो गोल की मदद से स्पेन ने रविवार को यहां एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप के पूल डी में वेल्स को 5-1 से हराकर पहली जीत दर्ज की। रेयना ने 16वें और 38वें मिनट में मैदानी गोल दागे जबकि मिरालेस ने 32वें और 56वें मिनट में गोल किए। कप्तान अल्वारो इग्लेसियास (22वें मिनट) ने भी स्पेन की ओर से एक गोल किया। वेल्स की ओर से एकमात्र गोल 52वें मिनट में जेम्स कार्सन ने किया।
स्पेन की टूर्नामेंट में यह पहली जीत है जबकि वेल्स को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा। स्पेन को टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में भारत के खिलाफ 0-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी जबकि वेल्स को इंग्लैंड ने 0-5 से हराया था। स्पेन की टीम पूल के अपने अंतिम मैच में 19 जनवरी को भुवनेश्वर में इंग्लैंड से भिड़ेगी जबकि वेल्स का सामना भारत से होगा।
-
अबु धाबी. मोहम्मद वसीम की 71 रन की आक्रामक पारी के साथ वेस्टइंडीज की निकोलस पूरन, कीरोन पोलार्ड और ड्वेन ब्रावो की तिकड़ी की तेज तर्रार बल्लेबाजी के दम पर मुंबई इंडियन्स अमीरात ने इंटरनेशनल लीग टी20 (आईएलटी20) में शनिवार को यहां शारजाह वॉरियर्स को 49 रन से हराकर टूर्नामेंट में अपने अभियान का शानदार आगाज किया। मुंबई इंडियन्स अमीरात ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 204 रन का स्कोर खड़ा करने के बाद शारजाह वॉरियर्स को नौ विकेट पर 155 रन पर रोक दिया। मुंबई इंडियन्स अमीरात के स्थानीय खिलाड़ी वसीम ने पारी का आगाज करते हुए 39 गेंद में पांच चौके और इतने ही छक्के जड़े। पूरन ने 30 गेंद में चार छक्के और दो चौके की मदद से 49 जबकि कप्तान पोलार्ड ने 13 गेंद में नाबाद 22 और ब्रावो ने 10 गेंद में नाबाद 20 रन का योगदान दिया। ब्रावो और पोलार्ड ने छठे विकेट के लिए 41 रन की अटूट साझेदारी की। शारजाह की टीम के लिए क्रिस वोक्स और जुनैद सिद्दीकी ने दो-दो जबकि मोहम्मद नबी ने एक विकेट लिए। नबी ने हालांकि चार ओवर में 50 रन खर्च किये। लक्ष्य का पीछा करने उतरी शारजाह की टीम को दूसरे ओवर में ही फजल हक फारुखी (27 रन पर दो विकेट) ने लगातार गेंदों पर एविन लुईस और डेविड मलान का विकेट चटकाया। दोनों खिलाड़ी बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। सलामी बल्लेबाज रहमानुल्ला गुरबाज ने इसके बाद कप्तान मोईन अली के साथ मिल कर टीम के स्कोर को 50 के पार पहुंचाया लेकिन ब्रावो ने आठवें ओवर में मोईन और 10वें ओवर में गुरबाज का विकेट चटकाकर शारजाह की मुश्किलें बढ़ा दी। गुरबाज ने 31 गेंद में सात चौके की मदद से 47 रन बनाए जबकि मोईन 15 गेंद में 16 रन का ही योगदान दे सके। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी इमरान ताहिर ने इसके बाद तीन विकेट झटक कर मैच पर पूरी तरह से मुंबई इंडियन्स अमीरात का दबदबा बना दिया। उन्होंने टॉम कोहलर काडमोर (10) , जो डेनली (नौ) और मोहम्मद नबी (तीन) को क्रीज पर ज्यादा समय बिताने का मौका नहीं दिया। इंग्लैंड के हरफनमौला वोक्स ने इसके बाद 29 गेंद में आठ चौके और दो छक्के की मदद से 62 रन बनाये लेकिन टीम के हार का अंतर ही कम हो सका। पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने के बाद वसीम ने पारी के दूसरे ओवर में नवीन उल हक के खिलाफ लगातार दो चौके जड़ आक्रामक तेवर दिखाये। वोक्स ने इस दौरान तीसरे ओवर में विल स्मीद को पवेलियन की राह दिखाकर शारजाह को पहली सफलता दिलाई पावर प्ले के आखिरी ओवर में जुनैद सिद्दीकी के खिलाफ आंद्रे फ्लेचर (22) ने हैट्रिक चौका लगाया और फिर सातवें ओवर में गेंदबाजी के लिए आये कार्तिक मेयप्पन पर वसीम ने दो छक्के जड़े। वोक्स ने नौवें ओवर में विकेटकीपर गुरबाज के हाथों फ्लेचर को आउट कर वसीम के साथ दूसरे विकेट के लिए 47 रन की उनकी साझेदारी को तोड़ा। 10 ओवर के बाद मुंबई इंडियन्स अमीरात का स्कोर दो विकेट पर 79 रन था। इसके बाद वसीम और पूरन से लगातार अंतराल पर गेंद को सीमा रेखा के पार भेजते हुए तेजी से बल्लेबाजी की। 11वें ओवर में नबी और 13वें ओवर में मोईन के खिलाफ 18 रन बने। वसीम ने 15वें ओवर में नबी के खिलाफ चौका और छक्का लगाया लेकिन तीसरी गेंद पर आउट हो गये। पारी के 17 ओवर में जुनैद के खिलाफ छक्का जड़ने के बाद पूरन ने भी पवेलियन की राह पकड़ ली। वसीम और पूरन ने तीसरे विकेट लिए 79 रन की आक्रामक साझेदारी की। ब्रावो ने 19वें ओवर में नवीन उल हक के खिलाफ हैट्रिक चौका लगाया तो वही पोलार्ड ने नबी के खिलाफ छक्का और चौका लगाया। ब्रावो ने पारी की आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर टीम के स्कोर को 200 के पार पहुंचाया।
-
नॉन्थाबुरी (थाईलैंड)। युकी भांबरी और साकेत मायनेनी की शीर्ष वरीय भारतीय जोड़ी ने शनिवार को यहां पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए बैंकॉक ओपन चैलेंजर खिताब अपने नाम किया। यह एटीपी चैलेंजर टूर में इस जोड़ी की छठी ट्राफी है। युकी-साकेत का यह सातवां फाइनल था। इस भारतीय जोड़ी ने क्रिस्टोफर रूंगकाट और अकीरा सैंटिलान को रोमांचक फाइनल में एक घंटे और 50 मिनट में शिकस्त दी। पिछले साल जोड़ी बनाने वाले युकी-साकेत ने इंडोनेशियाई-आस्ट्रेलियाई जोड़ी को 2-6 7-6(7) 14-12 से हराया।
युकी-साकेत ने पिछले साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच छह चैलेंजर फाइनल में जगह बनायी जिसमें से पांच में खिताब जीते। शनिवार को मिली इस जीत से 28 वर्षीय युकी एटीपी युगल रैंकिंग में करियर के सर्वश्रेष्ठ 90 स्थान पर पहुंच जायेंगे जबकि 35 साल के साकेत को भी अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ 74वें स्थान पर पहुंचना चाहिए। अब यह भारतीय जोड़ी सत्र के पहले ग्रैंडस्लैम आस्ट्रेलियाई ओपन में खेलेगी जिसमें उन्हें वाइल्डकार्ड से प्रवेश दिया गया है। -
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर पहले पहल तिरंगे की छाप छोड़ने वाले खिलाड़ियों में बैडमिंटन में प्रकाश पादुकोण, टेनिस में अमृतराज बंधु, शतरंज में विश्वनाथन आनंद, बिलियर्ड्स में माइकल फरेरा, भारोत्तोलन में मल्लेश्वरी देवी, निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा, एथलेटिक्स में मिल्खा सिंह, पी.टी. ऊषा और भाला-फेंक में नीरज चोपड़ा का नाम सुनहरे हरफों में दर्ज है।
महिला टेनिस में सानिया मिर्जा का नाम इस कतार को आगे बढ़ाता है। सानिया मिर्जा ने हाल ही में टेनिस से संन्यास लेने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन से अपने ग्रैंड स्लैम करियर की शुरुआत की थी और इस साल वही उनका आखिरी ग्रैंड स्लैम होगा। फरवरी में होने वाला दुबई टेनिस टूर्नामेंट उनका अंतिम प्रफेशनल टेनिस टूर्नामेंट होगा और इसके साथ ही एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में उनका 30 साल का टेनिस जीवन और 20 साल का प्रफेशनल करियर समाप्त हो जाएगा।
