वर्ष 2024 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार एक सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए शुरू किए गए ऐतिहासिक सुधारों का वर्ष रहा
-गृह मंत्रालय: वर्षांत समीक्षा 2024
साल 2024 गृह मंत्रालय द्वारा देशवासियों के लिए न्याय तक आसानी से पहुँच सुनिश्चित करने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की परिकल्पना के अनुसार एक सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए शुरू किए गए ऐतिहासिक सुधारों का वर्ष था। इस दिशा में गृह मंत्रालय ने कई परिवर्तनकारी निर्णय लिए जिनसे कई युगांतरकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त हुआ और भारत के संविधान में निहित नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित करने में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल हुईं।
गुलामी की निशानियों को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए, गृह मंत्रालय ने औपनिवेशिक युग के दौरान ब्रिटिश संसद द्वारा लागू भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदलने का फैसला किया। स्वदेश में बने नए आपराधिक कानून प्राचीन भारतीय न्याय दर्शन से प्रेरित है। इन कानूनों के माध्यम से स्वतंत्रता के बाद पहली बार आपराधिक न्याय प्रणाली के केंद्र में ‘न्याय’ सुनिश्चित हुआ है। नए कानून 1 जुलाई, 2024 को लागू हुए।
इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय ने सुरक्षा, महिला अधिकारों, वंचित वर्गों को मुख्यधारा में शामिल करने और भारत की महानता के एक नए युग की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी पहलों की एक श्रृंखला भी शुरू की। इस एक वर्ष के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा की गईं नई पहल इस प्रकार हैं:
ऐतिहासिक कानूनों से नागरिकों का सशक्तीकरण: न्याय, नागरिकता और सामाजिक समानता
तीन नए आपराधिक कानून (आजाद भारत के नए कानून)
तीन नए आपराधिक कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम — 1 जुलाई, 2024 को लागू हुए। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए कानूनों के लाभों के बारे में विस्तार से बताया।
भारतीय कानून प्रणाली में उपनिवेशवाद के सभी निशानियों को मिटाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपील के बाद तीन नए आपराधिक कानून लाए गए। ये नये कानून हमारे पारंपरिक न्याय दर्शन के मजबूत स्तंभों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चंडीगढ़ में ये कानून पूर्णतया लागू कर जनता को समर्पित किये। हरियाणा 31 मार्च, 2025 से पहले इन कानूनों को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड समेत बाकी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी जल्द से जल्द इन्हें पूरी तरह से लागू करेंगे।
नए कानून न्याय-उन्मुख और पीड़ित-केंद्रित हैं। इन कानूनों में दंड के बजाय न्याय को प्राथमिकता दी गई है। ये कानून त्वरित सुनवाई और त्वरित न्याय सुनिश्चित करते हैं। ये कानून आने वाले दिनों में विश्व के सबसे बड़े सुधारों में एक साबित होंगे। इससे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक बनेगी और दोषसिद्धि दर में काफी वृद्धि होगी।
नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने को प्राथमिकता दी गई है। बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़कर उन्हें और अधिक संवेदनशील बनाया गया है।
नए कानूनों से पीड़ितों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। इन कानूनों ने न केवल प्रौद्योगिकी को अपनाया है, बल्कि इसे इस तरह से शामिल किया है कि वे अगले 50 वर्षों तक मानव जाति को प्रभावित करने वाले तकनीकी परिवर्तनों के साथ तालमेल बैठा सकें।
इन कानूनों के निर्बाध कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, गृह मंत्री ने चंडीगढ़ में ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन ऐप लॉन्च किया।
ई-साक्ष्य, ई-समन, न्याय सेतु और न्याय श्रुति ऐप समय पर पारदर्शी न्याय देने में हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता को बढ़ाएंगे। ई-साक्ष्य के तहत वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और गवाही को ई-साक्ष्य सर्वर पर संग्रहित किया जाएगा, जो अदालतों में भी तुरंत उपलब्ध होगा।
ई-समन के तहत, समन अदालत से पुलिस स्टेशन और सम्बंधित व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा जाएगा। न्याय सेतु डैशबोर्ड पर पुलिस, मेडिकल, फॉरेंसिक, अभियोजन और जेल आपस में जुड़े हुए हैं, जो पुलिस को एक क्लिक में जाँच से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान करेगा।
न्याय श्रुति के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाहों की सुनवाई सुनिश्चित होगी। इससे समय और धन की बचत होगी और मामलों का निपटारा भी तेजी से होगा।
सीएए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे संविधान निर्माताओं के सपने को साकार करते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया, जिसके नियम 11 मार्च, 2024 को अधिसूचित किए गए। नागरिकता संशोधन अधिनियम पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है।
नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 अधिसूचित, नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट सीएए नियम, 2024 की अधिसूचना के बाद जारी किया गया था।
