- Home
- बिजनेस
- नयी दिल्ली। दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प अपने गठजोड़ मंच ‘हीरो कोलैब्स' पर कारोबारी परिचालन के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए साल भर कई मुहिम चलाने वाली है। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी। कंपनी ने इस साल अप्रैल में ‘हीरो कोलैब्स- दी डिजायन चैलेंज' मुहिम की शुरुआत की थी। इसके तहत कंपनी को 10 हजार से अधिक पंजीयन प्राप्त हुए थे। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में बताया, अब इस मंच पर साल भर पहलों की पेशकश की जायेगी। ये पहलें कारोबारी परिचालन की विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होंगी। इनमें भारत के अलावा हीरो मोटोकॉर्प के वैश्विक बाजारों के लोग भी भागीदारी कर सकेंगे।'' कपंनी ने कहा कि उसने अब इस मंच को क्राउड सोर्सिंग मंच में तब्दील कर दिया है। हीरो मोटोकॉर्प के रणनीति प्रमुख मालो ली मसॉन ने इस बारे में कहा, ‘‘हीरो कोलैब्स एक आकर्षक क्राउड सोर्सिंग मंच है। यह हर किसी को अपना कौशल दिखाने का अवसर देता है। यह हमारे मिशन के एक महत्वपूर्ण स्तंभ ‘सहयोग' पर आधारित है।
- मुंबई। देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता दीर्घकालीन सहयोग व्यवस्था स्थापित करने और पर्यावरण संबंधी, सामाजिक और कंपनी संचालन (ईएसजी) तथा हरित वित्त को बढ़ावा देने के लिये है। इस एमओयू के जरिये लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज ईएसजी केंद्रित कोष और बांड के संदर्भ में निर्गमकर्ता, संपत्ति प्रबंधकों और निवेशकों के लिये एक सतत परिवेश सृजित करेगा। इस बारे में एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक ने अपने कामकाज के केंद्र में सतत विकास को रखा है। उन्होंने कहा कि बैंक के लिये सतत और व्यापार जवाबदेही नीति लायी गयी है और ग्रीन बांड बाजार से अबतक 80 करोड़ डॉलर जुटाया गया है। ग्रीन बांड से आशय जुटायी गयी राशि का उपयोग पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं में करने से है।
- कोलकाता। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि वह जल्दी ही पश्चिम बंगाल के अशोकनगर में खोजे गये तेल एवं गैस क्षेत्र को देखने जाएंगे और परियोजना की समीक्षा करेंगे। राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर में दो साल पहले तेल एवं गैस की खोज की गयी थी। प्रधान ने कहा कि ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लि.) ने उन्हें बताया है कि परियोजना स्थल पर वाणिज्यिक उत्खनन की संभावना है। सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने अशोकनगर में खोज के दौरान इस भंडार का पता लगाया। मंत्री के अनुसार कंपनी ने उन्हें बताया कि इस फील्ड में तेल का अच्छा भंडार अनुमानित है और उसमें कुछ गैस भी हो सकती है। उद्योग मंडल मर्चेन्ट्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) की सालानाआम बैठक में प्रधान ने कहा, पायलट आधार पर हमने हल्दिया रिफाइनरी में तेल को भेजा और उसकी समीक्षा की गयी। मैं उसे देखने जल्दी ही वहां जाऊंगा। एक सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि ओएनजीसी ने दो दशकों की विलफता के बाद अंतत: गंगा के क्षेत्र में अशोकनगर में तेल एवं गैस का पता लगाया। उसे उम्ममीद है कि वह पश्चिम बंगाल में अपनी तरह का पहला भंडार है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार ब्लॉक से वाणिज्यिक उत्पादन चालू वित्त वर्ष के अंत तक शुरू हो सकता है। ओएनजीसी ने 2018 में कहा था कि उसने अशोकनगर में एक कुएं में लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस प्रवाह पाया है। पूर्व में पश्चिम बंगाल के अपतटीय क्षेत्र में गैस पाये गये थे, लेकिन बाद में वे उत्खनन के लिहाज अव्यवहारिक साबित हुए।
- नयी दिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 248 रुपये और चांदी में 853 रुपये की गिरावट रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक निवेशकों के कोविड-19 के नए टीके के विकास जैसे जोखिम वाले नए क्षेत्र की ओर रुख करने का असर बाजार पर पड़ रहा है। सोना भाव 248 रुपये टूटकर 49,714 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा, जबकि चांदी 853 रुपये गिरकर 61,184 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। पिछले सत्र के कारोबार में इनके भाव क्रमश: 49,962 रुपये प्रति 10 ग्राम और 62,037 रुपये प्रति किलोग्राम रहे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ जिंस विश्लेषक तपन पटेल ने कहा, दिल्ली सर्राफा हाजिर बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव 248 रुपये टूटकर 50,000 रुपये से नीचे रहा। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में रातोंरात होने वाली सोने की बिकवाली के असर को दिखाते हैं।'' मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा कि कोविड19 की वैक्सीन के विकास में प्रगति के समाचारों से सोने के प्रति आकर्षण कुछ कम हुआ है। कोविड-19 काल में तेल की कीमतों के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आने के बाद निवेशकों के बीच सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा गया। बीते महीनों के दौरान घरेलू बाजार में इसके भाव 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर चले गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरकर 1,861 डॉलर और चांदी 24,02 डॉलर प्रति औंस रही।