एक समय ‘‘खेलोगे कूदोगे होगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब'' जैसे मुहावरे गढ़ने वाले इस देश में पिछले कुछ दशक में ही खेलों की संस्कृति विकसित हुई है, लेकिन उसमें भी कई तरह की बंदिशें रहीं, खास तौर से लड़कियों के लिए यह क्षेत्र वर्जित ही बना रहा। ऐसे माहौल में तीन दशक पहले एक मुस्लिम परिवार की छह साल की बच्ची अपनी मां का हाथ पकड़े हैदराबाद के निजाम क्लब के टेनिस कोर्ट पहुंची तो पहले पहल तो कोच को भी लगा कि टेनिस खेलने के लिए वह बहुत छोटी है, लेकिन खेल के प्रति उसकी लगन और उसके सपनों की उड़ान उसकी उम्र से कहीं बड़ी थी।
सानिया ने संन्यास का ऐलान करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर तीन पेज का एक पोस्ट लिखा है। इसमें उन्होंने अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता और बहन सहित पूरे परिवार, कोच, फिजियो और पूरी टीम का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा है कि इन लोगों के सहयोग के बिना वह यहां तक नहीं पहुंच पातीं। उन्होंने लिखा है, ‘‘इन तमाम लोगों का शुक्रिया, जो बुरे वक्त में मेरे साथ खड़े रहे। मैंने अपनी हंसी, आंसू, दर्द और खुशी इन तमाम लोगों के साथ साझा की है।
आप सभी ने जीवन के कठिन दौर में मेरी मदद की है। आपने छह साल की एक बच्ची को न सिर्फ सपने देखने की हिम्मत दी, बल्कि उन्हें पूरा करने में मदद भी की।'' सानिया ने अपने पोस्ट में लिखा है, ‘‘काफी विरोध के बावजूद मैंने ग्रैंड स्लैम खेलने और टेनिस के इस सर्वोच्च स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा। अब जब मैं अपने करियर की तरफ मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि मैंने न सिर्फ देश के लिए ग्रैंड स्लैम खेलने का अर्धशतक लगाया, बल्कि उनमें से कुछ जीतने में भी कामयाब रही। देश के लिए मेडल जीतना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा है।
पोडियम पर खड़े होना और तिरंगे का सम्मान होते देखना मेरे लिए गर्व की बात रही है।'' सानिया का जन्म 15 नवंबर 1986 को मुंबई में हुआ। उनके पिता इमरान मिर्ज़ा एक खेल संवाददाता थे तथा माँ नसीमा मुंबई में प्रिंटिंग व्यवसाय से जुड़ी एक कंपनी में काम करती थीं। कुछ समय बाद उनका परिवार हैदराबाद चला गया और छोटी बहन अनम के साथ सानिया का बचपन वहीं गुजरा। सानिया ने हैदराबाद के एन ए एस आर स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद हैदराबाद के ही सेंट मैरी कॉलेज से स्नातक स्तर की पढ़ाई की। उन्हें 11 दिसंबर 2008 को चेन्नई में एम जी आर शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई।
वर्ष 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप से अपने अंतरराष्ट्रीय टेनिस करियर की शुरुआत करने वाली सानिया ने 18 वर्ष की छोटी सी उम्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना ली थी। उनकी लोकप्रियता और सफलता को देखते हुए 2005 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया। 2005 में ही उन्हें टाइम पत्रिका ने एशिया की 50 सबसे प्रभावशाली हस्तियों में शुमार किया। 2006 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया और वह यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।
उन्हें 2006 में अमेरिका में विश्व की टेनिस की दिग्गज हस्तियों के बीच डब्लूटीए का 'मोस्ट इम्प्रेसिव न्यू कमर अवार्ड' प्रदान किया गया। पारिवारिक जीवन की बात करें तो उनके पिता इमरान मिर्ज़ा हैदराबाद सीनियर डिवीज़न लीग के खिलाड़ी रह चुके हैं। सानिया के मामा फैयाज़ हैदराबाद रणजी टीम में विकेट कीपर रहे हैं। सानिया ने 12 अप्रैल 2010 को पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेटर शोएब मलिक के साथ विवाह किया। -
दुबई. कप्तान रोवमैन पॉवेल के हरफनमौला खेल और रॉबिन उथप्पा की सूझबूझ भरी पारी से दुबई कैपिटल्स ने इंटरनेशनल लीग (आईटीएल) टी20 टूर्नामेंट के शुरुआती मुकाबले में शुक्रवार को यहां अबुधाबी नाइट राइडर्स को 73 रन के बड़े अंतर से हराकर शानदार आगाज किया। मैन ऑफ द मैच पॉवेल ने 29 गेंद की आक्रामक पारी में तीन छक्के और इतने ही चौके की मदद से 48 रन बनाये। भारत के पूर्व बल्लेबाज उथप्पा ने पारी का आगाज करते हुए 33 गेंद में दो छक्के और तीन चौके जड़ 43 रन की उपयोगी पारी खेली। आखिरी ओवरों में रवि बोपारा (तीन गेंद में नाबाद 11 रन) और इसुरू उदाना (चार गेंद में नाबाद 12) रन की तेज बल्लेबाजी से टीम ने 20 ओवर में छह विकेट पर 187 रन बनाने के बाद अबुधाबी नाइट राइडर्स को नौ विकेट पर 114 रन पर रोक दिया। अबुधाबी के लिए पॉल स्टर्लिंग ने 54 रन की पारी खेली लेकिन टीम के सिर्फ दो ही बल्लेबाज दहाई के आंकड़े में रन बना पाये। आयरलैंड के इस खिलाड़ी ने 38 गेंद की पारी में पांच चौके और दो छक्के लगाये। पॉवेल के अलावा दुबई की टीम के लिए अकीफ राजा और मुजीब उर रहमान ने दो-दो जबकि उदाना , हजरत लुकमान और सिकंदर रजा ने एक-एक सफलता हासिल की। अबुधाबी की टीम के लिए रवि रामपॉल ने 36 रन देकर दो जबकि अली खान ने 45 रन देकर दो विकेट लिये।
लक्ष्य का पीछा करते समय बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की सह-स्वामित्व वाली अबुधाबी नाइट राइडर्स 10वें ओवर में दो विकेट पर 71 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी लेकिन इसके बाद लगातार अंतराल पर विकेटों के पतन के कारण टीम लक्ष्य से काफी दूर रह गयी। इस दौरान आंद्रे रसेल (12)और सुनील नारायण (चार) जैसे आक्रामक बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके।
इससे पहले पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर मुश्किल पिच पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट (26) और उथप्पा ने दुबई कैपिटल्स को सुधी हुई शुरुआत दिलायी। रूट ने चौथे ओवर में अकील हुसैन के खिलाफ चौका और दो छक्के जड़े। वह हालांकि पावर प्ले के आखिरी ओवर में अली खान की गेंद पर आउट हो गये। उन्होंने पहले विकेट के लिए उथप्पा के साथ 35 रन की साझेदारी की। दूसरे छोर से अब तक संभल कर खेल रहे भारत के पूर्व बल्लेबाज उथप्पा ने इसी ओवर में छक्के के साथ अपना हाथ खोला। उथप्पा ने 12वें ओवर में कप्तान सुनील (28 रन पर एक विकेट) की गेंद को दर्शकों के पास भेजा लेकिन ओवर की आखिरी गेंद पर बोल्ड हो गये। पॉवेल ने क्रीज पर आते ही अली के ओवर दो छक्के और चौका जड़ा। उन्होंने 17वें ओवर में रामपॉल के खिलाफ भी चौका और छक्का लगाकर रन गति को तेज किया लेकिन एक और बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में वह कोलिन इनग्राम को कैच थमा बैठे। उन्होंने जिम्बाब्वे के सिकंदर रजा (26) के साथ चौथे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। रजा ने पारी के 18वें रसेल के खिलाफ चौका और छक्का जड़ा जिससे टीम ने 150 रन के आंकड़े को पार किया। वह अगली गेंद पर रसेल को कैच थमा कर पवेलियन लौटे। यूसुफ पठान पांच गेंद की पारी में छह रन का ही योगदान दे सके। उदाना ने आखिरी ओवर में अली के खिलाफ लगातार गेंदों पर चौका और छक्का लगाया तो वही रवि बोपारा ने भी छक्का जड़ टीम के स्कोर को 187 तक पहुंचाया। -