जम्मू और कश्मीर के लिए सामाजिक समानता
जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के तहत, गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के शासन सहित समाज के केंद्र में शांति, समानता और न्याय को स्थापित करने के लिए कई उपाय किए।
इस व्यापक दृष्टिकोण के तहत संसद ने संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया, जो पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक विधेयक है।
यह विधेयक आरक्षण के योग्य समुदायों को आरक्षण देकर जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों और घाटियों में सामाजिक समानता सुनिश्चित करता है।
इस विधेयक से लोगों के बीच अपनत्वता और एकता की एक नई शुरुआत हुई है।
आपदाओं में नागरिक सुरक्षा को बढ़ावा
आपदाओं में जीरो कैजुअल्टीज सुनिश्चित करने के मिशन में तेजी लाते हुए लोकसभा ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक पारित किया। यह कानून, संबंधित बलों को अधिक प्रभाव के साथ आपदाओं से निपटने के लिए सशक्त बनाता है।
विधेयक में आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण को रिएक्टिव से प्रोएक्टिव में बदला गया है, जिसमें रोकथाम, शमन और तैयारियों पर नए सिरे से जोर दिया गया है।
यह कानून एजेंसियों के बीच सहज तालमेल को बढ़ावा देकर सरकार को whole-of-the-government के दृष्टिकोण के साथ आपदाओं से निपटने में सक्षम बनाएगा।
यह विधेयक एनडीएमए और एसडीएमए को बेहतर तैयारी के साथ तेज प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने के लिए डेटाबेस बनाने का अधिकार देता है।
जीरो टेरर, 100% प्रगति: समावेश, विकास और सतर्कता से जम्मू-कश्मीर का सशक्तीकरण
मोदी सरकार बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर का निर्माण कर रही है। आतंक और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर जमीन पर आतंक के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ रहे सुरक्षा बलों को गृह मंत्रालय सशक्त बना रहा है।
विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के लोगों की अभूतपूर्व भागीदारी दर्शाती है कि उन्हें लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है।
2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में 35 साल का उच्चतम 58.46% मतदान हुआ।
2024 के विधानसभा चुनाव में, जम्मू-कश्मीर में 63.88% मतदान हुआ।
केंद्र सरकार के निरंतर और समन्वित प्रयासों के कारण, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का इको-सिस्टम लगभग समाप्त हो गया है।
संसद ने संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 भी पारित किया, जो पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण को इस दिशा में सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक विधेयक है।
जम्मू और कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में इन समुदायों को शामिल करने से गुज्जर और बकरवाल जैसे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्हें पहले की तरह आरक्षण मिलता रहेगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में जम्मू और कश्मीर पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे कश्मीर घाटी में हासिल की गई सफलताओं को एरिया डोमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान के माध्यम से जम्मू संभाग में दोहराएँ।
सरकार इनोवेटिव तरीके से आतंकियों पर नकेल कसकर मिसाल कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप 'आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर' के लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल किया जाएगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू में ई-बस सेवा की शुरुआत की और जम्मू-कश्मीर संयुक्त परीक्षा-2024 तथा अनुकंपा नियुक्तियों के लिए एक हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए।
100 वातानुकूलित ई-बसों का उद्घाटन किया गया है, जिससे न केवल परिवहन आसान होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
कश्मीर में सिफारिशों का युग खत्म हो गया है; अब सभी नियुक्तियाँ मेरिट के आधार पर की जाती हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, बम विस्फोट, फायरिंग, पत्थरबाजी और स्ट्राइक के बजाय अब शिक्षा, तकनीकी संस्थान, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर देखने को मिल रहा है।
31 मार्च, 2026 से पहले वामपंथी उग्रवाद का संपूर्ण खात्मा: विकास की दिशा में एक निर्णायक लड़ाई
साल 2024 में, सुरक्षा बलों ने वामपंथी उग्रवाद पर अंकुश लगाते हुए 287 नक्सलियों को मार गिराने और 992 को गिरफ्तार करने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की। मारे गए नक्सलियों में से 14 पोलित ब्यूरो के थे। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में नक्सली हिंसा के कारण जाना गंवाने वाले लोगों की संख्या 4 दशकों में पहली बार 100 से नीचे आ गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 से पहले वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने रायपुर, छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के साथ वामपंथी उग्रवाद पर एक समीक्षा बैठक और अंतर-राज्य समन्वय बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति का आकलन करने के लिए रायपुर में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्रों और हिंसा दोनों में उल्लेखनीय कमी आई है।
