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- पुणे,। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। नाटेकर 88 बरस के थे। अपने करियर में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले नाटेकर उम्र संबंधित बीमारियों से पीडि़त थे। उनके परिवार में बेटा गौरव और दो बेटियां हैं। नाटेकर परिवार ने बयान में कहा बेहद दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे पिता नंदू नाटेकर का 28 जुलाई 2021 को निधन हो गया। बयान के अनुसार, कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए हम शोक सभा का आयोजन नहीं करेंगे। कृपया अपने विचारों और प्रार्थना में उन्हें याद रखें।अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाडिय़ों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे नाटेकर को 1961 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। नाटेकर ने 15 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान 1954 में प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और 1956 में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थॉमस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने 16 में से 12 एकल और 16 में से आठ युगल मुकाबले जीते थे। उन्होंने जमैका में 1965 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त कियाप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बैडमिंटन खिलाड़ी श्री नन्दू नाटेकर के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है।एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के खेल इतिहास में श्री नन्दू नाटेकर का एक विशेष स्थान है। वे बैडमिंटन के शानदार खिलाड़ी और महान कोच थे। उनकी सफलता से उदीयमान एथलीटों को प्रेरणा मिलती है। उनके निधन से दु:खी हूं। दु:ख की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों और मित्रों के साथ हूं। ओम् शांति!"
- तोक्यो। सोवियत संघ से स्वतंत्रता के बाद अस्तित्व में आये कम आबादी वाले देश तुर्कमेनिस्तान ने मंगलवार को ओलंपिक में अपना पहला पदक जीता। भारोत्तोलक पोलीना गुरेवा ने तोक्यो खेलों में इस मध्य एशियाई राष्ट्र के लिए रजत पदक हासिल किया। महिलाओं के 59 किग्रा में पदक जीतने वाली इस 21 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं काफी खुश हूं क्योंकि तुर्कमेनिस्तान के इतिहास में यह पहला ओलंपिक पदक है। तुर्कमेनिस्तान को किसी भी खेल को अभी तक एक पदक नहीं मिला था। '' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लग रहा है कि मैं तुर्कमेनिस्तान के इतिहास की हिस्सा बन गयी हूं।''गुरेवा ने कुल 217 किग्रा का भार उठाकर जापान की मिकिको अंदोह (214 किग्रा) को पछाड़ा। इस प्रतियोगिता का स्वर्ण ताइवान की क्यो ह्सिंग-चुन ने 236 किग्रा का भार उठाकर जीता।
- कोलंबो। हरफनमौला कृणाल पंड्या के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को होने वाला दूसरा टी20 क्रिकेट मैच एक दिन के लिये स्थगित कर दिया गया जबकि कृणाल सात दिन के पृथकवास के साथ श्रृंखला से बाहर हो गए । श्रीलंका के स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कृणाल 30 जुलाई को भारतीय टीम के बाकी सदस्यों के साथ स्वदेश लौट नहीं सकेंगे । उन्हें अनिवार्य पृथकवास पूरा करके नेगेटिव आरटी पीसीआर का इंतजार करना होगा । तीसरा और आखिरी टी20 मैच गुरूवार को होगा । तीन मैचों की यह श्रृंखला होगी क्योंकि कुछ और मामले भी आने पर भारतीय टीम के पास नेगेटिव आरटी पीसीआर के साथ इतने खिलाड़ी हैं कि टीम उतारी जा सकती है । कृणाल मंगलवार को पॉजिटिव पाये गए और पृथकवास पर हैं । पूरी टीम के आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार है । बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक बयान में कहा ,‘‘ भारत और श्रीलंका के बीच दूसरा टी20 मैच 27 जुलाई को होना था जो अब एक दिन के लिये आगे बढा दिया गया है । अब यह 28 जुलाई को होगा ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मंगलवार की सुबह मैच से पहले रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराया गया जिसमें कृणाल पंड्या की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है । मेडिकल टीमों ने आठ सदस्यों की पहचान की है जो करीबी संपर्क में थे ।'' सूत्र ने कहा ,‘‘‘ सब कुछ ठीक रहने पर बुधवार को मैच होगा । करीबी संपर्क में रहे आठ व्यक्तियों में अधिकांश खिलाड़ी हैं और पृथकवास में हैं । '' भारतीय टीम के एक सदस्य ने कहा ,‘‘हम सभी टेस्ट की रिपोर्ट आने तक अपने अपने कमरे में पृथकवास में हैं । भारत 20 सदस्यीय टीम और चार स्टैंडबाय नेट गेंदबाज लेकर आया है ।मैच यहां आर प्रेमदासा स्टेडियम पर होना है । अब बुधवार और गुरुवार को लगातार दो मैच होंगे ।भारत ने पहला टी20 38 रन से जीता था । यह समझ से परे है कि पिछले एक महीने से कड़े बायो बबल में रह रहे कृणाल पॉजिटिव कैसे हो गए । इससे पृथ्वी साव और सूर्यकुमार यादव की रवानगी पर भी असर पड़ सकता है जिन्हें इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने होने वाली टेस्ट श्रृंखला के लिये रवाना होना है ।
