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- हांगझोउ. भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने गुरुवार को यहां इतिहास रचते हुए एशियाई पैरा खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाते हुए अपने कुल पदक की संख्या को 80 तक पहुंचाया जिसमें 18 स्वर्ण भी शामिल हैं। भारत ने इंडोनेशिया में 2018 में 72 पदक जीतने के अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया है। भारत ने अब तक 18 स्वर्ण, 23 रजत और 39 कांस्य सहित कुल 80 पदक जीते हैं।खेलों में अब दो दिन बाकी हैं और भारत हांगझोउ खेलों में 100 पदक जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है। भारत ने जकार्ता में पिछले पैरा एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 33 कांस्य पदक सहित 72 पदक जीते थे। गुरुवार को पुरुष एफ46 गोला फेंक स्पर्धा में सचिन सर्जेराव ने 16.03 मीटर के खेलों के रिकॉर्ड थ्रो के साथ भारत को दिन का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। रोहित कुमार ने 14.56 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। पैरा निशानेबाज सिद्धार्थ बाबू ने आर6 मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा में 247.7 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता। शीतल देवी और राकेश कुमार की तीरंदाजी की कंपाउंड मिश्रित टीम ने चीन के लिन युएशान और ऐइ शिनलियांग को फाइनल में 51-149 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। आदिल मोहम्मद नजीर अंसारी और नवीन दलाल की तीरंदाजी पुरुष युगल जोड़ी ने डब्ल्यूवन स्पर्धा में कजाखस्तान की जोड़ीह को 125-120 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। सिमरन और भाग्यश्री माधवराव जाधव ने महिला टी12 100 मीटर और महिला एफ34 गोला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीते। सिमरन ने 26.12 सेकेंड का समय लिया जबकि भाग्यश्री ने 7.54 मीटर की दूरी तय की। नारायण ठाकुर ने पुरुष टी35 100 मीटर में 14.37 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता जबकि श्रेयांश त्रिवेदी (12.24 सेकेंड) को भी पुरुष टी37 100 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक मिला। पैरा बैडमिंटन में सुकांत इंदूकांत कदम (पुरुष एकल एसएल4), सिवन नित्या सुमथी (महिला एकल एसएच6), मनीषा रामदास (महिला एकल एसयू5), मनदीप कौर और मनीषा (महिला युगल एसएल3-एसयू5), कृष्णा नागर और सिवराजन एस (पुरुष युगल एसएच6) तथा प्रमोद भगत और सुकांत (पुरुष युगल एसएल3-एसएल4) ने अपने-अपने सेमीफाइनल मुकाबले गंवाने के बाद कांस्य पदक जीते। शतरंज में भावेशकुमार रति हिमांशी ने महिला व्यक्तिगत स्टैंडर्ड वी1-बी1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
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ताशकंद. भारतीय महिला टीम को गुरुवार को यहां लोकोमोतिव स्टेडियम में एएफसी महिला ओलंपिक क्वालीफाइंग फुटबॉल टूर्नामेंट के दूसरे दौर के पहले मैच में जापान के खिलाफ 0-7 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। मुख्य कोच थॉमस डेनर्बी के मार्गदर्शन में खेल रही भारतीय टीम ने पहले हाफ में जापान को कड़ी टक्कर दी और मध्यांतर तक भारत के खिलाफ सिर्फ एक गोल हुआ था। पहले हाफ में जापान के हमलों में नाकाम करने में सेंटर बैक आशालता देवी, स्वीटी देवी और रितु रानी के अलावा सेंट्रल मिडफील्डर संगीता बासफोरे, सिल्की देवी और इंदुमति कथिरेसन की भूमिका अहम रही। भारत ने भी पहले हाफ में कुछ मौके बनाए लेकिन गोल करने में सफलता नहीं मिली।
योशिनो नाकाशिमा ने 17वें मिनट में गोल दागकर जापान को बढ़त दिलाई।
दुनिया की आठवें नंबर टीम जापान हालांकि दूसरे हाफ में बदली हुई रणनीति के साथ खेली और दूसरे हाफ के शुरुआती 11 मिनट मे ही चार गोल दाग दिए। योशिनो ने मैच का अपना दूसरा गोल करके टीम की बढ़त को दोगुना किया जबकि स्थानापन्न खिलाड़ी होनोका हयाशी ने जापान की ओर से तीसरा गोल दागा। मीना तनाका ने हेडर से गोल करने के अलावा मियाबी मोरिया के गोल में मदद भी की जिससे जापान ने 56वें मिनट तक स्कोर 5-0 कर दिया। किको सेइके और हिकारू नाओमोतो ने दो और गोल दागकर जापान की आसान जीत सुनिश्चित की। -
पणजी. महाराष्ट्र की दीपाली गुरसाले और सेना के प्रशांत कोली ने 37वें राष्ट्रीय खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा के पहले दिन नये राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता । महिलाओं के 45 किलो वर्ग में गुरसाले ने स्नैच में 75 किलो वजन उठाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया । उसने 165 किलो वजन उठाकर महाराष्ट्र को पहला स्वर्ण दिलाया । पश्चिम बंगाल की चंद्रिका तरफदार ने क्लीन एंड जर्क में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर रजत जीता । तेलंगाना की टी प्रियदर्शिनी को कांस्य पदक मिला । गुरसाले ने कोमल कोहार का स्नैच का 74 किलो का और झिल्ली डालाबेहरा का समग्र 164 किलो का रिकॉर्ड तोड़ा । वहीं कोली ने महाराष्ट्र के मुकुंद अहीर को हराकर पुरूषों के 55 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीता । उसने कुल 253 किलो वजन उठाकर सेना को दूसरा स्वर्ण दिलाया । आंध्र के एस गुरू नायडू को कांस्य पदक मिला । महिलाओं के 49 किलो वर्ग में ज्ञानेश्वरी यादव को स्वर्ण, हरियाणा की प्रीति को रजत और झिल्ली डालबेहरा को कांस्य पदक मिला । पुरूषों के 61 किलो वर्ग में एसएससीबी के चारू पासी को स्वर्ण, असम के सिद्धांत गोगोई को रजत और महाराष्ट्र के शुभम तोडकर को कांस्य पदक मिला । महिलाओं के 55 किलो वर्ग में मणिपुर की पी रानीबाला देवी को स्वर्ण , पश्चिम बंगाल की शरबानी दास को रजत और ओडिशा की स्नेहा सोरेन को कांस्य पदक मिला । हरियाणा ने नेटबॉल में दोनों स्वर्ण जीते । हरियाणा की पुरूष टीम ने केरल को 45 . 42 से हराया जबकि महिला टीम ने कर्नाटक को 58 . 52 से मात दी । जिम्नास्टिक में महिला लयबद्ध वर्ग में महाराष्ट्र को स्वर्ण, जम्मू कश्मीर को रजत और हरियाणा को कांस्य पदक मिला ।
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हांगझोउ. गत पैरालंपिक चैंपियन सुमित अंतिल ने बुधवार को यहां हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में भाला फेंक की एफ64 स्पर्धा में नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। पच्चीस साल के सुमित ने 73.29 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने 70 .83 मीटर के अपने ही विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया जो उन्होंने इस साल पेरिस में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बनाया था। एक अन्य भारतीय पुष्पेंद्र सिंह ने इसी स्पर्धा में 60.06 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता।
श्रीलंका के समिता अराचचिगे कोडिथुवाकु (64.09) को रजत पदक मिला। सुमित ने तोक्यो पैरालंपिक की पुरुष भाला फेंक एफ64 स्पर्धा में 68.55 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता था जो तत्कालिन विश्व रिकॉर्ड था। मौजूदा हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों लें यह भारत का 10वां स्वर्ण पदक है जबकि उसके कुल पदक की संख्या 36 हो गई है। -
