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- नयी दिल्ली। मैडागास्कर, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए छोटे द्वीपीय देशों की मदद करने का लक्ष्य रखने वाले भारत-समर्थित आपदा रोधी ढांचा गठबंधन (सीडीआरआई) में शामिल होने वाला 30वां देश हो गया है। अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित मैडागास्कर में नियुक्त भारत के राजदूत अभय कुमार ने सीडीआरआई में इस द्वीपीय देश के प्रवेश करने का स्वागत किया और कहा कि यह देश को प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह मैडागास्कर को लगभग हर साल आने वाले चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेगा।'' सीडीआरआई एक वैश्विक साझेदारी है, जिसका लक्ष्य जलवायु और आपदा जोखिम रोधी बुनियादी ढांचा प्रणाली को बढ़ावा देना है। मैडागास्कर में भारतीय मूल के 17,500 से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से ज्यादातर गुजरात से हैं। भारत मैडागास्कर को न सिर्फ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय साझेदार, बल्कि ‘सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं संवृद्धि) के सहयोगी समुद्री विजन में एक अहम भूमिका निभाने वाला देश भी मानता है।
- वाशिंगटन. ट्विटर उपयोगकर्ताओं को 280 अक्षरों (कैरेक्टर) के अपने ट्वीट में ‘एडिट' या संशोधन का विकल्प देने के लिए काम कर रही है। कंपनी ने बुधवार को ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। हालांकि, ट्विटर ने यह स्पष्ट किया है कि इसका कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक टेस्ला के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क के कंपनी के बोर्ड में शामिल होने से कोई लेना-देना नहीं है। मस्क ट्विटर पर ‘एडिट' बटन की वकालत करते रहे हैं। कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं द्वारा लंबे समय से एडिट बटन की मांग की जा रही है। वहीं एक अप्रैल को ट्विटर ने ट्वीट किया था कि कंपनी एडिट बटन पर काम कर रही है।'' इस ट्वीट के बाद उपयोगकर्ताओं ने कहा था कि ट्विटर हमें ‘अप्रैल फूल' बना रही है। इसकी पुष्टि के लिए आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने मंगलवार को कहा कि एक अप्रैल का ट्वीट मजाक नहीं था और वह पिछले साल से इसपर काम कर रही है। ट्विटर ने मंगलवार को कहा कि वह आने वाले महीनों में अपनी पेड सर्विस ट्विटर ब्लू में इस फीचर का परीक्षण करेगी। कंपनी ने कहा कि परीक्षण से यह जानने में मदद मिलेगी कि यह क्या काम करता है, क्या नहीं और क्या संभव है।'' इसलिए अधिकांश ट्विटर उपयोगकर्ताओं को इसका उपयोग करने में कुछ समय लग सकता है। हालांकि, ट्विटर की प्रवक्ता कैथरीन हिल ने यह नहीं बताया है कि क्या एडिट सुविधा सभी उपयोगकर्ताओं के लिए शुरू की जाएगी।
- सिंगापुर. सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने सिंगापुर में चांगी नौसेना अड्डे पर चांगी क्षेत्रीय एचएडीआर समन्वय केंद्र और सूचना ‘फ्यूजन' केंद्र का बुधवार को दौरा किया जहां उन्हें प्रतिक्रिया तंत्र और समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी दी गई। सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर आए थल सेना प्रमुख ने मंगलवार को सिंगापुर के शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत की तथा द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को और बढ़ाने संबंधी रूपरेखा पर चर्चा की। भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई) ने ट्विटर पर बताया, “जनरल एम. एम. नरवणे ने सिंगापुर में क्षेत्रीय एचएडीआर समन्वय केन्द्र और सूचना ‘फ्यूजन' केंद्र का दौरा किया। सेना प्रमुख को बहु-राष्ट्र एचएडीआर प्रतिक्रिया तंत्र के समन्वय और समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई।” जनरल नरवणे ने ‘‘गोह केंग स्वी कमांड एंड स्टाफ कॉलेजेस डिस्टिंग्विश्ड स्पीकर्स डायलॉग'' में भाषण भी दिया जिसका शीर्षक ‘भारत का सामरिक दृष्टिकोण' था। जनरल नरवणे ने मंगलवार को सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ एनजी इंग हेन से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों तथा क्षेत्रीय भू-राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की थी। सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस पारस्परिक रूप से सार्थक बातचीत ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को गहरा किया है, आपसी समझ को बढ़ाया है और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को मजबूत किया है। बयान में कहा गया है, ‘‘उनकी यात्रा सिंगापुर और भारत के बीच मजबूत और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की पुष्टि करती है।" जनरल नरवणे अपने दौरे के पहले दिन सोमवार को सिंगापुर में क्रांजी युद्ध स्मारक गए और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने फोर्ट कैनिंग में बैटल बॉक्स बंकर का भी दौरा किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1936 में ब्रिटिश बलों ने जमीन से नौ मीटर नीचे इस गुप्त कमांड केंद्र को बनाया था। जनरल नरवणे ने मंगलवार को पसिर लाबा कैंप में ‘इन्फैंट्री गनरी एंड टैक्टिकल सिमुलेटर सेंटर' का दौरा किया था। उनकी यात्रा सिंगापुर और भारत के बीच मजबूत और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को रेखांकित करती है।
