कभी नहीं खाना चाहिए ये 5 तरह के बीज
हेल्दी रहने और बहुत सारी बीमारियों को कोसों दूर रखने के लिए न्यूट्रिशियस फूड्स खाना जरूरी होता है। इसमे फल-सब्जियों से लेकर ड्राई फ्रूट्स और नट्स शामिल हैं। साथ ही कुछ खास तरह के बीजों को भी हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है। जैसे चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, पंपकिन सीड्स, सनफ्लावर सीड्स। वहीं कुछ बीज ऐसे होते हैं जिन्हें अगर खा लिया जाए तो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए हेल्दी चीजों के अंदर पाए जाने वाले इन बीजों से दूरी बनाकर रखने में ही भलाई है। आगे जाने कौन से हैं वो सीड्स, जिन्हें ना खाने में ही भलाई है।
टमाटर के बीज
टमाटर के बीज काफी छोटे होते हैं और अधिकतर गूदे में लिपटे रहते हैं। जिन्हें अलग करने का काम कोई नहीं करता। फिर चाहे सब्जी हो या सलाद, प्यूरी से लेकर ग्रेवी तक में आराम से शामिल कर दिए जाते हैं। लेकिन ये टमाटर के बीज ही हैं जो किडनी में स्टोन बनाने वाले कंपाउंड को रखते हैं। दरअसल, टमाटर के बीज में ऑक्सलेट होता है जो किडनी स्टोन को बनने में मदद करता है। हालांकि ये बात तो आप अच्छे से समझते होंगे कि रोजाना बहुत ज्यादा मात्रा में टमाटर के बीजों को खाने पर ही ये स्टोन बनाएंगे।
सेब के बीज
सेब तो बहुत ही फायदेमंद फ्रूट है। जिसे लगभग हर किसी को खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन आप जानते हैं कि इतने हेल्दी सेब का बीज जहरीला होता है। सेब के बीजों में खास तरह का कंपाउड अमिगडैलिन होता है। अगर सेब के बीज को खा लिया जाए तो पचते समय ये कंपाउंड हाइड्रोजन साइनाइड बनाने लगता है। जिसकी वजह से मौत होने के भी चांस रहते हैं। लेकिन जानने वाली बात है कि शरीर में हाइड्रोजन साइनाइड की मात्रा जब हर एक किलो पर 15.2 मिलीग्राम होगी। तब ही मौत का खतरा होता है। अगर आपने एक दो बीज सेब के खा लिए तो चिंता की बात नही है।
इन फलों के बीज भी होते हैं नुकसानदेह
सेब के अलावा प्लम, खुबानी, चेरी, आलूबुखारा के बीज भी हेल्दी समझकर नहीं खाना चाहिए। इन सबमे जहरीले कंपाउड होते हैं। इसलिए इन सारे फ्रूट्स को खाते समय बीज को खाने से पूरी तरह बचना सही है।
लीची के बीज
चेरी और खुबानी जैसे फलों के साथ ही लीची के बीज भी नहीं खाने चाहिए। अक्सर लोग जामुन के फायदेमंद गुठली की तरह लीची के बीजों को भी फायदेमंद समझते हैं। लेकिन ये अनहेल्दी होते हैं। स्टडी में पता चला है कि लीची के बीजों में खास तरह का अमीनो एसिड होता है जो ब्लड ग्लूकोज लेवल को प्रभावित करता है। साथ ही ये दिमाग में सूजन का कारण भी बनते हैं।
लाल राजमा
लाल वाले राजमा को कभी भी कच्चा खाने की गलती नहीं करनी चाहिए। इसीलिए हमेशा मम्मी राजमा को भिगोकर पकाने के बाद ही खाने को देती हैं। दरअसल, लाल राजमा में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो रेड ब्लड सेल्स का थक्का बनाने लगते हैं। जो कि बहुत ही खतरनाक कंडीशन है। अगर आप 4-5 कच्चे लाल राजमा को भी चबाकर खा जाते हैं तो ये उल्टी और डायरिया का कारण बन जाते हैं। भिगोकर उबालने से राजमा के ये हार्मफुल कंपाउंड खत्म हो जाते हैं और इसका न्यूट्रिशन शरीर को मिलता है।
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