- मुंबई। कई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ने से बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों का रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला थम गया और सेंसेक्स तथा निफ्टी दोनों उच्चस्तर से फिसल गए। इसके अलावा वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख के बीच वित्तीय कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली का सिलसिला चलने से बाजार नीचे आ गए। कारोबारियों ने कहा कि रुपये में गिरावट से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में कुछ समय के लिए 44,230 अंक के उच्चस्तर पर जाने के बाद नीचे आया।अंत में सेंसेक्स 580.09 अंक या 1.31 प्रतिशत के नुकसान से 43,599.96 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 166.55 अंक या 1.29 प्रतिशत के नुकसान से 12,771.70 अंक पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान निफ्टी 12,963 अंक के उच्चस्तर तक गया। इससे पिछले लगातार तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स और निफ्टी ने नया रिकॉर्ड बनाया था। सेंसेक्स की कंपनियों में एसबीआई का शेयर सबसे अधिक 4.88 प्रतिशत नीचे आया। एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और भारती एयरटेल के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर पावरग्रिड, आईटीसी, एनटीपीसी, टाटा स्टील और टाइटन के शेयर 2.43 प्रतिशत तक लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने से कुछ अतिरिक्त अंकुशों की आशंका पैदा हुई है। इससे वैश्विक आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। इससे बाजार धारणा नकारात्मक हो गई। हालांकि, वैक्सीन को लेकर कुछ सकारात्मक खबरें भी आ रही हैं। जहां तक भारतीय बाजारों का सवाल है, यहां हालिया तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफा काटा।'' नायर ने कहा, ‘‘वाहन बिक्री के आंकड़े अच्छे हैं, जो अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देते हैं। लेकिन इसके साथ ही देश के कुछ हिस्सों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जो इस सुधार को झटका दे सकते हैं।बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 0.65 प्रतिशत तक की गिरावट आई। अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग के हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में नुकसान रहा। चीन का शंघाई कम्पोजिट तथा जापान का निक्की लाभ में रहे। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में भारी गिरावट दर्ज हुई। इस बीच, वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.65 प्रतिशत के नुकसान से 44.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया आठ पैसे टूटकर 74.27 प्रति डॉलर पर आ गया।
- नई दिल्ली। भारत में जल्द ही 3 कारें लॉन्च होने वाली हंै और उनकी कीमत 4 लाख से 6 लाख रुपये के बीच है। टाटा, ह्यूंदै और मारुति कंपनी की ये कारें एसयूवी सेगमेंट की हैं। आइये जानें इनकी खासियत....टाटा एचबीएक्सटाटा मोटर्स जल्द ही एचबीएक्स कॉन्सेप्ट पर आधारित कार लॉन्च करेगी। यह कार अगले साल यानी 2021 की पहली छमाही में लॉन्च की जा सकती है। टाटा अल्ट्रॉज भी इसी प्लेटफॉर्म पर आधारित कार है।ह्यूंदै एएक्स माइक्रोह्यूंदै की यह कार 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में लॉन्च की जा सकती है। कार की अनुमानित कीमत 4.5 लाख रुपये से 6.5 लाख रुपये है। यह कार टाटा एचबीएक्स, मारुति इग्निस और एस-प्रेसो को टक्कर देने की तैयारी में है।न्यू जेनेरेशन मारुति सिलैरियोइस कार को कंपनी 2021 के अंत में लॉन्च करेगी। इस कार की कीमत भी 4.5 लाख रुपये से 6.5 लाख रुपये के बीच हो सकती है।गौरतलब है कि पिछले एक दशक में भारत में एसयूवी सेगमेंट भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में काफी बदलाव देखने को मिला है। यह सेगमेंट अब पहले की तुलना में कहीं ज्यादा लोकप्रिय है। भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में इस सेगमेंट को काफी पसंद किया जा रहा है।---
- नयी दिल्ली। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उपक्रम योजना औपचारिकरण (पीएम-एफएमई योजना) योजना के क्षमता निर्माण घटक का उद्घाटन किया। इसका उद्येश्य असंगठित क्षेत्र के उद्यमियों को पंजीकरण कारा कर नियम कायदे से संगठित कारोबार करने को प्रेरित करना है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने ‘जीआईएस एक जिला, एक उत्पाद' (ओडीओपी) को भारत के डिजिटल मानचित्र पर पेश किया। बैठक में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रामेश्वर तेली भी उपस्थित थे। तोमर ने कहा, पीएम-एफएमई योजना के तहत, क्षमता निर्माण एक महत्वपूर्ण घटक है। योजना में शामिल होने खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, विभिन्न समूहों और अन्य हितधारकों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने का भी प्रावधान है।'' तेली ने कहा कि मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण का उद्देश्य सूक्ष्म उपक्रमों के लगभग 8 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करना है जिसमें किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), सहकारी समितियों और आदिवासी समुदायों के सदस्य शामिल हैं। उन्होंने कहा, "डिजिटल ओडीओपी मानचित्र सभी हितधारकों को ओडीओपी उत्पाद के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
-