- बीजिंग दक्षिण चीन में पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के विमान ‘बोइंग 737-800' के दोनों ब्लैक बॉक्स की वाशिंगटन डी.सी. में एक सरकारी प्रयोगशाला में अमेरिकी विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं। इस हादसे में, विमान में सवार सभी 132 लोगों की मौत हो गई थी।राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने मंगलवार को बताया कि वह अपने चीनी समकक्षों को विमान के डेटा रिकॉर्डर से जानकारी ‘डाउनलोड' करने में मदद कर रहा है। अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि पिछले हफ्ते उसने ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर' से भी जानकारी एकत्रित करने में मदद की थी। चीन के कुनमिंग शहर से गुआंगझोऊ जा रहा ‘चाइना ईस्टर्न एयरलाइन' का विमान बोईंग 737-800 वुझोउ शहर के एक पर्वतीय क्षेत्र में 21 मार्च को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ब्लैक बॉक्स से डेटा एकत्र किये जाने पर हादसे के कारण का पता चल सकता है। अभी तक विमान के 49,000 से अधिक टुकड़े मिले हैं। घटनास्थल के काफी दूर, पर्वतीय ढाल पर होने और बाद में बारिश और फिर कीचड़ के कारण तलाश अभियान के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
- बीजिंग. चीन के शंघाई शहर में अभिभावकों को कोरोना वायरस से संक्रमित अपने बच्चों के साथ रहने की अनुमति दे दी गई है। शहर के स्वास्थ्य आयोग के शीर्ष निरीक्षक वू गैन्यू ने बुधवार को कहा कि वे माता-पिता जो स्वास्थ्य जोखिमों से पूरी तरह से अवगत हैं और समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, उन्हें अपने बच्चों के साथ निगरानी केंद्रों में रहने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, गैन्यू ने पत्रकारों से कहा कि माता-पिता के लिए मास्क पहनना और अलग होकर भोजन करना अनिवार्य रहेगा। साथ ही उन्हें अन्य कोविड-19 नियमों का भी सख्ती से पालन करना होगा।
- वाशिंगटन. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे हाल ही में गठित सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस' के तहत हाइपरसोनिक मिसाइल के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे। तीनों देशों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर जारी चिंताओं के बीच यह घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऑकस की प्रगति पर विचार करने के बाद इस योजना की घोषणा की। तीनों देशों ने यह गठबंधन बीते साल सितंबर में बनाया था। नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे हाइपरसोनिक, हाइपरसोनिक रोधी प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता पर एक नया त्रिपक्षीय सहयोग बनाने के साथ ही सूचना साझा करने की प्रक्रिया को विस्तार देने तथा रक्षा नवोन्मेष पर सहयोग को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका, रूस और चीन सभी का ध्यान हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास पर है। यह एक ऐसी तेज प्रणाली है, जिसे कोई भी मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणाली बीच में रोक नहीं सकती। अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने बीते साल अक्टूबर में इस बात की पुष्टि की थी कि चीन ने हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली का परीक्षण किया है। मिली ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में चीन के इस परीक्षण को बेहद अहम करार दिया था। साथ ही उन्होंने इस पर चिंता भी जताई थी। मॉरिसन ने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण ऑस्ट्रेलियाई सेना की लंबी दूरी की मारक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दो साल पहले जारी की गई रणनीतिक योजना के अनुरूप है।-file photo
- कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में एक अप्रैल को लगाया गया आपातकाल मंगलवार देर रात हटा दिया। मंगलवार रात को जारी राजपत्रित अधिसूचना संख्या 2274/10 में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन नियम अध्यादेश को वापस ले लिया है, जिसके तहत सुरक्षा बलों को देश में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए थे। राष्ट्रपति ने देश में बदतर आर्थिक हालात को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर एक अप्रैल को सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को होने वाले व्यापक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर आपातकाल लगाया गया था। इसके बाद सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया था। कर्फ्यू और आपातकाल के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहे। इस दौरान नाराज प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेताओं के आवास का घेराव कर सरकार से आर्थिक संकट को हल करने का आग्रह किया था। विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने से कई लोग घायल हो गए और वाहनों में आग लगा दी गई। राष्ट्रपति के आवास के पास लगे बैरिकेड गिराए जाने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारे की। इसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कोलंबो शहर के अधिकतर हिस्सों में कुछ समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है। प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।
