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- हांगझोउ. सात बार की चैंपियन भारत की पुरुष कबड्डी टीम ने गुरुवार को यहां ग्रुप ए में चीनी ताइपे को 50-27 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और एशियाई खेलों में पदक सुनिश्चित किया। इस जीत से भारत अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया है जबकि चीनी ताइपे की टीम दूसरे स्थान पर चल रही है। कबड्डी में 2010 ग्वांगझू एशियाई खेलों से सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को कांस्य पदक दिया जाता है। भारत ने चार बार विरोधी टीम को ‘ऑल आउट' किया जबकि उसके रेडर ने चार बोनस अंक जुटाए।पहले हाफ के बाद भारतीय टीम ने 28-12 की बढ़त बनाई। भारतीय टीम ने दूसरे हाफ में चीनी ताइपे के 15 अंक के मुकाबले 22 अंक जुटाकर जीत सुनिश्चित की। चीनी ताइपे की टीम ने दूसरे हाफ में एक बार भारतीय टीम को ऑल आउट भी किया।भारत गुरुवार को ही अपने अंतिम ग्रुप मैच में जापान से भिड़ेगा।
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हांगझोउ. भारत के शीर्ष एकल खिलाड़ी एचएस प्रणय ने गुरुवार को यहां मलेशिया के ली झी जिया को तीन गेम तक चले रोमांचक क्वार्टर फाइनल में हराकर भारत के लिए 41 साल बाद बैडमिंटन का पुरुष एकल का पदक सुनिश्चित किया लेकिन महिला एकल में पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा। कमर की चोट कारण पट्टी (टेप) बांधकर खेल रहे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय ने दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी जिया को 78 मिनट चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 21-16 21-23 22-20 से हराया और मौजूदा खेलों में बैडमिंटन में भारत का दूसरा पदक सुनिश्चित किया। भारत ने पिछले रविवार को पुरुष टीम चैंपियनशिप का रजत पदक जीता था।
प्रणय ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मुकाबला काफी कड़ा था। ली हमेशा एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी रहा है। आज मेरे लिए यह बहुत ही थकाने वाला मुकाबला था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं बिल्कुल भी ऐसी स्थिति में नहीं हूं जहां मैं कह सकूं कि मैं 80 प्रतिशत ठीक हूं। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा कुछ करने के लिए मैं खुद को काफी श्रेय दूंगा। मुझे लगता है कि लड़ने की इच्छा हमेशा से थी और इसका फायदा मिला।'' प्रणय का पदक नयी दिल्ली 1982 खेलों में सैयद मोदी के कांस्य के बाद एशियाई खेलों की पुरुष एकल स्पर्धा में भारत का पहला पदक है। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता प्रणय चीन के खिलाफ टीम चैंपियनशिप फाइनल में पीठ की चोट के कारण नहीं खेले थे। इस मुकाबले में 2-3 की हार के साथ भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। प्रणय ने कहा, ‘‘इसका मुझ पर असर हो रहा था। लेकिन खेल ऐसा ही है। आप रोजाना अपना शत प्रतिशत नहीं दे सकते। लेकिन आपको 60 या 70 प्रतिशत देने की स्थिति में भी मैच जीतना सीखना होगा। मुझे लगता है कि आज ऐसा दिन था जब मुझे ऐसा करना पड़ा।'' थकान से जूझते हुए प्रणय ने निर्णायक गेम में दो मैच प्वाइंट बचाए और लगातार चार अंक के साथ गेम और मैच जीत लिया। इससे पहले दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त के साथ एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। दुनिया की 15वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू को दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी बिंगजियाओ के खिलाफ 47 मिनट में 16-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। प्रणय ने मैच के दौरान गजब की जुझारू क्षमता दिखाई। पहले गेम में 5-11 से पिछड़ने के बावजूद प्रणय ने वापसी करते हुए पहला गेम जीता। प्रणय को दूसरे गेम में दो मैच प्वाइंट मिले लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए और मलेशिया के खिलाड़ी ने गेम जीतकर मुकाबले को तीसरे और निर्णायक गेम में खींच दिया। तीसरे गेम में प्रणय शुरुआत में 2-4 से पिछड़ गए। भारतीय खिलाड़ी ने मलेशिया के खिलाड़ी को रैली में उलझाने की कोशिश की लेकिन उनकी फिनिशिंग अच्छी नहीं रही जिसका ली ने फायदा उठाया। ली ने 7-4 की बढ़त बनाई। ली ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिसका फायदा उठाकर प्रणय ने ब्रेक तक 11-10 की बढ़त बनाई।प्रणय ने लंबी रैली के बाद शानदार नेट शॉट से बढ़त 13-10 की जिसे उन्होंने 15-13 तक पहुंचाया। ली ने वापसी करते हुए स्कोर 16-16 किया। कमर के दर्द से जूझ रहे प्रणय ने इसके बाद मेडिकल टाइम आउट लिया।ली ने इसके बाद दमदार स्मैश से दो मैच प्वाइंट हासिल किए। भारतीय खिलाड़ी ने दो क्रॉस शॉट के साथ स्कोर 20-20 किया। उन्होंने इसके बाद एक मैच प्वाइंट हासिल किया और सटीक स्मैश के साथ गेम और मैच जीत लिया। सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में बिंगजियाओ को ही सीधे गेम में हराकर कांस्य पदक जीता था लेकिन चीन की खिलाड़ी ने अपनी सरजमीं पर जीत के साथ बदला चुकता किया और भारतीय खिलाड़ी से पिछले दो एशियाई खेलों के पदक के रंग को बेहतर करने का मौका छीन लिया। सिंधू ने 2014 इंचियोन और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीता था।दोनों खिलाड़ियों ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की लेकिन बिंगजियाओ ने जल्द ही 9-5 की बढ़त बना ली।सिंधू को कोर्ट में मूवमेंट को लेकर जूझना पड़ रहा था। बिंगजियाओ ने भारतीय खिलाड़ी को पूरे कोर्ट पर दौड़ाया और फिर सटीक शॉट के साथ अंक जुटाए। चीन की खिलाड़ी ने पहला गेम 23 मिनट में जीता। दूसरे गेम में भी सिंधू जूझती दिखी। बिंगजियाओ ने 5-1 की बढ़त बनाई। सिंधू की गलतियों पर चीन की खिलाड़ी ने दमदार स्मैश से कई अंक जुटाए। सिंधू ने हालांकि वापसी करते हुए स्कोर 8-9 किया लेकिन बिंगजियाओ ने लगातार तीन अंक के साथ 12-8 की बढ़त बना ली। चीन की खिलाड़ी को इसके बाद गेम और मैच जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई। - हांगझोउ। सात बार के चैंपियन भारत ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता के ग्रुप ए में थाईलैंड के खिलाफ 63-26 की आसान जीत दर्ज की। जकार्ता में 2018 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम की नजरें एक बार फिर एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक पर हैं। भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत करते हुए मध्यांतर तक 37-9 की बढ़त बनाई।भारत ने मुकाबले की शुरुआत में कुछ मिनटों में ही थाईलैंड की टीम को पहली बार ‘ऑल आउट' कर दिया।भारत ने जल्द ही दूसरी बार भी थाईलैंड की टीम को ‘ऑल आउट' किया।थाईलैंड के प्रमोत साइसिंग अंतिम खिलाड़ी बचे थे और जब वे रेड के लिए गए तो भारतीय टीम ने तीसरी बार ‘ऑल आउट' किया। भारत ने दूसरे हाफ में चौथी बार थाईलैंड को ‘ऑल आउट' करके 53-17 की बढ़त बनाई।थाईलैंड ने दूसरे हाफ में वापसी की कोशिश की लेकिन भारत ने यह हाफ 26-17 से जीतकर मुकाबला अपने नाम किया। भारतीय पुरुष टीम ने मंगलवार को अपने पहले मैच में बांगलादेश को 55-18 से हराया था।
