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- मुंबई । देश में विदेशी मुद्रा भंडार के उच्च स्तर पर होने से विदेशों से कर्ज की लागत के साथ-साथ तथा कंपनियों के लिये जोखिम प्रबंधन की लागत भी कम हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में यह कहा गया है। आरबीआई 2019 से विदेशी मुद्रा भंडार पर जोर दे रहा है और यह तीन सितंबर, 2021 को रिकॉर्ड 642.453 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह दिसंबर, 2018 के मुकाबले दोगुना से अधिक है। हालांकि मार्च, 2022 में विदेशी मुद्रा भंडार 14.272 अरब डॉलर घट गया। इसका कारण विकसित देशों में ब्याज दर बढ़ने और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण घरेलू बाजार से पूंजी निकासी है। ‘उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी मुद्रा भंडार बफर: चालक, उद्देश्य और निहितार्थ' शीर्षक से प्रकाशित लेख में कहा गया है, ‘‘भारत के लिये विदेशी मुद्रा भंडार के उच्च स्तर को विदेशी उधारी के साथ-साथ जोखिम प्रबंधन की कम लागत के रूप में देखा जाता है।'' इस लेख को आरबीआई के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के डी केशो राउत और दीपिका रावत ने लिखा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि उसके दृष्टिकोण के अनुरूप हों। लेख के अनुसार हाल के वर्षों में भारत के मुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण शुद्ध पूंजी प्रवाह के मुकाबले चालू खाता घाटे (सीएडी) का मामूली स्तर पर होना है। इसके अनुसार यह मोटे तौर पर कोविड के बाद की अवधि में कुछ उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में देखी गई प्रवृत्ति के अनुरूप है। यह आंशिक तौर पर विकसित अर्थव्यवस्थाओं में काफी सस्ती मौद्रिक नीति का नतीजा है। इसके कारण अधिक रिटर्न की तलाश में वहां से पूंजी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में आई। देश का चालू खाते का घाटा 2019-20 में उल्लेखनीय रूप से कम हुआ और 2020-21 में अधिशेष में रहा। दूसरी तरफ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ पूंजी खाते में इन दोनों साल अधिशेष की स्थिति रही।
- नयी दिल्ली। जीवन बीमा कंपनियों की नए कारोबार से प्रीमियम आय वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 13 फीसदी बढ़कर 3,14,263 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार को ये आंकड़े जारी किए।आंकड़ों के मुताबिक, 24 जीवन बीमा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020-21 में नए कारोबार से कुल 2,78,277.98 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय हासिल की थी। आंकड़ों के मुताबिक, जल्द ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने जा रही सार्वजनिक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने समाप्त वित्त वर्ष में नए कारोबार से सर्वाधिक 1,98,759.85 करोड़ रुपये का प्रीमियम जुटाया। यह एक साल पहले के 1,84,174.57 करोड़ रुपये की तुलना में करीब आठ फीसदी अधिक है। एलआईसी को छोड़कर बाकी 23 जीवन बीमा कंपनियां निजी क्षेत्र की हैं। इनकी नए कारोबार से कुल प्रीमियम आय 1,15,503.15 करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2020-21 की 94,103.42 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय से करीब 23 प्रतिशत अधिक है। अगर जीवन बीमा कारोबार में हिस्सेदारी के नजरिये से देखें तो एलआईसी का इस बाजार के 63.25 फीसदी हिस्से पर कब्जा है जबकि बाकी 36.75 फीसदी हिस्सा 23 निजी कंपनियों के पास है।
- मुंबई | भारत के निर्यात-आयात कारोबार में श्रीलंका की हिस्सेदारी सिर्फ 0.64 प्रतिशत है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट का घरेलू कंपनियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का निर्यात-आयात कारोबार 1,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है।उल्लेखनीय है कि श्रीलंका विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के बाद मार्च के बाद से संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार घटने के कारण श्रीलंका ने पिछले सप्ताह 44 अरब डॉलर के अपने सभी विदेशी ऋण के भुगतान में चूक की है। संकट इतना विकट है कि नोटबुक और स्याही के अभाव में इसके स्कूल बंद हैं, अखबारों ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया है और हिंद महासागर स्थित इस राष्ट्र में भोजन, ईंधन और बिजली की राशनिंग हो चली है। श्रीलंका बहुत हद तक पर्यटन पर निर्भर है। वर्ष 2019 में इस्लामिक मिलिशिया द्वारा ईस्टर के मौके पर श्रीलंका पर भारी बमबारी की थी और उसके बाद अब यह देश महामारी का कहर झेल रहा है। इसके अलावा श्रीलंकाई का रुपया, जिसका मूल्य संकट से पहले एक अमेरिकी डॉलर पर 195 होता था, वह तेज गिरावट के साथ मौजूदा समय में लगभग 325 श्रीलंकाई रुपये प्रति डॉलर पर आ गया है।