तिरूवनंतपुरम. भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने शनिवार को कहा कि फॉर्म में चल रहे ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव इस बात को समझते हैं कि उन्हें वनडे प्रारूप में अपनी बारी का इंतजार करना होगा। हाल के वर्षों में टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद दोनों खिलाड़ियों को श्रीलंका के खिलाफ चल रही तीन मैचों की श्रृंखला के पहले दो वनडे में शामिल नहीं किया गया जिससे खेल प्रेमी और कुछ पूर्व खिलाड़ी काफी हैरान थे। राठौड़ ने कहा, ‘‘उन्हें बाहर बैठने के लिये बाध्य नहीं किया गया है, मेरा मतलब है कि अन्य खिलाड़ी भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। बतौर खिलाड़ी वे भी इस बात को समझते हैं और उन्हें भी अपने मौके का इंतजार करना होगा और वे भी इसकी तैयारी कर रहे हैं, वे कड़ी मेहनत करते हैं और जब भी मौका मिलता है, वे अच्छा करते हैं और अपनी जगह पर डटे रहते हैं। '' सूर्यकुमार जहां टी20 में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज हैं और खेल के छोटे प्रारूप में अपनी शानदार लय का लुत्फ उठा रहे हैं तो वहीं ईशान ने श्रीलंका श्रृंखला से पहले बांग्लादेश में अपना वनडे दोहरा शतक जमाया। यह पूछने पर कि ईशान को मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिये कहा जा सकता है तो राठौड़ ने कहा, ‘‘इस समय, उसे बतौर सलामी बल्लेबाज चुना जा रहा है लेकिन बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम काफी लचीले हैं और अगर किसी को जैसे ईशान को मध्यक्रम में आजमाने की जरूरत होती है तो हमें ऐसा करना पड़ेगा। हालांकि इस समय उसे सलामी बल्लेबाज के तौर पर ही देखा जा रहा है। '' जब सूर्यकुमार पर चर्चा होने लगी तो राठौड़ ने कहा, ‘‘उसमें काफी शानदार काबिलियत है, वह अच्छी फॉर्म में रहा है, उसे रिजर्व में रखना शानदार रहा है और उम्मीद है कि जब समय आयेगा तो वह यह जिम्मेदारी लेगा और टीम के लिये अच्छा प्रदर्शन करेगा। टीम में इतने बेहतरीन खिलाड़ी का होना शानदार है। '' इस साल होने वाले वनडे विश्व कप के संबंध में बल्लेबाजी कोच ने कहा, कि खिलाड़ियों के कोर ग्रुप को तय करने के लिये ‘'20 मैच काफी हैं''। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम जिस कोर ग्रुप को चाहते हैं, उसकी छंटनी करने के लिये 20 मैच काफी हैं। बतौर टीम प्रबंधन हम समझते हैं कि हमें किस खिलाड़ी को चुनना है। अगर इस बारे में स्पष्टता है तो मुझे लगता है कि इन निश्चित चीजों पर काम करने के लिये 20 मैच काफी हैं। -
राउरकेला। तीन बार की चैम्पियन नीदरलैंड ने एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप में अपने अभियान का जीत के साथ आगाज करते हुए शनिवार को मलेशिया को 3 . 0 से हराया जबकि न्यूजीलैंड ने चिली पर 3 . 1 से जीत दर्ज की । पूल सी के पहले मैच में न्यूजीलैंड के लिये सैम हिहा ने पहले दो क्वार्टर में दो फील्ड गोल (11वां और 18वां मिनट) दागे जबकि सैम लेन ने नौवें मिनट में पहला गोल किया था । चिली के लिये एकमात्र गोल इग्नासियो कोंटार्डो ने 49वें मिनट में किया ।
दूसरे मैच में टी वान डैम ने 19वें मिनट में गोल करके दुनिया की तीसरे नंबर की टीम नीदरलैंड को बढत दिलाई । तीन बार की विश्व कप विजेता नीदरलैंड के लिये जिप जांसेन ने चार मिनट बार पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल किया । तेउन बेंस ने 46वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके स्कोर 3 . 0 कर दिया । नीदरलैंड बेहतर गोल औसत के आधार पर पूल में शीर्ष पर है जबकि न्यूजीलैंड दूसरे स्थान पर है ।
अगले पूल मैच में सोमवार को नीदरलैंड का सामना न्यूजीलैंड से और मलेशिया का चिली से होगा । -
बेनोनी। सलामी बल्लेबाज श्वेता सेहरावत के नाबाद 92 रन और कप्तान शेफाली वर्मा के 16 गेंद में 45 रन की मदद से भारत ने अंडर 19 टी20 विश्व कप के पहले मैच में शनिवार को दक्षिण अफ्रीका को सात विकेट से हरा दिया । दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत के लिये 167 रन का लक्ष्य रखा । भारत के लिये शेफाली और सेहरावत ने सात ओवर में 77 रन की साझेदारी की ।
भारत के लिये 51 टी20 , दो टेस्ट और 21 वनडे खेल चुकी शेफाली शानदार फॉर्म में दिखी । उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों को मनचाहे शॉट खेले । अपनी पारी में उन्होंने नौ चौके और एक छक्का लगाया । वह आठवें ओवर में स्पिनर मियाने स्मिट की गेंद पर आउट हुई । वहीं सेहरावत ने 57 गेंद की अपनी पारी में 20 चौके लगाये । उन्होंने 21 गेंद बाकी रहते भारत को जीत तक पहुंचाया । शेफाली ने गेंदबाजी में भी कमाल करते हुए दो विकेट लिये ।
दक्षिण अफ्रीका के लिये सिमोन लौरेंस ने 44 गेंद में 61 और इलांड्री जांसे वान रेंसबर्ग ने 13 गेंद में 23 रन बनाये । बायें हाथ की स्पिनर सोनम यादव ने रेंसबर्ग को विकेट के पीछे रिचा घोष के हाथों लपकवाकर भारत को पहली सफलता दिलाई । इसके बाद शेफाली ने ओलुहले सियो को पवेलियन भेजा । लौरेंस के 17वें ओवर में रन आउट होने के बाद मेजबान टीम की रनगति पर अंकुश लग गया। टीम ने पांच विकेट पर 166 रन बनाये । -
फिरोजाबाद (उप्र). फिरोजाबाद शहर के उत्तर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह एक पेट्रोल पंप मालिक ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (नगर) सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना उत्तर क्षेत्र के गणेश नगर निवासी अविनाश दत्त बंसल (62) का आसफाबाद, थाना रसूलपुर क्षेत्र स्थित गुप्ता फिलिंग स्टेशन के नाम से पेट्रोल पंप है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार की सुबह बंसल ने अपने निवास पर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मिश्रा के मुताबिक परिजनों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उन्होंने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि परिजनों से बातचीत में पता चला कि बंसल काफी समय से बीमार चल रहे थे। -