शेष सुरक्षा कमियों को दूर करने, व्यापक जांच सुनिश्चित करने, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करने और नक्सलियों की आर्थिक गतिविधि को समाप्त करने का काम राज्य पुलिस को करना होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की परिपूर्णता की आवश्यकता पर बल दिया।
विकास, अभियोजन और संचालन - तीनों मोर्चों पर गृह मंत्रालय एक रणनीति के साथ वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ सफल लड़ाई लड़ रहा है।
वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा खर्च को लगभग तीन गुना बढाकर 3,006 करोड़ रुपये तक किया गया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में अपने आवास पर छत्तीसगढ़ के नक्सली हिंसा पीड़ितों से बातचीत की।
नक्सलवाद मानवता और देश की आंतरिक सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों के समग्र विकास के लिए 3 महीने के भीतर केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार एक व्यापक योजना लाएगी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
बस्तर ओलंपिक पूरे क्षेत्र के लिए आशा का प्रतीक बनेगा, विकास के नए अध्याय का मार्ग प्रशस्त करेगा और नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए एक मजबूत आधार के रूप में काम करेगा। जब बस्तर की एक लड़की ओलंपिक में मेडल जीतेगी तो पूरी दुनिया को संदेश जाएगा कि आगे का रास्ता हिंसा नहीं सिर्फ विकास है।
बस्तर बदल रहा है। जब 2026 में फिर से बस्तर ओलंपिक आयोजित होगा, तब तक इस क्षेत्र में अद्भुत परिवर्तन आ जाएगा। इन खेलों ने 'बदलाव' से 'पूर्णतः बदलाव' की ओर परिवर्तन की शुरुआत की है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए लोगों से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 15 हजार से अधिक आवासों के निर्माण को मंजूरी दी है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हर परिवार को एक-एक गाय या भैंस देकर डेयरी कोऑपरेटिव शुरू किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने बेहतरीन आत्मसमर्पण नीति बनाई है, जिसे पूरे देश में लागू कर हथियार छोड़ने वाले युवाओं को समाज में पुनर्वासित किया जाएगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और नक्सल हिंसा के खिलाफ संघर्ष करते हुए शहीद हुए जवानों के परिवारों से मुलाकात की।
केंद्र सरकार नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने बीजापुर में सुरक्षा बलों के forward operating base गुंडम का दौरा किया और बलों की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने 2024 में नक्सलवाद के खिलाफ अभूतपूर्व सफलता पर जवानों को बधाई दी और उन्हें उसी उत्साह के साथ नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलवाद से प्रभावित गुंडम गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने स्कूलों, उचित मूल्य की दुकानों और सार्वजनिक चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण किया। श्री शाह ने वहां रहने वाले लोगों से बातचीत भी की। गुंडम गांव को कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे विकास की मुख्यधारा में शामिल किया और वहां ऐसे स्कूल खोले, जिनमें छात्रों द्वारा गाए गए राष्ट्रगान की गूंज सुनाई देती है।
ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: नार्को-टेरर नेक्सस को तोड़ना
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नशा मुक्त भारत के सपने को आगे बढ़ाते हुए, एजेंसियों ने देश में नशीली दवाओं की सबसे बड़ी जब्ती करने में बड़ी सफलता हासिल की। गृह मंत्रालय ड्रग्स के खतरे और अपराधियों को खत्म करने के अपने मिशन में whole-of-the-government के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है।
NCB, नौसेना और गुजरात पुलिस द्वारा किए गए एक संयुक्त अभियान में 3,132 किलोग्राम ड्रग्स की एक विशाल खेप जब्त की गई।
सुरक्षा एजेंसियों ने गुजरात में मादक पदार्थों की तस्करी के एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया और 700 किलोग्राम से अधिक प्रतिबंधित मेथामफेटामाइन जब्त किया। NCB ने नई दिल्ली में 82.53 किलोग्राम उच्च श्रेणी की कोकीन जब्त की।
दिल्ली में एक कोरियर सेंटर में बड़ी मात्रा में ड्रग्स जब्त होने के बाद लगभग 900 करोड़ रुपये की भारी मात्रा में नशीली दवाओं की खेप को नीचे से ऊपर तक ट्रैक किया गया था।
गृह मंत्रालय ने मादक पदार्थ गिरोह को सख्त संदेश देने के लिए जब्त दवाओं के निपटान का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2024 में गृह मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसियों ने 1,17,284 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किए।
एजेंसियों ने वर्ष 2024 में गहरे समुद्र से कुल 4,134 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में राष्ट्रीय नार्कोटिक्स हेल्पलाइन 'मानस' का शुभारंभ सहित 7वीं NCORD शीर्ष स्तरीय बैठक को संबोधित किया गया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने वर्चुअल माध्यम से रायपुर में एनसीबी के जोनल यूनिट कार्यालय का उद्घाटन किया और छत्तीसगढ़ में नशीले पदार्थों के परिदृश्य पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की।
