काष्ठस्तंभ स्थापना का तालाब संरक्षण का इतिहास बताएगा ताम्रपत्र
-धमधा में विलुप्त हो चुके छह तालाबों में काष्ठ स्तंभ में प्राचीन पद्धति से ताम्रपत्र लगाया जाएगा
धमधा । धमधा में विलुप्त हो चुके छह तालाबों में काष्ठ स्तंभ में प्राचीन पद्धति से ताम्रपत्र लगाया जाएगा। इस ताम्रपत्र में धमधा के छै आगर छै कोरी तरिया (126 तालाब) का इतिहास अंकित किया गया है। यह जल संरक्षण के लिये किये जा रहे प्रयासों का इतिहास बताएगा।
काष्ठ स्तंभ स्थापना महोत्सव का आयोजन 11 जून को दोपहर 2 बजे शोभायात्रा के साथ सम्पन्न होगा। महामाया मंदिर के पुजारी के परिवार में शोक होने के कारण नगरवासियों ने आयोजन एक दिन के लिये स्थगित किया है। यह आयोजन रविवार को होगा। गरियाबंद के जंगल से आज छह काष्ठस्तंभ धमधा पहुंचा। इसकी सफाई व सजावट कर तैयारी की गई। धर्मधाम गौरवगाथा समिति के संयोजक श्री वीरेंद्र देवांगन व ईश्वरी निर्मल ने बताया कि धमधा में दो तालाबों में प्राचीन ताम्रपत्र लगे थे, जिनमें एक दानी तालाब का ताम्रपत्र अच्छी स्थिति में है, चौखड़िया तालाब का ताम्रपत्र चोरी हो चुका है। इसके अलावा एक और ताम्रपत्र 1947 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगाया गया था, जिसमें दाऊ झाम सिंह ताम्रकार ने कलाकृति उकेरी थी।
वैसे ताम्रपत्र (Copper plate) एक ऐतिहासिक दस्तावेज माना जाता है, यह सैकड़ों साल तक खराब नहीं होता। प्राचीन काल में राजा दान देते समय या प्रशस्ति पत्र के लिये इसका इस्तेमाल करते थे।
ताकि इसे संभाल कर पीढ़ी-दर-पीढ़ी रखा जा सके। इस प्राचीन परंपरा को याद करते हुए धमधा के छह तालाबों में ताम्रपत्र लगाया जा रहा है। छै आगर छै कोरी तरिया (126 तालाब) के लिये प्रसिद्ध धमधा में विलुप्त हो चुके छह तालाबों को पुनर्जीवित किया गया है, उसमें विभिन्न समाज मिलकर काष्ठस्तंभ की स्थापना कर रहे हैं। इसके लिये ताम्रपत्र तैयार किया गया है, जिसमें तालाब का नाम, जीर्णोद्धार तिथि, रकबा व खसरा अंकित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्राचीन पंरपरा का अनुशरण करने ताम्रपत्र में कलाकार व पार्षद सुमन्त ताम्रकार से लेखन कराया गया। जिसमें तालाब के नाम के साथ रकबा, खसरा सहित तिथि की जानकारी अंकित की गई। इसे काष्ठस्तंभ में लगाया गया है।
वाट्सअप के जरिये एकत्रित हो गए 60 हजार
समिति ने इस आयोजन के लिये चंदा बुक नहीं छपवाया है, बल्कि केवल वाट्सएप संदेश के जरिये आयोजन का उद्देश्य बताया गया और सहयोग की अपील की गई। 24 घंटे में स्वैच्छिक 60 हजार रूपये एकत्रित हो गए। इस आयोजन में डेढ़ लाख रूपए का खर्च हो रहा है, जिसमें स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी। इस आयोजन में अभिनव कल्याण समिति दुर्ग, राजीव गुप्ता, सत्यनारायण रजक, अशोक कसार, गिरधर पटेल, रमेश पटेल, शेरसिंह ठाकुर, विकास शर्मा रायपुर, भुवनेश्वर धीवर,
सोनपाल यादव, मनीष कहार, फिरतुराम मेहर नंदवाय, राजू यादव, उमेश सोनी, प्रभाकर शर्मा, रजत नायक, सीताराम ठाकुर, अशोक देवांगन, दीपक ताम्रकार, कुमार गौरव अग्रवाल, उमेशचंद्र यादव, आशाराम नेताम कोरबा, लुमेश्वर पटेल दनिया, सुनील सिन्हा, ज्ञानेश्वर देवदास, ईश्वर सोनकर, जितेन्द्र सोनकर, आनंद यादव, अवध ताम्रकार, प्रदीप सोनकर, मो.वाजिद कुरैशी ने सहयोग दिया है।
Leave A Comment