नयी दिल्ली। दो पहिया वाहन बनाने वाली हीरो मोटो कार्प ने बुधवार को कहा कि उसने त्योहारों के दौरान 14 लाख से अधिक मोटरसाइकिल और स्कूटर की खुदरा बिक्री की है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस साल कोविड-19 संकट के बावजूद त्योहारों में 32 दिन के दौरान (नवरात्र से लेकर भैया दूज तक) 2019 की इसी अवधि के मुकाबले 98 प्रतिशत और 2018 की इसी अवधि के मुकाबले 103 प्रतिशत बिक्री हुई। हीरो मोटो कार्प ने कहा कि उसने त्योहारों के दौरान खुदरा बिक्री के तहत मोटरसाइकिल और स्कूटर की 14 लाख से अधिक इकइयां बेची। कंपनी के अनुसार त्योहारों के दौरान अच्छी बिक्री से उसे अपने डीलरों के पास वाहनों के भंडार कम करने में मदद मिली और अब घटकर चार सप्ताह से भी कम समय का रह गया है। त्योहारों के बाद का यह सबसे कम भंडार है। आगे के परिदृश्य के बारे में कंपनी ने कहा कि कोविड-19 टीके के तेजी से विकास की खबरों से आने वाले महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ठेले, खोमचे वालों के लिये 10,000 रुपये तक के कर्ज वाली विशेष लघु ऋण योजना के तहत 27.33 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार ठेले, खोमचे वालों के लिये शुरू की गयी गयी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि) के अंतर्गत कुल 27,33,497 आवेदनों में से 14.34 लाख आवेदनों को अबतक मंजूरी दी गयी है। इसमें से 7.88 लाख कर्ज अबतक वितरित किये गये हैं। जो ठेले, खोमचे वाले, पटरी पर दुकान लगाने वाले (वेंडर) कोरोनावायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन' के कारण अपना कामकाज छोड़कर घरों को लौट गये थे, वे लौटने पर इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिये पात्र हैं। इस योजना के तहत ऋण लेने को सुगम बनाया गया है। किसी भी सामान्य सेवा केन्द्र या नगर पालिका कार्यालय से आवेदन पत्र ऑनलाइन अपलोड किये जा सकते हैं। या फिर बैंक से यह फार्म लिया जा सकता है। आवास एवं शहरी कार्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘पीएम स्व निधि योजना आगे बढ़ रही है। इसके तहत 27 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त किये गये...14 लाख से अधिक आवेदनों को अबतक मंजूरी दी गयी है। इसमें से करीब 8 लाख कर्ज अबतक वितरित किये गये हैं।
- नयी दिल्ली। ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस एन राजेश्वरी को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) का पूर्णकालिक सदस्य (वितरण) नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि राजेश्वरी नियुक्ति तीन साल या उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल तक के लिए की गई।
- मुंबई । वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख तथा विदेशी कोषों के सतत प्रवाह से शेयर बाजार बुधवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में नए रिकॉर्ड के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 227 अंक और चढ़कर पहली बार 44,000 अंक के पार निकल गया। बैंकिंग, वाहन और इंजीनियरिंग शेयरों में लिवाली से भी बाजार धारणा मजबूत हुई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 44,215.49 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया। अंत में सेंसेक्स 227.34 अंक या 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 44,180.05 अंक के नए उच्चस्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स पहली बार 44,000 के पार बंद हुआ है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 64.05 अंक या 0.50 प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,938.25 अंक पर बंद हुआ। यह इसका नया रिकॉर्ड है। दिन में कारोबार के दौरान निफ्टी 12,948.85 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया। सेंसेक्स की कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयर सबसे अधिक 10.76 प्रतिशत चढ़ गया। एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक बैंक और एक्सिस बैंक के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, टाइटन, टीसीएस और भारती एयरटेल के शेयर 2.07 प्रतिशत तक टूट गए। कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख तथा विदेशी कोषों के सतत प्रवाह से बाजार धारणा मजबूत हुई। शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 4,905.35 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के उत्साहवर्धक नतीजों से वैश्विक बाजारों में भी मजबूती का रुख था। हालांकि, कोरोना वायरस के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। रिलायंस सिक्योरिटीज के संस्थागत कारोबार प्रमुख अर्जुन यश महाजन ने कहा कि मुख्य रूप से वित्तीय और वाहन कंपनियों के शेयरों में तेजी से घरेलू बाजार लाभ दर्ज कर रहा है। इसके अलावा मिडकैप और स्मॉलकैप में भी अच्छी लिवाली देखने को मिल रही है। रिजर्व बैंक द्वारा लक्ष्मी विलास बैंक से निकासी की सीमा लगाए जाने के बाद आज बैंक का शेयर 20 प्रतिशत टूटकर निचले सर्किट को छू गया। लक्ष्मी विलास बैंक के रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक टी एन मनोहरन ने बुधवार कहा कि जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया में विलय नियामक द्वारा तय समयसीमा में हो जाएगा। इस बीच, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 1.22 प्रतिशत तक का लाभ रहा। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे। जापान के निक्की में गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में थे। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.85 प्रतिशत के लाभ से 44.12 डॉलर प्रति बैरल पर था। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 27 पैसे की बढ़त के साथ 74.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