नयी दिल्ली. ग्लेन मैक्सवेल के रिकॉर्डतोड़ शतक (44 गेंद में 106 रन) और डेविड वार्नर (93 गेंद में 104 रन) की शानदार पारियों के बाद गेंदबाजों के दबदबे वाले प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी विश्व कप मैच बुधवार को यहां नीदरलैंड को 309 रन से हराकर अपने नेट रन रेट में बड़ा सुधार किया। टीम तालिका में पहले की तरह चौथे स्थान पर है पर उनका नेट रन रेट नेगेटिव से पॉजिटिव में आ गया है। ऑस्ट्रेलिया की पांच मैचों में यह लगातार तीसरी जीत है। ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट पर 399 रन बनाने के बाद नीदरलैंड की पारी को 21 ओवर में 90 रन पर समेट दिया। यह विश्व कप में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जबकि एकदिवसीय में दूसरी सबसे बड़ी जीत है। सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भारत के नाम है जिसने इस साल श्रीलंका को 317 रन से हराया था। नीदरलैंड का कोई भी बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका। उसके लिए सलामी बल्लेबाज विक्रमजीत सिंह ने सबसे ज्यादा 25 रन बनाये। एडम जम्पा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए लगातार तीसरे मैच में चार विकेट झटके। इससे पहले मैक्सवेल ने महज 40 गेंद में शतक पूरा कर विश्व कप के सबसे तेज शतक का नया रिकॉर्ड बनाया। उनसे पहले यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के एडेन मार्कराम के नाम था। उन्होंने मौजूदा विश्व कप के दौरान इसी मैदान में श्रीलंका के खिलाफ 49 गेंद में शतक पूरा किया था। मैक्सवेल का यह शतक एकदिवसीय मैचों में चौथा सबसे तेज शतक है। यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स (31 गेंद) के नाम है। उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और आठ छक्के लगाने के अलावा पैट कमिंस (नाबाद 12) के साथ सातवें विकेट के लिए 44 गेंद में 103 रन की साझेदारी की जिसमें टीम के कप्तान का योगदान सिर्फ आठ रन का था। अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने रिवर्स स्वीप पर छक्के जड़कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी 10 ओवरों में 131 रन बटोरे। इससे पहले सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने 93 गेंद में 104 रन की पारी खेल कर बड़े स्कोर की नींव रखी। उन्होंने 11 चौके और तीन छक्के लगाये। पिछले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 163 रन बनाने वाले वार्नर का एकदिवसीय में यह 22वां और विश्व कप का छठा शतक है। वार्नर ने दूसरे विकेट के लिए स्टीव स्मिथ के साथ 118 गेंद में 132 रन जबकि तीसरे विकेट के लिए मार्नस लाबुशेन के साथ 76 गेंद में 84 रन की साझेदारी की। स्मिथ ने 68 गेंद में 71 रन की पारी के दौरान नौ चौका और एक छक्का जड़ा तो वही लाबुशेन ने 47 गेंद की आक्रामक पारी में सात चौके और दो छक्के की मदद से 62 रन बनाये। नीदरलैंड के लिए लोगन वैन बीक ने 74 रन देकर चार विकेट लिये। जबकि डी लीडे को दो सफलता मिली लेकिन उन्होंने 10 ओवर में 115 रन लुटाये। लक्ष्य का पीछा करते हुए नीदरलैंड के सलामी बल्लेबाज विक्रमजीत ने कुछ अच्छे चौके लगाये लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने छठे ओवर तक दोनों सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। मैक्स ओडोड को मिशेल स्टार्क ने बोल्ड किया तो वही विक्रमजीत रन आउट हुए। 10वें ओवर में हेजलवुड ने कोलिन एकरमैन (10) और 11वें ओवर में कमिंस ने बास डी लीडे (चार) को पगबाधा कर ऑस्ट्रेलिया को दो और सफलता दिलायी। वार्नर ने 14वें ओवर में मिशेल मार्श की गेंद पर साइब्रांड एंजेलब्रेक्ट (11रन) का शानदार कैच लपका जिससे नीदरलैंड की आधी टीम 62 रन तक पवेलियन लौट गयी। मार्श ने तेजा निदामानुरू (14) को चलता किया तो वही एडम जम्पा ने लगातार गेंदों में लोगान वैन बीक(शून्य) और रोलोफ वान डेर मर्व (शून्य) का विकेट लेने के बाद हैट्रिक से चूक गये। उन्होंने हालांकि आखिरी दोनों बल्लेबाजों को चलता कर मैच में चार विकेट झटके। इससे पहले नीदरलैंड के लिए स्पिन गेंदबाजों आर्यन दत्त (59 रन पर एक विकेट) और कोलिन एकरमैन से ने गेंदबाजी की शुरुआत की। वार्नर ने तीसरे ओवर में प्वाइंट और थर्डमैन के बीच की दिशा में लगातार चार चौके लगाकर दत्त की लय बिगाड़ी। कप्तान स्कॉर्ट एडवर्ड्स ने इसके बाद दोनों छोर से तेज गेंदबाजों को कमान सौंपी। वैन बीक ने अपनी शुरुआती ओवर में मार्श को चलता कर दिया। स्मिथ ने 10वें ओवर में इस गेंदबाज के खिलाफ फ्लिक और ग्लांस कर हैट्रिक चौका जड़ा।
17वें ओवर में मैक्स ओडोड ने वार्नर का रन आउट करने का आसान मौका गंवा दिया और इस बल्लेबाज ने छक्का लगाकर इसका जश्न मनाया। उन्होंने अगले ओवर में लगातार गेंदों पर छक्का और चौका जड़ 40 गेंद में अपना पचासा पूरा किया। स्मिथ ने भी 20वें ओवर में मर्व की गेंद पर एक रन के साथ 53 गेंद में मौजूदा विश्व कप का अपना पहला अर्धशतक पूरा किया। मर्व ने हालांकि दत्त की गेंद पर शानदार कैच पकड़कर उन्हें पवेलियन भेजा। क्रीज पर आये लाबुशेन ने रिवर्स स्विप पर चौका जड़ा। उन्होंने 34वें ओवर में मर्व की गेंद पर स्लॉग स्वीप पर छक्का लगाने के बाद विकेट के पीछे दो चौके लगाये और करियर का नौवां अर्धशतक पूरा किया। वह 37वें ओवर में डी लीडे की गेंद पर दत्त को कैच देकर पवेलियन लौटे। वार्नर ने अगले ओवर में फाइन लेग की दिशा में चौके के साथ 91 गेंद में लगातार दूसरा शतक पूरा किया।
जोश इंग्लिस (14) और वार्नर लगातार गेंदों पर आउट हुए तो मैक्सवेल ने क्रीज पर आते ही मैच का रुख बदल दिया। उन्होंने 48वें ओवर में वैन वीक के खिलाफ दो छक्के जड़े जबकि 49वें ओवर में ली लीडे के खिलाफ लगातार दो चौके और तीन छक्के जड़ कर 40 गेंद में शतक पूरा किया। वह हालांकि आखिरी ओवर में इस गेंदबाज के खिलाफ एक और छक्का लगाने की कोशिश में लपके गये। -
पणजी (गोवा) . तेलंगाना के शटलर एम थारुन और हरियाणा की अनुपमा उपाध्याय ने यहां 37वें राष्ट्रीय खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता में मंगलवार को क्रमशः पुरुष और महिला एकल में स्वर्ण पदक जीते। थारुन ने अनुभवी सौरभ वर्मा को एक घंटे और 10 मिनट में 21-15, 16-21, 21-15 से हराया, जबकि राष्ट्रीय चैंपियन अनुपमा ने उत्तराखंड की अदिति भट्ट को 21-13, 21-18 से पराजित किया। कर्नाटक ने बैडमिंटन में पुरुष और महिला युगल में स्वर्ण पदक जीते, जबकि आंध्र प्रदेश ने मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नेटबॉल में मौजूदा चैंपियन हरियाणा ने दिल्ली को करीबी मुकाबले में 60-58 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना केरल से होगा। केरल ने एक अन्य मैच में जम्मू कश्मीर को 59-41 से हराया।
