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प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की सफल और अहम यात्रा के बाद भारत रवाना

 न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय ‘‘सफल और अहम'' यात्रा के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने ‘क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की बैठक और भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित किया। मोदी ने अपनी इस यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने रविवार को ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन के इतर अपने जापानी और ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और आपसी लाभ एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ‘‘शांति, स्थिरता और समृद्धि'' के लिए द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की सफल और अहम यात्रा के बाद नयी दिल्ली रवाना हुए।'' मोदी शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे थे और यात्रा के पहले दिन उन्होंने डेलावेयर के विलमिंगटन में ‘क्वाड' के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की बैठक में भाग लिया। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने डेलावेयर में अपने गृहनगर विलमिंगटन में शनिवार को की जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया। बाइडन ने द्विपक्षीय बैठक के लिए अपने आवास में मोदी की मेजबानी की जो दुर्लभ बात है। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन विलमिंगटन के ‘आर्कमेरे अकेडमी' में आयोजित किया गया। मोदी के साथ बैठक के दौरान बाइडन ने भारत द्वारा प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी ‘जनरल एटॉमिक्स' से 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन की खरीद को अंतिम रूप दिए जाने की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया। बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उपकरण की द्विपक्षीय पारस्परिक आपूर्ति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। मोदी ने शिखर सम्मेलन के इतर ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं।
 अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की अत्यंत विशेष बात भारत के 297 पुरावशेषों की वापसी रही जिनमें से कुछ द्विपक्षीय बैठक के दौरान बाइडन के आवास पर प्रदर्शित किए गए। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन और इससे जुड़े अन्य सम्मेलनों में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न साझेदारों के साथ विकास के लिए सहयोग, संपर्क और सहभागिता के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। शिखर सम्मेलन की प्रमुख घोषणाओं में ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट' शामिल है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर और विशेषकर ‘सर्विकल' कैंसर से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी है। भारत ने सर्विकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रोग की जांच एवं निदान के लिए 75 लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान देने का संकल्प लिया है। ‘क्वाड' राष्ट्रों ने हिंद-प्रशांत में प्रशिक्षण के लिए एक नयी क्षेत्रीय समुद्री पहल (मैत्री) की घोषणा की, ताकि क्षेत्र में उनके साझेदार हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) और ‘क्वाड' के साझेदारों की अन्य पहलों के माध्यम से प्रदान किए गए उपकरणों का अधिकतम लाभ उठा सकें जिसकी मदद से वे अपने जलक्षेत्र की निगरानी एवं सुरक्षा कर सकें, अपने कानूनों को लागू कर सकें और गैरकानूनी व्यवहार को रोक सकें। विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद मोदी शनिवार को यात्रा के दूसरे दिन न्यूयॉर्क रवाना हुए, जहां उन्होंने ‘लॉन्ग आइलैंड' में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यात्रा के तीसरे दिन संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख सम्मेलन को संबोधित किया। मोदी ने शनिवार को न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिजियम में भारतीय-अमेरिकियों की एक विशाल सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को ‘‘अवसरों की भूमि'' बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बोस्टन और लॉस एंजिलिस में नए वाणिज्य दूतावास स्थापित करने की योजना की घोषणा की। वाणिज्य दूतावास स्थापित करना इन दो बड़े अमेरिकी शहरों में तेजी से बढ़ते भारतीय अमेरिकी समुदाय की बहुत पुरानी मांग थी। इस कार्यक्रम में 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर लोग न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र से थे, लेकिन भारतीय अमेरिकी 40 राज्यों से आए थे। उन्हें लाने के लिए 60 चार्टर बसों का इस्तेमाल किया गया था। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने उन्हें भारत का ‘ब्रैंड एंबेसडर' बताया। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ ‘‘सार्थक'' गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया और इस दौरान भारत में विकास की संभावनाओं पर जोर दिया एवं विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की पहलों पर चर्चा की। बैठक मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन रविवार को ‘लोट्टे न्यूयॉर्क पैलेस होटल' में हुई। बैठक में एआई, ‘क्वांटम कंप्यूटिंग' और ‘सेमीकंडक्टर' जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाली अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के सीईओ ने हिस्सा लिया। यात्रा के तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित किया और कहा, ‘‘मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है।'' संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल के प्रतिष्ठित मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत नमस्कार से की और कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में 1.4 अरब भारतीयों या मानवता के छठे हिस्से की आवाज लेकर आए हैं।

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