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- बीजिंग. दक्षिण पश्चिम चीन में 10 दिन पहले कोयले की एक खदान के ढहने से उसमें फंस गए 14 खनिकों की मौत हो गई है। मीडिया ने रविवार को यह खबर दी। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, खनिकों के शव निकालने के बाद रविवार दोपहर को बचाव अभियान खत्म कर दिया गया। गुइझोऊ प्रांत में 25 फरवरी को कोयले की खदान की छत ढहने के बाद उसमें खनिक फंस गए थे।मीडिया की खबर के मुताबिक, बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि जहां खदान की छत ढही थी, वह स्थान खदान के प्रवेश से करीब तीन किलोमीटर दूर था। दुर्घटना की आगे की जांच की जा रही है।
- कोह समुई . आस्ट्रेलिया के स्टार क्रिकेटर शेन वॉर्न का पार्थिव शरीर देह समुई द्वीप से थाईलैंड मुख्यभूमि में लाई गई है । 52 वर्ष के वॉर्न शुक्रवार की रात कोह समुई में अपने विला होटल में अचेत पाये गए थे और अस्पताल ले जाने के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी । थाई पुलिस के युथाना सिरिसोम्बत ने रविवार को कहा कि शुरूआती जांच में वॉर्न की मौत में किसी साजिश के संकेत नहीं मिले हैं लेकिन उनका पोस्टमार्टम कराया जायेगा । वॉर्न के परिवार ने उनकी पार्थिव देह शीघ्र सौंपने का अनुरोध किया है ।शनिवार को वॉर्न के मैनेजर जेम्स एर्सकिने ने कहा था कि वॉर्न तीन महीने की छुट्टी पर अकेले यहां आये थे और अभी उन्हें तीन ही दिन हुए थे । उन्हें जब दिल का दौरा पड़ा तब वह क्रिकेट देख रहे थे ।
- न्यूयॉर्क। मास्टरकार्ड और वीजा रूस में अपनी सेवाएं बंद रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों और अनेक कंपनी द्वारा देश से अपने कारोबारी संबंध समाप्त करने के क्रम में यह एक नया कदम है।मास्टरकार्ड और वीजा ने यह जानकारी दी। मास्टरकार्ड ने कहा कि रूसी बैंकों की ओर से जारी कार्ड को अब उसका नेटवर्क स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही किसी अन्य देश में जारी हुआ कार्ड रूस के स्टोर अथवा एटीएम में काम नहीं करेगा। मास्टरकार्ड ने एक बयान में कहा,‘‘ हमने जल्दबादी में यह फैसला नहीं लिया है।’’ कंपनी ने कहा की उपभोक्ताओं, सझादारों और सरकारों से बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है।वहीं वीजा ने कहा कि वह आने वाले दिनों में रूस में सभी लेन देन पर रोक लगाने के लिए उपभोक्ताओं और साझेदारों के साथ काम कर रहा है।उपाध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल केली ने एक बयान में कहा,‘‘हम यूक्रेन पर रूस के गैर उकसावे वाले आक्रमण और जो घटनाएं देख रहे हैं,उसके बाद कदम उठाने के लिए मजबूर हैं।’’ केली ने कहा,‘‘ यह युद्ध और शांति तथा स्थिरता पर मंडरा रहा खतरा यह मांग करता है कि हम अपने मूल्यों के अनुरूप जवाब दें।’’
- बीजिंग ।चीन ने शनिवार को अपने रक्षा बजट में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि कर 230 अरब डॉलर करने का प्रस्ताव किया है जो पिछले साल के 209 अरब डॉलर के मुकाबले 21 अरब डॉलर अधिक है।सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने प्रधानमंत्री ली केकियांग द्वारा नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शनिवार को पेश मसौदा बजट के हवाले से बताया कि चीन की सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.45 खरब (ट्रिलियन) युआन के रक्षा बजट का प्रस्ताव किया है जो पिछले साल के मुकाबले 7.1 प्रतिशत अधिक है।इस वृद्धि के साथ चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट (लगभग 70 अरब डॉलर) के मुकाबले तीन गुना हो गया है।पिछले साल चीन का रक्षा बजट 200 अरब डॉलर के पार गया था। चीन ने वित्त वर्ष 2021 में अपने रक्षा बजट में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि की थी जिससे उसका कुल रक्षा बजट 209 अरब डॉलर हो गया था।चीनी प्रधानमंत्री ने संसद में पेश कार्य रिपोर्ट में ‘‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की युद्ध तैयारी को वृहद तरीके से मजबूत’ करने पर जोर दिया।’’चीन द्वारा रक्षा बजट में वृद्धि का प्रस्ताव भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और अमेरिका के साथ बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव के बीच आया है। अमेरिका के बाद चीन रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
- इस्लामाबाद। धनशोधन एवं आतंकी वित्तपोषण की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' में ही रखा है और इस्लामाबाद को अपनी वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है। शनिवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई है। पाकिस्तान धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण जून 2018 से ही पेरिस स्थित एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है। निर्धारित लक्ष्यों को अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए उसे एक कार्य योजना दी गई थी। एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल होने के कारण पाकिस्तान तब से लेकर अब तक उस ‘ग्रे सूची’ में ही बना हुआ है। समाचार पत्र ‘द डॉन’ की खबर के मुताबिक, कार्य योजना के 34 में से 32 बिंदुओं को पूरा करने के बावजूद एफएटीएफ की पूरक बैठक के शुक्रवार को हुए समापन सत्र में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया गया है। हालांकि, वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं पर पाकिस्तान के मजबूत कार्यक्रम के लिए एफएटीएफ की पूरक बैठक के समापन सत्र में उसकी सराहना की गई।गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में एफएटीएफ ने अपनी 27 सूत्री कार्य योजना के 26 बिंदुओं पर पाकिस्तान के प्रगति करने की बात स्वीकार की थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष कैडर के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और अभियोजन को लेकर उसने इस्लामाबाद को अपनी ग्रे सूची (अधिक निगरानी वाली सूची) में बरकरार रखा था।एफएटीएफ ने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने धनशोधन पर एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) के सात कार्य योजना के बिंदुओं को भी पूरा किया है। उसने कहा कि एपीजी से मिली 2021 की हालिया कार्य योजना मुख्य रूप से धनशोधन पर केंद्रित थी और उसने इसके क्रियान्वयन में गंभीर कमियां पाई थीं। खबर के मुताबिक एफएटीएफ ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने अपने धन शोधन विरोधी अभियान के अलावा आतंकवाद के वित्तपोषण (एएमएल/सीएफटी) के खिलाफ बेहतर काम किया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि उसे जल्द से जल्द आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के मामलों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के आतंकवादियों और कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे करीबी सहयोगियों की मदद से एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने से बचता आया है। हालांकि, ग्रे सूची में बने रहने के कारण इस्लामाबाद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है, जिससे देश के लिए आर्थिक समस्याएं और बढ़ रही हैं।
- कीव। रूसी सेना शनिवार से यूक्रेन के दो क्षेत्रों में संघर्ष-विराम पर सहमत हो गई है, ताकि वहां फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसियों ने यह जानकारी दी।आरआईए नोवोत्सी और तास न्यूज एजेंसी ने रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि मॉस्को यूक्रेनी बलों के साथ कुछ निकासी मार्गों पर संघर्ष-विराम के लिए सहमत हो गया है, ताकि नागरिकों को दक्षिण-पूर्व में रणनीतिक लिहाज से अहम बंदरगाह शहर मारियुपोल और पूर्वी शहर वोल्नोवाखा से सुरक्षित निकालने में मदद मिल सके। हालांकि, यूक्रेनी सेना की तरफ से अभी संघर्ष-विराम की कोई पुष्टि नहीं की गई है और फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं है कि निकासी मार्ग कब तक खुले रहेंगे।
- जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि रूस के हमला करने के बाद से 10 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं। इस सदी में पहले कभी इतनी तेज गति से पलायन नहीं हुआ है।संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार 2020 के अंत में यूक्रेन की आबादी चार करोड़, 40 लाख थी।एजेंसी का अनुमान है कि यूक्रेन से अंतत: 40 लाख लोग पलायन कर सकते हैं और यह संख्या अनुमान से भी अधिक हो सकती है।यूएनएचसीआर की प्रवक्ता जोंग-आह घेदिनी-विलियम्स ने एक ईमेल में लिखा कि राष्ट्रीय अधिकारियों की गणना के अनुसार ‘‘हमारे आंकड़े बताते हैं कि मध्य यूरोप में हमने आधी रात में 10 लाख की संख्या पार कर ली।’’संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने ट्वीट किया, ‘‘हमने मात्र सात दिन में यूक्रेन से पड़ोसी देशों में 10 लाख लोगों का पलायन देखा है।’’यूक्रेन छोड़कर जाने वाले इन लोगों में समाज के अधिकतर कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं, जो पलायन को लेकर स्वयं फैसला करने में सक्षम नहीं हैं और उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उन्हें सहायता की आवश्यकता है।हंगरी के शहर जाहोनी में बुधवार को 200 से अधिक दिव्यांग यूक्रेनी पहुंचे, जो यूक्रेन की राजधानी कीव में दो आश्रय गृहों में रहते थे।शरणार्थियों में कई बच्चे शामिल हैं। इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हैं और जिन्हें रूसी हमले के कारण आश्रय केंद्रों को छोड़कर देश से बाहर जाना पड़ा।कीव में स्वयातोशिंकसी अनाथालय की निदेशक लारिसा लियोनिदोवना ने कहा, ‘‘वहां रहना सुरक्षित नहीं था। रॉकेट गिर रहे थे। वे कीव पर हमला कर रहे थे। हमने बमबारी के दौरान कई घंटे से अधिक समय भूमिगत स्थल में बिताया।’’शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन से आधे से अधिक शरणार्थी यानी लगभग 5,05,000 लोग पोलैंड गए हैं, 1,16,300 से अधिक लोगों ने हंगरी में प्रवेश किया है और 79,300 से अधिक लोगों ने मोल्दोवा में प्रवेश किया है। इनके अलावा 71,000 लोग स्लोवाकिया गए हैं और करीब 69,600 लोग अन्य यूरोपीय देशों में चले गए हैं।
