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नयी दिल्ली. भारतीय महिला हॉकी टीम हांग्झोउ एशियाई खेलों में तीसरे स्थान पर रहने के बाद 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए स्वत: क्वालीफाई करने में विफल रही, लेकिन उसे इस में जगह बनाने का एक और मौका रांची में अगले साल होने वाले क्वालीफाइंग टूर्नामेंट से मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने महिला ओलंपिक क्वालीफायर को चीन के चांगझोउ से रांची में स्थानांतरित कर दिया है। चीन की महिला टीम ने इस महीने की शुरुआत में हांगझोउ में एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतकर सीधे पेरिस खेलों में जगह बनाई थी। पेरिस ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट अगले साल 13 से 19 जनवरी तक झारखंड के रांची में मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भारत के अलावा सात देश हिस्सा लेंगे जिनमें से शीर्ष तीन अगले साल के ओलंपिक में अपनी जगह पक्की करेंगे। एफआईएच के अन्य ओलंपिक क्वालीफायर मस्कट, ओमान (पुरुष: 15-21 जनवरी, 2024) और वालेंसिया, स्पेन (महिला और पुरुष: 13-21 जनवरी, 2024) में खेले जाएंगे। भारत हांगझोउ एशियाई खेलों की महिला हॉकी सेमीफाइनल में मेजबान चीन से 0-4 से हार गया था । टीम को इसके बाद जापान को 2-1 से हराकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। रांची में ओलंपिक क्वालीफायर की मेजबानी पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘‘यह हमारे खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा आयोजन है और हम रोमांचित हैं कि यह हमारे घरेलू मैदान पर होगा। भारतीय प्रशंसकों का समर्थन हमारे खिलाड़ियों को ऊर्जा देगा जो पेरिस 2024 ओलंपिक में अपना स्थान सुरक्षित करने का दृढ़ संकल्प है।'' भारतीय टीम की कप्तान सविता पुनिया ने कहा, ‘‘रांची में ओलंपिक क्वालीफायर की मेजबानी करना शानदार खबर है क्योंकि यह हमें भारतीय हॉकी प्रशंसकों की उपस्थिति में पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए जगह पक्की करने के लिए पहले से कहीं अधिक प्रेरित करेगा ।'' ओलंपिक क्वालीफायर से पहले भारतीय टीम 27 अक्टूबर से पांच नवंबर तक रांची में ही महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में खेलेगी। टूर्नामेंट में घरेलू टीम का सामना जापान, चीन, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड से होगा।
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नयी दिल्ली. भारतीय निशानेबाज विशेष कर पिस्टल निशानेबाज रविवार से दक्षिण कोरिया के चांगवोन में शुरू होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए कोटा स्थान हासिल करने की कोशिश करेंगे। भारतीय निशानेबाजों ने अभी तक पेरिस ओलंपिक के लिए सात कोटा स्थान हासिल किए हैं लेकिन इनमें कोई भी पिस्टल निशानेबाज शामिल नहीं है। ऐसे में सभी की निगाहें मनु भाकर, ईशा सिंह, रिदम सांगवान, पलक, अनीश भानवाला, विजयवीर सिद्धू और शिव नरवाल जैसे खिलाड़ियों पर टिकी रहेंगी। एशियाई चैंपियनशिप में कुल 24 कोटा स्थान दांव पर लगे होंगे और ऐसे में भारत के पास तोक्यो ओलंपिक के लिए हासिल किए गए 15 कोटा स्थान की संख्या को पार करने का मौका होगा। ऐसा करना हालांकि आसान नहीं होगा क्योंकि उसे प्रतियोगिता में उसे अन्य देशों के अलावा चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से कड़ी चुनौती मिलेगी। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी देश का मुख्य लक्ष्य ओलंपिक कोटा हासिल करना ही होगा। भारतीय निशानेबाजों ने हालांकि की हाल में एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करके सात स्वर्ण पदक सहित कुल 22 पदक जीते थे और उनसे इस अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखने की उम्मीद की जा रही है। एशियाई खेलों की तुलना में एशियाई चैंपियनशिप के अधिक प्रतिस्पर्धी होने की संभावना है क्योंकि इसमें ओलंपिक कोटा दांव पर लगे हुए हैं। पुरुष और महिला वर्ग में जहां सभी की निगाहें पिस्टल निशानेबाजों पर टिकी रहेंगी वहीं इस प्रतियोगिता से 10 मीटर एयर राइफल के निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार, ट्रैप निशानेबाज पृथ्वीराज टोंडिमान, किनान चेनाई और जोरावर सिंह संधू को भी पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने का मौका मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने इस चैंपियनशिप में अधिकतर उन्हीं खिलाड़ियों को उतारा है जिन्होंने अभी तक ओलंपिक के लिए कोटा हासिल नहीं किया है।
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पुणे। विराट कोहली ने विजयी छक्का जड़कर अपने वनडे करियर का 48वां शतक पूरा किया जिससे भारत ने गुरुवार को यहां बांग्लादेश को 51 गेंद शेष रहते हुए सात विकेट से हराकर एकदिवसीय विश्व कप में अपना विजय अभियान जारी रखा। रोहित शर्मा (40 गेंद पर 48 रन) और शुभमन गिल (55 गेंद पर 53 रन) में पहले विकेट के लिए 88 रन जोड़कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई। इसके बाद कोहली का बल्ला चला और उन्होंने 97 गेंद पर नाबाद 103 रन बनाए जिसमें छह चौके और चार छक्के शामिल हैं। उन्होंने केएल राहुल (नाबाद 34) के साथ चौथे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर भारत का स्कोर 41.3 ओवर में तीन विकेट पर 261 रन तक पहुंचाया।