‘मानस’ में एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐप होगा ताकि देश के नागरिक अपनी पहचान को गुप्त रखकर NCB के साथ 24x7 जुड़ सकें और नशामुक्ति सहित पुनर्वास पर सलाह ले सकें। साथ ही, मादक पदार्थों की तस्करी पर जानकारी साझा कर सकें।
केंद्र सरकार ने पिछले 5 वर्षों में whole-of-the-government के दृष्टिकोण और संरचनात्मक, संस्थागत और सूचनात्मक सुधारों के तीन स्तंभों के आधार पर इस लड़ाई से लड़ने की कोशिश की है।
केंद्र सरकार हर राज्य में NCB कार्यालय स्थापित करेगी और राज्य सरकारों के सहयोग से नशीली दवाओं के व्यापार को समाप्त करेगी।
आपदाओं में जीरो कैजुअल्टी: आपदा प्रबंधन की दिशा में सक्रिय दृष्टिकोण
आपदाओं में जीरो कैजुअल्टी के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय ने रिएक्टिव के बजाय आपदा प्रबंधन के लिए प्रोएक्टिव अप्रोच अपनाया है।
लोकसभा ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया
यह विधेयक रोकथाम, शमन और तैयारियों पर नए सिरे से जोर देते हुए आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण को रिएक्टिव से प्रोएक्टिव में बदल देता है।
यह कानून एजेंसियों के बीच सहज तालमेल को बढ़ावा देकर सरकार को whole-of-the-government के दृष्टिकोण के साथ आपदाओं से निपटने में सक्षम बनाएगा।
यह विधेयक एनडीएमए और एसडीएमए को बेहतर तैयारी के साथ त्वरित प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने के लिए डेटाबेस बनाने का अधिकार देता है।
यह विधेयक राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और उच्च स्तरीय समिति को गंभीर आपदाओं के दौरान राहत के लिए धन स्वीकृत करने का अधिकार देता है।
2024-25 के दौरान, केंद्र सरकार ने अब तक 12 राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में 16566.00 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 18 राज्यों को 4808.32 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
इसी प्रकार, केंद्र सरकार ने अब तक 12 राज्यों को राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एसडीएमएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में 1610.454 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि (एनडीएमएफ) से 7 राज्यों को 646.546 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, इस वर्ष के दौरान 28 राज्यों को 21,718.716 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए गए हैं।
उच्च स्तरीय समिति ने मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे में शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए 2514.36 करोड़ रुपये की छह परियोजनाओं को मंजूरी दी।
समिति ने असम, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए "राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण" के तहत 810.64 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी।
नुकसान का आकलन करने के लिए बाढ़ प्रभावित असम, मिजोरम, केरल, त्रिपुरा, नागालैंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) तैनात किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों को एनडीआरएफ की अपेक्षित टीमों, सेना की टीमों और वायु सेना की सहायता सहित सभी रसद सहायता भी प्रदान की है।
गृह मंत्रालय ने 14 बाढ़ प्रभावित राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में 5858.60 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अग्रिम राशि जारी की।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए 'राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण' के तहत 725.62 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने विभिन्न राज्यों के लिए आपदा शमन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
उच्च स्तरीय समिति ने 15 राज्यों में 1000 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम शमन परियोजना को मंजूरी दी।
समिति ने उत्तराखंड के लिए 139 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश के लिए 139 करोड़ रुपये, आठ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 378 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र के लिए 100 करोड़ रुपये, कर्नाटक के लिए 72 करोड़ रुपये, केरल के लिए 72 करोड़ रुपये, तमिलनाडु के लिए 50 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल के लिए 50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की फंडिंग विंडो से 115.67 करोड़ रुपये की तैयारी और क्षमता निर्माण के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
गृह मंत्रालय ने चक्रवात 'फेंगल' से प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में तमिलनाडु राज्य सरकार को 944.80 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी।
पूर्वोत्तर में समझौते से संघर्ष हुए समाप्त
मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में एकता को बढ़ावा देकर शांति के नए युग की सफलतापूर्वक शुरुआत की है।
भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और The Indigenous Progressive Regional Alliance/TIPRA और अन्य हितधारकों के बीच गृह मंत्री की उपस्थिति में एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
(2nd March 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2010882)
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, NLFT और ATTF के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
