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- नयी दिल्ली) रुपये के मूल्य में सुधार आने के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 93 रुपये की गिरावट के साथ 46,283 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले दिन सोना 46,376 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 99 रुपये की तेजी के साथ 66,789 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले दिन बंद भाव 66,690 रुपये था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘रुपये के मूल्य में सुधार और कल रात कॉमेक्स में आई गिरावट को दर्शाता, दिल्ली में 24 कैरेट सोने में 93 रुपये की गिरावट रही।'' बृहस्पतिवार को आरंभिक कारोबार के दौरान अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये का मूल्य नौ पैसे सुधरकर 74.18 रुपये प्रति डॉलर हो गया।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली तेजी के साथ 1,780 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था जबकि चांदी 25.96 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही।
- मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्रों की मदद के लिये उन्हें आसान शर्तों पर कर्ज देने को लेकर नई योजना पेश की। इसके तहत अस्पताल, नर्सिंग होम, जांच घर (डायग्नोस्टिक सेंटर) समेत स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों को 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक बयान में कहा, ‘‘एसबीआई ने महामारी के बीच देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के लिए आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन पेश किया है।'' बयान के अनुसार, ‘‘इसके तहत अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े निर्माता, आपूर्तिकर्ता, आयातक, लॉजिस्टिक कंपनी इत्यादि को 100 करोड़ रुपए (भौगोलिक स्थिति के अनुसार) तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण को 10 वर्षों में चुकाया जा सकेगा।'' आरोग्यम ऋण विस्तार अथवा आधुनिकीकरण या फिर कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिये लिया जा सकता है।बैंक के अनुसार महानगरों में इस सुविधा के तहत 100 करोड़ रुपये जबकि मझोले और शहरी केंद्रों (टियर 2) में 20 करोड़ रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। अन्य छोटे शहरों (टियर 3 से टियर 6) में 10 करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि दो करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिये इकाइयों को किसी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसका कारण यह यह कर्ज क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) गारंटी योजना के तहत आएगा। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, ‘‘हमारी स्वास्थ्य प्रणाली पिछले एक साल से देश को महामारी के बीच निर्बाध और अभूतपूर्व सहायता प्रदान कर रही है। कोविड -19 के मद्देनजर उनके योगदान को देखते हुए, हमें उनके लिए आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन लॉन्च करते हुए खुशी हो रही है।'' उन्होंने कहा,‘‘ हमें विश्वास है कि यह विशेष ऋण उत्पाद मौजूदा सुविधाओं के विस्तार/आधुनिकीकरण और नई सुविधाओं के निर्माण को सक्षम बनाने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसके जरिये हमारा प्रयास पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।'' उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिये राहत उपायों की घोषणा करते हुए पिछले महीने की शुरूआत में कहा था कि 50 हजार करोड़ रुपये का नकदी समर्थन बैंकों को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन विनिर्माताओं, टीके के आयातकों/आपूर्तिकर्ताओं और चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं, अस्पताल समेत अन्य को आसान शर्तों पर नया कर्ज दे सके।
- नई दिल्ली । जर्मनी की कार विनिर्माता बीएमडब्ल्यू ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी 5 सीरीज सिडान कार का नया संस्करण भारतीय बाजार में उतार दिया है और दिल्ली में इसकी एक्स शोरूम कीमत 62.9 लाख रुपये होगी। भारत में निर्मित 5 सीरीज पेट्रोल ट्रिम विकल्प में बीएमडब्ल्यू 530आई एम स्पोर्ट मॉडल के रूप में आएगी। जिसकी कीमत 62.9 लाख रुपये है। वहीं डीजल में इसके दो मॉडल बीएमडब्ल्यू 530डी एम स्पोर्ट और बीएमडब्ल्यू 520डी की कीमत क्रमश: 63.9 लाख रुपये और 71.9 लाख रुपये रखी गई हैं। बीएमडब्ल्य 5 सीरीज के नए संस्करण में रिमोट कण्ट्रोल पार्किंग, हेड-अप डिस्प्ले, रिवर्सिंग असिस्टेंट, पार्किंग असिस्टेंट और जेस्चर कंट्रोल जैसे कई नए फीचर्स शामिल हैं। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह ने एक बयान में कहा, ‘‘पचास वर्षों से बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज ने विश्व स्तर पर एक बेजोड़ स्थिति का आनंद लिया है और ड्राइविंग में अलग मुकाम स्थापित किया है। यह सीरीज अब युवा और स्मार्ट अंदाज में आएगी।'' कंपनी ने बताया कि बीएमडब्ल्यू 530आई एम स्पोर्ट मॉडल में चार सिलेंडर के साथ दो हजार लीटर का पेट्रोल इंजन होगा। जो 252 हॉर्सपवार और 350 एनएम टॉर्क की अधिकतम क्षमता पैदा करेगा। यह महज 6.1 सेकंड में 0 से 100 रफ़्तार को पकड़ सकती है। इसके अलावा बीएमडब्ल्यू 520डी लक्जरी लाइन 190 हॉर्सपवार और 400 एनएम टॉर्क की अधिकतम क्षमता के साथ 7.3 सेकंड में 0 से 100 की रफ़्तार तक पहुंचने का दम रखती है। वही बीएमडब्ल्यू 530डी मॉडल तीन हजार लीटर डीजल इंजन के साथ छह सिलेंडर के साथ आएगा, जो मात्र 5.7 सेकंड में 0 से 100 की रफ़्तार पकड़ने का दम रखता है।