- मुंबई। सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिये पाबंदियां लगा दी है। इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25 हजार रुपये तक की निकासी कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की।बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है। साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगायी है। बयान में कहा गया है, रिजर्व बैंक के परामर्श पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार से बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदियां लगायी हैं।'' आदेश के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना बचत, चालू या किसी तरह के जमा खाते से किसी जमाकर्ता को कुल मिलाकर 25 हजार रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेगा। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है। आरबीआई ने कहा, विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा। इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा।''यस बैंक के बाद इस साल मुश्किलों में फंसने वाला लक्ष्मी विलास बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है। यस बैंक के ऊपर मार्च में पाबंदियां लगायी गयी थीं। सरकार ने तब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मदद से यस बैंक को उबारा था। एसबीआई ने यस बैंक की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 7,250 करोड़ रुपये लगाया था।
- नयी दिल्ली । टाटा स्टील का शेयर मंगलवार को छह प्रतिशत से अधिक चढ़ गया। कंपनी के भारतीय परिचालन के तिमाही नतीजे काफी अच्छे रहे हैं, जिससे उसके शेयरों में तेजी आई। बीएसई में कंपनी का शेयर दिन में कारोबार के दौरान 52 सप्ताह के उच्चस्तर 530.80 रुपये पर पहुंच गया। अंत में कंपनी का शेयर 6.24 प्रतिशत के लाभ से 522.80 रुपये पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी कंपनी के शेयर में तेजी रही। दिन में कारोबार के दौरान एनएसई में कंपनी का शेयर 52 सप्ताह के उच्चस्तर 530.95 रुपये पर पहुंच गया। एनएसई में अंत में कंपनी का शेयर करीब छह प्रतिशत की बढ़त के साथ 521.60 रुपये पर बंद हुआ।
- नयी दिल्ली। बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को कहा कि पानी के पंपों को बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने से दूसरी हरित क्रांति आ सकती है। वह ईईएसएल की नई शाखा कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (कन्वर्जेंस) और गोवा सरकार के बीच कृषि पम्प सेट सौर बिजली उपलब्ध कराने की परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा, हरित ऊर्जा के माध्यम से दूसरी हरित क्रांति हासिल की जा सकती है क्योंकि इससे पानी के पंपों के सौरकरण की सुविधा होगी। सस्ती और हरित ऊर्जा प्रदान करने के अलावा, यह किसानों को आय का वैकल्पिक स्रोत भी प्रदान करता है।'' उन्होंने कहा, गोवा पीएम-कुसुम (प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान) और सौर रूफटॉप योजना के साथ एक हरित राज्य बन सकता है।'' उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र, और विशेष रूप से बिजली क्षेत्र, एक अभूतपूर्व तरीके से संक्रमण के दौर से गुजर रहा है।
- नई दिल्ली। दुनिया में चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश, भारत में चीनी का उत्पादन चीनी सत्र 2020-21 पेराई मौसम में 14 लाख लाख टन तक पहुंच गया है जो पिछली साल इसी समय से तीन गुना है। चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने मंगलवार को बताया कि बेहतर फसल उत्पादन और पेराई अभियान के समय पर शुरू होने की वजह से उत्पादन में वृद्धि हुई है। इस्मा ने कहा कि चीनी सत्र 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) की समान अवधि में चीनी का उत्पादन 4.84 लाख टन रहा था। चूंकि भारत में एक बार और अधिशेष चीनी उत्पादन होने जा रहा है, इसलिए उद्योग निकाय इस्मा ने कहा कि वह चीनी निर्यात के बारे में सरकार के नीतिगत फैसले का इंतजार कर रहा है और सब्सिडी समर्थन के साथ बफर स्टॉक निर्माण के बारे में भी फैसले के इंतजार में है। इस्मा के अनुसार, पिछले साल की तुलना में, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अच्छी बारिश और जलाशयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता, गन्ने की अधिक पैदावार और बेहतर उपज की वजह से गन्ने की बेहतर उपलब्धता के कारण, अक्टूबर 2020 के अंतिम सप्ताह के दौरान पेराई सत्र की अच्छी शुरुआत हो सकी है। चालू सत्र में 15 नवंबर तक 271 चीनी मिलें परिचालन में थीं, जबकि एक साल पहले इसी दौरान 127 चीनी मिलें परिचालन कर रही थीं। कुल चीनी उत्पादन में, देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य - उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 नवंबर तक 3.85 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 2.93 लाख टन चीनी उत्पादन से अधिक है। देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में मिलों ने चालू सत्र में अब तक 5.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।