बांग्लादेश पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत के बावजूद आठ विकेट पर 256 रन ही बना पाया। उसकी तरफ से लिटन दास ने 66, उनके सलामी जोड़ीदार तंजीद हसन ने 51 और महमुदुल्लाह ने 46 रन का योगदान दिया। भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद सिराज ने दो-दो विकेट लिए। भारत की लगातार यह चौथी जीत है जिससे उसने सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को पंख लगाए। भारत ने चार मैच में चार जीत से न्यूजीलैंड की बराबरी कर ली है लेकिन कीवी टीम बेहतर रन रेट के आधार पर शीर्ष पर बनी हुई है। मैच के अंतिम क्षणों में सभी की निगाहें इस पर टिकी थी कि कोहली शतक पूरा कर पाएंगे या नहीं। राहुल ने अपने बल्ले पर अंकुश लगाया जबकि कोहली ने अपने पास स्ट्राइक रखी। उन्होंने हसन महमूद और नासुम अहमद पर छक्के जड़कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 26000 रन पूरे किए।
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19वें एशियाई खेलों में पदक विजेता जवानों के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक विजेता को 25 लाख, रजत पदक विजेता को 15 लाख और कांस्य पदक विजेता को 10 लाख रुपये दिये जाएंगे। नई दिल्ली में रक्षा सेवा के खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में श्री सिंह ने उन खिलाड़ियों के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन पदक नहीं जीत सके।
- धर्मशाला. स्कॉट एडवर्ड्स की कप्तानी पारी और गेंदबाजों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से नीदरलैंड ने मंगलवार को यहां बारिश से प्रभावित मैच में दक्षिण अफ्रीका को 38 रन से हराया जो आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप में तीन दिन के अंदर दूसरा बड़ा उलटफेर है। नीदरलैंड ने अफगानिस्तान की गत चैंपियन इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत से प्रेरणा लेकर दक्षिण अफ्रीका के विजय अभियान पर रोक लगाई। दक्षिण अफ्रीका की टीम ने पहले दो मैच में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। नीदरलैंड ने पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद निर्धारित 43 ओवर में आठ विकेट पर 245 रन चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। एडवर्ड्स ने 69 गेंद पर नाबाद 78 रन बनाए जिसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल है। उनके बाद दूसरा सर्वोच्च स्कोर अतिरिक्त रन (31) का रहा। इसके जवाब में कई स्टार खिलाड़ियों से सजी दक्षिण अफ्रीका की टीम 42.5 ओवर में 207 रन बनाकर आउट हो गई। उसकी तरफ से डेविड मिलर ने 43 और केशव महाराज ने 40 रन बनाए। नीदरलैंड की तरफ से लोगन वान बीक ने तीन जबकि रीलोफ वान डर मर्व, पॉल वान मीकरेन और बास डी लीडे ने दो-दो विकेट लिए। नीदरलैंड ने पिछले साल टी20 विश्व कप में भी दक्षिण अफ्रीका को हराया था। बारिश के कारण खेल देर से शुरू हुआ, जिससे मैच को 43 ओवर का कर दिया गया।दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत बहुत खराब रही तथा उसने आठ रन के अंदर चार विकेट गंवाए जिससे उसका स्कोर बिना किसी नुकसान के 36 रन से चार विकेट पर 44 रन हो गया। पहले दो मैच में शतक जड़ने वाले क्विंटन डिकॉक (20) आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। कॉलिन एकरमैन ने उन्हें विकेट के पीछे कैच कराया। इसके बाद वान डर मर्व ने कप्तान तेंबा बावुमा (16) जबकि पॉल वान मीकरेन ने एडेन मार्कराम (01) की गिल्लियां बिखेरी। वान डर मर्व ने अगले ओवर में रासी वान डर डुसेन (04) को पवेलियन भेज कर दक्षिण अफ्रीका को गहरे संकट में डाल दिया। विकेट गिरने का क्रम यहीं पर नहीं थमा। हेनरिक क्लासेन (28) और मार्को यानसेन (09) भी क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बावजूद मिलर का लंबे समय तक साथ नहीं दे पाए। मिलर भी जब 23 रन पर थे तो बास डी लीडे ने वान डर मर्व की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर उनका कैच छोड़ दिया था। मिलर इसका फायदा नहीं उठा पाए और लोगन वान बीक ने उन्हें स्विंग लेती गेंद पर बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका की रही सही उम्मीद भी समाप्त कर दी। केशव महाराज ने 37 गेंद पर पांच चौके ऑन और एक छक्का लगाकर दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ हार का अंतर भी कम किया। इससे पहले बादल छाए हुए थे और ऐसे में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। कगिसो रबाडा, मार्को यानसेन और लुंगी एनगिडी ने अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाकर नीदरलैंड का स्कोर 34वें ओवर में सात विकेट पर 140 रन कर दिया। इन तीनों तेज गेंदबाजों ने दो-दो विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज हालांकि अंतिम ओवरों में रन प्रवाह रोकने में नाकाम रहे। उन्होंने अंतिम पांच ओवर में 68 रन लुटाए। एडवर्ड्स को निचले क्रम के बल्लेबाजों से अच्छा सहयोग मिला। उन्होंने रीलोफ वान डर मर्व (19 गेंदों पर 29 रन) के साथ आठवें विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। दसवें नंबर के बल्लेबाज आर्यन दत्त ने नौ गेंद पर नाबाद 23 रन का योगदान दिया। रबाडा ने मैच की अपनी पहली गेंद पर ही विक्रमजीत सिंह (02) को आउट कर दिया जबकि यानसेन ने उनके सलामी जोड़ीदार मैक्स ओडोउड (18) को छह गेंद बाद पवेलियन का रास्ता दिखाया। रबाडा ने स्टार ऑलराउंडर बास डी लीडे (02) को पगबाधा आउट किया। इस तरह से नियमित अंतराल में विकेट गंवाने के कारण नीदरलैंड की टीम संकट में दिख रही थी। एडवर्ड्स और दक्षिण अफ्रीका की तरफ से 26 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके वान डर मर्व ने जवाबी हमले की रणनीति अपनाई जो कारगर साबित हुई। एडवर्ड्स ने रबाडा पर पुल करके छक्का लगाया। उन्होंने स्पिनर केशव महाराज पर स्वीप और रिवर्स स्वीप करके रन बटोरे। इसके बाद आर्यन दत्त ने भी अपनी संक्षिप्त पारी में तीन छक्के लगाए।