- नयी दिल्ली। देश में खानिज तेल और गैस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहस्पतिवार को नये हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण कारोबार में बड़े पैमाने पर कदम रखने की घोषणा की । इसके तहत कंपनी तीन साल में इस क्षेत्र में 75,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी चलाने वाली कंपनी वास्तव में इस पहल के जरिये हरित और स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य को साधने की महत्वाकांक्षी तैयारी में जुटी है। इसके साथ रिलायंस 2030 तक कम-से-कम 1,00,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने के साथ साथ कार्बन फाबइर संयंत्र में निवेश करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की 44वीं सालाना आम बैठक में कहा कि कंपनी सौर ऊर्जा के लिये सौर फोटोवोल्टिक मोड्यूल, ऊर्जा भंडारण के लिये अत्याधुनिक एनर्जी स्टोरेज बैटरी, हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिये इलेक्ट्रोलाइजर तथा हाइड्रोजन को ऊर्जा (मोटिव और स्टेशनरी पावर) में बदलने को फ्यूल सेल बनाने के चार विशाल स्थापित करेगी लगाएगी। ये कारखाने गुजरात के जामनगर में लगाने की योजना है जहां कंपनी का तेल शोधन कारखाना लगा है।अंबानी ने कहा, ‘‘अगले तीन साल में, हम इस पर 60,000 करोड़ रुपये निवेश करेंगे। इसके जरिये रिलायंस पूर्ण रूप से एकीकृत और जरूरतों के हिसाब से ऊर्जा परिवेश सृजित करेगी और उसकी पेशकश करेगी।'' एकीकृत सौर फोटोवोल्टिक विनिर्माण संयंत्र सौर ऊर्जा सृजित करेगा। इसका उपयोग उच्च दक्षता के सौर सेल के निर्माण में होगा। अंबानी ने कहा, ‘‘रिलायंस 2030 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करेगी और क्षमता सृजित करने में योगदान देगी। इसमें छतों पर लगायी जाने वाले सौर संयंत्रों और गांवों में विकेंद्रित सौर संयंत्रों का बड़ा योगदान होगा।'' वहीं नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित ऊर्जा के भंडारण के लिये कंपनी अत्याधुनिक ऊर्जा भंडारण बैटरी विनिर्माण संयंत्र लगाएगी। बिजली के अलावा रिलायंस की हरित हाइ्ड्रोजन के उत्पादन की भी योजना है, जिसका उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी ऑक्सीजन (हवा से) और हाइड्रोजन लेकर बिजली पैदा करने को लेकर फ्यूल सेल कारखाना लगाएगी। इस प्रक्रिया से कार्बन उत्सजर्न नहीं होता और एकमात्र उत्सर्जन जल वाष्प है, जो प्रदूषण नहीं फैलाता।'' अंबानी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम इन कारखानों के कच्चे माल और अन्य जरूरी उत्पादों के विनिर्माण के लिये इकाइयां तथा जरूरी ढांचागत सुविधाओं में 15,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार, नए ऊर्जा कारोबार में हमारे अपने आंतरिक संसाधनों से कुल शुरूआती निवेश तीन वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये (10 अरब डालर से अधिक) रुपये होगा।'' अंबानी ने कहा, ‘‘कंपनी ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स (हरित ऊर्जा वृहत परिसर) को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। यह दुनिया में सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण सुविधाओं में से एक होगी। अपनी कुल आय का 68 प्रतिशत हाइड्रोकार्बन ऊर्जा कारोबार से हासिल करने वाली कंपनी ने पिछले साल 2020 में अगले 15 वर्ष यानी 2035 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा था। कंपनी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब दुनिया की तमाम प्रमुख ऊर्जा कंपनियों पर पर्यावरण संरक्षण में मदद के लिये कम कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ने को लेकर दबाव है। अंबानी ने कहा, ‘‘पिछले साल मैंने 2035 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा था। आज मुझे इसे क्रियान्वित करने के लिये महत्वकांक्षी रणनीति और योजना पेश करने को लेकर खुशी है...जीवाश्म (कोयला, पेट्रोल और डीजल) ईंधन से करीब तीन सदी तक आर्थिक वृद्धि को गति मिली। हम अब बहुत लंबे समय तक इसे जारी नहीं रख सकते।'' उन्होंने कहा, ‘‘जामनगर हमारे पुराने ऊर्जा केंद्र के विकास का केंद्र था अब नये ऊर्जा करोबार के विकास का भी केंद्र बनेगा।'' अंबानी ने कंपनी के भीतर दो अतिरिक्त विभागों- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना प्रबंधन और निर्माण विभाग तथा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना वित्त विभाग-के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये सभी कदम भारत के विकेंद्रित हरित अर्थव्यवस्था को वास्तविक रूप देने में मददगार होंगे। अंबानी ने कहा, ‘‘इन नये कदमों के साथ, रिलायंस गुजरात और भारत को दुनिया के सौर और हाइड्रोजन मानचित्र पर लाएगा। हमारे सभी उत्पादों गर्व से लिखा होगा- ‘मेड इन इंडिया',भारत द्वारा, भारत के लिए और दुनिया के लिए। साथ ही, रिलायंस नई सामग्री और हरित रसायनों के लिए एक दृष्टिकोण विकसित कर रही है। उन्होंने कहा, "हम अपने हाइड्रोजन और सौर परिवेश तंत्र की मदद के लिए भारत के पहले विश्व स्तर के कार्बन फाइबर संयंत्र में रणनीतिक निवेश करके इसे शुरू करेंगे।" समूह की तेल-रसायन इकाई कार्बन उत्सर्जन को शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाने के लिये आर्थिक रूप से आकर्षक आधार पर सौर ऊर्जा का उपयोग करेगी और हरित रसायन, उर्वरक और ई-ईंधन विकसित करने के लिए कच्चे माल के रूप में हरित हाइड्रोजन और सीओ2 का उपयोग करेगी।
- मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि गूगल, जियो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित जियोफोन ‘नेक्स्ट' 10 सितंबर से बाजार में उपलब्ध होगा, जो वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती स्मार्टफोन होगा। अंबानी ने आरआईएल की 44वीं सालाना आमसभा में रिलायंस जियो और गूगल की साझेदारी में बने नए स्मार्टफोन जियोफोन - नेक्स्ट की घोषणा की। नया स्मार्टफोन जियो और गूगल के फीचर्स और ऐप से लैस होगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक अंबानी ने कहा, ‘‘नया स्मार्टफोन बेहद किफायती होगा और 10 सितंबर यानी गणेश चतुर्थी से बाजार में मिलने लगेगा।'' कंपनी ने हालांकि जियो फोन - नेक्स्ट की कीमतों का खुलासा नही किया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी कीमत काफी कम रखी जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार इस स्मार्टफोन को भारतीय बाजार के लिए विशेष तौर पर बनाया गया है और इसमें बेहतरीन कैमरा और एंड्रायड अपडेट भी मिलेंगे। बीते साल रिलायंस जियो ने गूगल के साथ साझेदारी की घोषणा की थी।इस अवसर पर अपने संबोधन में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, ‘‘गूगल और जियो का किफायती स्मार्टफोन खासतौर से भारत के लिए बनाया गया है और यह उन लाखों नए उपयोगकर्ताओं के लिए नई संभावनाएं खोलेगा जो पहली बार इंटरनेट का अनुभव करेंगे। गूगल क्लाउड और जियो के बीच एक नई 5जी साझेदारी एक अरब से अधिक भारतीयों को तेज इंटरनेट से जुड़ने में मदद करेगी।'' बयान के मुताबिक गूगल क्लाउड और जियो के बीच एक नई 5जी साझेदारी एक अरब से अधिक भारतीयों को तेज इंटरनेट से जुड़ने में मदद मिलेगी। अंबानी ने कहा, ‘‘5जी इकोसिस्टम विकसित करने और 5जी उपकरणों की एक श्रृंखला विकसित करने के लिए हम वैश्विक भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं। जियो भारत को न सिर्फ 2जी से मुक्त बनाने के लिए काम कर रहा है, बल्कि 5जी से युक्त भी कर रहा है।'' अंबानी ने बताया कि रिलायंस जियो डेटा खपत के मामले में दुनिया के दूसरे नंबर का नेटवर्क बन गया है। रिलायंस जियो के नेटवर्क पर हर महीने 630 करोड़ जीबी डेटा की खपत होती है, जो पिछले साल के मुकाबले 45 फीसदी अधिक है।-file photo
- मुंबई । रिजर्व बैंक ने बुधवार को बैंकों से कहा कि वह आभूषण निर्यातकों और घरेलू स्वर्ण आभूषण विनिर्माताओं को स्वर्ण (धातु) कर्ज (जीएमएल) का कुछ हिस्सा सोने के रूप में लौटाने का विकल्प उपलब्ध करायें। जीएमएल का भुगतान भारतीय रुपये में उधार लिये गये सोने के मूल्य के बराबर राशि पर किया जाता है। रिजर्व बैंक ने अब इन नियमों की समीक्षा की है। रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, ‘‘बैंकों को स्वर्ण कर्ज का कुछ हिस्सा एक किलो अथवा इससे अधिक सोने के रूप में लौटाने का विकल्प लेनदारों को देना चाहिये।'' हालांकि, इसमें कुछ शर्तें होंगी। मौजूदा निर्देशों के मुताबिक सोने का आयात करने के लिये प्राधिकृत बैंक और स्वर्ण मौद्रीकरण योजना 2015 (जीएमएस) में भागीदारी करने वाले प्राधिकृत बैंक आभूषण निर्यातकों और स्वर्णाभूषणों के घरेलू विनिर्माताओं को जीएमएल उपलब्ध करा सकते हैं।
- नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने बुधवार को कहा कि गुएंटेर बुश्चेक कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ पद से 30 जून को हट जाएंगे। हालांकि वह इस साल के अंत तक कंपनी के सलाहकार के रूप में काम करते रहेंगे।कंपनी के अनुसार उसने गिरीश वाघ को पदोन्नत कर कार्यकारी निदेशक बनाया है। यह एक जुलाई से प्रभाव में आएगा। वाघ फिलहाल कंपनी के वाणिज्यिक वाहन परिचालन को देख रहे हैं। टाटा मोटर्स ने देर रात के एक बयान में कहा कि बुश्चेक 30 जून, 2021 से सीईओ और प्रबंध निदेशक पद से हट जाएंगे। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से अनुबंध के समाप्त होने पर जर्मनी जाने की अपनी इच्छा के बारे में कंपनी को जानकारी दी थी। टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, मैं पिछले पांच साल में टाटा मोटर्स का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने और भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखने के लिए गुएंटर को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं कंपनी के सलाहकार के रूप में उनके सुझाव को लेकर उत्सुक हूं।
- इंदौर। अग्रणी आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता डाबर इंडिया ने अपना विस्तार करते हुए बुधवार को मध्य प्रदेश के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 550 करोड़ रुपये के चरणबद्ध निवेश वाले कारखाने की नींव रखी। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि 51 एकड़ पर बनने वाली यह इकाई कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप घटने के बाद सूबे में शुरू होने वाली बड़ी निवेश परियोजनाओं में से एक है। डाबर इंडिया इस संयंत्र में आयुर्वेदिक दवाएं, पोषक उत्पाद और खाद्य उत्पाद बनाएगी। डाबर इंडिया की विज्ञप्ति में बताया गया कि इंदौर से करीब 40 किलोमीटर दूर पीथमपुर के स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क में संयंत्र के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत के कार्यक्रम में कम्पनी के कार्यकारी निदेशक (परिचालन) शाहरुख ए. खान और प्रदेश सरकार के आला अधिकारी मौजूद थे। कोविड-19 की रोकथाम के दिशा-निर्देशों के चलते यह कार्यक्रम सीमित लोगों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। डाबर इंडिया की पीथमपुर स्थित इकाई शुरुआती दौर में 1,250 लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार देगी, जबकि इसके पूरी तरह शुरू होने के बाद लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। डाबर ने कहा कि इस नई फैक्ट्री का निर्माण मध्य प्रदेश सरकार की मेगा प्रोजेक्ट स्कीम के साथ साथ केन्द्र सरकार की उत्पादन से जुड़ी सहायता योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेन्टिव या पीएलआई) योजना के तहत किया गया है। इस फैक्ट्री के पहले चरण का निर्माण वित्तवर्ष 2021-22 के अंत तक पूरा होने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। डाबर इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘यह परियोजना डाबर द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश है। यह आयुर्वेद के पारंपरिक विज्ञान को प्रचारित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर स्पष्ट हैं और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आधुनिक संयंत्रा की जरुरत है जो बेहतर प्रदर्शन के जरिये कंपनी के उत्पादन क्षमता को बढ़ाये।