- वाशिंगटन. अमेरिका के न्यू जर्सी में सैकड़ों भारतीय-अमेरिकी एक भव्य होली समारोह के लिए लोकप्रिय सामुदायिक केंद्र में इकट्ठा हुए। कई भारतीय राजनयिकों और प्रतिष्ठित सामुदायिक नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। समारोह का आयोजन ‘बिहार एंड झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका' (बीएजेएएनए) ने किया था। इस अवसर पर समुदाय को दोनों भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा अन्य नेताओं ने विशेष संदेश भेजे। मीडिया के लिए जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, समारोह में न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने ‘मेड इन बिहार' उत्पादों (बिहारिका) और ‘मेड इन झारखंड' उत्पादों (झारक्राफ्ट) को बढ़ावा देने में बीएजेएएनए के प्रयासों की तारीफ की। न्यू जर्सी के लोकप्रिय रॉयल अल्बर्ट पैलेस में भव्य होली समारोह तीन अप्रैल को आयोजित किया गया था। इसमें बिहार और झारखंड के पारंपरिक व्यंजन परोसने के साथ ही लोकप्रिय होली गीतों पर नृत्य प्रस्तुति दी गई थी।
- वाशिंगटन। अमेरिका के जॉर्जिया प्रांत के गवर्नर ब्रायन केंप ने वहां बड़ी संख्या में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों को ध्यान में रखते हुए दो अप्रैल की तारीख को हिंदू नव वर्ष घोषित किया है। बीते सप्ताहांत की गई घोषणा को लेकर केंप ने कहा, “हिंदू नव वर्ष आमतौर पर वसंत ऋतु की शुरुआत से जुड़ा होता है और इससे जुड़े रीति-रिवाज अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न होते हैं। इनमें घरों को फूलों से सजाना, विशेष पकवान खाना और अद्वितीय रंगों, अनुष्ठानों व संगीत के साथ अन्य क्षेत्रीय उत्सवों का लुत्फ उठाना शामिल है।” केंप ने कहा, “हमारा प्रांत हिंदू अमेरिकियों के योगदान से समृद्ध है, एक बड़ी और बहुआयामी आबादी, जिसमें आस्था और प्रथाओं का एक सुंदर संगम मौजूद है। हिंदू नव वर्ष उन हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित पल है, जो जॉर्जिया को अपना घर कहते हैं।” जॉर्जिया में दो लाख से ज्यादा हिंदू-अमेरिकी रहते हैं।
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कोलंबो। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाले श्रीलंका के सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें मंगलवार को तब और बढ़ गईं जब नव-नियुक्त वित्त मंत्री अली साबरी ने इस्तीफा दे दिया, वहीं दर्जनों सासंदों ने भी सत्तारूढ़ गठबंधन का साथ छोड़ दिया। उधर देश के सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौरान राष्ट्र व्यापी विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला भी जारी है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने भाई बासिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के बाद साबरी को नियुक्त किया था । बासिल सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के भीतर आक्रोश की मुख्य वजह थे। राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में साबरी ने कहा कि उन्होंने एक अस्थायी उपाय के तहत यह पद संभाला था।
साबरी ने पत्र में लिखा, हालांकि, बहुत विचार-विमर्श के बाद वर्तमान स्थिति को मद्देनजर रखते हुए, मेरा विचार है कि महामहिम को उचित अंतरिम प्रबंध करने होंगे जिससे इस अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिए नए, सक्रिय व असाधारण उपाय करने की जरूरत है जिनमें नए वित्त मंत्री को नियुक्त करना भी शामिल है।” साबरी उन चार मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें राष्ट्रपति ने सोमवार को नियुक्त किया था। इससे एक दिन पहले उनके सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया था। डेली न्यूज ने पूर्व राज्य मंत्री निमल लांजा के हवाले से बताया कि इस बीच मंगलवार को सरकार का समर्थन करने वाले 50 से अधिक सांसदों के एक समूह ने तब तक संसद में एक स्वतंत्र समूह के रूप में कार्य करने का फैसला किया जब तक कि सरकार इस्तीफा नहीं देती और सत्ताधारी शक्तियों को एक सक्षम समूह को नहीं सौंपती। पूर्व मंत्री विमल वीरावांसा ने भी घोषणा की कि 10 दलों की सरकार में शामिल सांसद सरकार छोड़ देंगे और स्वतंत्र रहेंगे। संसद का चार दिवसीय सत्र मंगलवार सुबह शुरू हुआ, जिस दौरान विपक्ष ने संबंधित कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति में दिन के एजेंडे को आगे बढ़ाने पर आपत्ति जताई। राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा पिछले सप्ताह आपातकाल की घोषणा के बाद से यह पहला सत्र था।