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अहमदाबाद । नीले समंदर में डूबे नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रोहित शर्मा का बल्ला कुछ ऐसा चला कि पाकिस्तानी आक्रमण की धार कुंद हो गई और इस चर्चित मुकाबले में भारत ने शनिवार को सात विकेट से एकतरफा जीत दर्ज करके चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ विश्व कप में जीत का रिकॉर्ड 8 . 0 कर लिया । महीनों पहले से जिस मैच के चर्चे थे उसमे ना तो शाहीन शाह अफरीदी को स्विंग मिली और ना ही बाबर आजम का बल्ला चला । इस महा मुकाबले में बल्ला भी मेजबान टीम का चला और गेंदबाज भी । गेंदबाजों ने पाकिस्तान को 42 . 5 ओवर में 191 रन पर ढेर कर दिया और जवाब में बल्लेबाजों ने 30 . 3 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया । विश्व कप में 1992 के बाद से भारत की पाकिस्तान पर यह लगातार आठवीं जीत है ।
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अहमदाबाद. पाकिस्तान के बल्लेबाज सउद शकील को अपनी फिरकी में फंसाने वाले भारतीय गेंदबाज कुलदीप यादव ने कहा कि वह मध्यक्रम के इस वामहस्त बल्लेबाज की शैली पर पिछले कुछ दिनों से नजर रखे हुए थे। चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को खेले गए एकदिवसीय विश्व कप के मैच में कुलदीप ने शकील को लेग स्पिन से चकमा देकर पगबाधा किया। स्वीप शॉट खेलने में माहिर शकील को कुलदीप ने पगबाधा किया। मैदानी अंपायर ने भारतीय खिलाड़ियों की अपील पर दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने रिव्यू लेने में देरी नहीं की। तीसरे अंपायर ने टेलीविजन रीप्ले देखने के बाद शकील को आउट करार दिया।
कुलदीप ने भारतीय पारी के बाद प्रसारकों से कहा, ‘‘मैं पिछले कुछ मैचों से सउद शकील को देख रहा हूं और वह काफी स्वीप करने की कोशिश कर रहा था। उसने सोचा कि गेंद धीमी आयेगी लेकिन वह स्किड हो गई।'' कुलदीप ने इस विकेट के चार गेंद बाद इफ्तिखार अहमद को ‘रॉन्ग'वन' पर बोल्ड किया जिससे पाकिस्तान का स्कोर दो विकेट पर 155 रन से पांच विकेट पर 166 रन हो गया। कुलदीप ने कहा, ‘‘ पिच थोड़ी धीमी है। हम गेंद की लंबाई पर ध्यान दे रहे थे। वे ज्यादा आक्रमण नहीं कर रहे थे इसलिए मुझे गति और विकल्प आजमाने का मौका मिल गया। '' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। रिजवान ने मुझे ज्यादा स्वीप नहीं किया इसलिए मैं उससे खराब शॉट खेलने के लिए मजबूर करना चाहता था।'' टूर्नामेंट के सबसे चर्चित मुकाबले में पाकिस्तान की टीम 191 रन पर आउट हो गयी।
कुलदीप ने कहा, ‘यहां लगभग 90,000 दर्शकों की मौजूदगी में पाकिस्तान के खिलाफ खेलना शानदार एहसास है।'' -
नयी दिल्ली. भारत की पुरुष और महिला सब जूनियर (अंडर-17) हॉकी टीमों ने नीदरलैंड में सीनियर ईडीई टीमों के खिलाफ जीत दर्ज करके अपने पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे की सकारात्मक शुरुआत की। महिला टीम ने सीनियर ईडीई टीम को 3-2 से हराया, जबकि पुरुष टीम ने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को 8-0 से करारी शिकस्त दी। महिलाओं के मैच में भारतीय टीम शुरू में पिछड़ गई थी लेकिन रवीना, करुणा मिंज और भाव्या के गोल से उसने शानदार वापसी की। पुरुषों के मैच में भारतीय टीम ने शुरू से दबदबा बनाए रखा। भारत की तरफ से आशु मौर्य ने पहला गोल किया। उसके बाद अजीत यादव ने हैट्रिक बनाई जबकि रोहित इरेंगबाम सिंह ने दो गोल तथा सृजन यादव और राहुल राजभर ने एक एक गोल किया। -
वांता (फिनलैंड) .ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू ने सीधे गेम में जीत दर्ज करके गुरुवार को यहां आर्कटिक ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन किदांबी श्रीकांत को पुरुष एकल में हार का सामना करना पड़ा। आठवीं वरीयता प्राप्त सिंधू ने चीनी ताइपे की वेन ची सू को केवल 38 मिनट में 21-11, 21-10 से पराजित किया। उनका अगला मुकाबला वियतनाम की थुय लिन्ह गुयेन से होगा। पुरुष एकल में हालांकि श्रीकांत और किरण जॉर्ज का सफर थम गया। श्रीकांत को जापान के सातवीं वरीयता प्राप्त कांता त्सुनेयामा से 15-21, 12-21 से जबकि जॉर्ज को चीन के चौथी वरीयता प्राप्त लू गुआंग ज़ू से 10-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा। महिला युगल में तनीषा क्रैस्टो और अश्विनी पोनप्पा की एकमात्र भारतीय जोड़ी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। भारतीय जोड़ी फ्रांस की मार्गोट लाम्बर्ट और ऐनी ट्रान से 19-21, 19-21 से हार गईं।
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लखनऊ. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने बुधवार को कहा कि उनकी एकदिवसीय विश्व कप के दौरान तब तक अपने तेज गेंदबाजों को रोटेट करने की योजना नहीं है जब तक की ऐसा करना बेहद जरूरी न हो। ऑस्ट्रेलिया का तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है जिसमें कमिंस, मिशेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड शामिल हैं। कमिंस ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा,‘‘हमारा इरादा प्रत्येक मैच में खेलने का है। जब तक बहुत जरूरी ना हो तब तक हम गेंदबाजों को रोटेट नहीं करेंगे। अगर कोई खिलाड़ी बेहद थका महसूस कर रहा हो या कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाए तभी बदलाव किया जाएगा।'' उन्होंने कहा,‘‘यह विश्वकप है और आपको अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश का चयन करना होता है। आप वास्तव में किसी भी मैच को हल्के से नहीं ले सकते हैं। हो सकता है कि टूर्नामेंट के आखिर में हमें ऐसा करने की जरूरत पड़े लेकिन अभी हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है।'' ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप का अभियान अच्छा नहीं रहा था और उसे अपने पहले मैच में ही मेजबान भारत से 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी प्रतिद्वंदिता के बारे में कमिंस ने कहा कि दोनों टीम में काफी समानताएं हैं। उन्होंने कहा,‘‘हमारी टीमों में काफी समानताएं हैं। हमारे पास अच्छे तेज गेंदबाज और अच्छे बल्लेबाज हैं। हमारे पास एक-एक लेग स्पिनर हैं। मुझे लगता है कि यह एक जैसी दो टीमों के बीच मुकाबला है।'' पिंडली की चोट के कारण एश्टन एगर विश्व कप से बाहर हो गए हैं और ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पास एडम जंपा के रूप में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर है। जंपा भारत के खिलाफ नहीं चल पाए थे और उन्होंने आठ ओवर में 53 रन दिए थे। कमिंस ने जंपा का बचाव करते हुए कहा,‘‘मुझे लगता है कि उसने अच्छी गेंदबाजी की थी, लेकिन 200 रन के लक्ष्य का बचाव करना बेहद मुश्किल था। वह हमारा प्रमुख गेंदबाज है।'' कमिंस ने चोट से उबरने वाले मार्कस स्टोइनिस के बारे में कहा,‘‘वह फिट है। हम टीम की घोषणा कल करेंगे। वह इस मैदान के बारे में अच्छी तरह से जानता है लेकिन आईपीएल की तुलना में परिस्थितियां थोड़ी भिन्न होंगी। विकेट काफी अच्छा दिख रहा है।
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बेंगलुरू. सेना के मणिकांत एचएच ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पहले दिन पुरुष 100 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इक्कीस साल के मणिकांत तीसरी हीट (शुरुआती दौर) में 10.23 सेकेंड के समय के साथ शीर्ष पर रहे और फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने ओडिशा के अमिया कुमार मलिक के 2016 में बनाए 10.26 सेकेंड के रिकॉर्ड में सुधार किया।
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नयी दिल्ली. एशियाई खेल चैम्पियन भारतीय पुरूष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह महान क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से तुलना पसंद नहीं करते और उनका मानना है कि वह मैदान पर धोनी की तरह शांतचित्त नहीं रहते । एशियाई खेलों में 13 गोल करने वाले हरमनप्रीत की धोनी से तुलना महान हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै ने की थी । हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैदान पर मैं कभी शांत नहीं रहता । मैं आक्रामक रहता हूं लेकिन मैदान के बाहर शांत रहने की कोशिश करता हूं । '' भारत को 2011 विश्व कप दिलाने वाले धोनी को दबाव के क्षणों में शांत रहने के लिये ‘कैप्टन कूल' कहा जाता है । हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मेरी तुलना धोनी जैसे महान खिलाड़ी से हुई लेकिन मैं मैदान पर उतना कूल नहीं रहता ।'' पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के बाद अब भारतीय टीम राहत की सांस ले रही है और अब नजरें पेरिस में पदक का रंग बदलने पर लगी है ।
हरमनप्रीत ने कहा ,एक खिलाड़ी के तौर पर आप कभी संतुष्ट नहीं रहते । आपको अपना सपना पता होता है । स्वर्ण जीतने के बाद अगली बार आप उसे बरकरार रखना चाहोगे ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ पिछली बार हमने ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई नहीं कर पाने का दबाव झेला था । अब हमारे जेहन में साफ है कि हम क्वालीफाई कर चुके हैं और बिना किसी दबाव के ओलंपिक की तैयारी करेंगे । अब पदक का रंग बेहतर करना है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ इस टीम की सबसे अच्छी बात यह है कि सारी बात खुलकर होती है । टीम में काफी प्रतिस्पर्धा है और हर खिलाड़ी अहम है । सभी एक दूसरे के खिलाफ स्पर्धा करते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं क्योंकि हम अधिकांश समय परिवार से दूर शिविर में बिताते हैं । हम एक दूसरे से सब कुछ साझा करते हैं ।'' हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि बेहतरीन ड्रैग फ्लिकरों की मौजूदगी से भारत का विश्व हॉकी मे कद ऊंचा हुआ है । उन्होंने कहा ,‘‘ टीम लगातार अच्छा खेल रही है । हम किसी मैच में दबाव में नहीं आये । पहले हमारे पास स्तरीय ड्रैग फ्लिकर नहीं थे जैसे पाकिस्तान के पास सोहेल अब्बास था । लेकिन अब हमारे पास हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरूण कुमार है । -
नयी दिल्ली.भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने मंगलवार को खुलासा किया कि बोर्ड और 12वीं के इम्तिहान में अच्छे अंक लाने के लिये उन्होंने खेलों को चुना क्योंकि उस समय प्रदेश टीम के लिये खेलने वाले को 60 प्रतिशत अंक दिये जाते थे। तोक्यो ओलंपिक में जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में अहम पेनल्टी बचाकर भारत की जीत के सूत्रधार रहे श्रीजेश की पहली पसंद हॉकी नहीं थी बल्कि उन्होंने एथलेटिक्स को चुना था क्योंकि केरल में वह लोकप्रिय खेल था । उन्होंने हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर लौटने के बाद कहा ,‘ मैने एथलेटिक्स में शॉटपुट से शुरू किया लेकिन जब मैं खेल होस्टल गया तो मुझे पता चला कि मेरा ‘फ्लैट फुट' है तो मैने वॉलीबॉल और बास्केटबॉल भी खेला ।'' इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके श्रीजेश ने कहा ,‘‘ केरल में अगर आप प्रदेश टीम के लिये खेलते हैं तो उस समय 60 प्रतिशत अंक बोर्ड में मिलने का प्रावधान था । मैने सोचा कि सबसे आसान क्या होगा तो हॉकी मुझे