जिन शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, वे लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करके पूर्वोत्तर में संघर्ष को समाप्त करेंगे।
मोदी सरकार विभिन्न समूहों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करके एक शांतिपूर्ण पूर्वोत्तर का निर्माण कर रही है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने त्रिपुरा के अगरतला में उत्तर पूर्वी परिषद (NEC) की 72वीं बैठक को संबोधित किया।
गृह मंत्रालय ने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार की सीमा से लगे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR) को खत्म करने का फैसला किया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अगरतला, त्रिपुरा में उत्तर पूर्वी परिषद (NEC) की 72वीं बैठक को संबोधित किया।
मोदी सरकार 'एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट और एक्ट फर्स्ट' के मंत्र पर खरी उतर रही है।
पूर्वोत्तर के हर राज्य में पुलिस के दृष्टिकोण, प्रशिक्षण और फोकस को बदलने, संस्कृति और पुलिसिंग की दिशा बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
अब समय आ गया है कि पूर्वोत्तर के प्रत्येक नागरिक को संपत्ति, गरिमा और सुरक्षा के संवैधानिक अधिकार मिले, जो तीन नए आपराधिक कानूनों में शामिल हैं।
पूर्वोत्तर के विकास को गति देने के लिए, मोदी सरकार ने निवेशकों को आकर्षित किया है और इस क्षेत्र के लिए वैश्विक बाजार खोले हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने त्रिपुरा के अगरतला में उत्तर पूर्वी-अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (NESAC) सोसायटी की 12वीं बैठक की अध्यक्षता की।
NESAC सोसाइटी को पूर्वोत्तर राज्यों में अपने काम के दायरे का और विस्तार करना चाहिए।
NESAC सोसायटी को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से विज्ञान पृष्ठभूमि वाले प्रत्येक 100 छात्रों को इसरो मुख्यालय के दौरे पर ले जाना चाहिए।
NESAC की मदद से 20 जलमार्गों का निर्माण किया गया है और सोसाइटी को अधिक जलमार्ग बनाने की संभावना तलाशनी चाहिए।
पूर्वोत्तर राज्यों में खनिज, तेल और कोयला भंडारों के लिये व्यापक मैपिंग की आवश्यकता है, जो इन खनिजों के लिये प्राप्त रायल्टी से आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे।
भारत-म्यांमार सीमा पर विशेष रूप से नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लोगों के जनसांख्यिकीय डेटा को सीमा पर बाड़ लगाने और घुसपैठ को रोकने में मदद करने के लिए मैप किया जाना चाहिए।
अंतरिक्ष विज्ञान का उपयोग करते हुए NESAC सोसायटी का फोकस वन क्षेत्र विकास होना चाहिए।
पूर्वोत्तर राज्यों को इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़े नए कोर्स शुरू करने चाहिए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने ब्रू-रियांग शरणार्थियों से मुलाकात की, उनके घरों का दौरा किया और उनके लिए बनाई गई स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं का निरीक्षण किया। (22nd Dec 2024,
ब्रू-रियांग समुदाय जातीय संघर्षों के बीच दशकों तक निर्मम हिंसा का शिकार रहा था। श्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने 2020 में हिंसा को समाप्त करने के लिए एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए और स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक सभी सुविधाओं से लैस 11 कॉलोनियों में 38,000 ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बसाया।
आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से मिल रही सफलता
आतंक मुक्त भारत का निर्माण करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का दृष्टिकोण है। श्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस दृष्टिकोण के तहत, गृह मंत्रालय ने Hizb-ut-Tahrir को UAPA के तहत एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया। साथ ही, गोल्डी बरार और कासिम गुज्जर को आतंकवादी घोषित किया गया।
9 संगठनों को गैर-कानूनी संगठन घोषित किया गया।
इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, परमाणु ऊर्जा विभाग और डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित विस्फोटक डिटेक्टरों की दो अलग-अलग श्रेणियों को सुरक्षा बलों के लिए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा आईबी के निदेशक को सौंपा गया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में देश में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जिम्मेदार आईबी के मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) के कामकाज की समीक्षा के लिए सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के विभिन्न प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
