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मुंबई। कच्चे माल, श्रम और भूमि की लागत में भारी वृद्धि और अपेक्षाकृत अनुकूल मांग-आपूर्ति की स्थिति के कारण शीर्ष छह शहरों में घरों की कीमतों में चालू वित्त वर्ष में छह से 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में घरों के दाम तीन से पांच प्रतिशत और बढ़ेंगे।
रिपोर्ट में भी कहा गया है कि बड़े रियल एस्टेट कंपनियां 2022-23 में बिक्री में 25 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी। अगले वित्त वर्ष में इन कंपनियों की बिक्री 10-15 प्रतिशत बढ़ेगी। रिपोर्ट कहती है कि खाली घरों (बिना बिके मकानों) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था। इसकी वजह बड़ी रियल एस्टेट की कर्ज लेने की क्षमता में सुधार है। एजेंसी को उम्मीद है कि कच्चे माल, श्रम और भूमि की लागत में भारी वृद्धि के चलते प्रमुख छह शहरों में इस वित्त वर्ष में आवास कीमतों में 6-10 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में तीन-पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी। रिपोर्ट कहती है कि कई क्षेत्रों में आज भी कार्य का हाइब्रिड मॉडल (दफ्तर और घर से काम) लागू है। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद बड़े घरों की मांग पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। शीर्ष छह रियल्टी बाजार...मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता हैं। रिपोर्ट में शामिल कंपनियों में ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, कोलते-पाटिल डेवलपर्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, पूर्वांकरा, सोभा और सनटेक रियल्टी शामिल हैं। -
एयर इंडिया की पायलट यूनियनों का दावा, एयरलाइंस में पायलटों की कमी
मुंबई। एयर इंडिया की दो पायलट यूनियनों ने दावा किया है कि एयरलाइन के पास लंबी दूरी की उड़ानें संचालित करने के लिए पायलटों की कमी है। इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने यह चिंता जताई है। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन ने हाल में चालक दल की कमी के कारण उत्तर अमेरिकी क्षेत्र से आने-जाने वाली कुछ उड़ानों को रद्द और पुनर्निर्धारित किया था। इस पृष्ठभूमि में यह बयान आया है। इन यूनियनों ने 13 दिसंबर को एयर इंडिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुरेश दत्त त्रिपाठी को लिखे एक संयुक्त पत्र में कहा, ‘‘हम पायलटों की कमी के कारण पहले से तय रोस्टर को लागू नहीं कर सकते हैं, क्योंकि चालक दल प्रबंधन प्रणाली के पास अतिरिक्त पायलट नहीं हैं।'' इस खबर पर एयर इंडिया की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। -
नयी दिल्ली। मजबूत वैश्विक रुख के बीच बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 318 रुपये की तेजी के साथ 54,913 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।
इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 54,595 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी का भाव 682 रुपये की तेजी के साथ 69,176 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद से कम रहने के बीच पिछले सत्र में सोने की कीमतें पांच माह से भी अधिक के उच्चस्तर पर रहने के बाद एशियाई कारोबार में स्थिर रहीं।’’अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,808.2 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी तेजी के साथ 23.70 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस अनुसंधान विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़ों के जारी होने के बाद डॉलर सूचकांक एक प्रतिशत से भी अधिक घटकर करीब छह माह के निचले स्तर तक आ गया। बाजार का ध्यान अब फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी के फैसले पर है। ये आंकड़े आज आएंगे।’’ - नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी की राजस्थान के जैसलमेर स्थित 240 मेगावॉट क्षमता वाली देवीकोट सौर परियोजना का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो गया है। इसके साथ कंपनी की 2022-23 में सालाना आधार पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1,000 मेगावॉट के पार 1074.59 मेगावॉट पहुंच गयी है। एनटीपीसी ने मंगलवार को बीएसई को भेजी गई सूचना में कहा, ‘‘राजस्थान के जैसलमेर स्थित 150 मेगावॉट और 90 मेगावॉट क्षमता वाली देवीकोट सौर पीवी परियोजनाओं का वाणिज्यिक परिचालन 13 दिसंबर से सफलतापूर्वक शुरू हो गया है।'' इस परियोजना के परिचालन में आने के साथ एनटीपीसी की 2022-23 में सालाना नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1074.59 मेगावॉट पहुंच गयी है। इसके साथ ही एनटीपीसी की स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता बढ़कर एकल आधार पर 58,041.27 मेगावॉट हो गई है। वहीं पूरे समूह की स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता 70,656.27 मेगावॉट हो गई है।
- नयी दिल्ली।पेटीएम ब्रांड का परिचालन करने वाली डिजिटल वित्तीय सेवा कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने मंगलवार को शेयर पुनर्खरीद की घोषणा की। इसके तहत कंपनी 810 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 850 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की पुनर्खरीद करेगी। वन97 कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी ने पुनर्खरीद कार्यक्रम के लिये शेयर बाजारों के जरिये खुले बाजार मार्ग का विकल्प चुना है। प्रक्रिया अधिकतम छह महीने में पूरी होने की संभावना है। सूचना के अनुसार, ‘‘कंपनी 810 रुपये प्रति शेयर के भाव में 850 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की पुनर्खरीद करेगी।'' कंपनी के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। सूचना के अनुसार, बैठक में सभी निदेशक मौजूद थे और स्वतंत्र निदेशक समेत सभी ने आम सहमति से प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