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नयी दिल्ली. भारत के पूर्व कप्तान और सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में शुमार बिशन सिंह बेदी को उनके परिवार ने एक निडर और पूर्ण जीवन जीने वाली शख्सियत करार दिया। भारत की तरफ से 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट लेने वाले बेदी का सोमवार को नयी दिल्ली में निधन हो गया। वह भागवत चंद्रशेखर, ईरापल्ली प्रसन्ना और एस वेंकटराघवन के साथ स्पिन चौकड़ी के सदस्य थे। बेदी के निधन के बाद उनके बेटे अंगद और बहू नेहा धूपिया ने सोशल मीडिया के जरिये परिवार की भावनाओं को जाहिर करते हुए लिखा ‘‘ यह पापा की उस स्पिन गेंद की तरह था जिसका हम अंदाजा नहीं लगा सके। '' परिवार ने देश के इस महान वामहस्त स्पिनर के बारे में लिखा, पापा का मिजाज ऐसा नहीं था कि वह हमें इस तरह की बेहतरीन गेंद से आउट करें। हम कभी इसका अंदाजा नहीं लगा सके।'' उन्होंने कहा, ‘‘उनके जीवन का हर दिन अपने परिवार और आस्था के प्रति समर्पण के साथ, वाहेगुरु की सेवा में व्यतीत होता था। उन्होंने ‘निर्भऔ-निर्वैर (ना किसी का भय, ना किसी से नफरत)' को जीवन जीने का आधार बनाया और हमें भरोसा है कि वह जहां भी हैं, उनके अपने उनके साथ हैं।'' उन्होंने कहा, पापा, हम आपको अपने निर्भीक नेतृत्वकर्ता के रूप में पाकर धन्य हो गए। हम आपके आदर्श वाक्य ‘चीजों को समझ कर आत्मसात करना' के अनुसार जीने का प्रयास करेंगे। इस जहां से परे आप हमारा मार्गदर्शन करते रहें। परिवार ने बेदी को एक ‘निडर नेता' के साथ ऐसा व्यक्ति बताया जिसने अपने जीवन से कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। भारत के पूर्व कप्तान बेदी ने 1967 से 1979 के बीच 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए। उनका लंबी बीमारी के बाद सोमवार को घर पर निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी अंजू, बेटा अंगद और बेटी नेहा हैं। परिवार से जारी बयान में अंजू, अंगद, नेहा और अन्य के साथ बेदी की बहू नेहा धूपिया का नाम है।
परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, हम सदमे में हैं और इस शोक से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इस बात से सांत्वना मिलती है कि आपने अपना जीवन निर्भय हो कर जिया और कई लोगों को प्रेरित किया। सार्वजनिक और निजी तौर पर आपके लिए मिले प्यार भरे संदेशों ने हमें ढांढस बंधाया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ उनके धैर्य, हास्य और दिलेरी का जश्न मनाने के लिए सभी को धन्यवाद। यह देखकर खुशी होती है कि पापा ने अपने जीवन से कितनी पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके व्यक्तित्व का जश्न मनाने के लिए आप सभी को धन्यवाद। -
हांग्झोउ. प्राची यादव मंगलवार को यहां एशियाई पैरा खेलों में पैरा कैनोइंग (पाल नौकायन) में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने लगातार दूसरे दिन देश के लिए पदक हासिल किया। भारत ने मंगलवार को प्रतियोगिता के दूसरे दिन तीन स्वर्ण सहित 17 पदक जीते। इससे देश के पदकों की कुल संख्या 34 हो गयी। भारत ने सोमवार को खेलों के पहले दिन छह स्वर्ण सहित 17 पदक जीते थे। भारत नौ स्वर्ण, 12 रजत और 13 कांस्य के साथ चीन (155), ईरान (44) और उज्बेकिस्तान (38) के बाद तालिका में चौथे स्थान पर है। कैनोइंग वीएल2 वर्ग में सोमवार को रजत पदक जीतने वाली प्राची ने केएल2 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इन खेलों का दूसरा पदक हासिल किया। दीप्ति जीवनजी (महिला टी20 400 मीटर) और नीरज यादव (पुरुष एफ54/55/56 चक्का फेंक) मंगलवार को अन्य स्वर्ण पदक विजेता थे। शरत शंकरप्पा मकनहल्ली (पुरुष टी13 5000 मीटर) भी शीर्ष स्थान पर थे और उनके पदक को कुल पदक में नहीं गिना गया था। कमर से नीचे लकवाग्रस्त 28 साल की प्राची ने केएल2 स्पर्धा में 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए 54.962 सेकंड का समय लिया। इस वर्ग में एथलीट अपने हाथ और शरीर के ऊपरी हिस्से का इस्तेमाल कर खुद को आगे बढ़ाते हैं। वह ग्वालियर की रहने वाली हैं। इसके बाद दीप्ति ने महिलाओं की टी20 श्रेणी की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। बौद्धिक रूप से कमजोर एथलीटों की इस स्पर्धा में दीप्ति ने 56.69 सेकंड के साथ खेलों और एशियाई रिकॉर्ड कायम किया। माकनहल्ली ने दृष्टिबाधित धावकों द्वारा प्रतिस्पर्धा की गई 5000 मीटर दौड़ में 20:18.90 का समय लेकर जीत हासिल की। इस स्पर्धा में केवल दो खिलाड़ी थे इस लिए स्वर्ण पदक नहीं दिया गया। एशियाई पैरालंपिक समिति की नियम पुस्तिका के तहत, तीन से कम प्रतिस्पर्धी होने पर पदक प्रदान करना तकनीकी प्रतिनिधि पर निर्भर है। भारतीयों ने पुरुषों ने एफ54/55/56 चक्का फेंक स्पर्धा में तीनों पदक जीते। जिसमें नीरज यादव ने 38.56 मीटर की एशियाई रिकॉर्ड दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीता। योगेश कथुनिया (42.13 मीटर) और मुथुराजा (35.06 मीटर) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। रवि रोंगाली (पुरुष एफ40 गोला फेंक), प्रमोद (पुरुष टी46 1500 मीटर), अजय कुमार (पुरुष टी64 400 मीटर) और सिमरन शर्मा (महिला टी12 100 मीटर) ने ट्रैक स्पर्धाओं से एक-एक रजत पदक जीता। राकेश भैरा ने पुरुषों की टी46 1500 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। पैरा निशानेबाजी में रुद्राक्ष खंडेलवाल और मनीष नरवाल ने पी1 पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता, जबकि रुबीना फ्रांसिस ने पी2 महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 श्रेणी में कांस्य पदक जीता। दिन के कांस्य पदक विजेताओं में प्राची के पति मनीष कौरव (पुरुषों की केएल3 डिंगी) भी शामिल है। उनके अलावा अशोक (पुरुषों की 65 किग्रा पावरलिफ्टिंग), गजेंद्र सिंह (पुरुषों की वीएल2 डोंगी) और एकता भयान (महिलाओं की एफ32/51 क्लब थ्रो) ने भी कांस्य पदक हासिल किया।
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नयी दिल्ली. अपनी आर्म बॉल से लेकर फ्लाइट लेती गेंदों से दुनिया भर के बल्लेबाजों को चकमा देने वाले बिशन सिंह बेदी भारतीय स्पिन चौकड़ी की वह अबूझ पहेली थे, जो अपने फैसलों और बेबाक टिप्पणियों के कारण विवादों में भी रहे। दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक बेदी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को 77 साल की उम्र में निधन हो गया। इसके साथ ही विश्व क्रिकेट ने एक ऐसे सितारे को अलविदा कह दिया जिसने कई दशक तक भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान दिया। बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था। वह भारत की उस स्पिन चौकड़ी का हिस्सा थे जिसमें उनके अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और श्रीनिवास वेंकटराघवन शामिल थे। बेदी ने लगभग 12 साल तक भारतीय गेंदबाजी का जिम्मा संभाला। यह बेहद कलात्मक बायें हाथ का स्पिनर अपनी पीढ़ी के बल्लेबाजों के लिये हमेशा अबूझ पहेली बना रहा। वह गेंद को जितना संभव हो उतनी ऊंचाई से छोड़ते थे और उनका नियंत्रण गजब का था। बेदी ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण 31 दिसंबर 1966 को वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में किया था और वह 1979 तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे। उन्होंने इस बीच 67 टेस्ट मैच खेले जिनमें 28.71 की औसत से 266 विकेट लिये। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेदी के नाम पर 1560 विकेट दर्ज हैं। बेदी 22 मैचों में भारत के कप्तान भी रहे जिनमें से छह में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की। क्रिकेट संन्यास लेने के बाद बेदी भारतीय टीम के कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे। बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे। वह मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे कई प्रतिभाशाली स्पिनरों के गुरु भी थे। बाएं हाथ के स्पिनर बेदी स्पिन की हर कला जानते थे। चाहे वह तेजी में बदलाव हो या वैरीएशन। उनकी फ्लाइट, आर्म बाल और अचानक से की गई तेज गेंद पर बल्लेबाज चकमा खा बैठते थे। विश्व क्रिकेट में जब भी आर्म बॉल का जिक्र आएगा तब जेहन में पहला नाम बिशन सिंह बेदी का होगा, जिन्होंने बाएं हाथ के स्पिनरों की गुगली कही जाने वाली इस गेंद को नया जीवन दिया था। बेदी ने अपनी आर्मर से दुनिया के कई दिग्गज बल्लेबाजों को चकमे में डाला। यदि यह रिकार्ड भी रखा जाता कि एक गेंदबाज ने किस तरह की गेंद पर सर्वाधिक विकेट लिये तो निश्चित तौर पर आर्म बॉल के मामले में बेदी बाजी मार जाते। जब भी कोई बल्लेबाज उन पर हावी होने की कोशिश करता था तब वह आर्मर का उपयोग करते थे। ऐसा नहीं कि उन्हें हर बार आर्म बॉल करने पर सफलता ही मिलती थी लेकिन इस गेंद ने उन्हें कई अवसरों पर विकेट दिलाये। बेदी ने 15 साल की उम्र में उत्तरी पंजाब की तरफ से 1961-62 में रणजी ट्राफी में पदार्पण किया और बाद में वह दिल्ली की तरफ खेले। विकेट निकालने में वह माहिर थे और इसलिए कभी उनका तीर खाली नहीं जाता था। एक समय नार्थम्पटनशर को उन्होंने काउंटी क्रिकेट में खासी सफलता दिलायी थी। बेदी का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। अपनी बेबाक टिप्पणियों के कारण वह जब तब विवादों में भी फंसते रहे। वह 1976-77 में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जान लीवर के वैसलीन का उपयोग करने पर आपत्ति जताने और 1976 में वेस्टइंडीज की खौफनाक गेंदबाजी के कारण किंग्सटन में भारत की दूसरी पारी समाप्त घोषित करने के कारण भी चर्चा में रहे थे। बेदी दुनिया के ऐसे पहले कप्तान थे जिन्होंने टीम के जीत के करीब होने के बावजूद गलत अंपायरिंग का विरोध करके मैच गंवा दिया था। यह नवंबर 1978 की घटना है जब भारत को पाकिस्तान के खिलाफ साहिवाल में खेले जा रहे वनडे मैच में 14 गेंद पर 23 रन की जरूरत थी और उसके 8 विकेट बचे हुए थे। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सरफराज नवाज ने तब लगातार चार बाउंसर किये और अंपायर ने उनमें से एक को भी वाइड करार नहीं दिया। इसके विरोध में बेदी ने अपने बल्लेबाजों को वापस बुला दिया था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) भी उनके निशाने पर रहे। उन्होंने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम करने का भी पुरजोर विरोध किया था।
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हांगझोउ. भारत के प्रणव सूरमा ने हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शुरुआती दिन सोमवार को यहां पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा में स्वर्ण जीता। इस स्पर्धा का रजत और कांस्य पदक भी भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा। तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली निशानेबाज अवनी लेखरा ने भी एशियाई खेलों में रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। सूरमा ने 30.01 मीटर के प्रयास के साथ एशियाई पैरा खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक जीता, जबकि धरमबीर (28.76 मीटर) और अमित कुमार (26.93 मीटर) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस स्पर्धा में केवल चार प्रतियोगी थे, जिसमें सऊदी अरब के राधी अली अलार्थी 23.77 मीटर के थ्रो के साथ अंतिम स्थान पर रहे। अवनी ने महिलाओं की आर2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 श्रेणी में 249.6 अंक के इन खेलों के रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय पैरा निशानेबाज मोना अग्रवाल छठे स्थान पर रहीं। नवंबर 2001 में जयपुर में जन्मी अवनी 2012 में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं, जिसके बाद से वह व्हीलचेयर पर है। ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा से प्रेरित होकर उन्होंने 2015 में निशानेबाजी में हाथ आजमाना शुरू किया और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अवनी 2020 तोक्यो पैरालंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से सुर्खियों में आईं थी। वह इन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक भी जीता था। सूरमा 16 साल की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए थे जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई। वह इससे लकवाग्रस्त हो गए। इसके बाद पैरा खेलों में हाथ आजमाने का फैसला किया। 29 साल के इस खिलाड़ी ने 2019 बीजिंग विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री स्पर्धा में रजत पदक जीता था। एफ51 क्लब थ्रो स्पर्धा उन एथलीटों के लिए है जिनकी कमर के आस-पास, पैर और हाथों की गतिविधि काफी हद तक प्रभावित रहती है। इसमें प्रतियोगी बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और कंधों तथा बांह के ताकत पर निर्भर रहते हैं। पुरुषों की ऊंची कूद टी63 श्रेणी में भी भारतीय के तीन खिलाड़ी शीर्ष तीन स्थान पर रहे लेकिन एशियाई पैरालंपिक समिति (एपीसी) नियमों के तहत इस स्पर्धा में केवल स्वर्ण और रजत प्रदान किए गए। इस स्पर्धा में सिर्फ तीन भारतीयों ने ही चुनौती पेश की थी। एपीसी के ‘माइनस वन नियम' के तहत, शैलेश कुमार ने एशियाई पैरा गेम्स में 1.82 मीटर की रिकॉर्ड छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि मरियप्पन थंगावेलु (1.80 मीटर) ने रजत पदक जीता। एपीसी नियमों के तहत गोविंदभाई रामसिंगभाई पाधियार (1.78 मीटर) कांस्य नहीं जीत सकते। तीनों पदक जीतने के लिए कम से कम चार एथलीटों का मैदान में होना जरूरी है। थंगावेलु ने 2016 रियो पैरालंपिक में ऊंची कूद टी42 श्रेणी में स्वर्ण पदक और तोक्यो पैरालंपिक में टी63 में रजत पदक जीता था। टी63 वर्ग में एथलीट घुटने के ऊपर एक पैर में विकार के कारण कृत्रिम अंग के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी47 वर्ग में 2.02 मीटर के प्रयास के साथ भारत के लिए दिन का तीसरा स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में हमवतन राम पाल ने 1.94 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। टी47 वर्गीकरण कोहनी या कलाई के नीचे के अंग में विकार वाले खिलाड़ियों के लिए है। -