सही लगा क्योंकि केरल में लोकप्रिय नहीं होने के कारण इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं थी ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने कभी सोचा नहीं था कि देश के लिये खेलूंगा । प्रदेश में ज्यादातर खिलाड़ियों की सोच होती है कि राष्ट्रीय स्तर पर खेलो और नौकरी लो और मैं भी अलग नहीं था । लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे पास ओलंपिक पदक है और मैं भावी पीढी के लिये प्रेरणा बन सका ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ बचपन में मैने सुना कि पीटी उषा का लॉस एंजिलिस ओलंपिक में मामूली अंतर से पदक चूक गया लेकिन अब मेरे पास दिखाने के लिये ओलंपिक का पदक है ।'' उन्होंने कहा कि ओलंपिक कांस्य और एशियाई खेलों के स्वर्ण से युवाओं को हॉकी खेलने की प्रेरणा मिलेगी । उन्होंने कहा ,‘‘आजकल युवा सोशल मीडिया पर ज्यादा रहते हैं । हमने भारत के आठ ओलंपिक स्वर्ण जीतने की कहानियां सुनी थी लेकिन आजकल सब आंखों के सामने देखना चाहते हैं । हमने ओलंपिक पदक जीता तो लोगों ने हॉकी को संजीदगी से लेना शुरू किया । हमने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीती, एशियाड जीता तो युवाओं के लिये यह प्रेरणा हो गई कि वे हॉकी खेलें ।'' एशियाई खेलों में स्वर्ण का श्रेय टीमवर्क को देते हुए उन्होंने कहा ,‘‘हमारी टीम साद्या (केरल का पारंपरिक भोजन) जैसी है । जैसे साद्या में हर चीज की अपनी भूमिका होती है , उसी तरह टीम में सभी की अपनी भूमिका है जो उसे निभानी है।'' उन्होंने कहा ,‘‘एशियाई खेलों के रास्ते पेरिस ओलंपिक का सीधे टिकट कटाने से बहुत राहत महसूस हो रही है और अब हम तैयारियों पर फोकस कर सकेंगे । मैने क्वालीफायर की चुनौतियां देखी है और हम क्वालीफायर हारकर 2008 में बीजिंग ओलंपिक नहीं खेल सके थे । अब इन सबसे नहीं गुजरना होगा और पेरिस में पदक का रंग बदलने की कोशिश होगी ।
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नयी दिल्ली. चीन के हांगझोउ में हुए 19वें एशियाई खेलों को भारतीय खिलाड़ियों के पदकों की रिकॉर्ड संख्या तथा कई खेलों में पहली बार परचम लहराने के लिए याद रखा जायेगा। इन खेलों में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल थे जिन्होंने अपनी स्पर्धा में पहली बार देश के लिए पदक जीता या कई दशकों के पदक के सूखे को खत्म कर देश और खुद को गौरवान्वित किया।
एथलेटिक्स:
अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज): साबले इन खेलों में 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। भारत को एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले 29 वर्षीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने आठ मिनट 19.50 सेकंड में दौड़ पूरी की। साबले ने इस दौरान इन खेलों के पहले के रिकॉर्ड आठ मिनट 22.79 सेकंड में सुधार किया।
पारुल चौधरी (5000 मीटर)--
पारुल ने महिलाओं की 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह 5000 मीटर दौड़ में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयी। उन्होंने इसके साथ ही 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक हासिल किया। मेरठ की 28 वर्षीय खिलाड़ी ने 5000 मीटर स्पर्धा में आखिरी 40 मीटर में जापान की रिरिका हिरोनका को पछाड़ कर पीला तमगा हासिल किया। उन्होंने इस दौरान 15 मिनट 14.75 सेकंड का समय लिया।
अन्नू रानी (भाला फेंक)--
इस खिलाड़ी ने सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की भाला फेंक में शीर्ष पुरस्कार हासिल किया। वह 62.92 मीटर के प्रयास के साथ भाला फेंक में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। यह एशियाई खेलों में उनका दूसरा पदक था । अन्नू ने 2014 सत्र में कांस्य पदक जीता था।
बैडमिंटन--
एच एस प्रणय ने पुरुष एकल जबकि सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने इन खेलों के पुरुष युगल में पदक के 41 साल के सूखे को खत्म किया। इससे पहले सैयद मोदी ने 1982 ने पुरुष एकल में और लेरोय डी'सा तथा प्रदीप गांधी की पुरुष युगज जोड़ी ने अपनी-अपनी स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता था। चिराग और सात्विक की जोड़ी ने एशियाई खेलों में बैडमिंटन में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। पुरुष टीम ने 1986 के बाद पहली बार रजत पदक जीता।
टेबल टेनिस--
सुतीर्था मुखर्जी और अयहिका मुखर्जी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उत्तर कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के बाद इस जोड़ी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन इससे पहले क्वार्टर फाइनल में भारतीय जोड़ी ने चीन मेंग चेन और यिडी वांग की शीर्ष रैंकिंग की जोड़ी को हराकर बड़ा उलटफेर किया।
निशानेबाजी--
मनीषा कीर, राजेश्वरी कुमारी और प्रीति रजक की टीम ने महिलाओं की स्कीट में एशियाई खेलों में भारत का पहला रजत पदक जीता। अनंतजीत सिंह नरुका ने भी पुरुषों की स्कीट व्यक्तिगत स्पर्धा में देश के लिए पहला रजत पदक जीतकर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। युवा सिफ्ट कौर समरा महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी।
कैनोइंग--
अर्जुन सिंह और सुनील सिंह सलाम ने पुरुषों की कैनो युगल 1000 मीटर स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में भारत को अब तक का दूसरा पदक दिलाया। इससे पहले 1994 के हिरोशिमा एशियाई खेलों में सीजी सदानंदन और जॉनी रोमेल ने इसी स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।
तीरंदाजी--