विपक्ष के वरिष्ठ नेता रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर से कहा, “हमें दिन के एजेंडे को जारी रखने में समस्या है क्योंकि विषय मंत्रियों का नाम नहीं लिया गया है। एक अन्य विपक्षी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि संसद को डिप्टी स्पीकर पद के लिए किसी को नियुक्त करना चाहिए क्योंकि रंजीत सियाम्बलपतिया ने सरकार के सहयोगी और पूर्व राष्ट्रपति सिरीसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन से स्वतंत्र कार्य करने के फैसले के बाद इस्तीफा दे दिया था। मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने सरकार से उन प्रदर्शनकारियों पर ध्यान देने का आग्रह किया जिन्हें उनके मुताबिक हाल के दिनों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक संकट पर बुधवार और बृहस्पतिवार को दो दिवसीय बहस पर फैसला करने के लिए दलीय नेताओं की एक बैठक बुलाई। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2020 के आम चुनावों में 150 सीटें जीती थीं और विपक्ष के सदस्यों के पाला बदलने से उसकी संख्या में और बढ़ोतरी हुई थी हालांकि इनमें से 41 सांसदों ने समर्थन वापस ले लिया है। इन 41 सासंदों के नामों की घोषणा उनके दलों के नेताओं ने संसद में की। वे अब स्वतंत्र सदस्य बन गए हैं, जिससे राजपक्षे के खेमे में सासंदों की संख्या 113 से कम हो गई है जो 225 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिये जरूरी है। सरकार ने हालांकि दावा किया कि उसके पास साधारण बहुमत है। श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइन, आवश्यक वस्तुओं की कम आपूर्ति और घंटों बिजली कटौती से जनता महीनों से परेशान है। सरकार के बजट पर हुए अंतिम वोट में सत्ताधारी गठबंधन को 225 में से 157 वोट मिले थे। एसएलपीपी सांसद रोहित अबेगुनावर्धना ने हालांकि कहा कि सरकार 138 सांसदों के समर्थन के साथ पूरी तरह से मजबूत है। -
कोलंबों। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने देश में लगाए गए आपात काल को हटाने की घोषणा की है। श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद एक अप्रैल को आपात काल लगाया गया था, जिसका व्यापक विरोध हो रहा था। सरकारी अधिसूचना में श्री राजपक्षे ने कहा कि मध्य रात्रि से आपात काल हटा लिया गया है। इससे पहले श्रीलंका में समूचे मंत्रिमंडल ने त्याग पत्र दे दिया था और सत्ताधारी दल संसद में बहुमत खो चुका था। श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने अतंर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ ऋण संबंधी महत्वपूर्ण वार्ता से ठीक पहले, अपनी नियुक्ति के एक दिन बाद ही पद छोड़ दिया था। सोमवार को राष्ट्रपति राजपक्षे ने मंत्रिमंडल भंग कर दिया था और देश में मिली जुली सरकार के गठन की घोषणा की थी।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने वहां के प्रशासन से देश की आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का समाधान तलाशने की अपील की है। -
कोलम्बो । श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर बढ़ते विरोध के बीच कम से कम चालीस सांसदों ने सत्ताधारी गठबंधन से अपने को अलग कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार श्री राजपक्षा के श्रीलंका पडुजना पेरामुना पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल पार्टियों के सांसदों ने कहा है कि अब वे स्वतंत्र रूप से सदन में बैठेंगे। हालांकि सरकार से अलग हुए सदस्यों ने विपक्ष को समर्थन देने की घोषणा नहीं की है।श्रीलंका फिलहाल, आर्थिक और विदेशी मुद्रा संकट की भीषण समस्या से जूझ रहा है। इसके कारण बिजली में जबरदस्त कटौती की जा रही है और विभिन्न वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। - बर्लिन। दुनिया के शीर्ष जलवायु वैज्ञानिकों ने सोमवार को आगाह किया कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर देश तेजी से प्रतिबद्धता नहीं निभाते हैं तो धरती पर तापमान एक प्रमुख खतरे के बिंदु से आगे निकल जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट ने सरकारों और निगमों द्वारा जलवायु संबंधी वादों के टूटने का खुलासा किया, जिसमें उन पर हानिकारक जीवाश्म ईंधन पर टिके रहने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्मसार करने वाली फाइल है, जो खोखली प्रतिज्ञाओं को दर्शाती है।'' वर्ष 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में सरकारें इस सदी में वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने पर सहमत हुई थीं। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान वृद्धि के पूर्व-औद्योगिक काल के स्तर से 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाने के मद्देनजर लक्ष्य प्राप्ति के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी कटौती ही एकमात्र उपाय है। पैनल ने कहा, ‘‘(राष्ट्रीय संकल्पों से) अनुमानित वैश्विक उत्सर्जन तापमान को 1.5 सेल्सियस तक सीमित करता है और 2030 के बाद इसे दो डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना कठिन बना देता है।'' रिपोर्ट के सह-अध्यक्ष, इंपीरियल कॉलेज लंदन के जेम्स स्की ने बताया, ‘‘अगर हम अभी जो कर रहे उसे जारी रखते हैं तो हम तापमान को दो डिग्री तक सीमित नहीं करने जा रहे हैं, 1.5 डिग्री की तो बात ही नहीं करें।