- वाशिंगटन । रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर भारत पर सीएएटीएसए कानून के तहत प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों को यह जानकारी दी।‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत अमेरिकी प्रशासन के पास ईरान, उत्तर कोरिया या रूस के साथ महत्वपूर्ण लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।सीएएटीएसए एक सख्त अमेरिकी कानून है, जो 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में पुतिन के कथित हस्तक्षेप के जवाब में वाशिंगटन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है, जो मॉस्को से प्रमुख रक्षा साजो-सामान की खरीदारी करते हैं। भारत के खिलाफ संभावित सीएएटीएसए प्रतिबंधों से जुड़े एक सवाल पर दक्षिण एवं मध्य एशिया में अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लु ने बुधवार को सीनेट की निकट पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और आतंकवाद निरोधी मामलों की विदेशी संबंध उपसमिति के सदस्यों को बताया कि नयी दिल्ली पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर फैसला राष्ट्रपति बाइडन लेंगे। लु ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि बाइडन प्रशासन सीएएटीएसए कानून का पालन करेगा और इसे पूरी तरह से लागू करेगा। प्रशासन इसके किसी भी पहलू पर आगे बढ़ने से पहले कांग्रेस के साथ राय-मशविरा करेगा। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से मैं यह नहीं कह पा रहा हूं कि भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के मामले में राष्ट्रपति या विदेश मंत्री के फैसले को लेकर कोई अंदाजा लगाएं। मैं यह भी नहीं बता पा रहा हूं कि क्या यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई का इस फैसले पर कोई असर होगा।”लु ने स्पष्ट किया कि बाइडन प्रशासन ने भारत पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।उन्होंने कहा, “भारत वाकई हमारा एक बेहद अहम सुरक्षा साझेदार है। हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं। मुझे उम्मीद है कि रूस को जिस तरह से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है, उससे भारत को समझ आएगा कि अब मॉस्को से दूरी बनाने का समय आ गया है।”लु ने दावा किया कि रूसी बैंकों पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों के चलते किसी भी देश के लिए रूस से प्रमुख हथियार प्रणाली की खरीदारी करना बेहद कठिन होगा।उन्होंने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में हमने देखा है कि भारत ने कैसे मिग-29 का ऑर्डर रद्द किया, रूसी हेलीकॉप्टर और टैंक रोधी हथियार का ऑर्डर रद्द किया।”लु की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत को यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को हुए मतदान से दूर रहने को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों ही दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
- शिकागो (अमेरिका) ।यूनाइटेड एयरलाइन्स’ ने बुधवार को कहा कि उसने अमेरिका से मुंबई और दिल्ली आने-जाने वाले अपने विमानों के लिए रूसी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल बंद कर दिया है। विमानन कम्पनी के एक प्रवक्ता ने इस कदम को ‘‘अस्थायी’’ बताया। हालांकि, इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी।‘अमेरिकन एयरलाइंस’ ने भी दिल्ली और न्यूयॉर्क के बीच आने-जाने वाले अपने विमानों के लिए दक्षिणी रूस के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल बंद कर दिया है। गौरतलब है कि यह कदम 24 फरवरी से रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद उठाया गया है। रूस के इस कदम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की जा रही है और उस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
- कीव,। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोमवार को कहा कि बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत के लिए उसका एक प्रतिनिधिमंडल पहुंच गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इस बातचीत से युद्ध का कोई समाधान होगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि वह रूस से तत्काल संघर्षविराम की मांग करेगा।तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन में अपने युद्ध से या वार्ता से रूस अंततः क्या चाहता है। गौरतलब है कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया और दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है।
- कीव। यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने कहा है कि रूस के हमले में 198 लोग मारे गए हैं और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ल्याशको ने शनिवार को बताया कि मरने वालों में तीन बच्चे भी हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट नहीं हुआ कि हताहतों में कितने सैनिक और आम नागरिक हैं। ल्याशको ने कहा कि गुरुवार को बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइल हमलों तथा उत्तर, पूर्व और दक्षिण से यूक्रेन में सैनिकों के अभियान के साथ शुरू हुए रूसी आक्रमण में 33 बच्चों सहित 1,115 लोग घायल हो गए।
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0 घर, छतों और सड़कों पर तैनात
कीव/मॉस्को। जंग के तीसरे दिन रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के करीब पहुंच चुके हैं। कीव और आसपास के इलाकों में यूक्रेनी सैनिकों और रूसियों के बीच आमने-सामने की जंग शुरू हो चुकी है। कहा जा रहा है कि रूसी सैनिक किसी भी वक्त शहर के भीतर दाखिल हो सकते हैं।