राउरकेला . ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को भारतीय हॉकी टीम में राज्य के दो खिलाड़ियों के लिये 10 लाख रूपये के पुरस्कार की घोषणा की। आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गयी। यह पुरस्कार डिफेंडर और टीम के उप कप्तान अमित रोहिदास तथा नीलम संजीप सेस के लिये है। यह घोषणा हॉकी विश्व कप के शुरूआती मैच से पहले की गयी जिसमें भारतीय टीम स्पेन के खिलाफ यहां बिरसा मुंडा स्टेडियम में अपना अभियान शुरू करेगी। तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य रोहिदास 127 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। उनके नाम 18 अंतरराष्ट्रीय गोल भी हैं। नीलम संजीप जेस 30 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और उन्होंने पांच गोल दागे हैं। -
बेनोनी (दक्षिण अफ्रीका) .युवा महिला खिलाड़ियों को आखिरकार वैश्विक मंच पर चमकने का मौका मिलेगा जब शनिवार से शुरूआती अंडर-19 महिला विश्व कप में 16 टीमें एक दूसरे के आमने सामने होंगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 1988 के बाद से 14 पुरूष अंडर-19 विश्व कप आयोजित किये हैं लेकिन महिला क्रिकेटरों के लिये यह टूनामेंट पहली बार शनिवार से शुरू होगा। पिछले पांच वर्षों में महिला क्रिकेट ने काफी विकास किया है लेकिन खेल को और लोकप्रिय बनाने के लिये और अधिक प्रतिभाओं को खोजने की जरूरत है। बेनोनी और पोचेफस्ट्रूम में चार स्टेडियमों में कुल 41 मैच खेले जायेंगे। 16 टीमों के इस टूर्नामेंट को 2021 में शुरू किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे 2023 तक खिसकाना पड़ा। कुल 11 पूर्ण सदस्य देशों – आस्ट्रेलिया, बांगलादेश, इंग्लैंड, भारत, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे – की टीमों ने स्वत: टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई कर लिया। उनके अलावा आईसीसी के पांच क्षेत्रों – अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) , रवांडा, स्कॉटलैंड और इंडोनेशिया – की एक टीम इसमें हिस्सा लेगी। भारत को ग्रुप सी में मेजबान दक्षिण अफ्रीका, स्कॉटलैंड और यूएई के साथ रखा गया है। शेफाली वर्मा की अगुआई वाली टीम शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी। शेफाली के अलावा ऋचा घोष भारतीय टीम में एक और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है।
इन 16 टीमों की कप्तान जोहानिसबर्ग में नेल्सन मंडेला स्कॉवायर में ऐतिहासिक फोटो के लिये एकत्रित हुईं। भारत की भविष्य की स्टार खिलाड़ियों को महान क्रिकेटर मिताली राज से उनके विश्व कप के अपार अनुभव के बारे में जानने का मौका दिया गया। उन्हें मिताली से खेल के दौरान दबाव भरी परिस्थितियों से निपटने के अलावा हार से वापसी करने, कप्तानी की शैली और आगे बढ़ने के बारे में जानकारी मिली। मिताली से मिलने के बाद भारतीय कप्तान शेफाली ने कहा, ‘‘आप कुछ नये और ऐतिहासिक का हिस्सा बनने जा रहे हो, यह आप महसूस करोगे ही। आज की कप्तानों की फोटो निश्चित रूप से मेरे लिये बेहतरीन पलों में से एक थी। यहां माहौल महोत्सव की तरह था। हम शनिवार को अपने पहले मैच के लिये काफी रोमांचित हैं। '' भारत ने टूर्नामेंट की तैयारियों के लिये दक्षिण अफ्रीका से द्विपक्षीय श्रृंखला खेली। सीनियर सर्किट पर दबदबा रखने वाली आस्ट्रेलिया के जूनियर स्तर पर भी खिताब जीतने की उम्मीद होगी। -
दुबई. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय महिला अंडर-19 टीम शुरूआती आईसीसी अंडर-19 टी20 विश्व कप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों से एक हो सकती है। सीनियर खिलाड़ी शेफाली वर्मा और ऋचा घोष 15 सदस्यीय भारतीय महिला टीम का हिस्सा हैं जो शनिवार से दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो रही इस आईसीसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी। तेंदुलकर ने आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के लिये लिखे एक कॉलम में लिखा, ‘‘मैं कहूंगा कि भारत की महिला टीम में इस बार बेहतरीन टीम में से एक होने की काबिलियत है। '' उन्होंने कहा, ‘‘टीम में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में कुछ अनुभवी खिलाड़ियों और कुछ युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का अच्छा संतुलन है। '' टूर्नामेंट में 16 टीमें हिस्सा लेंगी जिसमें 41 मैच खेले जायेंगे। तेंदुलकर को लगता है कि आईसीसी के टूर्नामेंट का महिला क्रिकेट के परिदृश्य पर काफी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने लिखा, ‘‘अंडर-19 महिला टूर्नामेंट पहली बार हो रहा है जिससे काफी उम्मीदें हैं। मुझे लगता है कि यह परिदृश्य बदल सकता है क्योंकि एक वैश्विक मंच से युवा महिला क्रिकेटरों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा और उन्हें अनुभव हासिल होगा। '' तेंदुलकर ने लिखा, ‘‘महिला क्रिकेट ने हालांकि काफी प्रगति कर ली है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी विकास किया जाना बाकी है। इस समय दुनिया भर में और अधिक मजबूत जमीनीं प्रणाली की जरूरत है। हम जितना ‘बेस' बढ़ायेंगे, उतनी ही ज्यादा प्रतिभा खोज पायेंगे।
-
नयी दिल्ली। राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस महासंघ इस साल भारत और इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट श्रृंखला का आयोजन कर सकता है ताकि सदस्य देशों में इस खेल को बढावा मिल सके । विवेक कोहली की अध्यक्षता वाला सीटीटीएफ कोरोना महामारी और 2022 सत्र व्यस्त होने के कारण पिछले तीन साल में कोई टूर्नामेंट आयोजित नहीं कर सका । कोहली ने कहा कि सीटीटीएफ ने भारत और इंग्लैंड के महासंघों से द्विपक्षीय श्रृंखला के लिये बात की है ।
इस श्रृंखला के अलावा सीटीटीएफ राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप समेत चार टूर्नामेंटों का आयोजन करना चाहता है । कोहली ने कहा ,‘‘ हम टेबल टेनिस में टेस्ट श्रृंखला शुरू करना चाहते हैं जैसे क्रिकेट में होती है । हम इंग्लैंड टेबल टेनिस संघ से बात कर रहे हैं कि भारत में पांच स्थानों पर या इंग्लैंड में तीन स्थानों पर श्रृंखला खेली जा सके । इंग्लैंड में हमने मैनचेस्टर, बर्मिंघम और लंदन को चुना है ।''
उन्होंने कहा ,‘‘ भारत में कानपुर, कोलकाता और तीन अन्य शहरों पर बात हो रही है । हम इसी साल इसका आयोजन करना चाहते हैं । बाद में पाकिस्तान, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका जैसे दूसरे देशों को भी जोड़ा जायेगा ।'' -
भुवनेश्वर। जेरेमी हैवर्ड और टॉम क्रेग की हैट्रिक से दुनिया की नंबर एक टीम आस्ट्रेलिया ने एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप में पूल ए के मैच में शुक्रवार को फ्रांस को 8 . 0 से रौंदा । क्रेग ने आठवें, 31वें और 44वें मिनट में फील्ड गोल दागे जबकि हैवर्ड ने 12 मिनट के भीतर तीनों गोल 26वें, 28वें और 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किये ।
