खराब उपशीर्षक अच्छी फिल्म को बर्बाद कर सकते हैं: वृतचित्र निर्माता नसरीन मुन्नी कबीर
नयी दिल्ली। वृत्तचित्र निर्माता और अनुवादक नसरीन मुन्नी कबीर ने कहा है कि फिल्म में उपशीर्षक भाषाओं के बीच के अंतराल को पाटने में मदद करता है। ब्रिटेन में रहने वाली लेखिका ने शाहरुख खान अभिनीत फिल्म "पठान" के लिए अंग्रेजी में उपशीर्षक लिखे हैं।
उन्होंने कहा कि महामारी के बाद के दौर में दर्शक विभिन्न क्षेत्रों और देशों की फिल्म देखने के लिए उपशीर्षक पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, "वर्तमान समय में उपशीर्षक बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं। मैं अमेजन और नेटफ्लिक्स जैसे प्रसारणकर्ताओं को इसका श्रेय दूंगी कि आप कोरिया, इजराइल, फिनलैंड की वेब सीरिज देख रहे हैं और आप उपशीर्षक के माध्यम से बयां की गई कहानी पर यकीन करते हैं।"
उन्होंने कहा, "महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की शानदार फिल्म 50 और 60 के दशक में मुख्य रूप से बंगाल में प्रदर्शित की जाती थी, लेकिन आज उपशीर्षक के कारण पूरे भारत में उनकी फिल्म दिखाई जाती है। खराब उपशीर्षक एक अच्छी फिल्म को बर्बाद कर सकते हैं और अच्छे उपशीर्षक खराब फिल्म को नहीं बचा सकते।"
वृत्तचित्र पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "वृत्तचित्र बहुत गीतात्मक और काव्यात्मक हो सकते हैं। आपके पास एक वृत्तचित्र है, जो काव्यात्मक है तो यह वास्तव में एक फीचर फिल्म से ज्यादा समय तक आपके दिमाग में रहेगा। फीचर फिल्म काल्पनिक घटनाओं पर बनायी जाती है। वृत्तचित्र झूठी दुनिया नहीं होती। आप वास्तविकता को देख रहे होते हैं और वह बहुत रोमांचक होता है।" नसरीन, हाल ही में संपन्न हुए जयपुर साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेने भारत आई थी।
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