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने बुधवार को सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल को प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में सी-डॉट के साथ 5जी परीक्षण के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे पहले जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को मई में ही भारत के चुनिंदा शहरों में 5जी परीक्षण करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘डॉट ने दिल्ली में 5जी इंटरनेट परीक्षण के लिए एमटीएनएल को स्पेक्ट्रम आवंटित किया है। कंपनी सी-डॉट के साथ साझेदारी में परीक्षण करेगी।'' सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 5जी इंटरनेट परीक्षण का संचालन करेगी। डॉट के अनुसार 5जी तकनीक, 4जी इंटरनेट के मुकाबले दस गुना अधिक डाउनलोड गति और तीन गुना अधिक स्पेक्ट्रम दक्षता प्रदान करेगी। वर्तमान में परीक्षणों की अवधि छह महीने है। इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए दो महीने की समयावधि शामिल है। भारती एयरटेल ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में 5जी परीक्षण शुरू कर दिया है जबकि जियो ने दिल्ली, मुंबई, गुजरात और हैदराबाद में 5जी परीक्षण के लिए आवेदन किया है। बीएसएनएल ने 5जी परीक्षण के लिए अभी आवेदन नहीं किया है।
- नयी दिल्ली। दक्षिण कोरिया की शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनी सैमसंग ने मंगलवार को 6जी प्रौद्योगिकी अनुसंधान में 5जी के मुकाबले 50 गुना ज्यादा तेज रफ्तार हासिल करने का दावा किया। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उत्पाद रणनीति, नेटवर्क व्यापार प्रमुख वोनिल रोह ने नये 5जी ट्रांसमिशन उपकरण से जुड़ी कंपनी की प्रस्तुति में कहा कि सैमसंग ने 5जी नेटवर्क पर 5.23 गिगाबिट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) की रफ्तार हासिसल की है। सैंमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के नेटवर्क व्यापार वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उन्नत संचार अनुसंधान के प्रमुख सुंघयुन चोई ने कहा, "6जी उभरती विविध तकनीकों के साथ अवसरों की एक दुनिया का निर्माण करेगा जिससे उभरते अनुभवों एवं सेवाओं के प्रतिमान को पूर्ण आकार मिलेगा। हम 6जी को वास्तविकता का रूप देने के लेकर उत्साहित हैं। असल में हम पहले ही टेराहर्टज संचार का प्रदर्शन कर चुके हैं जो 6जी से जुड़ी हमारी प्रगति को दिखाता है।" प्रस्तुति में कहा गया कि सैमसंग की 6जी प्रौद्योगिकी की रफ्तार 5जी से 50 गुना ज्यादा है।कंपनी के श्वेत पत्र के मुताबिक सैमसंग को 6जी मानक और उसका व्यवसायीकरण कम से कम 2028 तक और व्यापक व्यवसायीकरण 2030 के आसपास पूरा होने की उम्मीद है।
- मुंबई। निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने मंगलवार को कहा कि वह अगले दो साल में आईटी बुनियादी ढांचा में सुधार के लिये विशेष परियोजना के तहत 500 लोगों को नियुक्त करेगा। बैंक ने एक बयान में कहा कि वह भविष्य में नए डिजिटल उत्पादों और सेवाओं को पेश करने और अपने आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए एक ‘डिजिटल इकाई' और एक ‘उद्यम इकाई' स्थापित कर रहा है। ये इकाइयां बैंक को चलाने और समय के अनुसार उसमें बदलाव लाने को लेकर प्रौद्योगिकी रूपांतरण का हिस्सा है। बैंक ने कहा कि वह अगले दो साल में विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में अनुभव रखने वाले 500 लोगों को नियुक्त करेगा। इसमें आंकड़ा विश्लेषण, कृत्रिम मेधा, मशीन लर्निंग, डिजाइन, क्लाउड आदि क्षेत्र शामिल हैं। बैंक के कर्मचारियों की संख्या मार्च की स्थिति के अनुसार 1.2 लाख है और उसे पिछले कुछ साल से तकनीकी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। साथ ही रिजर्व बैंक ने बैंक पर नये क्रेडिट कार्ड या नये डिजिटल उत्पाद पेश करने पर पाबंदी लगायी हुई है।
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नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) संग्रह करन वालों के लिए एक नई व्यवस्था तैयार की है। इसके जरिये रिटर्न फाइल नहीं करने वाले उन ‘निर्दिष्ट व्यक्तियों' की पहचान में आसानी होगी जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से कर वसूला जाएगा। इससे अनुपालन बोझ कम होगा। एक जुलाई से पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है। इसका प्रावधान वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में किया गया है। नई व्यवस्था के तहत टीडीएस काटने वाले और टीसीएस संग्रह करने वालों को केवल वित्त वर्ष की शुरूआत में संबंधित इकाई के पैन को तैयार की गयी नई सुविधा पर जांच करनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी किया। सीबीडीटी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इन दोनों प्रावधानों को लागू करने के लिए टीडीएस काटने या टीसीएस संग्रह करने वालों के लिए खुद को संतुष्ट होने को लेकर इस बारे में अतिरिक्त जांच-परख करना आवश्यक था कि भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप्तकर्ता एक ‘निर्दिष्ट व्यक्ति' है या नहीं। इसके परिणामस्वरूप इस तरह के कर कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता पर अनुपालन का अतिरिक्त बोझ पड़ता था। विभाग के अनुसार, ‘‘इस अनुपालन बोझ को कम करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक नई सुविधा धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच शुरू की है। यह सुविधा पहले