बानू मुश्ताक की किताब अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की होड़ में
लंदन. कर्नाटक की लेखिका, कार्यकर्ता और वकील बानू मुश्ताक के कहानी संग्रह 'हार्ट लैंप' को मंगलवार को यहां अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 के लिए संभावित पुस्तकों की सूची में शामिल किया गया। दीपा भास्थी ने कन्नड़ से अंग्रेजी में इसका अनुवाद किया है। पहली बार किसी कन्नड़ पुस्तक को प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार 2025 के लिए संभावित पुस्तकों की सूची में शामिल किया गया है। मुश्ताक और भास्थी की 'हार्ट लैंप' के बारे में निर्णायकों ने कहा, समाज में हाशिये पर रहने वाले लोगों के जीवन को दर्शाती ये जीवंत कहानियां बहुत भावनात्मक और नैतिक महत्व रखती हैं। दक्षिण भारत के मुस्लिम समुदायों पर आधारित 12 कहानियां मूल रूप से 1990 से 2023 के बीच प्रकाशित हुईं। लेखिका ने इसे कन्नड़ भाषा के साहित्य के लिए बहुत बड़ा सम्मान बताया।
Leave A Comment