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हांगझोउ । भारतीय तीरंदाजों ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने रोमांचक मुकाबले में बुधवार को यहां कजाखस्तान की जोड़ी को हराकर एशियाई खेलों की मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाकर पदक सुनिश्चित किया। भारतीय जोड़ी ने सेमीफाइनल में आदेल झेशेनबिनोवा और आंद्रे त्युत्युन की जोड़ी के खिलाफ एक बार नौ अंक को छोड़कर हर बार 10 अंक जुटाए। इससे पहले ज्योति और देवताले ने मलेशिया को 158-155 से हराकर सेमीफाइनल में जगह सुनिश्चित की थी।
कजाखस्तान की चौथी वरीय जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड को 154-152 से हराया था।क्वार्टर फाइनल में भारतीय जोड़ी ने ठोस शुरुआत करते हुए 40-39 की बढ़त बनाई लेकिन दूसरे चरण में भारत के दोनों खिलाड़ियों ने दो अंक गंवाए जिससे मोहम्मद जुवैदी बिन माजुकी और फातिन नूरफतेहाह मेट सालेह की मलेशिया की जोड़ी बराबरी हासिल करने में सफल रही। गत सीनियर विश्व चैंपियन देवताले बेहद मामूली अंतर से 10 अंक से चूक गए जिससे टीम की सीनियर साथी ज्योति पर दबाव आया गया। विश्व कप में कई बार की स्वर्ण पदक विजेता ज्योति भी इसके बाद चूक गई जिससे भारतीय जोड़ी ने दूसरा चरण 38-39 से गंवाया। भारतीय जोड़ी ने हालांकि शानदार जज्बा दिखाते हुए तीसरे चरण में सभी तीर 10 अंक पर लगाए। मोहम्मद जुवैदी ने दिन का अपना पहला अंक गंवाया जिससे भारत ने 118-117 से बढ़त बना ली। निर्णायक चौथे चरण में मलेशिया के तीरंदाजों को पहले मौका मिला और उन्होंने लगातार दो बार 10 अंक जुटाए। भारतीय जोड़ी ने भी दबाव के बाद दोनों निशाने 10 अंक पर लगाए। ज्योति का 10 अंक का निशाना इसके बाद निर्णायक साबित हुआ जब 32 साल की फातिन आठ अंक ही जुटा सकी और मलेशिया की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। - हांगझोउ। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू और एचएस प्रणय ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों में सीधे गेम में जीत दर्ज करते हुए क्रमश: महिला और पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू ने प्री क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की पुत्री कुसुमा वरदानी के खिलाफ 21-16 21-16 से आसान जीत दर्ज की। सिंधू क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ से भिड़ेंगी। दो साल पहले तोक्यो ओलंपिक में भी उन्होंने चीन की इस खिलाड़ी को हराकर पदक से वंचित किया था। बिंगजियाओ ने नेपाल की रसीला महरजान को एकतरफा मुकाबले में 21-10 21-4 से हराया।प्रणय भी कजाखस्तान के दमित्री पनारिन के खिलाफ 21-12 21-13 की आसान जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। सिंधू ने शुरुआत से ही इंडोनेशिया की खिलाड़ी के खिलाफ दबदबा बनाया और रैली में शानदार प्रदर्शन किया। इस समय भारत के सर्वश्रेष्ठ एकल खिलाड़ी प्रणय भी शानदार लय में दिखे। वह चोट के कारण चीन के खिलाफ टीम स्पर्धा के फाइनल में नहीं खेल पाए थे। महिला युगल में हालांकि त्रीशा जॉली और गायत्री गोपीचंद को प्री क्वार्टर फाइनल में किम सोयिओंग और कांग ही योंग की कोरिया की जोड़ी ने कड़े मुकाबले में 21-15, 18-21, 21-13 से हराकर बाहर का रास्ता दिखाया। इससे पहले तनीषा क्रास्टो और साई प्रतीक कृष्ण प्रसाद की मिश्रित युगल जोड़ी को भी प्री क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के तोह यी वेई और चेन टेंग जेई की जोड़ी ने 21-18, 21-18 से हराया।
- हांगझोउ। भारतीय मुक्केबाज परवीन हुड्डा को बुधवार को यहां महिला 57 किग्रा सेमीफाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की लिन यू टिंग के खिलाफ हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विश्व चैंपियनशिप 2022 की कांस्य पदक विजेता परवीन को लिन ने 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराया।लंबाई में लिन से कम होने का भी परवीन को खामियाजा भुगतना पड़ा और वह चीनी ताइपे की खिलाड़ी को मुक्के जड़कर अंक जुटाने में नाकाम रहीं। पहले दौर में पिछड़ने के बाद परवीन ने दूसरे दौर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन 27 साल की लिन ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए भारतीय खिलाड़ी के प्रयासों को नाकाम कर दिया। परवीन को बीच-बीच में लिन को मुक्के जड़ने में सफलता भी मिली , लेकिन यह जीत दर्ज करने के लिए काफी नहीं था। तेइस साल की परवीन पहले ही अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी है।परवीन मौजूदा खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली चौथी भारतीय मुक्केबाज हैं।दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) को भी सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशियाई खेलों में 71 पदक जीतकर भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि खेलों में भारत अब पहले से कहीं अधिक चमक रहा है। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि को पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताया।उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एशियाई खेलों में भारत पहले से कहीं अधिक चमक रहा है। 71 पदकों के साथ, हम अपने सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका का जश्न मना रहे हैं, जो हमारे एथलीटों के अद्वितीय समर्पण, धैर्य और खेल भावना का प्रमाण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक पदक कड़ी मेहनत और जुनून की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालता है। पूरे देश के लिए गर्व का क्षण। हमारे एथलीटों को बधाई।'' हांगझोउ में भारतीय दल ने बुधवार को एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 70 पदकों के पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जकार्ता और पालेमबांग में 2018 एशियाई खेलों में आया था जब देश के एथलीटों ने 16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य सहित 70 पदक जीते थे। file photo