- नयी दिल्ली । देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने मंगलवार को अपनी ‘मोबिलिटी एंड ऑटोमोबाइल इनिशिएटिव लैब' मेल कार्यक्रम के पांचवें चरण की घोषणा की। इसके तहत मोबिलिटी और वाहन क्षेत्र की शुरुआती स्टार्टअप कंपनियों से प्रविष्टियां मांगी गई हैं। मारुति ने बयान में कहा कि कंपनी ने अब तक मेल कार्यक्रम के पिछले चार दौर में 18 स्टार्टअप के साथ गठजोड़ किया है। मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) केनिचि आयुकावा ने कहा, अगले चरण के तहत हम वाहन उद्योग के नवोन्मेषी विचारों वाली अधिक स्टार्टअप कंपनियों के साथ गठजोड़ करना चाहेंगे। विशेषरूप से महामारी की स्थिति को देखते हुए बदलाव लाने वाले उद्यमी हमारी पांचवें दौर की मेल पहल के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मारुति के मेल कार्यक्रम के दो साल पूरे हो गए हैं और अब तक कंपनी ने 18 स्टार्टअप के साथ गठजोड़ किया है।
- मुंबई। कोविड-19 के टीके को लेकर एक और अच्छी खबर से मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। धातु, बैंकिंग और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में भारी लिवाली से भी बाजार धारणा मजबूतू हुई। कारोबारियों ने कहा कि रुपये में सुधार से भी लिवाली को समर्थन मिला। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 44,161.16 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर गया। अंत में सेंसेक्स 314.73 अंक या 0.72 प्रतिशत की बढ़त के साथ 43,952.71 अंक के अपने नए उच्चस्तर पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक का एक्सचेंज का निफ्टी कारोबार के दौरान 12,934.05 अंक के रिकॉर्ड स्तर तक गया। अंत में निफ्टी 93.95 अंक या 0.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,874.20 अंक पर बंद हुआ। यह इसका नया उच्चस्तर है। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील का शेयर सबसे अधिक 6.24 प्रतिशत चढ़ गया। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एलएंडटी, मारुति, इंडसइंड बैंक और एचडीएफसी के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी, एचसीएल टेक, ओएनजीसी, इन्फोसिस, आईटीसी, पावरग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर 2.69 प्रतिशत तक टूट गए। अमेरिका की जैवप्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मॉडर्ना ने कहा है कि उसके कोविड-19 के वैक्सीन के ‘कैंडिडेट' को तीसरे चरण के परीक्षण में 94.5 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। इससे रात के सत्र में वॉलस्ट्रीट अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। इससे एक सप्ताह पहले फाइजर और बायोनटेक ने कहा था कि उनका कोविड-19 का टीका 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पाया गया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर हैं। बैंकिंग शेयरों की अगुवाई में बाजार ऊंचाई छू रहे हैं। इसके अलावा वैक्सीन से जुड़ी खबरों से भी बाजार धारणा मजबूत हुई है। इस सप्ताह वैश्विक बाजारों की अच्छी शुरुआत हुई। हालांकि, आज वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुख था।'' अन्य एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई। हांगकांग के हैंगसेंग तथा जापान के निक्की में लाभ रहा। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में मिलाजुला रुख था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.25 प्रतिशत के नुकसान से 43.71 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मु्द्रा विनिमय बाजार में रुपया 16 पैसे की बढ़त के साथ 74.46 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
- नई दिल्ली। पंद्रहवें वित्त आयोग ने आज अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन को सौंपी। कोविड के दौर में वित्त आयोग शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में अगले पांच वर्षों के दौरान केन्द्र और राज्यों के बीच करों के बंटवारे के अनुपात का उल्लेख है। वित्तमंत्री यह रिपोर्ट और इस पर सरकार की कार्यवाई से संबंधित रिपोर्ट संसद में पेश करेंगी।आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2021-22 से 2025-26 की अवधि की यह रिपोर्ट सौंपी थी। इससे पहले आयोग ने इस महीने की 9 तारीख को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपी थी।संघ और राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, और पिछले वित्त आयोगों के सदस्यों और अध्यक्षों और आयोग की सलाहकार परिषद के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया है। इस विचार-विमर्श में विशेषज्ञों, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की भी राय ली गई।यह रिपोर्ट चार खंडों में विभाजित है। खंड एक और दों में मुख्य रिपोर्ट है। खंड तीन में केंद्र सरकार के सामने मध्यम अवधि की चुनौतियों और आगे की योजना का उल्लेख है। चौथे खंड में राज्यों का उल्लेख है। आयोग ने प्रत्येक राज्य की वित्तीय स्थिति का बहुत बारीकी से विश्लेषण किया है और हर राज्य की स्थितियों के अनुरुप सुझाव दिए हैं।