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन के बुनियादी ढांचे में निवेश और कृषि के लिए बड़े पैमाने पर वनों के सफाया से पेरिस लक्ष्य कमजोर हुआ है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस ने कहा, ‘‘पेरिस में सहमत 1.5 डिग्री की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए हमें इस दशक में वैश्विक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कटौती करने की आवश्यकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वर्तमान जलवायु प्रतिज्ञाओं का मतलब उत्सर्जन में 14 प्रतिशत की वृद्धि होगी।'' रिपोर्ट के लेखकों ने कहा है कि उन्हें ‘‘पूरा विश्वास'' है कि देश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने के अपने प्रयासों को आगे नहीं बढ़ाते हैं तो सदी के अंत तक ग्रह औसतन 2.4 सेल्सियस से 3.5 सेल्सियस गर्म हो जाएगा। यह ऐसा स्तर है जिस के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि निश्चित रूप से दुनिया की अधिकतर आबादी पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। गुतारेस और रिपोर्ट के सह-अध्यक्षों के कड़े शब्दों के बावजूद पूरी रिपोर्ट में किसी खास देश को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। सुझाए गए समाधान में जीवाश्म ईंधन से सौर और पवन जैसी अक्षय ऊर्जा की तरफ बढ़ने, परिवहन का विद्युतीकरण, संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग और ऐसे उपायों के लिए भुगतान करने में असमर्थ गरीब देशों के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता शामिल हैं।
- इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर में पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों पर कार्रवाई करते हुए एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इन वारदातों के शिकार लोगों को पिछले तीन महीने में वापस कराई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त उपायुक्त (अपराध निरोधक शाखा) गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि जनवरी से मार्च के बीच कुल 1.03 करोड़ रुपये शिकायतकर्ताओं को ठगों से वापस कराए गए हैं और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया,‘‘हमें मिलने वाली शिकायतों के अध्ययन से पता चलता है कि ज्यादातर लोग इनामों और रोजगार की लुभावनी पेशकश के लालच में फंसकर ऑनलाइन ठगी के शिकार होते हैं।'' पाराशर ने बताया कि ठग गिरोहों द्वारा लोगों को उनके मोबाइल पर वेब लिंक या वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजकर जाल में फंसाया जाता है और उनके खातों से रकम उड़ा ली जाती है।
- काहिरा. सूडान में पिछले हफ्ते ब्लू नील नदी में एक नौका के पलट जाने से कम से कम 23 महिलाएं डूब गईं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकारी ‘सूना' समाचार एजेंसी के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी सेनार प्रांत में शुक्रवार को नौका के पलटने और डूबने के समय उसमें 29 लोग सवार थे। नौका में एक चालक को छोड़कर बाकी सभी महिलाएं थीं। पांच यात्रियों को बचा लिया गया। नौका किस वजह से डूबी, इस बारे में पता नहीं चल पाया है। महिलाएं सूकी क्षेत्र में खेतों में काम करने वाली दिहाड़ी मजदूर थीं। घटना उस वक्त हुई जब वे घर लौट रही थीं। हादसे के बाद 13 शव निकाले गए और बचावकर्मी 10 अन्य की तलाश कर रहे हैं। ब्लू नील इस अफ्रीकी देश में लोगों और सामानों के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह दुनिया की सबसे लंबी नदियों में से एक नील नदी से राजधानी खार्तूम के उत्तर में व्हाइट नील के साथ मिलती है। नौका पर क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने के कारण पहले भी इस तरह के हादसे होते रहे हैं। वर्ष 2018 में सूडान में नील नदी में एक नौका के पलटने से 21 छात्रों समेत 22 लोगों की मौत हो गई थी।-file photo
- लॉस एंजिलिस। अमेरिका में रहने वाली पाकिस्तानी गायिका अरूजा आफताब को उनके गाने ‘मोहब्बत’ के लिए प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें यह पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन श्रेणी में दिया गया है।‘रिकॉर्डिंग एकेडमी’ ने इंस्टाग्राम के अपने आधिकारिक पेज पर लिखा है कि 37 वर्षीय गायिका-संगीतकार ग्रैमी पुरस्कार हासिल करने वाली पहली पाकिस्तानी महिला हैं।सऊदी अरब में पाकिस्तानी प्रवासी परिवार में जन्मीं आफताब ने प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने के बाद इंस्टाग्राम लिखा, “ या अल्लाह… मुझे इस पल पर व्यक्तिगत रूप से बहुत गर्व है, साथ में संगीत जगत के लिए भी गर्व है।”पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खाने कहा कि उन्हें पुरस्कार विजेता संगीतकार पर गर्व है। बहरहाल, यह साफ नहीं है कि आफताब ग्रैमी पुरस्कार पाने वाली पहली पाकिस्तानी कलाकार हैं या पहली पाकिस्तानी महिला हैं।अल्बम ‘वल्चर प्रिंस’ के ‘मोहब्बत’ गाने को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की 2021 की ग्रीष्मकालीन ‘प्लेलिस्ट’ में शामिल किया गया था। 64वें वार्षिक ग्रैमी पुरस्कारों का आयोजन रविवार रात लास वैगास में किया गया था।