- हांगझोउ। पारुल चौधरी ने शानदार दमखम का परिचय देते हुए महिला 5000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि अनु रानी सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ महिला भाला फेंक स्पर्धा में शीर्ष पर रही जिससे भारत मंगलवार को यहां एशियाई खेलों की ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में छह पदक जीतने में सफल रहा। मंगलवार को दो स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक के साथ भारत मौजूदा खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धाओं में अब तक 22 पदक (चार स्वर्ण, 10 रजत और आठ कांस्य) जीत चुका है और इस तरह 2018 में 20 पदक के आंकड़े को पार कर चुका है। 1951 में पहले एशियाई खेलों में एथलेटिक्स में 34 पदक के बाद यह ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत की 28 वर्षीय पारुल अंतिम लैप में जापान की रिरिका हिरोनाका से पीछे चल रही थी लेकिन अंतिम 40 मीटर में उन्हें पछाड़कर 15 मिनट 14.75 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पारुल इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। इससे पहले सुनीता रानी (1998 में रजत और 2002 में कांस्य), ओपी जैशा (2006 में कांस्य), प्रीजा श्रीधरन (2010 में रजत) और कविता (2010 में कांस्य) एशियाई खेलों की महिला 5000 मीटर स्पर्धा में पदक जीत चुके हैं। पारुल ने कहा, ‘‘मैंने कल (3000 मीटर स्टीपलचेज में) रजत पदक जीता और मैं थकी हुई थी इसलिए मैं केवल तीन घंटे सोई। मैं 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक नहीं जीत सकी इसलिए मैंने सोचा कि मैं आज अंत तक टक्कर दूंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2016 से राष्ट्रीय शिविर में कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग कर रही हूं।''पारुल का मौजूदा एशियाई खेलों में यह दूसरा पदक है। उन्होंने सोमवार को महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज में भी रजत पदक जीता था। स्वर्ण जीतने के बद पारुल को उम्मीद है कि उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस उपाधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य उत्तर प्रदेश की नीति है कि अगर कोई स्वर्ण पदक जीतता है तो उसे पुलिस उपाधीक्षक बनाया जाएगा। यह मेरे मन में था।'' इसके बाद पूरे सत्र में खराब फॉर्म से जूझने वाली मेरठ की 31 साल की अनु अपने चौथे प्रयास में 62.92 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। अनु का एशियाई खेलों का यह दूसरा पदक है। उन्होंने 2014 में कांस्य पदक जीता था।श्रीलंका की नदीशा दिल्हान और चीन की हुइहुइ ल्यु ने क्रमश: 61.57 मीटर और 61.29 मीटर के प्रयास के साथ रजत और कांस्य पदक जीते। अनु ने कहा, ‘‘मैं पूरे साल कोशिश कर रही थी लेकिन अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रही थी। मैं उदास और दबाव महसूस कर रही थी क्योंकि सरकार ने मुझे ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने में बहुत पैसा खर्च किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सत्र की मेरी आखिरी प्रतियोगिता थी और मैंने हार नहीं मानी। इसलिए मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की ठान ली थी।'' उन्होंने खुलासा किया कि कई प्रतियोगिताओं में खराब प्रदर्शन के बाद वह खेल छोड़ने की कगार पर थीं लेकिन उन्होंने खुद को एक मौका देने के लिए ऐसा नहीं करने का फैसला किया। अनु ने कहा, ‘‘परिवार और देश की अपेक्षाएं थीं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रही थी। पूरा सूत्र अच्छा नहीं रहा। बीच में मैं 54 मीटर का थ्रो भी कर रही थी और मैंने सोचा कि अगर मैं इतना बुरा कर रही हूं, तो मैं खेल छोड़ दूंगी। लेकिन मैंने खुद से कहा कि मैं इतनी जल्दी हार नहीं मानूंगी और अंत तक लड़ूंगी।''मोहम्मद अफजल ने पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में एक मिनट 48.43 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता। इसी स्पर्धा में कृष्ण कुमार डिस्क्वालीफाई हो गए। तेजस्विन शंकर ने पुरुष डेकाथलन स्पर्धा में 7666 अंक के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक हासिल किया। इससे पहले वह 1500 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। भारत का एशियाई खेलों की पुरुष डेकाथलन स्पर्धा में 1974 के बाद यह पहला पदक है। विजय सिंह चौहान एशियाई खेलों की इस स्पर्धा में 1974 में पदक जीतने वाले पिछले भारतीय थे। पिछला राष्ट्रीय रिकॉर्ड भरतिंदर सिंह के नाम था जो 7658 अंक का था। तेजस्विन ने कहा, ‘‘मैं इससे बेहतर की उम्मीद कर रहा था लेकिन यह सोचकर संतुष्ट हूं कि गोला फेंक स्पर्धा के ठीक बाद मुझे ऐंठन हुई थी। उसके बाद कुल अंकों के बारे में चिंता करने के बजाय पदक जीतने के लिए खुद को प्रबंधित करना था। फिर भी मैं खुश हूं कि मैंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।'' प्रवीण चित्रावेल ने पुरुषों की त्रिकूद स्पर्धा में 16.68 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। इसी स्पर्धा में एन अब्दुल्ला अबुबाकर 16.62 मीटर के प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे। चीन के झू येमिंग (17.13 मीटर) और फेंग याओकिंग (16.93 मीटर) ने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीता। इससे पहले विथ्या रामराज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाने के बावजूद महिला 400 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने में सफल रही। पच्चीस साल की विथ्या ने 55.68 सेकेंड के समय के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। बहरीन की ओलुवाकेमी मुजिदात आदेकोया ने 54.45 सेकेंड के खेलों के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चीन की जेदी मो ने 55.01 सेकेंड का सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। विथ्या ने सोमवार को 55.52 सेकेंड के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 