से ही आयकर विभाग के रिपोर्टिंग पोर्टल (https://report.insight.gov.in) के माध्यम से दी जा रही है।'' टीडीएस काटने वाला या टीसीएस प्राप्त करने वाला पोर्टल पर संबंधित इकाई एक पैन (पैन सर्च) या एक से अधिक पैन (बल्क सर्च) को डाल सकता है और यदि यह भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप्तकर्ता एक ‘निर्दिष्ट व्यक्ति है', तो वह इस सुविधा के माध्यम से संबंधित प्रतिक्रिया या जवाब प्राप्त कर सकता है। बयान के अनुसार, ‘‘इस नई व्यवस्था से टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रह करने वालों के लिये अनुपालन बोझ कम होगा....।'' आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में ‘विशिष्ट व्यक्तियों' की सूची तैयार कर ली है। यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है। इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिये रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है। बयान के अनुसार इस नई सुविधा के जरिए सरकार ने करदाताओं के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
- हैदराबाद ।: भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने मंगलवार को कहा कि 31 मार्च को समाप्त तिमाही में उसका कर पश्चात मुनाफा 708 प्रतिशत बढ़कर 2,838 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान 351 करोड़ रुपये था। कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वित्तवर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही के दौरान 3,187 करोड़ रुपये के कारोबार की तुलना में वित्तवर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के दौरान, 6,848 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। इस प्रभावशाली प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सुमित देब ने कहा, ‘‘यह लौह और इस्पात क्षेत्र के लिए एक उत्कृष्ट वर्ष रहा है और टीम एनएमडीसी द्वारा हासिल किए गए इन प्रभावशाली परिणामों को साझा करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक से अधिक कारणों से चुनौतीपूर्ण रहे वर्ष में हासिल हुआ है। वित्तवर्ष 2020-21 में एनएमडीसी का कारोबार वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान 11,699 करोड़ रुपये के कारोबार के मुकाबले 15,370 करोड़ रुपये रहा, जो 31 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इन्फोसिस से कहा कि आयकर विभाग के नये पोर्टल में आ रही खामियों को तुरंत दूर किया जाये। वहीं साफ्टवेयर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने आश्वासन देते हुये कहा कि पिछली आईटीआर देखने, इलेक्ट्रानिक- प्रक्रिया बढ़ाने सहित पांच तकनीकी खामियों का एक सप्ताह के भीतर समाधान कर लिये जाने की उम्मीद है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नये पोर्टल के कामकाज को लेकर इन्फोसिस के अधिकारियों के साथ नये आयकर ई- फाइलिंग पोर्टल में आ रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर समीक्षा बैठक की। पोर्टल सात जून को जारी किया गया उसके बाद से ही इसमें तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वित्त मंत्रालय को पिछले कुछ दिनों में प्राप्त 700 से अधिक ईमेल में विभिन्न हितधारकों ने नए पोर्टल में 2,000 से ज्यादा कमियां गिनायी थीं। इनमें खासतौर से नये पोर्टल से जुड़ी 90 समस्यायें बताई गई। आयकर विभाग का नया ई- पोर्टल इन्फोसिस ने तैयार किया है। सीतारमण के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राजस्व सचिव तरुण बजाज, सीबीडीटी चेयरमैन जगन्नाथ माहपात्र और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे। इस दौरान इन्फोसिस के अधिकारियों के साथ नये आयकर ई- पोर्टल में आ रही दिक्कतों को लेकर बिंदुवार विचार विमर्श किया गया।बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक वित्त मंत्री ने इन्फोसिस को आयकर पोर्टल को अधिक व्यवहारिक और सरल बनाने को कहा। सीतरमण ने नये पोर्टल में उपयोगकर्ताओं के समक्ष आ रही विभिन्न समस्याओं को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पोर्टल से करदाताओं को बेहतर अनुभव मिलना चाहिये। बैठक के दौरान इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव के साथ कंपनी के अन्य अधिकारियों ने विभिन्न पक्षों द्वारा उठाये गये मुद्दों को नोट किया। उन्होंने पोर्टल के कामकाज में आ रहे तकनीकी मुद्दों को स्वीकार करते हुये उनके समाधान के लिये किये जा रहे प्रयासों और ताजा स्थिति से अवगत कराया। इन्फोसिस ने शेष बचे तकनीकी मुद्दों के बारे में सरकार को आश्वस्त किया कि उनकी टीम इस पर काम कर रही है और काम पूरा होने को लेकर संभावित समयसीमा की जानकारी दी। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आईसीएआई) और आल इंडिया फेडरेशन आफ टैक्स प्रेक्टीशनर्स (एआईएफटी़पी) प्रतिनिधियों के अलावा 10 कर पेशेवरों ने भी इस बैठक में भाग लिया। आयकर विभाग का यह नया पोर्टल सात जून को शुरू किया गया लेकिन उसी दिन से इसमें कई तरह की खामियां सामने आई हैं। इसमें लॉगइन का समय अधिक लग रहा है, आधार सत्यापन के लिये ओटीपी जारी करने में समस्या खड़ी हो रही है और पिछले सालों के आयकर रिटर्न भी इसमें उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। आईसीएआई ने बैठक के बाद जारी एक वक्तव्य में कहा है कि उसे सीबीडीटी और इन्फोसिस इस संबंध में मुद्दों के त्वरित समाधान के लिये जरूरी जानकारी और समर्थन देते रहने को कहा गया है।