- 13 नवंबर को हुई एक करोड़ 11.40 लाख की बिक्रीनयी दिल्ली। दीवाली सहित त्यौहारों के इस मौसम में राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित बिक्री केन्द्र में 13 नवंबर को 40 दिनों में चौथी बार किसी एक दिन में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की रिकॉर्ड बिक्री हुई। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने इस रिकॉर्ड बिक्री का श्रेय, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “स्वदेशी”, विशेषकर खादी को बढ़ावा देने की लगातार की गई अपील को दिया। उन्होंने कहा, “खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्रों की रीढ़ माने जाने वाले कारीगरों का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में खादी प्रेमियों का समर्थन मिल रहा है। महामारी के बावजूद, खादी कारीगरों ने उत्पादन गतिविधियों को पूरे जोश के साथ जारी रखा और साथी देशवासियों ने भी उसी उत्साह के साथ उनका समर्थन किया।उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के बावजूद, केवीआईसी ने खादी के विकास की गति को बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी और कोरोना महामारी के भय को पीछे छोड़ते हुए, इस त्योहारी मौसम ने खादी कारीगरों को खादी उत्पादों की रिकॉर्ड बिक्री के साथ शानदार लाभांश दिया गया। इस वर्ष दो अक्टूबर के बाद से केवल 40 दिनों में, नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया के प्रमुख आउटलेट पर खादी की एक-दिन की बिक्री का आंकड़ा 13 नवंबर को चौथी बार एक करोड़ रुपए की सीमा पार कर गया है। उन्होंने कहा कि 13 नवंबर को, इस बिक्रीकेन्द्र से कुल बिक्री एक करोड़ 11.40 लाख रुपए की हुई, जो इस साल किसी एक दिन में सबसे बड़ी बिक्री का आंकड़ा है। जब से लॉकडाउन के बाद व्यावसायिक गतिविधियां फिर से शुरू हुईं, खादी की बिक्री का आंकड़ा इस साल गांधी जयंती (दो अक्टूबर) को 1.02 करोड़ रुपए और 24 अक्टूबर को 1.05 करोड़ रुपए और सात नवंबर को 1.06 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले वर्ष 2018 में, एक दिन की बिक्री ने चार मौकों पर एक करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया था।
- नयी दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के मालिकाना हक वाली तेल कंपनी रुचि सोया अगले साल अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) पेश करेगी। स्वामी रामदेव ने कहा कि इसका मकसद कंपनी के प्रवर्तकों की शेयरधारिता को नीचे लाना है। पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। रामदेव ने कहा कि उसके बाद से कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और चालू वित्त वर्ष में ऊंची वृद्धि की उम्मीद है। पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये में किया था। कंपनी के प्रवर्तकों की अभी कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते रुचि सोया के प्रवर्तकों को अपनी शेयरधारिता कम करनी होगी ताकि न्यूनतम 25 प्रतिशत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के नियम का अनुपालन किया जा सके। रामदेव ने कहा, हम अगले साल एफपीओ लाने जा रहे हैं। यह कंपनी में हमारी शेयरधारिता को कम करेगा।कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमानुसार कंपनी के प्रवर्तकों को जून 2021 तक अपनी 10 प्रतिशत शेयरधारिता कम करनी होगी और 25 प्रतिशत तक 36 महीनों के भीतर कम करनी होगी। इस संबंध में कंपनी का निदेशक मंडल प्रस्ताव मंजूर कर चुका है। हालांकि रामदेव ने प्रस्तावित एफपीओ के आकार को लेकर कोई घोषणा नहीं की।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने महुआ आचार्य को अपनी नयी अनुषंगी कंपनी कन्वर्जेंस का प्रमुख नियुक्त किया है। ईईएसएल ने सोमवार को बयान में कहा कि आचार्य एक अंतरराष्ट्रीय जलवायु वित्त और कार्बन बाजार की विशेषज्ञ हैं। उन्होंने यूरोप, अमेरिका, एशिया और भारत में काम किया है।बयान में कहा गया है कि वह भारत में अभिनव सोच, प्रबंधकीय क्षमता और संचालन अनुभव लेकर आयी हैं। इसमें कहा गया है कि उनका कौशल ईईएसएल की नए बाजारों में पहुंच की रणनीति के अनुकूल है। आचार्य के पास हरित वित्त, अक्षय और कार्बन बाजारों का लगभग दो दशक का अंतरराष्ट्रीय अनुभव है। वह ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टिट्यूट की सहायक महानिदेशक थीं। यह एक अंतरसरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय सियोल में है और 31 देशों में इसका परिचालन है। अपने करियर की शुरुआत में वह विश्वबैंक में थीं। उनके पास येल विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री है। अपनी नियुक्ति पर आचार्य ने कहा, मैंने अपने करियर में अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र दोनों में काम किया है और अब मैं भारत में बड़े पैमाने पर परिवर्तनकारी प्रभाव को सक्षम करने के लिए अपने अनुभव, कौशल और नेटवर्क का उपयोग करना चाहूंगी। ईईएसएल अगली पीढ़ी के स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के लिए पूरी तरह तैयार है।'' कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज एक नई ऊर्जा कंपनी है, जो ईईएसएल की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है। यह कंपनी स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करती है।