1984 में बनाए पीटी ऊषा के 400 मीटर बाधा दौड़ के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करके अपनी हीट में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। विथ्या ने कहा, ‘‘मुझे पदक मिला और इसलिए मैं खुश हूं। लेकिन मैं अपने समय को लेकर निराश हूं। वार्म-अप के दौरान बारिश के कारण मुझे ठंड लग रही थी। मैंने खुद को ढक लिया। मैं कोई बहाना नहीं बना रही हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा दबाव में थी क्योंकि यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। मानसिक दबाव था। मैंने गलतियां कीं।'' विथ्या ने कहा,‘‘शुरुआती 200 मीटर में मैं अच्छा प्रदर्शन करता थी लेकिन आज मेरे से गलती हो गई। मैंने 54 सेकेंड में दौड़ने का अभ्यास किया और हीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की। मैं अगले साल राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दूंगी।'' विथ्या भारत की चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम का भी हिस्सा थी जिसने सोमवार को श्रीलंका के ‘लेन के उल्लंघन' के कारण डिस्क्वालीफाई होने के बाद रजत पदक जीता। टीम के अन्य सदस्य मोहम्मद अजमल वरियाथोडी, राजेश रमेश और सुभा वेंकटेशन थे। पुरुष 400 मीटर बाधा दौड़ फाइनल में यशास पी (49.39 सेकेंड) और संतोष कुमार (49.41 सेकेंड) क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर रहे। महिला ऊंची कूद फाइनल में पूजा और रूबिना यादव ने अपने अभियान का अंत क्रमश: छठे और नौवें स्थान के साथ किया।
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हांगझोउ. भारतीय रोलर स्केटर्स ने एशियाई खेलों में सोमवार को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पुरूष और महिला 3000 मीटर टीम रिले स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते । संजना बथूला, कार्तिका जगदीश्वरन , हीरल साधू और आरती कस्तूरी राज की भारतीय चौकड़ी ने 4 : 34 . 861 सेकंड का समय निकालकर कांस्य पदक हासिल किया । चीनी ताइपै को स्वर्ण और दक्षिण कोरिया को रजत पदक मिला ।
पुरूष वर्ग में आर्यनपाल सिंह घुमन, आनंद कुमार वेलकुमार, सिद्धांत कांबले और विक्रम इंगले ने 4 : 10 . 128 सेकंड के समय के साथ कांसे का तमगा अपने नाम किया । चीनी ताइपै को स्वर्ण और दक्षिण कोरिया को रजत पदक मिला । भारतीय रोलर स्केटर्स ने ग्वांग्झू में 2010 एशियाई खेलों में पुरूषों की फ्री स्केटिंग और पेयर्स स्केटिंग में कांस्य पदक जीते थे। -
हांगझोउ. भारत की पारुल चौधरी और प्रीति ने सोमवार को यहां एशियाई खेलों की महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते जबकि युवा ऐंसी सोजन ने महिला लंबी कूद में रजत पदक अपने नाम किया। पारुल और प्रीति हालांकि बहरीन की विनफ्रेड मुतिले यावी से काफी पीछे रहीं जिन्होंने नौ मिनट 18.28 सेकेंड के खेलों के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीता और अपने खिताब का बचाव किया। पारुल ने नौ मिनट 27.63 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता। उन्होंने बहरीन की धाविका से नौ सेकेंड से भी अधिक समय लिया। प्रीति ने नौ मिनट 43.32 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक हासिल किया। प्रीति ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इससे पहले खेलों का रिकॉर्ड बहरीन की ही जेबेट रुथ के नाम था जिन्होंने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों के दौरान नौ मिनट 31.36 सेकेंड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। पारुल भी एशियाई खेलों के रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहीं लेकिन यह उनके राष्ट्रीय रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं था। उन्होंने इस साल अगस्त में बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप के दौरान नौ मिनट 15.31 सेकेंड के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था और पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया था। प्रीति भी अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बावजूद पारुल से लगभग 16 सेकेंड पीछे रही। उनके और बहरीन की मेकोनेन टिगेस्ट के बीच कांस्य पदक के लिए करीबी मुकाबला था। मेकोनेन नौ मिनट 43.71 सेकेंड के साथ चौथे स्थान पर रहीं। महिला लंबी कूद में ऐंसी ने दो बार अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 6.63 मीटर के प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। चीन की शियोंग शिकी ने 6.73 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता। वियतनाम की एनगा यान युई 6.50 मीटर के प्रयास से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं।
ऐंसी ने तीसरे प्रयास में 6.56 मीटर का अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें वह अपने पांचवें प्रयास में सुधार करने में सफल रहीं। स्पर्धा में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय शैली सिंह ने निराश किया और 6.48 मीटर के प्रयास के साथ पांचवें स्थान पर रहीं। भारत को एथलेटिक्स में कांस्य पदक के रूप में एक और पदक मिला जब मोहम्मद अजमल वारियाथोडी, विथ्या रामराज, राजेश रमेश और सुभा वेंकटेशन की चौकड़ी चार गुणा 400 मीटर रिले में तीन मिनट 14.34 सेकेंड के समय के साथ तीसरे स्थान पर रही। बहरीन के धावकों ने तीन मिनट 14.02 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण जबकि श्रीलंका ने तीन मिनट 14.25 सेकेंडके समय के साथ रजत पदक जीता। तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में कीनिया में जन्मीं 2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता बहरीन की मावी ने जल्द ही बाकी खिलाड़ियों पर मजबूत बढ़त बना ली और उन्होंने पारुल को कम से कम 50 मीटर के अंतर से पछाड़ा। पुरुष 200 मीटर फाइनल में भारत के अमलान बोरगोहेन 20.98 सेकेंड के समय के साथ छठे स्थान पर रहे।
स्वर्ण पदक जापान के कोकी उएयामा ने 20.60 सेकेंड के समय के साथ जीता। सऊदी अरब के मोहम्मद अब्दुल्लाह अबकर (20.63 सेकेंड) को रजत जबकि चीनी ताइपे के येंग चुन हेन (20.74 सेकेंड) को कांस्य पदक मिला। -