- नयी दिल्ली। वाहन-ईंधन की कीमतों में एक और वृद्धि के बाद ओडिशा में भी डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है। इससे पहले राजस्थान में डीजल के दाम 100 रुपये के आंकड़े के पार निकले थे। वाहन ईंधन की कीमतों में मंगलवार को फिर बढ़ोतरी हुई।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल के दाम 28 पैसे प्रति लीटर और डीजल के 26 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं। चार मई से वाहन ईंधन कीमतों में यह 28वीं बढ़ोतरी है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 97.50 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। वहीं डीजल 88.23 रुपये प्रति लीटर पर है। मूल्यवर्धित कर (वैट) और भाड़े की वजह से विभिन्न राज्यों में ईंधन के दाम भिन्न-भिन्न होते हैं।इस वजह से अब कई स्थानों पर पहले पेट्रोल और अब डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है।देश में सबसे अधिक इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल का दाम इसी महीने राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकला था। अब यह ओडिशा के मल्कानगिरी (101.12 रुपये लीटर) और कोरापुट (100.46 रुपये लीटर) में 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है। नौ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों....राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और लद्दाख में पेट्रोल का खुदरा दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है। महानगरों में मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पेट्रोल पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। अब मुंबई में पेट्रोल 103.63 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.72 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। चार मई से वाहन ईंधन कीमतों में 28वीं बढ़ोतरी हुई है। 28 बार में पेट्रोल का दाम 7.10 रुपये और डीजल का 7.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है।
- नयी दिल्ली । भारत में 2020 में मोबाइल फोन की कुल बिक्री में करीब 45 प्रतिशत फोन की बिक्री ऑनलाइन माध्यमों के जरिये हुई। काउंटरप्वाइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दुनिया भर में करीब 26 प्रतिशत मोबाइल फोन की बिक्री ई-कॉमर्स मंचों के जरिए हुई। इसका मतलब है कि हर चार में से एक फोन ऑनलाइन खरीदा गया। रिपोर्ट में कहा गया, "उपभोक्ताओं के व्यवहार में इस बदलाव में कोविड-19 की बड़ी भूमिका रही है। प्रमुख देशों में (मोबाइल की) बिक्री की भारत में सबसे ज्यादा 45 प्रतिशत आनलाइन बिक्री हुई, इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ ब्रिटेन और 34 प्रतिशत के साथ चीन का स्थान रहा।" इसी तरह ब्राजील में मोबाइल फोन की कुल बिक्री में ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा 31 प्रतिशत, अमेरिका में 24 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 16 प्रतिशत और नाइजीरिया में आठ प्रतिशत रहा। दुनियाभर में 2020 में आनलाइन मोबाइल फोन बिक्री पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अंक बढ़ गई जबकि बाजार आकार के मुताबिक इसमें 10 प्रतिशत से अधिक की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि आनलाइन बिक्री में वृद्धि का यह रुख कुछ समय के लिये धीमा पड़ सकता है और इस साल यह पिछले साल के बराबर ही रह सकता है या फिर कुछ कम हो सकता है।
- नई दिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 45 रुपये की मामूली तेजी के साथ 46 हजार 213 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले दिन सोना 46 हजार168 रुपये पर बंद हुआ था।इसके विपरीत चांदी 86 रुपये की गिरावट के साथ 66 हजार 389 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले दिन बंद भाव 66 हजार 475 रुपये था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, कल रात अमेरिकी बाजार में सोने में आये सुधार तथा रुपये की विनिमय दर में नरमी के असर से दिल्ली में 24 कैरेट सोना 45 रुपये तेज रहा।'' विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 74.20 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,778 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था जबकि चांदी 25.84 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित थी।
- मुंबई।बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को मामूली 14 अंक बढ़त के साथ स्थिर बंद हुआ। मानक सूचकांक एक समय 53,000 अंक के ऊपर चला गया था लेकिन उच्च स्तर पर निवेशकों की मुनाफावसूली से बड़ी तेजी बरकरार नहीं रह पायी। कारोबारियों के अनुसार रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी धारणा पर असर पड़ा।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 53,057.11 अंक के अबतक के उच्चतम स्तर तक चला गया था। लेकिन बाद में मुनाफावसूली से यह नीचे आया और अंत में 14.25 अंक यानी 0.03 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 52,588.71 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.25 अंक यानी 0.17 अंक की हल्की तेजी के साथ 15,772.75 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरो में सर्वाधिक 5.25 प्रतिशत से अधिक की तेजी मारुति के शेयर में रही। सोमवार को इसमें सर्वाधक गिरावट आयी थी। इसके अलावा एल एंड टी, अल्ट्राट्रेक सीमेंट, टीसीएएस, टाइटन, टाटा स्टील और बजाज ऑटो भी 2.20 प्रतिशत तक की अच्छी बढ़त में रहे। दूसरी तरफ एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया, एचयूएल, इंडसइंड बैंक और सन फार्मा समेत अन्य शेयर 1.91 प्रतिशत तक नुकसान में रहे। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक रुख और टीकाकरण में तेजी के साथ बाजार मजबूती के साथ खुला। मंगलवार को जिन शेयरों में तेज गतिविधियां देखी गयी, वे ‘लॉकडाउन' में ढील के बाद बाजार खोले जाने से संबंधित थे।'' उन्होंने कहा कि बाजार 53,000 अंक के ऊपर निकल गया था लेकिन दोपहर कारोबार में चौतरफा मुनाफावसूली की गयी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘शुरूआती कारोबार में घरेलू बाजार में अच्छी तेजी रही। इसका कारण पश्चिमी बाजारों में मजबूती थी, जहां मुख्य रूप से ध्यान अब फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति में बदलाव को लेकर चिंता के बजाए आर्थिक पुनरूद्धार पर गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मुख्य सूचकांकों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बाद...