इससे पहले पूर्व ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को दुनिया की 14वें नंबर की टीम दक्षिण अफ्रीका ने काफी कड़ी चुनौती दी हालांकि अर्जेंटीना ने यह मैच 1 . 0 से जीता । पहले दो क्वार्टर में कोई गोल नहीं हो सका । रियो ओलंपिक 2016 की चैम्पियन अर्जेंटीना के लिये 42वें मिनट में केसला मेइको ने गोल दागा । पहले क्वार्टर में दक्षिण अफ्रीका ने लगातार हमले बोले लेकिन उसे सफलता नहीं मिल सकी ।
दूसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना ने मजबूती से वापसी करते हुए लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर बनाये लेकिन गोल नहीं हो सका । ब्रेक के बाद दक्षिण अफ्रीका को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला जो बेकार गया । अर्जेंटीना ने 42वें मिनट में जवाबी हमले पर मेइको के गोल के दम पर बढत बनाई । आखिरी क्वार्टर में दक्षिण अफ्रीका ने तेज हमले बोले लेकिन अर्जेंटीना का डिफेंस काफी मजबूत था ।
अब अर्जेंटीना का सामना 16 जनवरी को दुनिया की नंबर एक टीम आस्ट्रेलिया से होगा जबकि दक्षिण अफ्रीका की टक्कर फ्रांस से होगी । -
दुबई। श्रीलंका के पूर्व कप्तान दिनेश चांदीमल ने सूर्यकुमार यादव को भारतीय एकदिवसीय एकादश में जगह नहीं मिलने पर आश्चर्य जताते हुए शुक्रवार को कहा कि इस तरह का आक्रामक बल्लेबाज 30 से 50 रन की पारी से पूरे मैच का रूख मोड़ सकता है। श्रीलंका के लिए 157 एकदिवसीय में लगभग 5000 (4936) रन बनाने वाले चांदीमल ने कहा, ‘‘ यह दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट में कितनी प्रतिभा है। मुझे फिर भी लगता है कि सूर्यकुमार यादव एकदिवसीय टीम का हिस्सा हो सकते है।''
श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और निर्णायक टी20 अंतरराष्ट्रीय में सूर्यकुमार ने शतकीय पारी खेलकर टीम की जीत सुनिश्चित की। उनकी 51 गेंद में नाबाद 112 रन की पारी से भारत ने निर्णायक मुकाबले में श्रीलंका को 91 रन के बड़े अंतर से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला को 2-1 से जीता था। संयुक्त अरब अमीरात में खेले जा रहे इंटरनेशनल लीग टी20 (आईएलटी20) में डेजर्ट्स वाइपर्स टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे चांदीमल ने कहा , ‘‘ सूर्यकुमार यादव जैसा खिलाड़ी 30 से 50 रन की पारी से प्रतिद्वंद्वी टीम को परेशानी में डाल सकता है।
उनकी रन बनाने की गति से काफी फर्क पड़ता है इससे टीम के दूसरे खिलाड़ियों का काम आसान हो जाता है।'' टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला को गंवाने के बाद श्रीलंका की टीम तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 0-2 से पीछे है और इसका आखिरी मुकाबला 15 जनवरी को खेला जायेगा। चांदीमल ने उम्मीद जताई कि टीम सकारात्मक क्रिकेट खेलकर दौरे को अच्छे से खत्म करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के खिलाफ उसकी घरेलू सरजमीं पर खेलना आसान नहीं है। लेकिन मैं चाहूंगा कि हमारे खिलाड़ी सकारात्मक क्रिकेट खेले। सकारात्मक सोच के साथ बल्लेबाजी करें और सकारात्मक सोच के साथ गेंदबाजी करें। '' चांदीमल ने कहा कि आईएलटी20 की तरह के लीग से उन खिलाड़ियों को भी फायदा होगा जो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं। पिछले साल फरवरी में अपना पिछला टी20 अंतरराष्ट्रीय और नवंबर में एकदिवसीय खेलने वाले इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘ इस लीग में अच्छा प्रदर्शन कर खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में वापसी कर सकते है।
अपने कौशल को दुनिया को दिखाने का यह अच्छा मंच है।'' चांदीमल ने इस बात पर हैरानी जताई की उनकी राष्ट्रीय टीम के कप्तान दासुन शनाका के लिए इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में किसी फ्रेंचाइजी ने बोली नहीं लगायी। उन्होंने कहा, ‘‘इस मुझे हैरानी हुई। वह ऐसा खिलाड़ी है जो छोटे प्रारूप में कभी में मैच के रूख को बदल सकता है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में कोई टीम उसे अपने साथ जोडेगी।''
शनाका ने भारत के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला के शुरूआती एकदिवसीय में नाबाद 108 रन की पारी खेली। उन्होंने इससे पहले टी20 श्रृंखला में भी गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया था। दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने नाबाद 56 रन की पारी खेलने के बाद चार रन देकर दो विकेट झटके थे जिससे श्रीलंका ने 16 रन से मैच जीता था। -
कुआलालंपुर. भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी एच एस प्रणय ने गुरूवार को यहां इंडोनेशिया के चिको ओरा द्वि वार्डोयो को हराकर मलेशिया ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया । दुनिया के आठवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय ने एक घंटे चार मिनट तक चला मुकाबला 21 . 9, 15 . 21, 21 . 16 से जीता । अब उनका सामना मलेशिया के एनजी जी योंग या जापान के कोडाइ नाराओका से होगा ।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी ने भी पुरूष युगल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। दुनिया की पांचवीं नंबर की इस भारतीय जोड़ी ने इंडोनेशिया के मोहम्मद शोहिबुल फिकरी और बागस मौलाना को 49 मिनट में 21-19, 22-20 से पराजित किया। इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद को प्री क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया की गैब्रियला स्टोएवा और स्टेफनी स्टोएवा ने हरा दिया । दुनिया में 16वें नंबर की भारतीय जोड़ी को 14वीं रैंकिंग वाली स्टोएवा बहनों ने 21 . 13, 15 . 21, 21 . 17 से मात दी । प्रणय का चिको से यह दूसरा मुकाबला था जिससे वह सैयद मोदी इंटरनेशनल 2018 में हार चुके थे । प्रणय ने शानदार शुरूआत करके जल्दी ही 7 . 5 से बढत बना ली । ब्रेक के समय उनके पास 11 . 5 की बढत थी । पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में प्रणय पर प्रतिद्वंद्वी भारी पड़ा । चिको ने आक्रामक खेल दिखाते हुए प्रणय को गलतियां करने पर मजबूर किया और दूसरा गेम जीत लिया । निर्णायक गेम में प्रणय ने चिको को कोई मौका नहीं दियाा । अपने शानदार रिटर्न और क्रॉसकोर्ट स्मैश के दम पर उन्होंने 17 . 12 की बढत बना ली । बैकलाइन पर एक और शॉट से उन्हें छह मैच प्वाइंट मिले । चिको ने भी दो मैच प्वाइंट बचाये लेकिन अगला नेट में चला गया । वहीं रियो ओलंपिक 2016 और तोक्यो ओलंपिक 2020 खेल चुकी स्टोएवा बहनें त्रिसा और गायत्री पर शुरू ही से भारी पड़ी । उन्होंने जल्दी ही 6 . 0 की बढत बना ली हालांकि एक समय उनकी बढत 12 . 9 की ही रह गई थी लेकिन भारतीय जोड़ी लय कायम नहीं रख सकी । दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने वापसी की और इसे जीतकर मुकाबले को निर्णायक गेम तक खींचा । तीसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने 6 . 4 की बढत बना ली थी लेकिन बुल्गारिया की टीम ने वापसी करके स्कोर 14 . 14 कर लिया । इसके बाद से उन्होंने भारतीय जोड़ी को वापसी का मौका नहीं दिया । अब त्रिसा और गायत्री अगले सप्ताह इंडिया ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट में फ्रांस की मार्गोट लैम्बर्ट और अन्ने त्रान से खेलेंगी। -
