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बच्चों और महिलाओं की उचित शिक्षा और उनके कौशल उन्नयन के लिए व्यवस्था करने कलेक्टर ने दिए निर्देश

शासकीय और अशासकीय संस्थाओं  द्वारा निर्धारित मेन्यू का पालन नहीं करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
रायपुर /
कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर भुरे ने आज कलेक्टोरेट के रेडक्रॉस सभाकक्ष में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति,बाल देखरेख संस्था,नारी निकेतन,सखी केंद्र तथा महिला सहायता केंद्र के संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि जिले में संचालित सभी संस्थाओं के बालक-बालिका और महिलाओं के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराएं।सभी शासकीय और अशासकीय संस्थाओं को शासन द्वारा निर्धारित मेन्यू का पालन करना अनिवार्य है। बच्चों और महिलाओं को शासन द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप रखें।इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इसी तरह किशोर न्याय बोर्ड में लंबित प्रकरणों को यथासंभव शीघ्र निराकरण करें।संस्थाओं में रहने वाले बच्चों और महिलाओं की उचित शिक्षा और उनके कौशल उन्नयन के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए।इसके साथ ही उनके लिए स्वरोजगार के लिए व्यवस्था भी करें,ताकि वे समाज का अच्छा नागरिक बन सके और सुव्यवस्थित जीवन यापन कर सकें।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग ने मिशन वात्सल्य अंतर्गत जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों की जानकारी दी।उन्होंने अवगत कराया कि जिले में संचालित सभी संस्थाओं में शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है।इसकी नियमित रूप से निरीक्षण भी किया जाता है।
बैठक में जिले में संचालित बाल देख रेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों का निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र एवं आधार बनाये जाने,जिले में संचालित बाल देख रेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों के स्वास्थ्य उपचार हेतु संस्था में साप्ताहिक चिकित्सा शिविर लगाये जाने, जिले में संचालित बाल देख रेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों के शिक्षा हेतु शिक्षक व्यवस्था, शासकीय बाल गृह (बालक) में माडुलर किचन एवं डायनिंग टेबल बनाये जाने,परिवीक्षा अधिकारी के अनुशंसा के आधार पर किशोर न्याय बोर्ड तथा बालक न्यायालय द्वारा सकारात्मक समन्वय से बालकों को संस्थागत किये जाने, संस्था से पुर्नवासित तथा निवासरत बालकों को विभिन्न शासकीय कार्यक्रमों से जोड़ने हेतु शासकीय नियमों में शिथिलता प्रदान किये जाने,शासकीय संप्रेक्षण गृह माना कँप रायपुर में 04 सुरक्षा कर्मी रखे जाने,संस्थाओं से बालकों (बालक/बालिका) के अन्य जिले तथा अन्य राज्यों में पुनर्वास के लिए निर्धारित समयानुसार पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध करने,देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास के दौरान परिवहन हेतु बस/ट्रेन में सीट आरक्षित रखने, जिले मे देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के रेस्क्यू हेतु किराये पर पृथक से रेस्क्यू वाहन लिये जाने,अन्तर्राज्यीय बच्चों के पुनर्वास हेतु 02 पुरुष एवं 02 महिला आरक्षक आरक्षित किये जाने,सखी स्टॉप सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों को अनुबंध अनुसार सप्ताह में एक दिन तथा वर्ष में संविदा कर्मचारियों की तरह 18 अवकाश तथा 03 ऐच्छिक अवकाश की सुविधा प्रदान किए जाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।ज्ञात हो कि वर्तमान में सखी वन स्टॉप सेंटर खम्हारडीह नारी निकेतन के अधीक्षिका कक्ष में संचालित हो रहा है। जहाँ सुविधाओं की कमी होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। "सखी' वन स्टॉप सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय विगत 07 वर्ष से नहीं बढ़ाया गया है।  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सखी केन्द्र में विधिक सहायता हेतु संकट व पीड़ित महिलाओं की सहायता हेतु एक महिला अधिवक्ता के नामांकन की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
  इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा,जिले में संचालित सभी संस्थाओं के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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