- मुंबई. लग्जरी कार कंपनी जगुआर लैंडरोवर इंडिया (जेएलआर) ने अपने नए डिस्कवरी मेट्रोपॉलिटन संस्करण की बुकिंग 1.26 करोड़ रुपये की शोरूम कीमत पर शुरू कर दी है। जेएलआर ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सात सीटों वाले इस एसयूवी मॉडल में कई बदलाव किए गए हैं और नए दौर को ध्यान में रखते हुए कई नई खूबियां एवं फीचर जोड़े गए हैं। जेएलआर का डिस्कवरी मेट्रोपॉलिटन संस्करण पी360 इंजेनियम पेट्रोल इंजन के साथ डी300 इंजेनियम डीजल इंजन के साथ भी उपलब्ध है। इसका मेट्रोपॉलिटन संस्करण 12.3 इंच के इंटरैक्टिव ड्राइवर डिस्प्ले, वायरलेस फोन चार्जिंग एवं क्लाइमेट कंट्रोल जैसी खूबियों के साथ आता है। जेएलआर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा, ‘‘लैंड रोवर डिस्कवरी भारतीय बाजार में उपलब्ध शायद सबसे ज्यादा खूबियों वाली सात सीटों की एसयूवी है। इसका मेट्रोपॉलिटन संस्करण हमारे ग्राहकों के लिए कई मायने में मूल्यवर्द्धन करता है।
- नयी दिल्ली. ऑटो उद्योग के संगठन सिआम के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत से यात्री वाहनों का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 43 प्रतिशत बढ़ गया, जिसमें मारुति सुजुकी इंडिया 2.3 लाख से अधिक इकाइयों के साथ अग्रणी रही। आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में कुल यात्री वाहनों (पीवी) का निर्यात 5,77,875 इकाई रहा, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 4,04,397 इकाई था। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) के आंकड़ों के मुताबिक यात्री कार खंड में 42 प्रतिशत वृद्धि के साथ 3,74,986 इकाइयों का निर्यात किया गया, जबकि उपयोगिता वाहन खंड में निर्यात 46 प्रतिशत बढ़कर 2,01,036 इकाइयों पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2021-22 में वैन का निर्यात बढ़कर 1,853 इकाई हो गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 1,648 इकाई था। निर्यात के लिहाज से मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) अग्रणी रही, जबकि इसके बाद हुंडई मोटर इंडिया और किआ इंडिया रहे। एमएसआई ने समीक्षाधीन अवधि में 2,35,670 यात्री वाहनों का निर्यात किया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले दोगुने से अधिक है।
- नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने तत्काल प्रभाव से अपने सभी मॉडलों की कीमतों में वृद्धि की है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसने लागत में बढ़ोतरी के चलते यह फैसला किया। कंपनी ने कहा कि सभी मॉडलों की कीमतों में औसतन 1.3 प्रतिशत (दिल्ली में शोरूम कीमत) बढ़ोतरी की गई है। एमएसआई ने छह अप्रैल को शेयर बाजार को बताया था कि कच्चे माल में तेजी के चलते उसके वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। एमएसआई ने जनवरी 2021 से मार्च 2022 तक अपने वाहनों की कीमतों में लगभग 8.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
- नयी दिल्ली. थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) मार्च में चार महीने के उच्च स्तर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से कच्चे तेल और जिंसों की कीमतों तेजी के चलते हुई, जबकि इस दौरान सब्जियों की कीमतों में कमी देखी गई। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से लेकर लगातार 12वें महीने में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में बनी हुई है। इससे पहले नवंबर 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 14.87 प्रतिशत थी। फरवरी 2022 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 13.11 प्रतिशत थी, जबकि मार्च 2021 में यह 7.89 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.06 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 8.19 प्रतिशत थी। इस दौरान सब्जियों की महंगाई दर 26.93 फीसदी से घटकर 19.88 फीसदी रही। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मार्च 2022 में ऊंची मुद्रास्फीति मुख्य रूप से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं आदि की कीमतों में वृद्धि के चलते रही। रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण भी महंगाई बढ़ी।" समीक्षाधीन माह में विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति 10.71 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 9.84 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति 34.52 प्रतिशत थी। कच्चे तेल की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 83.56 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 55.17 प्रतिशत थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत रही। यह लगातार तीसरा महीना है, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति आरबीआई द्वारा तय छह प्रतिशत की सीमा से अधिक है।
