धान की किस्म विक्रम टी.सी.आर. बनी किसानों की पहली पसंद
बालोद।, इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर द्वारा विकसित धान की नवीन किस्म विक्रम टी.सी.आर. की खेती जिले में लगभग 550 हेक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है। उपसंचालक कृषि विभाग ने बताया कि यह किस्म बालोद जिला के लिए उपयुक्त व अधिक उत्पादन क्षमता के कारण किसानों द्वारा इसे अत्याधिक पसंद किया जा रहा है, यही कारण है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष इनका रकबा बढा है। ग्राम खैरवाही के किसान श्री ईश्वर नेताम, त्रिलोचन व कमलेश्वर ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा विक्रम टी.सी.आर. के गुणो की जानकारी दी गई, जिससे इस वर्ष प्रोत्साहित होकर उसकी खेती कर रहे है। फसल की वर्तमान स्थिति बहुत अच्छी है। विक्रम टी.सी.आर. पुरानी किस्म सफरी-17 में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करके विकसित किया गया है, इसकी उंचाई 105-110 से.मी. होने के कारण आंधी तूफान या तेज हवा से भी गिरने से बच जाता है, कम अवधि (120-125 दिन) होने से अन्य किस्मों की अपेक्षा कम पानी की आवश्यकता होती है, चूंकि बालोद जिला में धान की खेती कृषकों के द्वारा मुख्य रूप से की जाती है। अतः जल संरक्षण करते हुए इस किस्म का उपयोग कर अधिक उपज के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उप संचालक कृषि ने बताया कि विक्रम टी.सी.आर. का दाना लम्बा पतला सूखा रोधी, होने के साथ-साथ झुलसा रोग प्रतिरोधी है एवं आपेक्षाकृत कीट पतंग भी कम देखा गया है। सबसे बड़ी बात इसकी उत्पादन क्षमता 60-65 क्विटल प्रति हेक्टेयर है। इस वर्ष इस किस्म का प्रचार-प्रसार कर 42 है. में बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु पंजीयन कराया गया है। उन्होंने किसानो से अपील की है कि इस उन्नत किस्म का उपयोग कर अपना उत्पादन बढाए एवं अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करें।












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