MAC ढांचा अपनी पहुंच और प्रभाव बढ़ाने के लिए एक प्रमुख तकनीकी और परिचालन सुधार से गुजरने के लिए तैयार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने देश के उभरते सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक इको-सिस्टम को खत्म करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच अधिक तालमेल पर जोर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने बड़े डेटा और AI/ML-संचालित एनालिटिक्स और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी इकोसिस्टम को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों से युवा, तकनीकी रूप से कुशल और उत्साही अधिकारियों की एक टीम गठित करने पर भी जोर दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में दो दिवसीय 7th National Security Strategies Conference 2024 का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में हुए वार्षिक डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री ने एनसीआरबी द्वारा विकसित डीजीपी/आईजीएसपी सम्मेलन अनुशंसा डैशबोर्ड का शुभारंभ किया।
गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का ‘Digital Criminal Case Management System (CCMS)’ प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया।
नव विकसित CCMS आतंकवाद और संगठित अपराध के मामलों के खिलाफ एनआईए को मजबूत करेगा।
CCMS एनआईए के कामकाज में समन्वय को बेहतर बनाएगा, जिससे न्याय व्यवस्था में सुधार होगा।
गृह मंत्रालय ने एक मोबाइल ऐप 'संकलन' भी लॉन्च किया है - जो NCRB द्वारा नए आपराधिक कानूनों का एक संग्रह है। 'संकलन' एक मार्गदर्शिका है, जो पुराने और नए कानूनी प्रावधानों की विस्तार से तुलना करने में सक्षम है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में दो दिवसीय 'आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024' के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
'आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस' की नीति को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है।
गृह मंत्रालय जल्द ही आतंकवाद के पूरे 'इकोसिस्टम' से लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति तैयार करेगा।
सरकार आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने और इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए 25-सूत्री एकीकृत योजना बनाई गई; जिहादी आतंकवाद से लेकर पूर्वोत्तर में हिंसा, वामपंथी उग्रवाद, जाली मुद्रा और नशीले पदार्थों के मामलों में कई कदम उठाए गए हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर में ‘50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन’ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
पुलिस विज्ञान सम्मेलन को विभिन्न उपलब्ध डेटा को परिणाम-उन्मुख और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एआई का उपयोग करने की आवश्यकता है।
पाँच क्षेत्रों - साइबर अपराध, घुसपैठ, अवैध ड्रोन की रोकथाम, नशीले पदार्थ और डार्क वेब के दुरुपयोग को रोकने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपराधियों से बहुत आगे रहना चाहिए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने ओडिशा के भुवनेश्वर में 59वें डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वी सीमा पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आवाजाही और शहरी पुलिसिंग में रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने ZERO TOLERANCE POLICY के क्रियान्वयन के लिये ZERO TOLERANCE STRATEGY तथा ZERO TOLERANCE ACTION की दिशा में पहल करने का आह्वान किया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर में 14वें अखिल भारतीय होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित किया।
मोदी सरकार होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा चार्टर को कई नए पहलों सहित समय पर बदलाव शामिल करके अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाएगी।
भारत की सुरक्षा : डिजिटल डिफेंस को मजबूती और फॉरेंसिक एक्स्पर्टीज का सशक्तीकरण
मोदी सरकार प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ कानूनी और इन्वेस्टिगेशन मशीनरी की शक्ति को बढ़ाकर भारत और उसके नागरिकों को सुरक्षित बना रही है।
कैबिनेट ने केंद्रीय योजना “National Forensic Infrastructure Enhancement Scheme” (N.F.l.E.S) को मंजूरी दी।
परिसरों, प्रयोगशालाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि के लिए 2254.43 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय।
भारत सरकार साक्ष्यों की वैज्ञानिक और फॉरेंसिक जाँच पर आधारित एक प्रभावी और कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
देश में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के परिसरों की स्थापना।
देश में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना।
NFSU के दिल्ली परिसर के मौजूदा बुनियादी ढाँचे का विस्तार।
यह योजना एक कुशल आपराधिक न्याय प्रक्रिया के लिए साक्ष्यों की समयबद्ध और वैज्ञानिक जाँच में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित फॉरेंसिक पेशेवरों के महत्त्व को रेखांकित करती है। साथ ही, प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपराध की प्रवृत्ति और तरीकों को समझने की पद्धति विकसित करती है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने वर्चुअली NIA के Digital Criminal Case Management System (CCMS) प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने Cyber Fraud Mitigation Centre (CFMC) के साथ-साथ Samanvay Platform (संयुक्त साइबर अपराध जाँच सुविधा प्रणाली), 'साइबर कमांडो' कार्यक्रम और Suspect Registry को भी लॉन्च किया।
Digital Criminal Case Management System (CCMS) में प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये सभी हितधारक ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए मिलकर काम करेंगे।