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नयी दिल्ली। वेदांता समूह ने मंगलवार को कहा कि उसने एक भारतीय सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए जापान की 30 प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ करार किए हैं। इन समझौतों पर जापान की राजधानी टोक्यो में पिछले सप्ताह आयोजित वेदांता-एवनस्ट्रेट बिजनेस पार्टनर्स समिट-2022 के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस सम्मेलन में दुनियाभर की 100 कंपनियों के 200 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में कई वैश्विक कंपनियों ने भारत के सेमीकंडक्टर विनिर्माण अभियान का हिस्सा बनने में दिलचस्पी दिखाई। वेदांता ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन के साथ मिलकर गुजरात में एक सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने की घोषणा की हुई है। करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश से इस संयंत्र को शुरू किया जाएगा। वेदांता ग्लोबल के प्रबंध निदेशक (डिस्प्ले एवं सेमीकंडक्टर व्यवसाय) आकर्ष के हेब्बर ने बयान में कहा कि उनकी कंपनी भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वेदांता सिर्फ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का एक परिवेश बनाने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहती है।
- नयी दिल्ली। भारत उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन पी डी वाघेला ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इसे क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की दृष्टि से ‘डिजाइन' किया जाना चाहिए। वाघेला ने सैटकॉम पर ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के सम्मेलन में कहा कि ट्राई जल्द ही इस क्षेत्र में कारोबार सुगमता के लिए विभिन्न मंत्रालयों - सूचना और प्रसारण, अंतरिक्ष और दूरसंचार से उपग्रह संचार के लिए आवश्यक मंजूरियों को आसान बनाने के लिए सिफारिश करेगा। उन्होंने कहा कि ट्राई को नीलामी के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम और उपग्रह आधारित संचार के संबंधित पहलुओं के संदर्भ में दूरसंचार विभाग से एक संदर्भ प्राप्त हुआ है। वाघेला ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत अंतरिक्ष आधारित स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा। हम इसपर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत संभवत: अंतरिक्ष आधारित स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा।वाघेला ने कहा, ‘‘लेकिन इससे इस क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है। हम जो भी प्रणाली ला रहे हैं वह वास्तव में इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए है, न कि कोई बोझ बढ़ाने के लिए। मेरा मतलब है, हमारे सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है और हम इस तथ्य से अवगत हैं।'' ट्राई द्वारा अभी तक उपग्रह संचार के लिए निर्धारित मानक प्रक्रिया के अनुसार स्पेक्ट्रम नीलामी पर परामर्श पत्र लाना बाकी है। इस परिपत्र की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वाघेला ने कहा कि ट्राई एक उपयुक्त मॉडल के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों और नियामकों के साथ चर्चा कर रहा है और इसके बाद परामर्श पत्र जारी किया जाएगा। दूरसंचार परिचालकों ने उपग्रह संचार के लिए नीलामी के जरिये स्पेक्ट्रम आवंटित करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि उपग्रह उद्योग की कंपनियों ने इसका विरोध किया है।
- नयी दिल्ली। बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज (एनपीए) बट्टे खाते में डाले हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद को यह जानकारी दी। वित्तमंत्री ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) या फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालते हुए उसे संबंधित बैंक के बही खाते से हटा दिया गया है। इसमें वे फंसे हुए कर्ज भी शामिल हैं जिसके एवज में चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किया गया है। सीतारमण ने कहा, ‘‘बैंक आरबीआई के दिशानिर्देशों तथा अपने-अपने निदेशक मंडल की मंजूरी वाली नीति के अनुसार पूंजी का अनुकूलतम स्तर पर लाने लिए अपने अपने बही-खाते को दुरूस्त करने, कर लाभ प्राप्त करने और पूंजी के अनुकूलतम स्तर प्राप्त करने को लेकर नियमित तौर पर एनपीए को बट्टे खाते में डालते हैं। आरबीआई से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये की राशि को बट्टे खाते में डाला है।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि बट्टे खाते में कर्ज को डालने से कर्जदार को लाभ नहीं होता। वे पुनर्भुगतान के लिए उत्तरदायी बने रहेंगे और बकाये की वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है। बैंक उपलब्ध विभिन्न उपायों के माध्यम से बट्टे खाते में डाले गए राशि को वसूलने के लिये कार्रवाई जारी रखते हैं। इन उपायों में अदालतों या ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में मुकदमा दायर करना, दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत मामले दर्ज करना और गैर- निष्पादित संपत्तियों की बिक्री आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान कुल 6,59,596 करोड़ रुपये की वसूली की है। इसमें बट्टे खाते में डाले गये कर्ज में से 1,32,036 करोड़ रुपये की वसूली शामिल है।