- मुंबई. घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 1,172.19 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ। एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले इन्फोसिस, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक में गिरावट के साथ बाजार नुकसान में रहा। यह लगातार चौथा कारोबारी सत्र है, जब बाजार नीचे आया है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,172.19 अंक यानी 2.01 प्रतिशत लुढ़क कर 57,166.74 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,496.54 अंक यानी 2.56 प्रतिशत तक नीचे चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 302 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,173.65 अंक पर बंद हुआ। नुकसान में रहने वाले सेंसेक्स के शेयरों में इन्फोसिस, एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, विप्रो और टीसीएस प्रमुख रूप से शामिल हैं। दूसरी तरफ एनटीपीसी, टाटा स्टील, मारुति, टाइटन, नेस्ले और महिंद्रा एंड महिंद्रा लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। इन्फोसिस के चौथी तिमाही के परिणाम के बाद कंपनी का शेयर 7.14 प्रतिशत नीचे आया। कंपनी का वित्तीय परिणाम बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। एचडीएफसी बैंक 4.53 प्रतिशत टूटकर 1,398.50 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि शनिवार को की गयी घोषणा के अनुसार निजी क्षेत्र के बैंक का शुद्ध लाभ मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही में 22.8 प्रतिशत उछलकर 10,055.2 करोड़ रुपये रहा है। इस बीच, रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने के चलते कच्चे तेल और अन्य जिंसों के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च महीने में चार माह के उच्चस्तर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की नुकसान में रहे। हांगकांग का हैंगसेंग अवकाश के कारण बंद था। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.18 प्रतिशत फिसलकर 111.5 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।शेयर बाजार बृहस्पतिवार को महावीर जयंती और डॉ. आंबेडकर जयंती तथा शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर बंद रहे। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,061.04 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली. इंडियाबुल्स रियल एस्टेट ने सोमवार को कहा कि वह संस्थागत निवेशकों को शेयर जारी कर जुटाए गए 865 करोड़ रुपये का इस्तेमाल मुख्य रूप से जमीन अधिग्रहण और कर्ज के भुगतान के लिए करेगी। इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लिमिटेड (आईबीआरईएल) सात मार्च को अपना पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) निर्गम लेकर आई थी जो 12 अप्रैल को बंद हुआ था। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा है कि उसने क्यूआईपी के जरिेये 101.10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 865 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई है। इन शेयरों का सोमवार को बीएसई एवं एनएसई में कारोबार भी शुरू हो गया। बहरहाल क्यूआईपी के जरिये हिस्सेदारी बेचने से इंडियाबुल्स के मौजूदा प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में कुल 15.8 फीसदी की कमी आई है। आईबीआरईएल ने कहा, ‘‘कंपनी के पास पर्याप्त नकदी है और क्यूआईपी से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल भूमि अधिग्रहण, भूमि विकास अधिकार खरीदने, दीर्घकालिक कार्यशील पूंजी की जरूरत और कर्ज के भुगतान के लिए किया जाएगा।'' क्यूआईपी दौर में ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, निप्पन लाइफ इंडिया ट्रस्टी लिमिटेड, कॉपथाल मॉरीशस इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, मॉर्गन स्टेनले एशिया (सिंगापुर), सोसायटी जनरल और बैली गिफॉर्ड पैसिफिक फंड ने शिरकत की। आईबीआरईएल के गैर-कार्यकारी चेयरमैन एवं स्वतंत्र निदेशक के जी कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘हम मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों और अस्थिर बाजार के बीच निवेशक समुदाय से मिले समर्थन एवं विश्वास के लिए उनके आभारी हैं।'' मुंबई और एनसीआर क्षेत्र के रियल एस्टेट बाजार में मौजूदगी रखने वाली आईबीआरईएल एक सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी है और मध्यम आय से लेकर प्रीमियम एवं लग्जरी आवासीय खंड में सक्रिय है।
- नयी दिल्ली. एलएमएल इलेक्ट्रिक ने जर्मनी की इलेक्ट्रिक हाइपरबाइक विनिर्माता ईरॉकेट एजी के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए आशय-पत्र (ईओआई) पर दस्तखत किए हैं। संयुक्त उपक्रम को लेकर यदि दोनों पक्षों के बीच सहमति बन जाती है, तो इस तरह की बाइक का भारत में एलएमएल के केंद्रों में बड़े पैमाने पर उत्पादन हो सकेगा। एलएमएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी योगेश भाटिया ने बयान में कहा, ‘‘इस करार के साथ प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और उपभोक्ता अनुभव को नए आयाम मिलेंगे।'' पैडल से चलने वाली इलेक्ट्रिक मोटरबाइक ‘ईरॉकेट' की सर्वाधिक गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है, इसमें आधुनिक बैटरी और इलेक्ट्रिक डायरेक्ट ड्राइव मोटर है।