- तोक्यो। ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में करारी शिकस्त से उबरकर जोरदार वापसी करते हुए तोक्यो ओलंपिक की पुरुष हॉकी स्पर्धा के पूल ए में मंगलवार को यहां अपने तीसरे मैच में स्पेन को 3-0 से हराया। दुनिया की नौवें नंबर की टीम स्पेन के खिलाफ भारत की ओर से रूपिंदर (15वें और 51वें मिनट) ने दो जबकि सिमरनजीत सिंह (14वें मिनट) ने एक गोल दागा। दुनिया की चौथे नंबर की टीम भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर विजयी शुरुआत की थी लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में उसे 1-7 की करारी हार का सामना करना पड़ा था। स्पेन की टीम अब तक टूर्नामेंट में जीत दर्ज करने में नाकाम रही है। टीम ने अपने पहले मैच में अर्जेन्टीना से 1-1 से ड्रॉ खेला था जब दूसरे मैच में उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। भारत अपने अगले मैच में गुरुवार को गत ओलंपिक चैंपियन अर्जेन्टीना से भिड़ेगा।किसी भी टीम के लिए मनोबल तोड़ने वाली हार से एक दिन के भीतर उबरना बेहद मुश्किल होता है लेकिन स्पेन के खिलाफ मंगलवार को भारतीय टीम अधिक संगठित दिखी। इस जीत के बावजूद भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा कि टीम को बाकी बचे मैचों से पहले कमजोर पक्षों पर काम करने की जरूरत है जिसमें विरोधी टीम को पेनल्टी कॉर्नर गंवाना भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का नतीजा बेहतर रहा लेकिन सुधार के लिहाज से कई चीजों पर काम करने की जरूरत है। हमने काफी सारे कॉर्नर दिए, जब ऐसा होता है तो यह हमेशा चिंता की बात होती है। लेकिन रक्षण के हिसाब से टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।'' रीड ने कहा, ‘‘पहले क्वार्टर में हम काफी अच्छा खेले, हमने यही रणनीति बनाई थी। दूसरे और तीसरे क्वार्टर में हमने थोड़ा संघर्ष किया।'' मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम ने शुरुआत से ही विरोधी टीम पर दबाव बनाया और शुरुआती 10 मिनट में गेंद को अधिक समय तक अपने कब्जे में रखने में सफल रही। टीम हालांकि गोल करने का कोई वास्तविक मौका नहीं बना पाई। नौवें मिनट में भारत को बढ़त बनाने का मौका मिला लेकिन मनप्रीत के पास को सिमरनजीत गोल के अंदर डालने में विफल रहे। स्पेन की टीम धीरे-धीरे लय में लौटी और टीम ने 12वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया जो बर्बाद गया। पहले क्वार्टर के अंतिम लम्हों में भारत ने हमले तेज किए। टीम को इसका फायदा भी मिला जबकि स्पेन के रक्षण की कमजोरी का फायदा उठाकर अमित रोहिदास के पास पर सिमरनजीत ने गोलकीपर क्विको कोर्टेस को छकाकर गोल दाग दिया। भारत को अंतिम मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले। तीसरे पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के शॉट पर गेंद स्पेन के डिफेंडर से टकराई और भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे रूपिंदर ने गोल में बदलकर टीम की बढ़त को दोगुना कर दिया। दो गोल से पिछड़ने के बाद स्पेन ने दूसरे क्वार्टर में भारतीय रक्षा पंक्ति पर दबाव बनाया और अधिकांश समय खेल भारतीय हाफ में खेला गया। स्पेन को दबाव की रणनीति का फायदा तीसरे क्वार्टर में तीन पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन भारतीय रक्षा पंक्ति ने विरोधी टीम के सभी हमलों को नाकाम कर दिया। आस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी तरह से नाकाम रहे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश स्पेन के खिलाफ गजब की लय में दिखे और उन्होंने विरोधी टीम के कई हमलों को विफल किया। दो गोल की बढ़त के बाद भारतीय टीम चौथे और अंतिम क्वार्टर में रक्षात्मक खेल दिखाकर संतुष्ट थी। स्पेन ने इस बीच दबाव डालना जारी रखा। भारत को 51वें मिनट में मैच का चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे रूपिंदर ने गोल में बदलकर भारत को 3-0 से आगे कर दिया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ। स्पेन ने इसके बाद हमले तेज किए। टीम को 53वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन ड्रैगफ्लिकर पाउ क्युमादा श्रीजेश की अगुआई वाली भारतीय रक्षा पंक्ति को भेदने में नाकाम रहे। स्पेन को अंतिम मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस बार भी श्रीजेश ने क्युमादा के प्रयास को नाकाम कर दिया। श्रीजेश ने कहा कि वह पर्याप्त अनुभवी हैं कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ लचर प्रदर्शन के बाद वापसी कर पाएं। उन्होंने भारतीय रक्षा पंक्ति की सराहना की जो स्पेन के दबाव का सामना करने में सफल रही। श्रीजेश ने कहा, ‘‘गोलकीपर का काम दबाव झेलना है। मुझे लगता है कि जब आप पर्याप्त अनुभवी हो जाते हो तो आप दबाव को झेलने और टीम को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया के खिलाफ रक्षापंक्ति का प्रदर्शन काफी खराब रहा लेकिन आज उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना काम अच्छी तरह किया और हमने कोई गोल नहीं खाया जो सबसे महत्वपूर्ण है।'' भारतीय गोलकीपर ने कहा, ‘‘अगर आप अतीत के मैच को भुलाकर वापसी करते हुए बेहतर खेल दिखाते हैं तो यह हमारे खेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है।''
- नयी दिल्ली। ओलंपिक भारोत्तोलन में इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने भारत लौटने के बाद अपना रजत पदक सोमवार को देशवासियों के नाम किया। खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मीराबाई ने कहा, ‘‘मैं इस पदक को भारतवासियों को समर्पित करना चाहती हूं । यह पदक मैं उन सबको समर्पित करती हूं जिन्होंने मेरी हौसला अफजाई की, जिन्होंने मेरे लिये प्रार्थना की।'' मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री और खेल मंत्री को शुक्रिया बोलना चाहूंगी। उन्होंने मुझे बहुत कम समय में अभ्यास के लिए अमेरिका भेजा था। सभी तैयारियों को एक दिन में पूरा किया गया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘उनके कारण ही मुझे अच्छा प्रशिक्षण मिला और मैं पदक जीतने में सफल रही। मेरी सफलता का श्रेय टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) जैसी योजनाओं को भी जाता है।'' इस मौके पर उनके कोच विजय शर्मा ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है अब आने वाले समय में भारतीय खिलाड़ी और पदक जीतेंगे। मीराबाई और उनके कोच को सम्मानित करने के लिये आयोजित कार्यक्रम में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर , खेल राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक के साथ किरेन रीजीजू, सर्बानंद सोनोवाल और जी कृष्ण रेड्डी जैसे अन्य केन्द्रीय मंत्री थे। रीजीजू और सोनोवाल पहले खेल मंत्री रह चुके है। ठाकुर ने हिमाचली टोपी, शॉल पहनाकर चानू और उनके कोच को सम्मानित किया।खेल मंत्री ठाकुर ने कहा कि मीराबाई ने ओलंपिक के पहले दिन पदक जीता जिससे देश के दूसरे खिलाड़ियों का मनोबल काफी बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘ ओलंपिक खेलों के पहले दिन आप ने पदक जीत कर बाकी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया है। आपकी इस उपलब्धि से बाकी खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।'' मीराबाई का स्वदेश लौटने पर हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। उन्होंने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘‘ इतने प्यार और समर्थन के बीच यहां वापस आकर खुशी हो रही है। बहुत - बहुत धन्यवाद।'' इस 26 वर्षीय खिलाड़ी का ‘भारत माता की जय' के नारों से स्वागत किया गया और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उनका अभिनंदन किया। इस से पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू को राज्य पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें एक करोड़ रुपये का इनाम भी देगी।
- नयी दिल्ली। तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू सोमवार को स्वदेश लौटी तो हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। चानू सुरक्षाकर्मियों के बीच इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकली, जहां उनके चेहरे पर मास्क और फेस शील्ड लगा था। उन्होंने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘‘ इतने प्यार और समर्थन के बीच यहां वापस आकर खुशी हो रही है। बहुत - बहुत धन्यवाद।'' इस 26 वर्षीय खिलाड़ी का ‘भारत माता की जय' के नारों से स्वागत किया गया और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उनका अभिनंदन किया। मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक जीता था। इस शानदार प्रदर्शन से उन्होंने 2016 के खेलों की निराशा को दूर किया जहां वह एक भी वैध भार उठाने में विफल रही थी। चानू पूर्व विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भी रह चुकी हैं। वह इन खेलों से पहले अमेरिका में अभ्यास कर रही थी और अपने आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन के साथ पदक की उम्मीदों पर खरी उतरी।
- तोक्यो। भारत सरकार ने रविवार को कहा कि तोक्यो ओलंपिक से लौट रहे खिलाडिय़ों, अधिकारियों और मीडिया को जापान की राजधानी से रवाना होने से पहले कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल द्वारा एक आधिकारिक पत्र में इस फैसले की सूचना दी गई। इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने सरकार से अनुरोध किया था कि ओलंपिक दल का टीकाकरण हो चुका है और तोक्यो में नियमित तौर पर कोरोना टेस्ट हो रहे थे तो उन्हें स्वदेश लौटने पर आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने से छूट दी जाये । स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने हालांकि कहा कि केवल उन व्यक्तियों को ही फ्लाइट पर चढऩे की अनुमति दी जायेगी जो भारत के लिये रवाना होने से पूर्व लार की जांच में नेगेटिव आयेंगे। इसके अलावा तोक्यो से लौटने वाले सभी लोगों का भारत पहुंचने पर दोबारा परीक्षण किया जायेगा।खेल मंत्रालय को भेजे गये इस पत्र में लिखा गया, ''फ्लाइट में केवल उन्हीं व्यक्तियों को चढऩे की अनुमति दी जायेगी जिन्हें बीमारी के कोई लक्षण नहीं होंगे। '' इसके अनुसार, ''दल का हालांकि लौटने पर दोबारा परीक्षण किया जायेगा और उन्हें नमूना देने के बाद इसी शर्त पर हवाई अड्डे से निकलने की अनुमति दी जायेगी कि उन्हें 14 दिन के लिये अपने स्वास्थ्य पर स्वयं निगरानी रखनी होगी। ''तोक्यो ओलंपिक प्रोटोकॉल के तहत खिलाडिय़ों का रोज एंटीजन टेस्ट होता था और पॉजिटिव आने पर आरटी पीसीआर टेस्ट होता था । खिलाडिय़ों को अपनी स्पर्धा पूरी होने के 48 घंटे के भीतर ही तोक्यो छोडऩा भी है । बत्रा ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे जापानी सरकार से भारतीय दल को कोरोना जांच के बिना रवानगी की अनुमति देने के लिये कहे । रजत पदक विजेता मीराबाई चानू समेत भारोत्तोलन दल सोमवार को रवाना होगा । बत्रा ने बताया कि जापान से एयर इंडिया, विस्तारा, आल निप्पोन एयरलाइंस और जापान एयरलाइंस की उड़ानें आयेंगी । उन्होंने इन एयरलाइंस से भी भारतीय दल को बिना आरटी पीसीआर रिपोर्ट के यात्रा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था ।
- नयी दिल्ली। ओलंपिक खेलों में एक बार अपने देश का प्रतिनिधित्व करना ही दुनिया के हर खिलाड़ी का सपना होता है, लेकिन तोक्यो ओलंपिक खेलों के आधिकारिक उद्घाटन से तीन दिन पहले ही ब्राजील की महिला फुटबॉल खिलाड़ी मार्टा वाइरा दा सिल्वा लगातार पांच ओलंपिक खेलों में गोल करने का अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। अगस्त 2016 में रिओ दी जनेरियो ओलंपिक खेलों में आठ ओलंपिक ध्वज वाहकों में से एक रहीं मार्टा ने तोक्यो ओलंपिक खेलों की महिला फुटबॉल स्पर्धा के पहले मैच में चीन के खिलाफ दो गोल कर अपनी टीम की 5-0 की जीत में शानदार योगदान दिया। दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार पेले ने मार्टा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और उन्हें ‘प्रेरणा' बताया। मार्टा दुनिया की पहली फुटबॉल खिलाड़ी हैं, जो लगातार पांच ओलंपिक खेलों में गोल कर अपने ढेरों रिकॉर्ड की श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ चुकी हैं। 19 फरवरी 1986 को जन्मी मार्टा वाइरा दा सिल्वा के पास ब्राजील और स्वीडन की नागरिकता है तथा वह इन दोनों देशों ही नहीं, बल्कि विश्व फुटबाल के लिए एक अनमोल धरोहर हैं। ब्राजील में वह नेशनल वुमन सॉकर लीग में ओरलैंडो प्राइड की तरफ से खेलती हैं और ब्राजील की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में फॉरवर्ड खिलाड़ी के तौर पर एक अहम भूमिका निभाती हैं। ब्राजील के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में उनका नाम सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर दर्ज है और वह अपने देश के लिए अब तक कुल 111 गोल कर चुकी हैं। फीफा विश्व कप टूर्नामेंट में भी उनके 17 गोल दुनिया के किसी भी खिलाड़ी (महिला अथवा पुरुष) द्वारा इस प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धा में किए गए सबसे ज्यादा गोल हैं। फुटबॉल के पांच विश्व कप टूर्नामेंट में भी गोल करने वाली वह पहली खिलाड़ी हैं। हालांकि 2019 में क्रिस्टीन सिंक्लेयर ने भी यह उपलब्धि हासिल की। पांच फुट चार इंच की मार्टा 10 नंबर की जर्सी पहनती हैं और उन्हें एक चपल, तेज-तर्रार, आक्रामक और कुशल खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता है। उनके चाहने वाले उनकी तुलना रोनाल्डिन्हो, रोमारियो और पेले से भी करते हैं। पेले खुद उनके खेल से इतने मुत्तासिर हैं कि उन्हें ‘‘पेले विद स्कर्ट्स'' कहते हैं। ड्रिब्लिंग के समय मार्टा की तेजी अत्यंत लाजवाब होती है। आक्रामक मिडफील्डर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाली मार्टा ने बाद में फॉरवर्ड और मुख्य हमलावर खिलाड़ी के तौर पर खेलना शुरू किया। हालांकि वह विभिन्न आक्रामक पोजीशंस पर खेलने में माहिर हैं। फुटबॉल से मार्टा का रिश्ता दो दशक पुराना है और उतना ही पुराना है उनके रिकॉर्ड तथा उपलब्धियों का सिलसिला। क्लब स्तर पर खेलते हुए उन्होंने 2004 में स्वीडिश क्लब में यूईएफए महिला कप जीता और देश की विभिन्न टीमों की तरफ से खेलते हुए सात बार स्वीडिश लीग चैंपियनशिप जीतने में अहम भूमिका निभाई। फीफा के 2004 अंडर-19 महिला विश्व कप की उस तेज तर्रार खिलाड़ी का खेल आज भी लोगों की आंखों के सामने है, जिसे गोल्डन बॉल अवार्ड देकर टूर्नामेंट का बेस्ट प्लेयर आंका गया था और 2007 के महिला विश्व कप में बिजली की तरह दौड़ती मार्टा के कदमों की फुर्ती और विपक्षी को गच्चा देकर गोल करने के हुनर को भला कौन भूल सकता है, जिसके दम पर वह गोल्डन बॉल और गोल्डन बूट अवार्ड अपने नाम करने में कामयाब रहीं। वर्ष 2004 और 2008 में ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाली ब्राजील की महिला फुटबाल टीम का हिस्सा रहीं मार्टा को छह बार फीफा का वर्ल्ड प्लेयर घोषित किया गया। इनमें 2006 से 2010 के बीच लगातार पांच साल तक यह खिताब उनके नाम रहा। छठी बार 2018 में उन्होंने यह दर्जा एक बार फिर हासिल किया। इस दौरान जनवरी 2013 में मार्टा को ब्राजील में 2014 फीफा विश्व कप मुकाबले के छह राजदूतों में शुमार किया गया। उनके अलावा इस सूची में अमारिल्डो, बेबेटो, कार्लोस अल्बर्टो टोरेस, रोनाल्डो और मारिओ जगालो का नाम था। उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए निर्धारित किए गए 17 वैश्विक लक्ष्यों का पक्षधर नियुक्त कर एक और बड़ा सम्मान दिया।
- तोक्यो । ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारतीय भारोत्तोलन में नया इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि वह अब अभ्यास की परवाह किये बिना अपने परिजनों के साथ छुट्टियां बिता सकती हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षों में वह केवल पांच दिन के लिये मणिपुर स्थित अपने घर जा पायी। चानू ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में मैं केवल पांच दिन के लिये घर जा पायी थी। अब मैं इस पदक के साथ घर जाऊंगी। '' उनका परिवार नोंगपोक काकचिंग गांव में रहता है जो इंफाल से लगभग 20 किमी दूर है। चानू ने कहा, ‘‘अब मैं घर जाऊंगी और मां के हाथ का बना खाना खाऊंगी। ''चानू ने खुलासा किया कि रियो ओलंपिक खेलों में असफल रहने के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और तकनीक पूरी तरह से बदल दी थी ताकि वह तोक्यो में अच्छा प्रदर्शन कर सके। चानू ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा आयोजित वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ओलंपिक पदक जीतने का मेरा सपना आज पूरा हो गया। मैंने रियो में काफी कोशिश की थी लेकिन तब मेरा दिन नहीं था। मैंने उस दिन तय किया था कि मुझे तोक्यो में खुद को साबित करना होगा। '' मीराबाई को पांच साल पहले रियो में भी पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में वैध वजन उठाने में असफल रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उस दिन काफी सबक मिले थे। मेरी ट्रेनिंग और तकनीक बदल गयी थी। हमने उसके बाद काफी कड़ी मेहनत की। '' चानू ने कहा, ‘‘रियो में मैं उस दिन काफी निराश थी। मुझ पर काफी दबाव था और मैं नर्वस हो गयी। मैं कई दिनों तक कुछ समझ नहीं पायी लेकिन इसके बाद कोच सर और महासंघ ने मुझे दिलासा दिया कि मैं क्षमतावान हूं।'' मुख्य कोच विजय शर्मा ने भी खुलासा किया कि रियो के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन पर काफी दबाव था। उन्होंने कहा, ‘‘रियो की असफलता के बाद मुझ पर भी काफी दबाव था। हम सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में नाकाम रहे थे। हमसे तब भी पदक की उम्मीद की जा रही थी।'' तोक्यो में स्वयं को साबित करने के लिये प्रतिबद्ध चानू और शर्मा ने इसके बाद इस मणिपुरी खिलाड़ी की ट्रेनिंग और तकनीक में काफी बदलाव किये। शर्मा ने कहा, ‘‘इसके बाद हमने अभ्यास के तरीकों में काफी बदलाव किये। इसके बाद हमने 2017 में विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे परिणाम देखे। उसने पिछले छह वर्षों में अभ्यास के अलावा कुछ नहीं किया है।
- तोक्यो । एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन मदद से न्यूजीलैंड को 3 . 2 से हराकर तोक्यो ओलंपिक में जीत के साथ शुरूआत की । पिछले चार दशक में पहला ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश में जुटी भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए ग्रुप ए का यह मुकाबला जीता । कई वीडियो रेफरल के बीच खेले गए मैच में आखिरी मिनट में न्यूजीलैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे श्रीजेश ने गोल में नहीं बदलने दिया । न्यूजीलैंड के लिये छठे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ केन रसेल ने गोल किया । भारत के लिये रूपिंदर पाल सिंह ने दसवें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर बराबरी का गोल दागा । ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने 26वें और 33वें मिनट में गोल किये । न्यूजीलैंड के लिये दूसरा गोल 43वें मिनट में स्टीफन जेनिस ने दागा ।
- तोक्यो। सुमित नागल ओलंपिक में 25 साल में पुरूष एकल स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बन गए जिन्होंने तोक्यो खेलों में डेनिस इस्तोमिन को तीन सेटों में हराया । नागल ने दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में इस्तोमिन को 6 . 4, 6 . 7, 6 . 4 से मात दी । अब उनका सामना दूसरे दौर में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव से होगा । जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस पुरूष एकल स्पर्धा में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था । उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था । पेस के बाद से कोई भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में एकल मैच नहीं जीत सका है । सोमदेव देववर्मन और विष्णु वर्धन लंदन ओलंपिक 2012 में पहले दौर में ही हार गए थे ।नागल ने मैच के बाद कहा, ''दूसरा सेट 5-3 से गंवाने के बाद इस तरह के गर्म मौसम में वापसी करना आसान नहीं था। मैं देश की तरफ से खेल रहा था और इससे मुझे प्रेरणा मिली। मैं नहीं जानता कि यदि मैं चैलेंजर में खेल रहा होता तो मैं क्या करता। मैं कोर्ट से खुश होकर लौटा।'' उन्होंने कहा, ''यहां वास्तव में काफी गर्मी और उमस है। ऐसे मौसम में खेलना बहुत मुश्किल है विशेषकर दोपहर 12 बजे के आसपास स्थिति बुरी होती है। इसलिए मैं सर्विस पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था। यह चुनौतीपूर्ण है और मैं क्ले कोर्ट से हार्ड कोर्ट पर सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहा हूं।'' अब उनके सामने आस्ट्रेलियाई ओपन के उप विजेता मेदवेदेव की कड़ी चुनौती होगी जिन्होंने कजाखस्तान के अलेक्सांद्र बुबलिक को 6-4, 7-6(8) से हराया।नागल ने कहा, ''मैं बड़े कोर्ट पर विश्व के नंबर दो खिलाड़ी के खिलाफ इस मैच को लेकर बेहद उत्साहित हूं। इसके लिये हम टेनिस खेलते हूं। मैं इस मैच के लिये तैयार हूं। '' नागल ओलंपिक से पहले अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे । उन्हें पहले सेट के छठे गेम में इस्तोमिन की सर्विस तोडऩे का मौका मिला जो उन्होंने गंवा दिया । इस्तोमिन की सर्विस तोड़कर उन्होंने पहला सेट जीत लिया । दूसरे सेट में भी वह 4 . 1 से आगे थे, लेकिन दबाव उन पर हावी हो गया और अपनी सर्विस नहीं बचा सके । इस्तोमिन ने मुकाबला टाइब्रेकर तक खींचा । आखिरी सेट में नागल ने लय बरकरार रखी ।
- -26 से 31 जुलाई तक सोनीपत, हरियाणा में होगी स्पर्धादुर्ग । भिलाई इस्पात संयंत्र ने सदैव ही खेलों के संवर्धन हेतु प्रयास किया है। जिसके फलस्वरूप भिलाई से अनेक खेल प्रतिभाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर भिलाई का नाम रोशन किया है। इसी क्रम में सोनीपत, हरियाणा में 26 से 31 जुलाई के मध्य जूनियर मेन नेशनल मुक्केबाजी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्टील प्लांट स्पोर्टस् बोर्ड (एसपीएसबी) की ओर से मुक्केबाजी टीम इस प्रतियोगिता में भाग लेने जा रही है। इस प्रतियोगिता हेतु सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्कृष्ट कोच द्वारा प्रशिक्षित 3 होनहार बच्चों का चयन इस राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता हेतु किया गया है।इनमें 48 किलोग्राम वर्ग में हैप्पी पब्लिक स्कूल, वैशाली नगर के 11 वीं के छात्र हर्ष सिन्हा, 52 किलोग्राम वर्ग में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल, सेक्टर-6 के 12 वीं के छात्र रोहित कुमार सोना तथा 63 किलोग्राम वर्ग में विवेकानन्द विद्यापीठ, सेक्टर-2 के 10 वीं के छात्र बृजेश गुप्ता का चयन जूनियर मेन नेशनल मुक्केबाजी हेतु स्टील प्लांट स्पोट्र्स बोर्ड (एसपीएसबी) की मुक्केबाजी टीम में किया गया।सेल-बीएसपी के क्रीडा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधा विभाग के उप महाप्रबंधक तथा पूर्व ओलंपियन राजेन्द्र प्रसाद ने चयनित खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए कहा कि ये तीनों खिलाड़ी 24 जुलाई, को सोनीपत, हरियाणा के लिये रवाना होंगे। हमें विश्वास है कि वे अपने-अपने वर्ग में बेहतर प्रदर्शन कर भिलाई का नाम रोशन करेंगे। इसके साथ ही इस्पात परिवार के इस उपलब्धि पर संयंत्र के उच्च प्रबंधन ने भी खुशी जाहिर करते हुए शुभकामनाएं दी है।
- नई दिल्ली। भारतीय महिला स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। मीराबाई ने 49 किलोग्राम वर्ग में पदक अपने नाम किया।मीराबाई चानू ने ओलिंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का इंतजार खत्म किया। चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था। चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।मीराबाई 2017 में वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप (48 किलो) की चैम्पियन बनी थीं। उन्होंने इस साल अप्रैल में में 86 किलो स्नैच और वल्र्ड रेकॉर्ड 119 किलो वजन उठाकर खिताब जीता था। उन्होंने कुल 205 किलो वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था।चानू के 2016 के रियो ओलिंपिक निराशाजनक रहा था। लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने खेल में लगातार सुधार किया। उन्होंने 2017 में वल्र्ड चैंपियनशिप और 2018 में कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता था।26 वर्षीय चानू बीते ओलिंपिक से अब तक अपने खेल में काफी सुधार किया है। उन्होंने अपनी तकनीक में काफी सुधार किया है। चानू 1 मई को स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग की ट्रेनिंग करने के लिए अमेरिका चली गई थी। उन्होंने अपने कोच डॉक्टर आरोन हार्सचिंग के साथ ट्रेनिंग की। उन्होंने वहां अपने कंधे की चोट का इलाज भी करवाया। मीराबाई अमेरिका से सीधा जापान ओलिंपिक के लिए पहुंचीं।
- बुडापेस्ट । भारत की युवा पहलवान तनु और प्रिया विश्व चैम्पियन बन गए जिन्होंने कैडेट विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब जीता । तनु ने कल देर रात हुए मुकाबले में एक भी अंक नहीं गंवाते हुए 43 किलोवर्ग में खिताब अपने नाम किया । उसने फाइनल में बेलारूस की वालेरिया मिकिसिच को मात दी । प्रिया ने 73 किलोवर्ग में बेलारूस की सेनिया पाटापोविच को 5 . 0 से हराकर खिताब जीता । अमन गुलिया (48 किलो) और सागर जगलान (80 किलो) ने पुरूष वर्ग में खिताब जीते । भारत ने पहली बार इस टूर्नामेंट में टीम चैम्पियनशिप अपने नाम की । वर्षा ने 65 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता । भारत 147 अंक लेकर अमेरिका (143) और रूस (140) से आगे रहा । भारत की कोमल शनिवार को विश्व खिताब की दौड़ में होगी जिसने बेलारूस की स्वियातलाना कातेंका को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराकर 46 किलो के फाइनल में प्रवेश किया । उनका सामना अजरबैजान की रूजाना मामादोवा से होगा ।
- सोनीपत। हरियाणा की 12 महिला मुक्केबाजों और सेना खेल नियंत्रण बोर्ड (एसएससीबी) के नौ पुरुष मुक्केबाजों ने गुरुवार को यहां चौथी युवा पुरुष और महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली। एसएससीबी के विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा) ने अपने तेज तर्रार प्रदर्शन के दम पर पंजाब के गोपी को हराया। सभी जजों ने सुरेश के पक्ष में फैसला दिया। अगले दौर के मुकाबले में उनका सामना आंध्र प्रदेश के उपेंद्र चल्ला से होगा। युवा विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके विश्वामित्र चोंगथम (51 किग्रा) ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हरियाणा के रमन पर 5-0 के अंतर की जीत दर्ज की। अब वह स्वर्ण पदक के लिए हिमाचल प्रदेश के अभिनव कटोच से भिड़ेंगे। फाइनल में जगह बनाने वाले एसएससीबी के सात अन्य मुक्केबाज विक्टर सिंह (54 किग्रा), विजय सिंह (57 किग्रा), रबीचंद्र सिंह (60 किग्रा), सनतोई मैतेई (63 किग्रा), अंजनी कुमार (67 किग्रा), जयदीप रावत (71 किग्रा), दीपक (75 किग्रा) रहे। महिला वर्ग में 2021 की युवा विश्व चैंपियन गीतिका (48 किग्रा) ने दिन के पहले मुकाबले में उत्तर प्रदेश की रागिनी उपाध्याय के खिलाफ एकतरफा अंदाज में 5-0 की जीत के साथ हरियाणा के लिए माहौल तैयार किया। गीतिका ने दूरी बनाते हुए रागिनी का सामना किया औऱ तीन राउंड के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी पर कई जानदार घूंसे मारे। अब फाइनल में उनका सामना उत्तराखंड की निवेफिता कार्की से होगा। हरियाणा की नीरू खारती को 52 किग्रा फ्लाईवेट वर्ग के सेमीफाइनल में पहले राउंड में उत्तर प्रदेश की आंचल सिंह की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन नीरू ने और अगले दो राउंड में जजों को संतुष्ट करने वाला प्रदर्शन कर 5-0 से जीत हासिल की। सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने वाली हरियाणा की अन्य मुक्केबाज तमन्ना (50 किग्रा), नेहा (54 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), मुस्कान (66 किग्रा), सनेहा (75 किग्रा), निधि (81 किग्रा) , लशु यादव (70 किग्रा) और दीपिका (+81 किग्रा) हैं। पुरुष और महिला दोनों वर्ग के फाइनल मुकाबले शुक्रवार को खेले जाएंगे।
- नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह तोक्यो ओलंपिक खेलों के स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगा और इसके अलावा प्रत्येक भागीदार राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) को बोनस के तौर पर 25 लाख रुपये देगा। आईओए की सलाहकार समिति ने रजत पदक विजेताओं को 40 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है। आईओए ने बयान में कहा, ‘‘इसमें तोक्यो ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को एक लाख रुपये देने की भी सिफारिश की गयी है। '' आईओए ने इसके साथ ही प्रत्येक भागीदार एनएसएफ को 25 लाख रुपये और पदक विजेता एनएसएफ को 30 लाख रुपये का अतिरिक्त सहयोग देने के समिति के निर्णय को स्वीकार किया है। इसके अलावा अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों में से प्रत्येक को 15 लाख रुपये का सहयोग मिलेगा।आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा, ‘‘पहली बार आईओए पदक विजेताओं और उनके एनएसएफ को पुरस्कृत करने जा रहा है।'' सलाहकार समिति ने भारतीय दल के प्रत्येक सदस्य के लिये तोक्यो प्रवास के दौरान प्रतिदिन 50 डॉलर का भत्ता देने की भी सिफारिश की है। आईओए ने इसके साथ ही कहा कि सदस्य राज्य ओलंपिक संघों में से प्रत्येक को राज्य में बुनियादी खेल ढांचे को विकसित करने और अधिक खिलाड़ियों को खेलों से जोड़ने के लिये 15 लाख रुपये दिये जाएंगे।
- डरहम। भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत कोरोना संक्रमण से उबरकर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से पहले टीम के बायो बबल में शामिल हो गए हैं ।कोरोना पॉजिटिव पाये गए पंत ने दस दिन का पृथकवास पूरा कर लिया है । उनकी दो आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं । बीसीसीआई ने पंत की तस्वीर के साथ गुरूवार को ट्वीट किया , हैलो ऋषभ पंत । आपको वापिस लेकर अच्छा लगा ।पंत अपने एक परिचित के घर पर रह रहे थे जब वे पॉजिटिव पाये गए। सूत्रों के अनुसार वे दांत के डॉक्टर को दिखाने के बाद डेल्टा 3 वैरिएंट से संक्रमित हुए थे । पहले ऐसी रिपोर्ट थी कि स्टेडियम में यूरो फुटबॉल चैम्पियनशिप मैच देखने के बाद उन्हें संक्रमण हुआ था । पंत के पॉजिटिव पाये जाने के बाद बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भारतीय टीम को पत्र लिखकर विम्बलडन और यूरो मैचों में भीड़भाड़ से बचने का अनुरोध किया था । भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट चार अगस्त को नॉटिंघम में शुरू होगा ।---
- नई दिल्ली। पांच साल पहले रियो ओलंपिक में 36 भाई बहनों की जोड़ियों ने चुनौती पेश की थी तो इस बाद टोक्यो में 25 भाई-बहनों की जोड़ियां धमाल मचाएंगी। इनमें से छह जोड़ियां जुड़वां भाई-बहनों की हैं। रूस की 22 साल की जुड़वां बहनों अरीना और दीना की जोड़ी जिम्नास्टिक में पदक के लिए ताल ठोकेंगी। एवरिना बहनों की यह जोड़ी पहली बार ओलंपिक में खेलेंगी। ब्रिटेन के 26 वर्षीय ल्यूक और पैट की भाइयों की जुड़वां जोड़ी बॉक्सिंग के रिंग में पंच लगाएगी। पैट के यह दूसरे जबकि ल्यूक के पहले ओलंपिक होंगे। ब्रिटेन के ही 28 वर्षीय एडम और साइमन येट्स की जुड़वां भाइयों की जोड़ी साइक्लिंग तो 16 साल की जुड़वां बहनें जेनिफर और जेसिका जिम्नास्टिक में करतब दिखाएंगी। फ्रांस की जुड़वां तैराक ट्रेंबल बहनें लौरा और शार्लोट पहली बार ओलंपिक में उतरेंगी।अमेरिका की फुटबॉल टीम में पहली बार दो बहनेंअमेरिका की फुटबॉल टीम में पहली बार दो बहनें क्रिस्टी और सैम मेविस तो गोल्फ में नेली और जेसिका कोर्डा दावा पेश करेंगी। वहीं वाटर पोलो टीम में माकेंजी और आरिया फिशर रियो ओलंपिक में जीते अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगी। तलवारबाज केली और कर्टनी हर्ले दूसरी बार एक-साथ खेलेंगी। बहनों की यह जोड़ी 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी है। एरिक और काविका शौजी की भाइयों की जोड़ी लगातार दूसरी बार अमेरिका की बास्केबॉल टीम में खेलेंगे। रियो में अमेरिकी टीम ने कांसा जीता था। निशानेबाजी की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में हेनरी और जैक्सन लीवरेट भाई एक-साथ निशाना साधेंगे।फिर आमने-सामने होंगी पोर्टर और सिंडीब्रिटेन की टिफनी पोर्टर और सिंडी सेंबर बहनें बाधा दौड़ में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी। रियो में भी सेंबर चौथे तो पोर्टर सातवें स्थान पर रही थी। विलियम्स बहनें जोडी और हन्ना रिले में साथ दौड़ेंगी। जोडी 400 मीटर में भी भाग लेंगी। मथिल्डा और चार्लोटे बहनें रोइंग टीम में दम दिखाएंगी। लिचफील्ड बंधु मैक्स और जो पानी से सोना निकालने उतरेंगे।हॉकी में भाई-बहनब्रिटेन की हॉकी टीमों में हैरी और हन्ना मार्टिन की भाई-बहन की जोड़ी खेलेगी। हैरी के यह तीसरे ओलंपिक होंगे जबकि हन्ना पहली बार चुनौती पेश करेंगी। बहन एमिली और भाई टॉम फोर्ड रोइंग में किस्मत आजमाएंगे।तुर्की के एट्स और डेनिज सिनार भाइयों की जोड़ी लगातार चौथी बार सेलिंग में चुनौती पेश करेगीनीदरलैंड की जुड़वां वीवर्स बहनें साने और लाइक लगातार दूसरी बार जिम्नास्टिक में करतब दिखाएंगीन्यूजीलैंड के भाई-बहन ट्रेंट थोर्पे और आइंस्ले ट्राईथलान में खेलेंगेऑस्ट्रेलिया की कैंपबेल बहनें ब्रोंटे और केट तैराकी मेंक्रोएशिया के सिम और मिहोविल फैंटेलस भाई पहली बार एक-साथ ओलंपिक में खेलेंगे। सिम के यह चौथे ओलंपिक हैं वह रियो में सेलिंग में स्वर्ण पदक जीत चुके हैंऑस्ट्रिया की तैराक बहनें अन्ना और इरिनी लगातार दूसरी बार खेलेंगीस्पेन की पुरुष बास्केटबॉल टीम में पाऊ और मार्क भाई तीसरी बार एक-साथ खेलेंगे
- नयी दिल्ली। भारतीय टीम की फॉरवर्ड बाला देवी को एआईएफएफ की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर चुना गया जबकि मनीषा को 2020 . 21 सत्र की उदीयमान खिलाड़ी का पुरस्कार मिला । बाला देवी को 2014 और 2015 में भी यह पुरस्कार मिल चुका है । स्कॉटलैंड में रेंजर्स एफसी के लिये खेलने वाली बाला यूरोप में पेशेवर अनुबंध हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर है । पूर्व अंडर 17 और अंडर 19 खिलाड़ी मनीषा को 2019 . 20 महिला लीग में भी सर्वश्रेष्ठ उदीयमान खिलाड़ी का पुरस्कार मिला था । दोनों का चयन मुख्य कोच मयमोल रॉकी ने एआईएफएफ अंतरिम तकनीकी निदेशक सावियो मेडेइरा के साथ मिलकर किया है ।
- सोनीपत। हरियाणा की मुक्केबाज दीपिका ने चौथी युवा राष्ट्रीय चैंपियनशिप के हैवीवेट (81 किग्रा से अधिक) वर्ग के क्वार्टर फाइनल में गत युवा विश्व चैंपियन अल्फिया पठान को हराकर बड़ा उलटफेर किया। सोमवार देर शाम हुए मुकाबले में दीपिका ने महाराष्ट्र की अल्फिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 4-1 से जीत दर्ज की। सेमीफाइनल में दीपिका का सामना चंडीगढ़ की महक मोर से होगा जिन्होंने राजस्थान की रिषिका को 5-0 से हराया। दूसरी तरफ 2021 युवा विश्व चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता गीतिका (48 किग्रा) और कांस्य पदक विजेता बिश्वामित्र चोंगथाम (51 किग्रा) ने टूर्नामेंट में अपना विजयी अभियान जारी रखते हुए मंगलवार को अंतिम आठ में जगह बनाई। हरियाणा की गीतिका ने राजस्थान की यामिनी कंवार को 5-0 से हराया जबकि सेना खेल नियंत्रण बोर्ड के बिश्वामित्र ने मध्यप्रदेश के शुभम साहू को हराया। बिश्वामित्र और शुभम के मुकाबले को रैफरी ने बीच में रोका।
- कोलकाता। सातारा के प्रवीण जाधव के पास बचपन में दो ही रास्ते थे , या तो अपने पिता के साथ दिहाड़ी मजदूरी करते या बेहतर जिंदगी के लिये ट्रैक पर सरपट दौड़ते लेकिन उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ओलंपिक में तीरंदाजी जैसे खेल में वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे ।सातारा के सराडे गांव के इस लड़के का सफर संघर्षों से भरा रहा है । वह अपने पिता के साथ मजदूरी पर जाने भी लगे थे लेकिन फिर खेलों ने जाधव परिवार की जिंदगी बदल दी । परिवार चलाने के लिये उनके पिता ने कहा कि स्कूल छोड़कर उन्हें मजदूरी करनी होगी । उस समय वह सातवीं कक्षा में थे । जाधव ने कहा हमारी हालत बहुत खराब थी । मेरा परिवार पहले ही कह चुका था कि सातवीं कक्षा में ही स्कूल छोडऩा होगा ताकि पिता के साथ मजदूरी कर सकूं । एक दिन जाधव के स्कूल के खेल प्रशिक्षक विकास भुजबल ने उनमें प्रतिभा देखी और एथलेटिक्स में भाग लेने को कहा । जाधव ने कहा- विकास सर ने मुझे दौडऩा शुरू करने के लिये कहा । उन्होंने कहा कि इससे जीवन बदलेगा और दिहाड़ी मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी । मैने 400 से 800 मीटर दौडऩा शुरू किया । अहमदनगर के क्रीडा प्रबोधिनी हॉस्टल में वह तीरंदाज बने जब एक अभ्यास के दौरान उन्होंने दस मीटर की दूरी से सभी दस गेंद रिंग के भीतर डाल दी । उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और परिवार के हालात भी सुधर गए ।