- अम्मान। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के सौतेले भाई शहजादे हमजा ने रविवार को अपना शाही खिताब त्याग दिया। राजघराने को अस्थिर करने की साजिश रचने के आरोप में करीब एक साल से घर में ही नजरबंद रहे हमजा ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा की। हमजा ने बाद में ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अपना खिताब इसलिए छोड़ दिया क्योंकि ''मेरे मूल्य, हमारे संस्थानों के दृष्टिकोण, प्रवृत्तियों और आधुनिक तरीकों के अनुरूप नहीं हैं।'' वहीं, शाही घराने ने कहा कि शहजादे हमजा ने कथित साजिश में अपनी भूमिका के लिए पिछले महीने माफी मांग ली थी। हमजा को राजघराने को अस्थिर करने की साजिश में शामिल रहने के आरोप में पिछले साल अप्रैल में नजरबंद किया गया था। तब एक वीडियो में हमजा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा दी जा रही है।
- काहिरा. बेहतर जीवन की तलाश में उत्तरी अफ्रीका से यूरोप की ओर जा रहे प्रवासियों की एक नौका भूमध्य सागर में डूब गई है। नौका में 90 से अधिक प्रवासी सवार थे। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स नामक एक सहायता समूह ने यह जानकारी दी है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने शनिवार देर रात कहा कि प्रवासी जिस नौका में सवार थे, वह नौका पिछले हफ्ते लीबिया से यूरोप की ओर जा रही थी। समूह के मिशन प्रमुख जुआन मटियास गिल ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि नौका में कब परेशानी हुई। फ्रांसीसी एमएसएफ नाम से भी प्रचलित समूह के मुताबिक एक तेल टैंकर ने शनिवार तड़के चार प्रवासियों को बचा लिया। सुरक्षित बचे प्रवासियों के मुताबिक नौका पर करीब 100 लोग सवार थे।-file photo
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संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि ब्रिटेन में पहली बार मिला ओमीक्रोन का नया स्वरूप कोरोना वायरस के पिछले स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है। डब्ल्यूएचओ ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि एक्स ई रीकांबिनेंट (बीए.1-बीए.2) नाम के नए ओमीक्रोन स्वरूप का पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी को पता चला था और तब से इसके 600 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। इसने कहा कि ओमीक्रोन का यह नया स्वरूप कोरोना वायरस के पिछले स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है जो दुनिया के लिए चिंता का विषय है।
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अश्गाबात . भारत और तुर्कमेनिस्तान ने आपदा प्रबंधन और वित्तीय आसूचना समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिये चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुर्कमेनिस्तान के अपने समकक्ष सर्दार बर्दीमुहामेदोव से मुलाकात की और शनिवार को यहां द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की। भारत के राष्ट्रपति की स्वतंत्र तुर्कमेनिस्तान की यह पहली यात्रा है, जो तुर्कमेनिस्तान के नए राष्ट्रपति बर्दीमुहामेदोव के पद संभालने के कुछ दिनों बाद हुई है। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति बर्दीमुहामेदोव के साथ अपनी बैठक के दौरान, राष्ट्रपति कोविंद ने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति और संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की तथा विभिन्न क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम अपनी बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने के लिये प्रयासों को तेज करने पर सहमत हुए हैं। आर्थिक संबंध द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करते हैं। हम द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने के लिए और अधिक प्रयास करने पर सहमत हुए। हमारे व्यापारिक समुदायों को अपने संपर्क को और मजबूत करना चाहिए, एक दूसरे के नियमों को समझना चाहिए और व्यापार तथा निवेश के नए क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए।'' दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) और अंतरराष्ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारे पर अश्गाबात समझौते के महत्व पर प्रकाश डाला। कोविंद ने कहा कि ईरान में भारत द्वारा निर्मित चाबहार बंदरगाह का उपयोग भारत और मध्य एशिया के बीच व्यापार में सुधार के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग आज की हमारी चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में से एक था। तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) पाइपलाइन पर, मैंने सुझाव