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मुंबई। स्पाइसजेट 26 अप्रैल से अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अतिरिक्त नॉन-स्टॉप उड़ानें शुरू करेगी। विमानन कंपनी ने सोमवार को कहा कि वह नई एवं उभरती मांगों को पूरा करने के लिए नई उड़ानें शुरू करेगी।चरणबद्ध रूप से शुरू की जा रही इन उड़ानों में अहमदाबाद को मस्कट से, मुंबई को ढाका से, कोझीकोड को जेद्दा और रियाद से तथा मुंबई को सऊदी अरब में रियाद और जेद्दा से जोड़ने वाली सेवाएं शामिल हैं।स्पाइसजेट ने बताया कि घरेलू नेटवर्क में अहमदाबाद से गोवा, बागडोगरा और शिरडी के लिए नई उड़ानें शुरू की जाएंगी। इसके साथ ही तिरुपति और गुवाहाटी को मुंबई से जोड़ा जाएगा। कंपनी ने कहा कि दिल्ली-जबलपुर, दिल्ली-लेह, अहमदाबाद-देहरादून, हैदराबाद-शिरडी, मुंबई-गोवा और मुंबई-श्रीनगर रूट पर उड़ानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। सभी नई और अतिरिक्त उड़ानों के लिए बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है। स्पाइसजेट की मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी शिल्पा भाटिया ने कहा कि इस पहल से आम यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ेगी और साथ ही पर्यटन तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- नयी दिल्ली। जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी बीएमडब्यू ने सोमवार को एक्स4 मॉडल का ‘सिल्वर शेडो’ संस्करण बाजार में उतारा। इसकी शुरुआती शोरूम कीमत 71.9 लाख रुपये है।इस मॉडल का विनिर्माण चेन्नई में बीएमडब्ल्यू समूह के संयंत्र में किया जाता है। इसका नया विशेष संस्करण पेट्रोल और डीजल दोनों तरह के इंजन विकल्पों में उपलब्ध है।कंपनी ने बयान में कहा कि पेट्रोल इंजन वाले मॉडल में दो लीटर का इंजन है जिसकी क्षमता 252 हॉर्सपावर की है। यह गाड़ी मात्र 6.6 सेकंड में शून्य से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी कीमत 71.9 लाख रुपये से शुरू है।वहीं डीजल इंजन में तीन लीटर का इंजन और 265 हॉर्सपावर की क्षमता है। यह गाड़ी मात्र 5.8 सेकंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर पहुंच सकती है। इसकी कीमत 73.9 लाख रुपये से शुरू है। कंपनी ने बताया कि सोमवार से गाड़ी की बुकिंग ऑनलाइन की जा सकती है।
- नयी दिल्ली। जर्मनी की लग्जरी कार विनिर्माता कंपनी ऑडी अपनी लोकप्रिय सेडान ए8 का नया संस्करण भारत में उतारने की योजना बना रही है। यह भारतीय बाजार में इस साल ऑडी द्वारा उतारी जाने वाली दूसरी गाड़ी होगी।कंपनी अगले कुछ दिनों में नई ए 8 के लिए बुकिंग शुरू करेगी और इसके कुछ हफ्तों बाद गाड़ी पेश की जाएगी। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लन ने कहा, '' ए8 हमारी लोकप्रिय गाड़ी है। हमारे पोर्टफोलियो में यह बहुत महत्वपूर्ण कार है। इस कार में तीन लीटर का पेट्रोल इंजन होगा और इसे पूर्ण रूप से तैयार इकाई के रूप में आयात किया जाएगा। इससे पहले ऑडी ने इसी साल फरवरी में एसयूवी क्यू7 का नया संस्करण भारतीय बाजार में उतारा था।
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कोलकाता। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपना खुद का ई-नीलामी मंच शुरू करने वाली है और उसने नए एवं मौजूदा बोलीदाताओं को इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने को कहा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह पोर्टल शुरू किए जाने की जानकारी दी। इस समय सीआईएल के ई-नीलामी पोर्टल का प्रबंधन एमजंक्शन और सार्वजनिक क्षेत्र की एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। ई-नीलामी में कोल इंडिया के सालाना करीब 12 करोड़ टन कोयले की बिक्री की जाती है जबकि बाकी बिक्री ईंधन आपूर्ति समझौतों और अन्य विशेष बिक्री खिड़कियों से की जाती है। कोल इंडिया के ई-नीलामी पोर्टल को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने तैयार किया है और यह सीआईएल की अनुषंगी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड द्वारा समर्थित है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम अगले छह महीने में आंतरिक रूप से कोयले की ई-नीलामी शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं। नीलामी अच्छी तरह शुरू हो जाए तभी हम लागत एवं फायदों के बारे में जान पाएंगे। - नयी दिल्ली.