- · खनिज पदार्थों के खनन पर 60-65 फीसदी तक कर और शुल्कों का बोझ· नीलामी में खदान लेने के बाद भी रॉयल्टी से राहत नहीं· एमएमआरडी एक्ट-2015 लागू होने से पहले आवंटित खदानों पर रॉयल्टी का 30 फीसदी डीएमएफ में देना अनिवार्य· एमएमआरडी एक्ट-2015 लागू होने के बाद भी आवंटित खदानों पर रॉयल्टी का 10 फीसदी डीएमएफ में देना जरूरी· एनएमईटी को भी देना पड़ता है रॉयल्टी का 2 फीसदी शुल्क· राज्यों को प्रति टन 11 रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर व 11 रुपये पर्यावरण शुल्क देय· घने जंगलों में खदान है तो 7 रुपये प्रति टन वन शुल्क की भी अदायगी आवश्यक--नीति आयोग को फिक्की का सुझाव· वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की तरह खनन में भी “एकल कर व्यवस्था” लागू हो· खनन पर प्रभावी कर दरें (ईटीआर) 40 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए· निम्न श्रेणी के लौह अयस्क के बेनीफिसिएशन पर राहत मिले, ग्रेड के हिसाब से रॉयल्टी की दरें तय की जाएं न कि सर्वोत्तम ग्रेड के हिसाब से समान दर तय की जाए--अन्य देशों में खनन पर कर की दरेंमंगोलिया – 31.3 फीसदीकनाडा-क्यूबेक – 34 फीसदीचिली – 37.6 फीसदीइंडोनेशिया-सुलावेसी -38.1 फीसदीऑस्ट्रेलिया -39.7 फीसदीदक्षिण अफ्रीका – 39.7 फीसदीनामीबिया – 44.2 फीसदी--लौह अयस्क पर रॉयल्टीभारत – 15 फीसदीऑस्ट्रेलिया – 5.35 से 7.5 फीसदीब्राजील – 2 फीसदीचीन – 0.5 से 4 फीसदी--रायपुर। कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार के बाद देश को आर्थिक पटरी पर वापस लाने के लिए सरकार के प्रयासों के बीच जाने-माने उद्योगपति और जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन नवीन जिन्दल ने सुझाव दिया है कि खनन पर कर की दरों को तार्किक बनाया जाए तो भारतीय उद्योग विश्व बाजार में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लेंगे। कर की अधिक दरों के कारण हमारे उत्पाद महंगे हो जाते हैं, जिस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।श्री जिन्दल ब्रिटेन से प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अखबार “फाइनेंशियल टाइम्स” के ग्लोबल बोर्ड रूम सत्र में “भारतः देश की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए क्या सरकार जरूरी मूलभूत सुधार कर सकती है” विषय पर अपने विचार प्रकट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तरफ से उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय कर रही है और उसने अनेक प्रोत्साहन योजनाएं भी दी हैं लेकिन खनिज पदार्थों के खनन पर कर की अत्यधिक दरों के कारण हमारे उत्पाद महंगे हो जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय व्यवसायी मेहनती और लगनशील हैं। देश में व्यावसायिक जोखिम उठाने वालों की कमी नहीं है। हमारी प्रतिभाएं विश्व व्यवसाय में बड़ा नाम कर रही हैं लेकिन कुछ बुनियादी समस्याएं दूर हो जाएं तो कोई शक नहीं कि भारत पूरी दुनिया के बड़े उत्पादन हब के रूप में स्थापित हो जाएगा।श्री जिन्दल ने कहा कि कर की दरों को तार्किक बनाने के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण कानून को उद्योगों के अनुकूल बनाना होगा और देश में सकारात्मक व्यावसायिक वातावरण तैयार करना होगा ताकि लोग बढ़-चढ़कर निवेश करें जिससे रोजगार के साथ-साथ देश में संपन्नता भी आएगी। उन्होंने व्यावसायिक कोयला खनन के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश के विकास को पंख लगेंगे और ऊर्जा क्षेत्र में नए आयाम जुड़ेंगे। भारत में बिजली की औसत खपत प्रति व्यक्ति लगभग 1000 यूनिट है जबकि अमेरिका में 20 हजार और यूरोप में 18 हजार यूनिट है। स्टील के बारे में उन्होंने कहा कि चीन प्रतिवर्ष लगभग 1000 मिलियन टन स्टील उत्पादन करता है जो भारत में मात्र 110 मिलियन टन है इसलिए हमारे देश में विकास की बहुत संभावनाएं हैं।इस सत्र में योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि अल्पकालिक आर्थिक स्लोडाउन को कैसे नियंत्रित करें। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी थी जो दूसरी तिमाही में नकारात्मक रुख के साथ 23.9 फीसदी तक सिकुड़ गई। हालांकि तीसरी तिमाही में यह सिकुड़न कम होकर नकारात्मक 8.4 फीसदी रही लेकिन उम्मीद है कि चौथी तिमाही में यह रुख सकारात्मक हो जाएगा। आज रोजगार और अन्य आर्थिक पहलुओं को देखते हुए हमारी आर्थिक विकास दर 7 फीसदी से ऊपर होनी चाहिए जिसके लिए बैंकिंग व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा, निवेश का स्तर बेहतर बनाना होगा। पिछले 2 साल से निवेश की स्थिति नाजुक है जिसका सीधा असर उत्पादन और रोजगार के अवसरों पर पड़ रहा है। पर्यटन, रियल इस्टेट और खुदरा व्यापार को प्राथमिकता देनी होगी। हालांकि उन्होंने रिजर्व बैंक के प्रयासों की सराहना की।इस अवसर पर फोर्ब्स मार्शल के को-चेयरमैन नौशाद फोर्ब्स ने कहा कि हमारे देश की आबादी करीब 140 करोड़ है इसलिए एक व्यापक बाजार हमारे पास है। ऐसे में तमाम सुधारों पर सभी सरकारों को साथ मिलकर काम करना होगा तभी देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही पटरी पर वापस आ पाएगी। मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रबंध निदेशक अमीरा शाह ने इस अवसर पर कोविड-19 नियंत्रण के उपायों पर प्रकाश डाला।गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाने और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ बाजार में उचित दर पर सामान उपलब्ध कराने के लिए फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) ने नीति आयोग को एक सुझाव दिया है जिसमें खनन पर अधिक कर एवं शुल्क दरों को तार्किक बनाने के लिए जीएसटी की तर्ज पर “एकल कर व्यवस्था” लागू करने के लिए कहा गया है। फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक अभी खनन पर 60-64 फीसदी कर व शुल्क वसूले जा रहे हैं, जिसकी सीमा अधिकतम 40 फीसदी होनी चाहिए। उसने रॉयल्टी की दरों को भी तार्किक बनाने का सुझाव दिया है।फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक एमएमआरडी एक्ट-2015 लागू होने से पहले आवंटित खदानों पर रॉयल्टी का 30 फीसदी डीएमएफ में देना अनिवार्य है जबकि इस कानून के लागू होने के बाद आवंटित खदानों पर रॉयल्टी का 10 फीसदी डीएमएफ में देना पड़ता है। इसी तरह एनएमईटी को भी रॉयल्टी का 2 फीसदी शुल्क देना होता है। उसने यह सुझाव भी दिया है कि रॉयल्टी लौह अयस्क के ग्रेड के हिसाब से तय हो न कि सर्वोत्तम श्रेणी के हिसाब से समान दर निर्धारित की जाए। निम्न श्रेणी के लौह अयस्क के बेनीफिशिएशन पर राहत मिले और रॉयल्टी औसत बिक्री मूल्य का 5 फीसदी से अधिक न हो। सरकार इनोवेटिव लॉजिस्टिक सिस्टम से बेनीफिशिएशन करने वाली कंपनियों को 2.5 फीसदी रॉयल्टी का प्रोत्साहन दे तो निम्न श्रेणी के लौह अयस्क की खपत भी बढ़ेगी जिससे हमारे राष्ट्रीय संसाधन का समुचित उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। उपरोक्त करों व शुल्कों के अलावा अलग-अलग राज्यों के भी सेश हैं। छत्तीसगढ़ में प्रति टन 11 रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर व 11 रुपये पर्यावरण शुल्क देय है एवं घने जंगलों में खदान होने पर 7 रुपये प्रति टन वन शुल्क की अदायगी करनी पड़ती है।
- नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय बाजारों को लेकर रुख सकारात्मक बना हुआ है। नवंबर में अब तक एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 35 हजार 109 करोड़ रुपये का का निवेश किया है। कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों तथा निवेश गतिविधियों को प्रोत्साहन के लिए सरकार के उपायों से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है।डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, दो से 13 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 29 हजार 436 करोड़ रुपये तथा ऋण या बांड बाजार में 5 हजार 673 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 35 हजार 109 करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले महीने भारतीय बाजारों में एफपीआई का शुद्ध निवेश 22 हजार 33 करोड़ रुपये रहा था। रिलायंस सिक्योरिटीज के संस्थागत कारोबार प्रमुख अर्जुन यश महाजन ने कहा, भारतीय बाजारों का प्रदर्शन लगातार अच्छा बना हुआ है, जिससे एफपीआई यहां जोखिम उठाने को तैयार हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा सरकार के सुधार उपायों से भी एफपीआई की धारणा मजबूत हुई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आगे भी एफपीआई का रुख सकारात्मक बने रहने की उम्मीद है। महाजन ने कहा, ''अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच जुझारू क्षमता दिखाने वाले क्षेत्रों में एफपीआई आगे दांव लगा सकते हैं।
-
नई दिल्ली। होटल और रेस्तरां उद्योग के शीर्ष संगठन एफएचएआरएआई ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समयसीमा बढ़ाये जाने का स्वागत किया लेकिन कहा कि होटल उद्योग को संकट से बाहर निकलने के लिये अलग से विशेष प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को ईसीएलजीएस की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दी। साथ ही योजना के तहत आने वाले क्षेत्रों का भी विस्तार किया गया है।
होटल एंड रेस्टुरेंट एसोसएिशंस ऑफ इंडिया (एफएचएआरएआई) के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा, ईसीएलजीएस के रूप में अब तक एकमात्र राहत सरकार से होटल उद्योग को मिली है। हम इस पर ज्यादा जोर नहीं दे सकते। होटल उद्योग की स्थिति अन्य उद्योगों की तरह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पूंजी और श्रम गहन उद्योग है और अलग से प्रोत्साहन पैकेज के बिना क्षेत्र की समस्या समाप्त नहीं होगी। कोहली ने कहा कि कोविड-19 से सर्वधिक प्रभावित यात्रा, पर्यटन और होटल क्षेत्र हुए और यह स्थिति केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। उन्होंने कहा, हम एक बार फिर सरकार से उद्योग की मौजूदा समस्याओं को समझने और जरूरी समर्थन देने का आग्रह करते हैं। कोहली ने कहा, सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित कंपनियों के कर्ज को पुनर्गठन की अनुमति देकर उन्हें पटरी पर आने का मौका दिया है। होटल उद्योग भी इसके लिये पात्र हैं। हालांकि, बैंक हमारे क्षेत्र को लेकर ज्यादा इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि हमारा कारोबार अन्य उद्योगों की तरह नहीं है, यह मौसमी व्यवसाय है। -
नई दिल्ली। स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को जल्दी ही मच्छर और कीटाणुओं से होने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों (वेक्टर जनित बीमारी) के इलाज के लिये बीमा कवर उपलब्ध कराने की अनुमति मिलेगी। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) शुक्रवार को वेक्टर जनित बीमारी के मानकों को लेकर मसौदा जारी किया। इससे साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां एक साल के लिये इस प्रकार की पॉलिसी की पेशकश के लिये प्रोत्साहित होंगी। इरडा ने कहा कि इसका मकसद एक मानक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद लाना है जो लोगों की वेक्टर जनित बीमारियों के इलाज को शामिल करे। प्रस्ताव के तहत बीमा पॉलिसी की अवधि एक साल होगी और इसमें प्रतीक्षा अवधि 15 दिन की होगी। बीमा पॉलिसी में डेंगू बुखार, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजर, चिकुनगुनिया, जापानी बुखार और जाइका विषाणु के इलाज को शामिल किया जाएगा। नियामक ने संबंधित पक्षों से मसौदे पर 27 नवंबर तक अपनी राय देने को कहा है।