इस बीच कीव की हिफाजत के लिए आम लोगों ने बंदूकें उठा ली हैं। वे घर, छतों और सड़कों पर तैनात रहकर रूसी सैनिकों के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। इनमें से कई तो दो रात से सोए नहीं हैं और वतन की हिफाजत में जुटे हुए हैं। राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि आज की रात देश का भविष्य तय करेगी। उन्होंने जनता से अपील की रूसियों को रोकने के लिए डटे रहें।
कीव पर जंग के पहले और दूसरे दिन रॉकेट और मिसाइल हमले किए गए। इसके बाद रूस ने अपने 10 हजार पैराटूपर्स को उतार दिया। रूसी सैनिक भी सड़क के रास्ते कीव की ओर बढ़े। तीसरा दिन होते-होते ये सभी कीव के नजदीक पहुंच गए। अब ये कई तरफ से कीव को घेरते हुए वहां दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। -
कीव । रूस के सैनिकों ने शनिवार तड़के यूक्रेन की राजधानी कीव पर धावा बोल दिया और शहर में कई जगह विस्फोटों की आवाज सुनाई दीं। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश छोड़ने से इनकार कर दिया है और अपने देशवासियों से मजबूती के साथ डटे रहने की अपील की है। जेलेंस्की ने कहा कि लड़ाई अभी जारी है और यह यूक्रेन का भविष्य निर्धारित करेगी।जेलेंस्की को अमेरिकी सरकार ने राजधानी कीव से निकलने को कहा था, लेकिन जेलेंस्की ने इससे इनकार कर दिया।
इस लड़ाई में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत होने की सूचना मिली है। रूसी सेना की ओर से राजधानी कीव में किए गए हमलों में अपार्टमेंट की इमारत और पुलों और स्कूलों को भारी क्षति हुई है।इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि रूस यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने (अपदस्थ करना) की कोशिश कर सकता है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक यूक्रेन की मौजूदा सरकार को हटाना ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का उद्देश्य है।
दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है। हालांकि इस युद्ध में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अब भी उसके कब्जे में है और कितने हिस्से पर रूस का नियंत्रण हो गया है।यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संघर्ष विराम की अपील की और एक अस्पष्ट बयान में चेतावनी दी कि कई शहरों पर हमला हो रहा है।यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, “आज रात हमें मजबूती के साथ डटे रहना होगा। आज ही यूक्रेन का भविष्य निर्धारित होगा।”जेलेंस्की को अमेरिकी सरकार ने राजधानी कीव से निकलने को कहा था, लेकिन जेलेंस्की ने इससे इनकार कर दिया।अमेरिका के खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ यहां युद्ध चल रहा है। मुझे गोला बारूद चाहिए, यात्रा नहीं। - नयी दिल्ली । एअर इंडिया का एक विमान रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के वास्ते शनिवार सुबह रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंचा।वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि उड़ान संख्या एआई1943 ने तड़के करीब तीन बजकर 40 मिनट पर मुंबई हवाईअड्डे से उड़ान भरी और वह भारतीय समयानुसार सुबह करीब 10 बजकर 45 मिनट पर बुखारेस्ट हवाईअड्डे पर पहुंचा।उन्होंने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंचे थे, उन्हें भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले गए ताकि उन्हें एअर इंडिया की उड़ान के जरिए स्वदेश लाया जा सके।उन्होंने बताया कि बोइंग787 विमान में एक बार में 256 यात्री आ सकते हैं।एअर इंडिया यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए शनिवार को और उड़ानें संचालित करेगी।गुरुवार को यूक्रेन के अधिकारियों ने यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं।अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में फिलहाल करीब 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें ज्यादातर विद्यार्थी हैं।यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने से पहले एअर इंडिया ने 22 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए एक विमान भेजा था जिसमें 240 लोगों को भारत वापस लाया गया था। उसने 24 और 26 फरवरी को दो और उड़ानों के संचालन की योजना बनायी थी लेकिन रूस के 24 फरवरी को आक्रमण शुरू करने और इसके बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका।एअर इंडिया ने शुक्रवार रात को ट्वीट करके बताया कि वह दिल्ली और मुंबई से शनिवार को बी787 विमान बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के लिए परिचालित करेगा।यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि वह रोमानिया तथा हंगरी से आने वाले मार्गों को निर्धारित करने का काम कर रहा है।दूतावास ने कहा, ‘‘वर्तमान में, अधिकारियों की टीम उझोरोद के पास चोप-जाहोनी हंगरी सीमा, चेर्नीवत्सी के पास पोरब्ने-सीरेत रोमानियाई सीमा चौकियों पर पहुंच रही है।’’ दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी जाती है।उसने कहा कि एक बार जब ये मार्ग चालू हो जाएंगे तो भारतीय नागरिकों को खुद से यात्रा करने के लिए सीमा जांच चौकियों की ओर बढ़ने की सलाह दी जाएगी।दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में), अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है।दूतावास ने कहा है, ‘‘भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें। यूक्रेन की राजधानी कीव और रोमानिया की सीमा के बीच करीब 600 किलोमीटर का फासला है और सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में साढ़े आठ से 11 घंटे लगते हैं।रोमानियाई सीमा जांच चौकी से बुखारेस्ट करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर है तथा सड़क मार्ग से उसे तय करने में करीब सात से नौ घंटे लगते हैं।वहीं, कीव और हंगरी की सीमा के बीच करीब 820 किमी की दूरी है और इसे सड़क मार्ग से तय करने में 12-13 घंटे लगते हैं।