भारतीय पुरुष और महिला रिकर्व टीमों ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता कर तीरंदाजी में 13 साल के पदक का इंतजार खत्म किया। यह 2010 के एशियाई खेलों के बाद इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था। अंकिता भक्त, सिमरनजीत कौर और भजन कौर की महिला रिकर्व टीम ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वियतनाम को हराकर कांस्य पदक जीता। महिला टीम के बाद अतनु दास, तुषार शेल्के और धीरज बोम्मदेवरा की तिकड़ी भी पुरुषों के फाइनल में दक्षिण कोरिया से हारकर रजत पदक लेकर लौटी।
घुड़सवारी--
सुदीप्ति हजेला, दिव्यकृति सिंह, विपुल हृदय छेदा और अनुष अग्रवाल की चौकड़ी ने एशियाई खेलों में ड्रेसेज टीम स्पर्धा में भारत के स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म किया। यह घुड़सवारी में 41 वर्षों में भारत का पहला स्वर्ण पदक है। अनुश अग्रवाल ने खेलों में ड्रेसेज प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक, कांस्य पदक जीता।
पाल नौकायन--
विष्णु सरवनन पाल नौकायन की पुरुष डिंगी आईएलसीए 7 स्पर्धा में कांस्य के तौर पर देश का पहला पदक जीता।
सेपकटकरॉ स्पर्धा--
भारत ने खेलों में महिला सेपकटकरॉ में अपना पहला पदक जीता। इसमें महिला रेगु टीम ने कांस्य पदक जीता था। गोल्फ--
ओलंपियन अदिति अशोक ने रजत पदक जीता और गोल्फ में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। - हांगझोउ ।हांगझोउ एशियाई खेलों में रिकॉर्ड पदक जीतने से उत्साहित भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा ने रविवार को 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया । भारत ने रविवार को खत्म हुए एशियाई खेलों में 28 स्वर्ण समेत 107 पदक जीते । पिछली बार भारत ने 70 पदक जीते थे । उषा ने कहा ,‘‘ हांगझोउ एशियाई खेलों में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के बाद अगर हमारे देश के खिलाड़ी, कोच और राष्ट्रीय महासंघ कड़ी मेहनत करें तो हम पेरिस ओलंपिक में दोहरे अंक में पदक जीत सकते हैं ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ सरकार भारतीय खेलों और खिलाड़ियों की बेहतरी के लिये हरसंभव प्रयास कर रही है । हमारे प्रधानमंत्री देश के खेलों में काफी रूचि लेते हैं ।''उषा ने कहा कि अब भारत को ओलंपिक की मेजबानी का दावा करना चाहिये ।उन्होंने कहा ,‘‘ हमें 2023 ओलंपिक की मेजबानी का दावा करना चाहिये । मुझे यकीन है कि भारत पेरिस ओलंपिक में तोक्यो से अधिक पदक जीतेगा । पदक जीतने के बाद हम ओलंपिक की मेजबानी का दावा कर सकते हैं ।'' सरकार 15 से 17 अक्टूबर तक मुंबई में होने वाले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सत्र के दौरान 2036 ओलंपिक की मेजबानी में रूचि जता सकती है । आईओसी के हालिया सुधारों के बाद अब ओलंपिक की मेजबानी के इच्छुक देश अपना प्रस्ताव रखेंगे और आईओसी भावी मेजबान आयोग कार्यकारी बोर्ड के सामने अपनी अनुशंसा रखेगा । कार्यकारी बोर्ड उसके बाद तय करेगा कि आईओसी सत्र में प्रस्ताव मतदान के लिये रखा जायेगा या नहीं ।उषा ने कहा कि एशियाड में भारत के सौ से अधिक पदक जीतने से वह हैरान नहीं है ।उन्होंने कहा ,‘‘ मैं खुद खिलाड़ी रही हूं और मुझे शुरू से पता था कि भारत हांगझोउ में 100 से अधिक पदक जीतेगा । मैं इससे बिल्कुल हैरान नहीं हूं ।'' उषा ने कहा ,‘‘ सभी ने इसके लिये काफी मेहनत की है । खिलाड़ी हों, कोच , सहयोगी स्टाफ या अधिकारी । सरकार ने पूरा सहयोग किया । ट्रैक और फील्ड एथलीट होने के कारण मुझे खुशी है कि हमने इस खेल में 29 पदक जीते ।''
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशियाई खेलों में भारतीय एथलीटों के 107 पदक जीतने को ‘‘ऐतिहासिक उपलब्धि'' बताया और कहा कि खिलाड़ियों के अटूट संकल्प तथा कड़ी मेहनत ने देश को गौरवान्वित किया है। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले एक पखवाड़े में अपनी कड़ी मेहनत से एशियाई खेलों में 107 पदकों के जादुई आंकड़े को छुआ। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘एशियाई खेलों में भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि! पूरा देश इस बात से बेहद खुश है कि हमारे अद्भुत खिलाड़ी अब तक के सर्वाधिक 107 पदक लेकर आए हैं, जो पिछले 60 साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन है।'' उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों के अटूट संकल्प, अथक भावना और कड़ी मेहनत ने देश को गौरवान्वित किया है। मोदी ने कहा, ‘‘उनकी जीत ने हमें यादगार क्षण दिए हैं, हमें प्रेरित किया है और उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।'' भारतीय खिलाड़ियों ने हांगझोउ में 107 पदक के साथ नया रिकॉर्ड कायम किया। खिलाड़ियों के जहन में यह आंकड़ा कम से कम 2026 में जापान के आइची-नागोया में होने वाले अगले खेलों तक जरूर रहेगा। भारत ने हांगझोउ में 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक जीते हैं।
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नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ विश्वकर्मा और तेलंगाना की रश्मिका एस भामिदिपति ने शनिवार को यहां फेनेस्टा ओपन राष्ट्रीय टेनिस चैंपियनशिप में क्रमशः पुरुष और महिला एकल खिताब जीते। सिद्धार्थ ने हरियाणा के करण सिंह को 4-6, 6-3, 6-4 से, जबकि रश्मिका ने गुजरात की गत चैंपियन वैदेही चौधरी को 6-4, 4-6, 7-6 से हराया। उत्तर प्रदेश के रुशिल खोसला ने महाराष्ट्र के समर्थ साहिता को सीधे सेटों में 6-3, 6-3 से हराकर लड़कों का अंडर-18 जबकि महाराष्ट्र की ऐश्वर्या जाधव ने सुहिता मारुरी (कर्नाटक) को 6-3, 1-6, 6-3 से पराजित करके लड़कियों के अंडर-18 का एकल खिताब जीता।