आगरा. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एडम जंपा सोमवार को परिवार के साथ ताजमहल देखने पहुंचे और कहा कि उन्होंने आज तक ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत नहीं देखी। ताजमहल के सहायक संरक्षक सह प्रभारी प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एडम जंपा अपनी पत्नी हैरिएट, बेटा टीना और मां पालमेयर के साथ ताजमहल देखने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि जंपा करीब दो घंटे तक ताजमहल परिसर में रहे और ट्रेवल ओजी के गाइड फराज खान ने उनको भ्रमण कराया तथा परिसर के विभिन्न भागों की जानकारी दी।
- नयी दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के देश के महानतम स्पिनर बिशन सिंह बेदी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी अंजू, बेटा अंगद और बेटी नेहा हैं।बेदी का जन्म 1946 में अमृतसर में हुआ था। उन्होंने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए। उन्होंने पारी में 14 बार पांच विकेट और मैच में एक बार 10 विकेट चटकाने का कारनामा किया। वह भारतीय क्रिकेट के स्पिनरों की उस स्वर्णिम चौकड़ी का हिस्सा थे जिसमें उनके अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और श्रीनिवास वेंकटराघवन शामिल थे। वह 1966 और 1978 के बीच एक दशक से अधिक समय तक भारत की गेंदबाजी इकाई का प्रमुख हिस्सा रहे।बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे।वह राष्ट्रीय चयनकर्ता होने के साथ मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे कई प्रतिभाशाली स्पिनरों के गुरु भी थे।
- धर्मशाला। मोहम्मद शमी के पांच विकेट के बाद विराट कोहली के बड़े अर्धशतक से भारत ने अपना विजय अभियान जारी रखते हुए रविवार को यहां एक दिवसीय विश्व कप मैच में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराया, जो उसकी आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) टूर्नामेंट में पिछले 20 वर्षों में कीवी टीम पर पहली जीत है। विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ 10 मैच में यह भारत की चौथी जीत है। भारत ने न्यूजीलैंड को विश्व कप में पिछली बार 20 साल पहले 2003 में सेंचुरियन में हराया था। इस जीत से भारत ने पांच मैचों में पांच जीत से 10 अंक के साथ शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत करके सेमी फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को पंख लगा दिए हैं। न्यूजीलैंड पांच मैच में चार जीत से आठ अंक के साथ दूसरे स्थान पर है।न्यूजीलैंड के 274 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कोहली (104 गेंद में 95 रन, आठ चौके, दो छक्के) की श्रेयस अय्यर (33) के साथ तीसरे विकेट की 52, लोकेश राहुल (27) के साथ चौथे विकेट की 54 और रविंद्र जडेजा (44 गेंद में नाबाद 39) के साथ छठे विकेट की 78 रन की साझेदारी से 48 ओवर में छह विकेट पर 274 रन बनाकर जीत दर्ज की। कप्तान रोहित शर्मा ने भी (46) रन की उम्दा पारी खेली। न्यूजीलैंड की तरफ से लॉकी फर्ग्युसन ने 63 रन देकर दो विकेट चटकाए। मिशेल सेंटनर ने किफायती गेंदबाजी करते हुए 37 रन देकर एक विकेट हासिल किया लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। मिशेल ने इससे पहले 127 गेंद में पांच छक्कों और नौ चौकों की मदद से 130 रन की पारी खेलने के अलावा रचिन रविंद्र (75 रन, 87 गेंद, छह चौके, एक छक्का) के साथ तीसरे विकेट के लिए 159 रन जोड़े लेकिन इसके बावजूद टीम 50 ओवर में 273 रन पर आउट हो गई। मिशेल और रविंद्र की साझेदारी इस मैदान पर किसी भी विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी है। इन दोनों ही बल्लेबाजों को भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने जीवनदान भी दिया। भारत के लिए शमी सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 54 रन देकर करियर में तीसरी बार पांच विकेट चटकाए। बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव महंगे साबित हुए। उन्होंने 73 रन देकर दो विकेट हासिल किए। मोहम्मद सिराज (45 रन पर एक विकेट) और जसप्रीत बुमराह (45 रन पर एक विकेट) ने किफायती गेंदबाजी करते हुए एक-एक विकेट अपने नाम किया। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज पूरे टूर्नामेंट के दौरान पहली बार दबाव में दिखे। टीम अंतिम 13 ओवर में भारत की सटीक गेंदबाजी के सामने 68 रन ही बना सकी। लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत को रोहित शर्मा (46) और शुभमन गिल (26) की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 71 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलाई। रोहित शुरू से ही अच्छी लय में दिखे। उन्होंने ट्रेंट बोल्ट पर चौके से खाता खोलने के बाद उनकी और मैट हेनरी की गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया। गिल ने सतर्क शुरुआत के बाद बोल्ट और हेनरी पर दो-दो चौके मारे और आठवें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया। रोहित ने हेनरी और सेंटनर पर छक्के मारे लेकिन लॉकी फर्ग्युसन की पहली ही गेंद को विकेटों पर खेल गए। उन्होंने 40 गेंद का सामना करते हुए चार छक्के और इतने ही चौके मारे। गिल भी फर्ग्युसन के अगले ओवर में थर्ड मैन पर मिशेल को कैच दे बैठे। वह इस पारी के दौरान एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेजी से दो हजार रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। गिल ने 38 पारियों में यह मुकाम हासिल किया और दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 40 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी। विराट कोहली और श्रेयस अय्यर ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। अय्यर ने फर्ग्युसन पर दो चौकों के साथ शुरुआत की और फिर उन पर एक और चौके के साथ 15.4 ओवर में भारत के रनों का शतक पूरा किया जिसके बाद घने कोहरे के कारण लगभग 15 मिनट तक खेल रुका रहा। मैच दोबारा शुरू होने पर कोहली ने फर्ग्युसन पर दो चौके मारे। अय्यर ने भी रविंद्र का स्वागत चौके के साथ किया लेकिन बोल्ट की बाउंसर को डीप स्क्वायर लेग में कॉनवे के हाथों में खेल गए। उन्होंने 29 गेंद में छह चौकों से 33 रन बनाए। कोहली को इसके बाद राहुल के रूप में एक और उम्दा जोड़ीदार मिला। राहुल ने फर्ग्युसन पर चौके से खाता खोला और फिर रविंद्र पर भी चौका मारा। कोहली ने भी रविंद्र पर छक्का जड़ा। सेंटनर ने राहुल को पगबाधा करके इस साझेदारी को तोड़ा। सेंटनर की विश्वसनीय अपील को अंपायर ने ठुकरा दिया था लेकिन डीआरएस लेने पर फैसला गेंदबाज के पक्ष में गया। कोहली ने सेंटनर की गेंद पर एक रन के साथ 60 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।सूर्यकुमार यादव (02) इसके बाद कोहली के साथ गलतफहमी का शिकार होकर रन आउट हुए जिससे भारत का स्कोर पांच विकेट पर 191 रन हो गया। जडेजा ने फर्ग्युसन पर लगातार दो चौके के साथ खाता खोला और 36वें ओवर में टीम के रनों का दोहरा शतक पूरा किया। भारत को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए 49 रन की दरकार थी। जडेजा ने रविंद्र जबकि कोहली ने बोल्ट पर छक्के के साथ भारत की लक्ष्य तक पहुंचने की राह आसान की। भारत हालांकि जब जीत से सिर्फ पांच रन दूर था तब कोहली हेनरी की गेंद पर छक्का लगाने की कोशिश में ग्लेन फिलिप्स को कैच दे बैठे। जडेजा ने हेनरी पर चौके के साथ भारत की जीत सुनिश्चित की। इससे पहले रोहित ने टॉस जीतकर न्यूजीलैंड को पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण दिया जिसके बाद गेंदबाजों ने नौवें ओवर में 19 रन तक ही दोनों सलामी बल्लेबाजों डेवोन कॉनवे (00) और विल यंग (17) को पवेलियन रविंद्र और मिशेल दोनों ने 19वें ओवर में कुलदीप यादव पर छक्के जड़े। टीम के रनों का शतक 21वें ओवर में पूरा हुआ। रविंद्र ने कुलदीप की गेंद पर एक रन के साथ 56 गेंद में अर्धशतक पूरा किया जबकि मिशेल ने सिराज पर एक रन के साथ 60 गेंद में 50 रन के आंकड़े को छुआ। सिराज ने 61 रन के स्कोर पर रविंद्र को पगबाधा किया लेकिन डीआरएस का सहारा लेने पर फैसला बल्लेबाज के पक्ष में गया क्योंकि गेंद लेग साइड के बाहर पिच हुई थी। मिशेल को भी 69 रन के स्कोर पर जीवनदान मिला जब कुलदीप की गेंद पर लांग ऑफ पर बुमराह ने उनका आसान कैच टपका दिया और गेंद चार रन के लिए चली गई। रविंद्र हालांकि अगले ओवर में शमी की गेंद पर लांग ऑन पर गिल को कैच दे बैठे जिससे शतकीय साझेदारी का अंत हुआ। न्यूजीलैंड के रनों का दोहरा शतक 37वें ओवर में पूरा हुआ लेकिन कुलदीप ने इसी ओवर में कप्तान टॉम लैथम (05) को पगबाधा करके भारत को चौथी सफलता दिलाई। मिशेल ने बुमराह की गेंद पर एक रन के साथ 100 गेंद अपना पांचवां शतक पूरा किया।ग्लेन फिलिप्स ने 44वें ओवर में सिराज पर छक्के के साथ 40 गेंद के बाउंड्री के सूखे को खत्म किया लेकिन कुलदीप के अगले ओवर में गेंद को हवा में लहराकर रोहित को आसान कैच दे बैठे। उन्होंने 23 रन बनाए। मार्क चैपमैन (06) भी बुमराह की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में बाउंड्री पर कोहली को कैच दे बैठे जबकि शमी ने सटीक यॉर्कर पर मिशेल सेंटनर (01) का ऑफ स्टंप उखाड़ने के बाद अगली गेंद पर मैट हेनरी (00) का लेग स्टंप उखाड़ा। मिशेल ने अंतिम ओवर में शमी की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा लेकिन फिर कोहली को कैच दे बैठे। पारी की अंतिम गेंद पर लॉकी फर्ग्युसन (01) रन आउट हुए।
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गुरुग्राम. भारत की दीक्षा डागर ने हीरो महिला इंडियन ओपन के चौथे दौर में रविवार को यहां दो अंडर 70 का कार्ड खेला जिससे वह कुल आठ अंडर के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रही। जर्मनी की एलिन क्राउटर (68) ने स्वीडन की सारा केजेलकर (71) की शुरुआती चुनौती को पार करते हुए लेडीज यूरोपियन टूर पर अपना पहला खिताब जीता। दीक्षा ने शुरूआती नौ होल में दो बोगी के मुकाबले पांच बर्डी लगाये लेकिन आखिरी नौ होल में वह इस लय को बरकरार नहीं रख सकी। उनका कुल स्कोर आठ अंडर 280 रहा। एलिन 15 अंडर का शानदार स्कोर बनाकर सारा (10 अंडर) को बड़े अंतर से पीछे छोड़ने में सफल रही।
दीक्षा इस प्रदर्शन के बाद ‘एलईटी की रेस टू कोस्टा डेल सोल' में चौथे से दूसरे स्थान पर आ जाएगी। वह ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट' में शीर्ष पर काबिज फ्रांस की सेलीन बाउटियर से लगभग 78 अंक पीछे हैं। भारत अमेच्योर गोल्फर अवनी प्रशांत (69) संयुक्त पांचवें जब स्थान पर रहीं जबकि गौरिका बिश्नोई (71) संयुक्त 8वें स्थान पर रहीं। कट में जगह बनाने वाली अन्य भारतीयों में अमनदीप द्राल (69) तथा वाणी कपूर (78) संयुक्त रूप से 16वें, रिद्धिमा दिलावरी (74) संयुक्त रूप से 24वें, खुशी खानिजाऊ (73) तथा नेहा त्रिपाठी (73) संयुक्त रूप से 31वें स्थान पर रहीं जबकि अमेच्योर विधात्री उर्स (78) संयुक्त 36वें स्थान पर रहीं। -
नयी दिल्ली. भारत के अंडर-15 बैडमिंटन खिलाड़ी बोर्निल आकाश चांगमाई ने रविवार को चीन के चेंगदू में बैडमिंटन एशिया अंडर-17 एवं अंडर-15 जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में फैन होंग जुआन को हराकर स्वर्ण पदक जीता। लड़कों के एकल फाइनल में बोर्निल ने चीन के 14 साल के खिलाड़ी को 34 मिनट में 21-19, 21-13 से शिकस्त दी। तेरह बरस के बोर्निल 2013 में सिरिल वर्मा के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले दूसरे जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी बन गये हैं।
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धारवाड़. एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता और चौथी वरीयता प्राप्त रामकुमार रामनाथन रविवार को यहां आईटीएफ धारवाड़ पुरुष विश्व टेनिस टूर के भारतीय खिलाड़ियों के फाइनल में तीसरी वरीयता प्राप्त दिग्विजय प्रताप सिंह से भिड़ेंगे। रामनाथन ने शनिवार को शीर्ष वरीयता प्राप्त अमेरिकी निक चैपल के खिलाफ पहला सेट गंवाने के बाद शानदार वापसी करते हुए 3-6, 6-3, 7-6 से जीत दर्ज की। दिग्विजय ने दूसरी वरीयता प्राप्त बोब्रोव बोगदान को करीबी मुकाबले में 6-4, 6-7 , 6-4 से हराया। इस बीच, एसडी प्रज्वल देव और नितिन कुमार सिन्हा की तीसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने पुरुष युगल के फाइनल में साई कार्तिक गंता और मनीष सुरेशकुमार की गैरवरीय जोड़ी को 6-4, 6-3 से हराकर खिताब हासिल किया।
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नयी दिल्ली. भारतीय महिला हॉकी टीम हांग्झोउ एशियाई खेलों में तीसरे स्थान पर रहने के बाद 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए स्वत: क्वालीफाई करने में विफल रही, लेकिन उसे इस में जगह बनाने का एक और मौका रांची में अगले साल होने वाले क्वालीफाइंग टूर्नामेंट से मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने महिला ओलंपिक क्वालीफायर को चीन के चांगझोउ से रांची में स्थानांतरित कर दिया है। चीन की महिला टीम ने इस महीने की शुरुआत में हांगझोउ में एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतकर सीधे पेरिस खेलों में जगह बनाई थी। पेरिस ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट अगले साल 13 से 19 जनवरी तक झारखंड के रांची में मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भारत के अलावा सात देश हिस्सा लेंगे जिनमें से शीर्ष तीन अगले साल के ओलंपिक में अपनी जगह पक्की करेंगे। एफआईएच के अन्य ओलंपिक क्वालीफायर मस्कट, ओमान (पुरुष: 15-21 जनवरी, 2024) और वालेंसिया, स्पेन (महिला और पुरुष: 13-21 जनवरी, 2024) में खेले जाएंगे। भारत हांगझोउ एशियाई खेलों की महिला हॉकी सेमीफाइनल में मेजबान चीन से 0-4 से हार गया था । टीम को इसके बाद जापान को 2-1 से हराकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। रांची में ओलंपिक क्वालीफायर की मेजबानी पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘‘यह हमारे खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा आयोजन है और हम रोमांचित हैं कि यह हमारे घरेलू मैदान पर होगा। भारतीय प्रशंसकों का समर्थन हमारे खिलाड़ियों को ऊर्जा देगा जो पेरिस 2024 ओलंपिक में अपना स्थान सुरक्षित करने का दृढ़ संकल्प है।'' भारतीय टीम की कप्तान सविता पुनिया ने कहा, ‘‘रांची में ओलंपिक क्वालीफायर की मेजबानी करना शानदार खबर है क्योंकि यह हमें भारतीय हॉकी प्रशंसकों की उपस्थिति में पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए जगह पक्की करने के लिए पहले से कहीं अधिक प्रेरित करेगा ।'' ओलंपिक क्वालीफायर से पहले भारतीय टीम 27 अक्टूबर से पांच नवंबर तक रांची में ही महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में खेलेगी। टूर्नामेंट में घरेलू टीम का सामना जापान, चीन, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड से होगा।