- नयी दिल्ली। इस्पात मंत्रालय विशिष्ट इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत चुनी गई कंपनियों के साथ जल्द समझौते करेगा जिसके बाद कंपनियों के निवेश प्रस्ताव आगे की प्रक्रिया में जाएंगे। इस्पात मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना में चयन के बाद कंपनियों को मंजूरी पत्र भेजे जा चुके हैं। सरकार ने शुक्रवार को विशिष्ट इस्पात के लिए पीएलआई योजना के तहत कुल 42,500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना वाले 67 आवेदनों का चयन किया था। प्रस्तावित निवेश से 70,000 रोजगार अवसरों के अलावा 2.6 करोड़ टन विशेष प्रकार के इस्पात की क्षमता सृजित होने का अनुमान है। अब आगे के कदमों के बारे में अधिकारी ने बताया, ‘‘पीएलआई के लिए चुनी गई कंपनियां मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर जल्द हस्ताक्षर करेंगी।'' उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल समेत पांच प्रमुख इस्पात कंपनियों का पात्र इकाइयों की सूची में दबदबा है। इन कंपनियों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, सेल के अलावा जेएसपीएल और एएमएनएस इंडिया भी शामिल हैं। इसके अलावा, गैलेंट मेटालिक्स, श्याम मेटालिक्स फ्लैट प्रोडक्ट्स और सनफ्लैग आयरन एंड स्टील जैसी कुछ अन्य कंपनियों को पीएलआई योजना के तहत निवेश के लिए चुना गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में देश में विशिष्ट इस्पात का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना में शामिल किए गए विशिष्ट इस्पात उत्पादों में कोटेड/ प्लेटेड इस्पात उत्पाद, मिश्र धातु इस्पात उत्पाद और इस्पात की तार आदि शामिल हैं।
- नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मारुति सुजुकी एसयूवी जिम्नी को अगले साल अगस्त में भारतीय बाजार में पेश किया जा सकता है और यह 5 डोर ऑप्शन में आ सकती है। इस एसयूवी का लंबे समय से इंतजार हो रहा है और इसका मुकाबला महिंद्रा थार और फोर्स गुरखा समेत अन्य एसयूवी से होगा। मारुति सुजुकी जिम्नी के 3 डोर वर्जन को ऑटो एक्सपो 2020 में देखा गया था और तब से इसको लेकर लोगों में क्रेज दिख रहा है।मारुति सुजुकी जिम्नी 5 डोर के संभावित लुक और फीचर्स की बात करें तो इसमें एलईडी डीआरएल, एलईडी हेडलैंप और टेललैंप, एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले सपोर्ट वाला 7 इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, हाइट अडजस्टेबल ड्राइवर सीट, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, रियर एसी वेंट्स, हिल होल्ड असिस्ट, क्रूज कंट्रोल और 6 एयरबैग्स समेत कई और स्टैंडर्ड और सेफ्टी फीचर्स देखने को मिलेंगे।मारुति सुजुकी जिम्नी 5 डोर एसयूवी के इंजन और पावर की बात करें तो इसमें 1.5L K15B पेट्रोल इंजन देखने को मिल सकता है, जो कि 12V SHVS माइल्ड हाइब्रिड टेक्नॉलजी से लैस हो सकता है। यह इंजन 102bhp की पावर और 138Nm टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम होगा। अपकमिंग मारुति जिम्नी 5 डोर में 5 स्पीड मैनुअल और 4 स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स देखने को मिल सकते हैं।
- नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख और आयातित तेलों के भाव कमजोर रहने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, पाम एवं पामोलीन तेल सहित अधिकांश तेल- तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख रहा जबकि सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे। मूंगफली में ज्यादा कामकाज भी नहीं है।.बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेल के सामने किसान नीचे भाव में कपास की बिक्री नहीं करते और ऊंचे भाव में इसके खरीदार नहीं हैं। आयातित तेलों के टूटने से अजीब उहापोह की स्थिति है और सबसे बड़ी मुश्किल तो अगले महीने होने वाली सूरजमुखी की बुवाई को लेकर है। देश में सूरजमुखी तेल के उत्पादन की लागत लगभग 160 रुपये किलो बैठती है जबकि आयातित सूरजमुखी तेल का भाव 112 रुपये किलो है और ऐसे में कौन किसान सूरजमुखी बोने की प्रयास करेगा? स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार को तत्काल कोई फैसला करना चाहिये।.उन्होंने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में 6.5 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज लगभग एक प्रतिशत नीचे चल रहा है।सूत्रों ने कहा कि तेल-तिलहनों में केवल बिनौला खल का वायदा कारोबार चल रहा है। आयातित तेलों के सस्ते रहने से वायदा कारोबार में बिनौला खल के दिसंबर में डिलिवरी वाले अनुबंध का भाव लगभग चार प्रतिशत बढ़ गया। यह एक बार फिर से इस बात को सिद्ध करता है कि खाद्य तेलों के भाव टूटते हैं तो पशु आहार यानी खल के भाव महंगे हो जाते हैं। इसका सीधा असर दूध, मक्खन, घी, पनीर, अंडे, मुर्गी मांस पर आता है जिससे खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ती है।सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल खली का वायदा कारोबार बंद करने की जरूरत है, नहीं तो बिनौला खल की कीमत भी आसमान पर पहुंच जाएगी। सस्ते आयातित तेलों की वजह से किसान कम भाव पर बिकवाली करने से बच रहे हैं और मंडियों में अपनी कम उपज यानी कपास-नरमा ला रहे हैं और यही वजह है कि बिनौला खल की कमी है। कपास मिलों को भी कम कच्चा माल प्राप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पशु आहार के लिए जरूरी खल का अधिकांश हिस्सा बिनौला खल का होता है और प्रतिवर्ष लगभग 110 लाख टन बिनौला खल का उत्पादन होता है। इस खल की अहमियत को देखते हुए सरकार ने इस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) माफ कर रखा है।सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल- तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।सूत्रों ने कहा कि सरकार खाद्य तेल कंपनियों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की भी निगरानी रखे और इसका पता लगाये कि सस्ता होने के बावजूद खाद्य तेल, उपभोक्ताओं को मिल कितने में रहा है।सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:सरसों तिलहन - 7,000-7,050 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।मूंगफली - 6,410-6,470 रुपये प्रति क्विंटल।मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।मूंगफली रिफाइंड तेल 2,415-2,680 रुपये प्रति टिन।सरसों तेल दादरी- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।सरसों पक्की घानी- 2,100-2,230 रुपये प्रति टिन।सरसों कच्ची घानी- 2,160-2,285 रुपये प्रति टिन।तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,000 रुपये प्रति क्विंटल।सीपीओ एक्स-कांडला- 8,250 रुपये प्रति क्विंटल।बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,350 रुपये प्रति क्विंटल।पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।पामोलिन एक्स- कांडला- 8,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।सोयाबीन दाना - 5,525-5,625 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन लूज 5,335-5,385 रुपये प्रति क्विंटल।मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