हांगझोउ. भारतीय पुरुष और महिला टीम ने रविवार को यहां एशियाई खेलों की शतरंज स्पर्धा के तीसरे दौर में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर आसान जीत दर्ज की। ग्रैंडमास्टर डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा, अर्जुन एरिगेसी और पी हरिकृष्णा की शीर्ष वरीय पुरुष टीम ने कजाखस्तान को 3-1 से शिकस्त दी। वहीं दूसरी वरीयता प्राप्त महिला टीम ने चौथी वरीय इंडोनेशिया को 3-5 - 0.5 से हराकर तीसरी जीत हासिल की। गुकेश ने जीएम रिनात जुमाबाएव को और प्रज्ञानानंदा ने काले मोहरों से खेलते हुए जीएम अलीशर सुलेमेनोव को पराजित किया जबकि हरिकृष्णा ने आईएम नोगरबेक काजयबेक और एरिगेसी ने आईएम रमजान झालामाखानोव से ड्रा खेला। महिला टीम में कोनेरू हम्पी, डी हरिका और वंतिका अग्रवाल ने अपनी बाजियां जीती जबकि आर वैशाली ने ड्रा खेला। हम्पी ने मेडिना वार्डा औलिया और वंतिका ने उम्मी फिसाबियुल्लाह को पराजित किया जबकि हरिका ने महिला जीएम डेवी अर्धियानी अनास्तासिया सिट्रा को मात देकर मैच जीता। वैशाली ने फिर महिला आईएम चेल्सी मोनिका इग्नेसियास सिहिते से अंक बांटे।
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हांगझोउ. भारतीय ट्रैप निशानेबाजों ने एशियाई खेलों में निशानेबाजी के आखिरी दिन को यादगार बना दिया जब पुरूष टीम ने स्वर्ण और महिला टीम ने रजत पदक जीता जबकि कीनान चेनाई ने व्यक्तिगत वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। आखिरी दिन ट्रैप में मिले तीन पदकों के बाद भारतीय निशानेबाज सात स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य समेत 22 पदक लेकर लौटेंगे जो एशियाई खेलों में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है । पुरूष और महिला टीम के पदकों के बाद नजरें कीनान और जोरावर सिंह तथा मनीषा कीर पर लगी थी जो छह निशानेबाजों के फाइनल में पहुंचे थे । कीनान ने 40 में से 32 स्कोर किया और रजत की दौड़ में थे लेकिन आखिर में कांस्य पदक जीता। तीसरी बार एशियाई खेलों में उतरे जोरावर 23 स्कोर करके पांचवें स्थान पर रहे और व्यक्तिगत पदक जीतने का उनका सपना फिर अधूरा रहा । महिलाओं के व्यक्तिगत वर्ग में मनीषा कीर 25 में से 16 स्कोर करके छठे स्थान पर रही । इससे पहले पृथ्वीराज तोडइमान, काइनन चेनाई और जोरावर सिंह संधू की भारतीय तिकड़ी ने टीम स्वर्ण पदक जीता । मनीषा कीर, प्रीति रजाक और राजेश्वरी कुमारी की महिला ट्रैप टीम भी रजत पदक जीतने में सफल रही ।
भारतीय पुरुष टीम ने क्वालीफिकेशन दौर में 361 अंक जुटाए। खालिद अलमुदहाफ, तलाल अलरशीदी और अब्दुलरहमान अलफइहान की कुवैत की टीम ने 359 अंक के साथ रजत पदक जीता जबकि युहाओ गुओ, यिंक की औ युहाओ वैंग की चीन की टीम ने 354 अंक के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। भारतीय महिला टीम ने 337 अंक जुटाते हुए रजत पदक जीता। किंगनियान ली, सुइसुइ वू और शिनक्यु झेंग की चीन की टीम ने विश्व रिकॉर्ड 357 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता। मारिया दमित्रियेंको, एझान दोसमगामबेतोवा और अनास्तासिया प्रिलेपिना (336) की कजाखस्तान की टीम ने कांस्य पदक हासिल किया। -
हांगझोउ. किदांबी श्रीकांत के निर्णायक मुकाबले में शानदार खेल के दम पर भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने रोमांचक सेमीफाइनल में शनिवार को यहां कोरिया को 3-2 से शिकस्त देकर एशियाई खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद जीवंत रखी। भारतीय टीम एशियाड की इस स्पर्धा में पहली बार फाइनल में पहुंची है।
विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज एचएस प्रणय ने शुरुआती गेम में उलटफेर के बाद मजबूत वापसी करते हुए जियोन ह्योक जिन को 18-21, 21-16, 21-19 से हराया और भारत को 1-0 से आगे कर दिया। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी शुरुआती युगल मुकाबले में मौजूदा विश्व चैंपियन सियो सेउंग-जे और कांग मिन-ह्युक से 13-21 24-26 से हार गये। लक्ष्य सेन ने इसके बाद अपने दबदबे वाले खेल से मुकाबले में भारतीय टीम की वापसी करायी। उन्होंने ली युंगयु को एकतरफा मुकाबले में 21-7 21-9 से हराकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया। एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी को किम वोन्हो और एनए सुंगसेउंग ने 21-16, 21-11 से हराकर मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया। भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने का दारोमदार अब श्रीकांत पर था लेकिन विश्व रैंकिंग में 163वें स्थान पर काबिज कोरिया के चो गोंयोप ने पहले गेम में पछाड़कर उलटफेर करने की कोशिश की । 2021 के विश्व चैम्पियन श्रीकांत ने हालांकि इसके बाद कोई गलती नहीं की और 12-21, 21-16, 21-14 से जीत मुकाबला भारत के नाम कर दिया। भारत रविवार को फाइनल में जब कई बार के स्वर्ण पदक विजेता चीन का सामना करने उतरेगा तब वह अपने थॉमस कप चैंपियन के स्तर को बरकरार रखना चाहेगा। शनिवार की जीत ने भारत को महाद्वीपीय चैंपियनशिप में बैडमिंटन में कम से कम रजत पदक का आश्वासन दिया, जिसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने जकार्ता में 2018 संस्करण में महिला एकल में पहली जीत हासिल की। भारतीय पुरुष टीम ने बैडमिंटन टीम चैम्पियनशिप में सियोल 1986 में आखिरी बार पदक जीता था। इसमें प्रकाश पादुकोण और विमल कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत ने अब तक एशियाई खेलों के इतिहास में 10 बैडमिंटन पदक जीते हैं, जिनमें तीन व्यक्तिगत एकल पदक, तीन पुरुष टीम कांस्य, दो महिला टीम कांस्य के अलावा पुरुष युगल और मिश्रित युगल में एक-एक पदक शामिल हैं। -
हांगझोउ. ओलंपियन अदिति अशोक ने तीसरे दौर में 11 अंडर 61 का स्कोर किया और एशियाई खेलों की गोल्फ स्पर्धा में ऐतिहासिक व्यक्तिगत स्वर्ण के करीब पहुंच गई । अदिति को अब अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी से सात शॉट की बढत हासिल है । वहीं भारतीय महिला टीम को थाईलैंड पर एक शॉट की बढत मिली हुई है । एशियाई खेलों में भारत की किसी महिला गोल्फर ने पदक नहीं जीता । अदिति 2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में 21वें स्थान पर रही थी । भारत की प्रणवी उर्स 11वें और अवनी प्रशांत संयुक्त 19वें स्थान पर हैं । पुरूष खिलाड़ियों के लिये यह दिन अच्छा नहीं रहा । भीषण गर्मी के कारण अनिर्बान लाहिड़ी को मेडिकल मदद लेनी पड़ी । वह संयुक्त 17वें स्थान पर है जबकि एसएसपी चौरसिया संयुक्त 20वें और खालिन जोशी संयुक्त 24वें स्थान पर है। शुभंकर शर्मा संयुक्त 34वें स्थान पर हैं । भारतीय पुरूष टीम 32 अंडर के स्कोर के साथ संयुक्त आठवें स्थान पर है और पदक की दौड़ से बाहर है ।