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नई दिल्ली आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में, आज भारत अपना पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलेगा। यह मैच चेन्नई के एम. ए. चिदम्बरम् स्टेडियम में दोपहर बाद दो बजे से खेला जायेगा।प्रतियोगिता में, कल नई दिल्ली में खेले गए मैच में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को 102 रन से हरा दिया। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट पर 428 रन बनाए जो विश्व कप में किसी भी टीम का सर्वाधिक स्कोर है। जवाब में, श्रीलंका की टीम 45 वें ओवर में 326 रन पर सिमट गई। कल एक अन्य मुकाबले में, धर्मशाला में, बांग्लादेश ने अफगानिस्तान को 6 विकेट से हरा दिया।
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नयी दिल्ली. अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखते हुए प्रतिभाशाली बैडमिंटन खिलाड़ी आयुष शेट्टी ने अमेरिका के स्पोकेन में चल रही विश्व जूनियर चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करके पदक पक्का कर लिया । आयुष ने जापान के यडाइ ओकिमोतो को 21 . 16, 21 . 17 से हराया । अब उनका सामना इंडोनेशिया के चौथी वरीयता प्राप्त अल्वी फरहान से होगा । लड़कियों के वर्ग में तारा शाह को आठवीं वरीयता प्राप्त चीन की शू वेन जिंग ने 21 . 17, 21 . 6 से मात दी । -
हांगझोउ. भारत की अनुभवी कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई और इसके साथ ही भारतीय तीरंदाजों ने इन एशियाई खेलों में रिकॉर्ड नौ पदक अपनी झोली में डाल लिये । कंपाउंड तीरंदाजों ने सभी पांच पदक जीतकर कोरिया का दबदबा तोड़ा । वहीं अभिषेक वर्मा को रजत और अदिति स्वामी को कांस्य पदक मिला । रिकर्व तीरंदाजों ने शुक्रवार को दो पदक जीते थे जो ओलंपिक खेल में 13 साल में पहली बार हुआ है । इससे पहले भारत ने इंचियोन में 2014 में हुए खेलों में तीन पदक जीते थे । वहीं जकार्ता में टीम ने दो रजत जीते थे । मौजूदा विश्व चैम्पियन अदिति स्वामी ने कांस्य पदक के एकतरफा प्लेआफ मुकाबले में इंडोनेशिया की रातिह जिलिजाती एफ को हराया । बर्लिन में दो महीने पहले विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाली 17 वर्ष की अदिति ने 146 . 140 से जीत दर्ज की । बाद में ज्योति ने दक्षिण कोरिया की सो चाएवोन को 149 . 145 से हराकर तीसरा स्वर्ण जीता । वह मिश्रित युगल और महिला टीम वर्ग का स्वर्ण जीत चुकी है। ज्योति ने कहा ,‘‘ मेरे पास शब्द नहीं है। इतने जज्बात उमड़ रहे हैं । मुझे सोचने के लिये समय लगेगा ।'' वहीं गुरू और शिष्य के मुकाबले में 21 वर्ष के विश्व चैम्पियन देवताले ने 34 वर्ष के अभिषेक वर्मा को 149 . 147 से हराया । बर्लिन में विश्व खिताब जीतने वाले देवताले पुरूष टीम और मिश्रित युगल स्वर्ण जीत चुके हैं । देवताले ने कहा, यह मेरे पहले एशियाई खेल थे और मैने सभी तीन स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते । और क्या चाहिये । सपने जैसा लग रहा है । उन्होंने कहा , यह सभी की मेहनत है । हमारी सरकार ने मदद की । परिवार और कोचों ने काफी मदद की ।
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नयी दिल्ली. भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के पास खिताबों की भरमार है लेकिन ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी का मानना है कि वह अभी तक अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाये हैं। उनका लक्ष्य 90 मीटर की दूरी तय कर लगातार इसे हासिल करना है। वह अगले साल के पेरिस खेलों के लिए तैयार हैं। हरियाणा के 25 वर्षीय खिलाड़ी ने मौजूदा सत्र में अधिकांश समय कमर में खिंचाव के बाद भी अगस्त में बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता। वह सितंबर में डायमंड लीग फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे। इस सप्ताह हांगझोउ में 88.88 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई खेलों के अपने स्वर्ण का बचाव करने में सफल रहे। उन्होंने ने मीडिया के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि मैंने खुद को आगे बढ़ाया और सत्र को सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ समाप्त किया। इस बात को लेकर आश्चर्य था कि अगर मैं फिट होता और अपनी तकनीक में 100 प्रतिशत होता तो मैं कितनी दूर तक भाला फेंक सकता था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में मुझे खुद से यह जवाब ढूंढना होगा कि मैं क्या कर सकता हूं। मैं कौन सी मानसिकता बना सकता हूं कि मैं अपनी क्षमता हासिल कर सकूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं अभी भी उससे बहुत दूर हूं।'' नीरज का कहना है कि विश्व चैंपियनशिप का ताज हासिल करना और चोटों के बावजूद सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ एशियाई खेलों में अपने स्वर्ण पदक की रक्षा करना सबसे संतोषजनक बात है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मैंने विश्व चैंपियन का खिताब जीता और एशियाई खेलों के अपने स्वर्ण का बचाव किया। इसलिए सत्र वास्तव में अच्छा था। दूरी की बात करें तो मुझे लगा कि मैं और आगे जा सकता था।