- मास्को। रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोफ ने शुक्रवार को बताया कि रूस के सैनिकों ने यूक्रेन में निष्क्रिय हो चुके चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र और उसके आसपास के इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया है।यूक्रेन की परमाणु नियामकों ने बताया कि एक निगरानी प्रणाली ने संयंत्र के चारों ओर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण संख्या में कुछ बिंदुओं पर असामान्य विकिरण स्तर दिखाया है। इसका कारण निर्धारित नहीं किया जा सका है क्योंकि रूस की सेना ने इस पर अपना कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन, चेरनोबिल परमाणु संयंत्र की संयुक्त रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सहमत है। समाचार एजेंसियों ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि क्षेत्र में भारी सैन्य उपकरणों की आवाजाही के कारण विकिरण के स्तर में बदलाव हुआ है और हवा में रेडियोधर्मी कण फैले हैं। file photo
- मास्को। रूस के नागरिक उड्डयन विभाग ने कहा है कि ब्रिटिश एयरलाइंस के विमानों के, रूस के हवाई अड्डों पर उतरने और उसके हवाई क्षेत्र को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।रूस के अनुसार यह कदम ब्रिटेन के उड्डयन अधिकारियों की प्रतिकूल निर्णयों को देखते हुए उठाया गया है। इससे पहले ब्रिटेन ने रूस की राष्ट्रीय एयरलाइन्स एअरोफ़्लोत के ब्रिटेन में उतरने पर प्रतिबंध लगा दिया था। ब्रिटेन ने ऐसा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के अंतर्गत किया है।रूस के नागरिक उड्डयन विभागीय रोसावियात्सिया ने कहा कि रूस और ब्रिटेन के बीच अंतर-सरकारी हवाई सेवा समझौते के प्रावधानों के अनुसार ब्रिटेन के विमानन अधिकारियों के स्वामित्व वाले या पट्टे पर लिए गए विमानों की नियमित उड़ानों पर प्रतिबंध के प्रतिकूल निर्णयों के जवाब के रूप में लिया गया था। रूस की सेना द्वारा यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के बाद बृहस्पतिवार को यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया था।
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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, युद्ध प्रभावित देश में विश्व निकाय के मानवीय अभियानों को तेज करने के लिए दो करोड़ डॉलर की मदद तत्काल देने की घोषणा की।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवतावादी सहयोगी ‘‘जरूरत के वक्त में यूक्रेन में लोगों के सहयोग के लिए मौजूद रहने को प्रतिबद्ध हैं.... यह बात मायने नहीं रखती कि वे कौन हैं और कहां हैं ।’’ उन्होंने कहा,‘‘ मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, हम भय का, यूक्रेन के हर कोने में पीड़ा और आतंक का मंजर देख रहे हैं। जनता, निर्दोष जनता हमेशा भारी कीमत चुकाती है।’’ संयुक्त राष्ट्र के मानवीय अभियानों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष से दो करोड़ डॉलर पूर्वी दोनेत्स्क और लुहान्स्क और देश के अन्य क्षेत्रों में आपात अभियानों को मदद पहुंचाएंगे और ‘‘संघर्ष से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य देखभाल, आश्रय, भोजन, पानी आदि मुहैया कराने में भी इससे मदद मिलेगी।’’ - वाशिंगटन। यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है और भारत सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है।इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाजें सुनाई देने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। छात्र ललित कुमार ने कहा, ‘‘ इस वक्त हम अपने छात्रावास के तहखाने में छिपे हुए हैं और हमें नहीं पता कि यहां हम कब तक सुरक्षित रह पाएंगे। हम भारत सरकार से हमें यूक्रेन के पूर्वी इलाके से सुरक्षित निकालने की अपील करते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ अपने आप यात्रा करना संभव नहीं है। यहां मार्शल लॉ लागू है, जिसका मतलब है कि कोई बाहर नहीं जा सकता, कार, बस और निजी वाहन नहीं निकल सकते। एटीएम और सुपर मार्केट भी बंद हैं।’’छात्रों ने उस तहखाने का वीडियो भी साझा किया जहां वे छिपे हुए हैं। कुमार ने कहा, ‘‘ हमारे पास यहां ज्यादा सामान नहीं है कि हम लंबे समय तक यहां नहीं टिक पाएंगे। भारत सरकार हमारी आखिरी उम्मीद है....हम अपने देश वापस जाना चाहते हैं और अपने लोगों से मिलना चाहते हैं। हमारी मदद कीजिए।’’
- वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए गए अभूतपूर्व प्रतिबंध मॉस्को को वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग कर देंगे और अत्याधुनिक तकनीक तक उसकी पहुंच भी बाधित हो जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी सहयोगी, भारतीय-अमेरिकी दलीप सिंह ने कहा कि इन कदमों में रूसी सैन्य बलों पर व्यापक प्रतिबंध लगाना शामिल है और ये रूस के रक्षा, उड्डयन और नौवहन क्षेत्रों पर भी लक्षित होंगे। इससे पहले, बाइडन ने रूस के खिलाफ कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, “आज हम अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर रूस पर अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध और निर्यात पाबंदियां लगाने की घोषणा करते हैं, जो मॉस्को को वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग कर देंगे, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तक उसकी पहुंच बाधित कर देंगे और रूसी अर्थव्यवस्था को विस्तार देने व आधुनिक बनाने की पुतिन की रणनीतिक महत्वाकांक्षा पर लगाम लगाएंगे।” सिंह अभी अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों में अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के उप निदेशक हैं। उन्होंने कहा, “हम रूस के दो सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों-साइबरबैंक और वीटीबी पर प्रतिबंध लगाएंगे, जिनके पास 750 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति है, जो रूस की बैंकिंग प्रणाली की कुल संपत्ति का आधे से ज्यादा है।” सिंह ने कहा, “वीटीबी के मामले में हम अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से जुड़ी इसकी सभी संपत्तियों को फ्रीज कर देंगे और अमेरिकी नागरिकों के बैंक के साथ किसी भी तरह का लेन-देन करने पर पाबंदी लगा देंगे।”उन्होंने कहा, “वहीं, साइबरबैंक के मामले में हम अमेरिकी वित्तीय प्रणाली तक इसकी पहुंच समाप्त कर देंगे। हम 70 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की कुल संपत्ति वाले तीन अतिरिक्त रूसी बैंकों की संपत्तियां फ्रीज करते हुए उनके साथ भी किसी भी तरह के लेन-देन पर प्रतिबंध लगाएंगे।” सिंह ने कहा कि हम अमेरिकी निवेशकों को रूस की 13 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कंपनियों को ऋण या इक्विटी वित्त पोषण करने से भी रोकेंगे, जिनकी अनुमानित संपत्ति 1500 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है। व्हाइट हाउस अधिकारी ने कहा, “और अंत में हम इन सरकारी कंपनियों के अधिकारियों के साथ-साथ रूस के कुलीन वर्ग के लोगों और उनके परिवार के सदस्यों पर भी प्रतिबंध लगाएंगे, जो पुतिन के राजतंत्र का अहम हिस्सा हैं।” सिंह के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन की ओर से यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और ताइवान के साथ ‘ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ समन्वय’ के साथ तैयार कई अभूतपूर्व निर्यात प्रतिबंध भी लागू करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन नए प्रतिबंधों में रूस के सैन्य बलों पर व्यापक पाबंदियां लगाना और रक्षा, उड्डयन व समुद्री क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक तक मॉस्को की पहुंच बाधित करना शामिल है, जिससे पुतिन की सैन्य ताकत में कमी आएगी। सिंह के अनुसार, अमेरिका और उसके सहयोगी रूस को होने वाले अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के कुल निर्यात में 50 फीसदी से भी ज्यादा की कटौती करेंगे, जिसमें सेमीकंडक्टर से लेकर बुनियादी तकनीक तक शामिल है।इस बीच, खबर है कि अमेरिका और यूरोपीय अधिकारियों ने रूस के खिलाफ एक प्रमुख वित्तीय प्रतिबंध बचाए रखने का फैसला किया है, जिसके तहत मॉस्को को स्विफ्ट से नहीं हटाने का निर्णय लिया गया है, जो वैश्विक वित्तीय लेन-देन के लिए प्रमुख प्रणाली है। अधिकारियों के मुताबिक, बाइडन ने रूस को स्विफ्ट से प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को फिलहाल खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह हमेशा एक विकल्प रहेगा, लेकिन अभी यूरोप के बाकी हिस्से यह फैसला लेने को तैयार नहीं हैं। बाइडन ने स्पष्ट किया है कि रूस पर बेहद कड़े और प्रभावी प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।
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बर्लिन। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने यूक्रेन पर रूस के हमले की गुरुवार को कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘यूक्रेन के लिए एक भयावह दिन और यूरोप के लिए ‘काला दिन’ करार दिया। स्कोल्ज ने कहा कि यूक्रेन पर ‘‘रूसी आक्रमण अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है। इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।’’उन्होंने कहा, ‘‘ जर्मनी, (रूसी) राष्ट्रपति के इस कृत्य की यथासंभव कड़ी निंदा करता है।’’जर्मन चांसलर ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम यूक्रेन एवं उसकी जनता के साथ एकजुट हैं। रूस को तत्काल सैन्य कार्रवाई रोकनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जर्मनी इस संबंध में जी7, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ के ढांचे के तहत करीबी समन्वय करेगा।
- कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी हमले के बाद उनके देश ने रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं। जेलेंस्की ने गुरुवार को रूस के साथ संबंध तोड़ने के फैसले की घोषणा की, जब उसने अपने पड़ोसी पर बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइल हमला किया।रूसी सेना को यूक्रेन में दाखिल होते हुए देखा गया है। यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि देश की सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है और पश्चिमी देशों से रक्षा सहायता का भी अनुरोध किया है।
- ब्रसेल्स। यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के मद्देनजर यूरोपीय संघ (ईयू) गुरुवार को आपात कदम उठाते हुए अब तक के 'कठोरतम और बेहद नुकसानदायक' प्रतिबंधों को लगाने की योजना बना रहा है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने कहा कि उनका लक्ष्य यूरोप समेत पूरी दुनिया की शांति व्यवस्था को स्थिरता प्रदान करना है। उर्सुला ने कहा हम मिलकर इसके लिए व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहरायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम यूरोपीय नेताओं के समक्ष अनुमति के लिए बड़े और लक्षित प्रतिबंधों का पैकेज पेश करेंगे।’’ यूरोपीय संघ के विदेश नीति मामलों कें प्रमुख जोसेप बोरेल ने इन्हें अब तक के ‘कठोरतम और बेहद नुकसानदायक’ प्रतिबंध करार दिया।
- मॉस्को | रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने यूक्रेन में ‘‘विशेष सैन्य अभियान’’ शुरू करने का निर्णय उसका असैन्यीकरण करने और नाजियों से मुक्त कराने के मकसद से लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का लक्ष्य रूसी नागरिकों सहित शांतिप्रिय लोगों के खिलाफ अनगिनत अपराध करने वालों को न्याय के दायरे में भी लाना है।रूसी राष्ट्रपति ने टेलीविजन पर अपने विशेष संबोधन में कहा,‘‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ डोनबास ने मदद की गुहार लगाते हुए रूस से संपर्क किया, मैंने विशेष सैन्य अभियान चलाने का निर्णय किया है।’’उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान का लक्ष्य ‘‘ उन लोगों की रक्षा करना है जो प्रताड़ित हैं, आठ वर्ष से कीव के शासन में जनसंहार का सामना कर रहे हैं। हम यूक्रेन का असैन्यीकरण करने और उसे नाजियों से मुक्त करने का प्रयास करेंगे। साथ ही, रूसी नागरिकों सहित शांतिप्रिय लोगों के खिलाफ अनगिनत अपराध करने वालों को न्याय के दायरे में भी लाएंगे।’’सरकारी समाचार एंजेसी ‘टीएएसएस’ ने अपनी खबर में पुतिन के हवाले से कहा कि न्याय और सत्य रूस के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा,‘‘बलों की हमेशा जरूरत होती है,लेकिन ये अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं और हम जानते हैं कि सही ताकत न्याय और सत्य में हैं और ये हमारे साथ हैं।’’
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दुबई। दुबई में आयोजित एक भव्य समारोह में ‘म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ का उद्घाटन किया गया जिसे “दुनिया की सबसे सुंदर इमारत” कहा जा रहा है। इस भवन को बनाने में नौ साल का वक्त लगा है। यह सात मंजिला इमारत 77 मीटर ऊंची है और 30 हजार वर्ग मीटर में इसका निर्माण हुआ है। यह विश्व की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से कुछ ही दूरी पर स्थित है। दुबई में निर्मित वास्तुकला के नमूनों में ‘म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ ताजा पेशकश है।एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि संग्रहालय मानवता के भविष्य की रुपरेखा को प्रदर्शित करता है और मानव के विकास में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के नवाचार युक्त समाधान की प्रेरणा देता है। यूएई के कैबिनेट मामलों के मंत्री तथा दुबई फ्यूचर फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद अल गर्गावी ने मंगलवार को आयोजित उद्घाटन समारोह में कहा कि ‘म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ एक जीवंत संग्रहालय है। इस इमारत का डिजाइन, किल्ला डिजाइन के वास्तुकार शॉन किल्ला ने किया है और यह इंजीनियरिंग तथा कम्प्यूटर की मदद से किए गए डिजाइन का एक उत्कृष्ट नमूना है। यह स्टेनलेस स्टील से बना है और यहां रोबोट के इस्तेमाल से निर्मित 1,024 कलाकृतियां रखी गई हैं।
- संयुक्त राष्ट्र। रूस-यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त करते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि तनाव को कम करना तात्कालिक प्राथमिकता है और वह आश्वस्त है कि इस मुद्दे को कूटनीतिक संवाद के जरिए ही हल किया जा सकता है।रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के ‘‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्य’’ के क्षेत्रों की ‘‘स्वतंत्रता’’ को मान्यता देने के आदेश पर सोमवार को हस्ताक्षर कर दिए, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया और मॉस्को के यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गयी है। उन्होंने पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने का भी आदेश दिया, जिसे क्रेमलिन ने मॉस्को समर्थित क्षेत्रों में ‘‘शांतिरक्षा’’ मिशन बताया है।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टी.