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नई दिल्ली। भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक अभियान के बूते विश्व रैंकिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया। पुरुष टीम तीसरे और महिला टीम आठवें स्थान पर पहुंच गयी। भारतीय पुरुष टीम ने ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर 41 साल के पदक सूखे को समाप्त किया था। वह स्वर्ण पदक विजेता बेल्जियम और रजत पदक हासिल करने वाली आस्ट्रेलिया से पीछे है।
हॉकी इंडिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में भारतीय पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, यह उस खेल के प्रति हम सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा है जिसे हम सभी प्यार करते हैं, जिसने हमें सब कुछ दिया है। उन्होंने कहा, रैंकिंग और 41 साल बाद ओलंपिक पदक से भारतीय हॉकी के बढऩे की शुरुआत हुई है। अब पीछे मुड़कर नहीं देखना, हमने अपने लिये मानदंड स्थापित कर दिया है और हम इससे आगे बढऩा ही चाहेंगे। पुरुष टीम ने जहां कांस्य पदक हासिल किया तो वहीं महिला टीम पदक से चूक गयी जिसे तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ में ब्रिटेन से हार का सामना करना पड़ा और वह चौथे स्थान पर रही। महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा, हम पोडियम पर पहुंचने के बहुत करीब थे जो टीम को काफी दुख दे रहा है कि हम ऐसा नहीं कर पाये। हालांकि अच्छी चीज है कि हमने हाल के वर्षों में शानदार प्रगति की है और मुझे इस पर गर्व है। उन्होंने कहा, ओलंपिक में शीर्ष चार में रहना और विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर पहुंचना हमारे लिये बहुत बड़ी चीज है जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है और इससे हमें आगे बढऩे में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। पुरुष टीम एफआईएच हॉकी प्रो लीग के दूसरे चरण के पहले तीन राउंड में शानदार प्रदर्शन के बूते पिछले साल मार्च में चौथे स्थान पर थी। वहीं महिला टीम की इससे पहले सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग नौंवा स्थान थी जब उसने 2018 में लंदन में विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इससे टीम शीर्ष रैंकिंग की एशियाई टीम बनी थी और उसने जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
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- चीबा (जापान)। भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया भले ही स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाये हों लेकिन उन्होंने शनिवार को यहां कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराकर तोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीत लिया। भारत ने इस पदक से किसी एक ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की। भारत का यह वर्तमान खेलों में कुल छठा और कुश्ती में दूसरा पदक है। इससे पहले रवि दहिया ने कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था। भारत ने इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था। रवि दहिया और बजरंग के प्रदर्शन से भारतीय कुश्ती दल को कुछ राहत मिली क्योंकि उनसे पदक की काफी उम्मीदें लगायी गयी थी। पदक की प्रबल दावेदार विनेश फोगाट क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी। सेमीफाइनल में हाजी अलीव के खिलाफ बजरंग को अपने कमजोर रक्षण के कारण हार झेलनी पड़ी थी लेकिन शनिवार को अपने रक्षण और आक्रमण का शानदार प्रदर्शन किया तथा नियाजबेकोव की एक नहीं चलने दी जिनसे वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हार गये थे। बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे। उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाये और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया। वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आये जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किये। बजरंग ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं खुश नहीं हूं। यह वो नतीजा नहीं है जो मैंने हासिल करने के लिये निर्धारित किया था। ओलंपिक पदक जीतना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है लेकिन मैं कांस्य पदक के साथ खुशी से नहीं उछल सकता। '' हरियाणा के पहलवान ने कहा कि खेलों से पहले लगी घुटने की चोट से उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। बजरंग ने कहा, ‘‘अगर यह चोट नहीं होती तो शायद मैं अलग तरह से खेला होता। यह निश्चित रूप से एक कारण था। इससे मुझे परेशानी हुई और यह बात मेरे दिमाग में रही। लेकिन मेरे पास आराम करने का विकल्प नहीं था। सेमीफाइनल के बाद मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ करना था और मैंने ऐसा ही किया। '' बजरंग को पहला अंक नियाजबेकोव की निष्क्रियता के कारण मिला। भारतीय पहलवान ने दाहिने पांव पर आक्रमण किया लेकिन नियाजबेकोव ने उनके सिर को पकड़ रखा था। बजरंग ने स्वयं को इससे मुक्त कराया और कजाखस्तानी पहलवान को आगे धकेलकर पहले पीरियड में 2-0 की बढ़त बनायी। उनका दाहिने पांव पर हमले से अंक नहीं बने लेकिन बजरंग ने हमले जारी रखे इसका परिणाम यह रहा कि उन्होंने जल्द ही 6-0 की मजबूत बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद उनके लिये जीत हासिल करना आसान रहा। नियाजबेकोव रेपाशेज राउंड जीतकर कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंचे थे। बजरंग ने शुक्रवार को किर्गीस्तान के अरनजर अकमातालीव और ईरान के मुर्तजा चेका घियासी को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनायी थी जहां उन्हें अजरबेजान के अलीव से हार का सामना करना पड़ा था। भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत जबकि योगेश्वर ने कांस्य पदक जीता। साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था।
- तोक्यो। भारत की अदिति अशोक ओलंपिक खेलों की गोल्फ स्पर्धा में पदक से मामूली अंतर से चूक गई और खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर करके चौथे स्थान पर रही । अदिति का कुल स्कोर 15 अंडर 269 रहा और वह दो स्ट्रोक्स से चूक गई । ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक के करीब पहुंची अदिति ने सुबह दूसरे नंबर से शुरूआत की थी लेकिन वह पिछड़ गई। रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही अदिति ने हालांकि आशातीत प्रदर्शन किया है । आखिरी दौर में उन्होंने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाया और नौवें तथा 11वें होल पर बोगी किये । दुनिया की नंबर एक गोल्फर नैली कोरडा ने दो अंडर 69 के साथ 17 अंडर कुल स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता । जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को के बीच रजत पदक के लिये प्लेआफ खेला गया जिसमें इनामी ने बाजी मारी । तूफान के कारण कुछ समय खेल बाधित रहा जब 16 होल पूरे हो चुके थे । अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी लेकिन दो बोगी से वह को से पीछे रह गई जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाये ।
- तोक्यो। स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक खेलों में शनिवार को भाला फेंक का स्वर्ण पदक अपने नाम करके भारत को ओलंपिक ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं में अब तक का पहला पदक दिलाकर नया इतिहास रचा।हरियाणा के खांद्रा गोव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया। एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था। भारत का यह वर्तमान ओलंपिक खेलों में सातवां पदक है जो कि रिकॉर्ड है। इससे पहले भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे। नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनायी थी। फाइनल में उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाये जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गये। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था।चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया। इस सत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार जर्मनी योहानेस वेटर 82.52 मीटर भाला फेंककर पहले तीन प्रयासों के बाद ही बाहर हो गये थे। वह नौवें स्थान पर रहे। उन्होंने इस साल अप्रैल और जून में 90 मीटर भाला फेंका था। शीर्ष आठ एथलीटों को तीन और प्रयास मिले जबकि फाइनल में पहुंचे 12 खिलाडिय़ों में से चार तीन प्रयास के बाद बाहर हो गये थे। भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक 2020 में एथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था। दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गये पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व एथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था।
- तोक्यो। भारतीय गोल्फर अदिति अशोक तोक्यो ओलंपिक में गोल्फ में भारत के पहले पदक की दावेदार बनी हुई हैं जिन्होंने तीसरे दौर में तीन अंडर 67 स्कोर करके दूसरा स्थान बनाये रखा है । अदिति तीन दौर के बाद 12 अंडर 201 के स्कोर के साथ अकेली दूसरे स्थान पर है । अमेरिका की नैली कोरडा उनसे तीन स्ट्रोक्स आगे है जिन्होंने इस दौर में दो अंडर 69 स्कोर किया । न्यूजीलैंड की लीडिया को, ऑस्ट्रेलिया की हन्ना ग्रीन, डेनमार्क की क्रिस्टीन पेडरसन और जापान की मोने इनामी 10 अंडर 203 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर हैं । अदिति ने पांच बर्डी लगाये और दो बोगी किये । उन्होंने नौवें और 11वें होल पर बोगी करने के बाद 15वें और 17वें होल पर बर्डी लगाये । इससे पहले उन्होंने चौथे, छठे और सातवें होल पर भी बर्डी लगाये थे । भारत की दीक्षा डागर एक ओवर 72 के स्कोर के साथ निचले हाफ में है । अदिति का यह दूसरा ओलंपिक है । रियो (2016) में वह 41वें स्थान पर थी ।
- नयी दिल्ली। भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब राजीव गांधी खेल रत्न नहीं बल्कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न होगा । भारतीय हॉकी टीमों के तोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें देशवासियों के अनुरोध मिल रहे हैं कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाये ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया ,‘‘ देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाये। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। ’’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है । उन्होंने कहा कि अब हॉकी में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है जो आने वाले समय के लिये सकारात्मक संकेत है । खेल रत्न सम्मान के तहत 25 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाता है ।
- तोक्यो। भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक गुरुवार को यहां दूसरे दौर में पांच अंडर 66 के शानदार स्कोर के साथ तोक्यो खेलों की महिला गोल्फ स्पर्धा में एतिहासिक ओलंपिक पदक की दौड़ में बनी हुई हैं। तेइस साल की भारतीय खिलाड़ी ने कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में दूसरे दौर में पांच बर्डी की और नौ अंडर 133 के कुल स्कोर से डेनमार्क की नेना कोर्स्ट्ज मैडसन (64) और एमिली क्रिस्टीन पेडरसन (63) के साथ संयुक्त दूसरे स्थान पर चल रही हैं। अदिति अपने दूसरे ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं और उनकी मां महेश्वरी उनके कैडी की भूमिका निभा रही हैं। वह शीर्ष पर चल रही दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी अमेरिका की नेली कोर्डा से चार शॉट पीछे हैं। टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय दीक्षा डागर दूसरे दौर में एक ओवर 72 के स्कोर से कुल छह ओवर 148 के स्कोर के साथ संयुक्त 53वें स्थान पर चल रही हैं। अदिति ने दूसरे, पांचवें, 15वें, 17वें और 18वें होल में बर्डी के साथ भारत के लिए गोल्फ में पहले ओलंपिक पदक की उम्मीद जीवंत रखी है। अदिति ने कहा, ‘‘अंतिम तीन होल में मैंने कुछ शॉट बचाए जो मेरे लिए अच्छी संख्या है।'' सप्ताहांत आंधी और तूफान की भविष्वाणी के कारण टूर्नामेंट को 54 होल का किया जा सकता है और ऐसे में अदिति को पता है कि पदक सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अच्छा प्रदर्शन जारी रखना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस पूरे हफ्ते इतनी सारी लड़कियों ने बर्डी की, विशेषकर इसलिए क्योंकि मौसम गर्म था और हालात अनुकूल थे।
- तोक्यो। भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने से चूक गए। उन्होंने खिताबी मुकाबले में वल्र्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वह सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बन गए हैं। 130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वल्र्ड चैंपियन के आगे अपना शत प्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए।वल्र्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली। दूसरे राउंड की शुरुआत में रवि ने विपक्षी पहलवार को दबोचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह पॉइंट नहीं ले सके। काफ फुर्तीले जावुर ने 3 पॉइंट लेकर 7-2 की बढ़त बना ली। हालांकि, यहां रवि ने पिन करने की पूरी कोशिश और इस कोशिश में दो पॉइंट अर्जित किए। इसके बाद वह पॉइंट नहीं जुटा सके। पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी लेकिन सानायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिये। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार की तरफ बढ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी। दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था।कुश्ती में पदक का इतिहासकेडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे, लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था।दहिया का रिकॉर्डदहिया ने 2015 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। उन्होंने प्रो कुश्ती लीग में अंडर-23 यूरोपीय चैंपियन और संदीप तोमर को हराकर खुद को साबित किया। उन्होंने 2020 में दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप जीती और अलमाटी में इसी साल फिर ये खिताब अपने नाम किया।
- तोक्यो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। भारत ने 1980 के बाद पहली बार ओलंपिक में कोई पदक अपने नाम किया है। सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने दो बार पिछडऩे के बाद जोरदार वापसी करते हुए गुरुवार को यहां रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता।आठ बार की ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया। दुनिया की चौथे नंबर की टीम जर्मनी की ओर से तिमूर ओरूज (दूसरे मिनट), निकलास वेलेन (24वें मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वें मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वें मिनट) ने गोल दागे। आखिरी वक्त में जिस तरह गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने जर्मन के हर हमले को कुंद कर दिया, वह फैन्स के जेहन में लंबे समय तक रहेगा। जीत के बाद सबसे ज्यादा मस्ती में श्रीजेश ही नजर आए।आठ बार की चैंपियन भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में जीता था।
- तोक्यो । अपनी दिलेरी और जुझारूपन से इतिहास रच चुकी भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में पहली बार स्वर्ण जीतने का सपना दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना ने बुधवार को सेमीफाइनल में 2 . 1 से जीत के साथ तोड़ दिया । भारतीय खिलाड़ियों के दिल इस हार से जरूर टूटे होंगे लेकिन उनका सिर फख्र से ऊंचा होगा क्योंकि ओलंपिक जाने से पहले किसी ने उनके अंतिम चार में पहुंचने की कल्पना भी नहीं की थी । भारत के पास अभी भी कांस्य पदक जीतने का मौका है जिसके लिये शुक्रवार को उसका सामना तीसरे चौथे स्थान के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन से होगा । भारत के लिये गुरजीत कौर ने दूसरे मिनट में गोल किया लेकिन अर्जेंटीना के लिये कप्तान मारिया बारियोनुएवा ने 18वें और 36वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर तब्दील किये । इससे पहले भारतीय टीम ने तीन बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में 1 . 0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी ।भारतीय टीम 1980 के मास्को ओलंपिक में छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी । उस समय पहली बार ओलंपिक में महिला हॉकी को शामिल किया गया था और राउंड रॉबिन प्रारूप में मुकाबले खेले गए थे । फाइनल में अर्जेंटीना का सामना नीदरलैंड से होगा । भारत को दूसरे ही मिनट में गुरजीत ने बढत दिलाई जिसने क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भी विजयी गोल दागा था । कप्तान रानी ने भारत को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया जिसे गुरजीत ने गोल में बदला । इसके तीन मिनट बाद ही हालांकि अर्जेंटीना ने बराबरी का मौका गंवाया । मारिया जोस ग्रानाटो बायें फ्लैंक से गेंद लेकर आगे बढी और सर्कल के भीतर घुस गई हालांकि मुस्तैद भारतीय डिफेंडरों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया । अर्जेंटीना को जवाबी हमलों के बीच आठवें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया । पहले क्वार्टर में भारतीयों ने गेंद पर नियंत्रण और बचाव दोनों में बाजी मारी । लेकिन दूसरे क्वार्टर में तस्वीर उलटी थी और अर्जेंटीना के तेवर बदले हुए थे । इसका फायदा उन्हें तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला जिसे कप्तान मारिया ने गोल में बदला । भारत ने इसी क्वार्टर में फिर बढत बनाने का मौका गंवाया । भारत की ‘हैट्रिक गर्ल' वंदना कटारिया ने दाहिने फ्लैंक से अच्छा मूव बनाते हुए सर्कल के भीतर लालरेम्सियामी को गेंद सौंपी जो उस पर नियंत्रण नहीं बना सकी । दूसरे क्वार्टर में भारत को मिले दोनों पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए । अर्जेंटीना को 28वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर आगस्टिना गोरजेलानी के शॉट को दीप ग्रेस इक्का ने बचाया । तीसरे क्वार्टर में भारत ने आक्रामक शुरूआत की और नेहा ने बायें फ्लैंक से गेंद लेकर डी के भीतर पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली । इस बीच अर्जेंटीना ने पेनल्टी कॉर्नर की मांग करते हुए अपना रेफरल गंवा दिया । जवाबी हमले में अर्जेंटीना ने पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिसे गोल में बदलकर मारिया ने टीम को बढत दिला दी । भारत ने इस पेनल्टी के खिलाफ रेफरल भी लिया जो असफल रहा । आखिरी क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने गोल करने की भरसक कोशिश की लेकिन अर्जेंटीना के डिफेंडरों ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया । आखिरी सीटी बजने से कुछ सेकंड पहले सर्कल के बाहर से उदिता की हिट पर नवनीत कौर के शॉट को अर्जेंटीना के डिफेंडर ने बाहर कर दिया । भारतीयों ने खतरनाक तरीके से गेंद के उछलने को लेकर रेफरल मांगा जो टीवी अंपायर ने खारिज कर दिया ।
- तोक्यो। भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन को बुधवार को यहां महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। ओलंपिक में पदार्पण कर रही विश्व चैंपियनशिप की दो बार की ब्रॉन्ज मेडल विजेता लवलीना के खिलाफ बुसेनाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रही।तोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। लवलीना ओलिंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थीं, लेकिन विश्व चैंपियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया। भारतीय मुक्केबाज के पास तुर्की की खिलाड़ी के दमदार मुक्कों और तेजी का कोई जवाब नहीं था। इस बीच हड़बड़ाहट में भी लवलीना ने गलतियां की।क्वॉर्टर फाइनल में लवलीना हालांकि चीनी ताइपै की पूर्व विश्व चैंपियन नीन चिन चेन को हराकर पहले ही पदक पक्का कर चुकी थीं। असम की 23 वर्षीय लवलीना ने विजेंदर सिंह (बीजिंग 2008) और एमसी मैरीकोम (लंदन 2012) की बराबरी की। विजेंदर और मैरीकोम दोनों ने कांस्य पदक जीते थे।
- नयी दिल्ली। तोक्यो ओलंपिक खेलों की पुरुष हॉकी स्पर्धा में भारत की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि हार और जीत जीवन का हिस्सा है। भविष्य के लिए टीम को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और यही मायने रखता है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंतिम 11 मिनट के अंदर तीन गोल गंवाने के कारण तोक्यो ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम से 2-5 से हार गयी। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जीत और हार जीवन का हिस्सा है। हमारी पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और यही मायने रखता है। अगले मैच के लिए और भविष्य के लिए टीम को शुभकामनाएं। भारत को अपने खिलाड़ियों पर गर्व है।'' बाद में प्रधानमंत्री ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह से भी बात की।अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने प्रतियोगिता के दौरान भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें अगले मैच के लिए शुभकामनाएं दीं। भारतीय टीम 49 वर्ष बाद हॉकी में ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी। लिहाजा देश भर की निगाहें आज के मैच पर थी। खुद प्रधानमंत्री ने भी आज का मैच देखा। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। बाद में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के गुजरात के लाभार्थियों से संवाद करने के बाद मोदी ने ओलंपिक दल में शामिल खिलाड़ियों की जमकर सराहना की और कहा कि इस ओलंपिक में नए भारत का बुलंद आत्मविश्वास दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हर खेल में वह अपने से बेहतर खिलाड़ियों और टीमों को चुनौती दे रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों का जोश, जुनून और जज्बा आज सर्वोच्च स्तर पर है। यह आत्मविश्वास तब आता है, जब सही प्रतिभा की पहचान होती है और उसको प्रोत्साहन मिलता है। यह आत्मविश्वास तब आता है, जब व्यवस्थाएं बदलती हैं और पारदर्शी होती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह नया आत्मविश्वास न्यू इंडिया की पहचान बन रहा है। आज भारत के हर कोने में यही आत्मविश्वास दिख रहा है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार ओलंपिक में भारत के अब तक के सबसे अधिक खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है और वह भी 100 साल की सबसे बड़ी महामारी कोविड-19 से जूझते हुए। उन्होंने कहा, ‘‘कई तो ऐसे खेल हैं जिनमें हमने पहली बार क्वालीफाई किया है। सिर्फ क्वालीफाई ही नहीं किया बल्कि कड़ी टक्कर भी दे रहे हैं। हमारे खिलाड़ी हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं।'' बहरहाल, भारतीय टीम को अभी तक तोक्यो ओलंपिक में दो ही पदक हाथ लगे हैं। बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता और उन्होंने चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को हराकर महिला एकल स्पर्धा का कांस्य पदक जीता। सिंधू से पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता था।
- तोक्यो। भारतीय महिला हॉकी टीम पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब उसका लक्ष्य तोक्यो ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराकर अपनी उपलब्धियों को चरम पर पहुंचाना होगा। बुधवार को भारतीय महिलाएं उस उपलब्धि से आगे निकलकर पहली बार ओलंपिक फाइनल में पहुंचने की कोशिश करेंगी।भारत की आत्मविश्वास से भरी 18 सदस्यीय महिला टीम ने सोमवार को तीन बार के चैंपियन आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में भारत को मिले एकमात्र पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। इस मैच से पहले सभी परिस्थितियां रानी रामपाल की अगुवाई और सोर्ड मारिन की कोचिंग वाली टीम के खिलाफ थी। भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मास्को ओलंपिक 1980 में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। महिला हॉकी ने तब ओलंपिक में पदार्पण किया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे जिसमें शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें फाइनल में पहुंची थी।भारतीय महिला टीम तोक्यो ओलंपिक के अपने प्रदर्शन से रैकिंग में सातवें स्थान पर पहुंच गयी है जो उसकी अभी तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है, लेकिन उसका सामना विश्व में नंबर दो अर्जेंटीना से होगा जो कि पांच साल पहले रियो खेलों में चूकने के बाद ओलंपिक में सफलता हासिल करने के लिये बेताब है।गोलकीपर सविता की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया और अपने एकमात्र गोल का अच्छी तरह से बचाव किया। गुरजीत, दीप ग्रेस एक्का, मोनिका और उदिता को लैस लियोन्स जैसी खिलाडिय़ों को रोकने के लिये इसी तरह के प्रयास जारी रखने होंगे। अर्जेंटीना की महिला टीम ने सिडनी 2000 और लंदन 2012 में रजत पदक जीता था लेकिन अभी तक स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पायी है। वह 2012 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। उसने क्वार्टर फाइनल में 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता जर्मनी को 3-0 से हराया था। भारतीय टीम ने हालांकि लगातार तीन हार के बाद लगातार तीन जीत दर्ज की हैं और वह आत्मविश्वास से भरी है।इन दोनों टीमों के बीच हाल के रिकार्ड को देखा जाए तो अर्जेंटीना का पलड़ा भारी लगता है। इस वर्ष ओलंपिक से पहले भारतीय महिलाओं ने अर्जेंटीना का दौरा किया था। भारत ने वहां सात मैच खेले। इनमें से अर्जेंटीना की युवा टीम के खिलाफ उसने दोनों मैच 2-2 और 1-1 से ड्रा कराये। भारत इसके बाद अर्जेंटीना की बी टीम से खेला जिसमें उसे 1-2 और 2-3 से हार झेलनी पड़ी। अर्जेंटीना की सीनियर टीम के खिलाफ उसने पहला मैच 1-1 से ड्रा खेला लेकिन अगले दो मैच 0-2 और 2-3 से हार गया। भारतीय कप्तान रानी ने आस्ट्रेलिया पर जीत के बाद कहा था, हमने सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास बना दिया है और अब हम सेमीफाइनल से आगे के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि हम यहीं पर नहीं रुकना चाहते हैं।
- तोक्यो। लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) तोक्यो ओलंपिक में पहले ही पदक सुरक्षित कर चुकी हैं लेकिन बुधवार को वह तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ जीत दर्ज करके ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने की कोशिश करेगी। असम की 23 वर्षीय लवलीना इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है। वह पदक पक्का करके पहले ही विजेंदर सिंह (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) की बराबरी कर चुकी है।लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का मुक्केबाजी में पहला पदक होगा लेकिन उनका लक्ष्य अब फाइनल में पहुंचना होगा जहां अभी तक कोई भारतीय नहीं पहुंचा है।राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमर ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘यह मुकाबला दोपहर बाद होगा और इसलिए हम पिछले दो दिनों से दोपहर बाद ही अभ्यास कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ये दोनों मुक्केबाज इससे पहले एक दूसरे से नहीं भिड़े हैं और वे दोनों एक दूसरे के खेल के बारे में नहीं जानते हैं। लवलीना अच्छे प्रदर्शन के प्रति आत्मविश्वास से भरी है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’यह मुक्केबाज भी अपने लक्ष्य को लेकर स्पष्ट है। उन्होंने पिछले दौर में चीनी ताइपै की पूर्व विश्व चैंपियन नीन चिन चेन को हराया था।उन्होंने इस मुकाबले के बाद कहा था, ‘‘मेडल (पदक) तो बस गोल्ड (स्वर्ण) होता है, पहले मुझे उसे हासिल करने दो।’’लवलीना ओलंपिक में पदार्पण कर रही हैं लेकिन उन्होंने सहज होकर अपने मुकाबले लड़े हैं। तुर्की की शीर्ष वरीयता प्राप्त मुक्केबाज के खिलाफ भी वह बिना किसी दबाव के रिंग में उतरेगी। लवलीना भी इस खेल में नयी नहीं है और उन्होंने अभी तक अपने करियर में विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य पदक जीते हैं। तुर्की की मुक्केबाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी जबकि लवलीना को कांस्य पदक मिला था। तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था।
- टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में हॉकी के दूसरे सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के हाथों हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने शुरुआती बढ़त के बावजूद मैच को अपने हाथों से गंवा दिया। दुनिया की नंबर दो टीम बेल्जियम ने भारत को हराकर फाइनल का टिकट भी हासिल कर लिया। विश्व चैंपियन बेल्जियम के आक्रामक खेल के आगे भारतीय डिफेंस कहीं नहीं टिक पाई और 2-5 से हार गई। हालांकि, भारतीय पुरुष टीम के पास अभी कांस्य पदक जीतने का मौका बाकी है।भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंतिम 11 मिनट के अंदर तीन गोल गंवाने के कारण टोक्यो ओलिंपिक खेलों के सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम से हार गई। भारतीय टीम 49 वर्ष बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी और अब वह आस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में पराजित होने वाली टीम से कांस्य पदक के लिए भिड़ेगी।भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (सातवें) और मनदीप सिंह (आठवें मिनट) ने गोल किये जबकि बेल्जियम के लिए अलेक्सांद्र हेंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) ने तीन जबकि लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे मिनट) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने एक गोल किया।भारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन वह म्यूनिख ओलिंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा था। मास्को ओलिंपिक में मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे।पुरुष हॉकी में भारतीय टीम की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर भारतीय टीम की हौसला अफजाई की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि-हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है। टोक्यो ओलंपिक में हमारी पुरुष हॉकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है। टीम को अगले मैच और भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। भारत को अपने खिलाडिय़ों पर गर्व है।----
- तोक्यो। ओलंपिक में दो दशक से अधिक समय में घुड़सवारी में उतरे एकमात्र भारतीय फवाद मिर्जा रविवर को क्रॉस कंट्री स्पर्धा के बाद 11 . 20 पेनल्टी अंक के साथ 22वें स्थान पर रहे । सोमवार को व्यक्तिगत शो जंपिंग क्वालीफायर में अच्छा प्रदर्शन करने पर वह और उनका घोड़ा सिगनोर मेडिकॉट शीर्ष 25 में रह सकते हैं । इससे वे शाम को होने वाली इवेंटिंग जंपिंग के व्यक्तिगत वर्ग के फाइनल में जगह बना लेंगे । मिर्जा के कुल 39 . 20 पेनल्टी अंक हैं । उन्होंने सिर्फ आठ मिनट में कंट्री रन पूरी की । घुड़दौड़ क्रॉसकंट्री व्यक्तिगत वर्ग में एक प्रतियोगी को सात मिनट 45 सेकंड के भीतर कोर्स का पूरा चक्कर लगाना होता है ताकि टाइम पेनल्टी कम रहे । पेनल्टी जितनी कम होगी, अश्वारोही अंकतालिका में उतना ही ऊपर होगा । मिर्जा और सिगनोर ने तकनीकी दिक्कत के कारण देर से शुरू किया जिसकी वजह से उन्हें 11 . 20 पेनल्टी अंक मिल गए । ड्रेसेज दौर में वह शानदार प्रदर्शन के बाद नौवें स्थान पर थे । उसमें उन्हें 28 पेनल्टी अंक मिले । अब उन्हें शो जंपिंग में उतरना है जिसमें शीर्ष 25 में रहने पर वह इवेंटिंग जंपिंग फाइनल में जगह बना लेंगे । ब्रिटेन के ओलिवर टाउनएंड शीर्ष पर हैं जिनके कुल 23 . 60 पेनल्टी अंक हैं । ब्रिटेन की लौरा कोलेट दूसरे और जर्मनी की जूलिया क्राजेवस्की तीसरे स्थान पर हैं ।
- तोक्यो। बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता और पुरुष हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर 41 साल बाद पदक की तरफ कदम बढ़ाये जिससे तोक्यो ओलंपिक खेलों में रविवार का दिन भारत के लिये ऐतिहासिक बन गया। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियन छठी वरीय पीवी सिंधू ने रविवार को यहां चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराकर महिला एकल स्पर्धा का कांस्य पदक जीता और ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। इसके बाद पुरुष हॉकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना विश्व चैंपियन बेल्जियम से होगा। भारत ने इससे पहले हॉकी में अपना आखिरी पदक 1980 में मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था। तब मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे और शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुकाबला हुआ था। इस तरह से भारत 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा। सिंधू के कांस्य पदक से भारत के तोक्यो ओलंपिक में पदकों की संख्या दो हो गयी है। इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता था। भारत अभी पदक तालिका में संयुक्त 59वें स्थान पर है। सिंधू से पहले दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य और लंदन 2012 खेलों में रजत पदक जीतकर ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। सिंधू ने कांस्य पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं काफी खुश हूं क्योंकि मैंने इतने वर्षों तक कड़ी मेहनत की है। मेरे अंदर भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था- मुझे खुश होना चाहिए कि मैंने कांस्य पदक जीता या दुखी होना चाहिए कि मैंने फाइनल में खेलने का मौका गंवा दिया।'' उन्होंने कहा,‘‘मैं सातवें आसमान पर हूं। मैं इस लम्हें का पूरा लुत्फ उठाऊंगी। मेरे परिवार ने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है और काफी प्रयास किए जिसके लिए मैं उनकी आभारी हूं।'' बिंग जियाओ के खिलाफ 16 मैचों में यह सिंधू की सातवीं जीत है जबकि उन्हें नौ मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी। इस मुकाबले से पहले सिंधू ने बिंग जियाओ के खिलाफ पिछले पांच में से चार मुकाबले गंवाए थे। सिंधू को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। भारतीय हॉकी टीम की जीत में गोलकीपर पी आर श्रीजेश की भूमिका अहम रही। उन्होंने कई शानदार बचाव किये। भारत की तरफ से दिलप्रीत सिंह (सातवें), गुरजंत सिंह (16वें) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) ने गोल किये। ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से एकमात्र गोल सैमुअल इयान वार्ड (45वें) ने किया। भारत ने मध्यांतर तक 2-0 की बढ़त बना रखी थी। इसके बाद दूसरे क्वार्टर के शुरू में ही हार्दिक ने ब्रिटिश खिलाड़ियों से गेंद छीनी। इसे उन्होंने गुरजंत की तरफ बढ़ाया जिन्होंने उसे खूबसूरती से गोल के हवाले किया। श्रीजेश ने 44वें मिनट में रक्षण के अपने कौशल का बेहतरीन नमूना पेश किया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन ने इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में चार पेनल्टी कार्नर हासिल किये जिनमें से सैमुअल वार्ड चौथे को गोल में बदलने में सफल रहे। हार्दिक का गोल दर्शनीय था। उन्होंने बीच मैदान से गेंद संभाली और अकेले ही उसे लेकर आगे बढ़े। उनका पहला शॉट ओलिवर पायने ने रोक दिया था लेकिन हार्दिक को फिर से गेंद मिली और इस बार उनका ताकतवर शाट दनदनाता हुआ जाली में उलझ गया। भारत की जीत सुनिश्चित हो गयी। अब भारत की निगाह सोमवार को महिला हॉकी टीम पर रहेगी जो क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया का सामना करेगी। मुक्केबाजी और गोल्फ से भारत को निराशा हाथ लगी। बुरी तरह से चोटिल मुक्केबाज सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वार्टर में हारकर बाहर हो गए । प्री क्वार्टर फाइनल में लगी चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर कई टांके लगवाकर उतरे सतीश 0 . 5 से हारे । उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे । गोल्फ में अनिर्बान लाहिड़ी चौथे और अंतिम दौर में एक ओवर 72 के स्कोर के साथ संयुक्त 42वें स्थान पर रहे। उदयन माने भी अंतिम दौर में एक ओवर 72 के स्केार से कुल तीन ओवर के स्कोर के साथ 56वें स्थान पर रहे।--
- तोक्यो। तोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन के महिला सिंगल्स में पी वी सिंधु ने कांस्य पदक जीत लिया है और इस जीत के साथ सिंधु ओलंपिक खेलों में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।पांच जुलाई 1995 को हैदराबाद में जन्मी पुसर्ला वेंकट सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। सिंधू ने न सिर्फ देश के लिए पदक जीता, बल्कि लगातार दो ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतकर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी होने का गौरव भी हासिल किया। इससे पहले सिंधु ने रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था। सिंधू ने आज प्लेऑफ मुकाबले में चीन की ही बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराया। शुरू से ही आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए सिंधू अपनी प्रतिद्वंदी जियाओ पर पूरी तरह से हावी रहीं।राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और खेलमंत्री ने सिंधू को पदक जीतने पर बधाई दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सिंधू ने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतकर अपनी निरंतरता, समर्पण और उत्कृष्टता का परिचय दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि सिंधू भारत का गौरव हैं और देश के ओलंपिक खिलाडिय़ों में से एक हैं।खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि इस जीत से सिंधू ने इतिहास रच दिया है और भारत को उन पर गर्व है।
- तोक्यो। बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू का तोक्यो ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का सपना शनिवार को महिला एकल के सेमीफाइनल में हार के साथ टूट गया जबकि मुक्केबाजी में पदक के प्रबल दावेदार अमित पंघाल पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाये लेकिन चक्का फेंक की महिला एथलीट कमलप्रीत कौर ने फाइनल में जगह बनाकर शनिवार को भारतीय खेमे में कुछ आशा की किरण जगायी। भारतीय महिला हॉकी टीम ने वंदना कटारिया की हैट्रिक से दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर 41 वर्षों में पहली बार क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। निशानेबाजी और तीरंदाजी में भारतीयों के निशाने सटीक नहीं लगे तो गोल्फ में किसी चमत्कार के दम पर ही अनिर्बान लाहिड़ी ‘पोडियम' तक पहुंच पाएंगे। भारत के नाम पर अभी एक रजत पदक दर्ज है और वह पदक तालिका में 57वें स्थान पर है। भारत को दिन का सबसे बड़ा झटका सिंधू की हार से लगा जिन्हें स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधू ने चीनी ताइपै की विश्व की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जु यिंग को पहले गेम में कड़ी चुनौती पेश की लेकिन आखिर में उन्हें 40 मिनट तक चले मैच में 18-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। सिंधू के पास अब ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने का मौका है। वह रविवार को कांस्य पदक के लिये चीन की ही बिंग जियाओ से भिड़ेगी जिन्हें हमवतन चेन यू फेई ने पहले सेमीफाइनल में 21-16, 13-21, 21-12 से हराया था। भारतीय मुक्केबाजी के लिये शनिवार का दिन निराशाजनक रहा। दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) के बाद पूजा रानी (75 किग्रा) भी अपनी प्रतिद्वंद्वी से हारकर बाहर हो गये। भारत की पदक उम्मीद मुक्केबाज पंघाल प्री क्वार्टर फाइनल में सुबह रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेरजेन मार्तिनेज से 1-4 से हार गये। शीर्ष वरीयता प्राप्त पंघाल का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें पहले दौर में बाई मिली थी। शाम के सत्र में पूजा क्वार्टरफाइनल में सर्वसम्मत फैसले में चीन की लि कियान से 0-5 से हार गयीं। कियान पूर्व विश्व चैम्पियन और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं। वह पूरे मुकाबले के दौरान रानी पर हावी रहीं। एथलेटिक्स में हालांकि देश को कुछ अच्छी खबर मिली। कमलप्रीत ने महिलाओं के चक्का फेंक क्वालीफिकेशन दौर में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बना ली लेकिन अनुभवी सीमा पूनिया चूक गईं । कमलप्रीत ने अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का थ्रो फेंका जो क्वालीफिकेशन मार्क भी था। क्वालीफिकेशन में शीर्ष रहने वाली अमेरिका की वालारी आलमैन के अलावा वह 64 मीटर या अधिक का थ्रो फेंकने वाली अकेली खिलाड़ी रहीं। इस स्पर्धा का फाइनल दो अगस्त को होगा । दोनों पूल में 31 खिलाड़ियों में से 64 मीटर का मार्क पार करने वाले या शीर्ष 12 ने क्वालीफाई किया।सीमा पूनिया पूल ए में 60 . 57 के थ्रो के साथ छठे स्थान पर और कुल 16वें स्थान पर रही। सीमा का पहला प्रयास अवैध रहा। दूसरे प्रयास में उन्होंने 60 . 57 और तीसरे में 58 . 93 मीटर का थ्रो फेंका। पुरुषों की लंबी कूद में श्रीशंकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और ओवरऑल 25वें स्थान पर रहते हुए फाइनल की दौड़ से बाहर हो गये। श्रीशंकर ने अपने पहले प्रयास में 7.69 मीटर की छलांग लगायी लेकिन वह दूसरे और तीसरे प्रयास में इससे बेहतर नहीं कर सके। महिला हॉकी में वंदना ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। उन्होंने हैट्रिक बनायी जिसके दम पर भारत ने ‘करो या मरो' के मुकाबले में निचली रैंकिंग वाली दक्षिण अफ्रीका टीम को 4 . 3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किये। वह ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई । नेहा गोयल ने 32वें मिनट में एक गोल दागा । दक्षिण अफ्रीका के लिये टेरिन ग्लस्बी (15वां), कप्तान एरिन हंटर (30वां) और मेरिजेन मराइस (39वां मिनट) ने गोल दागे । भारत ने ग्रुप चरण में पहले तीन मैच हारने के बाद आखिरी दो मैचों में जीत दर्ज की। शाम को ब्रिटेन की आयरलैंड पर 2-0 जीत से भारत की अंतिम आठ में जगह पक्की हुई। भारत क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा। तीरंदाजी में भारत की आखिरी उम्मीद अतनु दास पुरूषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4 . 6 से हार गए । दास पांचवें सेट में एक बार भी 10 स्कोर नहीं कर सके। दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी के क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद भारत की उम्मीदें दास पर ही टिकी थी । निशानेबाजी में अंजुम मोदगिल और तेजस्विनी सावंत महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में क्रमश: 15वें और 33वें स्थान के साथ फाइनल्स में जगह बनाने में नाकाम रहीं। असाका निशानेबाजी परिसर में विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता अंजुम ने ‘54 इनर 10 (10 अंकों के 54 निशाने)' के साथ 1167 अंक बनाये जबकि अनुभवी तेजस्विनी ने स्टैंडिंग, नीलिंग और प्रोन पोजीशन की तीन श्रृंखलाओं में 1154 अंक ही बना सकी। गोल्फ में लाहिड़ी ने तीसरे दौर में तीन अंडर 68 का कार्ड खेला। उन्होंने सुबह अपना दूसरा दौर पूरा किया और एक ओवर 72 का स्कोर बनाया था। तीसरे दौर के बाद उनका कुल स्कोर छह अंडर 207 रहा। वह संयुक्त 28वें स्थान पर चल रहे हैं। वहीं एक अन्य भारतीय उद्यन माने ने 70 का कार्ड खेला जिससे वह दो ओवर 215 के कार्ड से संयुक्त 55वें स्थान पर चल रहे हैं। पाल नौकायन (सेलिंग) में पुरुषों की स्किफ 49अर स्पर्धा में केसी गणपति और वरूण ठक्कर की जोड़ी तीन रेस में क्रमश: 16वें, नौवें और 14वें स्थान पर रही। भारतीय जोड़ी 154 अंकों के साथ 19 जोड़ियों में ओवरऑल 17वें स्थान पर है। पहली बार ओलंपिक खेलों में चुनौती पेश कर रहे भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा इवेंटिंग स्पर्धा में ड्रेसेज दौर के पूरे होने के बाद तालिका में वह संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर है।
- तोक्यो। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टरफाइनल में जापान की अकाने यामागुची को 56 मिनट में 21 . 13 , 22 . 20 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।रियो ओलंपिक 2016 की रजत पदक विजेता ने इस तरह बैडमिंटन में पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक की उम्मीद बनाये रखी। अब उनका सामना थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन और चीनी ताइपे की ताई जु यिंग के बीच होने वाले दूसरे क्वार्टरफाइनल के विजेता से होगा। मौजूदा विश्व चैम्पियन सिंधू ने दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी यामागुची के खिलाफ 11 - 7 के जीत के रिकार्ड का फायदा उठाकर पहला गेम महज 23 मिनट में 21 . 13 से अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में यामागुची ने वापसी करने की कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया और 33 मिनट में जीत दर्ज कर अंतिम चार में जगह पक्की की।
- नयी दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम को तोक्यो ओलंपिक खेलों में अच्छे प्रदर्शन का फायदा विश्व रैंकिंग में भी मिला है और वह एक पायदान चढ़कर पहली बार शीर्ष तीन में पहुंच गयी है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की गुरुवार को जारी ताजा विश्व रैंकिंग में भारत तीसरे नंबर पर काबिज हो गया है। यह 2003 में रैंकिंग शुरू किये जाने के बाद उसकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है। इससे पहले वह मार्च 2020 में चौथे नंबर पर पहुंचा था जो उसकी इससे पहले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग थी। भारत के 2286 अंक हैं और वह चौथे स्थान पर खिसकने वाले नीदरलैंड (2267 अंक) से 19 अंक आगे है। आस्ट्रेलिया (2628) पहले और बेल्जियम (2606) दूसरे स्थान पर है। भारत ने ओलंपिक में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर शानदार शुरुआत की थी। इसके बाद वह आस्ट्रेलिया से 1-7 से हार गया लेकिन इसके बाद उसने स्पेन को 3-0 और अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर अच्छी वापसी करके क्वार्टर फाइनल में जगह बनायी। ताजा विश्व रैकिंग में इंग्लैंड पांचवें स्थान पर है। उसके बाद जर्मनी, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड, स्पेन और दक्षिण अफ्रीका का नंबर आता है।
- तोक्यो। ओलंपिक में भाग ले रहे भारत के पहले सुपर हैवीवेट (91 किग्रा से अधिक) मुक्केबाज सतीश कुमार ने गुरुवार को यहां अपने पहले ही खेलों में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन महान मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम अंतिम 16 चरण के मुकाबले में हारकर बाहर हो गयी। सतीश ने जमैका के रिकार्डो ब्राउन पर पहले मुकाबले में 4 . 1 से आसान जीत दर्ज की । दोनों मुक्केबाजों का यह पहला ओलंपिक है । मैरीकॉम प्री क्वार्टरफाइनल में तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हार गयी। दो बार एशियाई चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता सतीश सुबह के सत्र में रिंग में उतरे। उन्हें ब्राउन के खराब फुटवर्क का फायदा मिला । उन्हें हालांकि मुकाबले में माथे पर खरोंच भी आई । भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सांटियागो नीएवा ने कहा ,‘‘ उसे मुकाबले के दौरान तीन बार सिर पर प्रहार के कारण कट लगा है । सतीश ने काफी संभलकर उसका सामना किया वरना ब्राउन के कद काठी को देखते हुए गंभीर चोट लग सकती थी ।'' अब सतीश का सामना उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से होगा जो मौजूदा विश्व और एशियाई चैम्पियन हैं । जालोलोव ने अजरबैजान के मोहम्मद अब्दुल्लायेव को 5 . 0 से हराया । नीएवा ने कहा ,‘‘ वह अपराजेय नहीं है । सतीश ने उसे कभी नहीं हराया लेकिन इंडिया ओपन में आखिरी बार दोनों का सामना हुआ था और वह बंटा हुआ फैसला था । सतीश ने उसे कड़ी चुनौती दी थी ।'' राष्ट्रमंडल खेल 2018 के रजत पदक विजेता सतीश ने दाहिने हाथ से लगातार पंच लगाते हुए ब्राउन को गलतियां करने पर मजबूर किया । ब्राउन उन्हें एक भी दमदार पंच नहीं लगा सके । नीएवा ने कहा ,‘‘ स्कोर करके तुरंत पीछे हट जाने का लक्ष्य था क्योंकि ब्राउन काफी शक्तिशाली है और खतरनाक हो सकता था । सतीश ने उसे चारों तरफ घुमाकर थकाया ।' उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले सतीश सेना में हैं और पहले कबड्डी खेलते थे । सेना के कोचों ने अच्छी कद काठी देखकर उन्हें मुक्केबाजी खेलने का मौका दिया । वहीं जमैका की ओर से 1996 के बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले मुक्केबाज ब्राउन उद्घाटन समारोह में अपने देश के ध्वजवाहक थे । मैरीकॉम शाम के सत्र में रिंग में उतरीं और रोमांचक मुकाबले में वालेंसिया ने पहले राउंड में बढ़त का फायदा उठाकर जीत दर्ज की। मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा, ‘‘नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते। '' जब रैफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी। इस मुकाबले में एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखा, जिसमें मैरीकॉम ने वालेंसिया को गले लगाया और उन्होंने भी भारतीय मुक्केबाज के प्रति आदर दिखाने के लिये उनका हाथ उठाया।
- तोक्यो भारतीय मुक्केबाज पूजा रानी (75 किग्रा) ने बुधवार को यहां ओलंपिक खेलों में पदार्पण करते हुए शुरूआती मुकाबले में अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से पराजित कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। तीस साल की भारतीय ने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाये रखा।दो बार की एशियाई चैम्पियन दाहिने हाथ के सीधे दमदार मुक्कों से नियंत्रण बनाये हुए थीं और उन्हें चाएब के रिंग में संतुलन की कमी का भी काफी फायदा मिला। तीनों राउंड में रानी का दबदबा रहा जबकि चाएब भी अपना पहला ओलंपिक खेल रही थीं लेकिन वह मुक्के सही जगह नहीं जड़ पा रही थीं। रानी ने विपक्षी से दूरी बनाकर चतुराई भरा प्रदर्शन किया। रानी ने पूरी बाउट के दौरान जवाबी हमले किये जबकि चाएब भी दमदार मुक्के लगाने का प्रयास कर रही थीं लेकिन वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे। रानी का ओलंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। वह कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था। वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं।
- पुणे,। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। नाटेकर 88 बरस के थे। अपने करियर में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले नाटेकर उम्र संबंधित बीमारियों से पीडि़त थे। उनके परिवार में बेटा गौरव और दो बेटियां हैं। नाटेकर परिवार ने बयान में कहा बेहद दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे पिता नंदू नाटेकर का 28 जुलाई 2021 को निधन हो गया। बयान के अनुसार, कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए हम शोक सभा का आयोजन नहीं करेंगे। कृपया अपने विचारों और प्रार्थना में उन्हें याद रखें।अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाडिय़ों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे नाटेकर को 1961 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। नाटेकर ने 15 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान 1954 में प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और 1956 में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थॉमस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने 16 में से 12 एकल और 16 में से आठ युगल मुकाबले जीते थे। उन्होंने जमैका में 1965 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त कियाप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बैडमिंटन खिलाड़ी श्री नन्दू नाटेकर के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है।एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के खेल इतिहास में श्री नन्दू नाटेकर का एक विशेष स्थान है। वे बैडमिंटन के शानदार खिलाड़ी और महान कोच थे। उनकी सफलता से उदीयमान एथलीटों को प्रेरणा मिलती है। उनके निधन से दु:खी हूं। दु:ख की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों और मित्रों के साथ हूं। ओम् शांति!"
- तोक्यो। सोवियत संघ से स्वतंत्रता के बाद अस्तित्व में आये कम आबादी वाले देश तुर्कमेनिस्तान ने मंगलवार को ओलंपिक में अपना पहला पदक जीता। भारोत्तोलक पोलीना गुरेवा ने तोक्यो खेलों में इस मध्य एशियाई राष्ट्र के लिए रजत पदक हासिल किया। महिलाओं के 59 किग्रा में पदक जीतने वाली इस 21 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं काफी खुश हूं क्योंकि तुर्कमेनिस्तान के इतिहास में यह पहला ओलंपिक पदक है। तुर्कमेनिस्तान को किसी भी खेल को अभी तक एक पदक नहीं मिला था। '' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लग रहा है कि मैं तुर्कमेनिस्तान के इतिहास की हिस्सा बन गयी हूं।''गुरेवा ने कुल 217 किग्रा का भार उठाकर जापान की मिकिको अंदोह (214 किग्रा) को पछाड़ा। इस प्रतियोगिता का स्वर्ण ताइवान की क्यो ह्सिंग-चुन ने 236 किग्रा का भार उठाकर जीता।