- हांगझोउ,।भारत की पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने शनिवार को वहां एशियाई खेलों में रजत पदक जीते। भारतीय महिला टीम ने अपने अंतिम दौर के मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 4-0 से हराया।ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली, अंतरराष्ट्रीय मास्टर वैशाली रमेशबाबू, अंतरराष्ट्रीय मास्टर वंतिका अग्रवाल और महिला ग्रैंडमास्टर सविता श्री बस्कर ने अपनी अपनी बाजियां आसानी से जीती। भारतीय महिला टीम ने इस तरह से 15 अंकों के साथ अपने अभियान का अंत किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन ने 17 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। भारतीय पुरुष टीम ने फिलीपींस के खिलाफ 3.5-0.5 की जीत के साथ अपना अभियान समाप्त किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और हरिकृष्ण पेंटाला ने अपनी अपनी बाजियां जीती जबकि आर प्रज्ञाननंदा ने अपनी बाजी ड्रॉ कराई। भारत स्वर्ण पदक विजेता ईरान के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
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हांगझोऊ। एशियन गेम्स में भारत और ईरान के बीच कबड्डी का मुकाबला हुआ। इसे भारतीय टीम ने अपने नाम कर गोल्ड मेडल जीता। लेकिन मैच में भारी विवाद हुआ। मुकाबला खत्म होने में सिर्फ 65 सेकेंड बचे थे। मैच का स्कोर 28-28 था। इस समय भारतीय टीम के कप्तान पवन सेहरावत रेड करने के लिए जाते हैं। यह डू एंड डाई रेड था। यानी इसमें पवन को किसी भी कीमत पर पॉइंट लेना था। ईरानी डिफेंडर को टच करने की कोशिश में पवन लॉबी में चले गए। उनके बाद मैट पर मौजूद ईरान के 4 खिलाड़ी भी लॉबी में आ गए।
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नई दिल्ली। चीन में हांगचोओ एशियाई खेलों में भारत ने आज एक स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य सहित कुल नौ पदक जीते। इसके साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या 95 हो गई है।
अब की बार सौ पार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय खिलाडि़यों का धमाकेदार प्रदर्शन बदस्तूर जारी है। इसी क्रम में पुरुष हॉकी में भारत ने जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इसी के साथ भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।तीरदांजी में आज पुरूषों की रिकर्व टीम स्पर्धा में भारत को रजत पदक मिला है। फाइनल में अतनु दास, धीरज बोम्मादेवड़ा और तुषार प्रभाकर शेल्के की टीम को कोरिया से 1-5 से हार का सामना करना पड़ा। पुरूषों की ब्रिज टीम स्पर्धा में भारत को रजत पदक मिला। तीरंदाजी में महिला रिकर्व टीम स्पर्धा में भारत ने कांस्य पदक जीता। अंकिता भकत, भजन कौर और सिमरनजीत कौर की टीम ने वियतनाम की टीम को 6-2 से हराकर ये उपलब्धि हासिल की। बैंडमिंटन के पुरूष सिंगल्स में एच. एस. प्रणॉय को कांस्य पदक मिला। सेमीफाइनल में प्रणॉय को चीन के ली शिफेंग से पराजय का सामना करना पड़ा।भारत के चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी की जोड़ी पुरूष डबल्स के फाइनल में पहुंच गई है। सेमीफाइनल में भारतीय जोड़ी ने मलेशिया के आरोन चिया और शो वी की जोड़ी को हराया। सेपक टकरा में महिला टीम को कांस्य पदक मिला।महिला कुश्ती में सोनम ने 62 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य प्राप्त किया है। महिलाओं की 76 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत की किरण ने मंगोलिया की पहलवान को हराकर कांस्य पदक जीता। अमन ने जापान के पहलवान को हराकर भारत के लिए एक और कांस्य पदक जीता। बजरंग पुनिया को हार का सामना करना पड़ा।क्रिकेट में भारत ने बांग्लादेश को नौ विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली है। महिला कबड्डी में भारत ने नेपाल को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। पुरूष कबड्डी के सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में जगह बना ली है।भारत 22 स्वर्ण, 34 रजत और 39 कांस्य सहित कुल 95 पदक जीतकर चौथे स्थान पर है। एशियाई खेलों में भारत का अब तक यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। -
नई दिल्ली।. कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने गत चैम्पियन जापान को एकतरफा फाइनल में 5 . 1 से हराकर एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता और पेरिस ओलंपिक के लिये भी क्वालीफाई कर लिया। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने नौ साल बाद एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता है।
फाइनल मुकाबले में भारत ने जापान को 5-1 से दी मातभारत के लिये हरमनप्रीत सिंह (32वां और 59वां मिनट), अभिषेक (48वां मिनट), अमित रोहिदास (36वां) और मनप्रीत सिंह (25वां) ने गोल किये। जापान के लिये एकमात्र गोल एस तनाका ने 51वें मिनट में दागा। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों ने रक्षात्मक खेल दिखाया। भारत को 15वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन अमित रोहिदास की फ्लिक सीधे जापान के गोलकीपर के सामने गई।दूसरा क्वार्टर पूरी तरह से भारत के नाम रहादूसरे क्वार्टर में भारतीयों ने लगातार हमले बोले जिसका फायदा तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन इस बार भी रोहिदास निशाना चूक गए। भारत का खाता 25वें मिनट में मनप्रीत ने खोला। ललित उपाध्याय सर्कल के भीतर गेंद लेकर गए और नीलाकांता शर्मा को सौंपी जिन्होंने सर्कल पर खड़े मनप्रीत को गेंद थमाई और उन्होंने सटीक निशाना साधकर गेंद गोल के भीतर डाल दी।मैदानी अंपायर ने उछाल के कारण गोल अमान्य करार दिया लेकिन भारत ने वीडियो रेफरल लिया और फैसला भारतीय टीम के पक्ष में रहा। भारत ने तीसरे क्वार्टर में पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल दागे। हरमनप्रीत ने 32वें मिनट में और रोहिदास ने चार मिनट बाद ये गोल किये। चौथे क्वार्टर में अभिषेक ने तीसरे मिनट में और हूटर से एक मिनट पहले हरमनप्रीत ने गोल करके भारत की शानदार जीत तय कर दी।