दिया कि तकनीकी और विशेषज्ञ स्तर की बैठकों में पाइपलाइन की सुरक्षा और प्रमुख व्यावसायिक सिद्धांतों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।'' राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के अनुसार, ‘‘राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अश्गाबात में ‘‘स्वतंत्रता स्मारक'' (इंडिपेंडेंस मोन्यूमेंट) पर पुष्पांजलि अर्पित की और एक पौधा लगाया।'' राष्ट्रपति बर्दीमुहामेदोव द्वारा आयोजित संगीत संध्या के साथ एक भोज में राष्ट्रपति कोविंद शामिल हुए। बाद में दोनों नेता कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना करने के लिए उनके पास गए। राष्ट्रपति कोविंद और उनके तुर्कमेनिस्तान समकक्ष के बीच वार्ता के दौरान, दोनों देशों ने आपदा प्रबंधन जैसे सहयोग के नए क्षेत्रों की भी पहचान की। कोविंद ने डिजिटलीकरण की दिशा में तुर्कमेनिस्तान द्वारा किये जा रहे प्रयासों के मद्देनजर उसके साथ साझेदारी करने के लिए भारत की इच्छा व्यक्त की और कहा कि अंतरिक्ष पारस्परिक रूप से सहयोग का एक अन्य क्षेत्र हो सकता है। कोविंद ने कहा, ‘‘हमारे देश सदियों पुरानी सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करते हैं। बातचीत के दौरान, मैंने एक दूसरे के क्षेत्र में नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया। हमने दोनों देशों की आबादी को प्रभावित करने वाली कोविड-19 महामारी के प्रभावी प्रबंधन पर बारीकी से सहयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।'' तुर्कमेनिस्तान भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन ढांचे में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है, जिसकी पहली मेजबानी भारत ने इस साल जनवरी में की थी। इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत तुर्कमेनिस्तान के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है।
राष्ट्रपति कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का विस्तार किये जाने की स्थिति में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे के साथ-साथ 2021-22 की अवधि के लिए यूएनएससी के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत की पहल का समर्थन करने के लिए तुर्कमेनिस्तान को धन्यवाद दिया। बुधवार को विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा था, ‘‘राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा न सिर्फ द्विपक्षीय रूप से बल्कि विस्तारित पड़ोस की अवधारणा और भारत-मध्य एशिया भागीदारी में भूमिका को लेकर तुर्कमेनिस्तान को हम कितना महत्व देते हैं, इसकी पुष्टि करती है।'' तुर्कमेनिस्तान के पास प्राकृतिक गैस का बहुत बड़ा भंडार है । वर्मा ने कहा था, ‘‘तुर्कमेनिस्तान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगह पर मध्य एशिया में स्थित है और ‘कनेक्टिविटी' एक ऐसी चीज है, जिस पर हमें लगता है कि तुर्कमेनिस्तान के साथ साझेदारी के फायदे मिलेंगे। हमने तुर्कमेनिस्तान सहित मध्य एशियाई देशों को एक अरब डॉलर के ऋण की पेशकश की है। - बीजिंग. चीन में पिछले साल शादियों की संख्या 36 वर्ष के निचले स्तर पर चली गयी, जिससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इस देश में जनसांख्यिकीय संकट जोर पकड़ रहा है। इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देश में जन्म दर में गिरावट आएगी। आंकड़े बताते हैं कि चीन में 2021 में 76.3 लाख जोड़ों ने विवाह पंजीकरण कराया है, जो नागरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा 1986 से जारी आंकड़ों की दृष्टि से अब तक का सबसे निम्नतर आंकड़ा है। सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स' ने जनसांख्यिकी से जुड़े एक स्वतंत्र विशेषज्ञ ही याफू को उद्धृत करते हुए लिखा है कि विवाह पंजीकरण की संख्या में आई गिरावट से चीन में जन्मदर में गिरावट दर्ज की जाएगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के वर्षवार तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि पिछले साल चीन की आबादी में पांच लाख से कम बढ़ी है। इस प्रकार जन्म दर में लगातार पांचवें साल गिरावट दर्ज की गयी। आंकड़े बताते हैं कि चीन में पिछले तीन साल में विवाह पंजीकरण के मामले में गिरावट दर्ज की गयी। वर्ष 2019 में एक करोड़ से कम जोड़ों ने विवाह पंजीकरण कराये, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 90 लाख से कम तथा 2021 में 80 लाख से कम रहा। ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, 2021 में जितने जोड़े शादी के बंधन में बंधे, वह आंकड़ा 2013 के आंकड़ों की तुलना में महज 56.6 प्रतिशत है। गौरतलब है कि 2013 में विवाह बंधन में बंधने वाले जोड़ों की संख्या सर्वाधिक थी।
- हेरात। अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत हेरात में बम विस्फोट में 12 लोग मारे गए और 25 घायल हो गए। टोलो समाचार एजेंसी के अनुसार विस्फोटक खेल के मैदान में दबाया गया था और जब युवा वहां खेल रहे थे तब उसमें विस्फोट हो गया। प्रांत के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मृतकों की संख्या की पृष्टि की है। अभी तक किसी गुट ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। पिछले वर्ष अगस्त में तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद से अफगानिस्तान में कई हमले हुए हैं।
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नई दिल्ली। श्रीलंका में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। अभूतपूर्व आर्थिक संकट से परेशान सैकड़ों लोगों के राष्ट्रपति भवन पर धावा बोलने के एक दिन बाद आपातकाल लगाने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कल राजपत्र जारी कर देश में तत्काल प्रभाव से आपातकाल की घोषणा की।
राष्ट्रपति के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शनों को देखते हुए सेना को बिना किसी मुकदमे के संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने की अनुमति दी गई है।इससे पहले, गुरुवार को मौजूदा आर्थिक संकट को हल करने में सरकार की विफलता पर विरोध प्रदर्शन के लिए लोग राष्ट्रपति आवास के बाहर एकत्र हो गए थे। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प में पत्रकारों सहित दस लोग घायल हो गए। कोविड महामारी के कारण पर्यटन क्षेत्र के बुरी तरह प्रभावित होने से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार घटने के कारण भोजन, ईंधन, बिजली और गैस की कमी हो गई है। श्रीलंका ने मित्र देशों से आर्थिक मदद मांगी है। - वाशिंगटन) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद भारत को बीते कुछ वर्षों में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है और पूंजीगत प्रवाह के जोखिम को कम करने के लिए भारत में कुछ सुरक्षा उपाय हैं। आईएमएफ की पहली उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूंजीगत प्रवाह के अनेक लाभ होते हैं। वे आवश्यक निवेशों के लिए वित्तपोषण उपलब्ध करवाते हैं और कुछ प्रकार के जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा देने में मदद करते हैं। भारत में पूंजी प्रवाह होने से देशों को कई लाभ होते हैं और उन पूंजी प्रवाहों को प्राप्त करने से भी लाभ होता है।'' आईएमएफ ने पूंजी प्रवाह के उदारीकरण और प्रबंधन पर संस्थागत दृष्टिकोण (आईवी) की समीक्षा पर एक दस्तावेज जारी किया। आईवी को 2012 में अपनाया गया था और यह पूंजी प्रवाह से संबंधित नीतियों पर कोष परामर्श के लिए लगातार आधार प्रदान करता है। गोपीनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बड़ी मात्रा में पूंजी प्रवाह होने से अन्य प्रकार के वित्तीय जोखिम जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारत की बात है तो वहां बड़ी संख्या में पूंजी प्रतिबंध पहले से लागू हैं। बाहरी माहौल के बदलावों से निपटने के लिए भारत की सरकार इन प्रतिबंधों का इस्तेमाल काफी सक्रियता के साथ करती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पूंजी प्रवाह के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं। लेकिन यह अभी भी अपने पूंजी खातों को उदार बनाने की प्रक्रिया में है। जैसे-जैसे उसका वित्तीय बाजार गहरा होगा, वित्तीय संस्थान गहरे होंगे, यह पूंजी प्रवाह के अधिक रूपों की अनुमति देने की ओर बढ़ सकता है।'' भारतीय-अमेरिकी गोपीनाथ ने कहा कि पूंजी प्रवाह होने चाहिए क्योंकि ये प्राप्तकर्ता देशों के लिए विशेष तौर पर लाभदायक होते हैं हालांकि ये वृहद-आर्थिक चुनौतियों और वित्तीय स्थिरता के जोखिम भी पैदा कर सकते हैं।
- वाशिंगटन. भारतीय-अमेरिकी समुदाय की फ्लोरिडा की एक छात्रा की कलाकृति यूएस कैपिटोल यानी देश के संसद भवन में दिखायी जाएगी, जो इस समुदाय के लिए गर्व की बात है। फ्लोरिडा में टैम्पा हाई स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा श्रद्धा कार्तिक को टैम्पा म्यूजियम ऑफ आर्ट में हुई एक ‘कांग्रेसनल आर्ट कम्पीटिशन' का विजेता घोषित किया गया है। इस प्रतियोगिता में हाई स्कूल के छात्र अमेरिकी संसद में अपनी कला प्रदर्शित किए जाने की स्पर्धा में भाग लेते हैं। कांग्रेस सदस्य कैथी कैस्टर द्वारा जारी एक मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार, चेन्नई के अपने माता-पिता के साथ एक साल की उम्र में अमेरिका आने वाली श्रद्धा कार्तिक ने इस साल गहनता और सटीकता से बनायी ‘‘पेन्सिव गेज'' ग्रेफाइट ड्राइंग से पहला स्थान हासिल किया है। कार्तिक की यह खुद की कलाकृति ‘धारणा बनाम वास्तविकता' को दर्शाती है। उसने कहा, ‘‘मैं यह देखना चाहती थी कि क्या मैं अपना वैसा चित्र बना सकती है जैसी कि मैं हूं और न कि वैसा जैसा कि मैं सोचती हूं कि मैं हूं।'' बयान में कहा गया है कि कार्तिक सात साल की उम्र से चित्रकारी कर रही है। कला से कार्तिक को वास्तुकला के क्षेत्र में अपने करियर में मदद मिलेगी क्योंकि वह हाई स्कूल के बाद वास्तुकला की पढ़ाई करना चाहती है। इसमें कहा गया है कि यह कार्तिक की पहली कला स्पर्धा नहीं है। वह आठवीं कक्षा से सल्वाडोर डाली म्यूजियम वार्षिक कला प्रतियोगिता में हिस्सा लेती रही है और उसकी कलाकृति को हर साल प्रदर्शित करने के लिए चुना जाता है।