एस. तिरुमूर्ति ने सोमवार की रात को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, ‘‘ हम यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर हो रही गतिविधियों और रूसी संघ द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा सहित पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ रूसी संघ के साथ लगी यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गंभीर चिंता का विषय है। इन चीज़ों से क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।’’भारत ने इसके साथ ही सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान भी किया और कहा कि सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्र में दीर्घकालीन शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘तनाव कम करना’’ तात्कालिक प्राथमिकता है ।पुतिन के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन पर एक आपात बैठक की। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इस महीने रूस के पास है।भारत ने ‘‘सभी पक्षों के लिए’’ संयम बरतते हुए अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और साथ ही कहा कि जल्द से जल्द आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने चाहिए।तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘हम आश्वस्त हैं कि इस मुद्दे को कूटनीतिक संवाद के जरिए ही हल किया जा सकता है। हमें तनाव कम करने की कोशिश में लगे पक्षों द्वारा हाल में उठाए गए कदमों को वक्त देने की जरूरत है।’’उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में नयी दिल्ली त्रिपक्षीय संपर्कसमूह और नॉरमैंडी प्रारूप समेत अन्य प्रयासों का स्वागत करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पक्षों को अलग-अलग हितों को साधने के लिए वृहद प्रयास करने का वक्त देने की आवश्यकता है। हम सैन्य तनाव का जोखिम नहीं उठा सकते।’’वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की ‘‘स्वतंत्रता’’ को मान्यता देने के रूस के फैसले पर सोमवार को गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि मॉस्को का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता का ‘‘उल्लंघन’’ है तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध है।भारत ने तनाव को कम करने के लिए सार्थक कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीय नागरिकों की कुशलक्षेम हमारी प्राथमिकता है।’’संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि पुतिन ‘‘हमारी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की परीक्षा ले रहे हैं, वह हमारे संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं और देखते हैं वे हमें कहां तक लेकर जाते हैं। वह यह दिखाना चाहते हैं कि बल के जरिए वह संयुक्त राष्ट्र का तमाशा बना सकते हैं। हमें इस संकट से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।’’उन्होंने कहा कि पुतिन ने ऐलान किया है कि वह इन क्षेत्रों में रूसी बलों को तैनात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘वह उन्हें शांतिरक्षक बता रहे हैं। यह बेहूदा है। हम जानते हैं कि असल में वे क्या हैं। हम इस वक्त एक साथ आना चाहिए और इससे नजर नहीं फेरनी चाहिए।’’इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने कहा, ‘‘हम कूटनीतिक समाधान के लिए, कूटनीतिक बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि, डोनबास में फिर खूनखराबे को मंजूरी देने की हमारी मंशा नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हमें यह कहना पड़ रहा है कि अमेरिका के नेतृत्व में हमारे पश्चिमी सहयोगियों ने अत्यधिक नकारात्मक भूमिका निभायी है। कीव को अपने उत्तरदायित्वों को लागू करने के लिए विवश करने के बजाय वे यूक्रेन को यह अर्थहीन मंत्र दोहराने के लिए उकसा रहे हैं कि रूस ने मिंस्क समझौते के तहत उत्तरदायित्वों को लागू नहीं किया है।’’अमेरिका ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह फैसला मिंस्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं को ‘‘पूरी तरह खारिज’’ करता है और रूस के इस दावे के बिल्कुल उलट है कि वह कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता पर साफ तौर पर हमला है।अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे अमेरिकी लोगों द्वारा यूक्रेन के तथाकथित ‘‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्यों’’ वाले क्षेत्रों में सभी नए निवेश, व्यापार और वित्त पोषण पर रोक लग जाएगी।रूस के कदमों को उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का घोर उल्लंघन बताते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि उसकी आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। यूरोपीय संघ ने भी कहा है कि वह यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाएगा।रूस ने यह कदम तब उठाया है जब एक दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करता है तो वह राष्ट्रपति पुतिन के साथ ‘‘सैद्धांतिक रूप से’’ बैठक करने पर सहमति जताते हैं।बहरहाल, क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि इस वक्त ऐसी किसी भी बैठक के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी।