महाराष्ट्र मंडल के अमित के स्टार्टअप को मोदी ने सराहा
-सर्प मित्र की तर्ज पर मधुमक्खी मित्र के रूप में संचालित कर रहे ‘बी फ्रेंड्स’
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 25 मार्च को ‘मन की बात’ में रायपुर के मैकेनिकल इंजीनियर और महाराष्ट्र मंडल के आजीवन सभासद अमित अभय गोडसे के मधुमक्खी के छत्ते की शिफ्टिंग के स्टार्टअप व जागरूकता अभियान का न केवल उल्लेख किया, बल्कि जमकर प्रशंसा भी की। अब कई लोग अमित और उनके स्टार्टअप को लेकर गूगल से लेकर विभिन्न सोशल मीडिया पर सर्च कर बहुत कुछ जानना चाहते हैं। साथ ही उन्हें भी इसी सिलसिले में लगातार फोन कॉल आ रहे हैं।
डंगनिया निवासी महाराष्ट्र मंडल के अभय गोडसे के 40 वर्षीय पुत्र अमित पुणे में एक शानदार आईटी कंपनी में नौकरी कर रहे थे। लेकिन स्टार्टअप के रूप में कुछ करने की भूख ने उन्हें बी बास्केट जैसी कंपनी खोलने का मार्ग प्रशस्त किया। अब उन्हें प्रतिदिन 10 से 12 टेलीफोनिक कॉल मुधमक्खी के छत्तों को शिफ्ट करवाने के लिए आते हैं। अमित मधुमक्खियों को संरक्षण और जागरूकता के लिए अपनी टीम बनाई। जिसका नाम रखा ‘बी फ्रेंड्स’।
संक्षिप्त चर्चा में अमित ने बताया कि लोगों को मधुमक्खी से डरने के बजाय उनसे सतर्क रहने को लेकर जागरूक करते हैं। यह काम शुरू करने से पहले अमित ने सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट में इसका बकायदा प्रशिक्षण लिया था। उन्होंने बताया कि 10 से 15 दिनों की ट्रेनिंग में प्रैक्टिल को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। खासकर रेफलिंग रेस्क्यू करने से पहले इंसानों की सुरक्षा पर जोर दिया जाता है। इसी तरह रेस्क्यू करने वाले सदस्य भी ऊपर से न गिरे सहित अनेक सावधानियों को पहले ही पुख्ता कर लिया जाता है।
अमित के अनुसार वे लोग विभिन्न कंपनी परिसर में बटरफ्लाई पार्क, गार्डन के लिए भी काम करते हैं। कंपनी व फैक्ट्री परिसर में बायोडायर्सिटी और कार्बन की मात्रा को कम करने के लिए इसी तरह के उपाय करते हैं। फिर भी मधुमक्खियों खासकर हनी बीज का संरक्षण उनकी प्राथमिकता होती है।
छत्तीसगढ़ सरकार पहल करे...
अमित कहते हैं कि वन बाहुल्य वाले छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार को मधुमक्खियों के संरक्षण की दिशा में स्वमेव पहल करनी चाहिए। इससे न केवल राज्य में शहद का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि नए नवाचार से रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो वे स्वयं छत्तीसगढ़ में विभिन्न शहरों में घूम- घूमकर युवाओं को इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे, बल्कि इसे स्टार्टअप के रूप से करने की ट्रेनिंग भी देंगे। राज्य सरकार ने यह पहल की तो छत्तीसगढ़ मधुमक्खियों के संरक्षण और हनी प्रोडक्शन की दिशा में काम करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
'मन की बात' में मोदी ने शब्दश: कहा......
हनी बीज की सुरक्षा सिर्फ पर्यावरण की नहीं, हमारी खेती और फ्यूचर जनरेशन की भी जिम्मेदारी है। ये उदाहरण है पुणे में एक हाउसिंग सोसायटी का, जहां मधुमक्खियों का एक छत्ता हटाया गया। शायद सुरक्षा के कारण या डर की वजह से। लेकिन इस घटना ने किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। अमित नाम के युवा ने तय किया कि हनी बीज को हटाना नहीं बचाना चाहिए। उन्होंने खुद सीखा, रिसर्च किया। दूसरों को जोड़ना भी शुरू किया। धीरे- धीरे उन्होंने टीम बनाई और उसका नाम रखा बी फ्रेंड्स यानी मी मित्र। अब ये बी फ्रेंड्स मधुमक्खियों के छत्तों को एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर करते हैं, ताकि लोगों को खतरा न हो और हनी बीज भी जिंदा रहे। अमित के प्रयास का असर भी बड़ा शानदार हुआ है। हनी बीज की कॉलोनी बच रही है, हनी प्रोडक्शन बढ़ रहा है। सबसे जरूरी लोगों में अवेयनेस भी बढ़ रही है। ये पहल हमें सिखाती है कि जब हम प्रकृति के साथ तालमेल में काम करते हैं, तो उसका फायदा सभी को मिलता है।
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