बालिका वधू सीरियल के डायरेक्टर खर्च के लिए बेच रहे हैं सब्जियां
मुंबई। कोरोना वायरस के कहर ने आम से लेकर खास तक हर किसी का चैन लूट लिया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते टीवी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जहां कई क्रूमेंबर्स को खाने तक के लाले पड़ गए वहीं कुछ लोग वापस अपने घर लौटने पर मजबूर हो गए थे। कुछ दिन पहले ही सीरियल बेगुसराय के कलाकार राजेश करीर ने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद की गुजारिश की थी। राजेश करीर की माली हालत इतनी खराब हो गई थी कि वो मुंबई से अपने होमटाउन भी नहीं लौट पा रहे थे। अब ऐसा ही कुछ हाल टीवी के सुपरहिट सीरियल बालिका वधू के डायरेक्टर रामवृक्ष गौड़ का हो गया है। कोरोना महामारी के बीच रामवृक्ष सब्जी बेचकर परिवार का पेट भर रहे हैं।
रामवृक्ष अब तक 25 बड़े सीरियल्स को डायरेक्ट कर चुके हैं। इस लिस्ट में बालिका वधू के अलावा सुजाता, कुछ तो लोग कहेंगे और ज्योति जैसे सीरियल्स के नाम शामिल है। रामवृक्ष गौड़ इस समय अपने होमटाउन आजमगढ़ में है। रामवृक्ष अपनी बेटियों को परीक्षा दिलवाने के लिए ही आजमगढ़ आए थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यहीं पर फंसकर रह गए थे। रामवृक्ष बताते हैं कि बालिका वधु, में बतौर यूनिट डायरेक्टर इन्होंने काम किया, इसके बाद इस प्यार को क्या नाम दूं, कुछ तो लोग कहेंगे, हमार सौतन हमार सहेली, झटपट चटपट, सलाम जिंदगी, हमारी देवरानी, थोड़ी खुशी थोड़ा गम, पूरब पश्चिम, जूनियर जी जैसे धारावाहिकों में भी इन्हें काम करने का अवसर मिला। एक भोजपुरी व एक हिन्दी फिल्म का काम रामवृक्ष के पास है, वे कहते हैं कि अब इसी पर वह फोकस कर रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से यह प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। रामवृक्ष बताते हैं कि मुंबई में उनका अपना मकान है।
कुछ दिन पूर्व एक फिल्म की रेकी के लिए वे आजमगढ़ आए। वे काम कर ही रहे थे कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया। इसके बाद उनकी वापसी संभव नहीं हो पाई। काम बंद हुआ तो आर्थिक संकट खड़ा हो गया। फिर उन्होंने अपने पिता के कारोबार को अपनाने का फैसला किया और आजमगढ़ शहर के हरबंशपुर में डीएम आवास के पास सड़क के किनारे ठेले पर सब्जी बेचने लगे। इससे परिवार आसानी से चल जा रहा है। बचपन में भी वे अपने पिता के साथ सब्जी के कारोबार में मदद करते थे, इसलिए यह काम उन्हें सबसे बेहतर लगा, वे अपने काम से संतुष्ट हैं।
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