मुनाफावसूली की गयी। कोविड संक्रमण की दर में कमी तथा टीकाकरण में तेजी से तीव्र आर्थिक पुनरूद्धार को लेकर उम्मीद बंधी है, जिसका असर बाजार पर देखने को मिला।'' एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, सोल और तोक्यो लाभ में रहे जबकि हांगकांग नुकसान में रहा।यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74.55 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे टूटकर 74.37 पर बंद हुआ।शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 1,244.71 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर गलत एवं भारी छूट के साथ धोखाधड़ी पूर्ण बिक्री पर प्रतिबंध लगाने तथा डीपीआईआईटी के साथ इन कंपनियों का पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखते हुए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में संशोधन करने के लिए सुझाव आमंत्रित किये है। सरकार इसके अलावा इंटरनेट पर खोज परिणामों में हेराफेरी करके उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने पर प्रतिबंध और मुख्य अनुपालन अधिकारी एवं निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित कुछ अन्य संशोधनों पर भी विचार कर रही है। प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स संस्थाओं को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, पता लगाने और जांच और अभियोजन के लिए सरकारी एजेंसी से आदेश प्राप्त होने के 72 घंटे के भीतर सूचना प्रदान करनी होगी। उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को पहली बार पिछले साल जुलाई में अधिसूचित किया गया था। इसके उल्लंघन में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। सरकार ई-कॉमर्स संस्थाओं को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में पंजीकरण कराने की योजना भी बना रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, ‘‘प्रस्तावित संशोधनों पर विचार/टिप्पणियां/सुझाव 15 दिनों के भीतर (6 जुलाई, 2021 तक) ईमेल द्वारा जेएस-सीए@एनआईसी.आईएन ([email protected]) पर भेजे जा सकते हैं।'' सरकार ने एक अलग बयान में कहा कि उसे पीड़ित उपभोक्ताओं, व्यापारियों और संघों से ई-कॉमर्स प्रक्रिया में व्यापक धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ शिकायत के कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। मंत्रालय ने हालांकि कहा कि पारंपरिक तौर पर आयोजित होने वाली ई-कॉमर्स रियायती बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा। केवल विशिष्ट तौर पर ग्राहकों को घेरने के लिहाज से की जाने वाली बिक्री या बार-बार फ़्लैश बिक्री, कीमतों में वृद्धि करती है तथा सबके के लिए एक समान अवसर वाला मंच उपलब्ध कराने से रोकती है, ऐसी बिक्री की अनुमति नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इ-कॉमर्स कंपनियां कंपनी अधिनियम, भारतीय भागीदारी अधिनियम या सीमित देयता भागीदारी अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं न कि डीपीआईआईटी के साथ अलग से। मंत्रालय के अनुसार, प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में पारदर्शिता लाना और नियामक व्यवस्था को और मजबूत करना है।
- नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि उसने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) संग्रह करने वालों के लिये उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद की एक नई व्यवस्था विकसित की है, जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से कर वसूला जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में यह प्रावधान किया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को परिपत्र जारी कर रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी किया। आयकर विभाग ने ट्विट पर लिखा है, ‘‘धारा 206एबी और 206सीसीए के लिये अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गयी है। इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिये अनुपालन बोझ कम होगा।'' सीबीडीटी ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इस पर उचित ध्यान और कार्य करने की आवश्यकता होगी, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है। बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था - धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच' - उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगा। नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जायेगा कि वह ‘‘विशिष्ट व्यक्ति'' है अथवा नहीं। आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में ‘विशिष्ट व्यक्तियों' की सूची तैयार कर ली है। यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है। इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिये रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है।-
- मुंबई। बैंक कर्ज चार जून, 2021 को समाप्त पखवाड़े में सालाना आधार पर 5.74 प्रतिशत बढ़कर 108.43 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं जमा 9.73 प्रतिशत बढ़कर 153.13 लाख करोड़ रुपये हो गई। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार एक साल पहले पांच जून, 2020 को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज 102.55 लाख करोड़ रुपये और जमा राशि 139.55 लाख करोड़ रुपये रही थी। इससे पूर्व, 21 मई, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण 5.98 प्रतिशत जबकि जमा 9.66 प्रतिशत बढ़ी थी। केंद्रीय बैंक के आंकड़े के अनुसार समूचे वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक कर्ज 5.56 प्रतिशत और जमा 11.4 प्रतिशत बढ़ी।