वह अमरावती के क्रीडा प्रबाोधिनी गए और बाद में पुणे के सैन्य खेल संस्थान में दाखिला मिला । उन्होंने पहला अंतरराष्ट्रीय पदक 2016 एशिया कप में कांस्य के रूप में जीता । दो साल पहले नीदरलैंड में विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली तिकड़ी में वह शामिल थे जिसमें तरूणदीप राय और अतनु दास भी थे । भारत के मुख्य कोच मिम बहादुर गुरंग ने उनके बारे में कहा वह क्षमतावान है । वह हर परिस्थिति में शांत रहता है जो उसकी सबसे बड़ी खूबी है । सेना और भारत के पूर्व कोच रवि शंकर ने कहा , वह प्रतिभाशाली और अनुशासित है । उसे लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा ।Óपहली बार ओलंपिक खेल रहे जाधव दबाव का सामना करने के लिये तैयार हैं । उन्होंने कहा दबाव सभी पर होगा । मैं निशाना सटीक लगाने पर फोकस करूंगा ।
- सैंडविच (इंग्लैंड)। अमेरिका के कोलिन मोरिकावा ने हमवतन जोर्डन स्पीथ को दो शॉट से पीछे छोड़कर ब्रिटिश ओपन गोल्फ टूर्नामेंट का खिताब जीता। गोल्फ कोर्स में बड़ी संख्या में दर्शक भी मौजूद थे जिन्होंने इस 24 वर्षीय गोल्फर का खिताब जीतने के बाद खड़े होकर अभिवादन किया। मोरिकावा ने अपना दूसरा मेजर चैंपियनशिप खिताब जीता। इससे 11 महीने पहले उन्होंने पीजीए चैंपियनशिप के रूप में अपना पहला मेजर खिताब जीता था लेकिन तब कोर्स पर दर्शकों को आने की अनुमति नहीं थी। कैलिफोर्निया के इस गोल्फर ने रॉयल सेंट जार्ज गोल्फ कोर्स पर आखिरी दौर में चार अंडर 66 का कार्ड खेला। वह अपने पहले प्रयास में ही दो अलग अलग मेजर को जीतने वाले पहले गोल्फर बन गये हैं। इस बार उन्होंने 32,000 दर्शकों के सामने खिताब जीता। कोरोना वायरस महामारी के बाद पहली बार किसी गोल्फ टूर्नामेंट में इतने अधिक दर्शक पहुंचे थे। स्पीथ को दूसरा स्थान मिला जबकि अंतिम दौर से पहले शीर्ष पर चल रहे लुईस ओस्थोइजन ने एक ओवर का कार्ड खेला और आखिर में वह जॉन रहम के साथ संयुक्त तीसरे स्थान पर रहे।
- निकलसविले (अमेरिका) । भारतीय गोल्फर अनिर्बान लाहिड़ी ने ओलंपिक खेलों से पहले अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सात अंडर 65 का स्कोर बनाया जिससे वह बारबासोल चैंपियनशिप में संयुक्त तीसरे स्थान पर रहे। ओलंपिक की तैयारियों में लगे 34 वर्षीय लाहिड़ी ने आठ बर्डी बनायी। इनमें से चार बर्डी उन्होंने आखिरी पांच होल में की। उन्होंने कीन ट्रेस गोल्फ क्लब में कुल 20 अंडर 268 का स्कोर बनाया तथा सीमस पावर और जे टी पोस्टन से एक शॉट पीछे रहे। आयरलैंड के पावर ने छह होल के प्लेऑफ के बाद अपना पहला पीजीए टूर खिताब जीता।अप्रैल में कोविड-19 से जूझने वाले लाहिड़ी के लिये यह अच्छी वापसी रही। वह पीजीए टूर में तीसरी बार शीर्ष तीन में शामिल रहे। इससे वह फेडएक्स तालिका में 129वें से 108वें स्थान पर पहुंच गये। शीर्ष 125 गोल्फर अगस्त में फेडएक्स कप प्लेऑफ में खेलेंगे और अगले सत्र के लिये अपना टूर कार्ड बरकरार रखेंगे। लाहिड़ी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पूरे सप्ताह मैंने जितना स्कोर बनाया, मैं उससे बेहतर खेला था। मैं अपने स्कोर से थोड़ा निराश हूं। यह उतना अच्छा नहीं रहा जैसा कि मैं चाहता था। तोक्यो जाने के कारण मैं अगले सप्ताह नहीं खेल पाऊंगा और इसलिए मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि इस सप्ताह मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं। '' लाहिड़ी ने इस सप्ताह 68, 67, 68 और 65 के कार्ड खेले। उन्होंने 2018 में मैक्सिको में मयाकोबा क्लासिक में संयुक्त 10वें नंबर पर रहने के बाद पहली बार चारों दौर में 70 से कम का स्कोर बनाया। यह भारतीय खिलाड़ी इस सप्ताह के आखिर में तोक्यो जाएगा जहां वह 29 जुलाई से एक अगस्त को होने वाली ओलंपिक गोल्फ प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। लाहिड़ी ने कहा, ‘‘भारत का प्रतिनिधित्व करना हमेशा विशेष होता है। मुझे ऐसा जो भी अवसर मिला मैंने उसे हाथों हाथ लिया। उम्मीद है कि मैं इस शानदार फॉर्म को तोक्यो में भी जारी रखूंगा। मेरे लिये पदक जीतना महत्वपूर्ण है। इससे भारत में गोल्फ के प्रति धारणा भी बदलेगी। इससे कारपोरेट और सरकार से हमें मिल रहे सहयोग में भी बदलाव होगा।
- दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने रविवार को अपनी 78वीं वार्षिक आम बैठक में मंगोलिया, ताजिकिस्तान और स्विट्जरलैंड को सदस्यों के रूप में शामिल किया। ऑनलाइन तरीके से आयोजित की गयी बैठक में मंगोलिया और ताजिकिस्तान का एशिया क्षेत्र के 22वें और 23वें सदस्यों के रूप में स्वागत किया गया, जबकि स्विट्जरलैंड यूरोप का 35वां सदस्य है। आईसीसी के अब कुल सदस्यों की संख्या 106 हो गयी है जिसमें 94 सहयोगी शामिल हैं। आईसीसी के महाप्रबंधक (खेल विकास) विलियम ग्लेनराइट ने कहा, ‘‘तीनों आवेदकों ने खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली प्रतिबद्धता दिखाई, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं पर ध्यान दिया गया है। हम उनकी क्षमता को हासिल करने में उनकी सहायता करने के लिए तैयार हैं।'
- मिडलैंड। भारत की अदिति अशोक और थाईलैंड की पजारी अन्नारूकर्न एलपीजीए में अपने पहले खिताब से चूक गयी लेकिन डाउ ग्रेट लेक बे आमंत्रण गोल्फ टूर्नामेंट में वे संयुक्त तीसरा स्थान हासिल करने में सफल रही। पहले तीन दौर में बोगी नहीं करने वाली अदिति और पजारी की जोड़ी ने चार अंडर 66 का कार्ड खेला। इस बीच दोनों ने अंतिम होल में बोगी भी की। उन दोनों का कुल योग 19 अंडर रहा और उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ तीसरा स्थान हासिल किया। थाईलैंड की जुतानगर्न बहनों आरिया और मोरिया (24 अंडर) ने खिताब जीता जबकि मौजूदा चैंपियन साइडनी क्लेंटन और जैसमीन सुवानापुरा (21 अंडर) ने दूसरा स्थान हासिल किया। अदिति और पराजी ने ए लिम किम और यीलिमी नोह के साथ संयुक्त तीसरा स्थान हासिल किया।