नयी दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम को विश्व कप की प्रबल दावेदार बताते हुए पाकिस्तान के ओलंपिक और विश्व कप विजेता महान सेंटर फॉरवर्ड हसन सरदार ने कहा कि भारत को घरेलू मैदान पर खेलने का अतिरिक्त फायदा मिलेगा । विश्व कप 13 से 29 जनवरी तक भुवनेश्वर और राउरकेला में खेला जायेगा जिसमें भारत को ग्रुप डी में इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स के साथ रखा गया है । सरदार ने कहा ,‘‘ मैने तोक्यो ओलंपिक से पहले भी कहा था कि यह भारतीय टीम पदक जीत सकती है ।
उन्होंने कांस्य पदक जीता लेकिन शीर्ष चार टीमों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता ।'' मुंबई विश्व कप 1982 में 11 गोल करके पाकिस्तान की खिताबी जीत के सूत्रधार और ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट' रहे सरदार लॉस एंजिलिस ओलंपिक 1984 में भी पाकिस्तान को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नायकों में से थे । दिल्ली में 1982 एशियाई खेलों के फाइनल में भारत को हराने में उनकी हैट्रिक की अहम भूमिका थी ।
उन्होंने कहा ,‘‘ भारतीय टीम के पास फोकस है और घरेलू मैदान पर खेलने का उसे फायदा भी मिलेगा । मैने ओडिशा में हॉकी देखी है और वहां खेलने का अलग ही माहौल होता है । मैं ओडिशा के मुख्यमंत्री (नवीन पटनायक) को खास तौर पर बधाई देना चाहता हूं ।' उन्होंने कहा कि भारत के पास हरमनप्रीत सिंह के रूप में शानदार ड्रैग फ्लिकर है और फॉरवर्ड लाइन भी मजबूत है । उन्होंने कहा ,‘‘ हॉकी में सबसे अहम है गोल स्कोर करना । भारत का मजबूत पक्ष है उसका पेनल्टी कॉर्नर और फॉरवर्ड लाइन । भारतीय टीम में गोल करने की क्षमता है ।''
विश्व कप की सबसे कामयाब टीमों में से एक चार बार की चैम्पियन पाकिस्तान टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकी और यह उन्हें खलता है । पाकिस्तान के कोच और मुख्य चयनकर्ता रहे सरदार ने कहा ,‘‘ निश्चित तौर पर विश्व कप और ओलंपिक जीत चुके खिलाड़ियों को दुख तो होगा ही । टीम भले ही जीतती नहीं लेकिन विश्व कप में भागीदारी तो होनी चाहिये थी ।' उन्होंने कहा ,‘‘ एक समय में भारतीय हॉकी काफी पीछे चली गई थी लेकिन भारत ने जिस तरीके से हॉकी को पुनर्जीवित किया , वह काबिले तारीफ है । पाकिस्तान को भी ऐसा ही कुछ करना होगा । ''
समीउल्लाह खान, कलीमुल्लाह, सोहेल अब्बास, शकील अब्बासी जैसे अजीमोशान खिलाड़ी देने वाले पाकिस्तान में हॉकी के पतन पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन उनके लिये प्लेटफॉर्म नहीं है । उन्होंने कहा ,‘‘ पाकिस्तान में स्कूल और कॉलेजों में अब हॉकी खेली नहीं जा रही । लोगों ने हॉकी देखना बंद कर दिया है क्योंकि वे टीम को हारते हुए नहीं देखना चाहते । उनके सामने हॉकी के नये हीरो भी नहीं है क्योंकि जीतने पर ही हीरो बनते हैं ।सुविधाओं का भी अभाव है और प्रतिभाओं के लिये प्लेटफॉर्म नहीं है ।'' -
राउरकेला। अपने चौथे और घरेलू सरजमीं पर तीसरे एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में खेलने की तैयारी कर रहे भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को लगता है कि उनकी टीम पिछले टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है और यहां तक कि इस बार पोडियम के शीर्ष पर जगह बना सकती है। प्रतिष्ठित हॉकी विश्व कप शुक्रवार से यहां शुरू होगा।
भारत 2018 के टूर्नामेंट में दो मैच जीतकर और एक ड्रॉ करने के बाद अपने पूल में शीर्ष पर था लेकिन क्वार्टर फाइनल में तब उप विजेता रहे नीदरलैंड से 2-1 से हार गया था। तब टूर्नामेंट भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेला गया था जो इस बार भी दो आयोजन स्थलों में से एक है। स्पेन के खिलाफ शुक्रवार को ग्रुप डी के भारत के पहले मैच से पूर्व श्रीजेश ने कहा, ‘‘अपने देश के लिए चौथा विश्व कप खेलना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है और खास बात यह है कि घरेलू सरजमीं पर यह मेरा तीसरा विश्व कप है।
मुझे नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी को घरेलू मैदान पर तीन विश्व कप खेलने का सौभाग्य मिला है।'' उन्होंने कहा, ‘‘2018 में हम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सके थे। अब हमारे पास इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अपनी किस्मत बदलने का एक और मौका है। उम्मीद है कि हम अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार कर पाएंगे और शीर्ष पर जगह बना पाएंगे।'' अजीत पाल सिंह की कप्तानी में कुआलालंपुर में 1975 के टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने के बाद से भारत 48 वर्षों में पोडियम पर जगह नहीं बना पाया है।
मनप्रीत सिंह के बाद टीम में शामिल सबसे अनुभवी खिलाड़ी 34 वर्षीय श्रीजेश ने कहा कि आप कितनी बार विश्व कप में खेले इससे अधिक नतीजा मायने रखता है। तोक्यो ओलंपिक में भारत के कांस्य पदक जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीजेश ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा महसूस किया है कि यह मायने नहीं रखता है कि आपने कितनी बार एक टूर्नामेंट खेला है बल्कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपने इसे जीता है या नहीं।
इस बार भी मेरे लिए महत्वूपर्ण है कि मैं अपना शत प्रतिशत दूं और टूर्नामेंट से वांछित परिणाम हासिल करूं।'' एफआईएच के साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुने गए श्रीजेश ने याद किया जब पहली बार विश्व कप में खेलते हुए उन्हें 2010 में नयी दिल्ली में मुख्य कोच ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ गोलकीपर की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा, ‘‘विश्व कप में मेरा पहला मैच पाकिस्तान के खिलाफ था।
मुझे अभी भी याद है। टीम मीटिंग के दौरान हमारे कोच ने कहा था कि पाकिस्तान गोलकीपर एड्रियन (डिसूजा) के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आएगा, इसलिए उन्होंने मुझे उनके खिलाफ मैच में खिलाने का फैसला किया।'' श्रीजेश ने कहा, ‘‘जब उन्होंने मुझे खेलने के लिए कहा तो एक मौका मिलने की भावना अविश्वसनीय थी। पाकिस्तान के खिलाफ खचाखच भरे घरेलू मैदान में अपना पहला विश्व कप मैच खेलना एक सपने जैसा था। मैं अभी भी उस माहौल को महसूस कर सकता हूं, स्टेडियम कैसा था, लोगों ने कैसी प्रतिक्रिया दी और हमने उस मैच को कैसे जीता। यह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था।'' -
नई दिल्ली। पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे के लिये अंतिम एकादश से ईशान किशन को बाहर रखने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि दोहरा शतक जड़ने वाले खिलाड़ी को बाहर नहीं किया जाता । श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे से पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि वह शुभमन गिल के साथ पारी की शुरूआत करेंगे जबकि ईशान ने पिछली वनडे पारी में दोहरा शतक जड़ा था ।
प्रसाद ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ,‘‘ भारत के पिछले वनडे मैच में जिसने दोहरा शतक बनाया था , उसे मौका देना बनता था । गिल के लिये काफी समय है लेकिन दोहरा शतक जमाने वाले को कैसे बाहर कर सकते हैं ।' ईशान ने पिछले महीने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में दोहरा शतक बनाया था ।
भारत के लिये 33 टेस्ट और 161 वनडे खेल चुके प्रसाद ने कहा कि मौजूदा भारतीय ढांचे में एक्स फैक्टर पर औसत प्रदर्शन को तरजीह दी गई है । उन्होंने कहा ,‘‘ यही कारण है कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे । बार बार बदलाव और शानदार प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बाहर । एक्स फैक्टर पर औसत प्रदर्शन को तरजीह ।''
प्रसाद ने कहा ,‘‘ इंग्लैंड में ऋषभ पंत ने आखिरी वनडे में शतक लगाया और भारत श्रृंखला जीता । लेकिन टी20 फॉर्म के आधार पर वह वनडे टीम से बाहर हो गया । दूसरी ओर एक दो पारियों को छोड़कर केएल राहुल लगातार नाकाम रहे लेकिन टीम में जगह बरकरार रखी । प्रदर्शन की मानदंड नहीं रह गया है जो दुखद है ।'' भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने कहा ,‘‘ आज भारतीय टीम को देखकर सहज नहीं हूं ।
पिछली वनडे पारी में दोहरा शतक लगाने वाला ईशान किशन और पिछली टी20 पारी में शतक जड़ने वाला सूर्यकुमार यादव बाहर है ।उम्मीद है कि उनका मनोबल बना रहेगा ।'' राहुल टीम के विकेटकीपर होंगे । पहले वनडे में दुनिया के नंबर एक टी20 बल्लेबाज सूर्यकुमार पर श्रेयस अय्यर का तरजीह दी गई है । भारत ने आखिरी बार कोई बड़ा टूर्नामेंट 2013 में जीता था । -
दुबई। इंग्लैंड को पाकिस्तान में टेस्ट श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले हैरी ब्रुक मंगलवार को पहली बार आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के महीने के सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी चुने गये। महिलाओं में यह खिताब ऑस्ट्रेलिया की एशलेग गार्डनर ने जीता।
उन्होंने भारत के खिलाफ पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में गेंद और बल्ले से कमाल का प्रदर्शन किया था। वह इस दमदार प्रदर्शन के बूते हरफनमौला खिलाड़ियों की रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंची। ऑस्ट्रेलिया ने इस श्रृंखला को 4-1 से जीता था। दोनों खिलाड़ियों को मीडिया प्रतिनिधियों, आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल खिलाड़ियों, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और आईसीसी की वेबसाइट पर पंजीकृत प्रशंसकों के द्वारा किये गये वैश्विक मतदान के आधार पर चुना गया।
पाकिस्तान में इंग्लैंड ने तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 3-0 की शानदार जीत दर्ज की और ब्रुक ने हर मैच में शतकीय पारी खेली। रावलपिंडी में उन्होंने 153 और 87 रन बनाने के बाद मुल्तान में 108 और कराची में 111 रन की यादगार पारी खेली। ब्रुक की तरह गार्डनर ने भी पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया है। उन्होंने भारत के खिलाफ 166.66 की स्ट्राइक रेट से 115 रन बनाये और 18.28 की औसत से सात विकेट चटकाये। -
गुवाहाटी. जसप्रीत बुमराह की भारतीय टीम में वापसी फिर टल गई है क्योंकि यह तेज गेंदबाज कमर के ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर' से पूरी तरह से उबरने में नाकाम रहा है और श्रीलंका के खिलाफ आगामी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से सोमवार को बाहर हो गया। बुमराह को मंगलवार से श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैच की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सहयोगी स्टाफ और मेडिकल टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महत्वपूर्ण बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को देखते हुए सामूहिक रूप से फैसला किया कि इस तेज गेंदबाज की वापसी को टाला जाए। बीसीसीआई ने बयान में कहा, ‘‘टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह श्रीलंका के खिलाफ तीन मैच की आगामी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से बाहर हो गए हैं। एकदिवसीय श्रृंखला से पहले गुवाहाटी में टीम से जुड़ने की तैयारी कर रहे बुमराह को शीर्ष स्थिति में होने के लिए कुछ और समय चाहिए। यह फैसला एहतियाती कदम के तौर पर किया गया है।'' बोर्ड ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति ने जसप्रीत बुमराह के विकल्प के रूप में किसी खिलाड़ी के नाम की घोषणा नहीं की है।'' बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक न्यूज़ एजेंसी को बताया, ‘‘बुमराह टीम के साथ गुवाहाटी नहीं गए हैं। पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए उसे अब भी कुछ समय चाहिए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान उसकी जरूरत पड़ेगी।'' अब यह देखना होगा कि बुमराह न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 जनवरी से शुरू हो रही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिए उबर पाते हैं या नहीं और क्या उन्हें एक भी घरेलू मैच खेले बिना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा। एक पूर्व पदाधिकारी ने कहा, ‘‘एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति और पूर्व टीम प्रबंधन ने नियम बनाया था कि चोट के बाद वापसी करने के लिए खिलाड़ी को कम से कम एक या अगर संभव हो तो दो घरेलू मैच खेलने होंगे जिसके बाद ही उसे अंतरराष्ट्रीय वापसी के लिए तैयार माना जाएगा।'' बुमराह को इंग्लैंड दौरे के बाद कमर के ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर' का सामना करना पड़ा था और वह पिछले साल एशिया कप में भी नहीं खेले थे। टी20 विश्व कप को देखते हुए भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने के लिए बुमराह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टी20 श्रृंखला के लिए टीम में वापसी कराई गई थी जहां एक बार फिर वह चोटिल हो गए और अनिश्चितकाल के लिए टीम से बाहर हो गए। बुमराह अगर नौ फरवरी से शुरू हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सभी चार मैच खेलते हैं तो यह हैरानी भरा नहीं होगा। इस साल स्वदेश में होने वाले प्रतिष्ठित एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप को देखते हुए बुमराह को समय-समय पर ब्रेक दिए जाने की संभावना है।
