मिलावटी सरसों का तेल... ऐसे करें पहचान
-सीमा उपाध्याय
भारतीय रसोई में खाना पकाने के लिए ज्यादातर महिलाएं सरसों के तेल का इस्तेमाल करती हैं। शुद्ध सरसों का तेल स्वाद के साथ सेहत और खूबसूरती का भी ख्याल रखता है। लेकिन सरसों का तेल अगर मिलावटी हो तो वो सेहत और खूबसूरती को बनाए रखने की जगह बिगाड़ भी सकता है। ऐसे में खुद को मिलावटी तेल के इस्तेमाल से बचाने के लिए उसकी पहचान करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे कुछ आसान किचन टिप्स आजमाकर आप घर पर ही बड़ी आसानी से मिलावटी सरसों के तेल का पता लगा सकती हैं।
मिलावटी सरसों के तेल की पहचान करने के टिप्स-
फ्रिज का करें यूज-
सरसों के तेल में मिलावट का पता करने के लिए सबसे पहले उसका फ्रीजिंग टेस्ट करें। यह सरसों के तेल में मिलावट का पता करने का सबसे आसान तरीका है। इस उपाय को करने के लिए एक कटोरे में थोड़ा सा सरसों का तेल निकालकर उसे कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रख दें। बाहर निकालने पर अगर तेल जमा हुआ रहे या फिर उसमें सफेद धब्बे दिखाई दें तो जाएं कि तेल में मिलावट की गई है।
रबिंग टेस्ट-
सरसों का तेल असली है या नकली, इसकी जांच करने के लिए अपने हाथों में थोड़ा तेल लेकर उसे अच्छे से दोनों हाथों के बीच रगड़कर देखें। अगर ऐसा करते समय आपको लगे कि तेल से किसी तरह का कोई रंग या केमिकल की बदबू आ रही है तो तेल मिलावटी है।
बैरोमीटर टेस्ट-
सरसों के तेल की रीडिंग अगर तय मानक से ज्यादा हो तो तेल नकली होता है। जब भी तेल खरीदकर लाएं, उसकी बैरोमीटर रीडिंग से पहचान कर लें कि तेल असली है या नकली।
तेल की गंध-
शुद्ध सरसों के तेल की अपनी एक अलग गंध होती है, जिसको HCN (हाइड्रो साइनिंग एसिड) कहते हैं। यह गंध सेहत के लिए हानिकारक नहीं होती है। लेकिन तेल अगर मिलावटी है तो उसकी गंध के सामने आप ज्यादा देर तक खड़े नहीं रह पाएंगे।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड टेस्ट-
इस टेस्ट को करने के लिए सबसे पहले एक टेस्ट ट्यूब में पांच मिली सरसों का तेल लेकर उसमें 5एमएल हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला दें। इस टेस्ट ट्यूब को हिलाने पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड नीचे साफ दिखता है और अगर तेल का कलर चेंज नहीं होता है तो यह शुद्ध सरसों का तेल है, जबकि मिलावटी तेल हाइड्रोक्लोरिक एसिड की वजह से रंग में बदलाव करेगा।
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