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नयी दिल्ली. भारतीय निशानेबाज विशेष कर पिस्टल निशानेबाज रविवार से दक्षिण कोरिया के चांगवोन में शुरू होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए कोटा स्थान हासिल करने की कोशिश करेंगे। भारतीय निशानेबाजों ने अभी तक पेरिस ओलंपिक के लिए सात कोटा स्थान हासिल किए हैं लेकिन इनमें कोई भी पिस्टल निशानेबाज शामिल नहीं है। ऐसे में सभी की निगाहें मनु भाकर, ईशा सिंह, रिदम सांगवान, पलक, अनीश भानवाला, विजयवीर सिद्धू और शिव नरवाल जैसे खिलाड़ियों पर टिकी रहेंगी। एशियाई चैंपियनशिप में कुल 24 कोटा स्थान दांव पर लगे होंगे और ऐसे में भारत के पास तोक्यो ओलंपिक के लिए हासिल किए गए 15 कोटा स्थान की संख्या को पार करने का मौका होगा। ऐसा करना हालांकि आसान नहीं होगा क्योंकि उसे प्रतियोगिता में उसे अन्य देशों के अलावा चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से कड़ी चुनौती मिलेगी। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी देश का मुख्य लक्ष्य ओलंपिक कोटा हासिल करना ही होगा। भारतीय निशानेबाजों ने हालांकि की हाल में एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करके सात स्वर्ण पदक सहित कुल 22 पदक जीते थे और उनसे इस अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखने की उम्मीद की जा रही है। एशियाई खेलों की तुलना में एशियाई चैंपियनशिप के अधिक प्रतिस्पर्धी होने की संभावना है क्योंकि इसमें ओलंपिक कोटा दांव पर लगे हुए हैं। पुरुष और महिला वर्ग में जहां सभी की निगाहें पिस्टल निशानेबाजों पर टिकी रहेंगी वहीं इस प्रतियोगिता से 10 मीटर एयर राइफल के निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार, ट्रैप निशानेबाज पृथ्वीराज टोंडिमान, किनान चेनाई और जोरावर सिंह संधू को भी पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने का मौका मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने इस चैंपियनशिप में अधिकतर उन्हीं खिलाड़ियों को उतारा है जिन्होंने अभी तक ओलंपिक के लिए कोटा हासिल नहीं किया है।
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पुणे। विराट कोहली ने विजयी छक्का जड़कर अपने वनडे करियर का 48वां शतक पूरा किया जिससे भारत ने गुरुवार को यहां बांग्लादेश को 51 गेंद शेष रहते हुए सात विकेट से हराकर एकदिवसीय विश्व कप में अपना विजय अभियान जारी रखा। रोहित शर्मा (40 गेंद पर 48 रन) और शुभमन गिल (55 गेंद पर 53 रन) में पहले विकेट के लिए 88 रन जोड़कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई। इसके बाद कोहली का बल्ला चला और उन्होंने 97 गेंद पर नाबाद 103 रन बनाए जिसमें छह चौके और चार छक्के शामिल हैं। उन्होंने केएल राहुल (नाबाद 34) के साथ चौथे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर भारत का स्कोर 41.3 ओवर में तीन विकेट पर 261 रन तक पहुंचाया।
बांग्लादेश पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत के बावजूद आठ विकेट पर 256 रन ही बना पाया। उसकी तरफ से लिटन दास ने 66, उनके सलामी जोड़ीदार तंजीद हसन ने 51 और महमुदुल्लाह ने 46 रन का योगदान दिया। भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद सिराज ने दो-दो विकेट लिए। भारत की लगातार यह चौथी जीत है जिससे उसने सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को पंख लगाए। भारत ने चार मैच में चार जीत से न्यूजीलैंड की बराबरी कर ली है लेकिन कीवी टीम बेहतर रन रेट के आधार पर शीर्ष पर बनी हुई है। मैच के अंतिम क्षणों में सभी की निगाहें इस पर टिकी थी कि कोहली शतक पूरा कर पाएंगे या नहीं। राहुल ने अपने बल्ले पर अंकुश लगाया जबकि कोहली ने अपने पास स्ट्राइक रखी। उन्होंने हसन महमूद और नासुम अहमद पर छक्के जड़कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 26000 रन पूरे किए।
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19वें एशियाई खेलों में पदक विजेता जवानों के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक विजेता को 25 लाख, रजत पदक विजेता को 15 लाख और कांस्य पदक विजेता को 10 लाख रुपये दिये जाएंगे। नई दिल्ली में रक्षा सेवा के खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में श्री सिंह ने उन खिलाड़ियों के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन पदक नहीं जीत सके।
- धर्मशाला. स्कॉट एडवर्ड्स की कप्तानी पारी और गेंदबाजों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से नीदरलैंड ने मंगलवार को यहां बारिश से प्रभावित मैच में दक्षिण अफ्रीका को 38 रन से हराया जो आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप में तीन दिन के अंदर दूसरा बड़ा उलटफेर है। नीदरलैंड ने अफगानिस्तान की गत चैंपियन इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत से प्रेरणा लेकर दक्षिण अफ्रीका के विजय अभियान पर रोक लगाई। दक्षिण अफ्रीका की टीम ने पहले दो मैच में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। नीदरलैंड ने पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद निर्धारित 43 ओवर में आठ विकेट पर 245 रन चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। एडवर्ड्स ने 69 गेंद पर नाबाद 78 रन बनाए जिसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल है। उनके बाद दूसरा सर्वोच्च स्कोर अतिरिक्त रन (31) का रहा। इसके जवाब में कई स्टार खिलाड़ियों से सजी दक्षिण अफ्रीका की टीम 42.5 ओवर में 207 रन बनाकर आउट हो गई। उसकी तरफ से डेविड मिलर ने 43 और केशव महाराज ने 40 रन बनाए। नीदरलैंड की तरफ से लोगन वान बीक ने तीन जबकि रीलोफ वान डर मर्व, पॉल वान मीकरेन और बास डी लीडे ने दो-दो विकेट लिए। नीदरलैंड ने पिछले साल टी20 विश्व कप में भी दक्षिण अफ्रीका को हराया था। बारिश के कारण खेल देर से शुरू हुआ, जिससे मैच को 43 ओवर का कर दिया गया।दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत बहुत खराब रही तथा उसने आठ रन के अंदर चार विकेट गंवाए जिससे उसका स्कोर बिना किसी नुकसान के 36 रन से चार विकेट पर 44 रन हो गया। पहले दो मैच में शतक जड़ने वाले क्विंटन डिकॉक (20) आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। कॉलिन एकरमैन ने उन्हें विकेट के पीछे कैच कराया। इसके बाद वान डर मर्व ने कप्तान तेंबा बावुमा (16) जबकि पॉल वान मीकरेन ने एडेन मार्कराम (01) की गिल्लियां बिखेरी। वान डर मर्व ने अगले ओवर में रासी वान डर डुसेन (04) को पवेलियन भेज कर दक्षिण अफ्रीका को गहरे संकट में डाल दिया। विकेट गिरने का क्रम यहीं पर नहीं थमा। हेनरिक क्लासेन (28) और मार्को यानसेन (09) भी क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बावजूद मिलर का लंबे समय तक साथ नहीं दे पाए। मिलर भी जब 23 रन पर थे तो बास डी लीडे ने वान डर मर्व की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर उनका कैच छोड़ दिया था। मिलर इसका फायदा नहीं उठा पाए और लोगन वान बीक ने उन्हें स्विंग लेती गेंद पर बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका की रही सही उम्मीद भी समाप्त कर दी। केशव महाराज ने 37 गेंद पर पांच चौके ऑन और एक छक्का लगाकर दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ हार का अंतर भी कम किया। इससे पहले बादल छाए हुए थे और ऐसे में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। कगिसो रबाडा, मार्को यानसेन और लुंगी एनगिडी ने अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाकर नीदरलैंड का स्कोर 34वें ओवर में सात विकेट पर 140 रन कर दिया। इन तीनों तेज गेंदबाजों ने दो-दो विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज हालांकि अंतिम ओवरों में रन प्रवाह रोकने में नाकाम रहे। उन्होंने अंतिम पांच ओवर में 68 रन लुटाए। एडवर्ड्स को निचले क्रम के बल्लेबाजों से अच्छा सहयोग मिला। उन्होंने रीलोफ वान डर मर्व (19 गेंदों पर 29 रन) के साथ आठवें विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। दसवें नंबर के बल्लेबाज आर्यन दत्त ने नौ गेंद पर नाबाद 23 रन का योगदान दिया। रबाडा ने मैच की अपनी पहली गेंद पर ही विक्रमजीत सिंह (02) को आउट कर दिया जबकि यानसेन ने उनके सलामी जोड़ीदार मैक्स ओडोउड (18) को छह गेंद बाद पवेलियन का रास्ता दिखाया। रबाडा ने स्टार ऑलराउंडर बास डी लीडे (02) को पगबाधा आउट किया। इस तरह से नियमित अंतराल में विकेट गंवाने के कारण नीदरलैंड की टीम संकट में दिख रही थी। एडवर्ड्स और दक्षिण अफ्रीका की तरफ से 26 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके वान डर मर्व ने जवाबी हमले की रणनीति अपनाई जो कारगर साबित हुई। एडवर्ड्स ने रबाडा पर पुल करके छक्का लगाया। उन्होंने स्पिनर केशव महाराज पर स्वीप और रिवर्स स्वीप करके रन बटोरे। इसके बाद आर्यन दत्त ने भी अपनी संक्षिप्त पारी में तीन छक्के लगाए।
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अहमदाबाद । नीले समंदर में डूबे नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रोहित शर्मा का बल्ला कुछ ऐसा चला कि पाकिस्तानी आक्रमण की धार कुंद हो गई और इस चर्चित मुकाबले में भारत ने शनिवार को सात विकेट से एकतरफा जीत दर्ज करके चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ विश्व कप में जीत का रिकॉर्ड 8 . 0 कर लिया । महीनों पहले से जिस मैच के चर्चे थे उसमे ना तो शाहीन शाह अफरीदी को स्विंग मिली और ना ही बाबर आजम का बल्ला चला । इस महा मुकाबले में बल्ला भी मेजबान टीम का चला और गेंदबाज भी । गेंदबाजों ने पाकिस्तान को 42 . 5 ओवर में 191 रन पर ढेर कर दिया और जवाब में बल्लेबाजों ने 30 . 3 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया । विश्व कप में 1992 के बाद से भारत की पाकिस्तान पर यह लगातार आठवीं जीत है ।
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अहमदाबाद. पाकिस्तान के बल्लेबाज सउद शकील को अपनी फिरकी में फंसाने वाले भारतीय गेंदबाज कुलदीप यादव ने कहा कि वह मध्यक्रम के इस वामहस्त बल्लेबाज की शैली पर पिछले कुछ दिनों से नजर रखे हुए थे। चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को खेले गए एकदिवसीय विश्व कप के मैच में कुलदीप ने शकील को लेग स्पिन से चकमा देकर पगबाधा किया। स्वीप शॉट खेलने में माहिर शकील को कुलदीप ने पगबाधा किया। मैदानी अंपायर ने भारतीय खिलाड़ियों की अपील पर दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने रिव्यू लेने में देरी नहीं की। तीसरे अंपायर ने टेलीविजन रीप्ले देखने के बाद शकील को आउट करार दिया।
कुलदीप ने भारतीय पारी के बाद प्रसारकों से कहा, ‘‘मैं पिछले कुछ मैचों से सउद शकील को देख रहा हूं और वह काफी स्वीप करने की कोशिश कर रहा था। उसने सोचा कि गेंद धीमी आयेगी लेकिन वह स्किड हो गई।'' कुलदीप ने इस विकेट के चार गेंद बाद इफ्तिखार अहमद को ‘रॉन्ग'वन' पर बोल्ड किया जिससे पाकिस्तान का स्कोर दो विकेट पर 155 रन से पांच विकेट पर 166 रन हो गया। कुलदीप ने कहा, ‘‘ पिच थोड़ी धीमी है। हम गेंद की लंबाई पर ध्यान दे रहे थे। वे ज्यादा आक्रमण नहीं कर रहे थे इसलिए मुझे गति और विकल्प आजमाने का मौका मिल गया। '' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। रिजवान ने मुझे ज्यादा स्वीप नहीं किया इसलिए मैं उससे खराब शॉट खेलने के लिए मजबूर करना चाहता था।'' टूर्नामेंट के सबसे चर्चित मुकाबले में पाकिस्तान की टीम 191 रन पर आउट हो गयी।
कुलदीप ने कहा, ‘यहां लगभग 90,000 दर्शकों की मौजूदगी में पाकिस्तान के खिलाफ खेलना शानदार एहसास है।'' -
नयी दिल्ली. भारत की पुरुष और महिला सब जूनियर (अंडर-17) हॉकी टीमों ने नीदरलैंड में सीनियर ईडीई टीमों के खिलाफ जीत दर्ज करके अपने पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे की सकारात्मक शुरुआत की। महिला टीम ने सीनियर ईडीई टीम को 3-2 से हराया, जबकि पुरुष टीम ने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को 8-0 से करारी शिकस्त दी। महिलाओं के मैच में भारतीय टीम शुरू में पिछड़ गई थी लेकिन रवीना, करुणा मिंज और भाव्या के गोल से उसने शानदार वापसी की। पुरुषों के मैच में भारतीय टीम ने शुरू से दबदबा बनाए रखा। भारत की तरफ से आशु मौर्य ने पहला गोल किया। उसके बाद अजीत यादव ने हैट्रिक बनाई जबकि रोहित इरेंगबाम सिंह ने दो गोल तथा सृजन यादव और राहुल राजभर ने एक एक गोल किया। -
वांता (फिनलैंड) .ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू ने सीधे गेम में जीत दर्ज करके गुरुवार को यहां आर्कटिक ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन किदांबी श्रीकांत को पुरुष एकल में हार का सामना करना पड़ा। आठवीं वरीयता प्राप्त सिंधू ने चीनी ताइपे की वेन ची सू को केवल 38 मिनट में 21-11, 21-10 से पराजित किया। उनका अगला मुकाबला वियतनाम की थुय लिन्ह गुयेन से होगा। पुरुष एकल में हालांकि श्रीकांत और किरण जॉर्ज का सफर थम गया। श्रीकांत को जापान के सातवीं वरीयता प्राप्त कांता त्सुनेयामा से 15-21, 12-21 से जबकि जॉर्ज को चीन के चौथी वरीयता प्राप्त लू गुआंग ज़ू से 10-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा। महिला युगल में तनीषा क्रैस्टो और अश्विनी पोनप्पा की एकमात्र भारतीय जोड़ी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। भारतीय जोड़ी फ्रांस की मार्गोट लाम्बर्ट और ऐनी ट्रान से 19-21, 19-21 से हार गईं।