-
नयी दिल्ली। खाली पड़ी कुर्सियां, चारों तरफ पसरा सन्नाटा और बरसों से चला आ रहा इंतजार । दुनिया की शीर्ष हॉकी टीमों के हुनर से जहां अगले कुछ दिन में ओडिशा गुलजार होगा, वहीं भारत ही नहीं, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर बना नेशनल स्टेडियम यूं ही बेनूर पड़ा अंतरराष्ट्रीय हॉकी के लिये इंतजार करता रहेगा। दिल्ली के दिल में बने इस ऐतिहासिक स्टेडियम को कभी ‘भारतीय हॉकी का मंदिर' कहा जाता था लेकिन पिछले करीब एक दशक से यहां अंतरराष्ट्रीय हॉकी नहीं हुई है।
यह यकीन करना मुश्किल है कि कभी करीब 20000 दर्शकों के शोर से इसका जर्रा जर्रा गूंजता था । जब भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को विश्व कप 2010 और उसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में हराया था तो खचाखच भरे स्टेडियम में जज्बात का सैलाब उमड़ पड़ा था। भावनगर के महाराजा की ओर से दिल्ली को तोहफे में मिले नेशनल स्टेडियम (पूर्व नाम इरविन एम्पीथिएटर) ने 1951 में पहले एशियाई खेल देखे और 1982 एशियाई खेलों के हॉकी फाइनल में पाकिस्तान से मिली हार के बाद खिलाड़ियों के आंसू भी ।
इसी मैदान पर आस्ट्रेलिया ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में भारतीय हॉकी के सीने पर आठ गोल दागे थे । यहां आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2014 हीरो विश्व लीग फाइनल हुआ था। संस्थानों की अंतर विभागीय हॉकी यदा कदा यहां होती है । तत्कालीन भारतीय हॉकी प्रशासन के दिल्ली को लेकर उदासीन रवैये और उस समय भारतीय हॉकी की संकटमोचक बनकर उभरी ओडिशा सरकार के खेलप्रेम के चलते अंतरराष्ट्रीय हॉकी का केंद्र भुवनेश्वर बन गया ।
विश्व कप हो या प्रो लीग या चैम्पियंस ट्रॉफी सभी की मेजबानी ओडिशा ने की जिससे दिल्ली के दरवाजे बंद होते चले गए । भारतीय जूनियर और महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच और नेशनल स्टेडियम के पूर्व प्रशासक रहे अजय कुमार बंसल का मानना है कि हॉकी के लिये ओडिशा का योगदान सराहनीय है लेकिन दूसरे केंद्रों पर भी अंतरराष्ट्रीय मैच होने चाहिये । उन्होंने ‘कहा ,‘‘ नेशनल स्टेडियम का आकर्षण अलग ही है ।
मुझे याद है कि 1982 एशियाड फाइनल देखने हम पटियाला से यहां आये थे जहां उस समय कोचिंग डिप्लोमा कोर्स कर रहे थे । वह माहौल आज भी याद है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ उसके बाद 2010 विश्व कप के दौरान मैं यहां अधिकारी था और देश भर से लोग यहां मैच देखने आये थे । लेकिन पिछले दस साल में तो पूरी तरह से इसकी उपेक्षा हुई है जिसका खिलाड़ियों और कोचों को भी दुख होता है ।'' बंसल ने कहा ,‘‘ ओडिशा ने भारतीय हॉकी के लिये जो कुछ किया है, वह सराहनीय है और विश्व कप जैसे आयोजन वहां कराने में कोई हर्ज नहीं ।लेकिन इस स्टेडियम में हॉकी को जिंदा रखने के लिये यहां टेस्ट मैच, द्विपक्षीय श्रृंखलायें या एशिया स्तर के टूर्नामेंट कराये जा सकते हैं ।''
यहां भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की हॉकी अकादमी स्थित है जिसमें नियमित अभ्यास होता है । इसके अलावा साइ की ‘कम एंड प्ले' योजना के तहत कुछ बच्चे आकर हॉकी खेलते हैं हालांकि अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं देख पाने की कमी उन्हें खलती है । पिछले आठ साल से यहां अभ्यास कर रहे रितेश ने कहा ,‘ मैं आठ साल से यहां खेल रहा हूं और मैंने सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय मैच देखा है ।
अगर यहां मैच होते रहेंगे तो और भी बच्चे हॉकी खेलने के लिये प्रेरित होंगे ।'' तमाम सुविधायें, एक मुख्य पिच और दो अभ्यास पिच, नीली एस्ट्रो टर्फ , 16200 दर्शक क्षमता और लुटियंस दिल्ली इलाका । इसके बावजूद दिल्ली के हॉकीप्रेमियों के साथ स्टेडियम के मुख्य द्वार पर हाथ में स्टिक लेकर खड़े मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा को भी यहां अंतरराष्ट्रीय हॉकी होने का इंतजार है। -
कोलकाता. मां बनने के बीस दिन बाद ही भारत की मशहूर तीरंदाज दीपिका कुमारी अपनी नवजात बेटी को सास ससुर के पास छोड़कर 44 पाउंड का धनुष और तीर लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण के अभ्यास केंद्र पर लौट आई है । दीपिका की नजरें यहां दस से 17 जनवरी तक होने वाले ओपन सीनियर राष्ट्रीय ट्रायल के जरिये भारतीय टीम में वापसी पर टिकी हैं । एक दशक से अधिक के कैरियर में दो बार दुनिया की नंबर एक तीरंदाज रह चुकी दीपिका ओलंपिक पदक को छोड़कर सब कुछ जीत चुकी हैं । अगले साल पेरिस में ओलंपिक होने हैं और दीपिका को पता है कि यह उसके लिये आखिरी मौका है । तीन बार की ओलंपियन ने कहा ,‘‘ क्या करें कोई और विकल्प भी नहीं है । अगर मैं ट्रायल में नहीं आई तो पूरे साल टीम से बाहर रहूंगी ।'' वह अपने पति और भारत के नंबर एक तीरंदाज अतनु दास के साथ अभ्यास के लिये आती हैं । अतनु को भी तोक्यो ओलंपिक 2021 के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था । दोनों विश्व कप और एशियाई खेलों के लिये हुए ट्रायल में भी कट में जगह नहीं बना सके थे । हांगझोउ एशियाई खेल 2023 तक स्थगित होने के बाद दीपिका ने पिछले साल जून में पेरिस में विश्व कप के तीसरे चरण में टीम वर्ग में रजत पदक जीतकर वापसी की । उसके बाद वह मातृत्व अवकाश पर चली गई । उसने कहा ,‘‘ गर्भावस्था के सातवें महीने तक मैने अभ्यास किया । उसके बाद कुछ समस्या आ गई तो मुझे अभ्यास बंद करना पड़ा । शुक्र है कि नॉर्मल डिलिवरी हुई जिससे मैं 20 दिन में वापसी कर सकी ।'' यह उतना आसान नहीं था और पहली बार बच्ची को छोड़कर आने पर वह घंटो रोती रही ।
उसने कहा , वह मेरा ही दूध पीती थी और नहीं मिलने पर रोने लगती । हम सुबह साढे सात बजे घर से निकलते और शाम को ही पहुंचते हैं । अब धीरे धीरे उसे आदत पड़ रही है । मुझे टूर्नामेंट खेलने के लिये उसे अकेले छोड़ना ही होगा ।'' उसने कहा , शुक्र है कि अतनु के घर के लोग काफी सहयोग करते हैं ।