Samanvay एक डेटा रिपॉजिटरी प्लेटफॉर्म है जो डेटा साझाकरण और विश्लेषण को सक्षम बनाता है।
देश में साइबर सुरक्षा परिदृश्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) में 5,000 'साइबर कमांडो' की एक सेना स्थापित की जाएगी।
फाइनेंसियल इकोसिस्टम की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से National Cybercrime Reporting Portal (NCRP) के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की Suspect Registry बनाई जा रही है।
मन की बात के माध्यम से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लोगों को 'Digital Arrest' की धमकी देकर धोखाधड़ी करने के खतरे के प्रति समाज को जागरूक किया।
इन धोखेबाजों की कार्यप्रणाली पुलिस, सीबीआई, एंटी-नारकोटिक्स या आरबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर अनजान नागरिकों को धमकाना है।
मोदी जी ने नागरिकों को इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाए जाने वाले उपायों के बारे में बताया और उन्हें याद दिलाया कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के जरिए जांच नहीं करती है।
इस धोखाधड़ी से बचने के लिए मोदी जी ने 'रुको, सोचो और एक्शन लो' का मंत्र दिया और हेल्पलाइन नंबर 1930 या https://cybercrime.gov.in पर तुरंत अधिकारियों को सूचित करने की अपील की। मोदी सरकार साइबर सुरक्षित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के 5वें अंतरराष्ट्रीय और 44वें अखिल भारतीय अपराध विज्ञान सम्मेलन को संबोधित किया।
सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 50 से अधिक पथ-प्रदर्शक कार्य किए हैं।
नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अब न्याय उपलब्ध, आसान और सुलभ होगा।
आने वाले वर्ष में देशभर में NFSU के 9 और कैंपस खोले जाएंगे।
विकास भी, विरासत भी
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को एक ऐसा अनूठा गवर्नेंस मॉडल प्रदान किया है, जिसमें विकास और राष्ट्र की गौरवशाली विरासत की भव्यता कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ती है। गृह मंत्रालय (MHA) ने इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए विकास और विरासत को समान प्राथमिकता देकर उल्लेखनीय कार्य किया है।
इस दिशा में, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एक ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा करते हुए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर "श्री विजयपुरम" रखने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 2024 से 2026 तक देशव्यापी दो-वर्षीय समारोह का आयोजन कर रही है। यह आयोजन सरदार पटेल के अप्रतिम योगदान को सम्मानित करने और उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में सिपाही (जीडी) भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा पहली बार हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में भी संपन्न हुई।
महिला सशक्तीकरण: सुरक्षा, सम्मान और गरिमा
मोदी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में सर्वोच्च स्थान पर रखती है। सरकार का दृढ़ विश्वास है कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता है, बल्कि उन्नति का मार्ग भी है।
इसी सिद्धांत के तहत, मोदी सरकार ने CISF की पहली पूर्ण महिला बटालियन की स्थापना को मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गृह मंत्रालय के 'महिलाओं की सुरक्षा' से जुड़ी Umbrella Scheme के क्रियान्वयन को जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस योजना पर वर्ष 2021-22 से 2025-26 के बीच कुल ₹1,179.72 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
कुल परियोजना लागत ₹1179.72 करोड़ में से ₹885.49 करोड़ की धनराशि केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) अपने बजट से प्रदान करेगा, जबकि ₹294.23 करोड़ की धनराशि निर्भया फंड से उपलब्ध कराई जाएगी।
सुरक्षित सीमाएं, सुरक्षित भारत
मोदी सरकार का मार्गदर्शक सिद्धांत है कि सुरक्षित सीमाएं ही सुरक्षित राष्ट्र की पहली शर्त हैं।
गृह मंत्रालय ने भारत और म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट रेजीम (FMR) को समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार से सटे पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकी संरचना बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल में ₹487 करोड़ की लागत से भूमि पत्तन प्राधिकरण (LPAI) द्वारा निर्मित यात्री टर्मिनल भवन और मैत्री द्वार का उद्घाटन किया।
केंद्र सरकार ने न केवल सीमाओं को सुरक्षित करने पर काम किया है, बल्कि उन्हें विकास से जोड़ने का भी प्रयास किया है।
सशक्त लद्दाख: नए जिलों का गठन, मजबूत होती शासन व्यवस्था
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लद्दाख को समृद्ध और विकसित बनाने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में 5 नए जिलों की स्थापना का निर्णय लिया है।
नए जिले, जैसे ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग के लोगों तक लाभ पहुँचाने के लिए हर एक कोने में शासन व्यवस्था को मजबूत करेंगे, जिससे विकास तक उनकी सीधी पहुंच सुनिश्चित होगी।