एचसीएल के सह-संस्थापक अजय चौधरी का कहना है कि अनुकूल नीतियों के सहारे भारत का विनिर्माण को प्रोत्साहन देना समय की मांग है और इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर क्षेत्र में व्यापक अवसर का फायदा उठाने के लिए वह मजबूत स्थिति में है। सेमीकंडक्टर के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से गठित सलाहकार समिति के सदस्य चौधरी ने भरोसा जताया है कि भारत हार्डवेयर उत्पादन एवं चिप के निर्माण में दुनिया के लिए एक भरोसेमंद साझेदार के तौर पर उभर सकता है। चौधरी ने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए नीतिगत कदमों ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर उत्पादन के वैश्विक केंद्र के तौर पर उभरने का ठोस आधार तैयार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, मुझे यह एक शानदार नीति लगती है। मेरा मानना है कि मौजूदा हालात में यह और भी अहम हो गई है। चीन को लेकर दुनियाभर में भरोसे की कमी होने का मतलब है कि हमारे पास न सिर्फ भारत में बने सेमीकंडक्टर चिपों के निर्यात करने का बढ़िया मौका है बल्कि यहां बना हार्डवेयर भी हम विदेशों को भेज सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत को अब इस मौके का लाभ उठाने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है और सेमीकंडक्टर एवं हार्डवेयर के लिए चीन के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करना चाहिए। चौधरी ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में जब आपूर्ति शृंखला पर काफी असर पड़ रहा है, दुनिया विकल्पों की तलाश कर रही है। भारत एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में उभर सकता है क्योंकि हमारी पहचान ऐसी ही रही है।'' उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की लगातार आ रही लहरें और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे भू-राजनीतिक तनाव से लागत और आपूर्ति शृंखलाओं को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, लेकिन इससे भारत के लिए विनिर्माण में एक मौका भी पैदा हुआ है। सरकार ने देश में ही सेमीकंडक्टर के विकास एवं विनिर्माण के लिए 76,000 करोड़ रुपये का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिये सेमीकंडक्टर के विनिर्माण एवं विकास से जुड़ने वाली कंपनियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी।
- नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) प्रतिस्पर्धियों को टक्कर देने और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के क्षेत्र में अगुवा बनने के लिए कई बिजलीचालित वाहन मॉडल उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इस क्षेत्र में अभी कंपनी का कोई मॉडल नहीं है। कंपनी के नए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने यह बात कही। कंपनी की योजना 2025 में पहला इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल उतारने की है। देश में ईवी की मांग बढ़ने पर वह भविष्य में अपने कारखानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण पर भी विचार कर रही है। पहला ईवी मॉडल सुजुकी मोटर के गुजरात संयंत्र में बनाया जाएगा। ताकेयूची ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में ईवी मॉडल उतारने के मामले में हम अपने प्रतिस्पर्धियों से कुछ पीछे रह गए हैं, वैसे भी बाजार में ईवी की मांग सीमित है। वास्तव में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अभी भी बहुत सीमित है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम ईवी के बारे में कुछ नहीं कर रहे। हम अपने मौजूदा मॉडलों के साथ बीते एक साल से भी अधिक समय से ईवी का परीक्षण कर रहे हैं। यह परीक्षण भारतीय माहौल के अनुरूप किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी ईवी प्रौद्योगिकी भारत के पर्यावरण के लिहाज से अच्छी है।'' ताकेयूची ने कहा कि कंपनी पहला इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में उतारेगी और फिर एक के बाद एक कई मॉडल उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन बहुत महंगे होते हैं और वर्तमान प्रौद्योगिकी के साथ किफायती इलेक्ट्रिक वाहन बनाना काफी कठिन है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि कंपनी का पहला ईवी 10 लाख रुपये से कम का नहीं होगा, ताकेयूची ने कहा, ‘‘मैं आपको इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे सकता हूं, लेकिन लागत के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धी बने रहते हुए कम महंगा इलेक्ट्रिक वाहन लाना काफी मुश्किल है। इसकी वजह बैटरी की लागत है।