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हांगझोउ. भारतीय मुक्केबाज प्रीति पवार ने एशियाई खेलों में शनिवार को महिलाओं के 54 किलो सेमीफाइनल में प्रवेश करके पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया और पदक भी पक्का कर लिया । उन्नीस वर्ष की प्रीति ने तीन बार की विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता और मौजूदा एशियाई चैम्पियन कजाखस्तान की जाइना शेकेरबेकोवा को 4 . 1 से हराया । प्रीति ने आक्रामक शुरूआत की लेकिन उसकी अनुभवी प्रतिद्वंद्वी ने कई बार उसके रक्षण में सेंध मारी । इसके बावजूद प्रीति ने विचलित हुए बिना पहले दौर में 3 . 2 की बढत बना ली । आखिरी तीन मिनट में दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर जमकर घूंसे बरसाये लेकिन सटीक नहीं लगे । कजाखस्तान की खिलाड़ी पर थकान हावी हो गई और प्रीति ने आक्रामकता बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की । इससे पहले निकहत जरीन ने भी ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया था ।
महिला वर्ग में 50 किलो, 54 किलो, 57 किलो और 60 किलो में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले और 66 किलो तथा 75 किलो में फाइनल में पहुंचने वाले मुक्केबाजों को पेरिस ओलंपिक का कोटा मिलेगा । -
हांगझोउ। भारत के सरबजोत सिंह और दिव्या टीएस को एशियाई खेलों की 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में चीनी जोड़ी से हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा । चीन के झांग बोवेन और जियांग रेंशिन की जोड़ी ने फाइनल 16 . 14 से जीता । क्वालीफिकेशन में सरबजोत ने 291 स्कोर किया जबकि दिव्या का स्कोर 286 रहा । दोनों का कुल स्कोर 577 रहा और वे क्वालीफिकेशन में चीन से एक अंक आगे रहे थे । फाइनल में चीनी जोड़ी ने बाजी मार ली । भारत ने इन खेलों में निशानेबाजी में छह स्वर्ण, आठ रजत और पांच कांस्य समेत 19 पदक जीत लिये हैं ।
- हैदराबाद. सात साल बाद भारत आने वाले पाकिस्तानी क्रिकेटर यहां हुए जबर्दस्त स्वागत से अभिभूत हैं और तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने इसके बारे में कहा ,‘‘ जबर्दस्त , मजा आ गया ।'' इससे पहले हवाई अड्डे पर भारतीय प्रशंसकों की जबां पर पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम का नाम था । बाबर एंड कंपनी के यहां पहुंचते ही भारत में सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ट्रेंड करने लगी और दोनों मुल्कों के बीच तनाव मानों लोग भूल ही गए । मोहम्मद नवाज और सलमान आगा के अलावा पूरी पाकिस्तानी टीम पहली बार भारत आई है ।टीम के एक सूत्र ने कहा ,‘‘ हमें उम्मीद थी कि लोग मैदान पर आयेंगे लेकिन हवाई अड्डे पर इस तरह के स्वागत की कल्पना नहीं की थी। वे टीम के इंतजार में खड़े थे और यह देखकर बहुत अच्छा लगा ।'' बाबर ने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ हैदराबाद में मिले प्यार से अभिभूत हूं ।'' वहीं शाहीन शाह अफरीदी ने लिखा ,‘‘ हमारा जबर्दस्त स्वागत ।''पाकिस्तान ने आगमन के 12 घंटे के भीतर अभ्यास कियाहैदराबाद (भाषा) पाकिस्तान टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार को पहला अभ्यास मैच खेलना है लिहाजा खिलाड़ियों ने आने के 12 घंटे के भीतर ही मैदान पर वैकल्पिक अभ्यास सत्र में भाग लिया । बाबर आजम और इफ्तिखार अहमद सबसे पहले नेट पर अभ्यास के लिये आये । शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रऊफ ने उन्हें गेंदबाजी की । नसीम शाह की चोट के कारण टीम में वापसी करने वाले हसन अली ने भी गेंदबाजी कोच मोर्नी मोर्कल के मार्गदर्शन में अभ्यास किया । टीम ने ढाई घंटा मैदान पर बिताया ।
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नई दिल्ली। भारत ने चीन के हांगचोओ एशियाई खेलों में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। कल पांचवें दिन भारत ने एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता।
निशानेबाजी में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में अर्जुन चीमा, सरबजोत सिंह और शिव नरवाल ने स्वर्ण पदक जीता। अर्जुन चीमा, सरबजोत सिंह और शिव नरवाल की भारतीय टीम ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया। वूशु में भारत की रोशिबिना देवी ने रजत पदक जीता। फाइनल में रोशिबिना को चीन की वू जियाओ वेई से हार का सामना करना पडा।घुड़सवारी में भारत के अनुश ने कांस्य पदक जीत लिया है। अनुश ने व्यक्तिगत ड्रेसेज स्पर्धा में 73.030 का स्कोर कर तीसरे स्थान के साथ कांस्य पदक जीता।छह स्वर्ण, आठ रजत और 11 कांस्य सहित कुल 25 पदकों के साथ भारत पदक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। खेलों के छठे दिन आज एथलेटिक्स में विकास सिंह पुरुषों की 20 किलोमीटर पैदल चाल में पांचवें स्थान पर रहे। उन्होंने एक घंटे 27 मिनट और 33 सेकेंड में रेस पूरी की। महिलाओं की 20 किलोमीटर पैदल चाल में प्रियंका गोस्वामी भी पांचवें स्थान पर रही। प्रियंका ने एक घंटे 43 मिनट और सात सेकेंड में रेस पूरी की। गोल्फ में अदिति अशोक बढ़त बनाए हुए हैं। आज ही टेनिस और निशानेबाजी के फाइनल होंगे। टेनिस में पुरुष डबल्स में रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की जोड़ी फाइनल में खेलेगी। -