- नयी दिल्ली। विप्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) थिएरी डेलापोर्ट का मानना है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की वृद्धि काफी हद तक अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों तथा सेवाओं पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि डेटा, क्लाउड और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में जबर्दस्त बढ़ी हुई वृद्धि देखने को मिलेगी। विप्रो ने वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही के दौरान अमेरिका और यूरोप जैसे बाजारों में कई अधिग्रहण पूरे किए हैं। इससे बेंगलुरु की इस कंपनी को अपनी स्थानीय मौजूदगी और सेवाओं की पेशकश को मजबूत करने में मदद मिली है। डेलापोर्ट ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में एक नोट में कहा, ‘‘हम इस बात को जानते हैं कि अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियां और सेवाएं उद्योग की वृद्धि की अगुवाई करेंगी। ऐसे में हमें डिजिटल, क्लाउड, डेटा, इंजीनियरिंग, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में जबर्दस्त बढ़ी हुई वृद्धि देखने को मिलेगी।'' डेलापोर्ट ने कहा कि क्लाउड निश्चित रूप से आज उपभोक्ताओं की बातचीत का केंद्र है। यह सिर्फ पसंद वाला परिचालन का मंच ही नहीं बन रहा है, बल्कि डिजिटल बदलाव को एक बुनियादी हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि आज ‘वर्क फ्रॉम एनिवेयर' या क्राउडसोर्सिंग जैसे नई कार्य मॉडल अस्तित्व में आ चुके हैं। ऐसे में कंपनियों के लिए साइबरसुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विप्रो अपने ग्राहकों को आईटी बदलाव में पूर्ण मदद कर रही है। डेलापोर्ट ने पिछले साल जुलाई में विप्रो के सीईओ का पद संभाला था।-
- नयी दिल्ली । देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने सोमवार को कहा कि कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते वह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करेगी। एमएसआई ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘पिछले एक साल में विभिन्न कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कंपनी के वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में कंपनी के लिए कीमतों में बढ़ोतरी के जरिए उपरोक्त अतिरिक्त लागत का कुछ प्रभाव ग्राहकों पर डालना अनिवार्य हो गया है।'' कंपनी ने अभी यह नहीं बताया कि कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी।कंपनी ने कहा कि कीमतों में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में की जाएगी और यह विभिन्न मॉडलों के लिए अलग-अलग होगी।
- नयी दिल्ली। वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी और रुपये में गिरावट के बीच सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 250 रुपये मजबूत हो कर 46,277 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46,027 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।इसी तरह चांदी भी 258 रुपये बढ़कर 66,842 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 66,584 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना बढ़त के साथ 1,782 डॉलर प्रति औंस और चांदी भी मामूली लाभ के साथ 26.05 डॉलर प्रति औंस पर थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, पिछले 15 महीने में सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट दर्ज करने के बाद सोमवार को सोने की कीमतों में सुधार देखा गया। डॉलर में मजबूती के बावजूद अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में गिरावट से सोने की कीमतों को समर्थन मिला।'' मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में छह प्रतिशत की गिरावट के बाद इसमें उछाल देखा गया।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न नियमों का उल्लंघन करने के लिए सोमवार को मुंबई के मोगावीरा को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड सहित तीन सहकारी बैंको पर 23 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। मोगावीरा को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 12 लाख रुपए का, इंदापुर अर्बन को-ओपरेटिव बैंक पर 10 लाख रुपए का और बारामती के दि बारामती सहकारी बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। रिजर्व बैंक ने मोगावीरा को- ओपरेटिव बैंक को लेकर कहा कि 31 मार्च, 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसकी निरीक्षण रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि बैंक ने बिना दावे वाले जमा धन का जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरुकता (डीईए) कोष में पूरी तरह से हस्तांतरण नहीं किया था और साथ ही निष्क्रिय खातों की वार्षिक समीक्षा भी नहीं की। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि बैंक में खातों के जोखिम संबंधी वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। रिजर्व बैंक ने इंदापुर कोओपरेटिव बैंक को लेकर कहा कि 31 मार्च, 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसकी निरीक्षण रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि उसने असुरक्षित अग्रिमों पर एकीकृत सीमा का पालन नहीं किया और उसके पास बैंक में खातों के जोखिम संबंधी वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। साथ ही बैंक में ग्राहकों के जोखिम संबंधी वर्गीकरण के लिहाज से लेन-देन के असंगत होने की स्थिति में अलर्ट तैयार करने के लिए मजबूत व्यवस्था नहीं थी।