- नयी दिल्ली. म्यूचु्अल फंड के बारे में बढ़ती जागरूकता, डिजिटल माध्यमों से लेनदेन में आई सुगमता और शेयर बाजारों में आए तेज उछाल से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) वित्त वर्ष 2021-22 में 3.17 करोड़ निवेशक खाते जोड़ने में सफल रहीं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में म्यूचुअल फंड खाता खोलने वाले निवेशकों की संख्या एक साल पहले की तुलना में बहुत अधिक बढ़ गई। वर्ष 2020-21 में 81 लाख नए खाते जुड़े थे। महिलाओं के लिए वित्तीय मंच मुहैया कराने वाली कंपनी एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीत राठी गुप्ता ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भी नए निवेशकों के म्यूचुअल फंड योजनाओं का हिस्सा बनने की तीव्र दर जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इससे सावधि जमाओं एवं बचत खातों से इतर निवेश के साधन के तौर पर म्यूचुअल फंड की तरफ रुझान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग पर बाजार के हालात, भू-राजनीतिक परिदृश्य, बढ़ती महंगाई और लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता का असर देखा जा सकता है। हालांकि, बैंकिंग प्रौद्योगिकी फर्म नियो के रणनीति प्रमुख स्वप्निल भास्कर का मानना है कि अगर खुदरा निवेशक ब्याज दरों में बदलाव होने पर बाजार की उठापटक से प्रभावित होते हैं, तो म्यूचुअल फंड के नए खातों की संख्या में थोड़ी गिरावट आ सकती है। एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2022 में 43 म्यूचुअल फंड कंपनियों के खातों की संख्या बढ़कर 12.95 करोड़ पर पहुंच गई जबकि मार्च, 2021 में यह संख्या 9.78 करोड़ थी। इस तरह एक वित्त वर्ष में ही 3.17 करोड़ नए खाते खुले हैं।
- नयी दिल्ली. निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 22.8 फीसदी उछलकर 10,055.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। देश में निजी क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक ने शेयर बाजारों को अपनी तिमाही नतीजों की जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में करों के लिए 2,989.5 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के बाद उसका शुद्ध लाभ 10,055.2 करोड़ रुपये रहा है। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 22.8 फीसदी अधिक है। बैंक ने जनवरी-मार्च 2021 की तिमाही में 8,186.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। वित्त वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही में एचडीएफसी बैंक की कुल एकल आय भी बढ़कर 41,085.78 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 38,017.50 करोड़ रुपये रही थी। इसके अलावा आलोच्य अवधि में बैंक की शुद्ध ब्याज आय एवं अन्य आय भी 7.3 फीसदी बढ़कर 26,509.80 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध राजस्व 24,714.10 करोड़ रुपये रहा था। पिछली तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय एक साल पहले की तुलना में 10.2 फीसदी बढ़कर 18,872.70 करोड़ रुपये रही। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर बैंक ने कहा कि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 31 मार्च 2022 को सकल अग्रिम का 1.17 फीसदी रहीं जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.26 फीसदी रही थीं। इसी तरह फंसे कर्जों के मामले में भी एचडीएफसी बैंक का प्रदर्शन सुधरा है। बीती तिमाही में बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध अग्रिम का 0.32 फीसदी रहा जबकि जनवरी-मार्च 2021 में यह अनुपात 0.40 फीसदी रहा था।
- नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में जारी तेजी के बीच विमानों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले एटीएफ की कीमतें भी शनिवार को 0.2 प्रतिशत बढ़ा दी गईं। यह एटीएफ की कीमतों में हुई इस साल की लगातार आठवीं बढ़ोतरी है। सार्वजनिक तेल कंपनियों की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक एटीएफ के दाम में 277.5 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 0.2 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस मूल्य वृद्धि के बाद राजधानी दिल्ली में एटीएफ के भाव 1,13,202.33 रुपये प्रति किलोलीटर हो गए हैं। इस तरह एटीएफ की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस बीच पेट्रोल एवं डीजल के दाम लगातार दसवें दिन अपरिवर्तित बने रहे। इसके पहले करीब दो हफ्ते में पेट्रोल और डीजल दोनों के दामों में 10-10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी। विमान ईंधन की कीमतों में हरेक महीने की पहली और 16वीं तारीख को संशोधन किया जाता है जबकि तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमत में दैनिक आधार पर बदलाव करने की छूट है। एटीएफ की कीमतों में 16 मार्च को 18.3 फीसदी की भारी वृद्धि की गई थी। उसके बाद एक अप्रैल को भी इसके दाम में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। बहरहाल कीमत में ताजा बढ़ोतरी के बाद मुंबई में एटीएफ की कीमत अब 1,11,981.99 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है जबकि कोलकाता में इसकी कीमत 1,17,753.60 रुपये और चेन्नई में 1,16,933.49 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी आयात पर निर्भर भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हुई हालिया बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में दर्ज की गई वृद्धि का नतीजा है। इसके अलावा महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था में तेल की मांग भी बढ़ रही है। किसी विमानन कंपनी की परिचालन लागत में करीब 40 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले एटीएफ की कीमत भी इस साल लगातार बढ़ी है। इस साल अब तक हुई आठ मूल्य वृद्धि में एटीएफ के दाम 39,180.42 रुपये प्रति किलोलीटर तक बढ़ चुके हैं।
- नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन और रूस से गेहूं का सर्वाधिक आयात करने वाले देश मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में तेजी से गिरावट आई है। ये दोनों ही देश गेहूं के प्रमुख उत्पादक और निर्यातक हैं। मिस्र ने 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था।अब मिस्र भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना चाहता है और अप्रैल में उसे 2,40,000 टन गेहूं की आवश्यकता होगी। गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। दुनिया सतत खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक स्रोत की खोज में है ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है। हमारे किसानों ने भंडारों को भरा रखा और हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं।’’अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर का हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 34.017 करोड़ डॉलर था। 2019-20 में गेहूं निर्यात 6.184 करोड़ डॉलर का था जो 2020-21 में बढ़कर 54.967 करोड़ डॉलर हो गया था। भारत गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सर्वाधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है। 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करने वाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं। दुनिया के कुल गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है। हालांकि उसकी हिस्सेदारी 2016 में 0.14 प्रतिशत से 2020 में बढ़कर 0.54 प्रतिशत हो गयी थी। भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और दुनिया में 2020 में गेहूं के कुल उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी करीब 14.14 फीसदी थी। भारत सालाना करीब 10.759 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है और ज्यादातर खपत घरेलू स्तर पर ही हो जाती है।
- नयी दिल्ली। कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने शुक्रवार को अपने मॉडल अर्टिगा के नए संस्करण को बाजार में उतारा। इसकी कीमत 8.35 से 12.79 लाख रुपये के बीच रखी गई है। अर्टिगा के नए संस्करण में 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन है और यह मैनुअल तथा ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से युक्त है। कंपनी ने इस वाहन के सीएनजी संस्करण को भी बाजार में उतारा है। नई अर्टिगा में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी है। मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिसाशी ताकेउची ने कहा, ‘‘भारतीय वाहन क्षेत्र में दस साल पहले जब अर्टिगा उतारी थी तो वह भी महत्वपूर्ण पल था। इसने एक नया खंड तैयार किया था जो 4.7 फीसदी की सालाना चक्रीय वृद्धि दर से बढ़ रहा है। नेक्स्ट जनरेशन अर्टिगा में आधुनिक प्रौद्योगिकी खूबियां, नया इंजन और पूरी तरह से नया ट्रांसमिशन है।’’ यह मॉडल पेट्रोल और सीएनजी विकल्पों में उपलब्ध है। कंपनी का दावा है कि इस गाड़ी का ‘एवरेज’ 20.51 किलोमीटर प्रति लीटर (पेट्रोल) और 26.11 किलोमीटर प्रति लीटर (सीएनजी) है।
- नयी दिल्ली। व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह ग्रुप वॉयस कॉल में 32 लोगों को एक साथ जुड़ने और दो गीगाबाइट तक की फाइलों को शेयर करने की सुविधा देगा। इसके अलावा व्हाट्सऐप ने कई और सुविधाएं देने की बात भी कही है। इस समय मोबाइल ऐप का उपयोग करके ग्रुप वॉयस कॉल में केवल आठ लोगों को जोड़ा जा सकता है, और उपयोगकर्ताओं के बीच शेयर की जाने वाली फाइल का आकार एक जीबी से अधिक नहीं होना चाहिए। व्हाट्सऐप चैट ग्रुप के एडमिन को किसी भी समय संदेशों को हटाने की अनुमति भी देगा। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हटाई गई सामग्री समूह के किसी भी सदस्य को दिखाई नहीं देगी। मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक पोस्ट में कहा, "हम व्हाट्सऐप पर ग्रुप में नए फीचर भी जोड़ रहे हैं, जिसमें प्रतिक्रिया, बड़ी फाइल शेयरिंग और बड़ी ग्रुप कॉल शामिल हैं।"