अब लद्दाख में लेह और कारगिल सहित कुल सात जिले होंगे। अत्यधिक कठिन इलाका होने के कारण, वर्तमान में जिला प्रशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इन जिलों के गठन के बाद केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन की सभी जनकल्याण योजनाएँ आसानी से लोगों तक पहुँच सकेंगी, और अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
CAPFs: सुरक्षा बलों की बुनियादी सुविधाओं को दी जा रही प्राथमिकता
मोदी सरकार ने सीआईएसएफ की पहली पूरी तरह महिला बटालियन की स्थापना को मंजूरी दी।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल चिकित्सा विज्ञान संस्थान (CAPFIMS) को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली के परिसर के रूप में चलाने के लिए CAPFIMS और AIIMS के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर हुए।
सीएपीएफ के जवानों ने 15 नवंबर 2024 तक 6 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए।
पहली बार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में कांस्टेबलों की भर्ती के लिए कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की गई।
यह परीक्षा 20 फरवरी से 7 मार्च, 2024 के बीच देश भर के 128 शहरों में लगभग 48 लाख उम्मीदवारों के लिए आयोजित की गई थी।
₹2091 करोड़ की लागत से स्थापित सीएपीएफ़आईएमएस एक अत्याधुनिक चिकित्सा संस्थान है, जिसमें 970 बिस्तरों वाला रेफरल और रिसर्च अस्पताल, 500 बिस्तरों वाला सामान्य अस्पताल, 300 बिस्तरों वाला सुपर-स्पेशिलिटी अस्पताल और 170 आईसीयू/क्रिटिकल केयर बेड्स शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने एक कल्याणकारी उपाय के रूप में केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार से खरीद पर जीएसटी का 50% वित्तीय समर्थन देने का निर्णय लिया है, जो 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा।
यह निर्णय सीएपीएफ, केंद्रीय पुलिस संगठन, राज्य पुलिस बलों और उनके परिवारों के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण पहल
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर ‘फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम’ का उद्घाटन किया।
ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP) भारत सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो अन्य देशों से आने वाले भारतीय नागरिकों और ओसीआई यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान करेगा।
FTI-TTP पहल केंद्रीय सरकार की यात्रा में सुविधा और दक्षता बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
FTI-TTP की शुरुआत देश के 21 प्रमुख हवाई अड्डों पर की जाएगी। पहले चरण में, दिल्ली हवाई अड्डे के साथ-साथ मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोच्चि और अहमदाबाद जैसे 7 प्रमुख हवाई अड्डों पर इसे लागू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में स्मरण करने का निर्णय लिया है।
'संविधान हत्या दिवस' का उद्देश्य लोकतंत्र की सुरक्षा करना और हर भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ज्योति को जीवित रखना है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह को सर्वसम्मति से संसद की आधिकारिक भाषा समिति का अध्यक्ष फिर से चुना गया।
किसी भी भारतीय भाषा से प्रतिस्पर्धा किए बिना, हमें हिंदी की स्वीकार्यता को बढ़ाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने हिंदी में विभिन्न भाषाओं के शब्दों को शामिल किया है, जिससे इसे समृद्ध और अधिक लचीला बनाया गया है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राजभाषा के रूप में हिंदी की हीरक जयंती समारोह और चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित किया।
हिंदी दिवस का उद्देश्य राजभाषा को संवाद, लोगों और प्रौद्योगिकी की भाषा बनाना है और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में इसका प्रसार करना है।
नई शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जोर मातृभाषाओं के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा पर है।
भारतीय भाषा अनुभाग आने वाले वर्षों में सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण का केंद्र बनेगा।
सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत किए बिना और हिंदी के साथ उनकी आपसी संगतता स्थापित किए बिना, आधिकारिक भाषा को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित जनगणना भवन में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया और नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) मोबाइल ऐप लॉन्च किया।
राष्ट्रहित के लिए संघर्ष और बलिदान के प्रतीक सरदार पटेल की यह प्रतिमा देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए उनके अटूट समर्पण के प्रमाण के रूप में सभी को प्रेरित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया विजन के तहत नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ गवर्नेंस के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ने की एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस एप्लीकेशन के साथ, नागरिक कहीं से भी अपने राज्य की आधिकारिक भाषा में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण कर सकेंगे, जिससे पंजीकरण में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी।
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