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 इंदौर के अध्ययन सह भ्रमण कार्यक्रम में मिले अनुभव को अपनाकर रायपुर में  विकास को नई दिशा देने कार्य करेंगे - महापौर मीनल चौबे

-इंदौर की तर्ज पर रायपुर में जनजागरण अभियान चलाने एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे 
-सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर एनजीओ को जोडकर आम जनता को जागरूक बनाकर पूर्ण प्रभावी प्रतिबंध लागू करेंगे 
-आरआरआर केन्द्र सभी 10 जोनो में खोलकर प्रभावी संचालन करवायेंगे 
  रायपुर। आज नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 14 नगर पालिक निगमो के महापौरो, आयुक्तो, अधिकारियों के लिये इंदौर शहर में रखे गये 2 दिवसीय अध्ययन सह भ्रमण कार्यक्रम से वापस रायपुर लौटकर कहा कि इंदौर अध्ययन सहस्रमण कार्यक्रम में मिले ज्ञान एवं अनुभव को रायपुर शहर नगर निगम क्षेत्र अपनाकर यहां स्वच्छता विकास को हम नई दिशा देने का कार्य करेंगे।
       महापौर ने कहा कि रायपुर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण व्यवहारिक प्रतिबंध लगाने प्रयास किया जायेगा। इसमें एनजीओ को जोड़कर आमजनता को सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में जागरूक बनाया जाकर प्रभावी प्रतिबंध लागू किया जायेगा। सभी 10 जोनो में आरआरआर रियूज, रिड्यूज, रिसाइकल केन्द्र को अपग्रेड करते हुए एनजीओ के माध्यम से उनका रायपुर में प्रभावी संचालन किया जायेगा। नगर पालिक निगम रायपुर में उप अभियंताओं को स्वच्छता कार्य की मॉनिटरिंग में लगाया जायेगा।
       महापौर ने कहा कि रायपुर में शत प्रतिशत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का प्रभावी क्रियान्वयन करने 20 कर्मचारियों की टीम गठित कर सफाई वाहनों की ट्रेकिंग का कार्य करेंगे। महापौर ने कहा कि इंदौर में पूर्ण रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध है एवं इसके उपयोग पर जुर्माना किया जाता है। यहाँ तक की कचरा अलग-अलग करके अगर गाड़ी में डालने जाओ तो कचरा नहीं उठाया जाता है।
      6 बिन सेग्रीगेशन- इंदौर में विशेष रूप से जो सबसे प्रभावी लगा, वो है यहां का 6 प्रकार से कचरा अलग-अलग करना एवं शत- प्रतिशत घरो से कचरा संग्रहण। इससे कचरे का प्रबंधन और साइंटिफिक तरीके से उसकी रिसाइकलिंग आसान हो जाती है। इससे पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचता है। आत्मनिर्भर वार्ड-इंदौर में वार्ड अपने यहां निकलने वाले कचरा का प्रबंधन अपने वार्ड में ही प्रोसेस और रिसाइकल करते हैं। गीले कचरे से खाद बनाई जाती है। इंदौर का यह आत्मनिर्भर वार्ड का कॉन्सेप्ट बहुत अच्छा है। कपड़े की रिसाइकलिंग -इंदौर में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलने वाली कपड़े की कतरन और अन्य वेस्ट को भी प्रोसेस कर रिसाइकल कर रीयूज किया जाता है जो कि बहुत अच्छा मॉडल है।
       कवर्ड नाली- इंदौर में मुझे देखने में आया कि ज्यादातर नालियां कवर्ड हैं। इससे नालियों में कचरा नहीं जाता और बरसात में नाले-नालियां जाम नहीं होती।
आरआरआर केंद्र -इंदौर में देखने में आया कि आरआरआर केंद्र जहां उपयोग की गई वस्तु को जरुरत मन्द लोगो को पुनः उपयोग हेतु कलेक्ट करना, एनजीओ के माध्यम से बढ़िया ढंग से संचालित किये जा रहे है। महापौर ने कहा कि रायपुर की टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में यह पाया गया कि इंदौर नगर निगम स्वच्छता व्यवस्था में आत्मनिर्भरता की दिशा में सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। इंदौर में कचरा संग्रहण का कार्य नगर निगम स्वयं करता है-घर घर से कचरा एकत्र कर सीधे ट्रांसफर स्टेशन और प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुँचाया जाता है। इस मॉडल के अंतर्गत मानव संसाधन, वाहन, सॉफ्टवेयर एवं निगरानी प्रणाली सभी निगम के स्वामित्व में हैं. जिससे लागत प्रभावशीलता और सेवा वितरण में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
       महापौर ने कहा कि रायपुर नगर निगम के वर्तमान आउटसोर्सिंग   एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करेंगे, जो ठेकेदार कंपनी के कार्यों की नियमित और गहन निगरानी करेगी। महापौर ने आगे कहा कि जनजागरूकता के क्षेत्र में भी इंदौर की तर्ज पर रायपुर में भी जागरूकता अभियान चलाने हेतु एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए राज्य शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।  महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने बताया कि  प्रत्येक जोन पर नए कचरा ट्रासंफर स्टेशन, सेकेंडरी कलेक्शन पॉइंट को बनाने के लिए सर्वे कर शासन से राशि की मांग की जाएगी, जिससे शहर में व्यवस्थित तरीके से कचरा प्रबंधन किया जा सके।
      महापौर ने कहा कि रायपुर नगर निगम द्वारा वार्ड का नक्शा तैयार करने का कार्य शहर हित में पूरी गंभीरता के साथ किया जा रहा है। प्रत्येक वार्ड के नाला, नाली, सडक, उद्यान, तालाब, शासकीय भवन, सामुदायिक भवन, बीएसयूपी परिसर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्रसाधन व्यवस्था, नगर निवेश विभाग द्वारा स्वीकृत कालोनियों सहित अवैध कालोनियों, स्ट्रीट लाईट, विद्युत पोलो की जानकारी प्रत्येक वार्ड के मैप में दी जायेगी। यह कार्य वास्तुविदो के माध्यम से वार्ड पार्षदो से समन्वय बनाकर जोनों के अभियंताओं की टीम द्वारा शहर हेतु किया जा रहा है। जिसमें भविष्य की दृष्टि से अच्छी व्यवस्थाएं कायम करने नगर निगम रायपुर का यह वार्ड डेव्हल्पमेंट प्लान और सिटी डेव्हल्पमेंट प्लान उपयोगी सिद्ध हो सकेगा।

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