- नयी दिल्ली. देश में खनिज उत्पादन फरवरी, 2022 में सालाना आधार पर 4.5 प्रतिशत बढ़ा है। खान मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी महीने में खनन और संबद्ध क्षेत्र का खनिज उत्पादन सूचकांक 123.2 रहा, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक है। भारतीय खान ब्यूरो के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-फरवरी 2021-22 के दौरान खनिज उत्पादन में 13.2 प्रतिशत की संचयी वृद्धि हुई। इस साल फरवरी में कोयले का उत्पादन 7.95 करोड़ टन, लिग्नाइट का उत्पादन 47 लाख टन, प्राकृतिक गैस का उत्पादन 251.5 करोड़ घन मीटर और कच्चे तेल का उत्पादन 23 लाख टन रहा। इस दौरान हीरा, लिग्नाइट, फॉस्फोराइट और बॉक्साइट के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई, जबकि चूना पत्थर, सोना, मैंगनीज अयस्क और क्रोमाइट जैसे खनिजों के उत्पादन में कमी देखने को मिली।
- नयी दिल्ली। दिल्ली और आसपास के शहरों में सीएनजी और पीएनजी के दाम फिर बढ़ गये हैं। गुरुवार को सीएनजी कर कीमत 2.50 रुपये किलो और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस (पीएनजी) 4.25 रुपये प्रति यूनिट बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी। कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बाद ईंधन के दाम बढ़े हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लि. (आईजीएल) की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएनजी अब 71.61 रुपये किलो मिलेगी जो इससे पहले 69.11 रुपये किलो थी। कंपनी दिल्ली और आसपास के शहरों में सीएनजी और पीएनजी की खुदरा बिक्री करती है। ईंधन के दाम इस महीने में तीसरी बार तथा सात मार्च से 11वीं बार बढ़े हैं।कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत छह सप्ताह से भी कम समय में 15.6 रुपये किलो बढ़ गयी है। इसमें से 7.5 रुपये किलो की बढ़ोतरी इसी महीने हुई है। पिछले एक साल में सीएनजी के दाम 28.21 प्रति किलो यानी 60 प्रतिशत बढ़े हैं। इसके साथ पीएनजी की कीमत 4.25 रुपये प्रति घन मीटर (एससीएम) बढ़कर 45.86 रुपये एससीएम हो गयी है।शहरों में गैस वितरण करने वाली कंपनियां पिछले साल अक्टूबर से ही दाम बढ़ा रही हैं। उसी समय से महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में पुनरुद्धार के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस के दाम बढ़ने शुरू हुए थे। कीमतें 2021 के अंतिम तीन महीनों में 8.74 रुपये किलो बढ़ीं। जबकि इस साल जनवरी से लगभग हर सप्ताह करीब 50 पैसे की वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के दाम एक अप्रैल से दोगुना से अधिक कर 6.1 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) करने के बाद कीमतें बढ़ी हैं। प्राकृतिक गैस को जब ‘कंप्रेस्ड' किया जाता है, वह सीएनजी बनती है, जिसका उपयोग ईंधन के रूप में वाहनों में होता है। उसी गैस को खाना पकाने और अन्य कार्यों के लिये पाइप के जरिये रसोई और उद्योगों को पहुंचाया जाता है। महानगर गैस लि. (एमजीएल) ने बुधवार को मुंबई में ‘कंप्रेस्ड नैचुरल गैस' (सीएनजी) की कीमत पांच रुपये किलो बढ़ाकर 72 रुपये कर दी। साथ ही पीएनजी के दाम 4.50 रुपये बढ़ाकर 45.50 रुपये प्रति घन मीटर कर दिए गए। ईंधन के दाम विभिन्न शहरों में स्थानीय करों की वजह से अलग-अलग होते हैं।सीएनजी के दाम में वृद्धि से पहले पेट्रोल और डीजल में 16 दिनों में 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। इसके अलावा खाना पकाने में उपयोग होने वाले एलपीजी के दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़े हैं। आईजीएल के अनुसार, सीएनजी की कीमत अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 74.61 रुपये किलो हो जाएगी। गुरुग्राम में यह 79.94 रुपये किलो मिलेगी। पीएनजी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में अब 45.96 रुपये और गुरुग्राम में 44.06 रुपये प्रति घन मीटर होगी।
- नयी दिल्ली. जापान की वाहन कंपनी होंडा कार्स ने भारत में मुख्यधारा के हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अपनी मजबूत शुरुआत करते हुए भारतीय बाजार के लिए नए मॉडल ‘सिटी ई:एचईवी' सेडान से पर्दा उठाया है। होंडा कार्स की भारत में पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के जरिये मौजूदगी है। इस मॉडल के लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है और इसे अगले महीने बाजार में उतारा जा सकता है। कंपनी ने बताया कि यह मॉडल सिटी मॉडल श्रेणी का ही विस्तार है। इसमें स्वत: चार्जिंग वाली दो मोटर की हाइब्रिड प्रणाली है जो 1.5 लीटर के पेट्रोल इंजन से जुड़ी है। कंपनी का दावा है कि इस गाड़ी का ‘एवरेज' 26.5 किलोमीटर है। होंडा कार्स इंडिया के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ताकुया त्सुमुरा ने कहा, ‘‘नए मॉडल की पेशकश के साथ ही हम देश में अपनी नए युग की ‘इलेक्ट्रिफिकेशन' यात्रा शुरू कर रहे हैं।'' होंडा की योजना 2030 तक वैश्विक स्तर पर 30 इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की है। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अगले दस साल में करीब 40 अरब डॉलर का निवेश करेगी।