संगम (जम्मू-कश्मीर). उत्तर प्रदेश के मेरठ के एक विशेषज्ञ बैट (बल्ला) निर्माता सुनील कुमार उन कई विशेषज्ञ कारीगरों में से हैं, जिन्हें संगम ने आकर्षित किया है। इस दक्षिण कश्मीर शहर में बैट निर्माताओं ने अगले सप्ताह से शुरू होने वाले क्रिकेट विश्व कप से पहले ऑर्डर में वृद्धि देखी है। । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा आयोजित विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता से पहले कश्मीरी विलो (लकड़ी) से बने बल्लों की बिक्री में वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष ऑर्डर अधिक कहीं हैं क्योंकि भारत 12 साल के अंतराल के बाद विश्व कप क्रिकेट का आयोजन कर रहा है। कुमार ने कहा, ''क्रिकेट विश्व कप नजदीक आने के साथ बल्लों की मांग इतनी बढ़ गई है कि हम सभी ऑर्डर पूरे नहीं कर पा रहे हैं।'' अधिक काम से अधिक कमाई होने को लेकर कुमार खुश हैं कि उनके द्वारा बनाए गए बैट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचेंगे। कुमार ने कहा, ‘‘मैं 20 साल के अनुभव के साथ एक बैट निर्माता हूं। मैंने रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, आंद्रे रसेल और ड्वेन ब्रावो जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के लिए बल्ले बनाए हैं।'' क्रिकेट बैट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के प्रवक्ता फवजुल कबीर ने कहा कि आईसीसी द्वारा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इनके इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद पिछले दो वर्षों में कश्मीर विलो बैट की मांग लगातार बढ़ी है। जीआरबी स्पोर्ट्स ब्रांड के तहत बल्ला बनाने वाले कबीर कहते हैं, ‘‘हम 102 वर्षों से क्रिकेट के बल्ले का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन वर्ष 2021 तक हमें कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली। आईसीसी की मंजूरी मिलने के बाद हमारे बल्ले विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दिखाई दिए और मांग कई गुना बढ़ गई।'' कबीर ने दावा किया कि कश्मीर क्रिकेट बल्लों की 80 प्रतिशत वैश्विक मांग को पूरा करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व कप नजदीक है और भारत इसकी मेजबानी कर रहा है, इसलिए मांग कई गुना बढ़ गई है। हम सालाना लगभग 30 लाख बल्ले बनाते हैं, लेकिन इस महीने और पिछले महीने की मांग 15 गुना अधिक थी। हमने दो महीने में लगभग 30 से 40 लाख बल्ले बनाए हैं जिसकी हमने डिलिवरी कर दी है।'' कबीर ने दावा किया कि ‘‘वर्ष 2021 के शून्य निर्यात'' से शुरू होकर अब तक कश्मीर से 1.85 लाख से अधिक बल्ले विभिन्न देशों में निर्यात किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनिया को कश्मीर विलो के रूप में एक बेहतर विकल्प दे रहे हैं, वह भी सस्ती कीमत पर। गुणवत्ता के लिहाज से भी, अगर आप हमारा बल्ला देखें, तो (टी-20) विश्व कप में सबसे बड़ा छक्का एक खिलाड़ी ने हमारे ही बल्ले से लगाया था।'' उन्होंने कहा, विश्व कप के इस संस्करण के दौरान कम से कम 17 खिलाड़ी उनकी कंपनी के बैट का इस्तेमाल करेंगे। एक बैट निर्माण इकाई के कर्मचारी मुश्ताक अहमद शेख ने कहा कि यहां के कामगार विश्व कप का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका भत्ता बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा विश्व कप का इंतजार करते हैं क्योंकि हमारा काम कई गुना बढ़ जाता है और हमें दोगुनी मजदूरी मिलती है। हम इन दिनों दिन-रात काम करते हैं क्योंकि यह हमारी आजीविका का स्रोत है।'' शेख ने कहा कि विश्व कप के दौरान खरीदार अपने ऑर्डर तीन से चार गुना बढ़ा देते हैं।
उन्होंने कहा, जो लोग आमतौर पर 1,000 बल्लों का ऑर्डर देते हैं, वे अब 3,000 से 4,000 बल्लों की मांग करते हैं।'' रणजी ट्रॉफी खेलने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व क्रिकेटर उमर आलम ने कहा कि कश्मीर विलो बैट की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया गया निवेश अब फायदेमंद साबित हो रहा है। आलम ने कहा, ‘‘निवेशक शानदार काम कर रहे हैं। कश्मीरी निर्माता युवाओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी बल्ले मुहैया करा रहे हैं।'' उनका मानना है कि कश्मीर विलो बल्ला अपनी टिकाऊपन के कारण इंग्लिश विलो के बैट से कहीं बेहतर हैं। -
नयी दिल्ली. भारत में अगले महीने से शुरू होने वाले आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप में भाग लेने वाले सभी 10 देशों की टीम इस प्रकार हैं। भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक पंड्या (उप-कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन, इशान किशन , सूर्यकुमार यादव। ऑस्ट्रेलिया: पैट कमिंस (कप्तान), स्टीव स्मिथ, एलेक्स कैरी, जोश इंग्लिस, सीन एबॉट, कैमरन ग्रीन, जोश हेजलवुड, ट्रैविस हेड, मार्नस लाबुशेन, मिच मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टोइनिस, डेविड वार्नर, एडम ज़म्पा, मिशेल स्टार्क। इंग्लैंड : जोस बटलर (कप्तान), मोइन अली, गस एटकिंसन, जॉनी बेयरस्टो, सैम कुरेन, लियाम लिविंगस्टोन, डेविड मलान, आदिल राशिद, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स, रीस टॉपले, डेविड विली, मार्क वुड, क्रिस वोक्स। पाकिस्तान : बाबर आजम (कप्तान), शादाब खान, फखर जमां, इमाम-उल-हक, अब्दुल्ला शफीक, मोहम्मद रिजवान, सऊद शकील, इफ्तिखार अहमद, सलमान अली आगा, मोहम्मद नवाज, उसामा मीर, हारिस रऊफ, हसन अली, शाहीन अफरीदी, मोहम्मद वसीम। न्यूजीलैंड : केन विलियमसन (कप्तान), ट्रेंट बोल्ट, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉनवे, लॉकी फर्ग्यूसन, मैट हेनरी, टॉम लैथम, डेरिल मिशेल, जिमी नीशम, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रवींद्र, मिचेल सेंटनर, ईश सोढ़ी, टिम साउदी, विल यंग। दक्षिण अफ्रीका : तेम्बा बावुमा (कप्तान), गेराल्ड कोएत्ज़ी, क्विंटन डी कॉक, रीज़ा हेंड्रिक्स, मार्को जानसन, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, एडेन मार्कराम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, एंडिले फेहलुकवायो, कैगिसो रबाडा, तबरेज़ शम्सी, रासी वैन डेर डुसेन, लिजाड विलियम्स। श्रीलंका : दासुन शनाका (कप्तान), कुसल मेंडिस (उप-कप्तान), कुसल परेरा, पथुम निसांका, लाहिरू कुमारा, दिमुथ करुणारत्ने, सदीरा समरविक्रमा, चैरिथ असलांका, धनंजय डी सिल्वा, महीश तीक्ष्णा, डुनिथ वेललागे, कासुन राजिथा, मथीशा पथिराना, दिलशान मदुशंका, दुशान हेमंथा। बांग्लादेश : शाकिब अल हसन (कप्तान), लिट्टन दास, तनजीद हसन तमीम, नजमुल हुसैन शंटो (उपकप्तान), तौहीद हृदोय, मुश्फिकुर रहीम, महमुदुल्लाह रियाद, मेहदी हसन मिराज, नसुम अहमद, शाक महेदी हसन, तस्कीन अहमद, मुस्तफिजुर रहमान , हसन महमूद, शोरफुल इस्लाम, तंजीम हसन साकिब। अफगानिस्तान : हशमतुल्लाह शाहिदी (कप्तान), रहमानुल्लाह गुरबाज, इब्राहिम जादरान, रियाज हसन, रहमत शाह, नजीबुल्लाह जादरान, मोहम्मद नबी, इकराम अलीखिल, अजमतुल्ला उमरजई, राशिद खान, मुजीब उर रहमान, नूर अहमद, फजलहक फारूकी, अब्दुल रहमान, नवीन उल हक। नीदरलैंड : स्कॉट एडवर्ड्स (कप्तान), मैक्स ओ'डोड, बास डी लीडे, विक्रम सिंह, तेजा निदामानुरु, पॉल वैन मीकेरेन, कॉलिन एकरमैन, रूलोफ वान डेर मर्व, लोगान वैन बीक, आर्यन दत्त, रयान क्लेन, वेस्ले बर्रेसी, साकिब ज़ुल्फ़िकार, शारिज़ अहमद, साइब्रांड एंगेलब्रेक्ट।