- मुंबई । टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया अपेक्षाकृत छोटे आकार के 50 बोइंग 737 मैक्स विमान खरीदने के लिये अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ सौदे को अंतिम रूप देने के करीब है। कंपनी ये विमान सस्ती अंतरराष्ट्रीय सेवाएं देने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिये खरीद रही है। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यह सौदा बड़े विमान के ऑर्डर का हिस्सा होगा। इसको लेकर कंपनी बोइंग और एयरबस एसई के साथ चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही बात कर रही है।घाटे में चल रही एयर इंडिया की अगले तीन साल में अपने विमानों के बड़े को तीन गुना करने की योजना है। टाटा समूह ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था।एयरलाइन कारोबार को सुदृढ़ बनाने के लिये टाटा समूह ने अपनी घरेलू इकाई एयर एशिया इंडिया के एयर इंडिया में विलय की भी घोषणा की है। कंपनी एयरबस ए320 विमानों के बेड़े का परिचालन करती है।फिलहाल एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास 24 बोइंग 737 विमानों का बेड़ा है।सूत्रों ने कहा कि सौदे पर आगे की चर्चा के लिये एयर इंडिया और बोइंग के अधिकारियों की सोमवार को बैठक होने की संभावना है।उन्होंने कहा, ‘‘एयर इंडिया ने एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिये 50 बोइंग 737 मैक्स विमान खरीदने को लेकर बोइंग के साथ सौदे को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।’’हालांकि, इस बारे में एयर इंडिया ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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कोच्चि। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को यहां अलुवा में स्थित एक बीज फॉर्म को देश का पहला कार्बन तटस्थ (कार्बन न्यूट्रल) फॉर्म घोषित किया। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कृषि विभाग के तहत आने वाले इस बीज फॉर्म को कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आने के कारण मदद मिली और इसने कार्बन तटस्थ होने का दर्जा हासिल कर लिया। न्होंने कहा कि अलुवा के थुरुथु में स्थित फॉर्म से पिछले एक साल में होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन की मात्रा 43 टन थी, जबकि इसकी कुल प्राप्ति 213 टन थी। मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि उत्सर्जन दर की तुलना में 170 टन अधिक कार्बन फॉर्म में तैयार की गई जिसने इसे देश का पहला कार्बन तटस्थ फॉर्म बनने में मदद की। उन्होंने कहा, ‘‘कार्बन तटस्थ फॉर्म सभी 140 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किये जाएंगे। केरल में 13 फॉर्म को कार्बन तस्टस्थ बनाने के प्रयास पहले ही शुरू कर दिये गये हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन तस्टस्थ विधि को महिला समूहों के माध्यम से लागू किया जाएगा और इस तरह का हस्तक्षेप जनजाति क्षेत्र में भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरित गैस उत्सर्जन में 30 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र का है जिसे रोका जा सकता है और कार्बन तटस्थ कृषि से जलवायु परिवर्तन को नियमित किया जा सकता है।
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कम कीमत में 55 इंच का बड़ा Smart TV चाहिए, तो आपके लिए खुशखबरी है। OnePlus ने नए OnePlus TV 55 Y1S Pro को भारत में लॉन्च कर दिया है। 25 दिसंबर तक टीवी पर 3000 का डिस्काउंट मिलेगा। कम कीमत में 55 इंच का बड़ा Smart TV चाहिए, तो आपके लिए खुशखबरी है। OnePlus ने आज नए OnePlus TV 55 Y1S Pro को भारत में लॉन्च कर दिया है। ऑल-न्यू वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro वाई-सीरीज टीवी लाइन-अप में नया एडिशन है। टीवी 138 सेमी 4K डिस्प्ले से लैस है और आकर्षक डिजाइन के साथ कई स्मार्ट फीचर्स से लैस है। नया स्मार्ट टीवी वेरिएंट OnePlus.in, Amazon.in, Flipkart के साथ-साथ OnePlus एक्सपीरियंस स्टोर्स और सभी प्रमुख ऑफलाइन पार्टनर स्टोर्स पर 39,999 रुपये की आकर्षक कीमत पर उपलब्ध होगा। 25 दिसंबर तक टीवी पर 3000 रुपये तक के डिस्काउंट का लाभ लिया जा सकता है।
टीवी Android TV 10.0 से लैस है और ढेर सारे एडवांस फीचर्स से भरा हुआ है, जिसमें 1 अरब कलर्स के साथ 4K UHD डिस्प्ले शामिल है, जो OnePlus के सिग्नेचर बेजल-लेस डिजाइन को स्पोर्ट करते हुए एक शानदार विजुअल एक्सपीरियंस प्रदान करता है। टीवी में 24W आउटपुट तक के फुल-रेंज स्पीकर से लैस, वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro एक फुल सिनेमैटिक ऑडियो एक्सपीरियंस के लिए एक अच्छी तरह से बैलेंस्ड साउंड प्रोफ़ाइल सुनिश्चित करता है। नया प्रोडक्ट ऑक्सीजनप्ले 2.0 के साथ भरपूर मनोरंजन कंटेंट भी प्रदान करता है।
- नया वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro एक अरब से अधिक रंगों के साथ हर फ्रेम में 10-बिट कलर डेप्थ और अमेजिंग कलर एक्युरेसी प्रदान करता है। इसके अलावा, वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro में एक 4K यूएचडी डिस्प्ले है जो एक सुखद विजुअल एक्सपीरियंस बनाने के लिए अविश्वसनीय विजुअल डिटेल के साथ एंडलेस एंटरटेनमेंट विकल्प प्रदान करता है। -
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्ट-अप बाज बाइक्स ने भारत में नई पीढ़ी के इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम को लॉन्च किया है। गिग डिलीवरी राइडरों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक फास्ट ग्रीन मोबिलिटी उपलब्ध कराने के लिए कंपनी ने हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली में पहले मेड-इन-इंडिया स्मार्ट-रग्ड इलेक्ट्रिक स्कूटर को लॉन्च किया जो इंटेलीजेन्ट स्वैपेबल बैटरी, ऑटोमेटेड बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क एवं फ्लीट मैनेजमेन्ट टूल्स से लैस है।
लाइसेंस की जरूरत नहीं
बाज स्कूटर एक स्लो स्पीड स्कूटर है जिसकी टॉप स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। ऐसे में इसके रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं, और इसे चलाने के लिए लाइसेंस भी नहीं चाहिए। फिलहाल कंपनी ने इसकी रेंज का खुलासा नहीं किया है। स्कूटर की लंबाई 1624 mm, चौड़ाई 680 mm और ऊंचाई 1052 mm है।
कितनी है कीमत
भारत के दोपहिया लॉजिस्टिक्स बाजार में लागत प्रभावी और आधुनिक समाधान उपलब्ध कराने के मकसद के साथ बाज बाइक्स ने परपज-बिल्ट इलेक्ट्रिक स्कूटर उतारा है, जिसे खासतौर पर गिग वर्कर्स की रोजमर्रा की परिवहन संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इन-हाउस टीम द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 35,000 रुपये है, जो अपने रग्ड फीचर्स के साथ गिग डिलीवरी राइडरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। इलेक्ट्रिक स्कूटर से बैटरी को अलग कर स्कूटर की कीमत प्रभावी रूप से कम की गई है, ऐसे में यह गिग राइडरों के लिए ज्यादा किफायती हो गया है।
किराये पर लेकर भी चला सकते हैं
खरीददार बाज के ऑथोराइज्ड रेंटल पार्टनर नेटवर्क से इलेक्ट्रिक स्कूटर किराए पर भी ले सकते हैं। बाज इन स्कूटरों को छोटे पैमाने की डीलरशिप्स को बेचेगा, जहां से गिग डिलीवरी राइडर इन्हें किराए पर ले सकते हैं। इस तरह 'लोकल फॉर वोकल' के दृष्टिकोण के साथ यह सूक्ष्म-उद्यमिता को बढ़ावा देगा। बाज स्वैपिंग नेटवर्क पे-एज-यू-मुव मॉडल पर काम करेगा, जिससे डिलीवरी राइडरों के लिए लागत बहुत कम हो जाएगी।
मजबूत स्कूटर
भारत के डिलीवरी सेगमेंट की बात करें तो राइडर को रोजाना 100 किलोमीटर से ज्यादा वाहन चलाना पड़ता है, ऐसे में वाहन के डाउनटाइम के लिए कोई जगह नहीं होती। बाज स्कूटर का मजबूत स्टील एक्जोस्केलेटन इसकी चेसीज और भीतरी की ओर मौजूद इंटेलीजेन्ट प्रॉपराइटरी कम्पोनेन्ट को सुरक्षित रखता है। इसके प्रॉपराइटरी सस्पेंशन की वजह से गड्ढों में झटके कम लगते हैं। इस तरह कमर्शियल इस्तेमाल के बावजूद भी वाहन को लंबी लाइफ मिलती है।
बैटरी लाइफ
बाज एनर्जी पॉड्स एआईएस 156 के अनुरूप सुरक्षा फीचर्स के साथ आते हैं, जो उन्हें थर्मल मैनेजमेन्ट फेम रिटारडेन्ट बनाते हैं। इन्हें आईपी68 रेटिंग भी दी गई है, ऐसे में सामान्य परिस्थितियों में वॉटरप्रूफ और शॉकप्रूफ हैं। ऑटोमेटेड स्वैपिंग नेटवर्क प्रॉपराइटरी थर्मली कंट्रोल्ड वातावरण में बैटरी को चार्ज करता है, जिससे बैटरी की लाइफ बढ़ती है। - कोच्चि। देश का सबसे बड़ा व्यावसायिक जेट टर्मिनल आज शाम कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुरू हो जाएगा। यह चालीस हजार वर्ग फुट क्षेत्र में चालीस करोड़ रुपये की लागत से बना है। यह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू जेट सेवाओं को एक साथ संचालित करने के रूप में कार्य करेगा। इस टर्मिनल में अन्य के अलावा, आरामदेह लाउंज, व्यापार केन्द्र, सीमा शुल्क और आव्रजन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उच्च सुरक्षा वाले वी.आई.पी अतिथियों के लिए यह सुरक्षित स्थान होगा। इसके खुलने से कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश में प्राइवेट जेट टर्मिनल संचालित करने वाला चौथा हवाई अड्डा बन जाएगा। मुख्यमंत्री पीनराई विजयन इस टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे।
- मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स करीब 390 अंक नुकसान में रहा। वैश्विक शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नीचे आया। इसके अलावा कच्चे तेल के दाम में तेजी और लगातार पूंजी निकासी से भी धारणा प्रभावित हुई।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स की शुरुआत अच्छी रही। लेकिन बाद में बिकवाली दबाव से यह 389.01 अंक यानी 0.62 प्रतिशत टूटकर 62,181.67 अंक पर बंद हुआ।इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 112.75 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,496.60 अंक पर बंद हुआ।सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक सबसे ज्यादा 6.72 प्रतिशत नीचे आया। इसके अलावा टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, विप्रो, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी गिरावट रही।दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, टाइटन, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, इंडसइंड बैंक और आईटीसी शामिल हैं। इनमें 2.24 प्रतिशत तक की तेजी रही।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मुख्य रूप से आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार में गिरावट आई। वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका से कारोबार में नरमी आने की चिंता से आईटी शेयरों में बिकवाली हुई।’’उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, वैश्विक शेयर बाजार में कमोबेश तेजी रही। यह अलग बात है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह नीतिगत दर 0.50 प्रतिशत बढ़ा सकता है।’’साप्ताहिक आधार भी सेंसेक्स 686.83 अंक यानी 1.09 प्रतिशत जबकि एनएसई निफ्टी 199.50 अंक यानी 1.06 प्रतिशत नुकसान में रहा है।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सत्रों से ऐसा लगता है कि बाजार स्वयं को सुदृढ़ कर रहा है। अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक निवेश को कम कर रहे हैं। अमेरिका में पीपीआई (उत्पादक कीमत सूचकांक) शुक्रवार को जारी होगा जबकि मुद्रास्फीति (सीपीआई) आंकड़ा 13 दिसंबर को जारी होगा। इसपर निवेशकों की नजर होगी क्योंकि इससे फेडरल रिजर्व के निर्णय पर असर पड़ेगा।’’एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे।यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में हल्की तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को तेजी थी।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.05 प्रतिशत बढ़कर 76.19 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने शुक्रवार को 158.01 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी की बलेनो पिछले महीने देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही, जहां इसके 20,000 से भी ज्यादा यूनिट्स बिके। यह मारुति की प्रीमियम हैचबैक है, जिसकी बिक्री नेक्सा डीलरशिप के जरिए होता है। मारुति अपनी इस कार पर बहुत कम ही मौकों पर डिस्काउंट देती है। लेकिन, इस दिसंबर महीने मारुति बलेनो पर ग्राहकों को कुल 20,000 रुपये तक की छूट मिल रही है।मारुति सुजुकी इस महीने अपनी बलेनो के सभी मैनुअल वैरिएंट्स पर कुल 20,000 रुपये तक का डिस्काउंट दे रही है। इनमें 10,000 रुपये का कंज्यूमर ऑफर शामिल है। इसके अलावा पुरानी कार एक्सचेंज करने पर ग्राहकों को 10,000 रुपये तक का छूट मिलेगा।बलेनो के मैनुअल वैरिएंट्स पर जहां कुल 20,000 रुपये तक का डिस्काउंट मिल रहा है। वहीं, AGS पर कोई भी छूट नहीं मिल रही है।पिछले महीने (नवंबर 2022) मारुति सुजुकी बलेनो को 20,945 ग्राहकों ने खरीदा। जबकि, पिछले साल नवंबर महीने में इसके केवल 9,931 यूनिट्स ही बिके थे। यानी पिछले साल के नवंबर महीने के मुकाबले इसकी बिक्री 11 फीसदी बढ़ी है।मारुति सुजुकी ने अभी हाल ही में अपनी बलेनो का सीएनजी मॉडल भारत में लॉन्च किया है। बलेनो का सीएनजी मॉडल दो वैरिएंट्स में आता है। बलेनो के CNG मॉडल की भारतीय बाजार में शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 8.28 लाख रुपये है। Baleno S-CNG में 1.2-लीटर का पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 6,000 आरपीएम पर 76 BHP का मैक्सिमम पावर और 4,300 आरपीएम पर 98.5 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इसका इंजन 5-स्पीड ट्रांसमिशन से लैस है।
- नयी दिल्ली । रुपये के मूल्य में सुधार आने के बीच शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 30 रुपये घटकर 54,305 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।.इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 54,335 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी का भाव 558 रुपये की तेजी के साथ 67,365 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा।डॉलर के कमजोर होने और घरेलू शेयर बाजार में मजबूती होने के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को आरंभिक कारोबार के दौरान अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 19 पैसे सुधरकर 82.19 रुपये प्रति डॉलर हो गया।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘रुपये के मजबूत होने से घरेलू बाजार में सोने की कीमत में कुछ गिरावट आई।’’अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,791.9 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी भी तेजी के साथ 23.07 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘डॉलर इंडेक्स में गिरावट आने के बीच सोने और चांदी की कीमतों में तेजी रही। निवेशकों की निगाह अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक में ब्याज दर में वृद्धि के संदर्भ में होने वाले फैसले और महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर है।’’
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कोलकाता। भारत की जी20 अध्यक्षता के मौके पर चाय बोर्ड अगले साल गुजरात में विभिन्न किस्म की चाय की चुस्की लेने और उसका लुत्फ उठाने के लिये केंद्र स्थापित करेगा। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कॉफी और मोटे अनाज जैसी अन्य जिंसों के लिए भी इसी तरह के अनुभव क्षेत्र बनाए जाएंगे। इसमें से एक, गुजरात में जून 2023 में केवड़िया में स्थापित किया जाएगा और इसके साज-सज्जा का जिम्मा चाय बोर्ड संभालेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने भारत की जी-20 अध्यक्षता से संबंधित कुछ गतिविधियों और प्रचार का नेतृत्व करने के लिए एक व्यापार और निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) का गठन किया है। सूत्रों ने कहा कि चाय कंपनियों को केवल भारत में उगाए जाने वाले पेय के प्रचार की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों को अनुभव क्षेत्र में भारतीय चाय की समृद्धि का स्वाद चखने का मौका मिलेगा। सूत्रों ने कहा कि चाय के अलावा, मुंबई, बेंगलुरु और जयपुर में मसालों, कॉफी और मोटे अनाज जैसी वस्तुओं के लिए ऐसे अन्य क्षेत्र बनाए जाएंगे। भारत ने एक दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। - नयी दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा है कि उसने शहर की मौजूदा बस और फीडर सेवाओं के साथ चेन्नई में मेट्रो रेल प्रणाली संपर्क की नई लाइन बिछाने और मेट्रो रेल नेटवर्क में सुधार के लिए 78 करोड़ डॉलर की वित्त सुविधा को मंजूरी दी है। यह वित्त सुविधा विभिन्न किस्तों में दी जाएगी। दक्षिण एशिया के लिए एडीबी के वरिष्ठ परिवहन विशेषज्ञ एंड्री हेरियावान ने कहा, ‘‘यह परियोजना चेन्नई की मेट्रो रेल प्रणाली का विस्तार करेगी ताकि शहरी यातायात में सुधार लाने और शहर को रहने योग्य बनाने के लिए एक सुरक्षित और एकीकृत परिवहन समाधान प्रदान किया जा सके।'' एडीबी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि स्टेशनों में आपदा से निपटने की व्यवस्था होगी। साथ ही बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और ‘ट्रांसजेंडर लोगों' के के लिए जरूरी सुविधाएं होंगी।
- मुंबई। अडाणी समूह की दो कंपनियों अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी ट्रांसमिशन के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की अगुवाई में शीर्ष 100 कंपनियों ने वर्ष 2016-17 से 2021-22 के दौरान कुल 92.2 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जोड़ी है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल की 27वीं वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि 2022 में अभी तक अडाणी समूह की उक्त दो कंपनियो ने संपत्ति निर्माण में आरआईएल को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2016-17 से 2021-22 के दौरान पांच साल में संपत्ति निर्माण के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। गौतम अडाणी समूह की कंपनियां इस साल आश्चर्यजनक ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं। इस दौरान समूह ने कई संपत्तियां खरीदीं और नए क्षेत्रों में प्रवेश किया। फोर्ब्स अरबपतियों की सूची के अनुसार अडाणी समूह में तेजी इतनी अधिक थी कि 16 सितंबर को अडाणी 155.7 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उनसे आगे सिर्फ एलन मस्क थे। इस दिन अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट और अडाणी ट्रांसमिशन के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे।रिपोर्ट के मुताबिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र 2017-2022 के बीच संपत्ति बनाने के लिहाज से सबसे बड़ा क्षेत्र रहा। इसके बाद वित्तीय क्षेत्र का स्थान था। यह रिपोर्ट 2016-17 से 2021-22 के दौरान संपत्ति सृजित करने वाली शीर्ष 100 कंपनियों के अध्ययन पर आधारित है। संपत्ति सृजन का आकलन इन कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बदलाव के आधार पर किया गया है
- नयी दिल्ली,। विदेशों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 211 रुपये बढ़कर 54,270 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले, कारोबारी सत्र में सोना 54,059 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था चांदी भी 593 रुपये की तेजी के साथ 66,662 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ''निवेशकों की जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने तथा अमेरिकी बांड प्रतिफल कम होने एशियाई कारोबार के घंटों में सोने की कीमतों में तेजी आई।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,782.3 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी भी तेजी के साथ 22.71 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा, ''अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक में निवेशकों को ब्याज दर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने की उम्मीद के कारण डॉलर के कमजोर होने और अमेरिकी बांड प्रतिफल घटने के बाद सोना कीमतों को समर्थन प्राप्त हुआ।
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आरबीआई के कदम से कर्ज होगा महंगा, पर आवास मांग पर मामूली असर: रियल्टी उद्योग
नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर में वृद्धि से आवास ऋण की ब्याज दरों में वृद्धि से मकानों की मांग पर असर पड़ेगा। हालांकि यह असर हल्का और कुछ समय के लिये ही होगा। रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों ने बुधवार को यह कहा। उनका यह भी कहना है कि कर्ज महंगा होने से मकानों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।आरबीआई ने बुधवार को महंगाई को काबू में लाने के लिये बुधवार को रेपो दर 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। रियल्टी क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘रेपो देरों में वृद्धि का घर खरीदारों समेत अंतिम उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ता है क्योंकि बैंक को इस वृद्धि का भार अंतत: ग्राहकों पर ही डालेंगे और कुछ ही समय में इसका मांग पर असर पड़ सकता है।'' संपत्ति परामर्शदाता एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने आवास बिक्री पर कुछ असर पड़ने की आशंका जताई और कहा, ‘‘रेपो दर में वृद्धि का आवास ऋण की ब्याज दरों पर निश्चित ही असर पड़ेगा। ब्याज दर जब तक एकल अंक में रहती है तब तक आवास पर इसका असर नरम ही रहेगा।'' गौड़ समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक और क्रेडाई (एनसीआर) के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘मौजूदा रेपो दर में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए उत्साहजनक नहीं है। इस साल मई के बाद से यह पांचवीं वृद्धि है और इन आठ महीनों में ही 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस लगातार बढ़ोतरी से क्षेत्र को निश्चित रूप से नुकसान होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि यह दरों में आखिरी वृद्धि होगी, अन्यथा रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी कायम नहीं रह पाएगी और इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।'' वाणिज्यिक रियल एस्टेट सेवा प्रदाता कंपनी सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘रेपो दरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि करने का कदम आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए उठाया है। यह वृद्धि अनुमानित थी। हमारा मानना है कि आरबीआई की मौद्रिक सख्ती अब अंतिम चरण में है जो रियल एस्टेट उद्योग के लिए एक अच्छी खबर है।'' टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय दत्त ने कहा कि आरबीआई के इस कदम का आवास ऋण की ब्याज दरों पर असर पड़ेगा, इसके बावजूद 2022-23 की आगामी तिमाही रियल एस्टेट की सभी श्रेणियों में निवेश के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ रहने वाली है क्योंकि इसे कौशल आधारित रोजगार बाजार में मजबूती से गति मिलेगी। शपूरजी पलोनजी रियल एस्टेट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी वेंकटेश गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘रेपो देरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि मुद्रास्फीति से निपटने और रियल एस्टेट उद्योग की वृद्धि को बनाए रखने, दोनों के लिहाज से ठीक है।'' रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय क्रेडाई (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा, ‘‘अभी यह क्षेत्र महामारी के प्रकोप से बाहर निकलना शुरू ही किया है। ऐसे में नीतिगत दर में वृद्धि अच्छी नहीं है। डेवलपरों और खरीदारों को अपने मौजूदा कर्ज के लिए और अधिक पैसा देना होगा। उन्होंने कहा कि यह नई पेशकश और नए घरों की खरीद को भी प्रभावित करेगा। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों से रियल एस्टेट परियोजनाओं की लागत भी बढ़ेगी। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर किफायती श्रेणी पर पड़ेगा। वहीं मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि रेपो दर में बढ़ोतरी का रियल एस्टेट की मांग पर विशेष असर नहीं पड़ेगा, लेकिन मुद्रास्फीति को रोकने में मदद जरूर मिलेगी जो रियल्टी क्षेत्र को भी प्रभावित करती है। एसकेए समूह के निदेशक संजय शर्मा ने भी कहा कि आरबीआई महंगाई को कम करने का प्रयास कर रहा है। महंगाई कम होने का फायदा अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट क्षेत्र को होगा। दूसरी ओर, मांग बढ़ने से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि को भी समर्थन मिलेगा। कॉलियर्स इंडिया में प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार एवं निवेश सेवा) पीयूष गुप्ता ने कहा, ‘‘किफायती और मध्यम कीमतों वाले आवासों पर कीमतों का बड़ा असर पड़ता है और इनमें निकट भविष्य में कुछ नरमी देखने को मिल सकती है क्योंकि दरों में वृद्धि से आवास ऋण की दर भी बढ़ेगी। हालांकि महंगे और अनेक सुविधाओं वाले आवासों की मांग पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।'' रियल एस्टेट समूह 360 रियल्टर्स के प्रबंध निदेशक अंकित कंसल ने कहा कि मुद्रास्फीति न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी अधिक है और महंगाई को बढ़ने से रोकने के लिए कदम उठाना अनिवार्य है। वहीं, रेजिडेंशियल भारतीय अर्बन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अश्विंदर आर सिंह ने कहा कि ब्याज दर बढ़ने से निर्माण और अन्य कर्ज महंगे होंगे, जिससे मकान की कीमतों पर असर पड़ेगा। अब यह जरूरी है कि कंपनियां एक बेहतर उत्पाद बनाने पर ध्यान केंद्रित कर स्वयं को ज्यादा लाभदयक स्थिति में लायें। सिग्नेचर ग्लोबल के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि मुद्रास्फीति के परिदृश्य के मद्देनजर यह अनुमान था कि केंद्रीय बैंक दरों में वृद्धि करेगा और इसका असर आवास ऋण की दरों पर पड़ेगा। हालांकि बीते एक साल में दरों में कई बार वृद्धि के बावजूद उद्योग में मांग मजबूत बनी हुई है और हमें उम्मीद है कि यह जारी रहने वाला है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह उम्मीद करते हैं कि यह दरों में अंतिम वृद्धि होगी क्योंकि और बढ़ोतरी करने पर घर खरीदारों विशेषकर किफायती और मध्यम श्रेणी के खरीदरों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ेगा। रेपो दरों में वृद्धि को अनुमान के मुताबिक बताते हुए इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमित गोयल ने कहा, ‘‘आवास ऋण पर ब्याज दरों में 1.50 फीसदी की वृद्धि का असर देश के शीर्ष सात शहरों में आवास मांग पर नहीं पड़ा और मांग में मजबूती जारी है। हमारा मानना है कि जब तक आवास ऋण पर ब्याज दर एकल अंक में रहती है तब तक मांग में गति जारी रहेगी।'' त्रेहन समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने आरबीआई के कदम को संतुलन भरा बताया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक ने यह कदम मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए उठाया और इसके साथ ही वृद्धि को प्राथमिकता दी। उच्च ब्याज दरों वाली व्यवस्था उद्योग और उपभोक्ता किसी को अच्छी नहीं लगती है, हमें उम्मीद है कि आगे जाकर मुद्रास्फीति की स्थिति में सुधार आएगा और दरों में भी धीरे-धीरे कमी आएगी।'' नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘आरबीआई ने रेपो दरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि का फैसला बहुत ही विवेकपूर्ण ढंग से लिया है। पहले जो वृद्धि की गई थी वह कहीं अधिक थी। यह, संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक ऊंची मुद्रास्फीति के बावजूद निरंतर आर्थिक वृद्धि की दिशा में उठाया गया एक संतुलित कदम है। यह अनुमान के मुताबिक है...। -
ई-केवाईसी कर चुके ग्राहक को बैंक सत्यापन के लिए न बुलाएं: आरबीआई
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि यदि ग्राहक ने ई-केवाईसी करा लिया है या फिर ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)' प्रक्रिया को सी-केवाईसी पोर्टल पर पूरा कर लिया गया है तो बैंकों को उन्हें शाखा के स्तर पर सत्यापन और सूचना अद्यतन करने के लिए नहीं कहना चाहिए। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बैंकों के जो ग्राहक केवाईसी सत्यापन ऑनलाइन तरीके से पूरा कर लेते हैं, वे प्रति वर्ष जानकारी में बदलाव और व्यक्तिगत विवरण में परिवर्तन भी ऑनलाइन तरीके से कर सकते हैं। दास ने कहा कि बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर सत्यापन या जानकारी अद्यतन करने के लिए शाखा में आने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अपने केवाईसी विवरण को सी-केवाईसी पोर्टल पर अपलोड कर चुके ग्राहकों को भी सत्यापन के लिए बैंक में आने को नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राहक अपनी पंजीकृत ईमेल आईडी या मोबाइल से बैंक को ईमेल या संदेश भेजकर कह सकता है कि वे सी-केवाईसी पोर्टल से उनके केवाईसी विवरण ले लें। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि बैंकों के शाखा स्तर पर इस बारे में जागरूकता की कमी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक नियमित तौर पर बैंकों से कहता है कि वे इस तरह के विवरण के लिए ग्राहकों को परेशान न करें।