- नयी दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने गुरुवार को स्वीकार किया कि उनकी टीम पर उम्मीदों का दबाव था लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों पर दबदबे को देखते हुए उनकी टीम एशियाई खेलों की महिला क्रिकेट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक की हकदार थी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए हांगझोउ एशियाई खेलों के फाइनल में श्रीलंका को 19 रन से हराकर स्वर्ण पदक जीता। हरमनप्रीत ने खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह से इतर पत्रकारों से कहा,‘‘यह शानदार अनुभव रहा। हमने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया। जब हम एशियाई खेलों के लिए रवाना हुए तो हम जानते थे कि हमारी टीम काफी मजबूत है और हमारे मन में यह बात थी कि हमें भविष्य के टूर्नामेंट के लिए इसी तरह से तैयारी करने की जरूरत है। हम स्वर्ण पदक के हकदार थे।'' उन्होंने कहा,‘‘हम भविष्य की प्रतियोगिताओं में इसी मानसिकता के साथ उतरेंगे तथा एशियाई खेलों के लिए हमने जिस तरह की तैयारी की थी उसी तरह की तैयारियां आगे भी करेंगे।'' समारोह के दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने महिला क्रिकेटरों के अलावा निशानेबाजी और नौकायन दल को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
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हांगझोउ. भारत के एकल टेनिस खिलाड़ी 2006 के बाद पहली बार एशियाई खेलों से खाली हाथ लौटेंगे चूंकि सुमित नागल और पिछली बार की कांस्य पदक विजेता अंकिता रैना बुधवार को क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए । नागल के लिये दुनिया के 60वें नंबर के खिलाड़ी जिझेन झांग को हराना आसान नहीं था । वह दो घंटे 16 मिनट में 7 . 6, 1 . 6, 2 . 6 से हार गए । सोमदेव देववर्मन ने 2010 में पुरूष एकल में स्वर्ण जीता था । उसके बाद युकी भांबरी (2014 इंचियोन) और प्रजनेश गुणेश्वरन (2018 जकार्ता) ने कांस्य पदक जीता था । दोहा में 2006 में हुए खेलों में रोहन बोपन्ना और करण रस्तोगी एकल वर्ग में पदक दौर में नहीं पहुंच सके थे । रैना को जापान की हारूका राजी ने क्वार्टर फाइनल में 3 . 6, 6 . 4, 6 . 4 से हराया ।
रामकुमार रामनाथन तीसरे और रूतुजा भोसले दूसरे दौर में ही हार गए थे ।
पुरूष युगल और मिश्रित युगल में भारतीय चुनौती अभी भी बाकी है । -
हांगझोउ. भारतीय निशानेबाजों ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों की महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में टीम स्पर्धा का रजत पदक जीता। आशी चौकसी, माणिनी कौशिक और सिफ्ट कौर सामरा की तिकड़ी क्वालीफिकेशन में 1764 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही। मेजबान चीन ने कुल 1773 अंक के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि दक्षिण कोरिया ने 1756 अंक के साथ कांस्य पदक जीता। सिफ्ट और आशी क्रमश: दूसरे और छठे स्थान पर रहते हुए फाइनल में भी जगह बनाने में सफल रहीं जबकि माणिनी 18वें स्थान के साथ फाइनल में प्रवेश नहीं कर पाईं। सिफ्ट ने 594 अंक बनाए जो क्वालीफाइंग में संयुक्त रूप से नया एशियाई रिकॉर्ड है।
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नई दिल्ली। भारत ने चीन के हांगचोओ में जारी एशियाई खेलों में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और कल चौथे दिन आठ पदक जीते थे। भारत को निशानेबाजी में दो स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक मिले मिले हैं जबकि नौकायन में एक कांस्य पदक प्राप्त हुआ है। एशियाई खेलों में वुशु में रोशिबिना को रजत पदक मिला है। फाइनल में रोशिबिना को चीन की वू जियाओ वेई से हार का सामना करना पडा है।
निशानेबाजी में अर्जुन सिंह चीमा, सरबजोत सिंह और शिव नरवाल पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालीफिकेशन में हिस्सा ले रहे हैं।महिला बैडमिंटन में पीवी सिंधु को आज आसान जीत मिली है। उन्होंने मंगोलिया की खिलाड़ी को 21-2, 21-3 से पराजित किया। टेनिस में पुरुष डबल्स के लिए रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई है। मिक्स्ड डबल्स में रोहन बोपन्ना और रुतुजा भोसले ने जीत हासिल की है। कुल 22 पदकों के साथ भारत पदक तालिका में छठे स्थान पर है। इनमें पांच स्वर्ण, सात रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं। -
नई दिल्ली। भारत ने चीन के हांगचोओ में जारी एशियाई खेलों में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और देश को आज कुल सात पदक मिले हैं। निशानेबाजी में भारत ने दो स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक हासिल किए। सिफत कौर समरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3-पी व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इसी प्रतियोगिता में आशी ने कांस्य पदक अपने नाम किया। ईशा सिंह ने महिलाओं की व्यक्तिगत 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक पर कब्जा किया। इससे पहले 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में मनु भाकर, ईशा सिंह और रिदम सांगवान ने चीन को तीन अंकों से हराकर चौथा स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय टीम ने रजत पर भी निशाना साधा है और उसने 50 मीटर 3पी की टीम स्पर्धा में चांदी का तमगा हासिल किया। वहीं, पुरुष टीम में अनंत नरूका, गुरजीत सिंह और अंगद बाजवा ने स्कीट में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए 19वां पदक पक्का किया।
नौकायन में विष्णु सरवनन ने पुरुषों की डोंगी आई.एल.सी.ए. 7 में 34 के नेट स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। महिला हॉकी टीम ने आज अपने पहले ही मैच में बड़ी जीत हासिल की है और सिंगापुर को 13-0 के अंतर से हराया।तलवारबाजी में भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और जॉर्डन को 45-36 से पराजित किया। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है और सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ खेलेगी।स्क्वॉश में भारत ने पूल बी के अपने दूसरे मैच में नेपाल को 3-0 से शिकस्त दी। कुल 21 पदकों के साथ भारत पदक तालिका में छठे स्थान पर है। इसमें पांच स्वर्ण, छह रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं।